निरंतर नई ऊँचाइयों को छुए .. यही कामना है...११ लाख व्यूज
बहुत बहुत धन्यवाद मित्रों साथ देने के लिए,...
यह कथा यात्रा ऐसे ही आगे बढे, बस आपका स्नेह और आशीष साथ रहे,...
और ये तंबू .. जिस बंबू पर खड़ा है..Waah... Komal ji maza aa gaya.... is kavita ne to hamare bhi niche ki or halchal macha di aur ek sakht tambu ban gaya
गालियों वाली क्रिएटिविटी तो रैगिंग के टाइम भी देखे को मिलती है..गालियों में क्रिएटिविटी वहीँ देखने में आती है जहाँ वह बजाय गुस्से के मज़ाक में चिढ़ाने छेड़ने के लिए दी जाती हैं
मोरनी वाला आइडिया अच्छा है न झाड़ू की कमी न ननदों की,...
भाभियां सबका उद्धार करती हैं..एकदम ननदों के रहते हुए देवर बेचारे हैंडपंप क्यों चलाएं,
और देवरों के रहते भी ननदों को, ऊँगली का इस्तेमाल सिलाई कढ़ाई में करे,... हाँ भाभियाँ यहीं आती है,, देवरों और ननदों की गाँठ जोड़ने के लिए
हाँ.. ये तो सही कहा कि दोनों प्रीक्वेल जोड़ भी .. ये पार्ट उन दोनों से बड़ा है...सब कुछ साथ चलने वालों पर तय करता है, वैसे तो ये सीक्वेल मात्र था,... लेकिन अब उससे आगे बढ़ चूका है
अपनी तरफ से जोर की हुंकारी भरते हैं...आप ऐसे मित्रों का साथ रहे तो कहानी बढ़ती रहेगी,... बिना हुंकारी भरने वालों के कहानी सुनाने का क्या मज़ा
ये तो दो तरफा मजा है..असली लालच तो रस कूप का ही है और रेनू भी समझ जायेगी, मान जायेगी, मेरा भाई मेरी जान।
मिश्राइन भौजी बहुत दूर की सूझ-बूझ रखती हैं....अरे मिश्राइन भौजी की सोच
इसीलिए तो कच्ची कलियों को पहलवानों से भिड़वाया, बेला, पायल, नीता, कजरी कच्ची उमर वाली, लेस्बियन कुश्ती में हारना ही था,
और हारने के बाद भौजाइयों की जांघो के बीच, जो काम लेस्बियन कुश्ती में नहीं कर पायीं अब भौजी के साथ, बिना किनारे पे पहुंचाए छुटकारा नहीं,
और मिश्राइन भौजी, मंजू भाभी सब को एक से एक कच्ची कलियाँ मिली
मैच के बाद हारने और जीतने वाले .. दोनों एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं... और कई बार तो गले भी मिलते हैं....यही तो
हम कबड्डी में आमने सामने जरूर थे, लेकिन हमारे बीच कोई आमना सामना नहीं था,
मैच के बाद फिर दोस्ती,... और नैना से बढ़कर मर्दो का स्पेशलिस्ट पूरे गाँव में नहीं है और उसने हेल्प भी की, रेनू कमल का किस्सा बताया और मीना की भी पोल खोली,... नैना के साथ से ही कल हर ननद के लिए जोड़ीदार मिल पायेगा