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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Problems to ab bhi khatam nahi hui. Sham ko fresh kharidne ke bahane me market akar 2,3 ghante ye kisse padh rahi hu. Kyo ki aap bhi janti hu. Geetva ki kahani lambi chali. Aur me kab se is kisse ka intjar kar rahi thi.मैं और मेरी कहानियां भी आपका बेसब्री से इन्तजार कर रहे थे, लेकिन मुझे आपकी मजबूरी मालूम थी,... और ये भी की जैसे ये इंटरनेट का संकट ख़तम होगा,
फिर कबड्डी के इन प्रसंगों को लेकर आप बार बार आग्रह करती थीं और लिखते समय भी आपकी मनुहार का ध्यान बरबस आ जाता था
बहुत बहुत आभार, इन बाधाओं के बाद भी कहानी पर आने का और कमेंट करने का
Maza aa gaya. 1st round me chhutkiya ka kamal jo renu out na hui hoti to ye khel bhoujiyo ke hath se nikal gaya hota. Ab bhoujiyo ka pala kuchh damdae huaa he.भाग ६१,राउंड ३
10,14,380
( राउंड दो भौजाइयां ५ - ननद ३ प्वाइंट )
मोहिनी भाभी जिन्होंने गुलबिया के साथ हांका कर के उसे हम लोगों की ओर धकेला था, बस पीछे से कस के अपने दोनों हाथों बेला के जोबन पकड़ लिए और गाल पे चूमते बोलीं,
काहो बेला रानी कैसे कैसे दबवायी हो जोबन तो जबरदस्त है,... मोहिनी भाभी से एक बात मैंने होली में सीखी थी,... ननदों के कपडे उतारते नहीं है, बस फाड़ देते हैं,... और मोहिनी भाभी ने जबतक बेला सम्हले टॉप के चीथड़े चीथड़े कर के नंदों की ओर चैलेन्ज देती बोलीं
" अगली बार जिसको फड़वाना हो आ जाये,... "
बाहर बैठी मेरी एक जेठानी ने कच्ची कलियों से कहा,
" अरे तुम लोग भी जिसको जिसको फड़वाना हो अपना नाम लिखवाओ, अबकी हर साल की तरह नहीं होगा, ... सब नंदों की फटेगी आज,..."
तबतक गुलबिया, चमेलिया और चननिया ने पकड़ के बेलवा को लिटा दिया था, चननिया उसके मुंह पे चढ़ के चूत अपनी चटा रही थी, मोहिनी भाभी बेला के दोनों जोबन का रस ले रही थी एक हाथ से दायीं चूँची मसल रही थी, दूसरी को मुंह में ले चूस रही थीं और हथेली से चूत पे रगड़ रही थीं,...
बेला जमीन पर हाथ पटक कर अपनी हार मान रही थी पर कच्ची ननद पा के कौन भौजाई छोड़ती हाँ उसी समय ब्रेक की सीटी बच गयी तो बेला बाहर, हाँ कपडा एक सूत नहीं बचा था।
और सबसे बड़ी बात वो चौकड़ी टूट गयी थी। अब सिर्फ लीला अकेले थी गीता कभी आगे बढ़ के तो कभी उसके साथ और उसकी एक सहेली थी तो लेकिन आधी ताकत से खेल रही थी। और हमारी टीम में ८ लेकिन अब हमारी टीम में लोग थक रहे थे सिवाय छुटकी मेरे और गुलबिया चमेलिया के।
हम लोग अभी दो प्वाइंट से आगे थे लेकिन प्रैक्टिकली ३ प्वाइंट से , ननदों की टीम में ११ में से ५ खिलाड़ी अब गेम से बाहर थे,... फर्स्ट राउंड में ही छुटकी ने रेनू को बैक किक या म्यूल किक से उन्ही के पाल्हे में मारा था। उसके और बाद कजरी जब हमारी ओर आयी तो उसकी भौजी गुलबिया ने ही। रमजनिया ने नीलू को और गुलबिया ने नीता को उन्ही के इलाके में जाके मारा था और अभी छुटकी ने ऐंकल टैकल कर के बेला को,...
पर हमारे भी ३ खिलाड़ी बाहर हो गए थे,... रज्जो और दूबे भाभी ननदों के इलाके में जाके पकड़ी गयी थीं और मुझे नैना से बचाने के चक्कर में मंजू भाभी गेम से बाहर हो गयी थी.
पर उनकी टैकल करने वाली एक खिलाड़ी चंदा अब मोच से घायल थी और आधी से भी कम ताकत से खेल रही थी। इसलिए हम लोगों को क्लियर अडवांटेज था।
तीसरे राउंड की शुरुआत भी हम लोगों की अच्छी नहीं रही, मोहिनी भाभी, मेरी जेठानी धर दबोची गयीं, और दबोचने वाली और कौन वही लीलवा,...
मोहिनी भाभी एक छुटकी को मार के निकल रही थीं की लीलवा ने लंगड़ी मारी,
वो गिरीं और लीलवा ने दबोच लिया और साथ वाली जिसे अब हम लंगड़ी घोड़ी कह के चिढ़ा रहे थे, वो भी दौड़ तो नहीं पा रही थी, लेकिन एक टांग से उछल के उनके ऊपर बैठ गयी और साथ ही साथ एक झटके ब्लाउज तार तार कर के हम लोगों की ओर फेंक दिया, फिर तो भौजाई का जोबन लूटने वाली ननदों में होड़ मच गयी थी, साड़ी भी फट गयी थी और पांच हिस्से में फाड़ के नैना ने हम लोगों की ओर फेंक दिया
लेकिन सबसे बदमाश गितवा, उसने पेटीकोट न फाड़ा न उतारा, बस नाड़ा खींच के बाहर निकाल दिया और पकड़ के मोहिनी भाभी को इस तरह खड़ा की सब ननद भौजाई साफ़ साफ़ देख लें,
सरसरा के पेटीकोट नीचे सरक गया. दो छुटकियों ने पकड़ के टाँगे फैला दी और अब मोहिनी भौजी की खुली बुर सब के सामने, हलकी हलकी झांटे जैसे चार पांच दिन पहले साफ़ की हों,... और उसे दो ऊँगली अंदर डाल के नैना ने फैला दिया
Khel to ab bhi ek tarfa nahi he. Bas thoda sa chhutki ke jese kuchh komaliya ka jalwa dekhna tha. Jo bazi me alag hi josh la de. Chhutki ke jeseमोहिनी भाभी पकड़ी गयीं,
ननदों का हल्ला
,... मोहिनी भाभी एक छुटकी को मार के निकल रही थीं की लीलवा ने लंगड़ी मारी, वो गिरीं और लीलवा ने दबोच लिया और साथ वाली जिसे अब हम लंगड़ी घोड़ी कह के चिढ़ा रहे थे, वो भी दौड़ तो नहीं पा रही थी, लेकिन एक टांग से उछल के उनके ऊपर बैठ गयी और साथ ही साथ एक झटके ब्लाउज तार तार कर के हम लोगों की ओर फेंक दिया,
फिर तो भौजाई का जोबन लूटने वाली ननदों में होड़ मच गयी थी, साड़ी भी फट गयी थी और पांच हिस्से में फाड़ के नैना ने हम लोगों की ओर फेंक दिया
लेकिन सबसे बदमाश गितवा, उसने पेटीकोट न फाड़ा न उतारा, बस नाड़ा खींच के बाहर निकाल दिया और पकड़ के मोहिनी भाभी को इस तरह खड़ा की सब ननद भौजाई साफ़ साफ़ देख लें, सरसरा के पेटीकोट नीचे सरक गया.
दो छुटकियों ने पकड़ के टाँगे फैला दी और अब मोहिनी भौजी की खुली बुर सब के सामने, हलकी हलकी झांटे जैसे चार पांच दिन पहले साफ़ की हों,...
और उसे दो ऊँगली अंदर डाल के नैना ने फैला दिया और सब भौजाइयों को
दिखाते ललकार के बोली,...
" अरे छिनारों चूतमरानो, बहुत तोहार बुर कुलबुलात बा न। बस आधा घंटा, हर साल की तरह एक बार भी भौजाई हारेंगी, बुर गाँड़ मरवाएँगी, अरे लजाने क कौन बात तोहार महतारी कुल दान दहेज़ दे के यहां हमरे गाँव में चुदवाने ही तो भेजी हैं, चुदवा के गाभिन हो, बियाने के लिए, गाँड़ मरवाने, लंड चूसने के लिए। तो हमरे भाई सब से तो बहुत चोदवाये होगी, अपने मरद देवर से लेकिन आज ननद क नंबर है, घबड़ा जिन तोहरे देवर से कम मजा ननद नहीं देंगी, मुट्ठी नहीं कोहनी तक पेलेंगे हम सब, ... और अगवाड़े पिछवाड़े एक साथ, ... मोहिनी भौजी क तो ट्रेलर है बाकी सबका नंबर आएगा। "
उसके बाद तो सब ननद आग मूतने लगीं,
जो खेल रही थीं वो भी जो बाहर बैठीं और और अब तक उदास बैठीं तो वो भी और सब एक एक भौजाई का नाम ले के
इसकी गाँड़ मैं मारूंगी , इसको मैं नंगी नचाउंगी और खाली आज नहीं साल भर क गुलामी,..
लेकिन नैना फिर बोली,
लेकिन एक बात भौजाई का तो काम ही मरवाना है,... लेकिन ई हमार नयकी भौजी, अरे कोमल भौजी ( वैसे तो ननदें भाभी का और भाभियाँ ननदों का नाम नहीं लेती थी गाली चाहे जीतनी गंदी दें, पर आज सब छूट थी और नैना मेरी ननद भी थी और सहेली भी ) क गाँड़ सबसे पहले हम मारब और उनकी छुटकी बहिनया क भी,"
अब बाकी ननदें बोलनी लगीं नहीं हम भी हम भी और नैना ने मुद्दा साफ़ किया
" अरे हम यह कहे हैं की कोमल भौजी क सबसे पहल गाँड़ हम मारेंगे खाली ये देखने के लिए की हमरे भैया और अपने सैंया से मरवा मरवा के अभी तक गाँड़ का भोंसड़ा और चूतर का चबूतरा कोमल भौजी ने किया है की नहीं। नहीं तो हम सब ननद मिल के,… दस दिन तक चूतड़ रख के बैठ नहीं पाएंगी,... हमरे बाद सब का नमबर आएगा, ... और उनकी छुटकी बहिनिया का तो मैंने सट्टा लिखवा लिया है की उसे पूरे गाँव की नहीं ब्लाक की. तहसील की रंडी बनाउंगी तो सब का नमबर लगेगा ,
लीलवा तानी पहले मोहिनी भौजी क बुरिया में पेल,... अरे ऊँगली से का होगा ई अपने मायके में तो गदहा से चुदवाती थीं , मुट्ठी पेल फिर थोड़ी देर में कोहनी तक "
सच में लीलवा ने मोहिनी भाभी की बिल में खड़े खड़े पूरी मुट्ठी पेल दिया,
बाहर बैठी मेरी ननद चिल्लाईं,
" अरे लीलवा कोहनी तक पेल, और अंदर,... कमल खिलाय दे, अंदर घुसेड़ के मुट्ठी खोल दे पेल हचक के मालूम हो जाय भौजाई लोगन क क्या होने वाला हैं थोड़ी देर में सबके साथ "
मोहिनी भौजी के चेहरे पर दर्द और मजे का मिला जुला रंग साफ़ दिख रहा था वो हलकी सी चीखीं की ननदों के हल्ले ने पूरे गाँव को सर पर उठा लिया।
फिर उनको जबरन निहुरा के सबसे छोटी उमर की ननदियों ने भी अपनी बुर चुसवाई
और दो चार मिनट के बाद मोहिनी भाभी ने हार मान ली।
बहुत रगड़ाई हुयी मोहिनी भाभी की.
मोहिनी भाभी के चूतड़ बड़े मस्त थे, खूब गोल मटोल कड़े कड़े और बड़े बड़े,... जब चूतड़ मटका के चलती थीं तो गाँव के सारे मर्दों का खूंटा खड़ा हो जाता था, और जितना मैं इतने दिनों में इस गाँव के मर्दो को जान गयी थी, कोई दिन नागा नहीं जाता होगा जिस दिन उनके पिछवाड़े मूसल नहीं चलता होगा, ...
और निहुरी हुयी मोहिनी भाभी के मस्त मस्त चूतड़ों को पूरी ताकत से फैला के नैना ननदिया सब ननदों को ललकार रही थी,...
" बस थोड़िके देर है अभी कुल भौजी लोगन क चूतड़ अइसन फैलाय के गपागप गपागप मुट्ठी पेलेंगे हम सब,... तुम सब अभी से चुन लो कौन कौन भौजाई की गाँड़ मारोगी, अरे ननद भौजाई के रिश्ते में उमर नहीं देखी जाती,... आज कउनो बचनी नाहीं चाहिए,.... बस थोड़ी देर में हर बार की तरह ननदों की टीम जीतेगी,... फिर आज कुल ननदें भौजाई लोगन के निहुरा के अइसन मारेंगी,... "
सारी ननदों ने इतनी जोर से मुठ्ठी हवा में लहरा के हल्ला किया की बाहर बैठी भाभियाँ दहल गयीं,...
एक से एक गालियां जिस जिस की रतजगे में रगड़ाई हुयी थी कभी वो सब ननदें उतनी ही जोर से हल्ला कर रही थी और कुछ नयी बियहता सिकुड़ गयीं तो कुछ पुरानी हम लोगों को गुस्से से देख रही थीं,....... क्या जरूरत थी पंगा लेने की ,
Yaha bhi maind game. Manobal todne ka pura prayas kiya he. Wah nanina nandiya. Dushman tagda na ho to khelne ka kya fayada. Maza aa gaya.नैना ननदिया
नैना ननदिया सब ननदों को ललकार रही थी,...
" बस थोड़िके देर है अभी कुल भौजी लोगन क चूतड़ अइसन फैलाय के गपागप गपागप मुट्ठी पेलेंगे हम सब,... तुम सब अभी से चुन लो कौन कौन भौजाई की गाँड़ मारोगी, अरे ननद भौजाई के रिश्ते में उमर नहीं देखी जाती,... आज कउनो बचनी नाहीं चाहिए,.... बस थोड़ी देर में हर बार की तरह ननदों की टीम जीतेगी,... फिर आज कुल ननदें भौजाई लोगन के निहुरा के अइसन मारेंगी,... "
सारी ननदों ने इतनी जोर से मुठ्ठी हवा में लहरा के हल्ला किया की बाहर बैठी भाभियाँ दहल गयीं,... एक से एक गालियां जिस जिस की रतजगे में रगड़ाई हुयीथी कभी वो सब ननदें उतनी ही जोर से हल्ला कर रही थी और कुछ नयी बियहता सिकुड़ गयीं तो कुछ पुरानी हम लोगों को गुस्से से देख रही थीं,.... क्या जरूरत थी पंगा लेने की ,
और नैना ने जैसा भौजाइयों की टीम को और डिमोरलाइज करने के लिए एक ऑप्शन भी दिया, और सीधे मुझे सुना के,... हँसते मुस्कारते
" हे नयकी भौजी, कोमल भौजी अभी भी मौका है हार मान जाइये, चुपचाप।
आपकी तो जो होनी है वो तो होगी ही, आखिर आपकी पहली होली है लेकिन बाहर बैठी भौजी लोगों की दुर्गत बच जायेगी, हर बार की तरह ननदों के पैर लग के, तलवे चटवा के नंगे नचवा के छोड़ देंगे। सब लोग तो पुरानी है मालूम है, अपने बाप महतारी भाई को गरियाना होगा, तो वो कौन बात है कौन भौजाई होगी जो भाई चोद नहीं होगी, जिसकी महतारी छिनार नहीं होगी,... फिर सब ननदों की बुर चाट चाट के , अरे पिछले साल तो मैं नहीं थी ओकरे पहले साल अइसन बुर चटोर भौजाई, आँख बंद कर के चाट के बता देती थीं कौन ननद है ,... अबकी उहे काम गाँड़ चाट के,... सोच लीजिये,... "
मुझे बहुत गुस्सा लग रहा था वो तो मिश्राइन भौजी थीं समझदार आँख के इसारे से उन्होंने ने मुझे ठंडा किया और चमेलिया और गुलबिया मेरी साइड में खड़ी ,...
हाँ बाहर खड़ी भौजाई सब खुसुर फुसुर,... कुछ इशारे भी कर रही थीं मान जाऊं मैं नैना की शर्त और हार मान लूँ
और हम अब सिर्फ एक प्वाइंट से आगे थे,... करीब करीब आधा खेल बचा था, जबतक हम ये लीड बढ़ाते नहीं,... मुश्किल थी।
हालाँकि अभी भी हम लोग एक प्वाइंट से आगे थे लेकिन भौजाइयां इत्ते साल से हार रही थीं की जीतना भूल चुकी थीं.
लेकिन तब तक वो लंगड़ी घोड़ी, ... वही जिस पर गांव का हर मरद चढ़ाई कर चूका था,... बोली,... नैना से बड़ी भी थी उमर में और छिनार भी ज्यादा
" हे कोमल भौजी को इतने आसानी से नहीं छोड़ेंगे भले उ हार मान लें, दो तीन बात, अपनी छुटकी बहिनिया को तो ले आयीं है हमरे भाई लोगन से चुदवाने को , वो एक अच्छा काम की, लेकिन मझलकी को बचा के रखी हैं. उन्हें माने क पड़ी की ओनकर मंझलकि बहिनिया,
बाहर से कोई शादी शुदा ननद चिल्लाई और उनकर महतारी भी , उहो मस्त माल है हैं ,
लंगड़ी घोड़ी मुस्करायी और बात आगे बढ़ाते बोली, एकदम मंझलकि बहिनिया और महतारी दोनों आएँगी और यह गाँव का मर्द से चोदवाएंगी,... कोमल भौजी सुन लो कान और गाँड़ खोल के, अब हार तो आप लोगन क तय हैं,...
तबतक कोई छुटकी पीछे से बोली ( मैंने पहचान लिया था उसे हमारी ही पट्टी की थी )
" अरे नयकी भौजी गौना में जब आप आयी थीं और पहली रात को हमार भैया आपकी फाड़े थे, तब से आज तक आप जितनी बार लौंड़ा की घोंटी होंगी न देवर नन्दोई जोड़ के, ओहसे ज्यादा बार तो ननदों क मुट्ठी आज आपके पिछवाड़े जायेगी मैं तो कोहनी तक पेलूँगी बस थोड़ी देर है हारने में। हाँ हार मान लीजियेगा तो थूक वूक लगा लुंगी वरना सूखे सूखे ,
पीछे से कोई छुटकी बोली
" अरे नहीं सूखे क्यों, मैं तो अपनी मीठी प्यारी भौजी की गाँड़ मिर्चे के अचार वाला तेल लगा के मारूंगी , भौजी,... देवर नन्दोई क गाँड़ मरवाई भूल जाएंगी नंदों के आगे ,... "
" और छुटकी बहिनिया की तो,... उ धोबियन क मोहल्ला से गदहवा लाय के वो चढ़ायेंगे उसके ऊपर ,... " हँसते हुए लीलवा बोली।
और ननदों के इन तानों के बीच मोहिनी भाभी के अगवाड़े पिछवाड़े कस के मुट्ठी हो रही थी, अगवाड़े लीलवा मुट्ठी पेले थी तो पिछवाड़े एक छुटकी कम्मो को चढ़ा के नैना, मोहिनी भौजी की गाँड़ मे मुट्ठी, दुहरी रगड़ाई
वो कसमसा रही थीं तड़प रही थी
कम्मो को गाँड़ में मुट्ठी करते देख मैंने मिश्राइन भाभी की ओर देखा, और उन्होंने भी इशारे से हामी भर दी,... मुट्ठी पहले खाली बियाहता वो भी लड़कोर ननदों की कोई कोई भौजाई करती थी, लेकिन मैंने मिश्राइन भाभी से कहा, ननद नन्द में फर्क करना ठीक नहीं है, चाहे कुँवारी हो ब्याहता,... जो चुद रही हैं हमारे भतार देवर से,.... हां जिनकी नहीं फटी है उनकी बात अलग,... और अब एक छुटकी खुद ही मोहिनी भौजी के पिछवाड़े, तो हम लोग काहें छोड़ेंगे
बस एक बार जीत जाएँ किसी तरह से इन नंदों से फिर बताउंगी मैं
पर ननदें सब , और अब नैना भी कस कस के उनकी बड़ी बड़ी चूँचियाँ मीज रही थी,
लेकिन जो हिंदी फिल्मो के विलेन जो गलती करते हैं वही गलती ननदें कर रही थी डायलॉग बोल बोल के,... और हम लोगों को एक बार फिर से स्ट्रेटेजिक ब्रेक मिल गया था और मुझे और मिश्राइन भाभी को टीम को मोटिवेट करने का।
लेकिन अगला प्वाइट भी हम हार गए।
Kahi chhutkiya ko khatai khilane ke chakkar me chhinar nandiya. Apne bhaiya ke name ki khatai na khane lage.abhi to barabari pahoche he.स्कोर बराबर
लेकिन जो हिंदी फिल्मो के विलेन जो गलती करते हैं वही गलती ननदें कर रही थी डायलॉग बोल बोल के,... और हम लोगों को एक बार फिर से स्ट्रेटेजिक ब्रेक मिल गया था और मुझे और मिश्राइन भाभी को टीम को मोटिवेट करने का।
लेकिन अगला प्वाइट भी हम हार गए।
इस बार बाजी हाथ लगी ननदों के हाथ की एक छुटकी के, एकदम फिरकी की तरह नाच रही थी वो और हम सब ने तय कर लिया था इसे पकड़ना नहीं है ,... वो छुटकी के पीछे पड़ी थी बस बेचारी को क्या मालूम था की छुटकी रीजनल चैंपियन यही और अंडर 15 स्टेट लेवल में सेलेक्शन में गयी थीं, कबड्डी में।
पर जाते जाते वो ननद हाथ मार गयी, रमजानिया एकदम दूसरी ओर खड़ी थी पर पता नहीं कैसे झपट्टा मार के उसने रमजनिया को हवा की तरह छू दिया और जबतक हम लोग पकडने की कोशिश भी करते वो लाइन उस पार थी.
ख़तम और मुकाबला एक बार फिर बराबरी पर,
हमारे ६ खिलाड़ी , मिश्राइन भाभी, मैं, छुटकी, चमेलिया, गुलबिया और चननिया।
ननदो की टीम में भी ६ खिलाड़ी बची थी नैना, गीता, पायल, कम्मो, लीला और चंदा। दोनों ही टीमों के पांच पांच प्वाइंट,... गेम किसी ओर मुड़ सकता था।
बाहर बैठी भाभियों की ओर एकदम सन्नाटा, जैसे सांप सूंघ गया हो और नन्दो का हल्ला आसमान छू रहा था और सबसे ज्यादा ननदें गारियाँ मुझे और छुटकी को,....
तभी मुझे अपनी ननद की आवाज सुनाई पड़ी मेरा नाम ले के,
आज नयकी भौजी की लगातार चुदाई का दिन है,... गाँव के मर्दों से बहुत मजा लिया अब कउनो ननद आज बचेगी नहीं,... दोनों ओर मुट्ठी लगातार,...
तभी कोई ननद बोली,
अरे छुटकी बहिनिया भी जल्द ही खटाई खायेगी दोनों साथ बियायेंगी,...
लीला बोली,... अरे भौजी मान जाइये अपनी महतारी मझलकि बहिनिया को बुला लीजिये बाइस पुरवा के मरद सब चढ़ेंगे और उसके पहले हम ननद सब डुबकी मारेंगे,.. बाकी भौजियों की दुर्गत थोड़ी कम होगी,...
लेकिन मिश्राइन भाभी हिम्मत बंधा रही थी छुटकी भी मेरा हाथ पकडे थी, और टीम के बाकी लोग भी जोश में हमारे कोई कमी नहीं थी, लेकिन गेम में हम शुरू से लीड कर रहे थे और अब,... कुछ भी हो सकता है,
मिश्राइन भाभी बोली मुझसे अरे वही होगा जो होना चाहिए, ... ननदें आज हारेंगी और मैं देख रही हूँ कौन कौन बाहर से ज्यादा चिल्ला रही हैं, सब की जबरदस्त रगड़ाई होगी।
सबसे तेज तो मेरी ननद की ही आवाज थी।
अब हम लोगों की लीड ख़तम और ननदों का हल्ला आसमान पर लेकिन मिश्राइन भौजी ने हमारी टीम का हौसला बुलंद कर रखा था वैसे भी हमारी टीम की पुरानी खिलाड़ियों में सिर्फ वही एक बची थीं, रज्जो, मोहिनी, मंजू और दूबे भाभी सब आउट हो गयी थीं, जिन चार लोगों को हम ने चुना था उसमें से भी रमजनिया आउट हो गयी थी, सिर्फ ६ हम बचे थे मैं, छुटकी, मिश्राइन भौजी और तीन चमेलिया, गुलबिया और,...
मैंने तय किया की अब मैं जाउंगी , ननदों की ओर हालाँकि मिश्राइन भाभी ने वार्न किया की अगर मैं फंस गयी तो फिर मेरी वो दुर्गत होगी और उससे भी बढ़के मेरी टीम वाली हार मान लेंगी, तो मैं कुछ भी हो बच के निकल आऊं और नैना को पकड़ने के चक्कर में न आऊं।
लेकिन मैंने वही सब किया जो मुझे मना किया गया था, मैंने साडी का आँचल फेंटे की तरह कमर में बांध लिया और उससे मेरी चोली भी कस के बंध गयी, मैं जानती थी ननदें पहले वहीँ हाथ मारेंगी, और तीर की तरह अंदर घुसी जिधर नैना मुझे चैलेंज कर रही थी, और छुटकियो को उकसा रही थी बाहर बैठी हल्ला कर रही नंदों को चढ़ा रही थी
Jabtak kuchh alag na hoga. Vo maza nahi aata. Superbचंदा की रगड़ाई, भौजाइयाँ फिर आगे
बस आधे मिनट का अंतर् होगा वरना गितवा और लीलवा मुझे छाप लेती पर इतना टाइम बहुत था मैंने कस के डाइव मारी और मेरा आधा शरीर लाइन के पार
लेकिन चंदा ने अभी भी कस के दोनों हाथों से मेरे पैर को पकड़ रखा था ,पर लाइन पार करने के बाद मेरी सहेलियां मेरी मदद को आ सकती थीं और मैंने इशारा किया तो गुलबिया और चमेलिया दोनों , ... बड़ी ताकत थी दोनों के हाथ में, मेरे साथ साथ घसीटती हुयी वो लंगड़ी घोड़ी भी, लाइन इस पार लेकिन असली खेल ये हुआ की
चमेलिया ने उस साड़ी ब्लाउज विहीन ननद के पेटीकोट का नाड़ा, खोला नहीं था तोड़ दिया था।
टॉपलेस तो मैंने उसे कर ही दिया था दोनों जोबन बाहर,
चमेलिया और गुलबिया ने नाड़ा तोड़ दिया और जैसे ही उसे सहारा देके खड़ा सररर कर के पैरों के नीचे,... और सब के सामने चंदा रानी नंगी,...
यहाँ तक की मिश्राइन भाभी भी मुस्कराने लगीं,...
" अरे गन्ने के खेत में, अरहरिया और बँसवाड़ी में तो रोजे,... अब आज तनी भौजाई लोग भी देख लें जोबन का जलवा,... और ये नीचे वाला इण्डिया गेट, कितने आये, कितने गए पता नहीं "
मैंने चिढ़ाया,
और चननिया और गुलबिया ने पकड़ के उसे घुमा के जिधर भौजाईया बैठीं उधर,... ननद क चूँची, चूत देख लो अच्छी तरह से,... और चमेलिया ने जबरदस्ती दोनों टाँगे फैलवा दी,...
अब भौजाइयां एक बार फिर जोश में,...
बाइस्कोप देखो, अगवाड़ा देखो पिछवाड़ा देखो, ननदो का खुला किवाड़ा देखो,.... सब चिल्ला रही थीं और चमेलिया बोली,
अपने मायके में बोल दो यह गाँव की लड़कियां कुछ आज चुदेगी, कुछ काल्ह चुदेगी, सब की सब पूरे साल चुदेगी,
चमेलिया जोर जोर से भौजाइयों से बोल रही थी,...
" अरे अपने भाइयों को देती हैं तो हमारे भाइयों को क्यों नहीं देंगी " मैंने भी आग में घी डाला।
भौजाइयों ने खूब हल्ला किया।
" अरे ननद छिनार कुल ऐसी चुदवासी है खुदे पेटीकोट खोल के बुर खोल के चुदवाने खड़ी हैं " गुलबिया हमारी ओर से बोली।
" अरे ये क्या कुल ननदें सब की सब छिनार लेकिन आज आयी असली मजा जब भौजाई से चोदवायेंगी,... अपने भाइयों से तो रोज चुदवाती है भौजाइयों के भाइयों से चुदवाएंगी,... "
बाहर से एक भाभी की आवाज आयी , भाभियाँ खूब हल्ला कर रही थीं।
ननदें चुप लेकिन एक कच्ची अमिया वाली उछल के बोली, मैंने पहचान लिया लीलवा की छोट बहिन थी, सगी , उमर में मेरी छुटकी से भी दो चार महीने कम, लेकिन एकदम तीखी मिर्च मैंने पहले ही उसे ताड़ लिया था ,
" अरे भौजाई का भाई कुल तो स्साले बहिनबेचवा खुदे गांडू है हमरे भाई से गाँड़ मरवा के जाएंगे , बोल सब जब तक लीलवा गितवा नैना है हमन क जीत पक्की बोल सब कस के "
और सब ननदों ने एक साथ नारा लगाया
" भौजी के भैया आएंगे गाँड़ मरवा के जांयेंगे,... भौजी के भैया आएंगे गाँड़ मरवा के जांयेंगे,... "
लेकिन भाभियों ने दूने जोर से जवाब दिया, अब उन का जोश वापस आ गया था
पर मेरे आँखों के सामने चुन्नू की तस्वीर घूम रही थी मेरा ममेरा भाई, मंझली की उमर का, वो निहुरा हुआ पीछे से ये चढ़े, फिर घर के आँगन में मेरी नन्द ने कैसे मुझे भांग खिला के मेरे भाई के ऊपर और उस के ऊपर मेरे नन्दोई,... और ट्रेन में तो एकदम खुल्ल्मखुल्ला, मेरे सामने ये उसके ऊपर डॉगी पोज़ और मुझे चिढ़ाते हुए बोले, ससुराल वाले स्साले, मैं स्साले और स्साली में फरक नहीं करता,... मेरे साजन की बात, ... जो मेरे साजन को पसंद वो मुझे पसंद।
लेकिन चंदा रानी की और रगड़ाई नहीं हो पायी।
अम्पायर की टीम से कोई आया और चंदा को उसने छुड़ा दिया, जो हम कर रहे थे वो फाउल तो था ही,... आउट तो वो अपने इलाके में ही हुयी थी,... हाँ खींच के मेरे साथ आ गयी थी तो,... लेकिन होली में ये सब कौन देखता है।
हम लोग सिर्फ एक प्वाइंट से आगे हुए थे और चंदा वैसे भी आधी ताकत से खेल रही थी लेकिन बाहर भाभियों का जोश फिर बढ़ने लगा था।
उससे बड़ी बात बाहर बैठी भौजाइयों का जोश वापस आ गया था। वो सब ननदों का एक एक का नाम ले ले के ऐसी मस्त गालियां दे रही थी की हम सब का जोश भी दूना हो गया था, इस राउंड में लास्ट बचा था और उसके बाद लास्ट राउंड,... ननदों की ओर से किसी को आना था।
तीसरा राउंड ख़तम होने में बस थोड़ी ही देर थी, और हम सोच रहे थे उधर से लीला आये।
मिश्राइन भाभी ने लीलवा की ओर दिखाते हुए छुटकी को इशारा किया। छुटकी और मिश्राइन भौजी में अब खूब छनने लगी थी,
वो जोर जैसे बोलने लगी, लीलवा का नाम ले के , हिम्मत है तो आ जा,.... अरे मैं तुझसे बहुत छोटी हूँ डरती हो का फट रही है।
Wah ri meri chhutkiya. Tabhi to tu meri fev he. Dill khush kar diya.छुटकी का दांव
लीलवा आ गयी और सीधे छुटकी के पीछे, बाकी सब लोग किनारे हो गए जैसे छुटकी का ही खेल हो रहा हो।
छुटकी ललचा रही थी लीलवा को,...
हे ननद रानी,... बस खाली छू लो अरे पकड़ूँगी नहीं मैं,... पक्का अगर एक बार छू लोगी न तोहरे मायके ससुरार दोनों के जिसके साथ कहोगी उसके साथ,... पक्का,... आओ आओ ,...
छुटकी बलखाती ललचाती उसे कभी दाएं, कभी बाएं,.... और चैलेन्ज भी कर रही थी,...
" और अगर नहीं छू पायी तो मैं मान लूंगी की तोहार मन हमारे मायके के भाइयों पर आ गया है,... बुला लूँ बोलो, पटक पटक के लेंगे सब,..."
लीलवा ध्यान रखे थी की ज्यादा अंदर न जाए, कनखियों से लाइन को देख रही थी और गुलबिया, चमेलिया और चननिया को,
लीला तो बोल नहीं सकती थी,...
पर उसकी ओर से कम्मो और पायल दोनों छुटकियाँ जवाब दे रही थीं,...
" अरे बुलाय लो स्साले चिकने को, यह गांव में लौंडे बाज भी बहुत हैं, अइसन मस्त गाँड़ मारेंगे तोहरे भइआ की की कभी मरवाया नहीं होगा , भाई बहन अगले बगल निहुर के मरवाइयेगा,... बदल बदल के मारेंगे "
कम्मो ने नंदों की ओर से जवाब दिया।
" और इतना इन्तजार करने की भाई जरूरत नहीं है बस एक राउंड बचा है, हर साल हम लोग जीतते हैं इस साल भी जीतेंगे, बस यहीं इसी मैदान में मैं मारूंगी तोहार गाँड़ आपन मुट्ठी से,... चुप्पे से लीलवा क गोड़ छू के हार मान ला नयकी भौजी की बहिनिया, ... नहीं तो लाल मिर्चई कूट के हाथ में लगाय के मारूंगी,... जेतना परपराये उतना मजाआये , ये कबड्डी याद रही "
पायल ने अभी हमारी ओर की रमजानिया को आउट किया था इसलिए वो ज्यादा ही जोश में थी.
दोनों साथ साथ गानेलगीं
मैं तो छुटकी बहिनिया हूँ चुम्मा चिपक के देती हूँ अरे टांग उठा के देती हूँ
अब एक बार फिर बाहर ननदों की भीड़ का जोश लौट रहा था वो साथ साथ गा रहीं,...
अरे मैं तो छुटकी बहिनिया हूँ , बुर फैला के देती हूँ.,...
एक से के गाने लहक लहक के छुटकी का नाम ले ले के,...
लीलवा कुछ ज्यादा ही अंदर घुस गयी थी बस छुटकी ने बिजली की तेजी से उसका टखना पकड़ने की कोशिश की, पर एक बार ये दांव नीता पर आजमा चुकी थी और लीलवा उछल के बच गयी लेकिन एक ओर से चमेलिया और दूसरी ओर से गुलबिया पहले से तैयार थीं दोनों ने सीधे जांघ दोनों पैरों की पकड़ी और पीछे से चननिया ने आकर बॉडी से ब्लाक किया।
छुटकी ने दुबारा, और इस बार चुकने का सवाल नहीं था उसका ऐंकल होल्ड जबरदस्त होता था , ... और तीन तीन लोग वो भहरा के गिरी।
मैं और मिसराइन भौजी लाइन के पास जहाँ कम्मो और पायल उस पार खड़ी थी ठीक उन के सामने अगर कहीं लीलवा छुड़ा के आये पर,... चार चार एक पर बस दो मिनट में न सिर्फ इसे छाप लिया था बल्कि कपडे भी फटने शुरू हो गए थे।
भौजाइयों का हल्ला अब आसमान छू रहा था , कुछ भी नहीं सुनाई पड़ रहा था।
चननिया ने कस के दोनों हाथ पकड़ रखे थे,... लीला छुड़ा नहीं पा रही बस जल बिन मछली की तरह तड़फड़ा रही थी,
चमेलिया और गुलबिया दोनों मिल के उसका कुरता उतार नहीं फाड़ रही थीं, छुटकी ने अभी तक अपना ऐंकल होल्ड नहीं छोड़ा था. मैं भी पास में खड़ी उसे चिढ़ा रही थी, चमेलिया, गुलबिया साथ हों तो, ...
मिनट भर के अंदर, कुर्ता ननद रानी का चार हिस्सों में और मैंने उसे भाभियो की भीड़ की ओर उछाल दिया,... और अब बगल में बैठी ननदों की टोली को देख देख भाभियाँ चिल्लाने लगी,...
"बस थोड़ी देर तुम सब का भी ऐसे ही फटेगा कपड़ा भी कपडे के अंदर वाला भी,... "
मेरी सगी ननद कौन चुप रहने वाली थी उन की आवाज तुरंत गूंजी,...
" अरे भौजाई कुल हर बार हारती हैं , यह बार भी हारेंगी, अभी नैना गीता कम्मो बची है सब अकेले काफी हैं। तोहार महतारी भेजे हैं चुदवाने तो चुदवाओ खुसी, ... रोज हमरे भैया पेलते हैं आज हम सब पेलेंगी और हचक के पेलेंगी, अभी भी नयकी को बोलो हार मान ले, आपन मंझलकि बहिनिया, महतारी और जितनी चचेरी ममेरी मौसेरी हो बुलाय तो बस,... मुट्ठी में थूक लगाय के गाँड़ मारेंगे वरना सूखे सूखे,... "
और साथ में बाकी ननदों को भी उन्होंने ललकारा, ननदो में भी जोश एक बार फिर भर गया और मुझे और छुटकी को एक से एक गारी,....
लेकिन मिश्राइन भाभी थीं न हमारे साथ, उन्होंने इशारे से चमेलिया गुलबिया की जोड़ी को आगे बढ़ने से रोक दिया और छुटकी को इशारा किया,
आगे का काम तेरे हवाले, तेरी भी तो ननद लगेगी।
छुटकी मिश्राइन भाभी को देख के मुस्करायी,...
जैसे कोई शेरनी अपनी शाविका को शिकार करना सिखाती है उसी तरह मिश्राइन भौजी छुटकी को ननदों का शिकार करना सिखा रही थीं,...
छुटकी ने पल भर में लीलवा की शलवार का नाड़ा खींच के निकाल लिया, मुट्ठी में लपेटा और भौजाइयों की ओर,... एक हमारी पड़ोसन ने लपक लिया और लहरा के ननदों को दिखा के बोलने लगी,
" अभी तुम सब की भी शलवार, चड्ढी इसी तरह खुलेगी और इसी से हाथ बांधा जाएगा "
छुटकी के हाथों की फुर्ती से बिजली मात खा रही थी, जब तक लीलवा पैर से पैर फंसा के शलवार उतरने से रुके, सररर छुटकी ने दोनों हाथों से खींच के मिश्राइन भाभी को जीत की ट्राफी की तरह से उछाल दिया,... लेकिन मैं समझ रही थी लीलवा इत्ते दिन से मैच खेल रही वो क्या करेगी, वो अपनी दोनों टांगों को फंसा के पलटी मारने की कोशिश करेगी, जिससे छुटकी उसकी बुर को हाथ न लगा सके,...
बस मैं लीला ननद की दोनों टांगों के अपनी टाँगे फैला के बैठ गयी और मेरा एक हाथ लीला की एक जांघ के दबोचे और दूसरी पर चमेलिया पूरी ताकत से, गुलबिया ने अपने दोनों हाथों से लीला के जबरदस्त जोबन को दबौच कर उसे जमीन से चिपका रखा था, अब लाख उछले लीला रानी बिना लीले बच नहीं पाएंगी,...
बाहर से भौजाइयां नारा लगा रही थीं,
अरे लीला, कुछ आज लीला, कुछ काल्ह लीला, लीला लीला,....