• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

Well-Known Member
23,276
62,516
259
छुटकी-होली-दीदी-की-ससुराल-में.

भाग १०४, पृष्ठ १०८१ , बुकवा ( उबटन ) और इमरतिया

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
Last edited:

Random2022

Active Member
578
1,398
123
छुटकी के पिछवाड़े की,...



मंजू भाभी के घर से बाहर निकली ही थी, की दो चार और भौजाइयां ( गाँव के रिश्ते से मेरी जेठानियाँ ) मिल गयीं, और कल के दिन ननदों के साथ होने वाली होली के बारे में बात होने लगी, और कैसे किसकी रगड़ाई की जायेगी, एक दो ने नैना की भी बात की, की कुंवारेपन में भी पक्की छिनार थी और अकेले दो -तीन भौजाइयों को निपटा देती थी,... लेकिन फिर बात छुटकी की ओर मुड़ गयी, कल की ननदों के साथ होली में तो वो हमारी ही टोली में होनी ही थी. लेकिन मुझे अचरज इस बात का था, की वो सुबह ही आयी थी, लेकिन शाम तक सारे पुरवा, टोलों को इस बात की खबर हो गयी थीं.



घर की ओर मैं गाँव के बाहर बाहर से निकली, बगल में ही हम लोगों की वो ढाईबीघे की आम की गझिन बाग़ जहाँ दुपहरिया में भी अमावस रहती थी, जहाँ ये और मेरे नन्दोई छुटकी को,...

और तभी, एक जोर की चीख सुनाई पड़ी, बहुत तेज दिल दहलाने वाली, अगर मैं आवाज नहीं पहचानती तो मैं भी हिल जाती, आधे गाँव में तो सुनाई दी हो होगी, ... छुटकी की चीख,



इसका मतलब ननदोई जी ने पिछवाड़ा फाड़ दिया मेरी छुटकी बहिनिया का,...


मैं बहुत जोर से मुस्करायी, बेचारी, कल ही तो चूत उसके जीजा ने फाड़ी थी और जीजा के जीजा ने आज बेचारी की गाँड़ फाड़ दी,...



कुछ देर तक तो मैं ठिठक कर वहीँ खड़ी रही, इन्तजार करती रही अगली चीखों का, इतनी बार इनसे और अब तो नन्दोई जी से भी गाँड़ मरा चुकी थी, मुझे मालूम था की अभी तो चीखों की शुरुआत है, ... असली चीख तो तब निकलेगी जब मूसल नन्दोई जी का गाँड़ का छल्ला पार करेगा,...

कान पारे वही बाग़ की ओर ,... लेकिन कुछ नहीं,...

थोड़ी देर बाद मैं घर की ओर चल दी, सांझ होनवाली थी,... रास्ते में भी कहीं कोई देवर मिल जाता कोई ननद तो उन्हें छेड़ने में ही, गरियाने में, ... जब मैं अपने पुरवा में घुसने ही वाली थी, एक पतली सी संकरी सी गली, पीछे से किसी ने दबोच लिया, और हाथों से मेरी आँखें बंद कर दी.



एक पल के लिए तो मैं घबड़ायी,... पर अगले पल ही उन कोमल हथेलियों को पहचान गयी, और कौन छिनारो में छिनार, मेरी सबसे छिनार ननद, नैना,... और हथेली से ज्यादा उसकी खिलखिलाती हंसी जो लड़कियों की ससुराल में बंद हो जाती है पर मायके आते ही खिलते, फूटते लावे की तरह एक बार फिर से,...



"अरे हमरे कौन देवर से कबड्डी खेल के आ रही हो,... " मैंने चिढ़ाया , तो उसने हथेली खोल दिया और हँसते हुए बोली,...



" भौजी, आपके लिए खुश खबरी, आपकी छुटकी बहिनिया की गांड खूब हचक के कूटी जा रही है, और मैं कानो सुनी नहीं आँखों देखी बोल रही हूँ. "



अब मेरे कान खुल गए, कानों सुनी तो ठीक, चीख तो मैंने भी सुनी थी और आधे गाँव ने सुनी होगी, लेकिन आँखों देखी, और मैं ये जानने के लिए भी परेशान थी की एक चीखतो दूसरी चीखें क्यों नहीं निकली,..


और नैना ननद ने सब बातों का हल बता दिया, वो आम की बाग़ के बाहरी हिस्से में ही एक पेड़ पे चढ़ी किसी यार के साथ मौज मस्ती कर रही थी,... और वहीँ से उसने देखा,...



छुटकी की ब्रा और पैंटी फाड़ के पहले तो उसकी मुश्के कसी गयी, और जब ननदोई जी पीछे से चढ़े तो पहले तो वही समझी बेचारी की उसकी गुलाबो की सेवा होने वाली है , और उन्होंने किया भी वही, थोड़ी देर तक तो वो उसकी चूत चोदते रहे, और जब चूत का पानी अच्छी उनके लंड में लग गया तो पहले तो एक ऊँगली से मेरी छुटकी बहना की गाँड़ में,... और उसके बाद एक ऊँगली के ऊपर दूसरी ऊँगली सटा के गाँड़ में , और थोड़ी देर के बाद गाँड़ में ही वो कैंची की तरह फैला दिया ,...


मान गयी मैं अपने नन्दोई को सच में असली रंग रसिया हैं, मेरे जोबना और चूतड़ दोनों के इतने दीवाने हैं, मुझे भी अच्छा लगता है उन्हें ;ललचाना , लेकिन मैं जानना चाहती थी की कैसे उन्होंने अपनी सलहज की सबसे छोटी बहना की फाड़ी,...


और नैना थी न मेरी ननद भी सहेली भी , उस ने सब हाल खुलासा बयान किया,


नन्दोई जी ने अपने दोनों पैरों को छुटकी के पैरों के बीच में फंसा के , खूब चौड़ा कर दिया, फिर दोनों ऊँगली पिछवाड़े से निकाल के सुपाड़ा वहां पिछवाड़े वहां सटा दिया, और खूब करारा धक्का मारा बड़ी मुश्किल से आधा सुपाड़ा घुसा,




नन्दोई जी का सुपाड़ा मोटा भी तो बहुत है , मैं सोच रही थी,... और छुटकी, उमरिया की बारी, कच्ची कली, फिर एकदम कसा पिछवाड़ा, अगवाड़े तो होली में भौजी लोग झांटे आने से पहले ही होली में ऊँगली शुरू कर देती हैं, ननद की उमर नहीं रिश्ता देखा जाता है ये बात तो मैंने अपने मायके में ही सीख ली थी, ...

" और भौजी क्या जबरदस्त आपकी बहना चीखी, आधे सुपाड़े में ही उस की जान निकल गयी " खिलखिलाते हुए नैना बोली।

वो चीख तो मैंने भी सुनी थी लेकिन मैं आगे की बात सुनना चाहती थी,... आगे चीख क्यों नहीं निकली और वो राज नैना ने खोल दिया,



और मेरा इनके ऊपर और प्यार उमड़ पड़ा, सच में इनके ऊपर तो मैं सब कुछ लुटा दूँ, और मैंने मारे ख़ुशी के उनकी बहन महतारी सब गरिया डाली।


Hot and lajawab update
 

Random2022

Active Member
578
1,398
123
नैना ननदिया -आँखों देखा हाल




' और भौजी क्या जबरदस्त आपकी बहना चीखी, आधे सुपाड़े में ही उस की जान निकल गयी " खिलखिलाते हुए नैना बोली।


वो चीख तो मैंने भी सुनी थी लेकिन मैं आगे की बात सुनना चाहती थी,... आगे चीख क्यों नहीं निकली और वो राज नैना ने खोल दिया,

और मेरा इनके ऊपर और प्यार उमड़ पड़ा, सच में इनके ऊपर तो मैं सब कुछ लुटा दूँ, और मैंने मारे ख़ुशी के उनकी बहन महतारी सब गरिया डाली।



हुआ ये था की ननदोई जी लाख कोशिश कर रहे थे घुस नहीं रहा था आगे , और छुटकी जोर जोर से सुबक रही थी , उसके गोरे गोरे गाल आंसू में भीग गए थे, और उन्होंने ही रास्ता निकाला ,


अपनी छुटकी साली के साथ ६९ में, वो ऊपर थी, और ये, एक तो उनका ऐसे ही मोटा बांस, फिर वो नयी उमर वाली, और उन्होंने न सिर्फ हलक तक पेल दिया बल्कि अपने दोनों पैरों से कस के मेरी छुटकी बहिनिया के सर को भी पकड़ के दबोच लिया, अब उनके ,मोटे बांस से ज्यादा मोटी डॉट कौन सी उनकी साली के मुंह में लग सकती थी , चीखे चाहे जितना चीखना चाहे , गों गों से ज्यादा कुछ नहीं निकल पायेगा , और भले ही वो ऊपर थी लेकिन उनके हाथ सँड़सी से भी ज्यादा तगड़े थे बस कस के अपनी छोटी साली के सर को उन्होंने दबोच लिया था , और एक बार हलक तो वो एक बित्ते का लंड घुस गया तो फिर तो ,...




साथ साथ उनके मूसल से कम करामाती उनकी जीभ नहीं थी, वो सुरसुराती हुयी साली की कसी बिल में और उनकी दोनों उँगलियाँ उसकी जादू के बटन पे कभीसहला देते तो कभी वो मस्ती से पागल हो जाती और कभी नाख़ून से क्लिट नोच लेते तो दर्द से दुहरी,...

कभी वो कस कस के संतरे की फांको सी रसीली अपनी साली की फांके चूसते तो कभी क्लिट तो कभी जीभ प्रेम गली में घुस के सुरसुराती , सहलाती थोड़ी देर में ही छुटकी की कसी चूत पानी फेंकने लगी , गाँड़ में घुसे मोटे सुपाड़े को भूल जीभ का मजा लेने लगी

नैना खूब खुश हो रही थी सुनाते सुनाते, बोली



" भौजी, भैया और जीजू ने मिल के क्या जबरदस्त गाँड़ मारी साली की,... अब वो चीख सकती नहीं थी , फिर जब वो क्लिट सहलाते तो पिछवाड़े से उसका ध्यान हट जाता,.. बस उसी समय जीजू दोनों हाथों से चूतड़ पकड़ के जोर से हलब्बी धक्का मारते, बस चार पांच धक्के में एक बार पूरा सुपाड़ा घुस गया तो वो रुक गए , फिर भैया ने आपकी छुटकी बहिनिया को चूस चूस के थेथर कर दिया , चार पांच बार तो झड़ी ही होगी वो,...



मैं बहुत खुश छुटकी पर भी लेकिन छुटकी से बढ़ के उसके जीजू पर भी, क्या ट्रिक निकाली अपनी छोटी साली की कुँवारी गाँड़ फड़वाने की , अच्छा हुआ दोनों लोग साथ गए थे और उनको तो छुटकी पर चढ़ने का एक्सपीरियंस भी था, ... लेकिन मैंने नैना ननदिया को हड़का लिया कौन भौजाईननद की गलती निकालने की हड़काने का मौका छोड़ती है ,

" हे बार बार आपकी बहिनिया , आपकी बहिनिया कह रही हो ,... तुम्हारी कुछ नहीं लगती क्या "

" गलती हो गयी नयकी भौजी ( गांव में सब मुझे नयकी भौजी और सासें नयकी या नयको ही कहती थीं ). एकदम लगती है , मेरी छिनार , रंडी मेरे सब भाइयों की रखैल , छुटकी भौजी है। "

फिर उसने आगे का हाल सुनाना जारी रखा।


और उसके बाद आपके नन्दोई ने क्या पेलगाडी चलाई, पूरा अंदर तक पेल के ही रुके, बेचारी टसुए बहा रही थी , चुत्तड़ पटक रही थी, लेकिन ऐसा माल कौन छोड़ता, और मेरे जीजू तो एकदम कमीने हैं, बस गाँड़ की महक लग जाए , फिर कोरी,...





लेकिन भौजी बिना बेरहमी के गाँड़ न मारी जाए, न उसके बिना गाँड़ मारने वाले को मजा न मरवाने वाली को,...



इस मामले में नैना ननद की बात से मैं पूरी तरह सहमत थी, जबतक चीख पुकार न हो रोई रोहट न , दो दिन तक जिसकी मारी जाए वो टांग फैला के न चले,... पूरे गाँव जवार को मालूम न पड़ जाए की आज पिछवाड़े कुदाल चली है,... और इनकी और नन्दोई जी की तो पूरी जे सी बी थी,...

और अब ये पता चल गया की आगे की चीख क्यों नहीं सुनाई पड़ी ,...

नैना ने पूरा हाल खूब रस ले ले के सुनाया , कैसे मेरे नन्दोई ने धक्के पर धक्के मार के पहले आधा लंड पेल दिया , फिर थोड़ी देर बाद जब गाँड़ को लंड की आदत पड़ गयी तो हल्का हल्का पुश कर के पूरा लंड जड़ तक ,... उसके बाद इन्होने भी अपना लंड साली के मुंह से निकाल लिया , नन्दोई जी कभी हलके हलके अंदर बाहर करते तो कभी हचक के ,... एक बार में पूरा तो नहीं लेकिन आधा ठेल देते,...




नैना सुना तो मेरी छुटकी बहिनिया के बारे में रही थी लेकिन मुझे अपना याद आ रहा था किस तरह नन्दोई जी ने ऐन होली , ननद और अपने दोस्त के सामने मुझे हचक के , क्या गाँड़ मारी थी मेरी ,... मेरे पिछवाड़े के तो दीवाने हैं वो,...

तूने पूरा देखा क्या ,... मैंने नैना से पूछा तो वो बोली

नहीं भौजी ,... अरे जो आपका देवर मेरे ऊपर चढ़ा था पेड़ पे उसने फेचकुर फेंक दिया ,... और मुझको भी कई जगह जाना था , लेकिन फटते हुए तो अपनी आँख से देखा ,... पर मैं अपने जीजा ( मेरे नन्दोई उसके जीजा ही तो लगे ) को जानती हूँ बना दुबारा पेल गाड़ी चलाये उन्होंने नहीं छोड़ा होगा ,...

नैना को और दो चार घर जाना था कल की होली के लिए,... और मेरा घर भी आ गया था,


वो बोली कल सुबह सात बजे तक आ जाएगी, और मैं घर में घुस गयी।
Kya gajab or hot update diya h. Mast. Baki ek word ka meaning samajh nhi aya उसने फेचकुर फेंक
 

komaalrani

Well-Known Member
23,276
62,516
259
  • Like
Reactions: Sutradhar

komaalrani

Well-Known Member
23,276
62,516
259
  • Like
Reactions: Sutradhar

komaalrani

Well-Known Member
23,276
62,516
259
thanks so much
One translation can be slobber but i will share some more usage which will clear its meaning मिर्गी एक ऐसी बीमारी है जो आदमी को सीधा जमीन पर ही लिटा देती है, क्योंकि इसमें आदमी अचानक से ही जमीन पर गिर कर के मुंह से फेचकुर बहाने लगता है।
 

komaalrani

Well-Known Member
23,276
62,516
259
बहुत बेसब्री से अगले अपडेट का इंतजार कर रहे हैं
aaj hi
 

komaalrani

Well-Known Member
23,276
62,516
259
बहुत बेसब्री से अगले अपडेट का इंतजार कर रहे हैं
वैसे जोरू का गुलाम में मैंने कल अपडेट पोस्ट कर दिया था और वो कहानी शिद्द्त के साथ आपके कमेंट्स का इन्तजार कर रही है।
 

komaalrani

Well-Known Member
23,276
62,516
259
  • Like
Reactions: Sutradhar

Luckyloda

Well-Known Member
2,608
8,417
158
वैसे जोरू का गुलाम में मैंने कल अपडेट पोस्ट कर दिया था और वो कहानी शिद्द्त के साथ आपके कमेंट्स का इन्तजार कर रही है।
Padh liya wo bhi..... bhut hi shandaar tarike se likha gya hai
 
Top