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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Are wah re shasu maa. Purana chawal ho aap to. Ashirwad aur apni samadhan ki mithi gariya turant. Lekin halki si zalak mohe rang de ki de di. Amezing... maza aa gaya. Superb....मेरी सास
सब से पहले सास लोग निकल गयीं कल की होली भौजाई देवर और नंदों की होती उसमें घर का कोई भी बड़ा, सास नहीं होती थीं,...
दो गाँव बाद हम लोगों की एक बड़ी सी छावनी थी, चार पांच कमरे का घर, चारो ओर बाग़,... काम करने वाले,... बड़ा सा आँगन,... मेरी सास अपनी सब देवरानियों को लेकर वहीँ जा रही थीं , आज की रात कल का दिन सब सास बाहर रहतीं, कल रात में ८-९ बजे की वापसी,
सास मेरी अपनी सहेलियों जेठानी देवरानी के साथ निकलने से पहले मेरी ओर आयीं, लहालोट मुझे देख कर. बहुत खुश। बोल नहीं पा रही थीं, बस अँकवार में भर लिया और बोलीं,
"कल रात में आउंगी, ... आठ नौ बजे तक,... आज तू हमार नाक ऊँची कर दी."
लेकिन मैं छेड़ने का मौका क्यों छोड़ती अपने जोबन से उनके जोबन को रगड़ती, चिढ़ाती उन्हें याद दिलाते, जो उन्होंने वादा किया था, कल की रात मेरे साजन के संग,... के लिए बोली,...
" तैयार रखियेगा, खूब तगड़ा सांड़ मिलेगा, तेल वेल लगा के आइयेगा, देखते ही सीधे चढ़ जाएगा "
वो मुझसे भी दो हाथ आगे थीं और अपनी समधन, मेरी माँ को गरियाते खिलखिलाते बोली,... बिना मेरे साजन, अपने बेटे का नाम लिए,...
" अरे मैं उस रंडी, छिनार गदहाचोदी के दामाद से डरूंगी,... देख लूंगी ताकत बस तुम देखना की कही तोहरे महतारी क दमाद ही न भाग जाए,... "
मैं क्यों छोड़ती मामला मेरे साजन पर आ गया था, ... माँ मेरी तो उनकी समधन थी वो दोनों एक दूसरे को खूब चाहती थीं और बिना गारी के बात भी नहीं करती थीं, ... मैंने सास को सुनाया,..
" अरे उस रंडी के जाने मादरचोद, बहनचोद, छिनार के पूत की हिम्मत है, की मेरी महतारी के समधन के ऊपर न चढ़े, अगवाड़े पिछवाडे दोनों ओर कल रात दूध दही की नदी बहेगी, जहाँ से दूध पिया है चुसूर चुसूर, वहीँ अपनी मलाई गिरायेगा, जिस भोंसडे से निकला है उसी में धककम धुक्का होगा, उनके मामा याद आ जायेंगे,... बस आज रात आराम कर लीजियेगा,... "
बगल में सब नयी उम्र की मेरी ननदें , वही जो हाल में ही रजस्वला हुयी थीं और जिन्हे आज आशीष मिला था, बड़े मन से सुन रही थीं और मजे ले रही थीं,...
मेरी सास लोग भी, ...
मेरी सास बोलीं,... " चल कल की कल,... खाना वाना बना के रखना, "
"एकदम पूड़ी बखीर, और कल रतजगा होगा ही और कल से रतजगे की बल्कि शुरुआत होगी,... बहुत दिन आपकी गुलाबो ने आराम कर लिया। "
मैंने बोला, सास लोग सब निकल गयी, मेरी निगाह कच्ची उम्र की नन्दो पर पड़ी वही पांच जिन्हे अभी आशीष मिला था, जो पिछली होली के बाद रजस्वला हुयी थीं, एक लीना तो मेरी ऊँगली ही पकडे थी,...
मेरे मन में एक सवाल उठा था और सास लोगों के जाने के बाद बगल में खड़ी दूबे भाभी ने मैंने पूछ लिए,... उन लड़कियों की ओर इशारा करते हुए,..
" कल इनको बुलाएँगे की नहीं और फिर इनके साथ, आज ही तो इन्हे भभूत चढ़ा है,... "
दूबे भाभी ने जोर का ठहाका लगाया, उनके साथ मंजू भाभी और रमजानिया,... भी मुस्करा रही थीं,... दूबे भाभी ने घंटे हुए बोला,... सबसे पहले तो उन्ही के ऊपर,... नयकी भौजी की सबसे पहली जिम्मेदारी है, अरे भभूत नहीं, भूत चढ़ा है उन सबों के ऊपर, दो चार घंटे के बाद असर होगा और कल सबेरे तो सब एकदम माती रहेंगी, उसके बाद २४ घंटे तक पूरा असर रहेगा, "
मैं कान रोप के सुन रही थी,... और दूबे भाभी मुझे एक पेड़ के नीचे, ननदों के झुण्ड से दूर ले गयीं और समझाया,..
कल का प्रोग्राम
. मेरी सास बोलीं,... " चल कल की कल,... खाना वाना बना के रखना, "
"एकदम पूड़ी बखीर, और कल रतजगा होगा ही और कल से रतजगे की बल्कि शुरुआत होगी,... बहुत दिन आपकी गुलाबो ने आराम कर लिया। " मैंने बोला,
सास लोग सब निकल गयी, मेरी निगाह कच्ची उम्र की नन्दो पर पड़ी वही पांच जिन्हे अभी आशीष मिला था, जो पिछली होली के बाद रजस्वला हुयी थीं, एक लीना तो मेरी ऊँगली ही पकडे थी,...
मेरे मन में एक सवाल उठा था और सास लोगों के जाने के बाद बगल में खड़ी दूबे भाभी से मैंने पूछ लिए,... उन लड़कियों की ओर इशारा करते हुए,..
" कल इनको बुलाएँगे की नहीं और फिर इनके साथ, आज ही तो इन्हे भभूत चढ़ा है,... "
दूबे भाभी ने जोर का ठहाका लगाया, उनके साथ मंजू भाभी और रमजानिया,... भी मुस्करा रही थीं,...
दूबे भाभी ने हँसते हुए बोला,...
"सबसे पहले तो उन्ही के ऊपर,... नयकी भौजी की सबसे पहली जिम्मेदारी है, अरे भभूत नहीं, भूत चढ़ा है उन सबों के ऊपर, दो चार घंटे के बाद असर होगा और कल सबेरे तो सब एकदम माती रहेंगी, उसके बाद २४ घंटे तक पूरा असर रहेगा, "
मैं कान रोप के सुन रही थी,... और दूबे भाभी मुझे एक पेड़ के नीचे, ननदों के झुण्ड से दूर ले गयीं और समझाया,..
" देख ये पांच जो हैं न जिनको होलिका की राख लगी है चूत और चूँची पर, इनकी चूत तो कुछ भी हो कल सूरज डुबने के पहले फट जानी चाहिए, वरना साल भर कोई संयोग नहीं होगा, दूसरे जिन ननदों की चूत में भभूत लगने के अगले दिन मलाई भी पड़ जाती है,... भभूत और मलाई मिल जाएँ अगर तो पक्का असर हो जाता है ननदियों के ऊपर उमर भर के लिए जिंदगी भर चूत में चींटे काटेंगे,... तो उन सबको तो जरूर चुदवाना होगा,... जहाँ जहां मलाई गिरेगी, तो जाके एक एक ननद से,... "
मैं समझ गयी, और मेरे साथ रज्जो भाभी, और गुलबिया ननदों के झुण्ड की ओर आये तभी मुझे याद आया परसाद,...
जो लड़कियां साल भर के अंदर रजस्वला हुयी थीं उनकी तो योनि और कुचो पर खुद देवी ने लेकिन बाकि नंदों की ओर इशारा करके उन्होंने मुझे भभूत दिया था बाकी ननदों को बांटने के लिए,...
तब तक लीला, उसकी छोटी बहन रूपा और रूपा की सहेली सोना दिख गयीं, रूपा और सोना ने खूब गालियां दी थी कबड्डी में,...
लीला और रूपा मुस्कराते हुए बोलीं,... भौजी आपने बुरा तो नहीं माना हम सबने आपको इतना गरियाया,...
मैंने जान बूझ के बड़ा सीरियस सा मुंह बनाया और वो बेचारी तीनों परेशान की कहीं मैं सचमुच में गुस्सा लेकिन मैं देर तक एक्टिंग नहीं कर पायी और खिलखिलाने लगी और एकदम भाभी के अंदाज में आके बोली,...
" सालियों, छिनारों, ... अगर तुम सब गारी नहीं देती तो मैं गुस्सा होती,... और स्साली रूपा तू बोल रही थीं न की मिर्चे के अचार वाले तेल लगा के गाँड़ मारोगी,... तो कल जरूर आना "
" एकदम भाभी, आज तो आप लोग मैच जीत बच गयीं,... " रूपा बोली,...
" अरे यार कल तू तीनों जिससे गाँड मरवाओगी न उससे मैं भी मरवालुंगी, पक्का " ,मैं हँसते हुए बोली।
" एकदम भाभी,... कल मैं तो आउंगी और इस सबको भी ले आउंगी लेकिन आप याद रखियेगा " खिलखिलाते लीला बोली,...
मैंने वो भभूत निकाला और सबसे पहले उन तीनो को लगाया और बोली,... "आज परसाद मिला है कल मलाई मिलेगी, ठीक दस बजे आ जाना "
तब तक कम्मो और नीलू भी आ गयीं,... नीलू को चिढाते मैं बोली,... " हे ननद रानी अपने तो खूब मजा ले रही हो और बेचारी हमारी छोटी ननद कम्मो , उपवास कर रही है, ... "
नीलू तो बज्जर छिनार, पट से जवाब दिया,... " अरे सब काम हमी कर देंगे तो हमार चंदा अस नयकी भौजी का करीहें,... "
" तो आना कल तुम दोनों जरूर से,... अगवाड़े पिछवाड़े दोनों पर मलाई की नदी बहेगी आज तो खाली ट्रेलर था असली मस्ती को कल होगी। " मैंने परसाद का भभूत पहले तो दोनों की योनि में लगाते हुए बोला
2)देख ये पांच जो हैं न जिनको होलिका की राख लगी है चूत और चूँची पर, इनकी चूत तो कुछ भी हो कल सूरज डुबने के पहले फट जानी चाहिए, वरना साल भर कोई संयोग नहीं होगा, दूसरे जिन ननदों की चूत में भभूत लगने के अगले दिन मलाई भी पड़ जाती है,... भभूत और मलाई मिल जाएँ अगर तो पक्का असर हो जाता है ननदियों के ऊपर उमर भर के लिए जिंदगी भर चूत में चींटे काटेंगे,... तो उन सबको तो जरूर चुदवाना होगा,.
Amezig komalji. Kamal he. Dewaro ki sewa me afsara jesi randiya chhinaro ko kagvane ka plan,रेनू- बेला
मैं रेनू को ढूँढ रही थी कबड्डी टीम की पांच कुंवारियों में सबसे बड़ी उमर की वही थी इंटर में पहुँच गयी थी और उसके चचेरे भाई के चक्कर में किसी लौंडे की हिम्मत नहीं पड़ी उसका शलवार का नाड़ा खोलने के लिए,
वो मिल गयी मोहिनी भाभी के पास, घर उसका उन के बगल में ही था। उस के साथ बाकी छुटकियाँ, पायल और नीता। मोहिनी भाभी वही काम कर रही थीं जो मैं कर रही थीं , ननदों को बहला कर पटा कर फुसला कर कल की होली में पक्का आने के लिए,... मैंने भी उन सबसे तीन तिरबाचा भरवाया,... और भभूत भी लगाया चूत में भी चूँची में भी।
जबसे दूबे भाभी ने बोला था की भभूत लगाने के बाद तो जिस की बिल में लगेगा वैसे ही चींटे काटेंगे, मैं एक भी ननद को छोड़ नहीं रही थी….
लेकिन बेला नहीं दिख रही थी,
सबसे सुकुवार वही थी, उमर में भी देह में भी, खूब गोरी, और मैं चाह रही थी की उसकी कुंवारेपन की आज आखिरी रात हो, लेकिन पहली बात तो वो कल आये, और दूसरी बात,... उसपर चढ़ने के लिए कोई उसी ऐसा जो सम्हाल सम्हाल के करे,... फिर हम लोगों ने सोचा था की ननदों के ऊपर सगे न सही तो चचेरे, रिश्ते के, जिसको वो राखी बांधती हो,... बेला अकेली थी, पर पहले दिखे तो,
और वो दिख गयी,
मंजू भाभी के पास साथ में रज्जो भी. गुलबिया ने बताया की मंजू भाभी के पितयाउर देवर की एकलौती बेटी है, बस मेरी चमकी।
मेरा चुन्नू, उसका खड़ा भी जबरदस्त होता है और वो उतना ही सुकुमार भी, आज मैंने उसे बुर का स्वाद तो लगा ही दिया , और बेला उसके रिश्ते की बहन ही लगेगी, उसकी भी कोई सगी बहन नहीं, और ये उससे पट गयी तो दोनों का पक्का इंतजाम हो जाएगा,... लेकिन,...
और गुलबिया ने हँसते हुए हल बता दिया,..
मेरी परेशानी थी की चुन्नू खुद नया है, कहीं छेद ढूंढने में ही,...
गुलबिया का हल था पहले राउंड में चुन्नू के ऊपर कउनो खेली खायी ननद, लीला या नीलू ऐसी जो दर्जनों खूंटा घोंट चुकी हो, उसके बाद दुबारा टनटनाने पर बेला के ऊपर , दुबारा झड़ने में टाइम भी लगेगा और वो और चमेलिया रहेंगी न , पकड़ के खूंटा सटा देंगी,... और एक बार घुस गया तो हचक के चोदेगा। एक बारे खुले में सबके सामने अपनी बहन पे चढ़ गया न तो जो लाज सरम ख़तम करने में साल भर लगता, वो एक दिन में,...
और बेला भी जो अब तक जांघ चिपका के रखती है उसके बाद बाकी लौंडो से भी मस्ती करने लगेगी,,... जब सबके सामने अपने चचेरे भाई से, गाँव में अकेले जिसको राखी बांधती है , उसका घोंटेंगी, तो काहे की लाज शरम,...
फिर एक दो और ननदों को, कल तो चंदा भी आएगी उसी की पट्टी की है बस वही सिखा पढ़ा के, चंदा तो सदाबर्त चलाती है कउनो दिन तीन चार से कम नहीं घोंटती,... एक बार चुन्नू चढ़ गया, झिल्ली फट गयी तो चंदा के साथ ही उस को भी एक साथ दो लौंडे अगल बगल,...
मान गयी मैं गुलबिया को,
और जब तक चुन्नू को लीला कबड्डी खेला खिलाएगी तबतक मैं बेला के साथ मौज मस्ती, चूस चूस के ऐसी आग लगाउंगी उसकी चुनमुनिया में, लेकिन झाड़ूंगी नहीं,.. की वो खुद चढ़ के मेरे लहुरे देवर को चोद दे,...
ननद का भी फायदा, ... मेरे देवर का भी,...
और मैं झट से मंजू भाभी के पास पहुंची,... और बेला के गाल पे चिकोटी काट के मंजू भाभी से बोली,...
" मेरी मीठी मीठी ननद से अकेले मजा ले रही हैं,... "
बेला ऐसी लजायी की मैं निहाल, गाल दोनों गुलाब,... क्या मजा आएगा इन्हे चूमने में चूसने में काटने में,...
कोई काम मैं उधार रखने में बिश्वास नहीं रखती थी खास तौर से ननदों का, मैंने भर अँकवार उसे दबा लिया और कस के दोनों गाल चूम लिए, फिर सीधे होंठ पे चूमती बोली,...
तुझे ढूंढ रही थी परसाद देने के लिए, ... जांघ फैलाओ, अरे पेलूँगी नहीं, वो तो कल मेरे देवर करेंगे,...
फिर पोटली में से भभूत निकाल के, ...
बेला ने भी देखा था की सब ननदों को इशारा करके मुझे भभूत मिला था बांटने को, जो लड़किया हाल में रजस्वला हुयी थीं उन्हें , ' उन्होंने ' खुद लगाया था बाकी ननदो को लगाने का काम मेरे जिम्मे दिया था,...
पहले तो एक बस छोटा सा टीका ऐसा दोनों फांके जहां मिलती हैं ठीक उसके ऊपर,... लेकिन फिर मुझे दूबे भाभी की बात याद आ गयी
इन ननदों को तो जितना भभूत लगेगा उतना ही लंड का भूत चढ़ेगा,.. और खास तौर से जो अभी तक चुदी नहीं है, और ये देवी का भभूत लगने के बाद जब मरद की मलाई लगेगी तो असर एकदम पक्का, ननद का दूसरा नाम छिनार,... तो उनको फिर छिनार बनने से कोई रोक नहीं सकता,... और भभूत के बाद जिस लौंडे की मलाई सबसे पहले बिल में जायेगी न, उसकी तो वो ऐसी दीवानी हो जाएंगी,...
बरसते पानी में भी उससे मिलने नंगे पाँव दौड़ी आएँगी , उस को देखते ही स्साली की चूत पनियाने लगेगी,... खुद पकड़ के सटायेंगी,...
मेरी आँखों के सामने मेरे देवर चुन्नू की शक्ल घूम गयी जिसकी नथ मैंने उतारी आज सुबह ही तो जबरदस्ती उतारी थी,... आलमोस्ट रेप, मेरी ऐसी भौजाई के रहते गाँव में कोई देवर की नथ न उतरे, शरम की बात है न,
बस उसी का फायदा सोच के मैंने थोड़ी और भभूत बेला की चूत की दोनों फांके फैला के जबरदस्ती खोल के, अंदर भी लगा दी, .. और जो हाथ में लगा था वो सब उसके आते हुए छोटे छोटे उरोजों पर मल दिया, जोबन भी तो ननद का गदराना चाहिए,.... तभी तो यार चक्कर काटेंगे,...
और मैंने बेला से कहा, ... ननद रानी कल आना जरूर,...
वो खिस्स से हंस दी और एक बार जोर से लजा गयी जैसे गालों पर किसी ने सिन्दूर पोत दिया हो,
रज्जो भाभी बोलीं,... अरे हमारे घर के बगल में ही रहती है पकड़ के ले आउंगी,
" नहीं नहीं भौजी आउंगी जरूर आउंगी,... " मुस्कराते हुए बेला बोली,... फिर जोड़ा, " हमारी मीठी भौजी से मिलने तो आना ही होगा "
" और सुन चुनमुनिया में कडुवा तेल वेल मत लगाना,... लगा के आओगी तो मैं फटे बोरे से पहले पोंछ के सुखा दूंगी " मैंने उसे चिढ़ाया,
मेरी ननद
" नहीं नहीं भौजी आउंगी जरूर आउंगी,... " मुस्कराते हुए बेला बोली,... फिर जोड़ा, " हमारी मीठी भौजी से मिलने तो आना ही होगा "
" और सुन चुनमुनिया में कडुवा तेल वेल मत लगाना,... लगा के आओगी तो मैं फटे बोरे से पहले पोंछ के सुखा दूंगी " मैंने उसे चिढ़ाया,...
और तब तक दो चार और ननदें जिन्हे प्रसाद देना बचा था वो दिख गयी तो मैं उनकी ओर लपकी,
कोई ननद बची नहीं थी जिससे मैं प्यार दुलार से न मिली, और जिसके उभार कस के न मसले हों, और वो भी उसी तरह जवाब देती थी,...
आज की कबड्डी का सबसे बड़ा फायदा मुझे यही हुआ की कम से कम दो दर्जन ननदों से मुलाकात नहीं, अच्छी वाली दोस्ती हो गयी,... चार पांच उसमे से लीला, नीलू की तरह भी थीं जिनकी शादी हो गयी थी गौना नहीं हुआ था,...
चार पांच ब्याहिता भी मिली, अक्सर लड़कियां होली ससुराल में मनाती हैं, देवर ननदोई का मजा कौन छोड़ेगा,... और सावन में मायके, पुराने यारों के साथ, भौजाइयों के साथ झूला झूलने,
लेकिन दो चार पांच ब्याहता ननदे, जिनकी छोटी बहने, भाभियाँ थी, उनके पति होली में साली सलहज का मजा लेने आये थे,... और गाँव में कोई सगी साली ही थोड़े साली होती है पूरे गाँव की लड़कियां,... और वो सब भी छुछियाती रहती हैं तो वो सब होली में स्साली सलहज का मजा ले के अपने मायके चले गए और ननदें रंग पंचमी मनाने यही रुक गयीं.
मेरे बोलने से पहले ही ननद सब बोलतीं, हाँ भौजी जरूर आउंगी, और कुछ नहीं तो आपन यह मालपुवा अस मीठ मीठ भौजी से मिलने आएंगे।
सब से जोश में छुटकियाँ था जिनकी चिड़िया अभी उड़नी नहीं शुरू हुयी थी, आज कबड्डी के बाद की मस्ती देख के सब गरमा रही थी,
मैंने ननद को चिढ़ाते हुए कहा,... अरे काहें भौजी क नाम ले रही हो, हमरे देवर से मिलने आओगी, यह छोट छोट जुबना के लालच में दौड़े आएंगे, ...सब। "
और रूपा के जोबन कस के मजाक में दबा दिए, लेकिन एक मेरी ब्याहता ननद क्यों छोड़ती मुझे, वो कस के मेरे उभार मल के बोली,
" अरे भौजी, लौंडे सब आएंगे लेकिन इसके लिए,... आपको मालूम नहीं इसके चाहने वाले पूरे बाइस पुरवा में कितने हैं, कल कउनो भौजाई मना नहीं करती। "
मैं हँसते बोली,
" अरे बिन्नो कल क्या, और फागुन क्या , देवर भौजाई का तो साल भर फागुन रहता है,... जेतनो तोहरे बचपन के यार होंगे सबको बता देना,... जो नहीं आया उसकी मैं गाँड़ मार लूंगी, और उसकी बहन की तो ऐसी तैसी होगी ही, "
सब ननदें खिलखिला के हंस पड़ी तो एक छुटकी का चुम्मा लेती मैं बोली,
" चल यार आज तूने बहुत भौजाइयों की चूसी होगी न कल मैं चूसूंगी,... लेकिन झाड़ेंगे हमारे देवर "
" अरे भौजी तब तो हम सब सबेरे से यही डेरा डाल लेंगी " लीना जो इसी साल रजस्वला हुयी थी हँसते हुए बोली।
सब नंदों से हम लोगों ने बिदा ली,...
मेरी ननद अपनी कुछ बचपन की सहेलियों के साथ थीं, सब बियाहिता,... कुछ प्लान कर रही थीं,... उनके चलने के पहले भेटते हुए मैंने बोला,
" मैं अभी थोड़ी देर में आउंगी,.. आपके भैया तो अभी एकाध घंटे बाद ही आएंगे, उनके आने के पहले ही आ जाउंगी,...और रतजगे की तैयारी कर लीजियेगा आज रात भर मूसल चलेगा आपकी ओखली में, आपके सैंया नहीं है तो क्या मेरे तो हैं। "
वो समझ तो रही थीं , तीन बार तिरबाचा भरवाया था उनसे, पिछवाड़े की डबल फीस्टिंग से बचाया था उन्हें,...
मेरी ननद कुछ झेंप रही थी, जान तो वो भी रही थीं की तीन तिरबाचा भर चुकी हैं आज रात अपने सगे भैया की सेज पर चढ़ने का, उनके आगे अपनी जाँघे फ़ैलाने के लिए इसलिए आज तो भैया बहिनी की कबड्डी हो के रहेगी, वो भी भौजाई के सामने। आज सास भी नहीं थीं, कल रात में उनको आना था, छुटकी गीता के यहां और नन्दोई जी भी अपने मायके चले गए थे, दो दिन बाद आने वाले थे, इसलिए सिर्फ ननद, ननद के भैया और ननद की भौजाइ
पर यह बात ननद रानी अपनी बचपन की सहेलियों, बाकी ननदों के सामने और भौजाइयों के सामने कबूलना नहीं चाहती थी,
लेकिन जंगल में मोर नाचा किसने देखा इसलिए जब तक घर घर ये बात फ़ैल न जाए की मेरी ननद ने मेरे सैंया के सामने अपना लहंगा पसारा तब तक क्या मज़ा
और इसलिए दुहरी फिस्टिंग की धमकी मैंने चमेलिया और गुलबिया के साथ मिल के दी, चमेलिया और गुलबिया की मुठ्ठियाँ पिछवाड़े और मेरी दोनों अगवाड़े,... और घबड़ा के उन्होंने मेरे साजन से अपनी ओखली में मूसल चलवाने की बात गुलबिया और चमेलिया के सामने कबूल की और वो भी सिर्फ एक बार नहीं , सिर्फ एक रात नहीं मैं जब चाहूँ तब, ... और मुझे उम्मीद थी की चमेलिया गुलबिया ये बात पूरे गाँव में बाँट ही देंगी,
लेकिन कौन भौजाई होगी जो ननद को गाँव की भौजाइयों के सामने रगड़ने का मौका छोड़ देगी, इसलिए मैंने फिर साफ़ साफ़ बोला,...
" अरे ननद रानी इसलिए पहले भेज रही हूँ आप को की पाव भर घर का कडुआ तेल अपनी कुप्पी में डाल के अभी से बैठ जाइएगा, फिर आपके भैया का गपागप जाएगा, ननदोई जी से २० नहीं २२ है, डर तो नहीं रही हैं आप, वरना कह दूंगी उनसे की जरा धीरे धीरे,... "
ननद कौन जिसका मुंह बंद हो जाय और मेरी ननद तो सब ननदों में निपट छिनार ( अब अपने भाई का नाम लेकर गाली तो दे नहीं सकती तो मेरी बहन का नाम लगाया)
" किससे डरूंगी, ओह्ह छुटकी के जीजा से,... लेकिन मैं सिर्फ इसलिए बोल रही हूँ की आपका उपवास हो जाएगा, कब्बडी में जीत के बाद भी "
अब मैं कैसे ननद रानी से बोलूं की मैं उन भौजाइयों में नहीं हूँ जो ससुराल में भी उपवास करे. नाश्ते में ही दो चार,... अजा सुबह दो राउंड चंदू देवर के जबरदस्त मूसल को घोंटा फिर चुन्नू की नथ उतराई की, कबड्डी खेलने उतरी तो मेरी कटोरी में रबड़ी मलाई दोनों देवरों की छलक रही थी।
लेकिन मेरी ओर से रमजनिया बोली,
" अरे मन मन भावे मूड हिलावे, मन तो कह रहा होगा बचपन में बहुत डाक्टर नर्स खेली हो भैया के साथ ,... आज असली वाली सुई लगेगी,... अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर "
" एकदम एक ओर से कैसे काम चलेगा मेरी ननद का,... " मैंने भी मौका देखकर चौक्का मार दिया।
ननद अब घिर गयी थीं बात बदल कर हँसते हुए बोलीं,... अभी पहुँच के सो लेती हूँ थोड़ी देर मैं, ....वैसे भी . कल हम सहेलियों के साथ शाम को हम लोग छावनी में जाएंगे और कल रात वहीँ रहेंगे, पुराने जमाने की हम सब सहेलियां .
" पुराने यार तो नहीं बुलाना है " मैंने चिढ़ाया।
" अरे नहीं आज के बाद कल चलने की हालत नहीं रहेगी, अच्छा चलती हूँ " मुस्कराते हुए उन्होंने कबूल किया की आज रात क्या होना है और वो घर चल दी।
भौजाइयों की मस्ती
कुछ भौजाइयां भी अपने अपने घर के ओर, पर हम आठ दस लोग दूबे भाभी के घर रुक गए कल का प्लान बनाने। मैं, मंजू भाभी, दूबे भाभी, रज्जो और मोहिनी भाभी, चमेलिया, गुलबिया, रामजानिया और दो चार और लोग।
अब लग रही थी थकान, सब को भी मुझे थोड़ी और, सुबह सुबह चंदू देवर ने चोद चोद करके थेथर कर दिया था, जिस मूसल के आगे चार बच्चों की माँ भोंसड़ी वाली चिल्लाती थी, उसे दो बार मैंने घोंटा, पूरे जड़ तक वो भी हँसते मुस्कराते, अपने देवर की माँ बहिन गरियाते,... लेकिन उस के बाद जो निकली तो मेंड़ पर सीधे पैर नहीं पड़ रहे थे,
फिर चुन्नू
और उसके बाद कब्बडी और उसके बाद की मस्ती, और कल रात में भी कहाँ, ये भी और ननदोई जी भी, अगवाड़ा पिछवाड़ा कुछ नहीं बचा था,... थकान के बावजूद, मैं मुस्करा उठी,...
दूबे भाभी मुझे मुस्कराते देख के मुस्करा उठीं,... बोलीं अभी सब थकान दूर हो जायेगी,... उनके घर बाहर एक कूंवा था, कूंवा क्या कुइंया उसी ओर चरखी लगी थी,...
चमेलिया से दूबे भाभी बोलीं,
" सब को एक एक डोल नहलवा दो "
बाद में पता चला की मान्यता यही थी जो ननदें,. मेरी जेठानियाँ घर गयीं थीं सब पहले नहा के ही कुछ और,... कबड्डी के मैदान की मस्ती और देवी के दरसन के बाद का असर,... लेकिन बाद में मेरे समझ में, ...असर धुलता नहीं था,... वो रोम रोम में होकर देह में घुल जाता था, हाँ वो सब नशा थोड़ा कम हो जाता था तो रोज मर्रा की जिंदगी की ओर लौटना शुरू हो जाता था,
और जब सिर्फ भौजाइयां हों या एक दो बियाहिता ननदें,... तो मजाक का असर एकदम नए लेवल पर पहुँच जाता है, बजाय गरियाने और चिढ़ाने के सीधे देह के स्तर पर और अब सब के चिढ़ाने का सेंटर मैं ही थी, ... और सबसे ज्यादा मेरी दोनों पक्की सहेलियां, चमेलिया और गुलबिया यहाँ तक की दूबे भाभी भी ,...
कपडे तो किसी के ठीक से नहीं बचे थे, कुछ कबड्डी में फटे कुछ कबड्डी के बाद और कुछ ननदों को चुसवाने चटवाने में उतर गए, बस किसीकी फटी साड़ी का टुकड़ा किसी ने बस लपेट लिया था, बाग़ से निकलने के पहले और यहाँ नहाने के पहले वो सब भी उतर गए,...
दूबे भाभी ने चमेलिया से कहा, मेरी ओर इशारा करके,
' अरे नयकी के बुर महरानी में एक डोल पानी डाल दो, बहुत गरमाई है "
चमेलिया ये मौका क्यों छोड़ती, और मैं भी,... मैंने जाँघे अच्छी तरह फैला दीं और चमेलिया डोल का पानी सीधे जांघों के बीच डालती मुझे चिढ़ाते दूबे भाभी से बोली,
" ये हमरी जेठानी और तोहरी देवरानी क बुर महारानी क गरमी कल जब देवरन का पानी से नहाइएं न तब सांत होई। आठ दस देवरन क मलाई पड़ी ऊपर तक बजबजायी न तभी कुछ ठंडक पहुंची "
" अरे हमार एकलौती देवरानी, तोहरे मुंह में घी गुड़,... हमार देवर रोज तोहें रगड़े,... कउनो दिन बिन मलाई के न जाये"
मैं चमेलिया से हँसते हुए बोली।
मेरे बगल में मोहिनी भाभी को गुलबिया पानी डाल के नहला रही थी,... मैंने सीधे अपनी जेठानी की बिल में रगड़ते हुए गुलबिया से कहा,
" तू पानी डाल हम दोनों की जेठानी है, मैं रगड़ रगड़ के नहला दे रही हूँ " और दो ऊँगली अंदर घुसेड़ दी.
रमजानिया दुबे भाभी को नहला रही थी, उनकी बिल पे हथेली से रगड़ती चिढ़ा रही थी,
"आज तो ननदन क ऊँगली गयी है,... कल देवर क लंड जाएगा,..."
मैंने भी छेड़ा, वैसे तो उमर में हम लोगों से काफी बड़ी थीं, मेरी सास से दो चार साल ही छोटी होंगी,... पर मज़ाक के मामले में एकदम समाजवाद चलता है,...
" भौजी आप सबसे बड़ी हैं,... तो आप पहले बता दीजिये कौन देवर पसंद है, हम लोग उधर मुंह भी नहीं करेंगे सीधे चढ़ा देंगी,... "
" अरे नयको इहो पूछने की बात है,... भौजी सबसे बड़ी हैं तो जिसका सबसे बड़ा होगा, सबसे कड़ा होगा,... बस उसी को चढ़ा देंगे और जो सबसे छोटी होगी,... "
रज्जो भाभी ने बोला
लेकिन कहीं वो मेरा नाम न ले लें तो मैं उनकी बात बीच में काट दी और बोली,
" सही कहा आपने, चमेलिया सबसे छोट है, गाँव में हमारी अकेली देवरानी, हमरे बाद गौने उतरी है है,... ओहि के जिम्मे ये काम रहेगा, देवरन क नाप जोख कर के,... सीधे हम सबकी जेठानी के ऊपर,... "
चमेलिया ने एक डोल पानी सीधे दूबे भाभी के जांघ के बीच में डाला और बोली
" मंजूर, अपने जेठानी के लिए ये कौन बड़ा काम है, और एक से का होगा, तीनो छेद के लिए तीन पकड़ के लाऊंगी,... जैसे आज ये पानी जा रहा है वैसे कल हमरे देवरन क मलाई से नहलाईब,..."
मोहिनी भाभी सबसे पहले नहां के निकली, ... अभी कुछ सरम लाज का मामला नहीं था, मर्दों को आने में अभी भी घंटे दो घंटे की देर थी,
सास सब, उन को हाँक के मेरी सास हम लोगों की छावनी ले गयी थीं अभी गाँव में हमी लोग थे,...
मेरी ननद
" नहीं नहीं भौजी आउंगी जरूर आउंगी,... " मुस्कराते हुए बेला बोली,... फिर जोड़ा, " हमारी मीठी भौजी से मिलने तो आना ही होगा "
" और सुन चुनमुनिया में कडुवा तेल वेल मत लगाना,... लगा के आओगी तो मैं फटे बोरे से पहले पोंछ के सुखा दूंगी " मैंने उसे चिढ़ाया,...
और तब तक दो चार और ननदें जिन्हे प्रसाद देना बचा था वो दिख गयी तो मैं उनकी ओर लपकी,
कोई ननद बची नहीं थी जिससे मैं प्यार दुलार से न मिली, और जिसके उभार कस के न मसले हों, और वो भी उसी तरह जवाब देती थी,...
आज की कबड्डी का सबसे बड़ा फायदा मुझे यही हुआ की कम से कम दो दर्जन ननदों से मुलाकात नहीं, अच्छी वाली दोस्ती हो गयी,... चार पांच उसमे से लीला, नीलू की तरह भी थीं जिनकी शादी हो गयी थी गौना नहीं हुआ था,...
चार पांच ब्याहिता भी मिली, अक्सर लड़कियां होली ससुराल में मनाती हैं, देवर ननदोई का मजा कौन छोड़ेगा,... और सावन में मायके, पुराने यारों के साथ, भौजाइयों के साथ झूला झूलने,
लेकिन दो चार पांच ब्याहता ननदे, जिनकी छोटी बहने, भाभियाँ थी, उनके पति होली में साली सलहज का मजा लेने आये थे,... और गाँव में कोई सगी साली ही थोड़े साली होती है पूरे गाँव की लड़कियां,... और वो सब भी छुछियाती रहती हैं तो वो सब होली में स्साली सलहज का मजा ले के अपने मायके चले गए और ननदें रंग पंचमी मनाने यही रुक गयीं.
मेरे बोलने से पहले ही ननद सब बोलतीं, हाँ भौजी जरूर आउंगी, और कुछ नहीं तो आपन यह मालपुवा अस मीठ मीठ भौजी से मिलने आएंगे।
सब से जोश में छुटकियाँ था जिनकी चिड़िया अभी उड़नी नहीं शुरू हुयी थी, आज कबड्डी के बाद की मस्ती देख के सब गरमा रही थी,
मैंने ननद को चिढ़ाते हुए कहा,... अरे काहें भौजी क नाम ले रही हो, हमरे देवर से मिलने आओगी, यह छोट छोट जुबना के लालच में दौड़े आएंगे, ...सब। "
और रूपा के जोबन कस के मजाक में दबा दिए, लेकिन एक मेरी ब्याहता ननद क्यों छोड़ती मुझे, वो कस के मेरे उभार मल के बोली,
" अरे भौजी, लौंडे सब आएंगे लेकिन इसके लिए,... आपको मालूम नहीं इसके चाहने वाले पूरे बाइस पुरवा में कितने हैं, कल कउनो भौजाई मना नहीं करती। "
मैं हँसते बोली,
" अरे बिन्नो कल क्या, और फागुन क्या , देवर भौजाई का तो साल भर फागुन रहता है,... जेतनो तोहरे बचपन के यार होंगे सबको बता देना,... जो नहीं आया उसकी मैं गाँड़ मार लूंगी, और उसकी बहन की तो ऐसी तैसी होगी ही, "
सब ननदें खिलखिला के हंस पड़ी तो एक छुटकी का चुम्मा लेती मैं बोली,
" चल यार आज तूने बहुत भौजाइयों की चूसी होगी न कल मैं चूसूंगी,... लेकिन झाड़ेंगे हमारे देवर "
" अरे भौजी तब तो हम सब सबेरे से यही डेरा डाल लेंगी " लीना जो इसी साल रजस्वला हुयी थी हँसते हुए बोली।
सब नंदों से हम लोगों ने बिदा ली,...
मेरी ननद अपनी कुछ बचपन की सहेलियों के साथ थीं, सब बियाहिता,... कुछ प्लान कर रही थीं,... उनके चलने के पहले भेटते हुए मैंने बोला,
" मैं अभी थोड़ी देर में आउंगी,.. आपके भैया तो अभी एकाध घंटे बाद ही आएंगे, उनके आने के पहले ही आ जाउंगी,...और रतजगे की तैयारी कर लीजियेगा आज रात भर मूसल चलेगा आपकी ओखली में, आपके सैंया नहीं है तो क्या मेरे तो हैं। "
वो समझ तो रही थीं , तीन बार तिरबाचा भरवाया था उनसे, पिछवाड़े की डबल फीस्टिंग से बचाया था उन्हें,...
मेरी ननद कुछ झेंप रही थी, जान तो वो भी रही थीं की तीन तिरबाचा भर चुकी हैं आज रात अपने सगे भैया की सेज पर चढ़ने का, उनके आगे अपनी जाँघे फ़ैलाने के लिए इसलिए आज तो भैया बहिनी की कबड्डी हो के रहेगी, वो भी भौजाई के सामने। आज सास भी नहीं थीं, कल रात में उनको आना था, छुटकी गीता के यहां और नन्दोई जी भी अपने मायके चले गए थे, दो दिन बाद आने वाले थे, इसलिए सिर्फ ननद, ननद के भैया और ननद की भौजाइ
पर यह बात ननद रानी अपनी बचपन की सहेलियों, बाकी ननदों के सामने और भौजाइयों के सामने कबूलना नहीं चाहती थी,
लेकिन जंगल में मोर नाचा किसने देखा इसलिए जब तक घर घर ये बात फ़ैल न जाए की मेरी ननद ने मेरे सैंया के सामने अपना लहंगा पसारा तब तक क्या मज़ा
और इसलिए दुहरी फिस्टिंग की धमकी मैंने चमेलिया और गुलबिया के साथ मिल के दी, चमेलिया और गुलबिया की मुठ्ठियाँ पिछवाड़े और मेरी दोनों अगवाड़े,... और घबड़ा के उन्होंने मेरे साजन से अपनी ओखली में मूसल चलवाने की बात गुलबिया और चमेलिया के सामने कबूल की और वो भी सिर्फ एक बार नहीं , सिर्फ एक रात नहीं मैं जब चाहूँ तब, ... और मुझे उम्मीद थी की चमेलिया गुलबिया ये बात पूरे गाँव में बाँट ही देंगी,
लेकिन कौन भौजाई होगी जो ननद को गाँव की भौजाइयों के सामने रगड़ने का मौका छोड़ देगी, इसलिए मैंने फिर साफ़ साफ़ बोला,...
" अरे ननद रानी इसलिए पहले भेज रही हूँ आप को की पाव भर घर का कडुआ तेल अपनी कुप्पी में डाल के अभी से बैठ जाइएगा, फिर आपके भैया का गपागप जाएगा, ननदोई जी से २० नहीं २२ है, डर तो नहीं रही हैं आप, वरना कह दूंगी उनसे की जरा धीरे धीरे,... "
ननद कौन जिसका मुंह बंद हो जाय और मेरी ननद तो सब ननदों में निपट छिनार ( अब अपने भाई का नाम लेकर गाली तो दे नहीं सकती तो मेरी बहन का नाम लगाया)
" किससे डरूंगी, ओह्ह छुटकी के जीजा से,... लेकिन मैं सिर्फ इसलिए बोल रही हूँ की आपका उपवास हो जाएगा, कब्बडी में जीत के बाद भी "
अब मैं कैसे ननद रानी से बोलूं की मैं उन भौजाइयों में नहीं हूँ जो ससुराल में भी उपवास करे. नाश्ते में ही दो चार,... अजा सुबह दो राउंड चंदू देवर के जबरदस्त मूसल को घोंटा फिर चुन्नू की नथ उतराई की, कबड्डी खेलने उतरी तो मेरी कटोरी में रबड़ी मलाई दोनों देवरों की छलक रही थी।
लेकिन मेरी ओर से रमजनिया बोली,
" अरे मन मन भावे मूड हिलावे, मन तो कह रहा होगा बचपन में बहुत डाक्टर नर्स खेली हो भैया के साथ ,... आज असली वाली सुई लगेगी,... अगवाड़े पिछवाड़े दोनों ओर "
" एकदम एक ओर से कैसे काम चलेगा मेरी ननद का,... " मैंने भी मौका देखकर चौक्का मार दिया।
ननद अब घिर गयी थीं बात बदल कर हँसते हुए बोलीं,... अभी पहुँच के सो लेती हूँ थोड़ी देर मैं, ....वैसे भी . कल हम सहेलियों के साथ शाम को हम लोग छावनी में जाएंगे और कल रात वहीँ रहेंगे, पुराने जमाने की हम सब सहेलियां .
" पुराने यार तो नहीं बुलाना है " मैंने चिढ़ाया।
" अरे नहीं आज के बाद कल चलने की हालत नहीं रहेगी, अच्छा चलती हूँ " मुस्कराते हुए उन्होंने कबूल किया की आज रात क्या होना है और वो घर चल दी।