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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

Lakshmanain

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अरे समझ गयी कोमल भौजी आप को लम्बे मोटे तगड़े, ... अरे इस गांव में कउनो कमी नहीं लेकिन जो सबसे लम्बा मोटा था उसपे आप ने अपनी परमानेंट मोहर लगा दी,... और दूसरा जो था बेचारा औजार रख कर भी इस्तेमाल नहीं करते थे, चंदू भैया उनको भी आपने रसमलाई का चस्का लगा दिया,... हम लोग तो उम्मीद छोड़ ही बैठे थे, ... लेकिन उनसे १८-१९ भी कम नहीं,... "
Komal ji yahi sab sunane ke liye Kan Taras gaye the aage piche pahle Hero chadhe uske bad koi aur aap jitni kahaniyan likh rahi ho sabhi kahaniyon mein Hero ko aage badhao Ghar billian ek Mari Hero char maarna chahie Hero aake baki sab piche kahani padhne mein interest aur badh jaati hai padhne ka dil karne lagne lagta hai Hero ke bare mein jitna likho sabko utna hi Kam lagne lagta hai kahani bahut badhiya likhati Ho Hero se badhkar koi aur prashansa Hoti hai to darshakon ka Dil tutane lagta hai jitna prayas kar Sako Komal ji na Hero ke bare mein likhane ki prayas kariye aapka बहुत-बहुत dhanyvad Jo do line Hero ke prashansa karne ke liye
 

Lakshmanain

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मिश्राइन भौजी ने अपनी तगड़ी टांगों से बेला को इस तरह फंसा लिया था की वो हिल भी नहीं सकती थी और उनकी मांसल जाँघों की पकड़ किसी सँड़सी की तरह बेला सूत भर भी नहीं सरक सकती थी, और दोनों हाथों से मिश्राइन भौजी ने इस तरह पकड़ रखा था की उस कच्ची कली, ननदिया के होंठ सीधे भौजी की बुर पे,...
Komal ji aapka sajna Mishra ine bhabhi ko per chadhta aur nanad chatati Kitna romanchak seen hota itne bheed mein Hero hona chahie tha is bheed mein dil khush ho jata koi baat buri Lage to Bura mat manana aapka बहुत-बहुत dhanyvad
 

motaalund

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aur aap aise reader bhi milane asaan nahi hote jo in baarikoyon ko sirf samjhe hi nahin balki appreciate bhi karen. ekdam sahi kahaa aapne . so many thanks to you. Lucky to have discerning readers like you.

🙏🙏🙏🙏🙏
सचमुच बाकी कहानियों में तो ऐसा लगता है कि बहन खुद गिरी पड़ रही है..
लेकिन एक हीं कहानी में हर प्रसंग अपनी तरह का अकेला...
ये लेखन की विविधता अन्यत्र देखने को नहीं मिलती...
 

motaalund

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दोनों तरफ के इतने सारे पात्रों को याद रखना और सबके साथ न्याय करना...
दर्शकों के हुडदंग उनकी चुहलबाजी.. दोनों पक्षों का एक दूसरे का हूटिंग करना..
अपने साथियों का मनोबल बढ़ाना...
कबड्डी और रेसलिंग दोनों के व्याख्यानों में आपकी कलम करिश्माई स्तर पर काम कर रही थी...
ऐसा लग रहा था जैसे पुराने समय(जब टीवी नहीं हुआ करता था) में रेडियो पर कमेंट्री में मैदान का नक्सा और साथ में खिलाड़ियों की एक-एक हरकत...
सबकुछ आँखों के पर्दे पर उतार दिया...(टीवी की कमी JPG और GIF से पूरी हुई)
लेकिन रेडियो कमेंट्री का मजा हीं कुछ और था...
ऐसे चमत्कारी लेखनी को नमन...
कबड्डी का सारा सार प्रस्तुत कर दिया...
 

motaalund

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Itna purushon ko Shamil karne se yah bhi nahin samajh Mata kaun kaun kis Ghar se belong karta hai samajh pana bahut mushkil hota hai kahan ki kahani kahan se uthakar le jakar kar deti Hain kuchh samajh mein nahin aata isliye Hero ek rakhiye heroine bhale hajar attha rakhiye yah to maloom padta hai na Kaun kis family se belong kar raha hai aise to samajh mein nahin aata padhne ke bad comment jarur karna
मल्टी स्टारर मूवी का मजा हीं कुछ और है...
डायरेक्टर(यहाँ राईटर) सबको खूबसूरती से मैनेज करता है...
और एक मास्टरपीस बन कर तैयार हो जाता है...
हर मेल कैरेक्टर एक अलग हीरो और फीमेल कैरेक्टर एक हिरोइन ...
नतीजा सेक्स के अलग-अलग विधाओं में मास्टर/मास्टराइन अपनी कलाबाजी से कुछ अलग छाप छोड़ जाते हैं...
और नतीजतन मनोरंजन और मौज की एक बहार छा जाती है...
 

motaalund

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यह आपकी जर्रानवाजी है. मैं कोशिश करती हूँ की हर अपडेट में कम से कम एक प्रसंग को पूरा दिखा दूँ , इसलिए कुछ पोस्टें बड़ी हो जाती कुछ छोटी,... और पोस्ट होने के बाद तो हर पोस्ट आपकी है,

उसे दुलार दें , प्यार दें या,...

कितना भी धन्यवाद दूँ कम होगा।
लेकिन लेखनी वहीं छूटती है जहाँ.. अगले अपडेट के लिए सस्पेंस हो...
और पाठकों की बेकरारी की परीक्षा हो...
 

motaalund

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एकदम सही कहा आपने,... फाइनल राउंड की दोनों ओर से अलग अलग स्ट्रेटजी थी , बस चांस की बात थी की भौजाइयों की स्ट्रेटजी काम कर गयी।
क्योंकि दोनों टीम तो जीत नहीं सकती...
जो मानसिक, शारीरिक और फुर्ती में बीस पड़ जाए...
वो मीर...
 
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