अभी तो इतने साल बाद जीत का स्वाद चखने को मिला...मस्ती की पाठशाला
नंदों की
थोड़ी देर में बाकी जेठानियाँ भी आ गयीं,... चननिया ने मना कर दिया था कुछ काम था, मंजू भाभी भी नहीं आ रही थी, रमजानिया भी थोड़ी देर में चली जाती लेकिन ६-७ और दस बजने के पहले आ गयीं।
दस बजते बजते १८-२० भाभियाँ आ गयीं, कल की कबड्डी टीम वाली मंजू भाभी और चननिया को छोड़ के बाकी सब ८ लोग थीं, दूबे भाभी भी दस बजे के पहले आ गयी थीं, रामजानिया को जाना था लेकिन साढ़े ग्यारह बजे, पर कल कबड्डी की बाद की मस्ती के चलते और भी, सब की सब मेरी जेठानियाँ ही, रानो, कामिनी, निम्मी सब मुझसे चार से सात आठ साल तक बड़ी थी, दो चार और आने वाली थीं, और दूबे भाभी ने सबको काम पकड़ा दिया, ननदों के आने के बाद चार काम था,
पहला था, उन्हें सुई लगवाने का जो काम मेरे अरे चमेलिया के जिम्मे,
मोहिनी भाभी और रमजनिया मिल के ठंडाई पिलातीं जिसमें रमजानिया की लायी जड़ी बूटी पड़ी थी जो आधे एक घण्टे में उन्हें लंड के लिए पागल कर देती थी, वैसे भी होलिका माई के भभूत का असर तो सब पर था ही,..
तीसरा काम था बिलिया में तेल डालने का, .... वैसे तो ऊँगली में तेल लगा के अंदर तक या बुर फैला के डाल देते लेकिन करीब दर्जन भर तो ऐसी थीं जिनकी आज फटनी थी,... तो एक जो मशीन में तेल डालते हैं कुप्पी ऐसी, पतला सा नोजल बस वैसे ही, वो दो चार दूबे भाभी ने इंतजाम किया था,... और उसमें शुद्ध कडुवा तेल, जो कस कस के छरछराये परपराये, और नोजल से अंदर ही पड़े यानी बाहर का हिस्सा तेल से हल्का ही गीला ही,... लेकिन वो तेल ऐसा नहीं था, उसमें भी रामजनिया की करामात थी, ... ऐसी जड़ी बूटियां, जो एक तो फटी चूत को भी टाइट कर दें, कुँवारी ऐसी, दूसरे थोड़ी देर में हजार चींटियां एक साथ काटती नंदों की बुर में और वो लंड की मलाई से ही ठीक होती, तेल लगाने का काम दूबे भाभी ने रानो और निम्मी को पकड़ा दिया।
और सबसे कठिन काम था नंदों को समझाने का अपने सगे भाई के खूंटे पर चढ़ने का,... और ये काम दूबे भाभी ने अपने जिम्मे लिया था उनके साथ ठकुराइन भौजी जो दूबे भाभी की उम्र की ही थीं उनके जिम्मे,...
चुदी चुदाई ननदें तो अपने आप ही लंड पे,चढ़ने के लिए बेकरार थीं
लेकिन परेशानी थी जो दर्जन भर बारी कुँवारी थी,... उनकी फड़वाने की
और उनको भी तीन जोड़ी भाभियों में बाँट दिया गया,...
मेरे हिस्से में रेनू, कम्मो, रूपा और लीना पड़ीं। और देवर हमारे थे तो खाली नंदे थोड़ी मजा लेतीं, तो दो एकदम कुंवारे और दो सबसे लम्बू मोटू पे मैंने निशान लगा दिया था, उसके बाद जिस देवर की मर्जी हो,... आज न तो देवर मना कर सकता था न भाभी। और मैं तो होलिका माई की उतरन पहनी थी , मैं जो सोचती चाहती, देवर ननद जो सामने होता वो भी उसी तरह सोचने लगता, ...
लेकिन तब भी मेरी परेशानी सिर्फ एक थी, और इच्छा भी एक ही थी,... परेशानी थी रेनू आएगी की नहीं,... कल मैंने उसकी चाची को पक्का वादा किया थी की उनकी भतीजी की झिल्ली उनका बेटा ही फाड़ेगा, और हचक के और गाँड़ भी मारेगा, और मैंने वादा तो नहीं किया था लेकिन अपने से तय कर लिया था की रेनू के भाई से, कमल से एक दो और कुँवारी की झिल्ली भी फड़वाउंगी और जो कच्ची उमर वाली नंदे उछल रही थीं उस पर भी उसे चढ़ाउंगी, ... नैना ने बोला था वैसा रफ और वाइल्ड सेक्स वाला कोई है नहीं लेकिन सवाल ये था की रेनू आ जाए, अगर उसे जरा भी अंदाजा लग जाएगा की आज उसका भाई उसकी कच्ची चूत फाड़ेगा तो वो आएगी नहीं ,
अभी दस नहीं बजा था लेकिन चंदा दिखी, वही कल कबड्डी में जिसके एक पैर में मोच लग गयी थी और कल उसकी जरा भी रगड़ाई नहीं हुयी थी बल्कि, चननिया, और दूबे भौजी ने मिल के उसके पैरों पे जड़ी बूटी लगाई, पैरों में पट्टी बाँधी,... बहुत ख्याल किया,... चंदा ने किसको किसको अपने ऊपर चढ़वाया था कहना मुश्किल था, नहीं शब्द वो जानती नहीं थी, लेकिन फायदा ये था की सब लड़को लड़कियों दोनों में बहुत ही पॉपुलर,...
रज्जो भाभी ने उसको ही काम पकड़ाया था रेनू को लाने का,... चंदा के साथ ही रेनू भी थी, मीना भी थी और एक दो लड़कियां और,... मैंने चैन की साँस ली, ... चंदा ने रेनू की ओर इशारा करके दूर से ही आँख मारी और मैंने मुस्कराकर जवाब दिया ,
और रेनू के आते ही उससे अँकवार भर के मिली,...
" अरे आज तक मोटी सुई नहीं लगवाई हो तो पतली वाली तो लगवा लो ,"
मैंने छेड़ा और आशा बहू ने अंतरा की पहली सूई लगा के शुरुआत की,... अब तीन महीने तक पाने भाई कमल से दिन रात चुदवाये, पेट नहीं फूलना था,... मैंने और चंदा ने उसका हाथ पकड़ा, और मोहिनी भाभी ने जड़ी मिली ठंडाई का ग्लास पकड़ा दिया।
वो ठंडाई सुड़क रही थी और मैं चिढ़ा रही थी,
" अरे निचले होंठों से भी आज घोंटना पड़ेगा'
" अरे भाभी मैं तो कबसे,... आप को मना थोड़े ही कर रही हूँ , आपके मुंह में गुड़ घी। लेकिन मेरा वो भाई, उसके साथ,... " उसने हँसते हुए अपनी परेशानी बतायी,
" अरे यार आज उसको भी देख लुंगी लेकिन तेरा भरतपुर आज लुट के रहेगा, ... बस तू मना मत करना, रो सकती हो चीख चिल्ला सकती हो " मैंने उसके गाल पे चिकोटी काटते, हुए चिढ़ाया।
तभी मुझे बेला दिखी,...
रज्जो भाभी के साथ और मैं खुश. मेरी इच्छा पूरी हुयी आज उसकी मुझे चुन्नू से फड़वानी थी, सारी नन्दो में सबसे कोमल सुकवार यही थी,... गोरी इतनी की छूने पर मैली हो जाए, दूध में कोई दो थोड़ा सा ईंगुर डाल दे तो रंग वैसा, हँसे तो दूध मखाने की तरह, जोबन बस अभी आ ही रहे थे, लेकिन देखने वालों की नज़र से छुप नहीं सकते थे,.. उसे मुझे लड़कों की नजर से बचा के रखना था, लेकिन मैं आज खुद उसका रस लिए बिना छोड़ने वाली नहीं थी.
और उस पर तो मेरे देवर चुन्नू का नाम लिखा था, उम्र में उससे थोड़ा ही बड़ा, उतना ही शर्मीला, लेकिन पम्प चलने लगा था दो दिन पहले मैंने चला के पानी निकाल के देखा था, अच्छा खासा गाढ़ा और कल होली खेलने के नाम पर उस पर चढ़ के उसे चोद भी दिया था और उसे चुदाई सिखा भी दी थी, लेकिन होली की आशीष मैंने उसे दे दी थी,फिर तो बस घंटे दो घण्टे में ये मेरी ननद, कच्ची कली हम लोगों की बिरादरी में आ जाती,... उसके आते ही मैंने उसे गपुच लिया और सीने से लगा लिया, अपने बड़े बड़े जोबन उसकी जस्ट आती कच्ची अमिया दबायी, एक हाथ से छोटे छोटे लौंडे टाइप चूतड़ को सहलाया और कस के होंठों से उसके होंठों को चूम के सीधे आशा बहू के पास अंतरा सुई लगवाने, और उन्होंने छेड़ा,
" अभी तो मोट मोट अपने भाई लोगन क सुई लगवानी होगी, इससे काहें डर रही हो,... "
बेला पूछ भी पाती की काहें की सुई है, आशा बहू की सहेली जो उनसे भी चार हाथ आगे थी, समझाते बोली, हाथ पकड़ के
" अरे पेट क पक्का इलाज है तीन महीना का, कुछ भी खाओगी, दिन में चार बार बार पांच बार जब जब मन करे,... न पेट फूलेगा, न उलटी आएगी "
आशा बहू ने इंजेक्शन लगा दिया तो उनकी सहेली ने बेला की स्कर्ट के अंदर हाथ डाल के उसकी चुनमुनिया रगड़ते अब साफ़ साफ़ समझाया,...
" इस वाले मुंह में, अब घोंटना शुरू कर दो लम्बा मोटा अपने भाइयों का खूंटा , बिना किसी डर के न पेट फूलेगा, न उलटी आएगी,... "
जब तक बेला कुछ समझती मैं उसे खींच के रामजानिया के पास, जहाँ डबल डोज भांग वाली ठंडाई में रमजनिया ने अपनी जड़ी बूटी मिला के जबरदस्त , दो घूँट ही काफी होता,... पीने के बाद कुल लाज शरम गायब और चूत में ऐसी आग लगती की अगर सगा भाई भी सामने हो तो उसे पटक के चोद देगी।
और मैंने अपने हाथ से,... अरे एक भाभी के हाथ से, कह के बेला को डबल डोज घोंटा दी, आज उसे मेरे बहुत देवरों का लंड घोंटना होगा, ... और मैं भी रस लूंगी,...
फिर भी भौजाइयां इस जीत का सूद समेत वसूली करने के बजाय दाएं-बाएं हो रही हैं...
बेला तो किसी अंगूर के बेल की तरह नरम..मुलायम और मीठी है...
तो लोग इससे लिपटें या ये लोगों से ...
अरमान तो फनफना के जागेंगे....