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भाग ९८
अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६
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अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६
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You are absolutely right but my answer is both yes and no. Yes this is the first story where i have provided Index. NO, index was provided in the early days of story but after part 32 i have not updated it, sheer lethargy and was rightly berated by a well-wisher and friend our Doctor Shahiba who needs no introduction. and it led me to update it and post an info about it here.Pehli baar hi shayad apne index diya h first page pr kisi story me. Vese index dene se reader bich ke comments ka maja nhi le payenge. Thodi bahut mehnat to krne do achhi story padhni hai to.
oops but i am not on tweeter. can you please share the post itself?
क्या बात कही आपनेकोमल जी आपको लेखन कला का कोई जवाब नहीं है। जिस खूबसूरत से आप छोटी से छोटी चीज का भी वर्णन करती है वो केपरिपक्व लेखिका की ही निशानी है….
घर में चुद गई बाग में चुद गई
अब चुदेगी खेत खलिहान
अरविंदा की तो नींद उड़ गई
जब से गीतवा हुई जवान
पूरी रात भैया का खूंटा
लपक लपक के घोंटे
भैया भी जी भर के चुसे
जोबन छोटे छोटे
नई सिली चोली से अपने
जोबन खूब दिखलाये
कमर से नीचे बांध घाघरा
अरविंद को ललचाये
देख अरविंदवा का खड़ा खूंटा
झट से खोल दे नाडा
घोंट ले पूरा गन्ना उसका
रस पी जाए सारा
भैया से दिन रात चुद के
गितवा बहि सयानी
रोज़ चाटे अरविंदवा की चटनी
गीतवा की खिली जवानी
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कोमल जी बिल्कुल सही कहा आपने. हर जवान होती बहन चाहती है ललचाती है, दिखाती है,...और दिल में यही सोचती है..क्या बात कही आपने
अरविंदा की तो नींद उड़ गई जब से गीतवा हुई जवान
पूरी रात भैया का खूंटा लपक लपक के घोंटे
भैया भी जी भर के चुसे जोबन छोटे छोटे
नई सिली चोली से अपने जोबन खूब दिखलाये
कमर से नीचे बांध घाघरा अरविंद को ललचाये
और ये बात
इसी कहानी में मैंने पहले भी एक पार्ट की हेडिंग दी थी,...
समझदार बहन,... हैं
( https://exforum.live/threads/छुटकी-होली-दीदी-की-ससुराल-में.77508/page-152
Post number 1514 page 152)
और वो बात आपने इतनी खूबसूरत लाइनों में कह दी की कोई ना समझ से नासमझ भाई भी समझ जाये
सुपर्ब आपका जवाब नहीं
कविता एक लय बना देती है...Kavita hamesha se hi2 garam hi raheti he
वाह.. वाह... गागर में सागर...बहुत की खूबसूरत और काममुक्ता से भरपुर अपडेट। शब्दों का चुनाव और सेक्स को लेकर पागल भाई बहन के बीच की घटनाओं का वर्णन बहुत ही सुंदर और लाजवाब है
आम के बागीचे में अरविंदवा के साथ
भइया से रखवाये है जोबन पे हाथ
मसलवा रही है चुनि तान के घमंड से
पांच दिन से प्यासी है छूत बिना लंड के
साड़ी के ऊपर से भाई मसले है चुतर
चोली को खोल के दबा लिए कबूतर
साड़ी को बांध के कमर में घुसा दिया
गीतवा के हाथ में लौड़ा थमा दिया
तभी तो गितवा की माँ को मायके जाना पड़ रहा है... भाई के पास...Aaj story me shayad pehle baar pta laga ki Geeta ki Bau ji pardesh gaye hai 3 saal se.
वो सब सीन कहानी को लंबा कर देगी..Apki stort me mene notice kiya hai ki kai character ke Pita ji ka jikar nhi hota. Jese komal ji ke father ka kisi story me nhi hai, apke sasur ji ka bhi nahi hai, koi khaas vajah Komal ji