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भाग ९८
अगली परेशानी - ननदोई जी, पृष्ठ १०१६
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चटोरा भाई
आज तो खूब रस ले लेकर इस कच्ची कली का मज़ा लेनाचाहता था ,
और इसलिए आराम से पहले सीधे जाँघों को फैला के मुंह लगा दिया कभी जीभ से चाटता, कभी दोनों फांको को फैला के जीभ से चोदता ,
कभी क्लिट को होंठों के बीच दबा के चूसता ,
वो छटपटा रही थी , तड़प रही थी , पर यही तो वो चाहता था , उसे पागल कर देना इतना पागल कर देना की खुद आये और उसका लंड मुंह में ले कर चूसे, उसके ऊपर चढ़ के चोदे, एकदम बेशर्म होके उसके लंड की दीवानी हो जाए,...
कस के उसने अपने दोनों मजबूत हाथों से बहन की कोमल कलाइयों को कस के दबोच रखा था, इंच भर भी नहीं हिल सकती थी , छटपटाये चाहे जितना तड़पे चीखे,...
चूस चूस के वो उसे झाड़ने के कगार पे ले आता , फिर छोड़ देता,....
और थोड़ी देर बाद फिर जीभ उसी तरह कभी फांकों पे, कभी अंदर
और थोड़ी देर में गीता फिर बिस्तर पे अपने चूतड़ रगड़ती, गहरी गहरी साँसे लेती लेकिन वो बस बार बार उसे झड़ने के कगार पे ला के रुक जाता , जब तक गीता ने खुद चीखना शुरू कर दिया,...
"भैया, भैया प्लीज हो जाने दे न ,... दुष्ट बदमाश,... मेरे अच्छे वाले भैया प्लीज बस एक बार झड़ जाने दे न,"
बार बार गीता बोल रही थी
"क्यों तड़पाते हो , तेरी हर बात मानूंगी , प्लीज भैया ,"
चार पांच मिनट इसी तरह तड़पाने के बाद , उसने स्ट्रेटजी चेंज कर दी,...
और बिना बोले , पहले धीमे धीमे हलके हलके चाटता चूसता रहा , चूत चटोरा तो वो गज़ब का था , भोसड़े वालियों का भोंसड़ा चूस के पागल कर देता था, और ये तो नयी बछेड़ी थी,... फिर धीरे धीरे उसने चूसने की रफ्तार बढ़ाई, कभी जीभ से हचक के चूत चोदता तो कभी दोनों होंठों के बीच बहन की दोनों फांको को पकड़ के कस कस के चूसता ,
जल्द ही एक तार की चाशनी बहन की रसमलाई ने छोड़नी शुरू कर दी, रस बह के गोरी गोरी मखमली जाँघों पर बहना शुरू हो गया, बहना के ,.. लेकिन वो रुका नहीं सीधे चौथे गियर में ,... और वो जब झड़ी तो भी नहीं ,
एक दो बार , चार बार , पांच बार ,
झड़ झड़ के वो थेथर हो गयी। हिला नहीं जा रहा था , सिसक भी नहीं पा रही थी , अब वो जीभ से छू भी दे रहा था क्लिट तो देह कांपना शुरू कर देती थी, एक बार झड़ना रुकता नहीं था की ,...
और उसके बाद भी चूसता था , सीधे क्लिट को , ... दस मिनट
और अब बस जैसे वो संज्ञा शून्य हो गयी तो फिर धीमे धीमे उसने चूसने की रफ्तार कम की सारी चाशनी चाट गया और उसी चासनी को हथेली में लिपेट के बहन के मुंह में पोत दिया , होंठों पर गाल पे।
बहुत देर तक दोनों एक दूसरे की बांह में , तब कहीं जा के गीता बोलीं ,.. बोली क्या भाई के मुंह को चूम लिया। और जो सवाल कब से उसके मन में उमड़ घुमड़ रहा था पूछ लिया,...
" भैया, तूने सबसे पहले किसके साथ, कब,... "
भैया कुछ देर तक उसकी संतरे की फांक सी रसीली, होंठों को चूसता रहा, ... फिर बोला, ..
" चाची के साथ,... करीब दो साल पहले,.. तू मौसी की यहाँ गयी थी , छुट्टी में. "
तो चलिए अब चाची की हाल चाल,...
yes thanks so much for like and commentsWow gitva bhi bin bhyahe patni dharam nibha rahi he. Bhaiya ko sajan bana kar chadhava chadha rahi he. Kache tikoro ka hi nahi kaliyo ke pichhvado ka. Amezing. Maza aa gaya Komalji. Pitare me abhi bahot kisse baki he.
Thanks so much and no award can be better than your blessings and affection,congratulationsdidi for your" thread selection for admin sticky program."
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Thanks so much for gracing the thread and commentsलेकिन भैया ने आज कुछ और सोच रखा था, बस सीधे उसने प्रेम गली में मुंह लगा दिया,...
पिछले २४ घंटे में बहन के ऊपर छह बार से ज्यादा चढ़ चुका था, इसलिए न उसे अब जल्दी थी चोदने की न बहना को चुदवाने की, आज तो खूब रस ले लेकर इस कच्ची कली का मज़ा लेना चाहती था , और इसलिए आराम से पहले सीधे जाँघों को फैला के मुंह लगा दिया कभी जीभ से चाटता, कभी दोनों फांको को फैला के जीभ से चोदता , कभी क्लिट को होंठों के बीच दबा के चूसता ,
वो छटपटा रही थी , तड़प रही थी , पर यही तो वो चाहता था , उसे पागल कर देना इतना पागल कर देना की खुद आये और उसका लंड मुंह में ले कर चूसे, उसके ऊपर चढ़ के चोदे, एकदम बेशर्म होके उसके लंड की दीवानी हो जाए,...
मैंने तो शुरुआत ही मुखचोदन से की थी।
Nile Gagan ke tale ka maja hi aur hai and thanks for comments and likes, next week will try to post two more posts in this thread.Bahut badhiya likha hai komal ji, mast hot. Or is baar apne samvad batcheet ki bhi kami nhi rakhi, jutai krte hue baaten krne ka alag hi maja hai jo is baar lekhni me dikha. Is par thoda or improve hoga to char chand lag jayenge. Bus ek advice
Pehli baar hi shayad apne index diya h first page pr kisi story me. Vese index dene se reader bich ke comments ka maja nhi le payenge. Thodi bahut mehnat to krne do achhi story padhni hai to.On page one Index of all the parts have been given so if any friend is starting from the beginning, please do use that index. And do like the posts and share your comments.