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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Wah bhouji part har me bhi muje to kahi jeet najar aati he. Bas ek hi niche dab jae. Dar bethega tabhi kuchh hoga. Khel me bahot maza aa raha he. Joban matlab ki kache tikoro ki bhidat. Khel erotic bhi bahot he. Amezig.दूबे भाभी की रगड़ाई
उन्होंने खुद दूबे भाभी को भेज दिया, वो हमारी टीम की सीनीयर मेंबर में से , मिश्राइन भाभी के आस पास की ही उमर में ३५-३६, थोड़ी स्थूल लेकिन ताकत में और रगड़ाई करने में किसी से कम नहीं थीं, लेकिन वो पकड़ी गयीं और अब ननदों की टीम एक प्वाइंट से आगे हो गयी. हमारी टीम की तीन खिलाड़ी खेल से बाहर हो गयी थी,
रज्जो, मंजू भाभी और दूबे भाभी, और उनकी दो खिलाड़ी।
लेकिन हारने के पहले भी दूबे भाभी ने जो जलवा दिखाया उससे पीछे रह के भी हमारी टीम की हिम्मत कम नहीं पड़ी।
दूबे भाभी की रगड़ाई भी ननदों ने बहुत की, कजरी की जो हमने हालत की थी उसका सूद सहित बदला ले लिया ,
उनको तंग करने का काम छुटकियों ( जिनके कच्चे टिकोरे बस अभी आ ही रहे थे छुटकी की समौरिया या उससे भी कच्ची), वो पास आ के उन्हें ललचाती थीं, अरे भौजी छू लो न , भौजी पकड़ लो न ,... और कभी दाएं भागें कभी बाएं।
मैं उन सबकी स्ट्रेटजी समझ भी रही थी की वो बस थकाना चाहती थीं उन्हें, हम लोग इधर से उन्हें वार्न भी कर रहे थे पर वो भी जीतने की लालच में, और एक छुटकी को उन्होंने छू भी दिया और पलट के लाइन के लिए मुड़ी,
हम लोगो ने भी हल्ला किया हमें लगा अब हम फिर आगे हो गए
लेकिन गितवा एकदम नैना की जोड़ीदार, जैसे ही वो मुड़ी बस आलमोस्ट जमीन पे लेटते हुए गितवा ने अपनी टांग फंसा दी , और लौटने की जल्दी में वो देख नहीं पायीं,... बस भहरा के गिरीं पर तुरंत उठ के लाइन की ओर बढ़ीं,
हम लोग खूब जोर से चिल्ला रहे थे उनकी हिम्मत बढ़ा रहे थे,
लेकिन तीन तिकड़ी, लीला, नीलू और चंदा ने आपस में एक दूसरे का हाथ पकडे दीवाल की तरह खड़ी और सीधे उन्हें छाप लिया।
ये तीन नैना से भी दो तीन साल बड़ी थीं,... दो की शादी हो गयी थी, लीला और नीलू की इसी जेठ में गौना भी तय हो गया था इसलिए बड़ी छुछियाई रहती थीं और तीसरी तो सदाव्रत खोल के बैठी थी,... लेकिन इन तीनों में ताकत भी बड़ी थी और खूब खेली खायी, ... बस दूबे भाभी पकड़ी गयीं,...
उधर से नैना चिल्लाई
गिरा दे भौजी को , साड़ी फाड़,...
और तीनों ने धक्का दे के लाइन से दूर, की कहीं गिरने के बाद लाइन के पास न पहुँच जाएँ,...
दूबे भाभी भी मान गयी थीं अब वो बच नहीं सकती लेकिन उन्होंने जो किया मैं और मिश्राइन भाभी एकदम ख़ुश
दूबे भाभी गिरते हुए भी, बताया तो था की थोड़ी स्थूल हैं लेकिन हैं ताकत वाली, तो जानबूझ के ऐसे गिरी की वो तिकड़ी में जो सबको बांटती थी, रोज दिन रत लंगर चलाती थीं, चंदा,... उसके ऊपर, और वो भी सारा वजन उनका उसके दाएं घुटने पे ज्यादा चोट तो नहीं लगी उसे पर एड़ी घूम गयी और मोच आ गयी , बस कब कबड्डी में सबको पकड़ना तो दूर खेल ले वो भी बड़ी बात,...
और कबड्डी में कोई रिटायर्ड हर्ट तो होता नहीं
और अब सब लड़कियां टूट पड़ीं, नैना और गीता खाली उकसा रही थीं , देखते देखते साड़ी उतर के दस हिस्सों में फट के बंट गयी फिर ब्लाउज और पेटीकोट, गाँव में कोई ब्रा तो पहनती नहीं थीं।
क्या जबरदस्त चूँचियाँ थीं दूबे भाभी की ३८ से ज्यादा ही,
लेकिन बड़ी भी कड़ी भी। एकदम तनी और दो छुटकियाँ उसके पीछे ही पड़ गयीं, सब ननदों को दिखा दिखा के दबातीं रगड़तीं निपल खींचती, उनके ऊपर चढ़ी
लेकिन तब तक नैना ने लीलवा को इशारा किया,
लीलवा वही तीन तिकड़ी वाली देह में सबसे तगड़ी उमर में भी नैना से तीन साल बड़ी, शादी हो गयी थी, जेठ में गौना था दो महीने बाद।
छुटकियों में कम्मो तीखी मिर्च थी, उसके कच्चे टिकोरे गाँव के लौंडो की जान मारते थे अभी तक चुदी नहीं थी,... जबान भी जोबन की तरह तेज वो बोली
“लीलवा अरे तानी नीचे क हाल चाल ले , और ऊँगली नहीं पूरी मुट्ठी:"
“अरे कोहनी तक पेलुँगी भौजी के गदहा घोडा क लंड घोंटने वाली है हमार भौजाई लोग “
लीलवा हंस के बोली,
और जोड़ा भौजी कुल चुदवाने ही तो आती हैं हमरे गाँव में और आज भौजी खुदे ननदन के पास आयी हैं तो हम लोग भी
तब तक उस तिकड़ी की दूसरी नीलू बोली, एकदम और हम लोगो की ओर कोहनी तक हाथ दिखा के बोली
" घबड़ाइये मत बस आधा घंटा और, हारना तो है ही भौजाइयों को हर साल की तरह सबके अगवाड़े पिछवाड़े कोहनी तक जाएगा कोई भेदभाव नहीं। हमारे भैया से चुदवाने आप लोगों की महतारी ने भेजा है न , तो रोज तो भैया लोगों का घोंटती है तो आज ननद का भी घोंट के देखिये मायके के भाइयों को भूल जाइयेगा।"
और मुट्ठी तो लीलवा नहीं डाल पायी पर तीन उँगलियाँ तो उसने दूबे भाभी की चौड़ी चाकर बुर में पेल ही दी और जोर से गोल गोल घुमाने लगी
और वहीँ से छुटकी को दिखाते बोली , "
" अरे नयकी भौजी क छुटकी बहिनिया देख लो अच्छी तरह से,... ये तो ट्रेलर है असली तो रगड़ाई तुम्हारी होगी सबसे पहले मैं मारूंगी आज तेरी गाँड़, मायके में अपने भाइयों से खूब गाँड़ मरवाई होगी और आके यहाँ हमारे भाइयों से मरवा रही होगी लेकिन लीलवा का लील के सब का भूल जाओगी जानी, तोहरी महतारी के भोंसड़ा से चौड़ा तोहार गाँड़ हो जायेगी,... "
लेकिन नीलू ने एक संसोधन जारी किया
" अरे इसके मायके वाले क्या गाँड़ मारे होंगे,... वो स्साले सब गांडू है उन सबकी गाँड़ तो हमारे भाई लोग मारते हैं उनकी भी उनकी बहिनों की भी
और मेरी आँख के सामने चुन्नू और उनका सीन घूम गया, तीन चार दिन पहले की बात तो हैं पहले यहीं घर पर ही , फिर ट्रेन में तो मेरे सामने,...
दूबे भाभी की बड़ी रगड़ाई हुयी लेकिन ननदें उन को झाड़ नहीं पायीं यहाँ तक की नैना ने चूसा भी पर गेम से तो वो बाहर हो ही गयीं.
Ab koi baji pakad me aate dikh rahi he. Bas ek bar koi kachi Amiya vali bhoujiya ke jobano me dab ke ulaz jae. Maza aa jaega.प्वाइंट बराबर
रमजनिया की तिकड़म
दूबे भाभी की बड़ी रगड़ाई हुयी लेकिन ननदें उन को झाड़ नहीं पायीं यहाँ तक की नैना ने चूसा भी पर गेम से तो वो बाहर हो ही गयीं
कुछ देर तक कब्बडी बस ऐसे ही चली,... दो बार न इधर न उधर कोई आउट हुआ. दूबे भाभी की हालत देख कर हमारी ओर से कोई हिम्मत नहीं कर रहा था की वहां घुस के मार के आये तो बस ऐसे ही लाइन के आस पास चक्कर काट के , और उधर से अब नैना ने दोनों बार छुटकियों को भेजा और वो फिरकी की तरह इतनी तेज थी की उन्हें पकड़ना मुश्किल था और दूसरे हम लोगों ने तय कर लिया था की अब हम कोई नुक्सान नहीं उठा सकते, इसलिए स्टेलमेट की हालत थी।
लेकिन डेडलॉक तोडा रमजनिया ने, असल में हम लोगो ने उनकी ताकत और अपनी कमजोरी समझ ली थी,
वो चार की चौकड़ी जो उमर में नैना से थोड़ी बड़ी, देह में तगड़ी और उनकी पकड़ जबरदस्त थी, हाँ भागने में दौड़ने में वो कमजोर थीं , उसमे से एक रेनू को तो छुटकी ने गेम से बाहर कर दिया था और एक चंदा को दूबे भाभी ने हारते हुए गिरते हुए भी उसके ऊपर भहराकर,... उसके पैरों में जो मोच आगयी थी तो उसकी ताकत आधी हो गयी थी।
यही तिकड़ी हमारी ओर की जो खिलाड़ी जाती थी उसे अंदर तो जाने देती थीं पर लौटते हुए दबोच लेती थीं। अब नीलू और लीला दोनों और गीता भी उनके साथ आ जाती थी और जिसके पैर में मोच थी वो भी थोड़ा बहुत, तो दाएं बाएं दोनों ओरसे जो हमला होता था उससे बचना मुश्किल था तो अब नीलू और लीला में से किसी एक को पछाड़ना जरूरी था और वो दोनों हम लोगो की ओर आ नहीं रही थीं,
रमजानिया बोली की वो इन दोनों में एक को मार के ही आएगी पकड़ने का काम लीला करती थी लेकिन दबा के रखने का काम नीलू ही करती थी
लेकिन रमजानिया पकड़ी गयी।
उसने सांस बचा रखी थी और ज्यादा अंदर नहीं घुसी थी नीलू ने उसे छुआ, असल में वो ध्यान बंटाने की ट्रिक थी और जब तक वो समझे सम्हलें लीला ने टांग फंसा के उसे गिरा लिया था और नीलू ने उसे दबोच रखा था और बस पल भर में
छुटकियो का झुण्ड भेड़ियों की तरह चारो ओर उसके दम टूटने का इन्तजार कर रहा था
बस मुश्किल से दो बित्ते की दूरी थी लाइन लेकिन नीलू ने जिस तरह दबोच रखा था हम लोगों की सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे। अगर ये गयी तो हम दो प्वाइंट से डाउन हो जाते और हमारी टीम का मारल डाउन हो जाता,
लेकिन रमजनिया ने नीलू से कुछ बोला और उस की पकड़ पल भर के लिए ढीली हुयी तो बस दोनों टांगों से उसने जोर का धक्का मारा और लाइन की ओर डाइव कर के , छुटकियो ने टांग पकड़ी लेकिन तबतक उसका एक हाथ बित्ते भर लाइन पार कर रहा था
और नीलू गेम से बाहर हो गयी , और रमजनिया ने बाद में मुझसे राज़ खोला,
वो गाँव की हर लड़की का राज जानती थी और नीलू का दो महीने बाद ही गौना होने वाला था लेकिन उसके यारों की कोई गिनती नहीं थीं। रामजनिया बोली
" निलुआ, तोर सास परसों मिली थीं पूछ रही ही हाल चाल मुझे तो मन हुआ की जो भरौटी के दो लौंडों के साथ बगिया में, और पठान टोला के. अरे हम देखो तो थे तुम भी हमको देखी थी। अभी तो हम तोप ढांक दिए लेकिन बिफय के बाजार में फिर मिलेंगी तो सोच रही हूँ की तोहार किस्सा पूरा बता दूँ "
बस इतना कहना था की नीलू की पकड़ पल भर के लिए ढीली पड़ी और उतना टाइम रमजनिया के लिए काफी था।
हमारी हिम्मत दूनी हो गयी, खूब हल्ला हुआ, रमजनिया को सबने गले से लगा लिया ,
अब प्वाइंट बराबर थे , और सबसे बड़ी बात हमारी टीम वालों को पकडे जाने का डर कम हो गया था और वो अंदर तक घुस के हमला कर रही थीं।
अगली सफलता हमें एक छुटकी को मार के मिली और वो गुलबिया कजरी की भौजी ने,
Khel me ab maza aa raha he. Dekha chhinalo. Ab bolo. Sab ke samne har chhinariya ko hamare Dewar matlab apne bhaiyao ke khete par bethna pakka samzo. Khel jaldi khatam na ho. Bahot maza aa raha he.भौजाइयां आगे
गुलबिया
हमारी हिम्मत दूनी हो गयी, खूब हल्ला हुआ, रमजनिया को सबने गले से लगा लिया ,
अब प्वाइंट बराबर थे , और सबसे बड़ी बात हमारी टीम वालों को पकडे जाने का डर कम हो गया था और वो अंदर तक घुस के हमला कर रही थीं। रेनू को छुटकी ने मार दिया था और रमजनिया के चक्कर में नीलू आउट हो गयी थी, चंदा पर दूबे भाभी भहरा गयीं थी तो वो आउट तो नहीं हुयी पर उसके पैर में कस के मोच लगी थी।
अगली सफलता हमें एक छुटकी को मार के मिली और वो गुलबिया कजरी की भौजी ने, करेर तो थी ही वो और एक छुटकी को मार के वापस नीता को,.. कजरी की समौरिया थी उसकी सहेली भी,
नीलू और रेनू पहले ही गेम से बाहर हो गयी थीं। चंदा के पैर में जबरदस्त मोच थी,... तो बस अब एक और से लीला और दूसरी ओर से घायल चंदा जिसे हम सब लंगड़ी घोड़ी कह के चिढ़ा रहे थे, उसके साथ नीता को कर दिया था। कम्मो बेला और पायल आगे से लुहाते हुए भौजाइयों को अपनी ओर, नीता साईड में,...
गुलबिया ने तय कर लिया था पहले ही नीता की मारने की,... वो तीर की तरह घुसी लेकिन पीछे मुड़ के लीला की ओर,..बायीं ओर . सब समझ रही थी की अगर लीला गयी तो बड़ी मुश्किल होगी, तो कम्मो और गीता के साथ बेला भी उधर लीला की ओर गुलबिया को फंसाने दबोचने,... चारों ओर से घेरने की तैयारी में
लेकिन गुलबिया कनखियों से नीता को देख रही थी वो चंदा के साथ,...
बस तेजी से उसने कन्नी काटी और नीता को छुआ नहीं बल्कि हलके से धक्का दिया,
वो चंदा के ऊपर,... और उसके पैर में मोच थी तो सम्हलने के लिए उसने नीता को पकड़ा, ... वो साइड खाली हुयी और गुलबिया वापस,...
सिर्फ हम लोगों ने ही नहीं बाहर बैठी भौजाइयां भी अब हल्ला करने लगी, ननदों को जोर जोर से गरियाने लगीं।
सेकेंड राउंड ख़तम होने के पहले हमने एक प्वाइंट और
Muje pura bharosa tha. Is game ki hero chhutkiya hi hogi. Par koi to komaliya ka kuchh jabardast palat var ki bhi umid thi. Dill jit liya aapne. Maza aa gaya.सेकेंड राउंड ख़तम, (सेकेंड राउंड स्कोर - भौजाई ५ , ननद ३ )
छुटकी का ऐंकल होल्ड
लेकिन गुलबिया कनखियों से नीता को देख रही थी वो चंदा के साथ,... बस तेजी से उसने कन्नी काटी और नीता को छुआ नहीं बल्कि हलके से धक्का दिया, वो चंदा के ऊपर,... और उसके पैर में मोच थी तो सम्हलने के लिए उसने नीता को पकड़ा, ... वो साइड खाली हुयी और गुलबिया वापस,...
सिर्फ हम लोगों ने ही नहीं बाहर बैठी भौजाइयां भी अब हल्ला करने लगी, ननदों को जोर जोर से गरियाने लगीं।
सेकेंड राउंड ख़तम होने के पहले हमने एक प्वाइंट और
बेला को छुटकी ने पटखनी दी।
छुटकी की ख़ास बात यही थी की रेडर यानी हमला करने में जितनी अच्छी थी उतनी ही डिफेंड करने में और ये छुटकियाँ, बेला, कम्मो, पायल, ये सब तो उस की उमर की ही थीं,... राउंड ख़तम होनेवाला था, इसलिए नैना ने बेला को सिखा पढ़ा के भेजा था की गुलबीया और चमेलिया उसे पीछे से दबोचेंगी तो उन दोनों से बची रहे,... और ज्यादा अंदर ना जाए, प्वाइंट स्कोर करने के चक्कर में न पड़े,...
मैं चाहती थी ये राउंड ख़तम होने के पहले हम लोग कम से कम एक प्वाइंट और पा ले,... दो राउंड ख़तम होने के बाद का इंटरवल थोड़ा बड़ा था मेरी बड़ी उमर की जेठानिया थोड़ी सांस ले लें, और ये हाफ टाइम भी होता तो इस समय तक हम आगे बढे होते तो मोटिवेशन भी हमारी टीम का बढ़ा रहता।
बेला तेजी से अंदर आई पर वो गुलबिया, चमेलिया, चननिया और रमजानिया पर निगाह रखे थी की वापसी के समय वो सब हाथ बांध के चेन की तरह खड़ी हो जाएंगे, ... इसलिए वो फिरकी की तरह कभी दाएं कभी बाएं और लाइन से बहुत अंदर नहीं जा रही थी. पर पल भर के लिए उसकी निगाह छुटकी पर से हटी , वह मेरे और मिश्राइन भाभी के पीछे कार्नर की ओर खड़ी थी बायीं ओर, ...
मोहिनी भाभी ने दायीं ओर से बेला को गरियाया,
" अरे आ गयी चुदवाने ननद रानी, घबड़ा मत आराम आराम से पेलेंगे,... "
बाहर से सब भौजाइयों ने भी नारा लगाना शुरू किया
बेला को पेला, सटासट सटासट, ... पूरा डंडा ढकेला फटाफट, फटाफट,...
और गुलबिया भी मोहिनी भाभी के साथ दायीं ओर से बढ़ी,... बस वो बायीं ओर से मुड़ी और जैसे स्लिप का फील्डर एकदम पहले से अंदाज लगा के डाइव मार के कैच करता है,
छुटकी ने भी उसी तरह,
छुटकी का 'ऐंकल होल्ड ' ने ही उसे रीजनल रैली में बेस्ट डिफेंडर का वार्ड दिलाया था अंडर १५ में,...
और डाइव मार के उसने बेला का टखना पकड़ लिया, बेला ने पूरी ताकत लगाई छुड़ाने की , और ये समझ के की छुड़ा नहीं पाती हूँ तो लाइन पार कर जाऊं, लाइन की ओर झपट्टा मारा,... पर छुटकी की बड़ी बहन मैं थीं न. उसके ठीक सामने मैं आगयी और अपनी बॉडी से उसे ब्लाक कर दिया, दोनों बहनों का जोर, .... अब वो समझ गयी थी की उसका लाइन पार करना असंभव है,... तबतक मोहिनी भाभी जिन्होंने गुलबिया के साथ हांका कर के उसे हम लोगों की ओर धकेला था, बस पीछे से कस के अपने दोनों हाथों बेला के जोबन पकड़ लिए और गाल पे चूमते बोलीं,
"काहो बेला रानी अपने किस किस भइया से दबवायी हो जोबन तो जबरदस्त है,... "
मोहिनी भाभी से एक बात मैंने होली में सीखी थी,...
ननदों के कपडे उतारते नहीं है, बस फाड़ देते हैं,... और मोहिनी भाभी ने जबतक बेला सम्हले टॉप के चीथड़े चीथड़े कर के नंदों की ओर चैलेन्ज देती बोलीं
" अगली बार जिसको फड़वाना हो आ जाये,... "
बाहर बैठी मेरी एक जेठानी ने कच्ची कलियों से कहा अरे तुम लोग भी जिसको जिसको फड़वाना हो अपना नाम लिखवाओ, अबकी हर साल की तरह नहीं होगा, ... सब नंदों की फटेगी आज,...
तबतक गुलबिया, चमेलिया और चननिया ने पकड़ के बेलवा को लिटा दिया था, चननिया उसके मुंह पे चढ़ के चूत अपनी चटा रही थी,
मोहिनी भाभी बेला के दोनों जोबन का रस ले रही थी एक हाथ से दायीं चूँची मसल रही थी, दूसरी को मुंह में ले चूस रही थीं
और हथेली से चूत पे रगड़ रही थीं,...
बेला जमीन पर हाथ पटक कर अपनी हार मान गयी पर कच्ची ननद पा के कौन भौजाई छोड़ती हाँ उसी समय ब्रेक की सीटी बच गयी तो बेला बाहर, हाँ कपडा एक सूत नहीं बचा था।
और एक बात और सब नंदों में सबसे कच्ची उमर की बेला ही थी,
छुटकी से भी छोटी कम से पांच छह महीना बल्कि ज्यादा, और जब उसका टॉप फटा तो उसके बस उभरते हए उभार देख के हम सब भौजाइयों की गीली हो गयी, अरे कच्ची अमिया के लिए जैसे मर्द बौराते हैं उससे काम खराब हालत हम औरतों की नहीं होती खास तौर से बढ़ती उमर की, मोहिनी भाभी ने पहले ही आंक लिया था और इशारे में मुझे बता दिया था, चड्ढी भी उन्होंने ही फाड़ी , खूब गोरी चिकनी, और मुश्किल से बस झांटे आनी शुरू हुयी थीं, कच्चे उभार चिकनी चूत,... यहाँ तक की मिश्राइन भाभी भी,
लेकिन बेला दो चक्कर में बच गयी, एक तो हम लोगों ने तय कर लिया था की कच्ची कलियों की ऊँगली नहीं करेंगे ( अगले दिन उन्हें उसके सगे, और सगे न हुए तो चचेरे भाइयों से जिसको भी वो राखी बांधती होंगी,... उन्ही से फड़वाएंगे।
दूसरे, उस की रगड़ाई ढंग से हो पाती उसके पहले राउंड ख़तम होने की सीटी बज गयी पर आउट तो वो ही गयी थी, उनकी ओर से पांच
रेनू, कजरी, नीलू, नीता और बेला
और हमारी ओर से तीन , रज्जो भाभी, मंजू भाभी और दूबे भाभी।
और सबसे बड़ी बात वो चौकड़ी टूट गयी थी। अब सिर्फ लीला अकेले थी गीता कभी आगे बढ़ के तो कभी उसके साथ और उसकी एक सहेली थी तो लेकिन आधी ताकत से खेल रही थी। और हमारी टीम में ८ लेकिन अब हमारी टीम में लोग थक रहे थे सिवाय छुटकी मेरे और गुलबिया चमेलिया के।
हम लोग अभी दो प्वाइंट से आगे थे लेकिन प्रैक्टिकली ३ प्वाइंट से ,
ननदों की टीम में ११ में से ५ खिलाड़ी अब गेम से बाहर थे,... फर्स्ट राउंड में ही छुटकी ने रेनू को बैक किक या म्यूल किक से उन्ही के पाल्हे में मारा था। उसके और बाद कजरी जब हमारी ओर आयी तो उसकी भौजी गुलबिया ने ही। रमजनिया ने नीलू को और गुलबिया ने नीता को उन्ही के इलाके में जाके मारा था और अभी छुटकी ने ऐंकल टैकल कर के बेला को,...
पर हमारे भी ३ खिलाड़ी बाहर हो गए थे,... रज्जो और दूबे भाभी ननदों के इलाके में जाके पकड़ी गयी थीं और मुझे नैना से बचाने के चक्कर में मंजू भाभी गेम से बाहर हो गयी थी.
पर उनकी टैकल करने वाली एक खिलाड़ी चंदा अब मोच से घायल थी और आधी से भी कम ताकत से खेल रही थी। इसलिए हम लोगों को क्लियर अडवांटेज था।
Bahot bahot badhai. But ye anokhi kahaniyo ke lie 10 lakh aam bat he. Ye dugne honge. Isme koi shak nahi.बहुत बहुत धन्यवाद , आभार, नमन
यह कहानी १० लाख व्यूज के पार पहुँच गयी. आप सब के सहयोग और समर्थन के लिए बार बार थैंक्स।
Aap to amezing he hi komalji. Aap ka to jawab nahi. Maza aa gaya.फिर कोई आया दिल-ए-ज़ार नहीं कोई नहीं
राह-रौ होगा कहीं और चला जाएगा
ढल चुकी रात बिखरने लगा तारों का ग़ुबार
लड़खड़ाने लगे ऐवानों में ख़्वाबीदा चराग़
सो गई रास्ता तक तक के हर इक राहगुज़ार
अजनबी ख़ाक ने धुँदला दिए क़दमों के सुराग़
गुल करो शमएँ बढ़ा दो मय ओ मीना ओ अयाग़
अपने बे-ख़्वाब किवाड़ों को मुक़फ़्फ़ल कर लो
अब यहाँ कोई नहीं कोई नहीं आएगा
कई बार मुझे इन थ्रेडस पर ऐसा ही लगता है, पर क्या करें गर इंतज़ार न करें।
Very erotic super duper gazab kabbadi game between bhabies & nanads.
Soooo romantic, unforseen erotica,
Very kamuk writing by Komal the gr8est.
क्या बात कही आपने बहन ने एक बार राखी की सौगंध दे दी तो भाई कैसे मना कर सकता है
भाई भी जानता है इस ना में हाँ है और भैया की तारीफ़ भी,
bahoot sundar ab jald hi ye pics meri kahaniyon men najar aayengi, aapke bina meri khaniyan poori nahi hotin, aapke comment, aapki pcis, apka pyar aur aapka saath roj aapko 4 G mile