- 22,129
- 57,325
- 259
भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
please read, enjoy and comment. your support is requested
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
please read, enjoy and comment. your support is requested
Last edited:
Full chak de bhaujiiनयी टीम, नए रूल्स
फिर मैंने जो बड़ी बुजुर्ग भाभी लोग थीं उनकी ओर मुंह कर के बोला, खूब आदर के साथ ५०० ग्राम मक्खन मार के,
" और आप लोग थोड़ा हम लोगों का का कहते हैं उ, मार्गदर्शक रहिएगा,... आप लोगों का जो इतना एक्सपीरियंस है, एक एक ननद क त कुल हाल चाल आप लोगों को मालूम होगा ही, तो बस आप लोग जैसे कहियेगा,... एकदम वैसे वैसे , और आप लोगन क आसीर्बाद और पिलानिंग से कहीं जीत गए,... तो जितने कच्चे टिकोरे होंगे न सब आप लोगों की झोली में,... "
वो भी मेरी बात से सहमत होती बोलीं , " ठीके कह रही हो , अब सांस फुला जाती है, चूल्हा झोंकते बच्चे पैदा करते,... "
और मैंने अगली पिलानिंग सुना दी,... " जो आप लोगन से सुना की कउनो टाइम का वो नहीं , ... तो हम सोच रहे थे की पौन घंटा ,... आखिर ओकरे बाद आधा पौन घंटा ननदों की रंगड़ाई, होली क मज़ा , फिर नहाना धोना, खाना पीना , सांझ के पहले घर लौटना ,... "
लेकिन फिर एक जेठानी जिन्हे मैंने मार्गदर्सक में डाला था खड़ी हो गयीं,... बोलीं अरे उ तोहार ननद कुल मानेंगी नहीं।
" तभी तो,... " मैंने जोड़ा,... " अरे हम लोग पौन घंटा से बात शुरू करेंगे , वो सब दो ढाई घंटा कहेंगी , एक -डेढ़ घंटा पर बात ख़तम हो जायेगी,.. तो भी पहले से तो बहुत ठीक रहेगा , और एक बात और ,... "
कोई और खड़ा होता उसके पहले मैंने अगली बात रख दी ,
" वो सब ससुरी मरती भी हैं फिर कोई न कोई ननद छिनार जिला देती है, तो ऐसे तो ,... तो जो चाहे दोनों टीम में पकड़ी जाने पर अगर वो टीम वाले अगर उसे तीन चार मिनट में झड़ा दें तो वो गेम से बाहर हो जायेगी , दुबारा अपनी टीम में नहीं जा सकती ,... "
अबकी मंजू भाभी ने एक संसोधन जारी किया जिसे मैंने तुरंत मान लिया,...
वो बोलीं,
' या तो झड़ जाए या खुद हाथ उठा के हार मान ले,... वो भी गेम से हरदम के लिए बाहर हो जाएगी "
तो फिर उन पुरानी जेठानियों ने काफी ज्ञान दिया जिसे मैंने एक कान से सुन के दूसरे कान से निकाल दिया , लेकिन तब तक किसी ने छुटकी का नाम ले लिया,...
" अरे उ नैनवा पक्की छिनार, वो तोहरे छुटकी बहिनिया को भी भौजाई की टीम में जुड़वाएगी , मानेगी नहीं। "
" अरे कैसे उसकी कौन शादी हुयी है यह गाँव में , भौजाई कैसे हुयी वो " मैं भी अड़ गयी , फिर मुस्कराते हुए मैंने तुरुप का पत्ता खोला,..." देखिये पहले तो हम लोग मानेगे नहीं , और मानेगे बहुत कहने सुनने पर तो अपनी तीन शर्तों के साथ ,.... "
अब वो जेठानिया भी मान गयी ,
लेकिन असली वाला तुरुप का पत्ता नहीं खोला था छुटकी जब आठ में थी , -- कैटगरी , ४२ किलो वाली फ्री स्टाइल में , जिले में नहीं पूरे रीजन में , रीजनल रैली में सेकेण्ड आयी थी, फ्री स्टाइल में और तीन साल से अपने स्कूल की कबड्डी टीम में थी और उसका स्कूल भी रीजनल रैली में तीसरे नंबर पर था, उसकी पकड़ तो कोई छूट नहीं सकता , फिर साँस भी डेढ़ दो मिनट तो बहुत आसानी से,... स्टेट के लिए कोचिंग भी की थी दो महीना,... स्पोर्ट्स हॉस्टल में,..
तो अब बचीं मैं मंजू भाभी और तीन चार जेठानियाँ जो टीम में थीं और मैंने पूरी बात बताई।
कुसुमा या चमेलिया का नाम तो मैंने पहले ही बता दिया था, और उसके हाथों के जादू के सब कायल थे उसके बाद दूसरा नाम मैंने लिया रमजनिया, अरे वही जो चंदू देवर , जिसकी सहायता से मैं अपने उस ब्रम्हचारी देवर को फिर से चोदू बना पायी, और मेरे उस के कुछ गुन बखारने के पहले मंजू भाभी बोल पड़ीं ,
" सही बोल रही हो, का ननद का भौजाई का गाँव क कउनो लौंडा सब का एक एक बात का हाल उसको मालूम रहता है ,... ननदों के टीम के एक एक का नस वो पकड़ के बता सकती है , फिर तगड़ी भी बहुत है, दो चार लौंडियों को तो झटक के छुड़ा के,... "
तीसरा नाम मैंने जोड़ा नउनिया क छुटकी बहू , गुलबिया का,
हमसे सात आठ महीने पहले गवना करा के आयी थी, खूब गोरी सुंदर , देह कद काठी जबरदस्त,... लेकिन दो चार महीने बाद मरद पंजाब कमाने चला गया तब से मरद बिना छनछनाई रहती है , गरम तावा पे पानी की बूँद डालने पे जो हालत होती है वही, और आपन कुल जोर कुँवार ननदन पे उतारती है , होली में दस बार मरद को फोन किया, वो बोला भी,... फिर वही बहाना , छुट्टी नहीं मिली , रिजर्वेशन नहीं मिला,... गाडी छूट गयी,... गुस्से में बोलती,
हमको मालूम है उंहा किससे गाँड़ मरा रहे हैं , नहीं आओ तोहरी बहिनिया क चोद के,...
और बहिन उसकी कौन , कजरी , नैना की सहायक,...
होली में कजरी के पिछवाड़े मैंने जो जड़ तक ऊँगली पेली थी दस मिनट तक और निकाल के सीधे उसके मुंह में , गुलबिया खूब खुश हुयी ,... तो आज जब सब एक से एक कच्ची उमर वाली ननदें मिलेंगी तो फिर तो,... और जो काम करने वाली होती हैं रोज चक्की चलाती हैं , कुंवे से पानी निकालती हैं सर पे दो दो घड़ा , बगल में एक घड़ा लेकर चलती हैं , पूरी पिंडलियाँ , जांघें हाथ सब एकदम कसे कसे ,...
और चौथा नाम एक जेठानी ने बताया, और नाम बताते ही मैं समझ गयी, उमर में चमेलिया और गुलबिया से थोड़ी बड़ी,.. लेकिन एक बार रतजगे में वो दुल्हिन बनी थी,... और एक जो दूल्हा बनी थी उसके ऊपर चढ़ के उसी को चोद दिया बेचारी की माँ बहन सब एक कर दी,...
जेठानी ने जोड़ा चूत से चूत पे घिस्सा देने में उसका कोई मुकाबला नहीं , बड़ी से बड़ी उम्र में दूनी हो ताकत में ज्यादा हो तो बस एक बार चढ़ गयी किसी लड़की, के ऊपर तो बस उसका पानी निकाल के दम लेती है और एक साथ दो ,दो तीन तीन , एक को चूत से रगडेंगी, बाकी दो को दोनों हाथ से ,.. और उसके पल्ले कोई पड़ गयी न तो एक दो ऊँगली का तो मतलब ही नहीं, कुँवारी हो, झील्ली न फटी हो , तो भी सीधे तीन ऊँगली, और गरियायेगी भी
स्साले इतने तोहार भाई गाँव में है कउनो के ताकत नहीं लंड,... में,... तोहार झिल्ली अब तक बची है,
तो बस चार ये , और मेरी तीन जेठानियाँ जो मुझसे तीन चार साल ही बड़ी थीं, दो तो आयी ही थीं एक को मंजू भाभी ने बुलवा लिया और उन चारो को भी , चमेलिया , गुलबिया रामजानिया,... मंजू भाभी और उनकी उम्र वाली दो जेठानियाँ तो थीं बस पन्दरह बीस मिनट में हम भौजाइयों की ११ की टीम पूरी ,... हाँ हमने क्या प्लानिंग की कैसे तैयारी की ,.. ये सब बता दूंगी तो मैच का मजा ही खतम हो जाएगा,...
इसलिए चलिए कुछ देर तक छुटकी के साथ क्या हो रहा है ये देखते हैं फिर सीधे मैच में
Perfect s.w.a.t analysisभाग २५
पिलानिंग - कच्ची ननदों की लेने की
" भौजी, फिर कब होगी होली, अगले फागुन में "
कस के उसे बाँहों में बाँध के पहले तो मैंने दस बार चुम्मा लिया कचकचा के गाल काटा , और उसके 'छोटू ' को पकड़ के सहलाते बोली ,
" बुद्धू , देवर भौजाई का फागुन तो साल भर चलता है , कल फिर लूंगी तेरी और अच्छी तरह से , हाँ लेकिन कल अगर दरवाजा बंद मिला या तूने कुछ भी नखड़ा किया न तो तेरी ये चिकनी गाँड़ पहले मारूंगी, चोदुंगी बाद में ,... "
और धड़ धड़ मैं सीढ़ी से नीचे लेकिन उतरते समय भी मैं चुन्नू के बारे में ही सोच रही थी,
कामवालियां ,... रमजनिया जो चंदू के साथ , गाँव की हर औरत लड़की के बारे में उसे रत्ती रत्ती खबर रहती है तो कामवालियों में , खेत में घर में जो थोड़ी बड़ी खूब खेली खायी ,.. ऐसी दो चार को इस देवर के साथ ,
सिखा सिखा के पक्का कर देंगी,...
और नैना ,...उसी ने तो इस कच्चे केले के बारे में बताया था ,.. तो वो मजा ले ले और गाँव की लड़कियों के साथ इसकी सेटिंग कराने में तो उससे अच्छी कोई नहीं, दो चार पे वो चढ़वा देगी उसके बाद तो वो खुद ही शिकार करने लगेगा और उन दोनों के मुंह मारने के पहले हफ्ते दस दिन तो में खुद इस नए माल को भोगूंगी ,...
मेरी हालत देख के ही सब लोग समझ गयीं की ' होली हो गयी ' लेकिन अभी बात सीरियस चल रही थी और मैं भी कान रोप कर सुनने लगी.
एक मेरी बड़ी उम्र की जेठानी कहने लगीं,... ' अरे इसमें क्या इतना सोचना है,... मौज मस्ती ही तो है , क्या जीत हार, अरे पिछले कितने सालों से तो ननदें ही जीतती आयीं है , इस बार फिर वही जीतेंगी। इसमें क्या प्लानिंग, क्या,... "
और उन की बात में बात जोड़ती उन्ही की उमर की एक जेठानी बोलीं, ' सही कह रही हो , हम तो भुलाई गए कब भौजाई लोगन की टीम जीती थी,... अरे ननदों के आगे,... "
मुझे बड़ा बुरा लगा, मैं तो आयी ही थी अपनी ससुराल, ननदों की गाँड़ मारने, अपने भाइयों, देवरों से सब ननदो को चुदवाने, रगड़ रगड़ कर,...
और यहाँ तो मैच शुरू होने के पहले ही कोच कप्तान सब हार मान के बैठे हैं,... और गबर गबर खाली गुझिया खाये जा रहे हैं, और उसी समय मैंने तय कर लिया की आज चाहे जो हो जाय ननदों को तो हरा के ही रहना है, अरे साल भर स्साली छिनारों की नाक रगड़ने का मौक़ा,..
लेकिन अभी सुनने और समझने का था,
तब तक एक जेठानी और , वही हार में ख़ुशी मनाने वाली ,... बोलीं,...
" अरे थोड़ा बहुत कोशिश करते भी लेकिन अबकी तो नैना भी आगयी है जब्बर छिनार , उसको तो सौ गुन आते हैं,... "
ये बात मैं मान गयी की नैना के आने से मुकाबला थोड़ा टाइट होगया लेकिन ननदों की टाइट को ढीला उनकी भाभियाँ नहीं करेंगी तो कौन कराएगा, फिर अभी अभी दो देवरों को चोद के आ रही हूँ , जिसके आगे सब ने हाथ झाड़ लिया था,...
मंजू भाभी, ने मेरी ओर इशारा भी किया,...
"अरे अबकी मेरी नयकी देवरानी आ गयी है , करेगी न नैना क मुकाबला, अरे तीन दिन पहले होली के दिन , मिश्राइन भौजी के यहाँ कैसे कुल ननदों क बुर गाँड़ सब बराबर,... "
अब माहोल थोड़ा बदला ,
लेकिन मैं अभी भी सुन रही थी और समझने की कोशिश कर रही थी की आखिर क्यों हर बार भौजाइयों की टीम हार जाती है और कोई न कोई तो ननदों में कमजोरी होगी , जिसका हम सब फायदा उठा सकते हैं,... और मुझे कुछ बातें तो समझ में आ गयी,...
पहली बात ये थी की टीम ११ की होती थी,...
और ननदें ज्यादातर टीनेजर, या जो शादी शुदा वो भी २० -२२ वाली,
लेकिन भौजाइयों की औसत उमर तीस से ऊपर और सीनियारिटी के नाम पर जो बड़ी होती थीं वो भी कई टीम में , ४० के पार वाली भी जो चुद चुद के, बच्चे जन जन के घर का काम कर के थकी मांदी ,
तो ताकत और एनर्जी दोनों में ननदों की टीम बीस नहीं पच्चीस पड़ती थी,...
दूसरी बात की मैच का कोई टाइम नहीं होता था तो वो पहले तो मजे ले लेकर , भौजाइयों को दौड़ा के थका देतीं थीं और उसके बाद,...
तीसरी बात जो मैं देख रही थी , भौजाइयों की टीम में बार बार हारने के बाद जीतने की न इच्छा बची थी , न विश्वास
और आखिरी बात, कोई स्ट्रेटजी प्लानिंग भी नहीं होती थी और बेईमानी के कौन जीतता है तो लेकिन बेईमानी के लिए बहुत जुगत लगानी पड़ती है और वो यहाँ दिख नहीं रहा था,... अंत में सब लोगों ने मुझसे पूछा ,
असल में जो सबसे नयी होती थी , जिसकी पहली होली होती थी वो कप्तान तो नहीं, छोटा कप्तान जरूर रहती थी , फिर मिश्राइन भाभी के यहाँ जो मैंने सबकी रगड़ाई की थी तो थोड़ा बहुत मेरे नाम से ननदें,... और यह तय हो गया था की अबकी मंजू भाभी कप्तान रहेंगी तो उनका प्यार दुलार तो रहता था,...
तो मैंने अपनी प्लानिंग,...
CongratulationsJoru ka Gullam, One Million Views and more
thanks sooooooooooo much, friends