अब तो आपाधापी में सबकुछ कहीं खो सा गया है...बहुत सुंदर वर्णन किया है। गुड़िया (नागपंचमी) आने वाली है । गुड़िया त्योहार पर कुछ साल पहले तक इस तरह की कबड्डी देखने को मिल जाती थी। हालांकि उसमे प्रौढ़ महिलाएं नही होती थीं सब युवा ही होती थीं। अगर कोई लड़की किसी महिला को मना के शामिल कर लेती थी तो बात ही और होती थी। प्रौढ़ महिलाएं कोई गेम खेलती हैं तो मजा आ जाता है जीत के भी खुस होती हैं और हार के भी।