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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Very nice, aur bhai se achha aur kaunभाग २७
किस्सा इन्सेस्ट यानी भैया के बहिनिया पर चढ़ने का
उर्फ़ गीता और उसके भैया का
गीता का स्कूल का नाम संगीता था लेकिन घर में सब लोग उसे गीता, फिर गीता से गितवा,
उसके भाई का नाम अरविन्द था , लेकिन वो गीता से दो साल बड़ा तो उसे वो भैया ही कहती थी , और वो भी प्यार से कभी कुछ कभी कुछ , और कभी सब की तरह गीता ही,...
गीता की जवानी बस खिल रही थी , वो बस ,... गाँव से दो चार किलोमीटर दूर कन्या विद्यालय,.. . अब जाने दीजिये क्लास वलास जान के क्या करेंगे, ... कोई क्लास के नाम पे ही कहानी पे नजर लगा दे,... तो बस जवानी के फूल अभी खिल रहे थे , २८ नंबर, एक पड़ोस की भाभी के साथ जा के बजार वाले दिन पहली बार उसने ब्रा खरीदी थी , और पहनते हुए इतना अजीब लगता था , वरना भी तो वो समीज से ही,...
पर स्कूल से रास्ते में लौटते हुए लड़कियों के साथ बस एक बात लड़के , लड़के ,...
किस किस की चिड़िया उड़नी शुरू हो गयी है, ... दो चार ने तो खुद के कबूल भी कर लिया था,... एक जो गीता की पक्की सहेली थी, .. जिसके घर गीता अक्सर जाती थी , उसकी तो पिछले साल होली में उसके जीजा ने पहली बार तो जबरदस्ती , उसके बाद उसकी मर्जी से,
हुआ ये था की असली शरारत सहेली की भाभी की थी ,
उन्हें अपने ननदोई पसंद था , लेकिन नन्दोई ने शर्त लगा दी थी पहले छोटी साली की दिलवाओ,... बस होली के दिन ठंडाई में डबल भांग मिला के पहले गीता की सहेली को टुन्न किया और फिर पीछे से उसके हाथ पकड़ के , ... सहेली के जीजा ने आराम आराम से उसकी शलवार खोली , ...
शलवार का नाड़ा , शलवार से बाहर निकाला, और सहेली की भाभी ने अपनी ननद के दोनों हाथ कस के पीछे बाँध दिए ,
उसके बाद आराम से जीजा और उनकी सलहज ने सहेली के कच्चे टिकोरों पर रंग लगाया , रंग तो बहाना था , रगड़ा मसला चुनमुनिया में ऊँगली डाल डाल के और आराम से जब कच्ची चूत पानी फेंकने लगी तब भाभी ने अपने नन्दोई के मोठे मूसल में अपने हाथ से पहले सरसों का दो ढक्कन तेल लगाया ,
अपने हाथ से पूरी ताकत से ननद की कुँवारी फांके फैलायीं
और , पूरी ताकत से सहेली के जीजा का बौराया लंड कच्ची साली की कच्ची चूत में अंदर,... वो चूतड़ पटकती रही लेकिन चीख नहीं निकाल पायी क्योंकि भौजाई ने अपनी बड़ी बड़ी चूँची उसके मुंह में ठेल रखी थीं ,...
झील्ली फटने , खून खच्चर होने के बाद ही मुंह खोला ,... लेकिन जीजा उसके दो दिन रहे और दो दिन में आधे दर्जन बार अपनी साली के साथ सफ़ेद रंग वाली होली खेली होगी , पर पहली बार के बाद ,... खुद गीता की सहेली अपनी टाँगे फ़ैलाने लगी , ... और जीजा के जाने के चार पांच दिन बाद ,... उस सहेली के भाभी का फुफेरा भाई ,... सहेली चिढ़ा रही थी तो भाभी ने दोनों को एक कमरे में बंद कर दिया और उसने भी नंबर लगा दिया ,
और होली से आज तक सात आठ लड़कों के साथ ,...
तो वो सहेली , गीता के पीछे पड़ी थी की गीता भी एक बार बस एक बार किसी लड़के के साथ,... तो एक दिन गीता ने झुंझला के बोला ,
ठीक है लड़का बताओ मैं टाँगे फैला दूंगी , लेकिन ऐसे कैसे,...
ये बात नहीं की गीता के चाहने वाले नहीं थे , गोरी चिट्ठी , लड़की तो जिस दिन से दुपट्टा लेने लगे उसी दिन से लौंडे पीछे पड़ जाते हैं दुपट्टा हटवाने के,... पर,... हाँ गीता के सवाल का जवाब दिया सहेली की भाभी ने,... जब उनके सामने भी गीता ने बोला,
" लड़का बताइये मैं लेट जाउंगी उसके नीचे '
लेकिन भाभी तो भाभी थीं , .... गीता से तीन तिरबाचा भरवाया , कसम खिलवाई , किरिया धरवाई , की अगर वो लड़के का नाम बतायेंगी और गीता उससे चुदवाने के लिए अगर नहीं तैयार हुयी ,
गीता ने तीन तिरबाचा भरा , एकदम से चुदवा लेगी उससे जिसे भाभी बताएंगी ,...
और भाभी ने हलके हलके गीता के उभार मसलते हुए उसकी चूँचिया रगड़ते चूम के , हंस के वो बोलीं ,
" अरे ननद रानी लड़का तो तेरे घर में ही है इतना मस्त जवान लौंडा , तेरी कसम जब खोलेगा न तो सात इंच से कम नहीं होगा , पक्का चोदू,... तेरा भाई,... घर में छोरा , अरे थोड़ा सा डोरे डाल, ऐसे आ रहे जोबन गाँव जवार में नहीं है , आ जाएगा तेरे चक्कर में ,... "
अब गीता , गज़ भर उछली,.... भाभी ये क्या , मजाक ठीक है लेकिन सच में ,...
वो मेरा भाई है सगा भाई,... उसके साथ '
Bhut shandaar update....बहना ने डोरे डाले
अब उस बेचारे की हालत खराब, नीचे तूफ़ान आ रहा था बड़ी मुश्किल से इस डबल मीनिंग दावतनामे का जवाब देने की कोशिश करता वो बोला,....
" और तू न दे तो,... "
वो जोर से खिलखिलाई, फिर अपने भाई का हाथ खींच सीधे अपने सीने पर रखती बोली,...
" तू भी न , मेरे दिल की आवाज सुनो न ,... आज तक मैंने तुझे कोई चीज मना की है , बचपन से , तो बड़ी हो गयी हूँ तो क्या हुआ , फिर मेरे मना करने पर कौन तू मानता था, तो अभी भी , पहले की तरह जबरदस्ती ले लो,... मैं थोड़ा हाथ पैर पटकूँगी , .... बस। "
जितना वो हाथ छुड़ाने की कोशिश करता,... उतना ही उसे वो और अपने उभारों पे खुल के दबाती,... लेकिन किसी तरह से वो छुडाके,... पर रिश्तों में हसीन बदलाव शुरू हो गया , गीता ने नोटिस किया अब तो उसे एक लड़की की तरह ही देखता था , जैसे कोई भी लड़का बात लड़की से करेगा , लेकिन निगाहें जुबना की नाप जोख करती रहेंगी,... और गीता भी,...दुपट्टा उसका गले से चिपका ही रहता और भैया के सामने अपने एक हाथ से जानबूझ के ठीक जुबना के नीचे, उभरते उभारों को और उभार के,... और बेचारे भैया की खराब होती हालत, तम्बू में तने बम्बू को देख देख के उसे लगता, भाभी ने ठीक समझाया था
और मामला आगे दिन ही और आगे बढ़ गया,..
दोनों भाई बहन के कमरे तो अलग थे लेकिन बाथरूम एक ही था और बचपन से झगड़ा होता था, ... कौन पहले जाएगा , कौन कित्ती देर से ,.. ' माँ भैया निकल नहीं रहे है , मुझे स्कूल की देर हो जायेगी,... कल से पहले मैं ही जाउंगी,... "
और उस दिन भी गीता ही पहले बाथरूम गयी,... लेकिन अचानक उसकी आँखों ने नोटिस किया , बाथरूम के दरवाजे में, छेद, बहुत छोटा सा , नया और जब उसने दरवाजा अंदर से बंद किया तो एक हलकी सी रौशनी बाहर से आती,... वो मुस्करायी, सोच रही थी जो वो सोच रही है वही सही हो,... और थोड़ी देर में वही हुआ ,
छेद में से रौशनी आनी बंद हो गयी , कोई था बाहर से,...
बस गीता की आँखे चमक उठीं , ...वो साबुन लगा चुकी थी लेकिन फिर से दुबारा , खूब ढेर सारा झाग बना के सीधे अपने दोनों उभारों पे , और एक दम छेद के सामने,...
गीता को बाथरूम में गाना गाने की आदत शुरू से थी और उस को ले के भी दोनों में झगड़ा होता था,...
और साबुन लगाते , बल्कि वो अपने उभारों को ऐसे मसल रही थी जैसे कोई लड़का रगड़े, कभी नीचे से पकड़ के उभारती, कभी छोटे छोटे निप्स को अंगूठे और तर्जनी के बीच में रोल करती, अपने आप ही वो गाने लगी दादा फिल्म का गाना,
हमने माना हमपे साजन जोबनवा भरपूर है,...
हमने माना हमपे साजन जोबनवा भरपूर है,...
ये तो महिमा राम की , एमा हमारा का कसूर है,...
ये तो महिमा राम की , एमा हमारा का कसूर है,...
साल सोलहवां लगा हमरा ये तो हम भी जानत हैं
हमरी बगिया फुलवा महके ये तो हम भी मानत हैं।
साल सोलहवां वाली लाइन उसने तीन चार बार गायी,
और बहुत प्यार दुलार के साथ अपने नए आये उभारों को सहलाया,...
जब वो बाहर निकली तो उसके भैया की हालत खराब , निगाहें झुकाये , दोनों पैरों को दबा के ' उसे ' छुपाने की बेकार कोशिश करता,... बड़ी मुश्किल से गीता ने अपनी मुस्कान रोकी,... उसे देख के वो एक बार फिर से गुनगुनाने लगी,
जिया बेकरार है , छायी बहार है
आजा मेरे बालमा तेरा इंतजार है ,...
जितना वो उससे आँखें मिलाने को कोशिश करती, उतना वो आँखे चुराता,... और झट से वो बाथरूम में घुस गया, पर गीता ने आवाज लगा के रोक लिया,.. और चिढ़ाते हुए आंख नचा के बोली,...
" अरे भैया इत्ती जल्दी काहें है , टॉवेल तो यहीं छोड़ के जा रहे हो फिर बाथरूम से आवाज लगाओगे , गीता टॉवेल , टॉवेल , जल्दी,... " और ये कह के टॉवेल उस की ओर उछाल दी,...
पर अब वो भी थोड़ा हिम्मती हो रहा था , टॉवेल कैच करते हुए अबकी सीधे अपनी छोटी बहन के सीना ताने उभारों की ओर देखते हुए बोला,...
" अच्छा मैं मांगूंगा तो देगी नहीं तू,.. '
" एकदम नहीं ,... " गीता उसे और उकसाते बोली,
" ऐसे थोड़ी , थोड़ी देर तड़पाऊंगी , तीन बार बुलवाउंगी, फिर दे दूंगी , आखिर अपने प्यारे मीठे से भैया को नहीं दूंगी तो किसको दूंगी,... लेकिन ये तुमने मांगना कब से,... मंगते कहीं के और घर में कोई मांगता थोड़े ही है , बस कोई चीज अच्छी लगे , मन करे तो बस ले लेना, बिन मांगे लोगे तो मैं एकदम मना नहीं करुँगी "
ये कह के एक बार फिर गीता उससे सट गयी,... उसके गालों पर एक चिकोटी काटी , अपने उभारों से धक्का देते बोली,...
" अच्छा जाओ जल्दी नहाओ वरना मुझे ही बोलोगे,... "
और बाथरूम का दरवाजा बंद हो गया, गीता बाहर कपडे बदलते हुए एक बार फिर से सोच रही थी भाभी की बातों के बारे में,...
" बात उनकी एकदम सही है , आज के जमाने कौन लड़की शादी होने तक इन्तजार करती है, फिर आज कल शादी की उमर भी तो बढ़ती रहती है,... और कहि किसी इधर उधर के लौंडे से करवाने से तो भैया के साथ कौन बुरा है ,... और बेचारा कितना तड़प रहा है ,... इसके लिए ,... '
अपनी सहेली को सहलाते वो सोच रही थी फिर ब्रा पहनते हुए मुस्कारने लगी,
" भैया बेचारे ज़रा सा इसको देखने के लिए इत्ती जुगत लगाई , अरे मुझसे कहते मैं खोल के दिखा देती, मन तो करता है उनका खूब करता है लेकिन बस हिम्मत नहीं पड़ती यार स्साली गीता तुझे ही कुछ करना पडेगा , वरना तू भी तड़पती रहेगी , तेरा भाई भी,... "
कपडे पहन के वो अपना बिस्तर ठीक कर रही थी की उसकी निगाह भाई के मोबाइल पर पड़ गयी , उसकी बांछे खिल गयीं, भैया उसे छूने नहीं देते थे , स्मार्ट है तेरे समझ में नहीं आएगा,... हरदम छुपा के,... आज मिला है मौका ,...और खुद जब देखो तब उसी में घुसे रहते हैं, आज मिल गया है मौका , और झट से उसने मोबाइल हाथ में लिया लेकिन
अगले पल फिर उसका चेहरा मुरझा गया,...
भैया न , पता नहीं क्या क्या पासवर्ड , एक दो बार उसके कमरे में घुस के लेकिन खुला ही नहीं,...
Kya maje hau geeta k bhai ke.....भैया का मोबाइल
उसकी निगाह भाई के मोबाइल पर पड़ गयी , उसकी बांछे खिल गयीं, भैया उसे छूने नहीं देते थे , स्मार्ट है तेरे समझ में नहीं आएगा,... हरदम छुपा के,... आज मिला है मौका ,...और खुद जब देखो तब उसी में घुसे रहते हैं, आज मिल गया है मौका , और झट से उसने मोबाइल हाथ में लिया लेकिन
अगले पल फिर उसका चेहरा मुरझा गया,...भैया न , पता नहीं क्या क्या पासवर्ड , एक दो बार उसके कमरे में घुस के लेकिन खुला ही नहीं,...
पर आज वो पहले से खुला था , भैया लगता है कुछ देख रहे थे और वो कोई फिल्म,... लगता है उसके बाथरूम से निकलने की आवाज सुन के भैया ने जल्दी से तकिये के नीचे छिपा दिया होगा,...
और वो फिल्म देख के, गीता की साँसें तेज चलने लगी , दिल धड़कने लगा, एक हाथ उसका अपनी छाती पर , निपल्स पहले ही कड़क हो रहे थे , जाँघों के बीच में गीलापन, लसलसा सा , खुद ही वो अपनी जांघ से जाँघे रगड़ रही थी,
एक लड़की उसकी उमर की ही होगी, एक लड़के का ' वो ' खूब मोटा सा, अपने हाथ में , फिर गीता की आँखे फ़ैल गयीं , मुंह में ले के कैसे कैसे चूस रही थी , लेकिन बीच बीच लड़के का चेहरा भी दिख रहा था खूब खुश लग रहा था जैसे लड़की के चूसने से उसे खूब मजा आ रहा था
गीता को उस लड़के की जगह अपना भाई नजर आ रहा था , ... और सोच रही थी , भैया को अच्छा लगे तो वो भी मुंह में ले लेगी।
और थोड़ी ही देर में जो गीता अपने भैया को अब जब भी देखती थी सोचती थी वही ,...
वो लड़की पलंग पर लेटी दोनों टाँगे उठी , और उसका भाई ,.. नहीं वो लड़का टांगों के बीच में कित्ते जोर जोर से ,... और उसे लगा लड़की रोयेगी , पर वो तो मारे ख़ुशी के उसे अपनी ओर खींच रही थी , खुद नीचे से अपना ,..अपना चूतड़ उचका रही थी ,...
गीता देख फिल्म रही थी पर सोच अपने भाई के बारे में रही थी कितना मज़ा आये अगर भैया भी उसके साथ इसी तरह करें ,... वो कभी भी मना नहीं करेगी ,... इस लड़की को कित्ता मजा आ रहा है,...
फिर पोज बदल के , गोद में बिठा के , वो लड़की खुद ही उछल उछल के ,...
और वो लड़की बिस्तर पे लड़का पलंग के नीचे खड़ा,...
गीता की ऊँगली शलवार के अंदर अब सहेली के पास फांको को दबाती मसलती ,...
एक के बाद दूसरी फिल्म ,... फिर उसने जल्दी जल्दी बढ़ा के देखा और क्या है ,..पिक्चर फोल्डर खोला तो पहली ही पिक
उसकी अपनी,... कल जो भैया को तंग कर रही थी उकसा रही , थी रिश्तों में हसीन बदलाव के लिए बस वही सूट ,... दो चार पिक्स ,...
गीता जोर से मुस्करायी , सगी बहन को गर्ल फ्रेंड बनाना चाहते है और डरते भी हैं,..
लेकिन तभी बाथरूम से दरवाजा खुलने की आवाज आयी और झट से पहले तो गीता ने सारे फ़ोल्डर्स बंद किये फिर मोबाइल स्विच आफ किया तब तक वो निकल आये थे और उन्होंने गीता के हाथ में मोबाइल देख लिया,... और आग बबूला , लेकिन गीता समझ रही थी कित्ता गुस्सा है कित्ता मस्ती
" तुझे बोला था न की तेरे हाथ में ये मोबाइल देख लूंगा तो बहुत मारूंगा तुझे। "
बस गीता को मौका मिल गया, वो पिक्चरें देख के बहुत गरमा रही थी सहेली अभी भी गीली थी , उभार एकदम पत्थर, निप्स कंचे की तरह कुर्ती को फाड़ रहे थे,..
झप्प से बिस्तर उतर कर अपने भैया के पास और उसे कस के दबोच लिया और चिढ़ाते बोली,...
" तो मार लो न, डरती हूँ क्या किसी से,... खाली कहते रहते हो मारते तो हो नहीं , ले लिया मैंने तेरा,... '
उसकी गरम देह का असर तो होना ही था और उसके भाई ने भी अब कस के उसे दबोच लिया , बस गीता ने अपने कड़े कड़े उरोज उसके सीने में गड़ाने शुरू कर दिए , गाल भैया के गालों से रगड़ रहे थे,... बड़ी मुश्किल से उसका भाई बोल पाया,...
" तू डरती नहीं है "
" ना एकदम नहीं , किससे डरूंगी तुझसे , ... " कस के अपनी बाँहों से उसे भींचती मुस्कराती बोली,...
और अब उसका भाई भी अपनी देह उसकी देह से रगड़ रहा था , खूंटा खड़ा तना, ...
" मैं बड़ी जोर जोर से मारता हूँ "
" मैं भी बड़ी हो गयी हूँ ,... भैया लगता है तुझे पता नहीं '
एक बार फिर खुल के अपने उभार उसके सीने में दबाती वो बोली,... फिर हलके से उसके कान में बोली ,
" मैं, मैं ,...मैं मरवा लूंगी। "
अब रिश्तों में बदलाव आलमोस्ट पूरा हो गया था वो अपना खूंटा उसकी जाँघों के बीच गड़ा रहा था एक हाथ से छोटे छोटे अपनी सगी बहन के नितम्बों को दबा रहा था मसल रहा था, बहन सिसक रही थी, पिघल रही थी,...
" मैं कुछ भी करूँ,... "
बड़ी मुश्किल से उसके भाई के बोल फूटे , उसके समझ में नहीं आ रहा था अपनी बहन से साफ़ साफ़ मन की बात कैसे कहे,...लेकिन उसके मन की बात उसकी बहन ने खुद ही बोल दी वो भी एकदम साफ़ साफ़, उसके बाद कुछ बचा नहीं था।
" कुछ भी , ...और कुछ भी का मतलब कुछ भी करो,... मैं करवा लूंगी,... सच्ची सच्ची , मेरी कसम , तेरी कसम, माँ कसम। '
और कुछ देर तक दोनों , फिर उसका भाई बोला,...
" नहीं यार तुझे नहीं मालूम , बहुत दर्द होगा तुझे तू नहीं करवा पाएगी,... "
अब वो गुस्सा हो गयी , खींच के भाई का हाथ सीधे उसने अपने जोबन पर रख के खुल के कस के दबाया, और समझाते बोली,
" भैया, तुम खुद देख लो , मैं सच में बड़ी होगयी हूँ , मेरी दिल की बात सुनो,... और मुझे सब मालूम है , सब,..दर्द, खून खच्चर,... बस भैया,... '
" माँ से तो नहीं बोलेगी " अब प्यार से गाल सहलाते हुए उसके भाई ने पूछा,..
" भाई बहन की बात में माँ का क्या काम नहीं बोलूंगी , किसी से नहीं बोलूंगी , .. पक्का , तेरी कसम,... " उसके कान में जीभ से सुरसुरी करते गीता बोली,...लेकिन तबतक माँ की पुकार आ गयी और गीता उनके पास , लेकिन चलने के पहले अपनी ब्रा में छिपाए मोबाइल को अपने भाई को दूर से कैच करा के मुंह चिढ़ाते निकल गयी. गीता के दिमाग में रात भर वो फ़िल्में घूम रही थीं और उस लड़की की जगह वो और लड़के की जगह उसका भाई,... तीन साल ही तो बड़ा था,.. , लेकिन देह उसकी,... बस हाँ एक शरारत उसने की , बाथरूम तो उसी के कमरे से था , उसका छेद गोला प्रकार ले कर उसने थोड़ा और बड़ा कर दिया,...
अगले दिन वो नहाने गयी तो बस इन्तजार कर रही थी , छेद में आँख, आँख , कब आएगी ,...
Sulayega nahi biwi ki tarah Raat bhar chodegaसंगितवा तो छत का दरवाजा बंद करके भाई के साथ मुंडेर के पीछे... भाई के ऊपर चढ़ के गपागप घोंटती थी....
उस उम्र में भी ... जहाँ इस फोरम पर इजाजत नहीं है....
एकदम हस्तिनी प्रवृत्ति की...
अब तक तो अरविंद लड़की की तरह देख रहा है....
लेकिन एकाध दिन में हीं... बीवी की तरह रोज रात को साथ में सुलाएगा....
Excellent didi, superb, super duper updateसगे भैया के साथ,
रिश्तों में हसीन बदलाव
गीता ने तीन तिरबाचा भरा , एकदम से चुदवा लेगी उससे जिसे भाभी बताएंगी ,...
और भाभी ने हलके हलके गीता के उभार मसलते हुए उसकी चूँचिया रगड़ते चूम के , हंस के वो बोलीं ,
" अरे ननद रानी लड़का तो तेरे घर में ही है इतना मस्त जवान लौंडा , तेरी कसम जब खोलेगा न तो सात इंच से कम नहीं होगा , पक्का चोदू,... तेरा भाई,... घर में छोरा , अरे थोड़ा सा डोरे डाल, ऐसे आ रहे जोबन गाँव जवार में नहीं है , आ जाएगा तेरे चक्कर में ,... "
अब गीता , गज़ भर उछली,.... भाभी ये क्या , मजाक ठीक है ,... लेकिन सच में ,...वो मेरा भाई है सगा भाई,... उसके साथ '
भाभी ने अब कस के उसके गाल चूमे और बोलीं,
' बिन्नो , डोली पे चढ़ के चुदवाने जिस के घर जायेगी , सज धज के लौंड़ा खाने सुहाग सेज पर बैठेगी वो भी तो किसी का भाई होगा , और जिसे तेरा भाई लाएगा चोदने वो भी तो किसी की बहन होगी,..."
गीता सोच में पड़ गयी , ये बात तो भाभी की एकदम सही है , और जब भाभी को लगा चिड़िया बस दाने चुगने वाली है , उन्होंने प्यार दुलार से गीता की ठुड्डी पकड़ के, आँखों में आँखे डाल के कहा,
" सुन बिन्नो , भाई से खास कर सगे भाई से करवाने में तीन जबरदस्त फायदे हैं , तू कहे तो बताऊँ, जबरदस्ती नहीं है,... बुरा माने तो '
गीता हंस के बोली , बताइये न भाभी , बुरा क्यों मानूंगी ,... "
और भाभी ने गिनवाना शुरू कर दिया ,
' देख पहला फायदा ,जगह का,...
किसी और से मानले तूने टांका भिड़ा लिया , गाँव का , पड़ोस के स्कूल का लौंडा ,... मिलेगी कहाँ,... गन्ने का खेत , अरहर,... और वो भी बारहों महीने तो रहते नहीं , ... फिर कब कौन सा बहाना बना के जायेगी रोज रोज,... और तुम दोनों के पास टाइम ,...
घर में सगे भाई के साथ जगह ही जगह , टाइम ही टाइम,... घर में माँ नहीं है तो दोनों जब जाहे जब , माँ सो जाए तो पूरी रात तेरी ,... और घर में माँ हो तो बाहर खेत वेत में,... कोई साथ देखेगा तो बोलेगा भी नहीं ,... "
गीता ध्यान से सुन भी रही थी सोच भी रही थी,... भाभी बोल तो सही रही थीं,...
और भाभी ने देखा की तीर निशाने पर लग रहा है तो उन्होंने दूसरा फायदा भी बताना शुरू कर दिया,...
" देख दूसरा,
डर हर लड़की को रहता है बदनामी का , और तू तो एकदम ही भोली है सीधी बछिया,... नहीं गाँव में बदनामी की बात नहीं,...
वो लड़का बदनामी का डर दिखाके लड़की को बोलेगा , चल में इस दोस्त के नीचे लेट वरना ,... और दूसरा दोस्त तीसरे के साथ ,... फिर दो चार महीने में लड़की पता चला पंचायती हो गयी , गाँव का हर लौंडा उसे चोद चुका है , फिर वो खुद लौंड़ा ढूंढ़ती फिरेगी , और उसकी पूछ भी नहीं , बदनामी अलग ,"
गीता बहुत ध्यान से सुन रही थी और भाभी ने बिना रुके अगला फायदा गिनवा दिया,...
"देख एक तो जगह वगह ढूँढ़ने का चक्कर नहीं , दूसरे बदनामी का डर नहीं लेकिन सबसे बड़ा फायदा ,... लम्बे समय तक मज़ा ले सकती है , लौंडे तो कल वो पढ़ने कहीं बाहर चला गया , कहीं कमाने चला गया , कहीं महीने दो महीने बाद कोई और लौंडिया उसे फांस ली , या उसी का मन भर गया,... तो बस दूसरा खूंटा ढूंढो , घर का माल है , सगा भाई है तो कहाँ जाएगा , और जाएगा भी लौट के घर पे आएगा,..."
गीता सोचती रही फिर बोली,...
"भाभी आपकी सब बातें सोलहों आना सही , लेकिन अगर भैया मुझे उस नजर से न देखते हों ,मतलब उन्हें मुझमे लड़की नहीं छोटी बहन नजर आती हूँ ,..."
भाभी मुस्करायीं समझ गयीं ननद फिसल रही है लेकिन उन्होंने बजाय जवाब देने के कुछ और बोला,
" जानती है तेरे भाई में वो बात है ,... मेरी नजर मर्दों के मामले में कभी गलत नहीं होती , उसका खूंटा खूब लंबा मोटा होगा ये तो मैं बता ही चुकी हूँ ,... लेकिन असली खेल है , ... वो लम्बी रेस का घोडा होगा , पक्का , दो चार बार झाड़ के ही झड़ेगा, बिन्नो ऐसे यार बड़ी मुश्किल से मिलते हैं छोड़ मत। "
अब गीता झुंझला उठी,...
" भाभी आपकी सब बात मैंने मान ली , मैं तैयार भी हो गयी , मान लीजिये लेकिन वो मुझे उस नजर से मतलब जैसे और लड़के देखते हैं ,...
भाभी ने हँसते हुए गीता को अँकवार में भर लिया और बोली , मैं काहें को हूँ।फिर प्यार से अपने ननद को चूमके बोलीं ,
' अरी पगली , तू यही कहना चाहती है न की तुम दोनों के रिश्तों में हसीन बदलाव कैसे आएगा , तो मैं बताती हूँ , असली चीज है लौंडो के लिए ये दोनों ,... "
कुर्ती के ऊपर से गीता के उभार सहलाते वो बोलीं, फिर समझाया,... ' देख पहले तो अपने इस रिश्ते को हसीन रिश्ते में बदल , जब अपने भैया को देख , उस में अपना यार देख , जो तुझे चूम रहा है तेरे चूजों को मसल रहा है , तेरी टांग उठा के ,... और अपनी निगाह बस उसके खूंटे की ओर , मज़ा तो तुझे वही देगा ,... बस रिश्तों में हसीन बदलाव शुरू हो जाएगा,... "
" अरे मेरी मीठी मीठी भाभी , वो तो मैं आज ही से शुरू कर दूंगी,... आपकी ननद हूँ , लेकिन वो मेरा भाई, वो रिश्तों में हसीन बदलाव,... कैसे उसे मेरा चस्का लगेगा,... "
" बताती हूँ , यार बात तेरी सही है थोड़ा ज्यादा ही सीधा है स्साला देवर मेरा , बस तू दुपट्टा उसके सामने ही हटाना , उसके पहले गले से चिपका के दोनों उभार उसे दिखाते हुए पूछना , बोलो भैया ऐसे मैं कैसी लगती हूँ , फिर उससे चिपक के बैठ और दुप्पटा जान बूझ के फर्श पे गिरा दे , कभी उसके कंधे पर हाथ रख कभी जांघ पे , बस दो चीज नोटिस करना की तुझसे नजरें चुरा रहा है की नहीं ,
दूसरे उसके तम्बू में बम्बू खड़ा हुआ की नहीं,.. फिर देखना की चोरी चोरी वो तेरे उभारों को देखना शुरू कर देगा , जब तू उसकी ओर नजर करेगी तो नजर चुरा लेगा। "
और गीता ने वही किया और रिश्तों में हसीन बदलाव शुरू हो गया,... और वो भी हो गया, जो दोनों भाई बहन चाहते थे।
लेकिन पहल गीता को ही करनी पड़ी, पहले तो भाभी ने जो टेस्ट बताया था, दुपट्टा गिराना उठाना, सम्हालना , गले से चिपकाना,... जवान होने से पहले ही लड़कियां सीख लेती हैं , दुपट्टा जवानी को छिपाने का नहीं, लड़कों को ललचाने का हथियार है, नयी नई उभर रही जवानी का साइनबोर्ड , ... कुछ तो है उसके पीछे जिसका पर्दा है,
और अगर कोई लड़का ज्यादा ही शर्मीला हो तो ऊँगली में दुप्पटे को फंसा के घुमाना, कभी दांतो के बीच दबा लेना तो कभी खिलखिला के हँसते हुए दुपट्टे से मुंह छिपा लेना,...
और भाभी ने जो पहचान बताई थी, रिश्तों में हसीन बदलाव को आजमाने की सौ फीसदी सही उतरी,... नजरें छुपाना चुराना , और गीता ने एकदम गले से चिपका के जब दुपट्टा किया , उसके उड़ने को तैयार कबूतर एकदम चोंचे उठाये,... बेचारे की हालत खराब,...
लेकिन जैसे ही गीता ने बड़े अंदाज से उसपर से नजरें हटायीं , चोरी पकड़ी गयी , एक टक निगाह भाई की उन्हों दोनों चूजों पे, ... ललचाता लिबराता,... लड़कियों की तो एड़ी में आँखे होती हैं , और लड़कों की निगाह पहचानना लड़कियां अपने आप सीख जाती हैं,... और गीता ने अपने भाई की निगाह पहचान ली,...
और आखिरी टेस्ट जो भाभी ने बताया था वो भी पूरा हो गया,.... घर में वो बारमूडा पहन के टहलता था, तम्बू में बम्बू , ... एकदम खड़ा तना, ...और साइज भी क्या,... जबरदस्त मान गयी गीता भाभी को भी अपने भैया को भी,...
और उसे चिढ़ाने का मौक़ा मिल गया , बारमूडा को अपने हाथ से सहलाते बोली,
"भैया तेरा तो ये बहुत अच्छा है, बरमूडा, देख एक दिन मैं ले लूंगी इसे,... मेरे ऊपर बहुत अच्छा लगेगा।"
बेचारे की हालत खराब,... किसी तरह थूक घोंटते बोला,.... " लड़कियां नहीं पहनती,... मैं नहीं दूंगा,... "
" बुद्धू' गीता एकदम चिपक गयी थी , वो झुकी और दुपट्टा फर्श पर गिर पड़ा या उसने गिरा दिया पर उठाने की कोशिश नहीं की , और उसके गाल पे हलकी सी चिकोटी काट के बोली ,
" तू भी न भैया,... जो चीज पसंद आये , अच्छी लगे मांग लेनी चाहिए , बल्कि घर की चीज को मांगने की भी क्या जरूरत,... बस सीधे ले लेनी चाहिए,... "
अब उस बेचारे की हालत खराब, नीचे तूफ़ान आ रहा था बड़ी मुश्किल से इस डबल मीनिंग दावतनामे का जवाब देने की कोशिश करता वो बोला,....
" और तू न दे तो,... "
वो जोर से खिलखिलाई, फिर अपने भाई का हाथ खींच सीधे अपने सीने पर रखती बोली,...
" तू भी न , मेरे दिल की आवाज सुनो न ,... आज तक मैंने तुझे कोई चीज मना की है , बचपन से , तो बड़ी हो गयी हूँ तो क्या हुआ , फिर मेरे मना करने पर कौन तू मानता था, तो अभी भी , पहले की तरह जबरदस्ती ले लो,... मैं थोड़ा हाथ पैर पटकूँगी , .... बस। "
जितना वो हाथ छुड़ाने की कोशिश करता,... उतना ही उसे वो और अपने उभारों पे खुल के दबाती,... लेकिन किसी तरह से वो छुडाके,... पर रिश्तों में हसीन बदलाव शुरू हो गया , गीता ने नोटिस किया अब तो उसे एक लड़की की तरह ही देखता था , जैसे कोई भी लड़का बात लड़की से करेगा , लेकिन निगाहें जुबना की नाप जोख करती रहेंगी,... और गीता भी,...
Gazab, adbhut,top updatesभैया का मोबाइल
उसकी निगाह भाई के मोबाइल पर पड़ गयी , उसकी बांछे खिल गयीं, भैया उसे छूने नहीं देते थे , स्मार्ट है तेरे समझ में नहीं आएगा,... हरदम छुपा के,... आज मिला है मौका ,...और खुद जब देखो तब उसी में घुसे रहते हैं, आज मिल गया है मौका , और झट से उसने मोबाइल हाथ में लिया लेकिन
अगले पल फिर उसका चेहरा मुरझा गया,...भैया न , पता नहीं क्या क्या पासवर्ड , एक दो बार उसके कमरे में घुस के लेकिन खुला ही नहीं,...
पर आज वो पहले से खुला था , भैया लगता है कुछ देख रहे थे और वो कोई फिल्म,... लगता है उसके बाथरूम से निकलने की आवाज सुन के भैया ने जल्दी से तकिये के नीचे छिपा दिया होगा,...
और वो फिल्म देख के, गीता की साँसें तेज चलने लगी , दिल धड़कने लगा, एक हाथ उसका अपनी छाती पर , निपल्स पहले ही कड़क हो रहे थे , जाँघों के बीच में गीलापन, लसलसा सा , खुद ही वो अपनी जांघ से जाँघे रगड़ रही थी,
एक लड़की उसकी उमर की ही होगी, एक लड़के का ' वो ' खूब मोटा सा, अपने हाथ में , फिर गीता की आँखे फ़ैल गयीं , मुंह में ले के कैसे कैसे चूस रही थी , लेकिन बीच बीच लड़के का चेहरा भी दिख रहा था खूब खुश लग रहा था जैसे लड़की के चूसने से उसे खूब मजा आ रहा था
गीता को उस लड़के की जगह अपना भाई नजर आ रहा था , ... और सोच रही थी , भैया को अच्छा लगे तो वो भी मुंह में ले लेगी।
और थोड़ी ही देर में जो गीता अपने भैया को अब जब भी देखती थी सोचती थी वही ,...
वो लड़की पलंग पर लेटी दोनों टाँगे उठी , और उसका भाई ,.. नहीं वो लड़का टांगों के बीच में कित्ते जोर जोर से ,... और उसे लगा लड़की रोयेगी , पर वो तो मारे ख़ुशी के उसे अपनी ओर खींच रही थी , खुद नीचे से अपना ,..अपना चूतड़ उचका रही थी ,...
गीता देख फिल्म रही थी पर सोच अपने भाई के बारे में रही थी कितना मज़ा आये अगर भैया भी उसके साथ इसी तरह करें ,... वो कभी भी मना नहीं करेगी ,... इस लड़की को कित्ता मजा आ रहा है,...
फिर पोज बदल के , गोद में बिठा के , वो लड़की खुद ही उछल उछल के ,...
और वो लड़की बिस्तर पे लड़का पलंग के नीचे खड़ा,...
गीता की ऊँगली शलवार के अंदर अब सहेली के पास फांको को दबाती मसलती ,...
एक के बाद दूसरी फिल्म ,... फिर उसने जल्दी जल्दी बढ़ा के देखा और क्या है ,..पिक्चर फोल्डर खोला तो पहली ही पिक
उसकी अपनी,... कल जो भैया को तंग कर रही थी उकसा रही , थी रिश्तों में हसीन बदलाव के लिए बस वही सूट ,... दो चार पिक्स ,...
गीता जोर से मुस्करायी , सगी बहन को गर्ल फ्रेंड बनाना चाहते है और डरते भी हैं,..
लेकिन तभी बाथरूम से दरवाजा खुलने की आवाज आयी और झट से पहले तो गीता ने सारे फ़ोल्डर्स बंद किये फिर मोबाइल स्विच आफ किया तब तक वो निकल आये थे और उन्होंने गीता के हाथ में मोबाइल देख लिया,... और आग बबूला , लेकिन गीता समझ रही थी कित्ता गुस्सा है कित्ता मस्ती
" तुझे बोला था न की तेरे हाथ में ये मोबाइल देख लूंगा तो बहुत मारूंगा तुझे। "
बस गीता को मौका मिल गया, वो पिक्चरें देख के बहुत गरमा रही थी सहेली अभी भी गीली थी , उभार एकदम पत्थर, निप्स कंचे की तरह कुर्ती को फाड़ रहे थे,..
झप्प से बिस्तर उतर कर अपने भैया के पास और उसे कस के दबोच लिया और चिढ़ाते बोली,...
" तो मार लो न, डरती हूँ क्या किसी से,... खाली कहते रहते हो मारते तो हो नहीं , ले लिया मैंने तेरा,... '
उसकी गरम देह का असर तो होना ही था और उसके भाई ने भी अब कस के उसे दबोच लिया , बस गीता ने अपने कड़े कड़े उरोज उसके सीने में गड़ाने शुरू कर दिए , गाल भैया के गालों से रगड़ रहे थे,... बड़ी मुश्किल से उसका भाई बोल पाया,...
" तू डरती नहीं है "
" ना एकदम नहीं , किससे डरूंगी तुझसे , ... " कस के अपनी बाँहों से उसे भींचती मुस्कराती बोली,...
और अब उसका भाई भी अपनी देह उसकी देह से रगड़ रहा था , खूंटा खड़ा तना, ...
" मैं बड़ी जोर जोर से मारता हूँ "
" मैं भी बड़ी हो गयी हूँ ,... भैया लगता है तुझे पता नहीं '
एक बार फिर खुल के अपने उभार उसके सीने में दबाती वो बोली,... फिर हलके से उसके कान में बोली ,
" मैं, मैं ,...मैं मरवा लूंगी। "
अब रिश्तों में बदलाव आलमोस्ट पूरा हो गया था वो अपना खूंटा उसकी जाँघों के बीच गड़ा रहा था एक हाथ से छोटे छोटे अपनी सगी बहन के नितम्बों को दबा रहा था मसल रहा था, बहन सिसक रही थी, पिघल रही थी,...
" मैं कुछ भी करूँ,... "
बड़ी मुश्किल से उसके भाई के बोल फूटे , उसके समझ में नहीं आ रहा था अपनी बहन से साफ़ साफ़ मन की बात कैसे कहे,...लेकिन उसके मन की बात उसकी बहन ने खुद ही बोल दी वो भी एकदम साफ़ साफ़, उसके बाद कुछ बचा नहीं था।
" कुछ भी , ...और कुछ भी का मतलब कुछ भी करो,... मैं करवा लूंगी,... सच्ची सच्ची , मेरी कसम , तेरी कसम, माँ कसम। '
और कुछ देर तक दोनों , फिर उसका भाई बोला,...
" नहीं यार तुझे नहीं मालूम , बहुत दर्द होगा तुझे तू नहीं करवा पाएगी,... "
अब वो गुस्सा हो गयी , खींच के भाई का हाथ सीधे उसने अपने जोबन पर रख के खुल के कस के दबाया, और समझाते बोली,
" भैया, तुम खुद देख लो , मैं सच में बड़ी होगयी हूँ , मेरी दिल की बात सुनो,... और मुझे सब मालूम है , सब,..दर्द, खून खच्चर,... बस भैया,... '
" माँ से तो नहीं बोलेगी " अब प्यार से गाल सहलाते हुए उसके भाई ने पूछा,..
" भाई बहन की बात में माँ का क्या काम नहीं बोलूंगी , किसी से नहीं बोलूंगी , .. पक्का , तेरी कसम,... " उसके कान में जीभ से सुरसुरी करते गीता बोली,...लेकिन तबतक माँ की पुकार आ गयी और गीता उनके पास , लेकिन चलने के पहले अपनी ब्रा में छिपाए मोबाइल को अपने भाई को दूर से कैच करा के मुंह चिढ़ाते निकल गयी. गीता के दिमाग में रात भर वो फ़िल्में घूम रही थीं और उस लड़की की जगह वो और लड़के की जगह उसका भाई,... तीन साल ही तो बड़ा था,.. , लेकिन देह उसकी,... बस हाँ एक शरारत उसने की , बाथरूम तो उसी के कमरे से था , उसका छेद गोला प्रकार ले कर उसने थोड़ा और बड़ा कर दिया,...
अगले दिन वो नहाने गयी तो बस इन्तजार कर रही थी , छेद में आँख, आँख , कब आएगी ,...
arre aap jaldi men lagat hai padhana bhool gayin , ekdm shuru ki do laaine, chaliye aap ke liye repeat kar deti hun,Excellent didi, superb, super duper update
Thanks for advertising ur Raji's story.
Lekin mujhe ek baat kehni hai ,ke ek to uske bhai ko koi naam do.
Aur dusra jese last two paragraphs mein dono ne samvad kiya hai aise hi Gita aur Mr.X ki erotic battein karvao please.
Aur last but not the least, mind mat karna apni Raji ke suggestion ko.Suggestions will take out the best out of my
gem(Komal) didi.It's for next updates.
Thanks so much, and praise coming from somebody whose incest story is galloping, breaking, reaching new heights every day. It's like sky stooping to earth to appreciate, you deigned to shower praise on my maiden efforts to a real incest story ( or part of it), where i have never ventured before, ... i am speechless and can only request you to keep me guiding, holding my hands and helping me in this attempt. Although, it is a part of story but i am inspired by two things, our own Kathasaritsagar (of Somdeva) and Russian dolls, Matryoshka, where a story will lead to another, and it will further bloom into a full story. so this attempt of Incest and tribute to your great work (it's, not an advertisement to your story, does Sun requires a billboard or time before a match, it rise itself is an announcement and so it your story) ,Gazab, adbhut,top updates
(my suggestion stands)
Ekdam sahi kaha aapne bas ek do posts ke baad se, lekin sirf raat men hi nahi din dhahade bhi aakhir bhaiya hai usakaSulayega nahi biwi ki tarah Raat bhar chodega
Thanks so much, INCEST likhne ki meri pahli chhoti si koshish hai , is forum me ek se ke bade story writers Bhai-Bhan, ke armaanon ki kahani likhte hain main apni story ke ek part ki tarh, lekin ye part aalmost ek chhoti moti kahani ki tarah hi hoga lekin mool kahani se juda hoga, thanks for supporting and liking , bahoot se readers ki demand thi isliye maine socha TRY KARNE ME KAY HARZ HAIKya maje hau geeta k bhai ke.....
Lajawab komal bhabhi T