सचमुच...
देखन में छोटे लगे...
सचमुच...
मोइत्रा और मंजू... मादक मजे में मशगुल...वाह कोमल मैम
हमेशा की तरह मादक, शानदार और उत्सुक्त कर देने वाला अपडेट।
आपकी लेखनी धन्य है।
सादर
चाहे कच्ची कलियाँ हों या खेली खायीएकदम अब आपने कहा है तो पूरे विस्तार के साथ ही होगा ननदों का उनके भाइयों के साथ खेल तमाशा,
चाहे कच्ची कलियाँ हों या खेली खायी
Very erotic update,ghar mein ji sandh hai to bachhia ko hudkane ka fayda ho hi jayega,lagta hai.भाग ७०
रेनू और कमल
12,52,126
रेनू की चाची ने सब किस्सा साफ़ साफ़ बता दिया।
कमल के बाबू, रेनू के चाचा तो अपनी भौजाई का खेत अपनी शादी के पहले से जोतते थे, और रेनू की चाची को भी इसमें कुछ बुरा नहीं लगता था। रेनू के बाबू अकसर बाहर रहते थे साल डेढ़ साल में आते। खेत, घर सब एक , चूल्हा एक, तो जब कुछ बांटा नहीं था तो,... लेकिन देवरानी, कमल की माँ , जेठानी के पहले बियाई, ( देवर भौजाई का चक्कर चलता तो लेकिन कुछ कुछ सावधानी बरतते थे , एक दो बार पेट भी गिरवाया ) . कमल पेट में बहुत उत्पात मंचाता था और हुआ भी बड़ी मुश्किल से, और उसके बाद डाक्टरनी ने बोल दिया की अब दूसरा बच्चा नहीं हो सकता,...
कमल घर का अकेला लड़का, बंश का दीपक , देवरानी जेठानी के बीच में अकेला,... तो मनबढ़ तो होना ही था। लेकिन जैसे जैसे बड़ा हुआ उसकी जिद्द की उसके कोई बहन क्यों नहीं है,... चार साल का था जिद्द कर बैठा,...
मेरी समझ में कुछ कुछ आने लगा था फिर भी मैंने बात को आगे बढ़ाते हुए पूछा, तो फिर क्या आपके जेठ आये,...
रेनू की चाची बड़ी जोर से हंसी, बोली,
आके भी का करते, उनके बस का कुछ था नहीं और फिर उनका शौक भी अलग था, आगे का नहीं पीछे का, वो भी लड़कों के साथ,... और मारने का नहीं,...
" .... मरवाने का "
हँसते हए मैंने उनकी बात पूरी की,... ये बात मुझे भी मालूम थी की कौन गाँव ऐसा होगा जिसमें चिकने लौंडे या लौण्डेबाज न हों,...
तो रेनू की चाची ने आगे बात बढ़ाई,...
" तो एक दिन वो जिद्द कर रहा था तो मैंने उसे उसकी ताई की ओर लुहका दिया , और उनसे बोली भी,... देखिये आपका दुलरुआ है आप ही इसकी इच्छा पूरी करिये,... मुझे तो डाक्टरनी ने बोल ही दिया है कुछ हो नहीं सकता। आपके देवर इतनी मेहनत करते हैं लेकिन कुछ होना जाना नहीं हैं , हाँ अगर आप चाहें,... "
कमल को गोद में लेके प्यार करते वो बोलीं ,
" अरे अब हमार कुल दीपक कउनो चीज चाहें और हम मना कर दें, ... उसका तेल बुकवा वही सब करती हैं, ... '
मैंने फिर छेड़ा, "और नूनी खोल के तेल लगाना भी,... पकड़ के सु सु कराना वो भी।"
हँसते हुए वो बोली एकदम और अभी भी मैं कमल के सामने भी उनसे बोलती हूँ ,
" इसकी नूनी जब थी तब तो आपने सबसे पहले पकड़ा सहलाया था , तेल लगा लगा के बड़ा किया ,... लेकिन बात ये हुयी की सावन लग गया था, बहुत दिन से मैं मायके नहीं गयी थी, तो मैं कमल को लेकर महीने भर के लिए मायके चली गयी, और लौटी तो जेठानी हमारी उलटी करती मिलीं, रोज खट्टा मांगती। "
" तो सावन जबरदस्त बरसा, रोपनी अच्छी हुयी, देवर ने भौजी के खेत में पूरी मेहनत की,... " मैंने मुस्कराकर रेनू की चाची से कहा।
" एकदम, ... दिन रात मेहनत की, और अबकी सब पानी खेत में ही जा रहा था और उस समय तो गोली वोली का भी ज्यादा जमाना नहीं था। तो नतीजा अच्छा निकला। " हँसते हुए वो बोलीं।
लेकिन रेनू के बाबू जी, वो कब आये,... मुझसे नहीं रहा गया।
"सतमासे में गाभिन होने के बाद जो पूजा होती है, बस उसी दिन,... साल में एक बार ही आते थे, ... लेकिन उन्हें अच्छा ही लगा,... घर की बात थी,... रेनुआ के होने पर भी आये, लेकिन रेनू के होने के बाद सबसे ज्यादा ख़ुशी कमल को हुयी। रेनू थी भी एकदम गुड़िया जैसी, उससे ठीक चार साल छोटी। थोड़ा बड़े होने तक, ... लेकिन कमल को शुरू से ये अंदाज था की वो बड़ा है रेनुआ कुल बात माने उसकी, खाली उसी के साथ खेले, नहीं मानने पर कभी उसका बाल खींच ले, कभी उसकी गुड़िया की टांग तोड़ दे,... झगड़ा भी दोस्ती भी जैसे बच्चो में होता है। "
मैं अब बात सीधे वहीँ लाना चाहती थी की रेनुआ ने उसे दिया क्यों नहीं जवान होने पर, मामला क्या था लेकिन साफ़ कैसे पूछती, तो बस,...
" तो वो सब,... "
मेरे बिना पूछे वो समझ गयीं और सब समझा भी दिया, ... थोड़ा मुस्करायीं और बोलीं,
" बचपन में तो बचपन वाले खेल होते हैं और जवानी चढ़ने पर जवानी वाले खेल शुरू हो जाते हैं, हमको अभी तक याद है, रेनुआ के पहले जब भरभरा के खून निकला था, चार साल से ऊपर हो गए,... वो घबड़ा के मेरे पास आयी, ... पहले तो मुझको हंसी आयी, फिर मैने समझाया, एक एक बात की अब हर महीने होगा, मतलब की अब तुम जवान हो गयी हो, मेरी और अपनी माँ की तरह हो गयी हो,... क्या करना है, क्या नहीं उन पांच दिनों में.
तबतक मेरी जेठानी आयीं और जब मैंने उनको बताया तो मुझसे ज्यादा वो खुश और जो बात मैं कहना चाहती थी, पर नहीं कह पायी थी रेनुआ से उन्होंने साफ़ साफ़ कह दिया,...
' अरे ये तो बड़ी अच्छी बात है, अब तेरे भाई कमल का फायदा होगया, जल्द ही जवानी का खेल खेलना शुरू करेगा तुझसे,... असली मज़ा अब आएगा। अरे सब लड़कियों औरतों की पांच दिन की मुसीबत आती है लेकिन उसके बाद मस्ती, जैसे बछिया हुड़कती है न खूंटा तोड़ने लगाती है वैसे ही यह, उसके बाद जब सांड़ चढ़ता है,... तो असली मज़ा आता है , और तुझे तो फायदा है तेरे घर में ही सांड़ है। "
मैं ध्यान से सुन रही थी,... लेकिन अब मुझसे नहीं रहा गया, मैंने पूछ लिया,...
" तो रेनू का बोली "
बाग़ में कांटे(लंड) चुभने के बाद फूल(चूत) भी जबरदस्त खिलेंगे.....bas kuch din men hi bagiya ka khel bhi shru hoga aur agala update bhi
Compound Interest के साथ...एकदम सही कहा आपने
और सूद के साथ आएगी,...
सही कहा...इस कहानी का अपडेट तो इस हफ्ते ही आएगा, लेकिन छुटकी का खासतौर से सवाल है
तो उसके लिए इन्तजार करना पड़ेगा तो, कहानी के क्रम का सवाल है,... अभी तो कबड्डी के जीतने का असर चलेगा,
ननदों का उनके भाइयों के साथ , अब वो भी आप ने कहा है फुल डिटेल में तो पहले वही।
सही है...ये दोनों कहानियां ख़तम हो जाएँ पहले। एक साथ दो कहानी पर ही काम करना मुश्किल है। फिर वर्ड कप भी चल रहा है।
Nice update,chalo ab Renu ke sath Lalia bhi ho jayegi,ek se bhali 2.रेनू और कमल- जवानी वाले खेल
" बचपन में तो बचपन वाले खेल होते हैं और जवानी चढ़ने पर जवानी वाले खेल शुरू हो जाते हैं, हमको अभी तक याद है, रेनुआ के पहले जब भरभरा के खून निकला था, चार साल से ऊपर हो गए,... वो घबड़ा के मेरे पास आयी, ... पहले तो मुझको हंसी आयी, फिर मैने समझाया, एक एक बात की अब हर महीने होगा, मतलब की अब तुम जवान हो गयी हो, मेरी और अपनी माँ की तरह हो गयी हो,... क्या करना है, क्या नहीं उन पांच दिनों में.
तबतक मेरी जेठानी आयीं, रेनू क महतारी और जब मैंने उनको बताया तो मुझसे ज्यादा वो खुश और जो बात मैं कहना चाहती थी, पर नहीं कह पायी थी रेनुआ से उन्होंने साफ़ साफ़ कह दिया,...
' अरे ये तो बड़ी अच्छी बात है, अब तेरे भाई कमल का फायदा होगया, जल्द ही जवानी का खेल खेलना शुरू करेगा तुझसे,... असली मज़ा अब आएगा। अरे सब लड़कियों औरतों की पांच दिन की मुसीबत आती है लेकिन उसके बाद मस्ती, जैसे बछिया हुड़कती है न खूंटा तोड़ने लगाती है वैसे ही यह, उसके बाद जब सांड़ चढ़ता है,... तो असली मज़ा आता है , और तुझे तो फायदा है तेरे घर में ही सांड़ है। अरे ये खून खच्चर तो अच्छी बात है, समझ ले बछिया अब हुड़कने लगी, खूंटा तोड़ाने लगी. बस अब सांड़ आके चढ़ेगा जल्द ही, कभी भी किसी भी दिन. लेकिन सोच तू कित्ती खुशकिस्मत है, गाँव का सबसे तगड़ा सांड़ घर में ही है, मेरा दुलरुआ, ...तुझे चाहता भी कितना है। और तुझे का करना है, बछिया कुछ करती है का. जो करता है सांड़ करता है, तो बस वही होगा,... तू तो बस मजे लेना,..."
मैं ध्यान से सुन रही थी,... लेकिन अब मुझसे नहीं रहा गया, मैंने पूछ लिया,...
" तो रेनू का बोली "
रेनू की चाची ने जवाब दिया,... हँसते हुए,
" बोलती का, थोड़ा सा लजा गयी. गाँव की लड़की खेत खलिहान, बछिया सांड़, गाँव में रतजगा, सब को अच्छी तरह से मालूम होता है जवान होने पे का हो होगा, और अब उसे मालूम पड़ गया था, जवान हो गयी है, उसकी चाची, माँ दोनों ने बात एकदम साफ साफ बता दी थी, घर में वैसे भी कोई रोकटोक नहीं थी, हम जेठानी देवरानी के बीच में एक ठो बिटिया।
लेकिन हम और हमारी जेठानी तो इशारे में समझाये, उसी समय कलावतिया आ गयी, कितने साल से हमारे यहाँ काम करती थी, रेनूआ को बचपन से खिलाती थी, पक्की छिनार असल भोंसड़ी वाली,... एकदम खुली।
जब उसे पता चला, मेरी जेठानी रेनू की माँ ने ही बताया तो वो एकदम साफ साफ़ , रेनू की कच्ची अमिया दबाते बोली,
"अब तेरा भाई इसे दबा दबा के, बड़ा करेगा, और अभी तो कुछ दर्द नहीं हुआ है असल तो तब होगा जब तेरा भाई पेलेगा, फाड़ेगा,... तेरी चुनमुनिया, तब का खून खच्चर असली होगा। अभी से रोज कडुआ तेल लगाना शुरू करो , बल्कि मैं ही लगा दूंगी तोहार भौजाई हूँ। अब तो मजा आएगा, जब गचागच जाएगा तोहरी बुरिया में. झांट वांट साफ़ करके रखना, पांच दिन बीत जाने दो, ये खून खच्चर वाले, जउने दिन बाल धोओगी, अगले दिन से मैं आके सबेरे तोहार फ्राक उठाय के यही देखूंगी बुर महरानी मलाई खायी की नहीं। अंगूरी उँगरी मत करना। हमार देवर नंबरी चोदू है, घबड़ाना मत, रोज सबरे साम कडुआ तेल, नहीं तो हम ही मालिश कर देंगे,... दुनो फांक के बीच टप टप दस बूँद कडुआ तेल क."
मैं और रेनू की चाची दोनों हँसते रहे, फिर मैंने कहा लेकिन कमल का भी तो मन,...
पर मेरी बात काटते हुए,... रेनू की चाची बोलीं,
" अरे वो तो कबे से उधराया था,... चुम्मा ले लेता था, रेनू की अमिया भी जबरदस्त आ रही थीं, रंग भी उजरिया अस,... तो गाँव के लौंडे भी उसे देख के गाते,
' हमरे गाँव वाली गोरिया जब जवान होई तब हमरा गंगा स्नान होई। ' तो कमल कैसे,... फिर उसका भी हाथ पैर अच्छा निकला था कड़ियल जवान, ... जिस उमर में रेनू के खून खच्चर हुआ, उसी उमर से कमल भी चालू हो गया था,... घर में अक्सर हम जेठान देवरानी, और हम से ज्यादा हमारी जेठानी उसको मन बढ़ की थीं, यह उमर में चोदा चोदी नहीं करेगा तब कब करेगा,... सीख सीख के पक्का होगा।
वो तो रेनू के पीछे पहले से ही, लेकिन मैंने समझा दिया था की पहले उसको खून खच्चर होने दो,...एक बार माहवारी शुरू हो जाने दो उसके बाद तो कउनो मना नहीं करेगा, जो मन करेगा करना,... लेकिन बहिन है तो थोड़ा सम्हार के " "
फिर अचानक वो चुप हो गयीं एकदम उदास,... और मैं समझ गयी उनका दर्द, बच्चा एक खिलौने के लिए जिद्द कर रहा हो, वो उसे मिल भी जाये, लेकिन उससे खेल न पाए,... फिर थोड़ा सा गुस्सा और उन्होंने सब कुछ उगल दिया,...
" वही पटवारी की बिटिया, ललिया,... मुँहझौंसी, कुल बोरन कुल आग लगाई,... रेनुआ के साथ पढ़ती थी, समौरिया,... पक्की सहेली,,... जोबन उसके भी गदरा रहे थे, चूत में आग लगी रहती थी,... और आती भी तब जब रेनुआ नहीं होती, और कमल होता,... मैं समझती नहीं थी का, की असल में रेनू से दोस्ती ही उसने कमलवा के चक्कर में की है,... लेकिन मुझे क्या,... जानबूझ के जब वो आती थी तो मैं कभी बाहर,...
अपनी तरफ से कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे...सब कुछ व्यूज कमेंट्स और लाइक्स पर निर्भर करता है।