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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
Page 1005,
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Aap haath na jodiye mujhse badi hai aap 2 saal
Just thanking youAap haath na jodiye mujhse badi hai aap 2 saal
Just joking komal bhabhi jiJust thanking you
Sirf pasand hi nahi aai. Pagal kar diya. Aap soch nahi sakte. Sirf ye kissa aage padhne ke lie me bazar akar bus stand par beth ke updates padh rahi hu. Baki sirf 1 week ki bat he. Me janti hu is ke alava baki sari stories me pichhe hu. Par jaldi cover ho jaega.बहुत लोगों का इन्सेस्ट के लिए मनुहार था,... मैंने एक दो बार वादा भी किया था इसलिए अरविन्द -गीता का प्रसंग
और एक बार कहानी मुड़ जाती है तो फिर वापस बिना उस बात को कहे,... और आप ने कहा भी था कबड्ड़ी के इस प्रसंग के लिए,
लेकिन मुझे विश्वास है ननद भौजाइयों की यह बराबर की टक्कर आपको पसंद आ रही होगी , बस एक राउंड और फिर जीत का जश्न
अब ये जश्न ननदें मनायनेगीं या भाभियाँ एक दो पोस्ट के बाद पता चलेगा क्योंकि जिंदगी और कहानी में कुछ भी हो सकता है।
Arushi ji is back. Thia forum was missing you
Kabaddi ka akhiri part ab hafte ke baad hi bas aap aa jaaiyeSirf pasand hi nahi aai. Pagal kar diya. Aap soch nahi sakte. Sirf ye kissa aage padhne ke lie me bazar akar bus stand par beth ke updates padh rahi hu. Baki sirf 1 week ki bat he. Me janti hu is ke alava baki sari stories me pichhe hu. Par jaldi cover ho jaega.
who is the writer of the poem invictus
क्या बात कही आपने इस थ्रेड की अरविन्द गीता की पूरी इन्सेस्ट गाथा का जो भाग २८ ( पृष्ठ १३६ ) से भाग ५४ ( पृष्ठ ५०६ ) तक चली उस का निचोड़ कुछ लाइनों में हीघर में छोटी बहन जब जवान हो गई
भाई की नियत उस पे बेईमान हो गई
घूर घूर देखता था उसकी चुचिया
जानते हुए बहन भी नादान हो गई
अपने अंगवस्त्रो पे देख सफेद सुखे दाग
भोली सी बहन सुबह परेशान हो गई
चुपके से देखा फिर भाई को हिलाते हुए
साइज उसका देख के हेरान हो गई
बदल गया फिर बहन और भाई का रिश्ता
बिस्तर में जब बहन भाई पे मेहरबान हो गई
क्या बात हैजब से भाई और बहन की यारी हो गई
जिस्म की भूख रिश्तों पर भारी हो गई