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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

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भाग ३८


मेरे पास माँ है- इनसेस्ट् कथा गीता और अरविंद की



भैया और मुझे भी लग रहा था , माँ को भी लगने लगा, बहुत चोर सिपाही हो गया , अब असली खेल घुस्सम घुसाई वाला होना चाहिए ,... मैं माँ का इशारा समझ के पलंग पे पीठ के बल लेट गयी, और टाँगे उठाने लगी,... लेकिन तभी माँ की डांट पड़ी,...



"ऐसे नहीं, चल पेट के बल लेट, टाँगे नीची,..."




और मैं पेट के बल, ...


मेरी दोनों टाँगे फर्श पे बस छू रहीं थी,... माँ ने पलंग पे जितनी तकिया रखी थीं, सब मेर पेट के नीचे लगा के मेरा पिछवाड़ा ऊंचा कर दिया था, जिससे मेरे पैर फर्श पे बस,... मान गयी मैं माँ को,अब जो भैया धक्के मारेगा, सब तकिये पे जोर पडेगा, ... वो मारता भी था कस कस के बहुत, बस जान नहीं निकलती थी,...

माँ सिरहाने आके मेरे सर के पास बैठ गयी, दोनों अपनी टाँगे फैला के, वो अब बस पेटीकोट पहनी थी वो भी घुटने के बहुत ऊपर सरका, समझो कमर के पास सरका, सिमटा, हम दोनों के कपडे तो पहले से ही उतरे,... माँ बहुत दुलार से मेरा सर सहला रही थी, ऊँगली मेरे बालों में घुमा रही थी, और मेरे मुंह को अपनी गोद में दुबका के,... फिर झुक के हलके से बोली,...

" माँ के पेटीकोट का नाड़ा खोलने का हक़ वैसे तो बेटे का पहले है,लेकिन तू कौन बेटे से कम है, चल खोल दे,... "



और खुद मेरा हाथ पकड़ के माँ ने अपने नाड़े पर,... मुझे मालूम था,...वो नाड़ा डबल गाँठ बांध के उसे एकदम अंदर खोस लेती थी, और उस की देखादेखी मैं भी शलवार और चड्ढी का नाड़ा वैसे ही बाँधने लगी थी की कभी मज़ाक मजाक में कोई भौजाई या सहेली न,...



थोड़ी देर में उसका पेटीकोट भी सरक के फर्श पे,...

और माँ ने मेरा मुंह खिंच के सीधे अपनी जाँघों के बीच,

कितनी बार मैं अपनी सहेलियों या गाँव की भौजाइयों के साथ , .... मैं समझ गयी,.. माँ ने जाँघे पूरी फैला ली थी और खुद उन्होंने खींच सीधे वहीँ, खूब मोटी मोटी फांके थी, झांटे थीं लेकिन हलकी,



कस के उन्होंने मेरे सर को अपने दोनों हाथों से पकड़ के अपनी बुर पे मेरे होंठों को दबा रखा था,...

मैं चुसूर चुसूर चूस रही थी।

बहुत अच्छा लग रहा था,...

तभी भैया ने मेरी दोनों टांगो को फैला के सटाने की कोशिश ही की की माँ की आवाज गरजी,

" मैं तो सोच रही थी ये मेरी दुलारी बेटी ही बेवकूफ है, लेकिन तुम भी कम घोंचू नहीं हो,... अबे, स्साले, रंडी के,... तेरी बहन की बुर तेरी मलाई से बजबजा रही है , ऐसे में इसकी मारेगा तो न तो इसको मजा आएगा , न तुझे, कुछ भी नहीं समझ में आता क्या,... "




बचपन से जब भी माँ मेरे सामने भैया को डांटती थी, मुझे बहुत मजा आता था, और आज भी मारे खुसी के मैं कस कस के माँ की चूसने लगी,..

भैया कोई कपड़ा ढूंढ रहा था, माँ का ब्लाउज ही उसके हाथ लगा, माँ ने हामी भरा ठीक है, चल साफ़ कर,...

भैया ने ऊँगली में लपेट के मेरी बिल में धीरे धीरे डाल के दाएं बांये रगड़ रगड़ के, फिर बाहर निकाल के माँ को दिखाया, उसके ब्लाउज में भैया की मलाई, ...

अच्छी तरह से,...

" अरे चार पांच बार और कर,... फिर इसके दुसरे ओर से, एक बूँद भी अंदर बचना नहीं चाहिए, चाहे तेरी मलाई हो या इसकी चासनी एकदम सूखा कर दो,...

दो चार मिनट के बाद माँ ने हामी में सर हिलाया,

पर साथ ही अपनी दोनों टाँगे माँ ने मेरी पीठ के ऊपर कर के कस के जकड़ लिया, दोनों हाथों से मेरे सर को एक बार फिर कस के अपनी जाँघों के बीच में सटा लिया,... और उसी समय भैया ने कस के धक्का मारा, और एक झटके में वो मोटा सुपाड़ा मेरे अंदर,...

जैसे कोई मोटा लोहे का रॉड घुस गया हो, मैंने और माँ ने उसे जितना गरम किया था वो एकदम स्टील ऐसा कड़ा,...

और मुझे लगा जैसे मेरा चमड़ा छील गया हो , पहली बार जब भैया ने पेला था तो अच्छी तरह से सीधे बोतल से मेरी बिल में सरसों का तेल पिलाया था , आधी बोतल, और खुद भी उसके बाद हर बार उसकी मलाई भी रहती थी , आज सुबह से दो बार मैं खुद तेल अंदर तक लगा चुकी थी और तीन बार की मलाई भी थी ,

लेकिन कपडा अंदर डाल के सुखाने से चूत एकदम सूखी हो गयी,

लग रहा था मेरी चमड़ी छिल गयी हो,...

दूसरा टाइम होता तो मैं जोर से चीखती, पलंग पे उछल पड़ती , पर आज माँ की मोटी मोटी जाँघों के बीच मेरा सर फंसा था चीखें घुट के रह गयी, और माँ के पैरों की पकड़ इतनी कस के मेरी पीठ पे थी,...
Bahut badhiya update.yeh incest story baki incest stories se bahut badhiya or achhi h. Apka jawab nahi, koi apka saani nahi h. Seal to aaj khuli geeta ki
 

Random2022

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भैया चढ़ा बहिनिया पे





पहली बार जब भैया ने पेला था तो अच्छी तरह से सीधे बोतल से मेरी बिल में सरसों का तेल पिलाया था , आधी बोतल, और खुद भी उसके बाद हर बार उसकी मलाई भी रहती थी , आज सुबह से दो बार मैं खुद तेल अंदर तक लगा चुकी थी और तीन बार की मलाई भी थी , लेकिन कपडा अंदर डाल के सुखाने से चूत एकदम सूखी हो गयी,

लग रहा था मेरी चमड़ी छिल गयी हो,...

दूसरा टाइम होता तो मैं जोर से चीखती, पलंग पे उछल पड़ती , पर आज माँ की मोटी मोटी जाँघों के बीच मेरा सर फंसा था चीखें घुट के रह गयी, और माँ के पैरों की पकड़ इतनी कस के मेरी पीठ पे थी,...

भैया एक पल के लिए रुका,

असल में मेरे ऊपर चढ़ाई करने का मन तो उसका बहुत दिनों से था, जब से चाची ने उसे उकसाया था, पर उसको यही लगता था की मुझे दर्द बहुत होगा यही सोच के, ...

और जब फुलवा की उसने अमराई में झिल्ली फाड़ी,... फुलवा उसके मन का डर समझती थी, इसलिए अपने सामने ही अपनी छोटकी बहिनिया चमेलिया की उसी अमराई में फड़वाई,... फिर खुद पटा के , लड़कियों के पटने का चक्कर नहीं था , भैया के मन का डर था, इसलिए दिन दहाड़े कभी गन्ने के खेत में तो कभी बँसवाड़ी में तो कभी नदी के किनारे,.. अपनी बहिनिया के अलावा चार पांच कुँवारी कच्ची कोरी लड़कियों को भैया के नीचे लिटा दिया था और उस के बाद तो,... दर्जन भर से ऊपर, कोई रोपनी वाली कोई कटनी वाली, दो चार हम लोगों के पुरवा की भी एकदम पहली बार वाली,... अब उसे खून खच्चर में खूब मजा आता था,...

लेकिन जहाँ मेरे बारे में सोचता था बस वही दर्द सोच के,...
और आज भी उसे लग गया की शायद दर्द हुआ होगा, इसलिए बस वो पल भर के लिए रुका था की माँ की डांट और गालियां एक साथ,

"अबे साले, तेरी बहन को कुत्तों से चुदवाऊ,... गांडू कहीं के अगर चोदने की ताकत नहीं है तो इतना बड़ा घोड़े का लंड लेकर काहें टहलता है, रुक क्यों गया,... '



फिर एक पल के लिए रुक के माँ को शायद बात समझ में आगयी पर न तो उनकी डांट की रफ्तार रुकी,... न गालियां कम हुईं , हाँ उनका विषय जरूर बदल गया,

" अबे अगर तेरी माँ को चोदने वाला उसके दर्द की परवाह करता न तो तू आज पैदा न होता। स्साले धक्के पे धक्का मार , ऐसे लौंडिया कोई चोदता है,... मैं तो समझती थी मेरी बेटी ही बेवकूफ है , लेकिन तू तो उससे भी बड़ा,... सुन ले कान खोल के, अगले तीन धक्के में ये बांस पूरा मेरी बेटी के अंदर, सीधे बच्चेदानी पे ठोकर लगनी चाहिए,... और अगर तीन की जगह चौथा धक्का लगा तो मैं अभी आउंगी , और उलटे तेरी गाँड़ मारूंगी,... कोई गांव की चार बच्चे वाली तेरी भौजाई नहीं है मेरी एकलौती बेटी है, मार कस कस के ,... "



मारे डर के मैंने कस के माँ की बुर को कस के चूसना शुरू कर दिया, ... माँ मेरा सर सहलाने लगी,...



और उस के बाद भाई ने क्या कस के धक्के मारे, पांच दिन से दिन रात वो मुझे पेल रहा था लेकिन ऐसी भयानक चुदाई, ... चूल चूल हिल गयी थी मेरी,... दर्द के मारे जान निकल रही थी, लेकिन पांच छह मिनट के बाद,...





वो पल भर के लिए रुक गया , शायद माँ ने इशारा किया था,...



अभी तक मेरी कमर को दोनों हाथों से पकड़ के वो कस कस के धक्के मार रहा था , लेकिन अब उसने मेरे नीचे हाथ डाल के,...

मेरी छोटी छोटी चूँची,...




माँ बेटे ने मेरी दोनों जुबना आपस में बाँट लिए थे ,बाएं वाला माँ के पास और दाएं वाला बेटा के पास,... और जैसे दोनों के बीच कोई मुकाबला चल रहा था , कौन कितनी कस के दबाता है , कौन निपल ज्यादा जोर से खींचता है, मस्ती से मेरी हालत खराब हो रही थी,...

मैं जो कर सकती थी मैंने किया,

मैंने जीभ माँ के भोंसडे में घुसेड़ दी थी और अब माँ की दोनों फांके मेरे दोनों होंठ के बीच मैं कस कस के चूस रही थी ,




और अब माँ की हालत भी खराब हो रही थी ,

लेकिन स्साले माँ के उस बहनचोद बेटे ने मेरी,... एक हाथ मेरी चूँची निचोड़ रहा था, दूसरा मेरी जाँघों के बीच मेरी जादू वाली बटन पे हलके हलके हलके सहलाते और धक्के अब फिर पूरी तेजी से चालू हो गए थे,...




हम दोनों साथ साथ झड़े,...ऑलमोस्ट,... मैं और माँ, पहले मैं फिर माँ,... माँ की सब चासनी मेरे मुंह में और मैं चुसूर चुसूर पी रही थी,


भाई और दस बारह मिनट तक चढ़ा रहा , एकदम पागल हो गया था , जब मैं तीसरी बार झड़ी तो वो साथ साथ ,... और फिर बहुत देर तक कटे पेड़ तक मेरे ऊपर गिर के पड़ा रहा,...

माँ ने खुश हो के हम दोनों को अपनी गोद में खींच के समेट लिया और खूब दुलार से चिपका लिया और बारी बारी से चूमती रहीं,...


और फिर उठ के फर्श पे गिरा अपना पेटीकोट उठा के पहन लिया, और ब्लाउज उठाया तो जहाँ उनकी बड़ी बड़ी चूँचियों की नोक रहती वहीँ पे भैया की सारी मलाई लगी थी, एक पल देख के मुस्करायीं , फिर उसे भी पहन लिया,...

और मैंने भी स्कर्ट, टॉप,...

मैंने साफ करने की कोशिश की कुछ तो उन्होंने बरज दिया, कस के। और मेरी ऊँगली पकड़ के अपने कमरे में , वहां उनकी साड़ी पड़ी थी, उसे उठा के लपेटते हुए मुझसे बोलीं,



" चल तुझे तेरी चाची के यहाँ टहला लाऊँ, तेरे मामा के यहाँ का भी कुछ सामान उसे देना है,.. और एक झोला उठा के मुझे पकड़ा दिया,.. , फिर अलमारी खोल के कुछ कपडे निकाले अखबार में लपेटे और उस के लेके,... "

Maza aa gya
 

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" माँ के पेटीकोट का नाड़ा खोलने का हक़ वैसे तो बेटे का पहले है,लेकिन तू कौन बेटे से कम है, चल खोल दे,... "

पहला हक बेटे का है.... लेकिन बेटे से ज्यादा तेज तर्रार और बोल्ड बेटी है... इसलिए पहला हक माँ ने उसे दे दिया...
भाई को पटा के, मना के... बहका के.. आखिर बेटी ने राजी कर लिया.
भाई का काम बहन कर रही है... वो भी आगे बढ़-बढ़ के...


लेकिन भाई इन सबका बदला सूद समेत वसूलेगा... जब माँ की....
बिल्कुल.... intezar hai episode ka 😉 naya saal naya maal
 
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दोनों जगह भाई-बहन एकदम खुल्लम-खुल्ला ... बेरोक-टोक...
आखिर वहाँ भी तो मामी नहीं थी....
Bilkul , ab geetava bhi jara apni maa ko ched ke maa aur mama ka khel jaane to maza aa jaye
 
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साड़ी के फ़ायदे और दर्जिन भौजी



मुझे लगा की छोटी स्कर्ट से झांकती जाँघों को लेकर,... सच में रास्ते में दर्जनों लौंडे, सब की निगाह वहीँ,... वो तो माँ थी, वरना एक से एक कमेंट सुनने को मिलते, ... मैंने टोका,

" मैं तो कह रही थी आप से शलवार कुरता पहन लेती हूँ,... लेकिन,... "




मेरी बात काटते हुए खिलखिलाते हुए वो बोलीं,

"अरे पगली, कभी तू बाहर गयी, बाजार, शहर , ननिहाल,... वो सब वहां के लिए सूट वूट,... अरे समझ जायेगी धीरे धीरे, गाँव में साड़ी पहनने के बहुत फायदे हैं , जितना चाहो आसानी से ऊपर उठा सकती हो,... और शलवार,... रास्ते में देख रही थी, जगह जगह कीचड़, पानी,... ये तू तूने स्कर्ट पहन रखी थी इसलिए कोई दिक्क्त नहीं हुयी,... तो मैं कपड़ा ले आयी हूँ,... तोहरे दर्जिन भौजी से तोहरे लिए बिलाउज सिलवा लूंगी, एक दो। साड़ी तो तू मेरी भी पहन सकती है , फिर कभी शहर चलेंगे या भैया के साथ जा के दो तीन ले आना। "



( साडी का असली फायदा मुझे आठ दस दिन बाद पता चला, जब भरी दुपहरिया, बीच बाग़ में , एक बड़े पुराने महुआ के पेड़ के नीचे, बस एक मोटी डाल के सहारे मुझे भैया ने निहुरा के, साड़ी मेरी कमर तक उठा के पेटीकोट के साथ कमर में फंसा के , हचक के चोद दिया,...


उसके बाद तो कभी गन्ने के खेत में , कभी बँसवाड़ी में,




बस उठाया सटाया और पेल दिया,... तब मुझे माँ की बात का असल मतलब समझ में आया, साड़ी का असली फायदा )

दर्जिन भौजी से जब माँ ने बताया तो माँ की सारी प्लानिंग उन्होंने एक झटके में फेल कर दी,... कपड़ा जो माँ लायी थीं, ...

बोलीं "

ये तो तोहरे नाप का है, हमरी ननद का काम तो बित्ते भर के कपडे से चल जाएगा, अभिन छोट छोट टिकोरा तो हैं, ... और ये सब कपडा बेकार हो जाएगा , काटने के बाद ,... एहसे मैं आपका बना दूंगी, एकदम नई कट का,.. और इसकी चिंता छोड़ दीजिये मेरे ऊपर,... भौजी हूँ , पहला बिलाउज अपने हिसाब से बनाउंगी,.. "




और उन्होंने एक कपडा निकाला,... और देखते ही में उछल पड़ी,...

" अरे नाहीं भौजी, ये तो एकदम झलकौवा है इससे तो सब कुछ दिखाई देगा, पहनना न पहनना सब बराबर,... "




प्याजी रंग का कपडा था मैंने हाथ में रख कर देखा। हाथ की एक एक लाइन तक साफ़ साफ़ दिख रही थी।

मैंने माँ की ओर देखा तो उन्होंने बीच बचाव करने से इंकार कर दिया सिर्फ बोलीं, ननद भौजाई के बीच में मैं नहीं पड़ती,...

" अरे घबड़ा जिन नीचे अस्तर लगा दूंगी,... लेकिन केतना लगाउंगी, कौन कट, ये सब फैसला बाद में, पहले तेरा नाप ले लूँ,... "

और जब तक मैं समझूं भौजी ने टॉप ऊपर उठा के अलग, और बोलीं, ...

" अरे जोबन तो खूब गदरा रहें, अरे दबवाना मिजवाना शुरू कर दो,... २८ से ३० होते देरी नहीं लगेगी। "



दर्जिन भौजी की ये खास बात थी की नाप आँख से देख के ले लेती थीं किसी की बायीं चूँची बड़ी है , दायीं वाली छोटी, उसका भी उन्हें अंदाज था।

पर मेरा नाप वो पहली बार ले रही थी और फिर रिश्ते की ननद तो , दबाने मसलने का मज़ा कौन भौजाई छोड़ती है, ... निपल खींच के दोनों, उसके बीच की भी दूरी नापी,..

दोनों निपल के ऊपर से भी टेप लगाया, और फिर उभारो के बेस पर भी और फिर दर्जन भर और,... तब मेरा टॉप वापस मिला।




लेकिन उसके पहले भौजी की तेज निगाह से भैया के दांत के निशान दो चार जगह लगे थे जुबना पे , वो न बचे,... वहां सहलाते बोली,

"अच्छी बात है टिकोरे पे कउनो तोता चोंच मार दिया है , लेकिन यह उमर में यही तो अमिया क सोभा है "

कब तक मिलेगा , मैंने पूछ लिया और वो बोलीं , बस घंटे भर में, सब काम छोड़ के ननद का काम,..

माँ ने मुझसे कहा ठीक है जब हम लोग चाची के यहाँ से लौटेंगे तो ले लेंगे।

चाची के यहाँ एक घंटे के लिए हम लोग गए थे, पूरे सवा दो घंटे रुके,... चलते हुए जब हम दर्जिन भौजी के यहाँ पहुंचे तो गाँव के प्रधान वही मिल गए,... बाहर ही. माँ उनसे बतियाने लगीं और मुझसे बोलीं की तू जा के झट से अंदर से ले आ, लगता है बारिश जल्दी आयेगी।

" हे ननद रानी, पहले अपना ये टॉप उतारो, ... "

मैं झिझकी तो उन्होंने खुद और ब्लाउज पकड़ा दिया,...

" भौजी बहुत टाइट हो रहा है, "




सामने शीशे में देखते मैं बोली।

" अरे ननद रानी, चोली टाइट नहीं होगी तो लौंडों का पैंट कैसे टाइट होगा, मेरी ननदिया के बाला जोबनवा को देख के "

ऊपर से चिकोटी काट के बोलीं, और जोड़ा, देख अस्तर भी लगा दिया है,...

बात सही थी , अस्तर था, मोटा भी था लेकिन दो इंच का भी नहीं होगा सिर्फ एक चौड़ी सी पट्टी,... सबसे नीचे जो उभारों को और उभार के सामने लाती, वी टाइप गला, लेकिन एकदम नीचे तक, पूरा की पूरी गहराई दिखती थी. टाइट नीचे से ज्यादा था,...


और एकदम ऊपर थोड़ा सा ढीला, जिससे अंदर का एक तो सब कुछ दिख जाए, और कोई हाथ डालना चाहे तो कोई रोक टोक नहीं, हाँ अस्तर के कारन ब्रा की जरूरत एकदम नहीं थीं, निपल के पास एकदम टाइट था, जिससे चूजे की चोंच साफ साफ़ दिख रही थी, कड़ाव, उभार, सब कुछ. सिर्फ दो बटन वो भी चुटपुटिया, ...

स्लीवलेस,... सिर्फ एक रस्सी सी पतली पट्टी गोटे की, दोनों कन्धों पर और पीछे भी वैसे ही, एलस्टिक वाली, चाहो तो बिना बटन खोले उतार दो, सरका दो,



दूसरा वाला भी, वैसा ही लेकिन गोल गला और बहुत डीप लो कट.



लेकिन छुटकी असली मुद्दे पर आना चाहती थी, बोली,

" दी, रात का हाल बता न , माँ और भैया के साथ। "




और गीता सीधे मुद्दे पे आ आगयी लेकिन उसने रात में खाना बनाते समय, रसोई में वो और माँ थी उस समय का भी हाल बताया की माँ और उस में कैसे सहेलियों से भी बढ़ के पक्की दोस्ती हो गयी,...

उसने अपनी गुलाबो के बारे में कुछ बोला तो माँ ने हड़काया, और बेलन दिखाते मजे ले ले कर बोलीं,...

" स्साली भाईचोद, चूत में भाई का लंड घोंटने में शरम नहीं, माँ के सामने और,... आज से मेरे सामने, इस घर में और बाहर भी कभी तेरे मुंह से चूत, बुर, लंड.गाँड़ और चुदाई के अलावा कुछ इधर उधर का सुना न तो ये बेलन देख रही है,... तेरे भैया के लंड से भी बड़ा है , तेरी गाँड़ में घुसा के फाड़ दूंगी।
"

और गीता भी खिलखिलाते बोली, ...

" अरे माँ मेरे भाई को समझती क्या हो, अभी तो बहनचोद ही बना है, जल्द ही मादरचोद बन जाएगा, वो भी बहन के सामने , बोल चुदवायेगी, बेटा चोद "

माँ भी हँसते बोली

,' स्साली रंडी की, पक्की छिनार है। अरे जिसके बाप से चुदवा के उसे पैदा किया, उसके लौंड़े से डरूंगी, उसके बाप से नहीं डरी तो,... बोल देना बहनचोद को,... "



जल्द खाना बना के तीनों खा के,.... माँ ने कहा था,... आज हम तीनो जैसे जब तुम दोनों छोटे थे, मेरे साथ सोते थे , उसी तरह, मेरे कमरे में वहां बिस्तर भी बड़ा है,..
.
Komal ji, apne to readers or julm kar rakha hai, ese hot update denge. Pichle kuch mahino se xforum pr apke alawa koi stories nhi padhi
 
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Rajizexy

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भाग ३७ -

इन्सेस्ट कथा - और माँ आ गयीं



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और अब फिर दुबारा पूरी ताकत से भाई ने ठेला, कसी चूत, सटी टाँगे, फंसी फंसी जाँघे,.... भाई को दोनों तगड़ी जाँघों के बीच कस के कसी, दबोची,...



कोकशास्त्र में स्पष्ट लिखा है की शशः पुरुष का शिश्न छह अंगुल का तथा अश्व का बारह अंगुल का होता है उसी प्रकार हिरणी के प्रकार की स्त्री की योनि ६ अंगुल गहरी तथा हस्तिनी की बारह अंगुल वाली होती है , अतः अगर कभी शश पुरष ( छह अंगुल वाले को ) हस्तिनी ( बारह अंगुल गहरी योनि वाली ) के साथ सम्भोग करना हो तो इस प्रकार के संकुचन वाले आसन का प्रयोग उचित है,



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पर यहाँ तो बारह अंगुल वाला अश्व , छह अंगुल वाली हरिणी पर चढ़ा था और आसन वही,

सूत सूत सरकते रगड़ते दरेरते, मोटा सा लंड बहन की चूत में घिसट घिसट कर घुस रहा था



और बहन चीख रही थी , तड़प रही थी, जाल में फंसी चिड़िया की तरह छूटने की कोशिश कर रही थी,... पर ये आवाजें ही तो कामाग्नि में घृत का काम करती हैं , वो चीखती रही , चीख के थक गयी, पर भाई चोदता रहा उसी तरह दबा के दबोच के ,



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पर उस दर्द के बावजूद थोड़ी देर में गीता फिर झड़ रही थी और इस मस्ती से वो कभी नहीं झड़ी थी कल से ,...झड़ती रूकती,... फिर झड़ती ,...



कुछ देर रुक के भाई ने फिर,... और आठ दस मिनट बाद , सारी मलाई उसकी बच्चेदानी में उड़ेली



गीता ने छुटकी को बताया की की पूरी रात,.... जैसे मरद औरत नई नयी शादी के बाद,... और एक बार भी बिस्तर पे लिटा के नहीं,..

कभी दीवाल के सहारे खड़ा कर के ,



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कभी पलंग पकड़ा के निहुरा के , कभी गोद में बिठा के,...

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और अगले दिन भी, यहाँ तक की रसोई में भी , घर का कोई कोना दोनों ने छोड़ा नहीं ,


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छुटकी बोली,



" दीदी, फिर तो बहुत मजा आया होगा दस दिन तक माँ को नहीं आना था , पूरे दस दिन,... "



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" नहीं यार, तीन चार दिन बाद ,... हम दोनों पकडे गए , लेकिन सारी डांट मुझे ही पड़ी,... बल्कि एक दो हाथ भी ,... माँ जल्दी आ गयी थी। "

गीता सीरियस हो के बोली ,



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फिर पूरा हाल सुनाया, माँ के आने का भी और,... जबरदस्त डांट पड़ने का भी, कैसे पकड़ने गए भाई बहन रंगे हाथ, और क्या हाल हुआ,...

छुटकी भी अब थोड़ी सीरियस हो गयी कहानी में ट्विस्ट आनेवाला था,

और यहाँ तो जबरदस्त झटका लग गया था भाई बहन की मस्ती को,...



कुछ रुक के गीता ने आगे बताना शुरू किया,...



थोड़ी देर पहले ही भैया ने उससे रगड़के रसोई में ही चोदा था, कुतिया बना के,... मलाई लबालब भरी थी, छलक रही थी, सुबह से ये तीसरा राउंड था,...



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और गीता के कमरे में ही वो भैया को छेड़ रही थी, कपडे तो न वो पहनती थी न भैया को पहनने देती थी, ... भैया पलंग पे बैठा, पैर फर्श पे किये और वो उसके दोनों पैरों के बीच मुंह किये, अपने लम्बे मोटे खिलौने को हलके हलके चूस रही थी,... अभी भी वो खाली सुपाड़ा ही मुंह में ले पाती थी, मोटा इतना ज्यादा था,....


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भैया खूब मस्त हो रहा था , और जब भी वो मस्त होता तो उसकी आँखे बंद हो जातीं , दुनिया जहान की खबर नहीं रहती थी उसे , चाहे कान के आगे ढोल पीटो,...



ये तो बाद में ध्यान आया की भैया ने सोचा बाहर का दरवाजा मैंने बंद किया है, और मैंने सोचा भैया ने,... बस वो खाली उढ़का सा,...


और जब माँ घुसीं दरवाजे से ,

तो मेरी तो पीठ उधर थी और भैया की मस्ती से आँखे बंद थी , और माँ भी एकदम दबे पाँव,...

( बाद में मेरी समझ में आया की माँ तो दरवाजे से घुस के अपने कमरे में सीधे सामान -वामान रख के कपडे चेंज कर रही होगी, ... इसलिए वो सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में,... और फिर सिर्फ भैया की उन्ह आह की आवाज सुन के मेरे कमरे में,.. और यहाँ का सीन देख के,...)



और दस मिनट तक सिर्फ डांटती रहीं,



"इसलिए तुझे यहाँ छोड़ के गयी थी, यही सब देखने के लिए , अपनी तो छोड़, कम से मेरी इज्जत का ख्याल करती, नाक कटा दिया तूने मेरी,... कुछ तो सोचा कर ,..."




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क्या क्या न कहा,...

और भैया ने जब घबड़ा के उठने की कोशिश की तो उसे और जोर से हड़का लिया,...



" तू तो हिल मत , जैसे है वैसे पड़ा रह, नहीं तो अभी कपडे धुलने वाली मुंगरी लाती हूँ उसी से तेरी खातिर करुँगी, पड़ा रह चुप चाप, जैसे आँख बंद थीं वैसे बंद कर लें ,... "

और भैया ने मारे डर के आँख बंद कर ली, ...

फिर मेरी पीठ पे दो जबरदस्त चांटे , जैसे किसी ने तेज़ाब छिड़क दिया हो,... मेरी आँखों में आंसू नाच के रह गए ,... मैं जान रही थी , अगर हिली कुछ बोलने की कोशिश की तो उसी मुंगरी से मेरी धुलाई होगी,...

फिर पेटीकोट अपना घुटने तक मोड़ के वो मेरी बगल में बैठ गयीं , और जबरदस्त मेरे कान का पान बना दिया, उनका रेडियो फिर चालू हो गया लेकिन अबकी स्टेशन बदल गया था.



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Awesome update 6 ungal aur 12 ungal.Kya likha hai Komal didi aap ne.
Superb update 👌👌👌💯💯💯🔥🔥🔥
 

Rajizexy

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माँ बीच बीच में मेरे कान में समझा भी रही थीं, होंठों से रगड़, नीचे जीभ से चाट, और कस के चूस,...

अब तक मैं समझती थी, सिर्फ मुंह में लेके चुभलाओ, लेकिन माँ एक एक चीज़ समझा रही थीं,...

पर थोड़ी देर में मेरा मुंह एकदम थक गया, गाल फटे पड़ रहे थे, ... अच्छा तो लग रहा था भैया का मूसल मुंह में लेकिन बस मन कर रहा था बस थोड़ी देर के लिए मुंह हटा लूँ,


मैंने माँ की ओर देखा तो वो मुस्करा रही थीं, हल्के से बोलीं,

"मेरी रानी बेटी का मुंह इत्ती जल्दी थक गया, ... लेकिन चल अभी कुछ दिन में,... निकाल ले,..."



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लेकिन कान में उन्होंने कुछ और सिखाया, और मेरी आँखे चमक गयीं , ये तो उन फिल्मों में भी नहीं देखा था, वो बोलीं , मुंह से तो निकाल ले , थोड़ी देर के लिए लेकिन कोई न कोई हिस्सा चेहरे का, और इशारे से समझाया चाट तो सकती है बाहर से,...

बस मैंने धीरे धीरे निकाला बाहर लेकिन, अपने किशोर गुलाबी गोरे गोरे गालों पर, जिस पर गाँव में न जाने कितने फिसलते थे, भैया के तन्नाए खूंटे से रगड़ती रही, फिर कभी जीभ निकाल के बाहर से चाटती, तो कभी हाथों से मुठियाती हुयी छोटे छोटे सैकड़ों चुम्मी, ...



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पर माँ का इशारा जिधर था , मेरी न हिम्मत पड़ रही थी , न मन कर रहा था,...


पर माँ ने जब आँख तरेरी, ... तो मुझे उसके चांटे और मुंगरी याद आ गयी, तो बड़े बेमन से,... पहले जीभ से फिर मुंह खोल के एक,..


माँ भैया के बॉल्स, जिसको ग्वालिन भौजी पेल्हड़ कहती थीं,... की ओर इशारा कर रही थीं,...

और जब मैंने पूरा एक मुंह में ले लिया, चुभलाने लगी, साथ साथ में मेरी पतली पतली कलाइयां भैया के पगलाए लंड को मुठिया, रही थी, तो हंस के बोलीं वो,...



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" अरे पगली , यही तो रसगुल्ला है,... जिसमें सारा असली रस है, यहीं से तो रबड़ी मलाई बन के निकलती है "


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लेकिन जो अगली बात का जो उन्होंने इशारा किया वो मेरे बस नहीं था, मेरे एकदम समझ में नहीं आ रहा था,

भैया का मस्त मोटा एक बित्ते का झंडा हवा में लहरा रहा था , मोटा तन्नाया, माँ की नजरें भी वहीँ अटकी थीं,...


वो सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में, ब्रा तो घर में पहनती नहीं थी , कई बार बाहर भी , ... तो एक पल के लिए सोचा उन्होंने,.. फिर एक झटके में अपना ब्लाउज उतार के वहीँ फेंक दिया , जहां फर्श पे मेरे और भैया के कपडे छितरे पड़े थे,...



और उनकी मोटी मोटी चूँचिया, खूब गोरी,... मैं एकदम उन्ही पे पड़ी थी, ... और फिर मेरी ओर देखा, जैसे कह रही हों , देख सीख, बार बार न समझाउंगी,...

और उन्ही दोनों चूँचियों के बीच भैया का खूंटा, लेकिन उसके पहले अपने लम्बे खड़े निपल को भैया के सुपाड़े में कभी लगाती,तो कभी पेशाब वाले छेद में



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और जब दोनों चूँचियों के बीच दबा के उन्होंने मसलना शुरू किया तो मेरा और भैया दोनों का मुंह खुला रह गया।

इतनी कस के तो मैं अपनी मुट्ठी में नहीं पकड़ पाती थीं , जिस तरह से माँ ने अपने दोनों जोबन के बीच भैया का मूसल दबोच लिया था, ... आज भैया लाख चूतड़ पटकता उस पकड़ से नहीं निकाल सकता था, ...



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मैं बहुत खुश और मुस्करा के चिढ़ाते हुए भैया को देख रही थी और साथ में माँ को भी,



सच में बहुत सीखना था माँ से,...



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वो सिर्फ अपनी चूँचियों से अपने बेटे को नहीं चोद रही थीं, बल्कि उनकी देह का कोई हिस्सा नहीं बचा था , जो उस खेल तमाशे में नहीं शामिल था, उनके हाथों की उँगलियाँ कभी भैया के बॉल्स को सहला देतीं, कभी जाँघों पर चिकोटी काट लेतीं,... तो कभी,... मैं तो चौंक गयी,... भैया के पिछवाड़े की दरार,... सीधे वहीँ रगड़ देतीं कस के,... होंठ उनके बीच बीच में भैया की छाती पे,... और यहाँ तक की पैर भी उसके पैरों पे रगड़ रहे थे,...

और चूँचिया भी कभी खूब कस के जैसे चक्की के दोनों पाटों के बीच, वैसे भैया का खूंटा रगड़ा जा रहा था,...



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तो कभी एकदम धीमे धीमे जैसे हवा सहला के निकल जाए,... और फिर अचानक दबोच लेती, ... जैसे कोई एक्सपर्ट स्विंग बॉलर पहले दिन सुबह सुबह , तीन चार बोलने जबरदस्त आउटस्विंगर फेंकने के बाद, एक बाल एकदम से इनस्विंग करा दे,... और ओपनर बोल्ड,... बस वैसे ही,...



मैं तो बस एक एक चीज सीखने के लिए देख रही थी,



( शाम को रसोई में जब माँ आंटा गूंथ रही थी और मैं बगल में बैठी, सब्जी काट रही थी, मैंने माँ से कहा भी, माँ, तेरे जैसा तो मैं कभी भी नहीं सीख पाउंगी,... तो हंस के दुलार से एक हाथ हलके से मारते वो बोली, अरे तीन दिन में सिखा दूंगी, तुझे सब गुन ढंग,... भूलती क्यों है,... मेरी बेटी है, और कसम से, हफ्ते भर के अंदर तू मेरा नंबर डकायेगी, पक्का )



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और जब मेरी बारी आयी तो अपनी छोटी छोटी चूँची से, कहाँ २८ कहाँ ३८ पर थोड़ा बहुत तो,


लेकिन अब भैया की हालत खराब थी,...

और भैया और मुझे भी लग रहा था , माँ को भी लगने लगा, बहुत चोर सिपाही हो गया , अब असली खेल घुस्सम घुसाई वाला होना चाहिए ,...

मैं माँ का इशारा समझ के पलंग पे पीठ के बल लेट गयी, और टाँगे उठाने लगी,... लेकिन तभी माँ की डांट पड़ी,...



ऐसे नहीं, चल पेट के बल लेट, टाँगे नीची,...



और मैं पेट के बल, ...

मेरी दोनों टाँगे फर्श पे बस छू रहीं थी,...


माँ ने पलंग पे जितनी तकिया रखी थीं, सब मेर पेट के नीचे लगा के मेरा पिछवाड़ा ऊंचा कर दिया था, जिससे मेरे पैर फर्श पे बस,... मान गयी मैं माँ को,अब जो भैया धक्के मारेगा, सब तकिये पे जोर पडेगा, ... वो मारता भी था कस कस के बहुत, बस जान नहीं निकलती थी,...

माँ सिरहाने आके मेरे सर के पास बैठ गयी, दोनों अपनी टाँगे फैला के, वो अब बस पेटीकोट पहनी थी वो भी घुटने के बहुत ऊपर सरका, समझो कमर के पास सरका, सिमटा, हम दोनों के कपडे तो पहले से ही उतरे,...

माँ बहुत दुलार से मेरा सर सहला रही थी, ऊँगली मेरे बालों में घुमा रही थी, और मेरे मुंह को अपनी गोद में दुबका के,...
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Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
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साड़ी के फ़ायदे और दर्जिन भौजी



मुझे लगा की छोटी स्कर्ट से झांकती जाँघों को लेकर,... सच में रास्ते में दर्जनों लौंडे, सब की निगाह वहीँ,... वो तो माँ थी, वरना एक से एक कमेंट सुनने को मिलते, ... मैंने टोका,

" मैं तो कह रही थी आप से शलवार कुरता पहन लेती हूँ,... लेकिन,... "




मेरी बात काटते हुए खिलखिलाते हुए वो बोलीं,

"अरे पगली, कभी तू बाहर गयी, बाजार, शहर , ननिहाल,... वो सब वहां के लिए सूट वूट,... अरे समझ जायेगी धीरे धीरे, गाँव में साड़ी पहनने के बहुत फायदे हैं , जितना चाहो आसानी से ऊपर उठा सकती हो,... और शलवार,... रास्ते में देख रही थी, जगह जगह कीचड़, पानी,... ये तू तूने स्कर्ट पहन रखी थी इसलिए कोई दिक्क्त नहीं हुयी,... तो मैं कपड़ा ले आयी हूँ,... तोहरे दर्जिन भौजी से तोहरे लिए बिलाउज सिलवा लूंगी, एक दो। साड़ी तो तू मेरी भी पहन सकती है , फिर कभी शहर चलेंगे या भैया के साथ जा के दो तीन ले आना। "



( साडी का असली फायदा मुझे आठ दस दिन बाद पता चला, जब भरी दुपहरिया, बीच बाग़ में , एक बड़े पुराने महुआ के पेड़ के नीचे, बस एक मोटी डाल के सहारे मुझे भैया ने निहुरा के, साड़ी मेरी कमर तक उठा के पेटीकोट के साथ कमर में फंसा के , हचक के चोद दिया,...


उसके बाद तो कभी गन्ने के खेत में , कभी बँसवाड़ी में,




बस उठाया सटाया और पेल दिया,... तब मुझे माँ की बात का असल मतलब समझ में आया, साड़ी का असली फायदा )

दर्जिन भौजी से जब माँ ने बताया तो माँ की सारी प्लानिंग उन्होंने एक झटके में फेल कर दी,... कपड़ा जो माँ लायी थीं, ...

बोलीं "

ये तो तोहरे नाप का है, हमरी ननद का काम तो बित्ते भर के कपडे से चल जाएगा, अभिन छोट छोट टिकोरा तो हैं, ... और ये सब कपडा बेकार हो जाएगा , काटने के बाद ,... एहसे मैं आपका बना दूंगी, एकदम नई कट का,.. और इसकी चिंता छोड़ दीजिये मेरे ऊपर,... भौजी हूँ , पहला बिलाउज अपने हिसाब से बनाउंगी,.. "




और उन्होंने एक कपडा निकाला,... और देखते ही में उछल पड़ी,...

" अरे नाहीं भौजी, ये तो एकदम झलकौवा है इससे तो सब कुछ दिखाई देगा, पहनना न पहनना सब बराबर,... "




प्याजी रंग का कपडा था मैंने हाथ में रख कर देखा। हाथ की एक एक लाइन तक साफ़ साफ़ दिख रही थी।

मैंने माँ की ओर देखा तो उन्होंने बीच बचाव करने से इंकार कर दिया सिर्फ बोलीं, ननद भौजाई के बीच में मैं नहीं पड़ती,...

" अरे घबड़ा जिन नीचे अस्तर लगा दूंगी,... लेकिन केतना लगाउंगी, कौन कट, ये सब फैसला बाद में, पहले तेरा नाप ले लूँ,... "

और जब तक मैं समझूं भौजी ने टॉप ऊपर उठा के अलग, और बोलीं, ...

" अरे जोबन तो खूब गदरा रहें, अरे दबवाना मिजवाना शुरू कर दो,... २८ से ३० होते देरी नहीं लगेगी। "



दर्जिन भौजी की ये खास बात थी की नाप आँख से देख के ले लेती थीं किसी की बायीं चूँची बड़ी है , दायीं वाली छोटी, उसका भी उन्हें अंदाज था।

पर मेरा नाप वो पहली बार ले रही थी और फिर रिश्ते की ननद तो , दबाने मसलने का मज़ा कौन भौजाई छोड़ती है, ... निपल खींच के दोनों, उसके बीच की भी दूरी नापी,..

दोनों निपल के ऊपर से भी टेप लगाया, और फिर उभारो के बेस पर भी और फिर दर्जन भर और,... तब मेरा टॉप वापस मिला।




लेकिन उसके पहले भौजी की तेज निगाह से भैया के दांत के निशान दो चार जगह लगे थे जुबना पे , वो न बचे,... वहां सहलाते बोली,

"अच्छी बात है टिकोरे पे कउनो तोता चोंच मार दिया है , लेकिन यह उमर में यही तो अमिया क सोभा है "

कब तक मिलेगा , मैंने पूछ लिया और वो बोलीं , बस घंटे भर में, सब काम छोड़ के ननद का काम,..

माँ ने मुझसे कहा ठीक है जब हम लोग चाची के यहाँ से लौटेंगे तो ले लेंगे।

चाची के यहाँ एक घंटे के लिए हम लोग गए थे, पूरे सवा दो घंटे रुके,... चलते हुए जब हम दर्जिन भौजी के यहाँ पहुंचे तो गाँव के प्रधान वही मिल गए,... बाहर ही. माँ उनसे बतियाने लगीं और मुझसे बोलीं की तू जा के झट से अंदर से ले आ, लगता है बारिश जल्दी आयेगी।

" हे ननद रानी, पहले अपना ये टॉप उतारो, ... "

मैं झिझकी तो उन्होंने खुद और ब्लाउज पकड़ा दिया,...

" भौजी बहुत टाइट हो रहा है, "




सामने शीशे में देखते मैं बोली।

" अरे ननद रानी, चोली टाइट नहीं होगी तो लौंडों का पैंट कैसे टाइट होगा, मेरी ननदिया के बाला जोबनवा को देख के "

ऊपर से चिकोटी काट के बोलीं, और जोड़ा, देख अस्तर भी लगा दिया है,...

बात सही थी , अस्तर था, मोटा भी था लेकिन दो इंच का भी नहीं होगा सिर्फ एक चौड़ी सी पट्टी,... सबसे नीचे जो उभारों को और उभार के सामने लाती, वी टाइप गला, लेकिन एकदम नीचे तक, पूरा की पूरी गहराई दिखती थी. टाइट नीचे से ज्यादा था,...


और एकदम ऊपर थोड़ा सा ढीला, जिससे अंदर का एक तो सब कुछ दिख जाए, और कोई हाथ डालना चाहे तो कोई रोक टोक नहीं, हाँ अस्तर के कारन ब्रा की जरूरत एकदम नहीं थीं, निपल के पास एकदम टाइट था, जिससे चूजे की चोंच साफ साफ़ दिख रही थी, कड़ाव, उभार, सब कुछ. सिर्फ दो बटन वो भी चुटपुटिया, ...

स्लीवलेस,... सिर्फ एक रस्सी सी पतली पट्टी गोटे की, दोनों कन्धों पर और पीछे भी वैसे ही, एलस्टिक वाली, चाहो तो बिना बटन खोले उतार दो, सरका दो,



दूसरा वाला भी, वैसा ही लेकिन गोल गला और बहुत डीप लो कट.



लेकिन छुटकी असली मुद्दे पर आना चाहती थी, बोली,

" दी, रात का हाल बता न , माँ और भैया के साथ। "




और गीता सीधे मुद्दे पे आ आगयी लेकिन उसने रात में खाना बनाते समय, रसोई में वो और माँ थी उस समय का भी हाल बताया की माँ और उस में कैसे सहेलियों से भी बढ़ के पक्की दोस्ती हो गयी,...

उसने अपनी गुलाबो के बारे में कुछ बोला तो माँ ने हड़काया, और बेलन दिखाते मजे ले ले कर बोलीं,...

" स्साली भाईचोद, चूत में भाई का लंड घोंटने में शरम नहीं, माँ के सामने और,... आज से मेरे सामने, इस घर में और बाहर भी कभी तेरे मुंह से चूत, बुर, लंड.गाँड़ और चुदाई के अलावा कुछ इधर उधर का सुना न तो ये बेलन देख रही है,... तेरे भैया के लंड से भी बड़ा है , तेरी गाँड़ में घुसा के फाड़ दूंगी।
"

और गीता भी खिलखिलाते बोली, ...

" अरे माँ मेरे भाई को समझती क्या हो, अभी तो बहनचोद ही बना है, जल्द ही मादरचोद बन जाएगा, वो भी बहन के सामने , बोल चुदवायेगी, बेटा चोद "

माँ भी हँसते बोली

,' स्साली रंडी की, पक्की छिनार है। अरे जिसके बाप से चुदवा के उसे पैदा किया, उसके लौंड़े से डरूंगी, उसके बाप से नहीं डरी तो,... बोल देना बहनचोद को,... "



जल्द खाना बना के तीनों खा के,.... माँ ने कहा था,... आज हम तीनो जैसे जब तुम दोनों छोटे थे, मेरे साथ सोते थे , उसी तरह, मेरे कमरे में वहां बिस्तर भी बड़ा है,..
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The best updates,
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200-47
 

komaalrani

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Awesome update 6 ungal aur 12 ungal.Kya likha hai Komal didi aap ne.
Superb update 👌👌👌💯💯💯🔥🔥🔥
are vo maine nahi likha hai Koshahstra men hain, aslai bada sachitra koshatra 84 asan shait vaale men


saath dene ke liye sneh ke liye aur is is incest story pe aa kar hiimat badhane ke liye kotish abahar
 

komaalrani

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No words of thanks will be ever enough for affection and support you had given to a neophyte like me in the field of Incest

Thanks Thank You GIF by Lumi
 
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