Sister_Lover
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कमाल हो आप कोमल दीदी होली में इंसेस्ट का जो तड़का लगाया है..... लाजवाब..... मुठ मारने के बजाय हल्के हल्के लण्ड सहलाते हुये आपकी कहानी पढ़ने में और मजा है.....
बहुत झुंझलाहट होती हैYe samayao se me bahot zunzi hu komalji. Darsak ekdam se hi bahot sare shapne dikha kar bhag gae. Views badh rahe the. Or uspar mera dhyan nahi tha. Par ekdam se update ke bad likes or comment dono ka abhav ho gaya. Dill tut gaya. Esi parithiti me aap do bar aae or hosla diya. Tabhi tiki hui hu.
Vese aap ki kahu to. Aap ke 2 update ke bich wakt jyada hota he. Likes to aap kamati hi ho. Par comment ke jariye redars aap se hamesa pyar bhi jatate he. Lekin ham bhi comment ke bad jab aap reply comment ko like deti ho. Ham bhi bahot khush hote he. Ham use apna hak nahi mante. Par likes se ham bhi bahot khush hojate he.
Ekdam sahi kaha aapne yahi main bhi khati hunNice & true reply by mother ,beta & beti dono mother ke hi hue.
एकदम बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय, और गीता की भी हिम्मत बढ़ेगी कीअरे सिर्फ भईया से काम थोड़े चलने वाला है...
अभी तो इनके किस्से खुलने बाकी है...
Ha sahi kaha ye jungli rummy ne to pareshan kar ke rakha huaa he. Bar bar apne aap page change hokar uski add aa jati heबहुत झुंझलाहट होती है
और जो पोस्ट के बीच में ज्यादा वक्त लगता है उसकी आधी जिम्मेदारी ये सिस्टम है
फिर मैं दो स्टोरीज रेगुलर लिखती हूँ दोनों को जोड़ के हफ्ते में तीन पोस्ट
फिर हिंदी में लिखने में काम दूना हो जाता है, पहले गूगल इनपुट पे लिख के वर्ड में सेव करती हूँ फिर वहां से लैपी पे पोस्ट
सीधे पोस्ट करने का खतरा यही की इस सिंडिकेट और ऐड के चक्कर में कई बार कई पन्ने गायब हो जाते हैं
ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है , १०० से ज्यादा गिनती आती नहीं , इसलिए अब गिनती करती नहींजितनी गीता की उम्र होगी उसका दुगना से ज्यादा वो अपने अंदर ले चुकी होगी....
परवाने न हों तो शमा यूं ही जलती रहे कौन पूछता है , एकदम सही कहा आपनेकद्रदानों की कदर करना आवश्यक है..
वो किसी ने कहा है कि ये सजना संवरना किस काम का जब कोई तारीफ करने वाला न हो...
पहले तो,...दहेज़ प्रथा पे अब जाके थोड़ी बहुत रोक लगी हैक्या बुआ भी दहेज़ में ले के गई थी...
आप ने जब कहा है तो अगले किसी भाग में फुलवा की माँ भी आ जायेगी मैदान में, मेरा मतलब खेत मेंफुलवा की माँ बहुत प्रैक्टिकल है ... इसलिए उचित समय पर फुलवा और उसकी माँ भी अपना उपस्थिति दर्ज कराए तो अच्छा लगेगा....
गीता भी यही चाहती है तो देखिये एक दो पोस्ट मेंहाँ... आधे-अधूरे का मजा भी आधा-अधूरा हीं रहता है....