Luckyloda
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Awesome gazab super duper hottttttttttttttttttttttttttttt est updates.गोरे गलवा के पीछे केहू काहे मुएला
चार पांच दिन इसी तरह,... रोज बिना नागा,... और पांचवे दिन,... उससे नहीं रहा गया तो सोचा कम से कम बात तो करता ही हूँ,... बाहर आके,... वो गठ्ठर बांध रही थी थी,...
क्या बोले वो न बोले वो, आसपास कोई था नहीं , दो चार बार इधर उधर देखा,
लेकिन बोली पहले वही, मुस्करा के चिढ़ाते बोली,
" अरे बाबू एतना दूरी से काहें देख रहे हों, हम काटेंगे नहीं,... "
वो पास पहुंचा तो हलके से बोली,
" तानी हमार बोझवा उठाय दो, अरे खाली हाथ लगाय दो,...."
हाथ लगाने में दोनों का हाथ छू गया , तो जैसे उसे करेंट लग गया हो, करेंट तो हाथ में लगा था,...
लेकिन असर शॉर्ट्स के अंदर हुआ , पप्पू टनटना गया,... "
गनीमत था उसने देखा नहीं लेकिन छेड़ते बोली,
" हाथ लगाने में एतना घबड़ा रहे हो, कुछ और करने को बोलूंगी तो का हाल होई,"
उठाते समय उसका आँचल ढलक गया, गोरी गोरी गोलाइयाँ, गहराई, कड़ापन सब एक बार में दिख गया,
और बोझा उसके सर पे रखते ही कोहनी भी अनजाने में उन कठोर पहाड़ियों से छू गयी, लेकिन बजाय बुरा मानने के बोली,...
" कभी पकडे वकडे हो की नहीं। "
और घास का बोझ सर पे रख के आँख नचाते हुए कहा, " देखा बाबू, केतना बोझ हम उठा सकते हैं। "
पर असली तीर उसने चलने के बाद मारा,.. उसके तने शॉर्ट्स की ओर कस के घूरते हुए, ... "
" बाबू नाग तो बड़ा जबरदस्त पाले हो पजामें में , कबो एक घाम हवा देखाते हो की नहीं "
और जब वो मुड़ी तो चूतड़ भी उसके जबरदस्त,...
...
उसे क्या मालूम उसकी ये सब हरकतें कोई देख रहा है,
....
एक दिन गन्ने के खेत के बीच की पगडण्डी पर वो एक पुरानी भोजपुरी फिल्म का गाना गुनगुनाता जा रहा था,...
लाल-लाल ओठवा से बरसे ललइया हो कि रस चुएला
जइसे अमवा के मोँजरा से रस चुएला
भागेलू त हमका बोलावेला अँचरवा -२
अँखियाँ चुरावेलू त हँसेला कजरवा हो हँसेला कजरवा
तनिक छहाई ला ल घमाई जाई गलवा,
घमाई जाई गलवा
और पीछे से एक मीठी सी आवाज आयी,
" चलीं चाहे घमवा में बैठीं चाहे छँहवा हो काहे मुएला
गोरे गलवा के पीछे केहू काहे मुएला
अरे गोरे गलवा के पीछे कोई काहें मुवेला, हो काहें मुवेला, .... "
और उसको दरेरती धकियाती,... निकल गयी, बस गनीमत था की वो गिरा नहीं,...
और मुड़ के उस आवाज ने पीछे देखा तो वही गड्ढे पड़ने वाले गोरे चिकने गाल,... ठुड्डी पर तिल और तिल के दांये बाएं दरबान की तरह दो गोदने से बने, तिल,... और वही हंसी,... गालों में गड्ढे पड़ गए,...
" हे,अगर कहीं मैं गिर जाता तो,... "
"हे बाबू एतना जल्दी गिर जाबा तो हमार काम कैसे चली,... "
मीठी बोली में तीखा कमेंट मार के अगली पगडण्डी पर अपनी बस्ती की ओर मुड़ गयी,...
मन तो उसका यही कर रहा था की बस पीछे से दबोचे और गन्ने के खेत में धंस जाए,... और हचक हचक के चोदे,
उसके कितने गाँव के साथ के यार दोस्त रोपनी, कटनी वालियों के साथ, बिना नागा खेत में,... और कोई बुरा नहीं मानता था , न चुदने वाली, न घर गाँव के लोग, रोज की बात थी
और ये नहीं की वो चोदता नहीं था,... चाची के स्कूल में पढ़ाई करने के बाद, कितनी गाँव की भौजाइयों पर चढ़ाई कर चुका था और सब की ऐसी की तैसी हो जाती थी,...
लेकिन नयी कम उमर की लड़कियों के साथ
हिम्मत ही तो नहीं पड़ती थी,... कब, कहाँ कैसे
एक दिन वो आम के पेड़ के नीचे के खड़ा था और वो बगल में घास वाली, नैन मटक्का हो रहा था , वो खूब ललचा रही थी, उकसा रही थी,...
तभी उसने देखा, ग्वालिन भौजी दरवाजे खड़ी उसे देख के मुस्करा रही थीं, उन्हें देख के वो वापस घर में,...
Thanks so much for nice words,Mast hot update