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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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भाग ९६

ननद की सास, और सास का प्लान

Page 1005,


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भाग २९ -इन्सेस्ट का किस्सा

तड़पाओगे, तड़पा लो,... हम तड़प तड़प के भी




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" तो मार लो न, डरती हूँ क्या किसी से,... खाली कहते रहते हो मारते तो हो नहीं , ले लिया मैंने तेरा,... '

उसकी गरम देह का असर तो होना ही था और उसके भाई ने भी अब कस के उसे दबोच लिया , बस गीता ने अपने कड़े कड़े उरोज उसके सीने में गड़ाने शुरू कर दिए , गाल भैया के गालों से रगड़ रहे थे,... बड़ी मुश्किल से उसका भाई बोल पाया,...

" तू डरती नहीं है "


" ना एकदम नहीं , किससे डरूंगी तुझसे , ... "

कस के अपनी बाँहों से उसे भींचती मुस्कराती बोली,...

और अब उसका भाई भी अपनी देह उसकी देह से रगड़ रहा था , खूंटा खड़ा तना, ...


" मैं बड़ी जोर जोर से मारता हूँ "

" मैं भी बड़ी हो गयी हूँ ,... भैया लगता है तुझे पता नहीं '

एक बार फिर खुल के अपने उभार उसके सीने में दबाती वो बोली,... फिर हलके से उसके कान में बोली ,


" मैं, मैं ,...मैं मरवा लूंगी। "




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अब रिश्तों में बदलाव आलमोस्ट पूरा हो गया था वो अपना खूंटा उसकी जाँघों के बीच गड़ा रहा था एक हाथ से छोटे छोटे अपनी सगी बहन के नितम्बों को दबा रहा था मसल रहा था, बहन सिसक रही थी, पिघल रही थी,...

" मैं कुछ भी करूँ,... "

बड़ी मुश्किल से उसके भाई के बोल फूटे , उसके समझ में नहीं आ रहा था अपनी बहन से साफ़ साफ़ मन की बात कैसे कहे,...

" कुछ भी , ...और कुछ भी का मतलब कुछ भी करो,... मैं करवा लूंगी,... सच्ची सच्ची , मेरी कसम , तेरी कसम, माँ कसम। '

और कुछ देर तक दोनों , फिर उसका भाई बोला,...

" नहीं यार तुझे नहीं मालूम , बहुत दर्द होगा तुझे तू नहीं करवा पाएगी,... "

अब वो गुस्सा हो गयी , खींच के भाई का हाथ सीधे उसने अपने जोबन पर रख के खुल के कस के दबाया, और समझाते बोली,



" भैया, तुम खुद देख लो , मैं सच में बड़ी होगयी हूँ , मेरी दिल की बात सुनो,... और मुझे सब मालूम है , सब,..दर्द, खून खच्चर,... बस भैया,... '



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" माँ से तो नहीं बोलेगी " अब प्यार से गाल सहलाते हुए उसके भाई ने पूछा,..



" भाई बहन की बात में माँ का क्या काम नहीं बोलूंगी , किसी से नहीं बोलूंगी , .. पक्का , तेरी कसम,... "


उसके कान में जीभ से सुरसुरी करते गीता बोली,...


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लेकिन तबतक माँ की पुकार आ गयी और गीता उनके पास , लेकिन चलने के पहले अपनी ब्रा में छिपाए मोबाइल को अपने भाई को दूर से कैच करा के मुंह चिढ़ाते निकल गयी. गीता के दिमाग में रात भर वो फ़िल्में घूम रही थीं और उस लड़की की जगह वो और लड़के की जगह उसका भाई,... तीन साल ही तो बड़ा था,.. , लेकिन देह उसकी,... बस हाँ एक शरारत उसने की ,

बाथरूम तो उसी के कमरे से था , उसका छेद गोला प्रकार ले कर उसने थोड़ा और बड़ा कर दिया,...

अगले दिन वो नहाने गयी तो बस इन्तजार कर रही थी , छेद में आँख, आँख , कब आएगी ,...

और आज गीता पूरी तैयारी से थी , एक सहेली से वो वीट झटक के लायी थी, झांटे तो उसकी बहुत छोटी छोटी थीं कुछ ही दिन पहले आनी शुरू हुयी थीं , और वो खूब गोरी थी तो उसकी झांटे भी सुनहली रेशमी एकदम केसर,...

और वो झांटे ऐसे साफ़ कर रही थी की छेद से एकदम साफ़ साफ़ दिखे,...



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फिर चिक्कन मुक्कन करके अपनी सहेली को हथेली से खूब जोर जोर से मसल रही थी , सिसक रही थी , एक हाथ उभारो पर,...

वो समझ रही थी उसके भैया की क्या हालत हो रही होगी,... हो रही हो तो हो , ..उसने तो साफ़ साफ़ सिग्नल दे दिया , बस एक चीज बची थी जो उसकी सहेली उससे बार बार कहती,

" यार ऐसा भैया मेरा होता न तो वो स्साला अगर कुछ नहीं करता तो मैं ही उस स्साले को पटक के चोद देती , आखिर बनाने वाले ने लंड बनाया है क्यों बनाया है , चोदने के लिए न और घर में एक कन्या कुँवारी बैठी है ऊँगली से काम चला रही है। "

दोनों फांकों को फैला के अपनी तर्जनी में खूब थूक लगा के डालने की उसने कोशिश की , एक पोर भी न जा पाया,...


भले उसकी कोई सगी भाभी नहीं थी लेकिन सहेलियों की भाभियों ने उसे अपनी 'सहेली ' की, जाँघों के बीच वाली चूत कुमारी की सेवा करना अच्छी तरह सिखा दिया था. ऊँगली तो नहीं घुस पाती थी, कई भाभियाँ फेल हो चुकी थीं, और अब ये काम उसने अपने सगे भाई के ऊपर छोड़ दिया था, पर कैसे तर्जनी और दूसरी ऊँगली से दोनों फांकों को एक दूसरे से रगड़ा जाए, कैसे मंझली सबसे लम्बी ऊँगली को दरार में डाल के रगड़ा जाय, कभी कभी पूरी हथेली से हलके हलके, और अंगूठे से क्लिट को,


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गीता अपने हाथों से अपनी कसी कुँवारी चूत रगड़ रही थी और जान बूझ के इस तरह खड़ी थी की उसका भाई जो छेद से आँख गड़ा के देख रहा था, उसे उसकी कोरी बिन चुदी गुलाबो साफ़ साफ दिखे।

उसके स्कूल के टॉप के अंदर से झांकते जुबना को देखते तो उसका एकदम टनटना के खड़ा हो जाता है , स्साला अब मेरी फुद्दी देखेगा, बिना बालों वाली एकदम चिकनी, दोनों गुलाबी गुलाबी फांके, एकदम सहेलियों की तरह चिपकी,... तो क्या हालत होगी, उसकी , उसके खूंटे की,...



होनी है तो हो , वो सोच रही थी, थोड़ी देर पहले उसने कित्ता साफ़ साफ़ इशारा दे दिया था उसे,



" कुछ भी , ...और कुछ भी का मतलब कुछ भी करो,... मैं करवा लूंगी,... सच्ची सच्ची , मेरी कसम , तेरी कसम, माँ कसम। '

यहाँ तक बोली थी वो,

" भैया, तुम खुद देख लो , मैं सच में बड़ी होगयी हूँ , मेरी दिल की बात सुनो,... और मुझे सब मालूम है , सब,..दर्द, खून खच्चर,... बस भैया,... '

लेकिन बेचारा उसका भाई, हालत तो सच में उसकी ख़राब है, जिस तरह उसका खूंटा खड़ा होता है उसे देख के, और ये जो छेद किया है उसने उसको देखने के लिए, मन तो उसका भी मचल रहा है चढ़ने के लिए, तो चढ़ जाए न वो कौन रोक रही है।


और अब वो दोनों हाथों में साबुन ले ले के अपने जोबन पे लगा रही थी और सीधे छेद के सामने



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और आज जब नहा के निकली तो भाई की हालत उस दिन से भी ज्यादा खराब ,... वो झट से बाथरूम में घुस गया और मोबाइल आज उसका जैसे उसने जानबूझ के पलंग पे,...


गीता थोड़ी देर तक फ़िल्में देखती रही , एकदम गरम हो गयी , हर बार लड़कियां ही कभी खुद पहल कर के खूंटा पकड़तीं कभी खुद मुंह में ले लेती तो एक बार तो सच में एक लड़के पर चढ़ के चोद रही थी और वो लौंडा भी , ...खूब लम्बा मोटा लंड , ...




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लेकिन तब तक तक बाथरूम में पानी की आवाज बंद हो गयी, गीता से नहीं रहा गया ,

और जब उसने उस छेद के अंदर झाँक के देखा उसकी रूह फ़ना ,

भाभी ने अबतक जो जो बताया था सब सही निकला ,

लेकिन अबकी उनकी बात एकदम गलत हुयी

उसके भैया का कत्तई सात इंच का नहीं था,... उससे बहुत बड़ा , गीता के तो बित्ते के बराबर,... एकदम फनफनाया मुंह उसका खुला जैसे कोबरा नाग,...



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जो फिल्म वो देख रही थी न उन सबों से किसी से उसके भइया का उन्नीस नहीं था, गीता का हाथ पाने आप शलवार में घुस गया और वो रगड़ने लगी,...

और मोटा कितना था , गीता की सांस रुक गयी , उसके भैया का ,... बड़ी मुश्किल से तो उनकी मुट्ठी में ,... बस उसके दिमाग में यही बात घुसेगा कैसे अभी तो ऊँगली भी नहीं,...
लेकिन तब तक उसे मुट्ठ मारते अपने भैया की बुदबुदाने की आवाज आयी,

" गीता दे दे न, यार बहुत मन कर रहा है , आराम से लूंगा तेरी, ओह्ह कित्ता मजा आएगा तेरी लेने में, प्लीज गीता बस एक बार अपनी कोरी मटकी का रस ले लेने दे, एक बार मिल जाए न मेरी बहना ऐसा पेलूँगा, ऐसा पेलूँगा,... "

" ओह्ह तो पेलता क्यों नहीं, भैया, कैसे भाई हो बहन की चूत में आग लगी है और इत्ता मोटा लम्बा लेके और, ... बहन पियासी बैठी है , सच में भइया एकदम मना नहीं करुँगी, मैं तो खुद अपनी टाँगे फैला दूंगी, बस एक बार भैया,... ओह्ह उफ़ "




गीता दरवाजे के बाहर अपनी जाँघों के बीच हथेली से रगड़ते हुए, अपने भैया, अरविन्द को अपना मोटा लम्बा लंड मसलते देख के वो भी पिघल रही थी।



अंदर उसके भैया ने अपने लम्बे तगड़े लंड पे मुट्ठ मारने की रफ्तार बढ़ा दी थी. उधर बहन अपनी कोरी कुँवारी चूत मसल रही थी।



वो जोर जोर से मुठ मार रहा था,... इतना मोटा , एक मिनट के लिए गीता भी , कैसे घुसेगा उसके छेद में तो ऊँगली भी नहीं घुस पाती।
 
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आग देह की, भाई बहन की


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लेकिन तब तक उसे मुट्ठ मारते अपने भैया की बुदबुदाने की आवाज आयी,

" गीता दे दे न, यार बहुत मन कर रहा है , आराम से लूंगा तेरी, ओह्ह कित्ता मजा आएगा तेरी लेने में, प्लीज गीता बस एक बार अपनी कोरी मटकी का रस ले लेने दे, एक बार मिल जाए न मेरी बहना ऐसा पेलूँगा, ऐसा पेलूँगा,... "


" ओह्ह तो पेलता क्यों नहीं, भैया, कैसे भाई हो बहन की चूत में आग लगी है और इत्ता मोटा लम्बा लेके और, ... बहन पियासी बैठी है , सच में भइया एकदम मना नहीं करुँगी, मैं तो खुद अपनी टाँगे फैला दूंगी, बस एक बार भैया,... ओह्ह उफ़ "

गीता दरवाजे के बाहर अपनी जाँघों के बीच हथेली से रगड़ते हुए, अपने भैया, अरविन्द को अपना मोटा लम्बा लंड मसलते देख के वो भी पिघल रही थी।अंदर उसके भैया ने अपने लम्बे तगड़े लंड पे मुट्ठ मारने की रफ्तार बढ़ा दी थी. उधर बहन अपनी कोरी कुँवारी चूत मसल रही थी।

वो जोर जोर से मुठ मार रहा था,... इतना मोटा ,


एक मिनट के लिए गीता भी , कैसे घुसेगा उसके छेद में तो ऊँगली भी नहीं घुस पाती।


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फिर उसे उसकी बुआ की बात याद आ गयी ,

माँ के सामने ही उसे चिढ़ा रही थीं , " हे कुछ यार वार पाले की नहीं , खेत अभी जुता की नहीं,... "


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माँ बजाय बुरा मानने के हँसते हुए गीता से ही बोलीं ,

" अरे तेरी उमर की थीं बल्कि साल भर पहले ही तेरे चाचा पापा सब चढ़ चुके थे इनके ऊपर सीधी बहुत थीं तो किसी को भी मना नहीं करती ,... "

और बुआ भी अपनी भाभी की बात का जवाब देते गीता से बोलीं,

" अरे गितवा , बनाने वाले ने छेद बनाया है लम्बा मोटा घोंटने के लिए की मना करने के लिए, और ये भी समझ लो की जो औरत लड़की बहुत चिल्लाये की बहुत मोटा है नहीं जा पायेगा , तो समझ लो वो बचपन की छिनार है अपने घर का कोई मरद नहीं छोड़े होगी,... सोचो जिस बुर से इतने मोटे मोटे बच्चे निकलते हैं ,... तो कोई मोटा से मोटा लंड तो उससे पतला ही होगा न, ये सिर्फ छिनरपना है, मोटे से मोटा लंड आराम से जाते है बस मरद चुदवैया होना चहिये। “



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उसकी माँ ने भी गीता से अपनी ननद की बात की ताकीद की गीता से,

" ये बात तो गितवा तोर बुआ एकदम सही कह रही हैं, लम्बा से लम्बा और मोटा से मोटा,... थोड़ी चीख चिल्हट होती है लेकिन अगर कउनो लड़की या औरत कहे न ले सकती तो समझो छिनरा है, स्साली नौटंकी कर रही है अपना दाम बढ़ा रही है। "


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पर वो भौजाई कौन जो ननद को बिना रगड़े छोड़ दे भले सामने अपनी बेटी बैठी हो, और बेटी के जब एक बार जाँघों के बीच खून खराबा शुरू हो जाए तो वो भी सहेली हो जाती है, ... तो एक बार फिर बुआ को इशारा करके गीता से ही कहा,...

" लेकिन तोहार बुआ, तोहसे कम उमर में तोहरा बाबू जी चाचा को भी ना,... लेकिन उन दोनों लोगो की गलती नहीं थी जोबन ऐसा जबरदस्त आया था, हमरे और तोहरी चाची के आवे के पहले दोनों दोनों जनि को, एकदम सिखाय पढ़ाय के पक्का,... लेकिन ये पूछ अपनी बुआ से पहले इशारे बाजी कौन किया ये की इनके भैया,... "

गीता के कुछ पूछने के पहले ही बुआ बोल पड़ीं, लेकिन एक बार फिर बात गीता के जरिये ही

" गितवा तनी अपनी महतारी से पूछ जउन गौने क रात इनकी रगड़ाई हुयी,... चार दिन तक टांग छितराय के टहल रही थीं, अगर सिखाये पढ़ाये न होते तो कहीं अगवाड़े के जगह पिछवाड़े ठेल दिए होते तो का हालत होती,... बकी जो लम्बा मोटा वाली बात तो मैं तो है कहूंगी की बस मरद चुदवैया हो, तो बिन चोदे, बिन बच्चेदानी तक लंड पेले वो छोड़ेगा नहीं भले बुर का चाहे भरता बने चाहे चटनी। "




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" चुदवैया तो उसके भैया हैं ही " गीता ने सोचा और उसकी आँखे बस मुट्ठ मारते,...

कम से बारह चौदह मिनट के बाद और जब निकलना शुरू हुआ तो भी देर तक, कटोरी भर तो रहा हो होगा ,...

खूब गाढ़ा पहली बात उसने मरद का मूसल देखा था और मूसल से निकालता पानी,उसकी सहेलियां तो रोज ही किस्से सुनाती थीं , भैया के मोबाइल में फिल्मे भी लेकिन भैया का तो उन फिल्म वालों से भी ज्यादा लम्बा और मोटा था,...

गीता की हालत खराब थी , मोबाइल उसने पलंग पे जहाँ जैसे रखा था और वो बाहर निकल गयी , पानी पिया , पानी का छिट्टा चेहरे पर मारा, माँ किसी के साथ गप्प मार रही थीं , उन पड़ोसन के पास बैठी।

एक दो दिन ऐसे ही चला , फिर गीता ने खुद , उसे बदमाशी सूझी।
 

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बहन की ब्रा


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एक दो दिन ऐसे ही चला , फिर गीता ने खुद , उसे बदमाशी सूझी।


अब उसे अहसास हो रहा था की उसकी देह का क्या असर मर्दों पर होता है और जब उसका भाई खुद , कैसा मस्त बम्बू खड़ा होता था उसका, उसे देख कर, ... बार बार गीता की आँखों में वही लम्बा मोटा खूंटा नाचता रहता था,...



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और जब नहाती और उसे लग जाता की छेद से आती रौशनी बंद हो गयी , उसे अंदाज लग जाता की उसका भाई, अरविन्द उस सुराख से चिपक के उसे देख रहा तो तो गरम होकर बस वो पिघलने लगती, उसके हाथ अपने आप आ रहे जोबन पर मचलने लगते, कभी हलके हलके हलके सहलाती, ...

कभी अपने जस्ट उग रहे निप्स को पकड़ के प्यार से पुल करती ,



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और साथ में सिसकियाँ ,...

उसको मालूम था उसका भाई न सिर्फ देख रहा है बल्कि सुन भी रहा है इन आवाजों को, और सरक के एक हाथ उसका दोनों जाँघों के बीच, उँगलियों को सिखाना नहीं पड़ता कैसे फैली जाँघों के बीच दोनों संतरे सी रसीली फांको को पकड़ के सहलाएं , दबाएं,...

और ये सोच के की उसके भाई के खूंटे की क्या खराब हालत हो रही होगी , ... वो जोर जोर से ऊँगली , ... उसे लगता की ये उसकी ऊँगली नहीं उसके भाई का मूसल है ,



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पहली बात उसने मरद का मूसल देखा था और मूसल से निकालता पानी,उसकी सहेलियां तो रोज ही किस्से सुनाती थीं , भैया के मोबाइल में फिल्मे भी लेकिन भैया का तो उन फिल्म वालों से भी ज्यादा लम्बा और मोटा था,...

और उस दिन एक कदम वो और आगे बढ़ी , जानबूझ के वो अपनी ब्रा , बाथरूम में भूल गयी।


और भैया का मोबाइल भी आज भी बिना लाक के था , झट से उसने खोला , उसकी एक न्यूड ताज़ी नहाते हुए




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फिर दो चार उसकी कच्ची अमिया के


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उसका मन मचल उठा उसने वो फिल्मों वाल फोल्डर खोला जिसमें कोई एक अंग्रेज लड़की को निहुरा के अपना खूंटा गचागच ठोंक रहा

बस उसे लगा की लड़की की जगह वो है और पीछे से उसका भैया , अरविन्द पेल रहा है पूरे मजे ले ले कर,... उसकी सहेली सनसनाने लगी , गुलाबो गीली हो गयी ,...

और जब वो उसे छोड़ के सुराख के पास पहुंची तो उसका जी धक् से रह गया , ... उसका भाई अपनी छोटी बहन की ब्रा में मुठ मार रहा रहा था , हाथ में उसने ब्रा पकड़ रखी थी और उससे अपने लंड को पकडे जकड़े, आगे पीछे आगे पीछे


गीता को एक बार फिर से लगा की वो लंड सटासट उसकी चूत में जा रहा है , वो जाँघों से जाँघे रगड़ने लगी। आँखे उसकी भारी हो रही

कितना मजा आएगा वो सोच रही थी , जब भैया का ये मोटा खूंटा उसकी बिल में जाएगा और उसका हाथ भी जाँघों के बीच चड्ढी के अंदर पहुँच गया. और अब वो खुल के अपनी गुलाबो को रगड़ रही थी , .. चार पांच मिनट बाद जब उसने आखें खोली,... तो भैया का हाथ तेजी से अपने खूंटे पर आगे पीछे हो रहा था लेकिन अब उसकी २८ नंबर की ब्रा भैया के दूसरे हाथ में थीं , ...




और उनकी आँखे बंद थी , थोड़ी देर में


गीता का कलेजा मुंह में आ गया , थक्केदार फुहारा , खूब देर तक सफ़ेद सफेद ,... गाढ़ा , जैसे रबड़ी मलाई खूब गाढ़ी गाढ़ी, ,... और सब का सब उसकी ब्रा के कप में भैया उड़ेल रहा था ,... जैसे किसी दोने में गाढ़ी दही,...

और अब उसकी आँखे खुली थी, कुछ देर रुक के लंड के बेस पर उसने दबाया और एक बार फिर दो चार झटके दिए और अब दुबारा ,.. और अबकी ब्रा के दूसरे कप में , सब का सब उस कप में ही गिरा,...


वो जल्दी से दरवाजे से हट गयी , इत्ती गरम तो वो तब भी नहीं हुयी थी जब उसकी सहेली ने अपनी चिड़िया के जीजा के साथ उड़ने का हाल खूब डिटेल में सुनाया था ,... उसे लगा रहा था भैया सब माल उसके ,...

धत्त ,... भैया हैं उसके ,... पर उसके भैया खुद उसकी ब्रा पे ,...

और उसकी सहेली की भाभी यही तो सिखा रही थीं,....

अरे हर लड़की , किसी न किसी की बहन होती है और हर लड़का किसी न किसी का भाई ,... जवानी आये तो बस मजा लेना चाहिए , और उसके भैया का कितना बड़ा और मस्त,... उसकी क्लास की आधी से ज्यादा लड़कियां लेट चुकी हैं किसी न किसी के नीचे,... और सब आके बखान करती हैं ,... पर अगर मेरे भैया का देख लें तो पागल हो जाए, स्साली कमीनी सब ,...

बाहर निकल के उसने घड़े से एक ग्लास ठंडा पानी पीया और स्कूल के लिए निकल दी, उसे लगा की माँ देख रही थीं , बिना ब्रा के स्कूल टॉप पहने ,... लेकिन देर हो रही थी , न माँ कुछ बोली न वो कुछ , बस निकल रही हूँ कह के स्कूल के लिए चल पड़ी ,




उस दिन आधे दिन में ही छुट्टी हो गयी थी,वो लौट के सीधे अपने कमरे में , बाथरूम में

ब्रा उसी तरह लटक रही थी , दोनों कप अभी भी मलाई अभी भी पूरी सूखी नहीं थी , ब्रा पहले उसने सोचा धो डाले , ... लेकिन कुछ सोच के उसने पहन लिया ,...

एकदम चप्प से लगा,...




और उसके निप्स खड़े हो गए , गुलाबो एक बार फिर से फड़फड़ाने लगी ,... लेकिन तब तक माँ की आवाज आयी और वो बाहर ,

अगले दिन भी नहाने के बाद ब्रा उसने बाथरूम में छोड़ दी ,... और थोड़ी देर में उसकी आँखे छेद पर , दस बारह मिनट बाद दोनों कप लबालब भरे , गाढ़ी मलाई बाहर छलकती हुयी,...



वो हंसती खिलखिलाती स्कूल के लिए चल दी।

पर स्कूल में मास्टरनी कुछ भी पढ़ाती सहेलियां कुछ भी बोलतीं

उस के मन में तो बस उस के ब्रा के दोनों कप में छलछल छलकती मलाई थी, कित्ती ढेर सारी, और भैया के चेहरे पर कित्ती ख़ुशी थी और वो कित्ता मस्त था , खूब कड़ा, पकड़ने में कैसा लगेगा ,

पिक्चर में तो वो लड़की मुंह में भी ले रही थी ,

भैया ने मोबाइल में कैसी पिक्चरें लगा रखी है,और उसकी भी बिना ब्रा के , नहाते हुए , सिर्फ उसके जोबन के, उसी बाथरूम के छेद से
 
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ब्रा में मलाई



रोज यही दो चार दिन चला ,... लेकिन एक दिन वो पकड़ी गयी,...


पिचकारी से मलाई निकलने तक वो दरवाजे से चिपकी रही पर उस दिन उस के स्कूल में छुट्टी थी और उसे लगा की भैया के निकलने में थोड़ा टाइम लगेगा, माँ भी कहीं गयी थी थी तो बिस्तर पर अधलेटी एक बार फिर वही पिक्चर देखने लगी जिसमें एक लड़की जमीन पर बैठकर एक लड़के का चूस रही थी,...





उसके मुंह से बेसाख्ता निकल गया, मेरे भैया का इससे अच्छा है,... लेकिन तभी भैया बाथरूम से बाहर निकल आये और देखते ही सीधे बिस्तर पर उससे मोबाइल छीनने की कोशिश करने लगे और वो उनसे बचने की , मोबाइल छिपाने


बिस्तर पर बचपन में भी दोनों ऐसी ही धींगामस्ती किया करते थे,... पर अब अब दोनों बड़े हो गए थे,... उसके भैया ने कस के उसे दबोच लिया, और हड़काया,

" तू फिर मेरा मोबाइल देख रखी है, कित्ती बार मना किया है,... बहुत मारूंगा बोला था न पहले भी अगर तुझे फिर मेरा मोबाइल छूते देख लिया। "




" तो मार ले न , मैंने मोबाइल छू लिया , खोल भी लिया डरती हूँ क्या "




खिलखिलाते हुए गीता बोली और अपने भैया के सीने में कस के चिपक गयी। बिना ब्रा के ढक्कन के दोनों रुई के फाहे ऐसे आते हुए उरोज उसके भैया के सीने से रगड़ खाने लगे और शेर जगने लगा। और भइया के मुंह से निकल गया,

" मार लूँ "


" मार लो,... मैं मना नहीं करुँगी "

अब अपने दोनों कच्ची अमिया भैया के सीने से रगड़ते हुए बोली , वो जान रही थी पहल उसे ही करनी पड़ेगी , मूसल उसका चाहे जैसा मस्त हो सब लड़कों की तरह वो भी झिझक रहा है

और दोनों जान रहे थे किस मारने मरवाने की बात हो रही थी।


" मैं बहुत जोर जोर से मारता हु "

" खाली बोलते हो,... मैं डरती नहीं हूँ बचपन से तेरी मार खाती आ रही हूँ " सीने से चिपके चिपके वो बोली।



" बहुत दर्द होगा " उसने डराया।

" होने दो , मुझे होगा न , तुझे नहीं कहूँगी "

" खून खच्चर भी होगा,... "

" तो होने दो न , मुझे सब मालूम है बच्ची नहीं हूँ अब "



" माँ से शिकायत तो नहीं करेगी "

" तू न भैया डरता बहुत है, अरे भाई बहन के बीच माँ का क्या काम, मैं लड़की होके नहीं डर रही हूँ और तू,... "


गहरी गहरी साँसे लेते हुए अपने छोटे छोटे टिकोरे भैया के सीने पर रगड़ती वो बोली। फिर खुद इसरार किया,

मारो न भैया सच्ची मैं किसी से किस्सी से भी नहीं कहूँगी।

और तब तक बाहर से दरवाजे के खुलने की माँ के आने की आवाज आयी , दोनों छिटक के दूर हट गए,

मोबाइल अभी भी गीता के हाथ में था उसकी आँखों में चमक आ गयी और भैया को ललचाते हुए बोली ,

" लेना है ले ले , ... और मोबाइल अपने टॉप के अंदर की दो बटन खोलके सीधे अंदर दोनों गोलाइयों के बीच की गहराई में ,

एक पल के लिए उसके भाई की लगा जैसे पागल हो जाएगा , खूंटा पूरा खड़ा हो गया,...

" ले न अपना मोबाइल , मैं देने को तैयार हूँ और तू,... "

अब गीता उसे चिढ़ा रही थी , उसकी निगाह भी सीधे खूंटे पर जमी,... और गीता ने अपने भाई का हाथ खींच के टॉप के अंदर,...


जैसे गरम तवे पर हाथ पड़ गया हो , छन्न छन् , बाथरूम के छेद से देख के ये हाल हो जाती और यहाँ,... फिर माँ के आने की आहट पा के झट से उसने अपना मोबाईल ले के हाथ निकाल लिया और दूर हट गया ,

माँ दरवाजा खोल के अंदर घुसी , गीता थोड़ी दूर खड़ी मुस्करा रही थी लेकिन हड़काये दोनों गए,

तुम दोनों बड़े हो गए हो लेकिन अभी भी झगड़ते रहते हो,...

" माँ इसने मेरा मोबाइल ले लिया था , मैंने पहले भी मना किया था लेकिन सुनती नहीं है " भैया ने तुरंत शिकायत लगाई,

" गलती सब तेरी है" माँ ने बेटे को हड़काया, ' बड़ी हो गयी है तो क्या तेरी तो छोटी बहन है , एक हाथ लगाता कस के,... तेरी मार के लिए भूखी है ये , एकदम ठीक हो जायेगी, जितना मर्जी हो मारो, जैसे जित्ती जोर से, मैं बीच में नहीं आउंगी। और ज्यादा रोये चीखे तो मुंह बंद कर देना उसका , अब बिना मरवाये इससे रहा नहीं जाता। और तुम बड़े भाई हो तेरा तो हक़ है "
"




और अब गीता का नंबर था

" आज तेरा स्कूल नहीं है तो खाली मोबाइल देखेगी , चल रसोई में मेरा हाथ बटा, सब काम फैला पड़ा है, ,,, "



गीता माँ के पीछे पीछे , पर जानबूझ के अपने भैया को दिखाते ललचाते चूतड़ मटका दिए, और एक पल के लिए मुड़ के जीभ मुंह से निकाल के चिढ़ा दिया।

दिन भर वो मौका आपके अपने भाई को चिढ़ाती रही, छेड़ती रही, उकसाती रही. कभी पीछे से उसको दबौच लेतीथोड़ा , बिना ढक्कन के अपने कच्चे टिकोरों को उसकी पीठ पे रगड़ते बोलती,...

" भैया, मारो न, सच्च में मैं किसी से नहीं कहूँगी,... " और पीछे से उसके कानो पर एक किस्सी ले लेती , जो कत्तई भाई बहिन वाली नहीं होती,...
 
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" मार लो,... "




दिन भर वो मौका आपके अपने भाई को चिढ़ाती रही, छेड़ती रही, उकसाती रही. कभी पीछे से उसको दबौच लेती थोड़ा , बिना ढक्कन के अपने कच्चे टिकोरों को उसकी पीठ पे रगड़ते बोलती,...


" भैया, मारो न, सच्च में मैं किसी से नहीं कहूँगी,... "




और पीछे से उसके कानो पर एक किस्सी ले लेती , जो कत्तई भाई बहिन वाली नहीं होती,...



अगले दिन भी माँ कहीं पड़ोस में गयी थीं , और गीता का स्कूल भी था, नहा के, बिना ब्रा के सिर्फ सफ़ेद स्कूल टॉप और स्कर्ट में वो बाथरूम में,...


और भाई के बाथरूम में अंदर घुसते ही आज बजाय मोबाइल के, वो दरवाजे से चिपक गयी, थोड़ी देर में ही उसका भाई चालू था, उसकी २८ सी की टीन सफ़ेद ब्रा हाथ में लिए, पूरी तेजी से मुट्ठ मार रहा था , जितनी तेजी से उसका हाथ चल रहा था उतनी ही तेजी से उसकी छुटकी बहिनिया के छोटे छोटे कबूतर अपने भैया का मूसल सा लंड देखकर धड़क रहा था, ...

गीता ने एक पल घडी की ओर नजर डाली,... अभी स्कूल में टाइम था,...




और भाई का हाथ पूरी तेजी से चल रहा था, आँखे बंद थीं,




गीता की भी आँखे बंद हो गयीं बस उसे लग रहा था किसी तरह यह मोटा दोस्त उसकी सहेली के अंदर ,लम्बा कितना, भैया के मुट्ठी बंद करने के बाद भी आधे से ज्यादा मुट्ठी से बाहर, उसके तो बित्ते से बड़ा ही होगा और भैया की भी मुट्ठी में नहीं समा पा रहा था,... ओह्ह्ह कित्ता मज़ा आएगा, ... जब उसकी दोनों टाँगे उठा के भैया इसे पेलेगा उसकी कोरी बिल में



और जब उसकी आँखे खुलीं तो उसके भैया ने ब्रा के कप फिर एक बार अपने खुले सुपाडे , और थोड़ी देर में सफ़ेद दूध की धारा बह निकली, खूब गाढ़ी मलाई मार के, और की कटोरे के बाद दूसरे कटोरे को,... वो भी छलकने लगा,...

गीता खूब गरमा गयी थी , समझ में नहीं आ रहा था क्या करे,, दोनों जाँघों को एक दूसरे से रगड़ती रही , उसकी चड्ढी भी हलकी हलकी गीली हो गयी थी, 'वो ' खूब लसलसा गयी थी,

बाहर जा के उसने घड़े से एक ग्लास पानी पिया, थोड़ा पानी के छींटे अपने गोरे गोरे चेहरे पर मारा,... गाल पर छेड़ती लट को सीधा किया और वापस अपने कमरे में ,

भैयाअभी भी बाथरूम में था, उसने छेद से देखा बस वो निकलने वाला था और उसकी ब्रा के दोनों कप अभी भी रबड़ी मलाई से भरे,

पलंग पे वो आके बैठ गयी , उसे एक शरारत सूझी,... माँ अभी भी नही आयी थी और बाहर का दरवाजा अभी भी बंद था,...

" भैया, जल्दी निकलो , ... कित्ती देर से घुसे हो ,... "





और उसके भैया बाहर निकल आये, सिर्फ टॉवेल लपेटे, और बहन बाथरूम में अंदर,...

पहले तो दरवाजा उसने अंदर से बंद किया और उस छेद से पीठ सटा के खड़ी हो गयी , जिससे उसके भैया देखना चाहें तो भी न देख पाएं , अपना सफ़ेद स्कूल का टॉप उठा के हुक पे टांग दिया, और ब्रा उठा के अपने अनावृत नए आ रहे उरोजों पर, ...




ठंडा ठंडा ,गरम गरम , पूरे उभारों पर वो फ़ैल गया, लेकिन हाथ से कस के उन कप्स को उसने अपने कच्ची अमिया पर दबा रखा था जिससे बाहर ज्यादा न छलके सब रबड़ी मलाई वहीँ पे,... ,

पीछे हाथ उठा के उसने हुक बंद करने की कोशिश की , लेकिन एक हुक वो भी आधा बंद हुआ,... और वहीँ से उसने आवाज लगाई ,

" भैया आँखे बंद कर लो, मैं बाहर आ रही हूँ,... "

बाहर सिर्फ ब्रा और स्कर्ट पहने वो निकली,... सच में उसका भाई आँख बंद किये था,

मन ही मन उसने सोचा एकदम बुद्धू है, और उसकी ओर पीठ कर के खड़ी हो गयी,...

" भैया मुझसे अंगिया का हुक नहीं लग रहा है , बंद कर दो न , आँख मत खोलना लेकिन "

" पागल हो क्या, आँख बंद किये कैसे हुक बंद करूंगा,... " वो बोला।

तो ठीक है आँख खोल लो,... वो मान गयी,




और जब तक वो हुक बंद करता रहा वो बोलती रही,

" भैया मेरी अंगिया छोटी हो गयी है , तुम बाजार से इससे बड़ी ला दो न अच्छी सी खूब,... "

" मैं कैसे लाऊंगा , लड़कियों का सामान , फिर मुझे नाप भी क्या मालूम " आखिरी हुक लगाते वो बोला।

" अरे तो नाप लो न , " खिलखिलाती वो शरीर बोली और अपने भैया के दोनों हाथ पकड़ के अपने ब्रा में कैद उभारों पर,... पल भर के लिये दोनों को जबरदस्त करेंट लगा लेकिन भैया ने हाथ हटा लिया ,..

और वो बदमाश मुड़ी, ... उसके भैया की आँखे उसकी ब्रा से चिपकी,

" बदमाश, आँखे बंद, ... "

शरारत से वो बोली और वापस बाथरूम में और अपनी स्कूल की शर्ट पहन ली, खूब खींच के उसने टक की थी , स्कूल की बेल्ट भी खूब टाइट बाँधी थी , जिससे उभारों का कटाव , कड़ापन सब कुछ साफ़ खूब मीठे वाले प्यारे वाले बुद्धू , तूने मेरा देखा था न , चल ,... " और चलने के पहले अपने भैया का टॉवेल खींच दिया ,

उसके पकड़ते रोकते भी उसको उस बदमाश मोटू की झलक दिख गयीसाफ़ दिख रहा था,...

जैसे वो बाहर निकली, दरवाजे पर खटखट की आवाज सुनाई दी, लगता है माँ आ गयी थीं , पर चलने के पहले उसने अपने भैया के होंठों पे कस के चुम्मी ली,... और हंस के बोली,

" बुद्धू"

दरवाजे पर माँ खड़ी थी और खुलते ही हड़का लिया ,

" कहाँ सो गयी थी , तेरी सहेलियां इन्तजार कर रही हैं और शाम को सीधे घर आना किसी सहेली के यहाँ नहीं ,... "

एकदम माँ और दौड़ती उछलती अपनी सहेलियों के साथ स्कूल की ओर वो हिरणी,...




लेकिन स्कूल में तो और उसकी सहेलियों ने आग लगाई, ... जो उसकी सबसे अच्छी सहेली थी , वही जिसके जीजू ने शादी के चार दिन के अंदर उसकी फाड़ी थी, छह सात महीने पहले ही और फिर तो हफ्ते भर दीदी की ससुराल में , ... कई बार तो दीदी के सामने ही, और दीदी भी हंस के बोलती तो क्या हुआ जीजा हैं तेरे, हक़ है उनका,...

और कल शाम को वो आ गए थे आज सुबह गए ,.. रात भर,...वो दूध लेकर गयी थी उनको देने बस उन्होंने पकड़ लिया, तेरी दीदी तो आज हैं नहीं तो तेरे साथ ही,... पूरे तीन बार,... पूरा डिटेल , कितना लम्बा, ,मोटा,... एक बार तो निहुरा के भी,... और गीता को वो और उकसा रही थी,

" हे जीजू तुझे बहुत याद कर रहे थे चिरौरी कर रहे थे , गितवा की दिलवा , गितवा की ,...दस बार तो कहा होगा , ... तो मैंने भी बोल दिया ठीक है अगली बार आप आने वाले होंगे तो पहले से बता दीजियेगा , मैं साथ पढ़ने के नाम पे उसके घर से परमिशन लेके ले आउंगी। उसकी चिड़िया तो अभी तक उड़ती भी नहीं है। "



लेकिन गीता के आँख के सामने तो अपने भैया का खूंटा घूम रहा था, जो उसकी सहेली अपने जीजू का बता रही थी , ... उसके भैया के आगे कुछ भी नहीं था,...बडे घमंड से कह रही जीजू , ६ -७ मिनट से पहले कभी नहीं , और उसके भैया तो उसने खुद घड़ी देखी थी इत्ता तेजी से मुठिया रहे थे, तब भी पूरे चौदह मिनट,...


आधे से ज्यादा लड़कियां तो उसकी क्लास की स्कर्ट फैला चुकी थीं और जिनकी नहीं फटी थी उनका मज़ाक उड़ाती थीं.

एक जिसके यार आधे दर्जन से भी ऊपर थे, रोज नया किस्सा , कल शाम को वो बोली,... की दिशा मैदान के लिए गाँव की एक भाभी के साथ जा रही थी,... उन भाभी से पहले ही सेटिंग थीं , उन का कोई देवर बहुत दिन से उनसे कह रहा था,... बस वो पहले से गन्ने के खेत में था और वहीँ गन्ने के खेत में निहुरा के क्या मस्त चोदा उसने,... भाभी दूर खड़ी चौकीदारी कर रही थीं,... गन्ने के खेत में अजब ही मजा आता है।




स्कूल की छुट्टी से लौटते हुए गीता के मन में बस यही बात थी , कुछ भी हो जाय,... कुछ भी , ..आज भैया के साथ,... मन तो उनका भी इतना करता है , रोज तो मेरी ब्रा में मुट्ठ मारते हैं,... लेकिन बस वही झिझक, ... मुझे ही कुछ करना पडेगा।

बादल उमड़ घुमड़ कर रहा था,... सावन तो लगा ही था , ... खूब तेज हवा चल रही थी,... लग रहा था पानी बरसेगा,...

और घर में पहुँचते ही वो ठिठक गयी , माँ एकदम तैयार , खूब सज धज के हरी साडी हरी चूड़ियां ,... गोरी तो वो खूब थीं ही , थोड़ी मांसल ,बहुत सुन्दर लग रही थीं,... उनका बैग भी बगल में रखा था, ...
भैया भी वहीँ खड़ा,

माँ ने उसे पकड़ के दुलराते हुए कहा ,

" तेरी ही बाट जोह रही थी,... मैं एकदम तैयार थी , तेरे मामा के यहाँ जा रही हूँ ,... उनका अर्जेन्टी बुलावा आया है ,... मामी को अपने मायके जाना पड़ा, कोई बात है ,... तो मुझे बुलाया है बस आज के लिए कल शाम को मैं आ जाउंगी,... घबड़ाना मत , बाहर मत जाना,... दो तीन दिन तेरी स्कूल की भी तो छुट्टी है, ... खाना मैंने बना के रख दिया है , खुद भी खा लेना भैया को भी दे देना। "




वो और दुलार से माँ से दुबक गयी और भैया को शरारत से देखते बोली,


" दे दूंगी, लेकिन एक बात है माँ, भैया से कह देना ,.... "

"क्या बोल न,... " माँ ने पूछा।
" भैया से कह देना,... मारेंगे नहीं ,..."

" क्यों नहीं मारेगा , जरूर मारेगा, ... कस के मारेगा, ... अरे तू उसकी छोटी बहन है तुझे नहीं तो क्या बाहर किसी को,... " माँ ने प्यार से गीता को चपत मारते हुए अपने बेटे को देखा और उसको और उकसाया,...




" हे ये मना भी करे न तो भी मारना जरूर, और कस के,... "

" मैं बहुत जोर से चिल्लाऊंगी ,... " गीता खिलखिलाते हुए बोली।

" तो ये तेरा मुंह बंद करके मारेगा,... ऐसे " माँ ने हँसते हुए गीता का मुँह अपने हाथ से कस के बंद कर के बोलीं , फिर जाते हुए कहा,

" अच्छा बड़े प्यार से मारेगा , अब तो ठीक, चलती हूँ नहीं तो बस छूट जाएगी। " और वो चली गयीं
 
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komaalrani

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Update of this INCEST story is posted, friends are requested to read it, like it and please do share your views, your comments on my maiden effort
 

Rajizexy

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" मार लो,... "




दिन भर वो मौका आपके अपने भाई को चिढ़ाती रही, छेड़ती रही, उकसाती रही. कभी पीछे से उसको दबौच लेती थोड़ा , बिना ढक्कन के अपने कच्चे टिकोरों को उसकी पीठ पे रगड़ते बोलती,...


" भैया, मारो न, सच्च में मैं किसी से नहीं कहूँगी,... "




और पीछे से उसके कानो पर एक किस्सी ले लेती , जो कत्तई भाई बहिन वाली नहीं होती,...



अगले दिन भी माँ कहीं पड़ोस में गयी थीं , और गीता का स्कूल भी था, नहा के, बिना ब्रा के सिर्फ सफ़ेद स्कूल टॉप और स्कर्ट में वो बाथरूम में,...


और भाई के बाथरूम में अंदर घुसते ही आज बजाय मोबाइल के, वो दरवाजे से चिपक गयी, थोड़ी देर में ही उसका भाई चालू था, उसकी २८ सी की टीन सफ़ेद ब्रा हाथ में लिए, पूरी तेजी से मुट्ठ मार रहा था , जितनी तेजी से उसका हाथ चल रहा था उतनी ही तेजी से उसकी छुटकी बहिनिया के छोटे छोटे कबूतर अपने भैया का मूसल सा लंड देखकर धड़क रहा था, ...


गीता ने एक पल घडी की ओर नजर डाली,... अभी स्कूल में टाइम था,...



और भाई का हाथ पूरी तेजी से चल रहा था, आँखे बंद थीं,




गीता की भी आँखे बंद हो गयीं बस उसे लग रहा था किसी तरह यह मोटा दोस्त उसकी सहेली के अंदर ,लम्बा कितना, भैया के मुट्ठी बंद करने के बाद भी आधे से ज्यादा मुट्ठी से बाहर, उसके तो बित्ते से बड़ा ही होगा और भैया की भी मुट्ठी में नहीं समा पा रहा था,... ओह्ह्ह कित्ता मज़ा आएगा, ... जब उसकी दोनों टाँगे उठा के भैया इसे पेलेगा उसकी कोरी बिल में



और जब उसकी आँखे खुलीं तो उसके भैया ने ब्रा के कप फिर एक बार अपने खुले सुपाडे , और थोड़ी देर में सफ़ेद दूध की धारा बह निकली, खूब गाढ़ी मलाई मार के, और की कटोरे के बाद दूसरे कटोरे को,... वो भी छलकने लगा,...

गीता खूब गरमा गयी थी , समझ में नहीं आ रहा था क्या करे,, दोनों जाँघों को एक दूसरे से रगड़ती रही , उसकी चड्ढी भी हलकी हलकी गीली हो गयी थी, 'वो ' खूब लसलसा गयी थी,

बाहर जा के उसने घड़े से एक ग्लास पानी पिया, थोड़ा पानी के छींटे अपने गोरे गोरे चेहरे पर मारा,... गाल पर छेड़ती लट को सीधा किया और वापस अपने कमरे में ,

भैयाअभी भी बाथरूम में था, उसने छेद से देखा बस वो निकलने वाला था और उसकी ब्रा के दोनों कप अभी भी रबड़ी मलाई से भरे,

पलंग पे वो आके बैठ गयी , उसे एक शरारत सूझी,... माँ अभी भी नही आयी थी और बाहर का दरवाजा अभी भी बंद था,...

" भैया, जल्दी निकलो , ... कित्ती देर से घुसे हो ,... "





और उसके भैया बाहर निकल आये, सिर्फ टॉवेल लपेटे, और बहन बाथरूम में अंदर,...

पहले तो दरवाजा उसने अंदर से बंद किया और उस छेद से पीठ सटा के खड़ी हो गयी , जिससे उसके भैया देखना चाहें तो भी न देख पाएं , अपना सफ़ेद स्कूल का टॉप उठा के हुक पे टांग दिया, और ब्रा उठा के अपने अनावृत नए आ रहे उरोजों पर, ...




ठंडा ठंडा ,गरम गरम , पूरे उभारों पर वो फ़ैल गया, लेकिन हाथ से कस के उन कप्स को उसने अपने कच्ची अमिया पर दबा रखा था जिससे बाहर ज्यादा न छलके सब रबड़ी मलाई वहीँ पे,... ,

पीछे हाथ उठा के उसने हुक बंद करने की कोशिश की , लेकिन एक हुक वो भी आधा बंद हुआ,... और वहीँ से उसने आवाज लगाई ,

" भैया आँखे बंद कर लो, मैं बाहर आ रही हूँ,... "

बाहर सिर्फ ब्रा और स्कर्ट पहने वो निकली,... सच में उसका भाई आँख बंद किये था,

मन ही मन उसने सोचा एकदम बुद्धू है, और उसकी ओर पीठ कर के खड़ी हो गयी,...

" भैया मुझसे अंगिया का हुक नहीं लग रहा है , बंद कर दो न , आँख मत खोलना लेकिन "

" पागल हो क्या, आँख बंद किये कैसे हुक बंद करूंगा,... " वो बोला।

तो ठीक है आँख खोल लो,... वो मान गयी,




और जब तक वो हुक बंद करता रहा वो बोलती रही,

" भैया मेरी अंगिया छोटी हो गयी है , तुम बाजार से इससे बड़ी ला दो न अच्छी सी खूब,... "

" मैं कैसे लाऊंगा , लड़कियों का सामान , फिर मुझे नाप भी क्या मालूम " आखिरी हुक लगाते वो बोला।

" अरे तो नाप लो न , " खिलखिलाती वो शरीर बोली और अपने भैया के दोनों हाथ पकड़ के अपने ब्रा में कैद उभारों पर,... पल भर के लिये दोनों को जबरदस्त करेंट लगा लेकिन भैया ने हाथ हटा लिया ,..

और वो बदमाश मुड़ी, ... उसके भैया की आँखे उसकी ब्रा से चिपकी,

" बदमाश, आँखे बंद, ... "


शरारत से वो बोली और वापस बाथरूम में और अपनी स्कूल की शर्ट पहन ली, खूब खींच के उसने टक की थी , स्कूल की बेल्ट भी खूब टाइट बाँधी थी , जिससे उभारों का कटाव , कड़ापन सब कुछ साफ़ खूब मीठे वाले प्यारे वाले बुद्धू , तूने मेरा देखा था न , चल ,... " और चलने के पहले अपने भैया का टॉवेल खींच दिया ,

उसके पकड़ते रोकते भी उसको उस बदमाश मोटू की झलक दिख गयीसाफ़ दिख रहा था,...

जैसे वो बाहर निकली, दरवाजे पर खटखट की आवाज सुनाई दी, लगता है माँ आ गयी थीं , पर चलने के पहले उसने अपने भैया के होंठों पे कस के चुम्मी ली,... और हंस के बोली,

" बुद्धू"

दरवाजे पर माँ खड़ी थी और खुलते ही हड़का लिया ,

" कहाँ सो गयी थी , तेरी सहेलियां इन्तजार कर रही हैं और शाम को सीधे घर आना किसी सहेली के यहाँ नहीं ,... "

एकदम माँ और दौड़ती उछलती अपनी सहेलियों के साथ स्कूल की ओर वो हिरणी,...




लेकिन स्कूल में तो और उसकी सहेलियों ने आग लगाई, ... जो उसकी सबसे अच्छी सहेली थी , वही जिसके जीजू ने शादी के चार दिन के अंदर उसकी फाड़ी थी, छह सात महीने पहले ही और फिर तो हफ्ते भर दीदी की ससुराल में , ... कई बार तो दीदी के सामने ही, और दीदी भी हंस के बोलती तो क्या हुआ जीजा हैं तेरे, हक़ है उनका,...

और कल शाम को वो आ गए थे आज सुबह गए ,.. रात भर,...वो दूध लेकर गयी थी उनको देने बस उन्होंने पकड़ लिया, तेरी दीदी तो आज हैं नहीं तो तेरे साथ ही,... पूरे तीन बार,... पूरा डिटेल , कितना लम्बा, ,मोटा,... एक बार तो निहुरा के भी,... और गीता को वो और उकसा रही थी,

" हे जीजू तुझे बहुत याद कर रहे थे चिरौरी कर रहे थे , गितवा की दिलवा , गितवा की ,...दस बार तो कहा होगा , ... तो मैंने भी बोल दिया ठीक है अगली बार आप आने वाले होंगे तो पहले से बता दीजियेगा , मैं साथ पढ़ने के नाम पे उसके घर से परमिशन लेके ले आउंगी। उसकी चिड़िया तो अभी तक उड़ती भी नहीं है। "



लेकिन गीता के आँख के सामने तो अपने भैया का खूंटा घूम रहा था, जो उसकी सहेली अपने जीजू का बता रही थी , ... उसके भैया के आगे कुछ भी नहीं था,...बडे घमंड से कह रही जीजू , ६ -७ मिनट से पहले कभी नहीं , और उसके भैया तो उसने खुद घड़ी देखी थी इत्ता तेजी से मुठिया रहे थे, तब भी पूरे चौदह मिनट,...


आधे से ज्यादा लड़कियां तो उसकी क्लास की स्कर्ट फैला चुकी थीं और जिनकी नहीं फटी थी उनका मज़ाक उड़ाती थीं.


एक जिसके यार आधे दर्जन से भी ऊपर थे, रोज नया किस्सा , कल शाम को वो बोली,... की दिशा मैदान के लिए गाँव की एक भाभी के साथ जा रही थी,... उन भाभी से पहले ही सेटिंग थीं , उन का कोई देवर बहुत दिन से उनसे कह रहा था,... बस वो पहले से गन्ने के खेत में था और वहीँ गन्ने के खेत में निहुरा के क्या मस्त चोदा उसने,... भाभी दूर खड़ी चौकीदारी कर रही थीं,... गन्ने के खेत में अजब ही मजा आता है।



स्कूल की छुट्टी से लौटते हुए गीता के मन में बस यही बात थी , कुछ भी हो जाय,... कुछ भी , ..आज भैया के साथ,... मन तो उनका भी इतना करता है , रोज तो मेरी ब्रा में मुट्ठ मारते हैं,... लेकिन बस वही झिझक, ... मुझे ही कुछ करना पडेगा।

बादल उमड़ घुमड़ कर रहा था,... सावन तो लगा ही था , ... खूब तेज हवा चल रही थी,... लग रहा था पानी बरसेगा,...

और घर में पहुँचते ही वो ठिठक गयी , माँ एकदम तैयार , खूब सज धज के हरी साडी हरी चूड़ियां ,... गोरी तो वो खूब थीं ही , थोड़ी मांसल ,बहुत सुन्दर लग रही थीं,... उनका बैग भी बगल में रखा था, ...
भैया भी वहीँ खड़ा,

माँ ने उसे पकड़ के दुलराते हुए कहा ,

" तेरी ही बाट जोह रही थी,... मैं एकदम तैयार थी , तेरे मामा के यहाँ जा रही हूँ ,... उनका अर्जेन्टी बुलावा आया है ,... मामी को अपने मायके जाना पड़ा, कोई बात है ,... तो मुझे बुलाया है बस आज के लिए कल शाम को मैं आ जाउंगी,... घबड़ाना मत , बाहर मत जाना,... दो तीन दिन तेरी स्कूल की भी तो छुट्टी है, ... खाना मैंने बना के रख दिया है , खुद भी खा लेना भैया को भी दे देना। "




वो और दुलार से माँ से दुबक गयी और भैया को शरारत से देखते बोली,


" दे दूंगी, लेकिन एक बात है माँ, भैया से कह देना ,.... "

"क्या बोल न,... " माँ ने पूछा।
" भैया से कह देना,... मारेंगे नहीं ,..."

" क्यों नहीं मारेगा , जरूर मारेगा, ... कस के मारेगा, ... अरे तू उसकी छोटी बहन है तुझे नहीं तो क्या बाहर किसी को,... " माँ ने प्यार से गीता को चपत मारते हुए अपने बेटे को देखा और उसको और उकसाया,...




" हे ये मना भी करे न तो भी मारना जरूर, और कस के,... "

" मैं बहुत जोर से चिल्लाऊंगी ,... " गीता खिलखिलाते हुए बोली।

" तो ये तेरा मुंह बंद करके मारेगा,... ऐसे " माँ ने हँसते हुए गीता का मुँह अपने हाथ से कस के बंद कर के बोलीं , फिर जाते हुए कहा,


" अच्छा बड़े प्यार से मारेगा , अब तो ठीक, चलती हूँ नहीं तो बस छूट जाएगी। " और वो चली गयीं
Perfect, awesome updates 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯💯💯💯💯
Gita school se vapas ayi to arvind drawing room mein betha uska intzaar kar raha tha.

Gita uske pass beth kar puchhne lagi,bhya khana kha liya kya.

Arvind ne uske ubharo ki aur dekhte hue kaha , ajj to me dudh pina chahata hu agar pilaogi to.

Bhya mein to kab se pilane ke liye tyar hu tum ne kabhi manga hi nahi.
Aur mein apna dudh aise waste bhi nahi karti, jese tum apni malai kapdo par laga kar waste karte rehte ho.(sample).
Please don't mind didi,jese Aru meri sis comments mein kuch likh deti hai aise hi tumari Raji sis ne likha hai.
 
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komaalrani

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Perfect, awesome updates 🔥🔥🔥🔥🔥🔥🔥👌👌👌👌👌👌👌💯💯💯💯💯💯💯
Gita school se vapas ayi to arvind drawing room mein betha uska intzaar kar raha tha.

Gita uske pass beth kar puchhne lagi,bhya khana kha liya kya.

Arvind ne uske ubharo ki aur dekhte hue kaha , ajj to me dudh pina chahata hu agar pilaogi to.

Bhya mein to kab se pilane ke liye tyar hu tum ne kabhi manga hi nahi.
Aur mein apna dudh aise waste bhi nahi karti, jese tum apni malai kapdo par laga kar waste karte rehte ho.(sample).

Please don't mind didi,jese Aru meri sis comments mein kuch likh deti hai aise hi tumari Raji sis ne likha hai.
Thanks so much, first comment on this post first some body who has made this genre her own,... i am so happy :vhappy::happy::vhappy1::happy: aur aapke suggestion ke hisaab se likhne ki poori koshish karungi,... asali action agale post men aa aajeyga
 

motaalund

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“' छिनार इत्ता मोटा मोटा लंड घोंट जाती है , दो उँगरी से का होगा रंडी की बेटी का,... " और मैंने भी तीन ऊँगली, और साथ में भी आज उनकी बात का जवाब दे रही थी, ... " अरे वही लंड घोंटती हूँ , जो पहले यहाँ जाता था, ... बोलिये जाता था न , बेटा चोद,... " और खचखच ऊँगली करने के साथ मेरा अंगूठा उनके क्लिट पे भी रगड़घिस्स कर रहा था , उनकी हालत खराब, लेकिन मेरी माँ को गाली देती बोलीं , सात पुस्त रंडी रही होगी तेरी माँ जो तेरी ऐसी बेटी जन , मस्त चुदास,... अरे ये तो सोच तेल लगा लगा के जो उसको लंबा मोटा किया , अपनी बिल में ले ले के गुल्ली डंडा खेलना सिखाया , कैसे धक्के मारे, कैसे रगड़ रगड़ के,... तो फायदा किसका हो रहा है तेरा ही न,... अभी बुलाऊंगी अपनी समधन को और अपने सामने उनके दामाद को चढ़ाउंगी उनके ऊपर “

Waaaah garam 🔥🔥🔥
वास्तविक सेक्स के बजाय ये छेड़ छाड़ वाली डायलोगबाजी... एक अलग आनंद प्रदान करती है....
 

motaalund

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“”और उन्ही से कबूला की वो मादरचोद बहन चोद, सब हैं औरसब से पहलेअपनी बुआ पर , बल्कि उनकी बुआ ने ही पकड़ के उन्हें चोद दिया था और चुदाई के सारे दांव पेंच सिखाये थे ,.””

Ek flashback to bua ke sath patidev ka banta hai 🤭😉😉😉
Post in action is required... may be in flashback or narration by participants to other character.. like sangita and her friend.
 
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