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भाग ४० इन्सेस्ट गाथा -
गोलकुंडा पर चढ़ाई -भाई की
![](https://i.ibb.co/GvpBR31/rear-end-hump-day-hq-7.jpg)
तब तक माँ ने कुछ देखा और एकदम अलफ़, और मुझसे ज्यादा भैया पे, ... वो तो बाद में समझ आया मेरी बुर से बहती चासनी को कुछ उन्होंने अपनी ऊँगली से फैला के,मेरे पिछवाड़े के छेद पे, और उनकी अनुभवी आँखों ने भांप लिया, अभी वो छेद इतना टाइट है,... मेरी चासनी से गीली अपनी ऊँगली को उन्होंने पूरी ताकत से उस छेद में ठेलने की कोशिश की ,
और वो नहीं घुसी,... एकदम टाइट, ..
दरार पर रगड़ा, उन्होने, दोनों अंगूठों से फैलाया,
एकदम टाइट,...
![](https://i.ibb.co/6WLzMNL/asshole-12921396.jpg)
और गुस्से से अपने बेटे की ओर देखा उन्होंने,.. उस बेचारे ने सर झुका लिया,
गलती उसकी ज़रा भी नहीं थी , वो तो पहले दिन से पिछवाड़े के पीछे पड़ा था, लेकिन मैं ही उसे डपट देती थी, ...किसी गाँव की भौजी ने ही बोला था बहुत दर्द होता है,...
उसने बहुत समझाया था मुझे , खूब तेल लगा लेगा, ... ज़रा भी दर्द होगा तो बाहर निकाल लेगा , फिर दुबारा बोलेगा भी नहीं पिछवाड़े के बारे में,.. कई लड़कियों की मारी है , मेरी समौरियों की भी,
लेकिन मुड़ के मैंने गुस्से भर के कहा,... अगर उधर देखा भी न तो मैं पास भी नहीं फटकने दूंगी,...
![](https://i.ibb.co/3s99qcG/Girl-63defecb5cbbaef019aa61364f8ef1f0.jpg)
बेचारा,...
सर झुका लिया , ये भी न समझ पाया की मेरा गुस्सा कितना असली, कितना नकली है. और मैं दूसरी ओर मुंह कर के मुस्कराने लगी. शायद जबरदस्ती करता जो उसने दूसरी लड़कियों के साथ की होगी, पर
परेशानी ये थी की वो मुझे चाहता भी बहुत था, जितना मज़े लेना चाहता था, उससे ज्यादा, ... मुझे हल्की सी ठेस भी लग जाए,... तो मुझसे ज्यादा दर्द उसे होता था जब तक मैं नहीं मुस्कराती थी वो भी गुमसुम मुंह बना के,... तो बस मेरा झूठा गुस्सा भी,....
लेकिन माँ सब समझती थी और उस का गुस्सा भी सच्चा होता था, हम दोनों डरते थे , बिना मारे उसकी ठंडी आवाज ही,...
और उसी आवाज में वो मुझसे बोली, चल निहुर, चूतड़ खूब ऊपर उठा के,....
![](https://i.ibb.co/0X66Vj3/asshole-tumblr-p0vc6pkj-YM1wcyq6do1-1280.jpg)
और जा के अपने बेटे की सब गांठे खोल दीं. मैं चुपचाप निहुरी, पिछवाड़ा ऊपर किये,..
माँ ने झाड़ झाड़ के मुझे इत्ता थेथर कर दिया था की मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था,
बस मैं देख रही थी, उन्होंने अपने बेटे की गांठे खोल दी, उसे बहुत धीरे धीरे से कुछ समझाया और बेटे का खूंटा तो वैसे ही खड़ा था, माँ की बातें सुन के,... लगता है और,...
बस मैं गुटुर गुटुर देख रही, धीरे धीरे कुछ ताकत लौट रही थी मेरी, कुछ सोचने समझने की शक्ति,...
तबतक माँ मेरे पास आ गयीं,शायद उन्हें लगा की उन्होंने कुछ ज्यादा ही जोर से हड़का दिया,...
बड़े प्यार से मेरे उठे पेट के नीचे ढेर सारे मोटे मोटे तकिये कुशन यहाँ वहां से लाकर लगा दिए, लेकिन सब मेरी नाभि के आस पास या ऊपर ही, अपने हाथ से ही मेरी टांगों को और फैला दिया,.. बहुत दुलार से मेरे गोरे गोरे मुलायम छोटे छोटे चूतड़ों को सहलाया और एक बहुत हलकी सी दुलार वाली चपत लगा दी,.... मैं निहाल की माँ अब गुस्से में नहीं है,... और दूसरे अब मेरी कमर का प्रेशर थोड़ा तो कम हो गया, तकियों से बहुत सहारा मिल गया,
तब तक मुझे नहीं अंदाजा था की क्या होने वाला है,
![](https://i.ibb.co/PMZnpLt/asshole-teen-a906c6d90.jpg)
" हे मेरी दुलारी रानी बेटी, अपनी रानी बेटी को बहुत दिन से दुद्धू नहीं पिलाया, ... मुंह खोल खूब बड़ा सा , हाँ और बड़ा जैसे लड्डू खाने के लिए खोलती है न हाँ, खोले रहना,.. "
और माँ ने प्यार से अपनी बड़ी ३८ नंबर वाली चूँची मेरे मुंह में ठेल दी आधी,.. और जैसे बचपन में दूध पिलाते समय एक हाथ से प्यार से सर पकड़ लेती थीं उसी तरह हाथ से सर को कस के,
और मैं चुसूर चुसूर,...
![](https://i.ibb.co/WkTGRdZ/Guddi-Nips-suck-11807731.gif)
ये तो मैं बाद में समझी,... माँ की पकड़, अब मैं लाख कोशिश करूँ हलके से भी नहीं चीख सकती,और चीखूंगी भी तो आवाज गले में ही रह जायेगी,... मेरा मुंह अच्छी तरह बंद हो गया,...
पर माँ का मुंह बंद नहीं था अपने बेटे से बोल रही थीं , नहीं नहीं तेल नहीं ऐसे ही,... अच्छा चल बस ज़रा सा, खाली सुपाड़े पर, अरे चुपड़ नहीं बस दो बूँद लगा ले,...
![](https://i.ibb.co/R0w0scN/MIL-284481069-105359605528348-1807627614475203177-n.jpg)
अब मुझे कुछ समझ में आने लगा, याद भी आने लगा,...
जब मेरी भैया ने फाड़ी थी, सरसों के तेल की आधी बोतल मेरी दोनों फांके फैला के चुवाई थी और ढेर सारा अपने हाथ में लेकर उपर भी हलके हलके मसले के,... एक ऊँगली में खूब ढेर सारा तेल लगा के हलके हलके,... तब भी इतना दर्द हुआ,... और
"हाँ बस थूक लगा के फैला दो,... बहुत छिनरपना कर रही थी न, अरे इस उमर की लड़कियों की गाँड़ मारी नहीं फाड़ी जाती है , और जो सीधे से न दे, नखड़ा दिखाए उसकी तो और कस,... और चिल्लायेगी नहीं, मैंने कस के चूँची इसके मुंह में पेल रखी है , तू पेल सुपाड़ा,...
अबे स्साले, अगर तू मेरा बेटा है तो एक धक्के में सुपाड़ा पूरा पेल देगा, पेल, नहीं तो ,...
![](https://i.ibb.co/30ZYYDj/Teej-MIL-IMG-20221118-140907.jpg)
माँ की आवाज साफ़ सुनाई दे रही थी, मेरा मुंह बंद था कान थोड़े ही। गीता बता रही थी और माँ का मुंह भी नहीं,...
लेकिन मेरीसमझ में तभी आना शुरू हुआ जब भैया का मोटा सुपाड़ा मेरी गाँड़ में घुसना शुरू हुआ,... सारी थकान एक झटके में उतर गयी, देह दर्द से चूर हो गयी, इतनी तेज दर्द की लहर उठी, मुंह बंद भले था, पर देह दर्द से उमेठी जा रही थी, जल बिन मछली की तरह मैं तड़प रही थी,... खाली भाई होता तो मैं कब का,...
![](https://i.ibb.co/ZJQXSfP/anal-cu-4.jpg)
लेकिन माँ उसे सब कुछ का पहले से अंदाज था, उसने दोनों हाथ से मेरे सर को कस के पकड़ के मुझे झुका रखा और अपनी दोनों टांगो से मेरी पीठ पे कैंची की तरह , मेरी बुआ और कोई भी होली में माँ की पकड़ से नहीं बच पता था, मैंने कित्ती बार देखा था, मैं तो नयी बछेड़ी थी,
और भाई ने भी दोनों हाथों से मेरी पतली कटीली कमरिया जकड़ रखी थी, मैं दर्द से जितनी भी तड़पूँ न इंच भर हिल सकती थी, न चीख सकती थी, माँ ने यही सोच के की कही मेरी चीखों से घबड़ा के भैया अपना औजार बाहर न निकाल ले, अपनी मोटी मोटी चूँची मेरे मुंह में पेल रखी थी, पूरी ताकत से.
![](https://i.ibb.co/4KStGbF/nip-suck-lez.jpg)
और एक बार सुपाड़ा जरा सा भी अंदर घुस जाय तो फिर तो लड़की लाख चीखे तड़पे चूतड़ पटके, दिमाग नहीं काम करता लड़के का उसके मूसल का मन काम करता है , और भइया के सुपाड़े ने तो मेरे अगवाड़े का जम के रस लिया था और उसको दिखा दिखा के जब भी मैं शलवार पहनती थी, टाइट उसको दिखा दिखा के चूतड़ मटकाती थी ,... बेचारा,
और आज जब उसे मौका मिला था, पूरी ताकत से वो पेल रहा था, ठेल रहा था, धकेल रहा था,
और ये भी बात नहीं की पहली बार गांड मार रहा था था खुद बताया था मेरी उम्र वालियों की भी फुलवा की, फुलवा की छुटकी बहिनिया जो मुझसे एक दो महीने छोटी ही , और वो भी डेढ़ साल पहले, और लड़कियों से पहले,... भी,... ..![Winking face with tongue :stuck_out_tongue_winking_eye: 😜](https://cdn.jsdelivr.net/joypixels/assets/7.0/png/unicode/64/1f61c.png)
![Winking face with tongue :stuck_out_tongue_winking_eye: 😜](https://cdn.jsdelivr.net/joypixels/assets/7.0/png/unicode/64/1f61c.png)
उसे मालूम था की बहुत ताकत लगती है लेकिन कसी कसी गाँड़ में मजा भी दूना मिलता है , जब गाँड़ घुसने नहीं देती,.. लेकिन जित्ता घुस जाता है उसे कस के निचोड़ लेती है, दबोच लेती है,
दरेरते ,रगड़ते, घिसटते ,.. किसी तरह वो मोटा सुपाड़ा गाँड़ में घुस गया, बल्कि अटक गया,...
गोलकुंडा पर चढ़ाई -भाई की
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तब तक माँ ने कुछ देखा और एकदम अलफ़, और मुझसे ज्यादा भैया पे, ... वो तो बाद में समझ आया मेरी बुर से बहती चासनी को कुछ उन्होंने अपनी ऊँगली से फैला के,मेरे पिछवाड़े के छेद पे, और उनकी अनुभवी आँखों ने भांप लिया, अभी वो छेद इतना टाइट है,... मेरी चासनी से गीली अपनी ऊँगली को उन्होंने पूरी ताकत से उस छेद में ठेलने की कोशिश की ,
और वो नहीं घुसी,... एकदम टाइट, ..
दरार पर रगड़ा, उन्होने, दोनों अंगूठों से फैलाया,
एकदम टाइट,...
![](https://i.ibb.co/6WLzMNL/asshole-12921396.jpg)
और गुस्से से अपने बेटे की ओर देखा उन्होंने,.. उस बेचारे ने सर झुका लिया,
गलती उसकी ज़रा भी नहीं थी , वो तो पहले दिन से पिछवाड़े के पीछे पड़ा था, लेकिन मैं ही उसे डपट देती थी, ...किसी गाँव की भौजी ने ही बोला था बहुत दर्द होता है,...
उसने बहुत समझाया था मुझे , खूब तेल लगा लेगा, ... ज़रा भी दर्द होगा तो बाहर निकाल लेगा , फिर दुबारा बोलेगा भी नहीं पिछवाड़े के बारे में,.. कई लड़कियों की मारी है , मेरी समौरियों की भी,
लेकिन मुड़ के मैंने गुस्से भर के कहा,... अगर उधर देखा भी न तो मैं पास भी नहीं फटकने दूंगी,...
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बेचारा,...
सर झुका लिया , ये भी न समझ पाया की मेरा गुस्सा कितना असली, कितना नकली है. और मैं दूसरी ओर मुंह कर के मुस्कराने लगी. शायद जबरदस्ती करता जो उसने दूसरी लड़कियों के साथ की होगी, पर
परेशानी ये थी की वो मुझे चाहता भी बहुत था, जितना मज़े लेना चाहता था, उससे ज्यादा, ... मुझे हल्की सी ठेस भी लग जाए,... तो मुझसे ज्यादा दर्द उसे होता था जब तक मैं नहीं मुस्कराती थी वो भी गुमसुम मुंह बना के,... तो बस मेरा झूठा गुस्सा भी,....
लेकिन माँ सब समझती थी और उस का गुस्सा भी सच्चा होता था, हम दोनों डरते थे , बिना मारे उसकी ठंडी आवाज ही,...
और उसी आवाज में वो मुझसे बोली, चल निहुर, चूतड़ खूब ऊपर उठा के,....
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और जा के अपने बेटे की सब गांठे खोल दीं. मैं चुपचाप निहुरी, पिछवाड़ा ऊपर किये,..
माँ ने झाड़ झाड़ के मुझे इत्ता थेथर कर दिया था की मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था,
बस मैं देख रही थी, उन्होंने अपने बेटे की गांठे खोल दी, उसे बहुत धीरे धीरे से कुछ समझाया और बेटे का खूंटा तो वैसे ही खड़ा था, माँ की बातें सुन के,... लगता है और,...
बस मैं गुटुर गुटुर देख रही, धीरे धीरे कुछ ताकत लौट रही थी मेरी, कुछ सोचने समझने की शक्ति,...
तबतक माँ मेरे पास आ गयीं,शायद उन्हें लगा की उन्होंने कुछ ज्यादा ही जोर से हड़का दिया,...
बड़े प्यार से मेरे उठे पेट के नीचे ढेर सारे मोटे मोटे तकिये कुशन यहाँ वहां से लाकर लगा दिए, लेकिन सब मेरी नाभि के आस पास या ऊपर ही, अपने हाथ से ही मेरी टांगों को और फैला दिया,.. बहुत दुलार से मेरे गोरे गोरे मुलायम छोटे छोटे चूतड़ों को सहलाया और एक बहुत हलकी सी दुलार वाली चपत लगा दी,.... मैं निहाल की माँ अब गुस्से में नहीं है,... और दूसरे अब मेरी कमर का प्रेशर थोड़ा तो कम हो गया, तकियों से बहुत सहारा मिल गया,
तब तक मुझे नहीं अंदाजा था की क्या होने वाला है,
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" हे मेरी दुलारी रानी बेटी, अपनी रानी बेटी को बहुत दिन से दुद्धू नहीं पिलाया, ... मुंह खोल खूब बड़ा सा , हाँ और बड़ा जैसे लड्डू खाने के लिए खोलती है न हाँ, खोले रहना,.. "
और माँ ने प्यार से अपनी बड़ी ३८ नंबर वाली चूँची मेरे मुंह में ठेल दी आधी,.. और जैसे बचपन में दूध पिलाते समय एक हाथ से प्यार से सर पकड़ लेती थीं उसी तरह हाथ से सर को कस के,
और मैं चुसूर चुसूर,...
![](https://i.ibb.co/WkTGRdZ/Guddi-Nips-suck-11807731.gif)
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पर माँ का मुंह बंद नहीं था अपने बेटे से बोल रही थीं , नहीं नहीं तेल नहीं ऐसे ही,... अच्छा चल बस ज़रा सा, खाली सुपाड़े पर, अरे चुपड़ नहीं बस दो बूँद लगा ले,...
![](https://i.ibb.co/R0w0scN/MIL-284481069-105359605528348-1807627614475203177-n.jpg)
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जब मेरी भैया ने फाड़ी थी, सरसों के तेल की आधी बोतल मेरी दोनों फांके फैला के चुवाई थी और ढेर सारा अपने हाथ में लेकर उपर भी हलके हलके मसले के,... एक ऊँगली में खूब ढेर सारा तेल लगा के हलके हलके,... तब भी इतना दर्द हुआ,... और
"हाँ बस थूक लगा के फैला दो,... बहुत छिनरपना कर रही थी न, अरे इस उमर की लड़कियों की गाँड़ मारी नहीं फाड़ी जाती है , और जो सीधे से न दे, नखड़ा दिखाए उसकी तो और कस,... और चिल्लायेगी नहीं, मैंने कस के चूँची इसके मुंह में पेल रखी है , तू पेल सुपाड़ा,...
अबे स्साले, अगर तू मेरा बेटा है तो एक धक्के में सुपाड़ा पूरा पेल देगा, पेल, नहीं तो ,...
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माँ की आवाज साफ़ सुनाई दे रही थी, मेरा मुंह बंद था कान थोड़े ही। गीता बता रही थी और माँ का मुंह भी नहीं,...
लेकिन मेरीसमझ में तभी आना शुरू हुआ जब भैया का मोटा सुपाड़ा मेरी गाँड़ में घुसना शुरू हुआ,... सारी थकान एक झटके में उतर गयी, देह दर्द से चूर हो गयी, इतनी तेज दर्द की लहर उठी, मुंह बंद भले था, पर देह दर्द से उमेठी जा रही थी, जल बिन मछली की तरह मैं तड़प रही थी,... खाली भाई होता तो मैं कब का,...
![](https://i.ibb.co/ZJQXSfP/anal-cu-4.jpg)
लेकिन माँ उसे सब कुछ का पहले से अंदाज था, उसने दोनों हाथ से मेरे सर को कस के पकड़ के मुझे झुका रखा और अपनी दोनों टांगो से मेरी पीठ पे कैंची की तरह , मेरी बुआ और कोई भी होली में माँ की पकड़ से नहीं बच पता था, मैंने कित्ती बार देखा था, मैं तो नयी बछेड़ी थी,
और भाई ने भी दोनों हाथों से मेरी पतली कटीली कमरिया जकड़ रखी थी, मैं दर्द से जितनी भी तड़पूँ न इंच भर हिल सकती थी, न चीख सकती थी, माँ ने यही सोच के की कही मेरी चीखों से घबड़ा के भैया अपना औजार बाहर न निकाल ले, अपनी मोटी मोटी चूँची मेरे मुंह में पेल रखी थी, पूरी ताकत से.
![](https://i.ibb.co/4KStGbF/nip-suck-lez.jpg)
और एक बार सुपाड़ा जरा सा भी अंदर घुस जाय तो फिर तो लड़की लाख चीखे तड़पे चूतड़ पटके, दिमाग नहीं काम करता लड़के का उसके मूसल का मन काम करता है , और भइया के सुपाड़े ने तो मेरे अगवाड़े का जम के रस लिया था और उसको दिखा दिखा के जब भी मैं शलवार पहनती थी, टाइट उसको दिखा दिखा के चूतड़ मटकाती थी ,... बेचारा,
और आज जब उसे मौका मिला था, पूरी ताकत से वो पेल रहा था, ठेल रहा था, धकेल रहा था,
और ये भी बात नहीं की पहली बार गांड मार रहा था था खुद बताया था मेरी उम्र वालियों की भी फुलवा की, फुलवा की छुटकी बहिनिया जो मुझसे एक दो महीने छोटी ही , और वो भी डेढ़ साल पहले, और लड़कियों से पहले,... भी,... ..
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उसे मालूम था की बहुत ताकत लगती है लेकिन कसी कसी गाँड़ में मजा भी दूना मिलता है , जब गाँड़ घुसने नहीं देती,.. लेकिन जित्ता घुस जाता है उसे कस के निचोड़ लेती है, दबोच लेती है,
दरेरते ,रगड़ते, घिसटते ,.. किसी तरह वो मोटा सुपाड़ा गाँड़ में घुस गया, बल्कि अटक गया,...
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