- 22,142
- 57,426
- 259
भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
please read, enjoy and comment. your support is requested
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
please read, enjoy and comment. your support is requested
Last edited:
“" और क्या बचपन में खेलेगा और जब टनटनाने लगेगा,... तब पेलेगा .“" और क्या बचपन में खेलेगा और जब टनटनाने लगेगा,... तब पेलेगा . मेरा असीरर्बाद है भतीजी ही होगी आज भौजी गाभिन तो तू हो गयी हो पक्का। "”
बुआ अपना और अपनी भतीजी का भला हो ऐसा आशीर्वाद दे कर गई है , आख़िर बुआ भी कभी बहन थी
एक कहानी में शायद सब इच्छाएं पूरी नहीं होती....“”
" अरे देवर जी थोड़ा देर हो गयी वरना एक मस्त माल था , तुमको अपने सामने चढ़वाती, तुम भी क्या याद करते, वैसे चढ़े तो पहले भी कई बार होंगे उसके ऊपर लेकिन बियाहता बहन को चोदने का वो भी उसके मरद के सामने दूना मजा मिलता है , और ऊपर से होली का दिन, अरविंदवा की बुआ अभी अभी गयी हैं,... "
“”
यही थोड़ी सी कमी रह गई komaalrani जी अरविंदवा के चाचा का बियाहता बहन को चोदने का वो भी उसके मरद के सामने, और बस चोदने का ही क्यों रोपनीं ,अरे बुआ के कोख में चाचा का बीज वाला सीन हो जाता तो सोने पर सुहागा हो जाता, वैसे ऐसा सेम सीन चुटकी के जीजा के साथ तो कर सकते हैं , करवा दीजियेगा चुटकी के दीदी की बड़ी ननद की रोपनी
आह्ह्ह ... कोई भी नहीं छूटा...फिर मुस्कराते हुए उन्होंने जोड़ा तेरे बाबू की रात भर की मलाई बची थी उसी में तेरे मामा ने भी तो मैं क्या बताऊँ ,...
काफी गर्हित संवाद दर्शाया है....“””माँ खिलखिलाने लगी फिर प्यार से उसे चिपका के बोलीं,
" यही तो, तेरे लिए चम्मच भर जामन,चाहे तेरे चाचा का, फूफा का हो, मामा का हो, लेकिन कहतरी तो हमारी है, ... "उस पेट को, सहलाते जिसमे गीता और उसका भाई ९ महीने थीं,... वो बोलीं और जोड़ा दूध भी हमारा, तो जरा सा जामन कहीं से मैं लूँ क्या फर्क पड़ता है "””
खेल-खेल मज़ाक़~मज़ाक़ में काफ़ी सीरियस बात कर दी आपने komaalrani वो भी कितना सटीक़ उदाहरण दे के
२००% सच...." देखो कुछ बातें औरतें ही समझ सकती हैं इसलिए ये सब माँ बेटी की बात हैं किसी भी मरद के दिमाग में नहीं घुसतीं,”
१००%% सत्य कहा है आपने
जिस छेद से निकला वो कंफर्म... बाकी जामन किसने डाला...“तो अब सोच के बताओ , नौ महीने मेरे पेट में रही , दर्द हमको हुआ , दूध हमने पिलाया , और सब बिसरा के माँ नहीं बाउ जी ,... साफ़ साफ़ बोल, किसकी बेटी है माँ की या बाप की,... "
वेलकम बैकसूखी नहीं.... अंदर बाहर सब जगह से गीली... बल्कि बजबजाई हुई...
आग दोनों तरफ लगी है...“" हे मेरे भाई को कुछ मत बोलना, जल्द ही मादरचोद भी बन जायेगा, घबड़ा काहें रही है तू। "
माँ ने चुम्मी का जवाब और कस के गाल काटते बोला,
" उस स्साले, तेरे बहनचोद भाई की हिम्मत ही नहीं है, मादरचोद बनने की।"
" अरे इस का दीवाना है वो "
गीता ने माँ के आँचल को ढलकाते हुए कहा, ...
" मुझे मालूम है, .. जिस तरह से चोरी से छिप छिप के देखता है , कित्ती बार मैंने देखा है और उसका पजामे में खूंटा खड़ा हो जाता है , लेकिन स्साले की हिम्मत ही नहीं है सिवाय मेरी बेटी को चोदने की,... "”
अरे लंड तो लगा ही दिया है चूचियों पर, अब गीतवा अपने भैया को मदर…. बनाने की विनती कर रही है कोमल जी से
कोशिश तो सब तरफ से हो रही है....लेकिन मेरा भाई देखिये जल्द ही बहनचोद से मादरचोद बनेगा , "
मान लिज़िय गीतवा की बात