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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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छुटकी -होली दीदी की ससुराल में

भाग ११० नाच -चुनिया और बुच्ची
अपडेट पोस्टेड, एक मेगाअपडेट . कृपया पढ़े, लाइक करे और कमेंट जरूर करें
 
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komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग 254

गुड्डी की कहानी, गुड्डी की जुबानी- ----किस्सा गुड्डी बाई के गैंगबैंग का पृष्ठ १५८३

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें

https://exforum.live/threads/जोरू-का-गुलाम-उर्फ़-जे-के-जी.12614/page-1583
 

komaalrani

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In geeto ka jabab nahi
मैं कोशिश करुँगी की कम से कम आठ दस रस्मो के गाने दे सकूँ, बन्ना बन्नी और छेड़ छाड के गांव के अलावा, ऐसे गाने जो सुनने को कम ही मिलते हैं, सांझ जगाने का, भोर जगाने का, चुमावन और हल्दी, लावा भूजना, माटी पूजने ऐसी रस्मों के गाने
 

komaalrani

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Threesome likhne main aap mahir hai.
Nanad bhojai ke sath(issi main).maa beti ke sath(manju or Geeta.).do dosto ke sath(is kahani ke pehle part main sayad yaad Nahi achhe se.)

Bus do behne ka nahi hua hai abhi tak.do behne hai bhi Rampur wali bhabhi or unki behena.sali hi lagegi.

Ek gadraya phul, kaam saastra main mahir.wahi ek kamsin kali,bus kaam saastra ki jankari.


Maza aa jaiga.

Baki aap to scene aisha create kar deti hai ki.



Agle post ka besabri se intjar rahega.😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊🪔😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊😊
गानो की यह मस्ती आगे भी जारी रहेगी और अगले दो भाग में तो गाने, नाच और गाँव की शादियों में जो महिलायें तरह तरह के रोल करती हैं, कभी चोर पुलिस तो कभी पंडित तो बरात जाने के बाद, शादी सुहागरात से लेकर बच्चा जनने तक सब कुछ

यही तो मानव जाती को चलाता है तो इसमें गलत और बुरा क्या और जो जननी है, जिसका जन्म ही सृष्टि चक्र को चलाने के लिए हुआ उस काम में लाज क्या, संकोच क्या और जब सब औरतें हों, लड़कियां हो तो और खुल के,
 

komaalrani

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अरे देवर्जी भौजी तो होती ही अच्छी है. तुम्हे तो बस आज एहसास हुआ है. खेली खाई इमरतिया ने आखिर सूरजवा की नथ उतार ही दी. वेस खुद पहले झड गई. फिर सूरजवा झडा. और चुत के चसके मे सूरजवा की माँ बहन एक कर दी. वाह उसका सिराह उसकी बाहनिया के लिए फिर से. वाओ माझा आ गया.

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आप के कमेंट पढ़ के बस मन करता है पढ़ती रहूं, पढ़ती रहूं, लेकिन पढ़ने के पहले चोरी करती हूँ, हर पोस्ट में आप जो पिक्स पोस्ट करती हैं , देखने के पहले उन्हें सेव कर लेती हूँ और कई बार कहानी के कैरेकटर भी उन्ही पिक्स को देखकर गढ़ती हूँ,

सच में सूरजबली सिंह की नथ उतरना, उनके लिए एकदम जिंदगी का नया अहसास, नया स्वाद था एकदम जिंदगी बदल देने वाला पल और अब उन्हें लगने लगा वो क्या मिस कर रहे थे, असली स्वाद तो जिंदगी का यही है, नारी सुख, कन्या सुख, सब कुछ तो था उनके पास, ताकत तगड़ी देह , यौवन लेकिन बस मन की एक सांकल थी, लड़कियों से बात करना गलत है, नारी तो पाप का आगार है, अब सब उन्हें लगा वह सब मिथ्या था, जैसे रस से भरी गागर पर एक ढक्क्न की तरह

और इमरतिया ने अब वह ढक्कन हटा दिया, पियो सूरजु बाबू चुसुक चुसुक कर, और सिर्फ एक घड़े का नहीं, हर घड़े का रस, हर देह का हर उम्र का अपना सुख, वात्स्यायन ने तो अलग अलग इलाकों की स्त्रियों के अलग अलग सुख का वर्णन किया, जहाँ उज्जैन की महिलायें ६४ आसनो में माहिर हैं वहीँ पंजाबी और सिंधी महिलायें मुख मैथुन पसंद करती हैं, अवध की नारियां यौन सुख की भूखी होती हैं और मालवा की महिलायें चुंबन की कला में दक्ष, इसलिए अब इमरतिया, सूरजु बाबू को हर उम्र की हर तरह की लड़कियों औरतों के साथ मजे लेना सिखाएगी नहीं तो दुल्हिनया आएगी और अपने पेटीकोट के नाड़े में बाँध के रख देगी,

Take A Bow Thank You GIF by Iliza Shlesinger
Thank You So Much GIF by Lucas and Friends by RV AppStudios
Thank You So Much GIF by Lucas and Friends by RV AppStudios
 

komaalrani

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वाह अभी तो इमरतिया का खेल ख़तम हुआ है. और बुची आ गई. इमरतिया ने भी सूरजवा को अच्छे से समझा दिया. अब तो वो मानेगा भी. क्यों की एक तो उसकी महतारी ने अपने बेटे की जिम्मेदारी उसकी भौजी मतलब इमरतिया को शॉप दी. भौजी का हुकम महतारी का हुकम समझो. दूसरा भौजी से ज्यादा तो इमरतिया गुरु है. और बुची के पीछे तो सारी भौजी पड़ी है. उनके अमेज़िंग ताने भरे मज़ाक. माझा आ गया. और उसके भैया का सिराह फिर से खीर बोलके. जबरदस्त....

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भौजाई तो भौजाई

देवर की भी ननद की भी

तो इमरतिया एक तीर से दो शिकार खेल रही है, देवर की भी आग जगा रही है और ननद की भी और जब सूरजु अपने बुआ की लड़की पे चढ़ जाएंगे, वो भी दर्जा नौ वाली, कच्ची कोरी, जो हर राखी में दस कोस चल के उन्हें राखी बाँधने आती थी तो फिर पड़ोस की, गाँव की, बाइस पुरवा की किसी भी पुरवा वाली की टांग उठाने के पहले उन्हें जरा भी झिझक नहीं होगी,
और बुच्चिया भी,.... कित्ते लौंडे उसकी उठती हुयी कच्ची अमिया कुतरने के लिए बेताब हैं,

सबसे कुतरवायेगी

आप आती हैं , आपके कमेंट आते हैं मेरी कहानी की गति बढ़ जाती है ,

सातवीं पोस्ट कल मैंने इस महीने की पोस्ट की और और आप से ज्यादा कौन जानेगा पोस्ट की साइज के बारे में जो एक एक आखर संजो संजो के पढ़े, उसकी तारीफ़ करे

आपके कमेंट पढ़ के मेहनत वसूल हो जाती है

:thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you:
 
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komaalrani

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शानदार अपडेट कोमल जी

अबतक के सभी अपडेट पर भारी और कई दिनों बाद देशज गीतों का आना, मजा आ गया।

और पात्रों के नामों का तो कहना ही क्या !!! पता नहीं कहां - कहां से ढूंढ कर लाती हो एकदम अपने से लगते हैं, जाने पहचाने से।

nostalgic फीलिंग हो रही है, बुलऊंओं की यादें ताजा हो गई।

जल्दी से अपडेट दीजिए।


सादर
अगले दो भाग भी गानो पर ही रहेंगे और गाने के साथ नाच, और तरह तरह के नाटक करने की सीन, हम गाँव वालियां थोड़े में ही खुश हो जाती हैं, खुशियां बाँट लेती हैं

लेकिन इन मस्ती और छेड़खानी के गानो के अलावा रस्मो के भी कुछ गाने आये हैं और कुछ और आएंगे, सांझ जगाने के, मानर पूजने के गाने तो मैं पोस्ट कर चुकी हूँ, भोर जगाने के, लावा भूजने के, और हल्दी, चुमावन, माटी पूजना, सिलपोहना सब रस्मे और उनके गाने

सब आएंगे, बस आप की तरह अन्य मित्र पाठकों के कमेंट आते रहें, थोड़े व्यूज मिल जाए तो पोस्ट भी जल्दी हो जाती है और त्यौहारों के महीने में भी मैंने ७ पोस्ट इस महीने की और सब की सब काफी बड़ी
एक बार फिर से पसंद करने के लिए आभार, धन्यवाद
 

komaalrani

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मै तो बहोत पहले से नांदिया के साथ छिनार शब्द जोड़ती आई हु. ऐसे ही थोड़ी. यह नांदिया पैदा होने से पहले ही छिनारपन का टाइटल लेकर आती है. क्या इरोटिक सीन क्रिएट किया है बाकि. नांदिया छिनार को सूरजवा उसके भैया की गोद मे बिठा दिया. और भरतपुर और मुँह का मिलन भी करवा दिया. गचा लगवाने तेल भी चुपड़वा दिया. पर एन्ड वक्त पर मंजू भाभी एंड पार्टी आ गई. अमेज़िंग अपडेट.

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आप आती हैं थ्रेड में बहार आ जाती है।
 

Chalakmanus

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गानो की यह मस्ती आगे भी जारी रहेगी और अगले दो भाग में तो गाने, नाच और गाँव की शादियों में जो महिलायें तरह तरह के रोल करती हैं, कभी चोर पुलिस तो कभी पंडित तो बरात जाने के बाद, शादी सुहागरात से लेकर बच्चा जनने तक सब कुछ

यही तो मानव जाती को चलाता है तो इसमें गलत और बुरा क्या और जो जननी है, जिसका जन्म ही सृष्टि चक्र को चलाने के लिए हुआ उस काम में लाज क्या, संकोच क्या और जब सब औरतें हों, लड़कियां हो तो और खुल के,
Haan domkach main kuch aisha hi hota hai
 

Chalakmanus

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भौजाई तो भौजाई

देवर की भी ननद की भी

तो इमरतिया एक तीर से दो शिकार खेल रही है, देवर की भी आग जगा रही है और ननद की भी और जब सूरजु अपने बुआ की लड़की पे चढ़ जाएंगे, वो भी दर्जा नौ वाली, कच्ची कोरी, जो हर राखी में दस कोस चल के उन्हें राखी बाँधने आती थी तो फिर पड़ोस की, गाँव की, बाइस पुरवा की किसी भी पुरवा वाली की टांग उठाने के पहले उन्हें जरा भी झिझक नहीं होगी,
और बुच्चिया भी,.... कित्ते लौंडे उसकी उठती हुयी कच्ची अमिया कुतरने के लिए बेताब हैं,

सबसे कुतरवायेगी

आप आती हैं , आपके कमेंट आते हैं मेरी कहानी की गति बढ़ जाती है ,

सातवीं पोस्ट कल मैंने इस महीने की पोस्ट की और और आप से ज्यादा कौन जानेगा पोस्ट की साइज के बारे में जो एक एक आखर संजो संजो के पढ़े, उसकी तारीफ़ करे

आपके कमेंट पढ़ के मेहनत वसूल हो जाती है

:thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you: :thank_you:
Saitan g aap krupa barsate rahiye.
Post jaldi aayegi.
Humara bhi faida ho jaiga.
 

komaalrani

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Haan domkach main kuch aisha hi hota hai
जी आपने एकदम सही कहा, ज्यादातर जगहों पर डोमकच ही कहते हैं, पश्चिमी उत्तरप्रदेश और हरियाणा में शायद खोइया और कहीं रतजगा, नकटा, लेकिन जो आपने कहा वही होता है

सब कुछ एकदम खुल्ल्मखुल्ला क्योंकि मर्द होते नहीं, और और रात भर जगना होता है, तो खुल के मस्ती

लेकिन बड़की ठकुराइन, सूरजबली सिंह की माई ने कहा है डोमकच में जो होता है उसका दस गुना कर दो, फिर जो आये उसका सौगुना

और वैसी खुल्ल्मखुल्ला मस्ती रोज और जहाँ तक मरदो का सवाल है, सब लड़के घर के बाहरी हिस्से में, और बीच के दरवाजे पे ढाई सेर का ताला, यहाँ तक की दूल्हे के कमरे के बाहर भी ताला, छत की सीढ़ी बंद और उस पर भी ताला और उस की चाभी ठकुराइन के आँचल में बंधी,
सब नाच गाना छत पे बरामदे में और मोटा तिरपाल, तो कहीं से किसी के देखने का सवाल नहीं इसलिए लड़कियां औरतें भी एकदम खुल के मस्ती के मूड में
 
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