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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Perfect, awesome updates" मार लो,... "
दिन भर वो मौका आपके अपने भाई को चिढ़ाती रही, छेड़ती रही, उकसाती रही. कभी पीछे से उसको दबौच लेती थोड़ा , बिना ढक्कन के अपने कच्चे टिकोरों को उसकी पीठ पे रगड़ते बोलती,...
" भैया, मारो न, सच्च में मैं किसी से नहीं कहूँगी,... "
और पीछे से उसके कानो पर एक किस्सी ले लेती , जो कत्तई भाई बहिन वाली नहीं होती,...
अगले दिन भी माँ कहीं पड़ोस में गयी थीं , और गीता का स्कूल भी था, नहा के, बिना ब्रा के सिर्फ सफ़ेद स्कूल टॉप और स्कर्ट में वो बाथरूम में,...
और भाई के बाथरूम में अंदर घुसते ही आज बजाय मोबाइल के, वो दरवाजे से चिपक गयी, थोड़ी देर में ही उसका भाई चालू था, उसकी २८ सी की टीन सफ़ेद ब्रा हाथ में लिए, पूरी तेजी से मुट्ठ मार रहा था , जितनी तेजी से उसका हाथ चल रहा था उतनी ही तेजी से उसकी छुटकी बहिनिया के छोटे छोटे कबूतर अपने भैया का मूसल सा लंड देखकर धड़क रहा था, ...
गीता ने एक पल घडी की ओर नजर डाली,... अभी स्कूल में टाइम था,...
और भाई का हाथ पूरी तेजी से चल रहा था, आँखे बंद थीं,
गीता की भी आँखे बंद हो गयीं बस उसे लग रहा था किसी तरह यह मोटा दोस्त उसकी सहेली के अंदर ,लम्बा कितना, भैया के मुट्ठी बंद करने के बाद भी आधे से ज्यादा मुट्ठी से बाहर, उसके तो बित्ते से बड़ा ही होगा और भैया की भी मुट्ठी में नहीं समा पा रहा था,... ओह्ह्ह कित्ता मज़ा आएगा, ... जब उसकी दोनों टाँगे उठा के भैया इसे पेलेगा उसकी कोरी बिल में
और जब उसकी आँखे खुलीं तो उसके भैया ने ब्रा के कप फिर एक बार अपने खुले सुपाडे , और थोड़ी देर में सफ़ेद दूध की धारा बह निकली, खूब गाढ़ी मलाई मार के, और की कटोरे के बाद दूसरे कटोरे को,... वो भी छलकने लगा,...
गीता खूब गरमा गयी थी , समझ में नहीं आ रहा था क्या करे,, दोनों जाँघों को एक दूसरे से रगड़ती रही , उसकी चड्ढी भी हलकी हलकी गीली हो गयी थी, 'वो ' खूब लसलसा गयी थी,
बाहर जा के उसने घड़े से एक ग्लास पानी पिया, थोड़ा पानी के छींटे अपने गोरे गोरे चेहरे पर मारा,... गाल पर छेड़ती लट को सीधा किया और वापस अपने कमरे में ,
भैयाअभी भी बाथरूम में था, उसने छेद से देखा बस वो निकलने वाला था और उसकी ब्रा के दोनों कप अभी भी रबड़ी मलाई से भरे,
पलंग पे वो आके बैठ गयी , उसे एक शरारत सूझी,... माँ अभी भी नही आयी थी और बाहर का दरवाजा अभी भी बंद था,...
" भैया, जल्दी निकलो , ... कित्ती देर से घुसे हो ,... "
और उसके भैया बाहर निकल आये, सिर्फ टॉवेल लपेटे, और बहन बाथरूम में अंदर,...
पहले तो दरवाजा उसने अंदर से बंद किया और उस छेद से पीठ सटा के खड़ी हो गयी , जिससे उसके भैया देखना चाहें तो भी न देख पाएं , अपना सफ़ेद स्कूल का टॉप उठा के हुक पे टांग दिया, और ब्रा उठा के अपने अनावृत नए आ रहे उरोजों पर, ...
ठंडा ठंडा ,गरम गरम , पूरे उभारों पर वो फ़ैल गया, लेकिन हाथ से कस के उन कप्स को उसने अपने कच्ची अमिया पर दबा रखा था जिससे बाहर ज्यादा न छलके सब रबड़ी मलाई वहीँ पे,... ,
पीछे हाथ उठा के उसने हुक बंद करने की कोशिश की , लेकिन एक हुक वो भी आधा बंद हुआ,... और वहीँ से उसने आवाज लगाई ,
" भैया आँखे बंद कर लो, मैं बाहर आ रही हूँ,... "
बाहर सिर्फ ब्रा और स्कर्ट पहने वो निकली,... सच में उसका भाई आँख बंद किये था,
मन ही मन उसने सोचा एकदम बुद्धू है, और उसकी ओर पीठ कर के खड़ी हो गयी,...
" भैया मुझसे अंगिया का हुक नहीं लग रहा है , बंद कर दो न , आँख मत खोलना लेकिन "
" पागल हो क्या, आँख बंद किये कैसे हुक बंद करूंगा,... " वो बोला।
तो ठीक है आँख खोल लो,... वो मान गयी,
और जब तक वो हुक बंद करता रहा वो बोलती रही,
" भैया मेरी अंगिया छोटी हो गयी है , तुम बाजार से इससे बड़ी ला दो न अच्छी सी खूब,... "
" मैं कैसे लाऊंगा , लड़कियों का सामान , फिर मुझे नाप भी क्या मालूम " आखिरी हुक लगाते वो बोला।
" अरे तो नाप लो न , " खिलखिलाती वो शरीर बोली और अपने भैया के दोनों हाथ पकड़ के अपने ब्रा में कैद उभारों पर,... पल भर के लिये दोनों को जबरदस्त करेंट लगा लेकिन भैया ने हाथ हटा लिया ,..
और वो बदमाश मुड़ी, ... उसके भैया की आँखे उसकी ब्रा से चिपकी,
" बदमाश, आँखे बंद, ... "
शरारत से वो बोली और वापस बाथरूम में और अपनी स्कूल की शर्ट पहन ली, खूब खींच के उसने टक की थी , स्कूल की बेल्ट भी खूब टाइट बाँधी थी , जिससे उभारों का कटाव , कड़ापन सब कुछ साफ़ खूब मीठे वाले प्यारे वाले बुद्धू , तूने मेरा देखा था न , चल ,... " और चलने के पहले अपने भैया का टॉवेल खींच दिया ,
उसके पकड़ते रोकते भी उसको उस बदमाश मोटू की झलक दिख गयीसाफ़ दिख रहा था,...
जैसे वो बाहर निकली, दरवाजे पर खटखट की आवाज सुनाई दी, लगता है माँ आ गयी थीं , पर चलने के पहले उसने अपने भैया के होंठों पे कस के चुम्मी ली,... और हंस के बोली,
" बुद्धू"
दरवाजे पर माँ खड़ी थी और खुलते ही हड़का लिया ,
" कहाँ सो गयी थी , तेरी सहेलियां इन्तजार कर रही हैं और शाम को सीधे घर आना किसी सहेली के यहाँ नहीं ,... "
एकदम माँ और दौड़ती उछलती अपनी सहेलियों के साथ स्कूल की ओर वो हिरणी,...
लेकिन स्कूल में तो और उसकी सहेलियों ने आग लगाई, ... जो उसकी सबसे अच्छी सहेली थी , वही जिसके जीजू ने शादी के चार दिन के अंदर उसकी फाड़ी थी, छह सात महीने पहले ही और फिर तो हफ्ते भर दीदी की ससुराल में , ... कई बार तो दीदी के सामने ही, और दीदी भी हंस के बोलती तो क्या हुआ जीजा हैं तेरे, हक़ है उनका,...
और कल शाम को वो आ गए थे आज सुबह गए ,.. रात भर,...वो दूध लेकर गयी थी उनको देने बस उन्होंने पकड़ लिया, तेरी दीदी तो आज हैं नहीं तो तेरे साथ ही,... पूरे तीन बार,... पूरा डिटेल , कितना लम्बा, ,मोटा,... एक बार तो निहुरा के भी,... और गीता को वो और उकसा रही थी,
" हे जीजू तुझे बहुत याद कर रहे थे चिरौरी कर रहे थे , गितवा की दिलवा , गितवा की ,...दस बार तो कहा होगा , ... तो मैंने भी बोल दिया ठीक है अगली बार आप आने वाले होंगे तो पहले से बता दीजियेगा , मैं साथ पढ़ने के नाम पे उसके घर से परमिशन लेके ले आउंगी। उसकी चिड़िया तो अभी तक उड़ती भी नहीं है। "
लेकिन गीता के आँख के सामने तो अपने भैया का खूंटा घूम रहा था, जो उसकी सहेली अपने जीजू का बता रही थी , ... उसके भैया के आगे कुछ भी नहीं था,...बडे घमंड से कह रही जीजू , ६ -७ मिनट से पहले कभी नहीं , और उसके भैया तो उसने खुद घड़ी देखी थी इत्ता तेजी से मुठिया रहे थे, तब भी पूरे चौदह मिनट,...
आधे से ज्यादा लड़कियां तो उसकी क्लास की स्कर्ट फैला चुकी थीं और जिनकी नहीं फटी थी उनका मज़ाक उड़ाती थीं.
एक जिसके यार आधे दर्जन से भी ऊपर थे, रोज नया किस्सा , कल शाम को वो बोली,... की दिशा मैदान के लिए गाँव की एक भाभी के साथ जा रही थी,... उन भाभी से पहले ही सेटिंग थीं , उन का कोई देवर बहुत दिन से उनसे कह रहा था,... बस वो पहले से गन्ने के खेत में था और वहीँ गन्ने के खेत में निहुरा के क्या मस्त चोदा उसने,... भाभी दूर खड़ी चौकीदारी कर रही थीं,... गन्ने के खेत में अजब ही मजा आता है।
स्कूल की छुट्टी से लौटते हुए गीता के मन में बस यही बात थी , कुछ भी हो जाय,... कुछ भी , ..आज भैया के साथ,... मन तो उनका भी इतना करता है , रोज तो मेरी ब्रा में मुट्ठ मारते हैं,... लेकिन बस वही झिझक, ... मुझे ही कुछ करना पडेगा।
बादल उमड़ घुमड़ कर रहा था,... सावन तो लगा ही था , ... खूब तेज हवा चल रही थी,... लग रहा था पानी बरसेगा,...
और घर में पहुँचते ही वो ठिठक गयी , माँ एकदम तैयार , खूब सज धज के हरी साडी हरी चूड़ियां ,... गोरी तो वो खूब थीं ही , थोड़ी मांसल ,बहुत सुन्दर लग रही थीं,... उनका बैग भी बगल में रखा था, ...
भैया भी वहीँ खड़ा,
माँ ने उसे पकड़ के दुलराते हुए कहा ,
" तेरी ही बाट जोह रही थी,... मैं एकदम तैयार थी , तेरे मामा के यहाँ जा रही हूँ ,... उनका अर्जेन्टी बुलावा आया है ,... मामी को अपने मायके जाना पड़ा, कोई बात है ,... तो मुझे बुलाया है बस आज के लिए कल शाम को मैं आ जाउंगी,... घबड़ाना मत , बाहर मत जाना,... दो तीन दिन तेरी स्कूल की भी तो छुट्टी है, ... खाना मैंने बना के रख दिया है , खुद भी खा लेना भैया को भी दे देना। "
वो और दुलार से माँ से दुबक गयी और भैया को शरारत से देखते बोली,
" दे दूंगी, लेकिन एक बात है माँ, भैया से कह देना ,.... "
"क्या बोल न,... " माँ ने पूछा।
" भैया से कह देना,... मारेंगे नहीं ,..."
" क्यों नहीं मारेगा , जरूर मारेगा, ... कस के मारेगा, ... अरे तू उसकी छोटी बहन है तुझे नहीं तो क्या बाहर किसी को,... " माँ ने प्यार से गीता को चपत मारते हुए अपने बेटे को देखा और उसको और उकसाया,...
" हे ये मना भी करे न तो भी मारना जरूर, और कस के,... "
" मैं बहुत जोर से चिल्लाऊंगी ,... " गीता खिलखिलाते हुए बोली।
" तो ये तेरा मुंह बंद करके मारेगा,... ऐसे " माँ ने हँसते हुए गीता का मुँह अपने हाथ से कस के बंद कर के बोलीं , फिर जाते हुए कहा,
" अच्छा बड़े प्यार से मारेगा , अब तो ठीक, चलती हूँ नहीं तो बस छूट जाएगी। " और वो चली गयीं।
Thanks so much, first comment on this post first some body who has made this genre her own,... i am so happy aur aapke suggestion ke hisaab se likhne ki poori koshish karungi,... asali action agale post men aa aajeygaPerfect, awesome updates
Gita school se vapas ayi to arvind drawing room mein betha uska intzaar kar raha tha.
Gita uske pass beth kar puchhne lagi,bhya khana kha liya kya.
Arvind ne uske ubharo ki aur dekhte hue kaha , ajj to me dudh pina chahata hu agar pilaogi to.
Bhya mein to kab se pilane ke liye tyar hu tum ne kabhi manga hi nahi.
Aur mein apna dudh aise waste bhi nahi karti, jese tum apni malai kapdo par laga kar waste karte rehte ho.(sample).
Please don't mind didi,jese Aru meri sis comments mein kuch likh deti hai aise hi tumari Raji sis ne likha hai.
वास्तविक सेक्स के बजाय ये छेड़ छाड़ वाली डायलोगबाजी... एक अलग आनंद प्रदान करती है....“' छिनार इत्ता मोटा मोटा लंड घोंट जाती है , दो उँगरी से का होगा रंडी की बेटी का,... " और मैंने भी तीन ऊँगली, और साथ में भी आज उनकी बात का जवाब दे रही थी, ... " अरे वही लंड घोंटती हूँ , जो पहले यहाँ जाता था, ... बोलिये जाता था न , बेटा चोद,... " और खचखच ऊँगली करने के साथ मेरा अंगूठा उनके क्लिट पे भी रगड़घिस्स कर रहा था , उनकी हालत खराब, लेकिन मेरी माँ को गाली देती बोलीं , सात पुस्त रंडी रही होगी तेरी माँ जो तेरी ऐसी बेटी जन , मस्त चुदास,... अरे ये तो सोच तेल लगा लगा के जो उसको लंबा मोटा किया , अपनी बिल में ले ले के गुल्ली डंडा खेलना सिखाया , कैसे धक्के मारे, कैसे रगड़ रगड़ के,... तो फायदा किसका हो रहा है तेरा ही न,... अभी बुलाऊंगी अपनी समधन को और अपने सामने उनके दामाद को चढ़ाउंगी उनके ऊपर “
Waaaah garam
Post in action is required... may be in flashback or narration by participants to other character.. like sangita and her friend.“”और उन्ही से कबूला की वो मादरचोद बहन चोद, सब हैं औरसब से पहलेअपनी बुआ पर , बल्कि उनकी बुआ ने ही पकड़ के उन्हें चोद दिया था और चुदाई के सारे दांव पेंच सिखाये थे ,.””
Ek flashback to bua ke sath patidev ka banta hai