कम्मो ऐसी कमसिन की तो सबके सामने फाड़ी जानी चाहिए...
साली बहुत उछल कूद मचा रही है....
और उनके खास पार्ट को पार्ट करकेछुटकी ऐसी रीजनल खिलाड़ी और गीता का वचन.. गीता की कसम...
अब तो ननद पार्टी ... का पार्ट पार्ट होगा.
जीत का असली सेहरा तो मिश्राइन भौजी के ही सर था, हर कदम पे उन्होंने साथ दिया, टीम में चमेलिया गुलबिया को लाने से लेकर कम्मो को फंसाने तक में, और वो जानती थीं की छुटकी ने अपना काम कर दिया है बस थोड़ी देर का खेल बचा है,.. और हम लोग अगर कम्मो का पत्ता साफ़ कर देंगे तो जीत हमारी।अभी चलना नहीं शुरू की थी लेकिन लौंडे कई थे जो उसके ऊपर लाइन मार रहे थे,...
एक बार जब चलना शुरू करेगी तो सबको पीछे छोड़ देगी....
चमेलिया और गुलबिया ने जबरदस्त ट्रिक अपना कर कम्मो को लपेट लिया...
मिश्राइन भौजी घाट-घाट का पानी पिए हुई हैं...
कौन सा पैंतरा किस पे काम करेगा...
इतने दिनों में सब जान चुकी हैं....
अरे जीतने का फायदा क्या होता इत्ते साल बाद अगर कुतरने के लिए ननदों की कच्ची अमिया नहीं मिलतीं आज उनकी निगाह और पकड़ से कोई बच नहीं सकता था।मिश्राइन भौजी की आँखें बहुत तेज है...
खेल पर भी ध्यान और खेल के बाहर ननदियों पर विशेष ध्यान...
जो भागने का मन बना चुकी हैं....
उनको घेरने का प्लान....
सच में नैना ननद के साथ मेरी सहेली भी है,... मस्ती में नंबर वन और दोस्ती में भी।जीत तो मिलनी हीं थी....
खेल के मैदान में प्रतिद्वंद्वी लेकिन मैदान के बाहर नैना जैसी दोस्त...
विरले होगी...
और अंत भला तो भला ...
हाँ आपके आउट होने पर उन्हें कुछ consolation प्राप्त....
वो मौका आपने नहीं दिया....
थोड़ी अनकही बातें थोड़ी टाइप की गलतीअरे काहें चुपाय गयी, मुंहवा में कोई घोटाय दिया का,... जैसे तोहरी बहिनी को हां रहा है न बस थोड़ी देर और
ये ग्रीन हाईलाइटेड जो है ... वहाँ कुछ छूट रहा है या फिर मैं कोई अर्थ नहीं निकाल पा रहा हूँ....
क्या कहूं...
इससे ज्यादा कि आपने लाइन बाई लाइन सारी फरमाइश पूरी कर दी...
बल्कि उससे भी बढ़कर....
कबड्डी का खेल इतना एरोटिक हो सकता है.. इतना मजेदार हो सकता है...
किसी ने सोचा भी नहीं होगा....
टिप्स...ट्रिक्स... फुर्ती... यहाँ तक की स्लेजिंग भी....
सचमुच एक पूर्ण मैच की शानदार कमेंट्री...
और खेल के बाद खिलाड़ी का गले मिलना....
इतनी गहराई और ऐसा विवरण कहीं अन्यत्र संभव नहीं है....
और किसी अन्य से भी संभव नहीं है....






आप सब लोगों के उत्साह वर्धन और सलाह का नतीजा था, मैंने तो सिर्फ कोशिश की ,... और हर पात्र के लिए एक्शन और खेल के हर पल को कैप्चर करने में पोस्ट्स काफी लम्बी भी हो गयीं , लेकिन मैंने अपने मित्रों की धैर्य की परीक्षा लेते हुए राउंड को ब्रेक नहीं किया और चार राउंड को चार पार्ट्स में ख़त्म कर दिया भले ही पोस्ट्स लम्बी हो गयी हों।खासकर इतने सारे खिलाड़ियों में एक एक का डिस्क्रिप्शन ...
एक पाले से दूसरे पाले में जाना...
सारे दांव पेंच...
सबकी स्ट्रेंथ... वीकनेस...
बहुत कठिन कार्य था...
और बहुत हीं बाखूबी से हरेक उतार चढ़ाव को दर्शाया....
हैट्स ऑफ टू कोमल रानी....
वो भी ऐसी ही जोरदार होगी।लेकिन अभी फाइनल राउंड के बाद की रेसलिंग मस्ती बाकी है...
बाहर भी बारिश और अंदर भी बारिश