कोई दया.. माया नहीं...
केवल चुदाई...
कोई दया.. माया नहीं...
निःशब्द...आपकी इन पंक्तियों की जितनी तारीफ़ की जाए वो कम है. एक एक अक्षर, एक एक शब्द चुन चुन कर, आप जौहरी हैं शब्दों की और यह लाइने शिरोधार्य है, कहानी की ' भैया बहिनिया' वाली हर पोस्ट के शीर्ष पर, उन्हें सम्मान देते हुए
अपना साथ, सहयोग बनाये रखिये,
जिस तरह से पूरी इन पोस्टों की भावनाएं आपने इन लाइनों में कही, इसके बाद कुछ कहने को बचता नहीं
सचमुच ... लाजवाब...Arushi ji ka jawab nahi
mast update komal ji, lekin thodi kami reh gyi, renu or kamal ke bich me baad me kuch baten honi chahiye thi, renu is doran bilkul chup rahi. Direct speech ki kami khali thodiहो गया खून खच्चर
फाड़ दी भाई ने बहिनिया की झिल्ली
अपनी कुंवारी बहनों को कली से फूल बनायेंगे,आँखों पर बांध के पट्टी आज अपनी बहन को भोगेंगे
एक बार जो फट गई झिल्ली हचक हचक के चोदेंगे,जिन हाथों पर बांधी राखी वो अपना फ़र्ज़ निभाएंगे
आरुषि जी
मैं अपने देवर के पीछे खड़ी हो गयी, मेरे जोबन बरछी की नोक की तरह उसकी पीठ में छेद कर रहे थे, उसके गाल को सहलाते हुए मैंने छेड़ कर कहा,
"अब मार दो तीर दिखा दो आज भौजी की अपनी ताकत, पट्टी आँख की खोल रही हूँ लेकिन आँख बंद ही रखना,... एकदम मस्त कच्ची कली है ये,... "
और मैंने कमल के आँख की पट्टी खोल दी,... और चमेलिया को भी इशारा किया की अब कमल की बहिनिया रेनू के मुंह पर से हाथ हटा ले हाँ पट्टी न खोले और दोनों कंधे कस के दबोच ले,...
उह्ह्ह्ह नहीं ओफ़्फ़्फ़्फ़ उह्ह्ह्हह्ह जान गईइइइइइइइ नाहीइइइइइइइ
रेनू की चीखें बाग़ से निकल के पूरे गाँव में गूँज रही थीं उसके घर तक पहुंच रही थीं,...
मैंने और चमेलिया ने अपनी ननद को कस के दबोच रखा था,...
नैना की बात एकदम सही थी , कमल को जोश लड़की के दर्द से चीखें सुन के दस गुना बढ़ जाता था, उसके चेहरे से खुशी झलक रही थी और चीखों से उसको एकदम अंदाजा नहीं लग पाया की वो अपनी बहन की फाड़ रहा है, ... उसने पक्के चुदककड़ की तरह लंड थोड़ा बाहर खींचा, बस थोड़ा सा सुपाड़ा फंसा था और फिर एकदम जबरदस्त ताकत से ठोंक दिया, कस के दोनों चूँचियाँ दबा रखी थीं, रेनू जरा भी हिल नहीं सकती थी,...
ओह्ह्ह नही नहीं उफ्फ्फ्फ़ रेनू की चीखें कान फाड़ रही थीं
झिल्ली फट गयी थी, निहुरि हुयी रेनू के बिल से बूँद बूँद खून रिस रहा था, कमल के खूंटे में भी हल्का सा लगा,...
और इसका अहसास दोनों को हो रहा था बिना देखे,... लेकिन मान गयी कमल को मैं, ... वो जरा भी धीमा नहीं हुआ बल्कि एक बार फिर उसने सुपाड़ा थोड़ा सा पीछे खींचा और रेनू की जस्ट फटी चूत में जहाँ झिल्ली फटी थी वही बार बार रगड़ते दरेरते,... जहाँ अभी अभी चोट लगी हो, वहीँ कोई रगड़े, ... लेकिन मैं सोच रही थी कर तो सही रहा है जिस दिन लड़की दर्द में मजा लेने लगती हैं उस दिन असली चुदवासी बनती है, ... और कुछ देर में ही चीखे धीमी हो गयीं, बस कमल ने एक बार फिर से लंड जरा सा पीछे खींच के पूरी ताकत से,... अबकी आधा से ज्यादा घुस गया,... ४-५ इंच, और अब वो ह्च्चक ह्च्चक के चोद रहा था,...
चमेलिया ने मेरी ओर देखा मैंने इशारा किया और पर्दा हट गया, रेनू के आँख की पट्टी भी खुल गयी,... और रेनू ने मुड़ के देखा और जोर से चिल्लाई,
"कमल, भैया, तू,..."
और कमल ने भी आँखे खोल दी, उसको भी विशवास नहीं हुआ की उसकी बहन, जिसके लिए सालों से वो तड़प रहा था आज उसके नीचे खुद निहुरी हुयी उसका लंड घोंट रही थी,...
बस उसने थोड़ा सा लंड पीछे खींच के, क्या ताकत थी दो चार धक्को में पूरा खूंटा अंदर और सुपाड़ा उसकी बच्चेदानी पे पूरी ताकत से ठोकर मार रहा था, और उसका असर उसकी बहन रेनू पे हुआ,...
दर्द भरी चीखें मस्त सिसकियों में बदलीं रेनू की चूत उसके भाई के लंड को पकड़ के सिकोड़ निचोड़ रही थी,... और रेनू झड़ने लगी, रूकती फिर झड़ती,
कौन लड़की अपना पहली बार झड़ना भूल सकती है, उसके चेहरे का सुख मजा देखते ही बनता था, मैंने और चमेलिया दोनों ने अब उसे छोड़ दिया था,...
जब उसका झड़ना रुका तो मैंने चिढ़ाया,
काहें भाइचोद ननद, मज़ा आया मेरे देवर से फड़वा के
लेकिन ननद कौन जो भौजाई की बात क जवाब न दे, और दर्द के बावजूद रेनुवा खिस्स से मुस्करा दी और पट्ट से पक्की छिनार ननद की तरह बोली,...
" अरे भौजी देवर तो आपका उस दिन हुआ जिस दिन आप गौने उतरीं, लेकिन भइया तो मेरा उस दिन हो गया जिस मैं इस जमीन पे माँ के पेट से उतरी। "
कमल भी हलके हलके मुस्करा रहा था, एक बार मैं फिर अपने देवर के पीछे खड़ी अपने जोबन उसके पीठ पे गड़ाती रगड़ाती कान में फुसफुसाती बोली,
" देवर जी तुझे अपनी कुँवारी बारी ननद दिलवाई है, मेरा नेग होता है,... "
" एकदम भौजी जो कहिये, " वो भी हलके से बोला,...
" इस माल की कसी गाँड़ भी फाड़ी जानी चाहिए वो भी आज ही, मेरे सामने और दूसरी बात आज से अपनी रखैल बना के रखना एकदम खुल्लम खुल्ला,... जितनी गौने में उतरी दुल्हन रोज रात पेली जाती है उससे भी ज्यादा,... "
अब एक बार फिर फिर से रेनू के बिल में धक्का मारते हुए वो बोला, " अरे भौजी ये तो आपने आसिष दे दिया, हुकुम थोड़ी,... एकदम ऐसे ही होगा और आगे से जो आप कहेंगी सब कुछ,... "
एक बार धक्के फिर से चालू हो गए लइकन अब साथ में प्यार दुलार भी, कभी झुक के वो अपनी बहन के गाल चूम लेता तो कभी देर तक उसके दोनों उभार मसलता सहलाता,... निप पकड़ के पुल करता, बड़ी उमर की औरतों को चोद चोद कर सारे गुन ढंग वो सीख गया था, औजार तो जबरदस्त था ही।
दस पन्दरह मिनट बाद जब रेनू तीसरी बार झड़ी तो साथ में उसका भाई कमल भी अपनी बहन की चूत में देर तक मलाई छोड़ता रहा,
एक बार दोनों को चूम के मैं उन दोनों को चमेलिया के हवाले कर दूसरी ओर चली गयी।
Hot update komal ji lekin wahin thodi kami hai sanvad ki , bela or chunnu ke bich me sab ho gya but baaten nhi hui, sirf bhabhi hi bol rahi haiफट गयी कच्ची कोरी बहिनिया की
चुन्नू ने फाड़ी बेला की
कुछ नीलू की जीभ का असर कुछ दूबे भाभी के असली शिलाजीत वाले लड्डू का असर, मेरा हाईस्कूल वाला देवर जिसकी कल ही मैंने नथ उतारी थी वो भी जबरदस्ती, ऑलमोस्ट रेप कर के, वो पूरा सांड़ हो रहा था बेताब बहन चोदने के लिए
इधर बेला भी गीली थी, मुझसे नहीं रहा गया, मेरे होंठ बेला के निचले होंठों के साथ और दो तीन मिनट में ही तो तड़पने लगी, भाभी झाड़ दो न , प्लीज भाभी बहुत मन कर रहा है '
" अरे तेरे भाई है न इत्ते दिन से राखी बाँध रही है आज राखी की फ़ीस वसूल कर,... " मैंने चिढ़ाया,..
और थोड़ी देर में बेला की टाँगे उठी हुयी थीं, चुन्नू के कन्धों पर और चुन्नू उसके अदंर,
और सुगना भौजाई चिढ़ा रही थी,
" हे देवर जी जल्दी से अपनी बहिनिया की झिल्ली फाड़ो वरना हम सब तेरी गाँड़ यहीं मार लेंगीं। "
परेशानी उस स्साले मेरे देवर में बस यही थी जो ऐसे सीधे साधे भोले लड़कों में होती है, ...." कहीं लड़की को दर्द न हो, "
मैंने बेला को देख के हलके से आँख मारी, दर्द से बिचारी की हालत खराब थी लेकिन थी वो समझदार, समझ गयी मेरी बात की अब बात आगे बढ़ाने के लिए उसे भी कुछ करना पडेगा। आग तो उसकी कच्ची चूत में भी कस के लगी थी, पहले तो होलिका माई के भभूत का असर, दूसरे भांग वाली ठंडाई और उसमें रमजनिया की जड़ी बूटी, फिर दो दो भाभियों ने मिल के जो उसे गरम किया था चार बार झाड़ने के कगार पर ले जा कर छोड़ दिया
और सबसे बढ़ कर वो देख रही थी जो लड़कियां उमर में उससे बारी, जिनका महीने वाला खून खच्चर उसके बहुत बाद शुरू हुआ था, वो भी रो गा कर घोंट चुकी थीं, और अब सेकेण्ड राउंड की तैयारी कर रही थीं,...
और उसे भी मालूम था की चुन्नू का मन तो तो करता है चुपके चुपके उसकी कच्ची अमिया देख के ललचाता था पर जब वो कुछ बोलती तो बात बदल देता,...
बेला मुस्करायी, हलके से उसने खुद अपना चूतड़ उचकाया और आने वाले धक्के का इन्तजार करते हुए बगीचे के जमीन की घास कस के दोनों हाथों से पकड़ लिया,...
मैंने अपने देवर चुन्नू के पिछवाड़े की दरार पर अपनी दो उँगलियाँ रख के सहलाते हुए साफ़ साफ उसे बोल दिया,
" हे देवर जी. मेरा नाम न डुबाओ। हमार देवर हो हमार कसम, अगले धक्के में फाड़ दो बेलवा की, मारो पूरे ताकत से धक्का, वरना तोहार गाँड़ मार लेंगे। "
कुछ मेरी बात का असर, कुछ बेला की मुस्कान और नीचे से चूतड़ उचकाने का, और कुछ थोड़ी देर पहले नीलू ने जो उसे चुदाई का पाठ पढ़ाया था,... चुन्नू ने थोड़ा बाहर निकाला, अपनी आंख बंद की और मार दिया धक्का,...
बेला ने आँखे बंद कर ली, होंठ भींच लिए वो बूँद बूँद कर दर्द पी रही थी,
एक धक्का और, ... मैं उकसा रही थी, ...
पेल कस के जोर से पेल स्साले, ... बाकी भौजाइयां भी चिल्ला रही थीं,...सबसे तेज सुगना भौजी
बेला एकदम दुहरी, टाँगे उसकी अपने भाई के कंधे पर, जिन हाथों में वो हर साल राखी बांधती थी वो पूरी ताकत से उसकी कमर को पकड़े धक्के पर धक्का , बिना रुके,...
और घास उखड़ कर बेला के हाथ में आ गयी, दर्द से माथे पर पसीना चुहचुड़ा आया, दो चार बूंदे खून की टपक कर धीरे धीरे बाहर,...
बेला अब हम सबकी बिरादरी में आगयी थी और चुन्नू भी असल मरद बन गया था एक कच्ची कली की झिल्ली उसने फाड् दी थी,...
बेला के मुंह से हलकी सी चीख निकल पड़ी और चुन्नू रुक गया, लेकिन बेला उसे देख कर मुस्करा पड़ी,... इसी दर्द का तो हर लड़की को इन्तजार रहता है
कुछ मैंने कुछ नीलू ने उसे खेल तमाशा तो सीखा दी दिया और कुछ सिखाने की जरूरत नहीं पड़ती, बहन के जिन कच्चे टिकोरों को देखकर उसका तन्नाता था आज उसके सामने थे एकदम खुले, थाली में रखे लड्डू, बस उस नदीदे ने अपने दोनों हाथ लगा दिए, ... फिर एक हाथ से अपनी बहन की कलाई पकड़ी एक कच्ची अमिया का भोग चुन्नू के होंठ लगा रहे थे दूसरे पर चुन्नू का हाथ,...
मस्ती से बेला ने आँखे बंद कर ली,... और चुन्नू ने झुक के बहन को चूम लिया,... रिश्तों में बदलाव पूरा हो गया था,...
लेकिन घुसा अभी भी आधा ही था,...
मैंने चुन्नू की पीठ सहलाते हुए उसे उकसाया, ... अबे बाकी का किसके लिए बचा रखा है, तेरी तो और कोई बहन भी नहीं है, पेल पूरा कस के बहनचोद,...
बस इतना कहना था की चुन्नू ने एक बार फिर से बेला की टाँगे अपने कंधे पर सेट की एक हाथ से उसका छोटा छोटा जोबन पकड़ा और दूसरे से कमर फिर पूरी ताकत से पेल दिया, थोड़ी देर में ही पेल गाड़ी चालू हो गयी थी, भाई बहन की,...
बेला के चूतड़ के नीचे जो मिट्टी के ढेले थे,... एकदम चूर चूर होकर धूल बन गए,...बीस चालीस धक्कों के बाद
और बेला की आँखे बंद हो गयीं, उसकी देह काँप रही थी, खूंटा उसके भाई का पूरा घुसा था, ... मैंने चुन्नू के पीठ पर हाथ रख कर इशारा किया थोड़ा रुक जाए , पहली बार बेला झड़ रही थी अपने भाई का लंड घोंट के उसे इन पलों का मजा लेने दे,
कुछ देर में बेला की जब साँसे लौंटी तो उसने चुन्नू को एक पल के लिए देखा, फिर जैसे शर्मा के आँखे बंद कर ली,... लाज से चेहरा उसका लाल हो रहा था,... चुन्नू ने झुक के उसे चूम लिया,... पहले दो चार चुम्मी झुक के गालों पे फिर होंठों को, चुम्मी धीरे धीरे चूसने में बदल गयी और अब बेला भी हलके हलके जवाब दे रही थी, होंठ सरक कर उन कच्चे टिकोरों पर पहुँच गए जिसे कुतरने के लिए वो बेताब थे, कचकचा के चुन्नू ने राखी का बदला बहन की चूँची काट के दिया,...
बेला चीख पड़ी, और चीख सिसकियों में बदल गयी,... मस्ती भरी और चुन्नू के धक्के फिर चालू हो गए, पहले से भी तेज,...
और अबकी जो बेला झड़ी तो साथ में चुन्नू भी और बिना घबड़ाये सब की सब मलाई बहन की बिल में, दोनों एक दूसरे से चिपके पड़े रहे,
एकदम खुले में चारों ओर भौजाइयां, गाँव की और लड़कियां भी,... हाँ जब दोनों अलग हुए तो एक बार फिर से बेला चुन्नू को देख कर जोर से शर्मायी और फिर उसके सीने में दुबक गयी, और भौजाइयों ने चिढ़ाना शुरू कर दिया,
" क्यों मजा आया भैया से चुदवा के, अब तो तुंहु आ गयी हो हम लोगन क बिरादरी में "
Komal ji , esa lag raha raha thoda jaldi jaldi me ho raha hai sab, thoda emotion bhi kam, aap bharpoor time lijiye but jaldi jaldi khtm mt kijiye. Planning banane me itna time liya to execution me bhi time lag jaye to koi baat nhi,मस्ती भाई बहिनियों की
बेला -चुन्नू
बेला चीख पड़ी, और चीख सिसकियों में बदल गयी,... मस्ती भरी और चुन्नू के धक्के फिर चालू हो गए, पहले से भी तेज,... और अबकी जो बेला झड़ी तो साथ में चुन्नू भी और बिना घबड़ाये सब की सब मलाई बहन की बिल में,
दोनों एक दूसरे से चिपके पड़े रहे, एकदम खुले में चारों ओर भौजाइयां, गाँव की और लड़कियां भी,...
हाँ जब दोनों अलग हुए तो एक बार फिर से बेला चुन्नू को देख कर जोर से शर्मायी और फिर उसके सीने में दुबक गयी, और भौजाइयों ने चिढ़ाना शुरू कर दिया,
" क्यों मजा आया भैया से चुदवा के, अब तो तुंहु आ गयी हो हम लोगन क बिरादरी में "
लेकिन मैं अपनी ननद की ओर से आगयी, अपनी जेठानियों के सामने,
" अरे काहें पीछे पड़ी हो, बेचारी के मजा आया तभी तो चूतड उठा उठा के घोंट रही थी,.... और एक बार में थोड़े अभी तो देखना निहुर के, कुतिया बन के,... और जब इस का भाई ही बहनचोद है तो इस बेचारी की क्या गलती,... और खाली अपने भाई से थोड़े ही, देखना अगले हफ्ते यही दिन, हम लोगों के भाई लोगन से भी ऐसे ही टांग उठा के,... चूतड़ उछाल उछाल के,... "
चुन्नू ने तबतक फुसफुसा के अपनी बहन से पूछा ,
" हे बहुत दर्द तो नहीं हुआ, "
चुन्नू का चेहरा एक बार फिर थोड़ा घबड़ाया लग रहा था लेकिन लड़कियां न, उन्हें तो दर्द घोंटना घुट्टी में पिलाया जाता है, उसे चिढ़ाते हुए बोली,
" उस समय नहीं सोचना था, ... अब तो जो होना था सो हो गया,... "
बेला के चेहरे की ख़ुशी देख के चुन्नू भी मुतमइन हो गया. और वो भी अब छेड़ने के मूड में आ गया,
" तो एक बार और हो जाए,... "
बेला भी छेड़ने के मूड में थीं, चैलेन्ज करते बोली,...
" इत्ती हिम्मत कर के तो एक बार किये हो, वो तो नयकी भौजी न होतीं तो आज भी, घबड़ाते रहते,... और ये भी तो अभी सो रहा है, "
और बिना झिझक हम सबके सामने बेला ने चुन्नु का थोड़ा सोया थोड़ा जागा खूंटा पकड़ लिया,
" अरे उसके जगाने का मंतर तो तोहरे पास है ननद रानी हमरे देवर को चुनौती मत दो "सुगना भौजी बोलीं।
लेकिन मैं अपनी ननद की ओर से आ गयी, और चुन्नू से बोली,
" हे देवर जी, दुबारा मिठाई चाहिए तो जो कीचड़ किये हो न हमारी ननद की कुंइया में जो कीचड़ डाले हो न उसको साफ़ करो '
चूत चटोरा तो इस गाँव का हर लौंडा, मरद पैदायशी होता है, बस इशारे की देर है और मेरा देवर अपनी बहन की जाँघों के बीच चुसूर चुसूर
असली खेल दूसरा था, दोनों बेलवा की रगड़ाई के लिए जरूरी था, पहली बात अंदर रबड़ी मलाई भरी रहती तो अगली बार कैसे दरेरते रगड़ते फाड़ते घुसता
कैसे मेरी ननद रानी को दर्द का असली अहसास होता, पहली बार तो चुन्नू सम्हल सम्हल के डाल रहा था अबकी तो हचक के पेलेगा,...
दूसरी बात इस चुसम चुसाई से बेलवा भी गरमा जाती और असली बात तो ये की किसी गौने की रात वाली दुल्हन से अगले दिन पूछो तो साफ़ साफ़ यही बताएगी , असली मजा तो दूसरी बार ही आया। पहली बात तो शरमा शरमी घबड़ाने में ही चला गया,...
और थोड़ी देर में ही दोनों भाई बहन 69 की मुद्रा में बेला ऊपर चढ़ के अपने भाई का लंड चूस रही थी और चुन्नू नीचे से चूत की चटाई
कुछ उमर का असर, कुछ इस गाँव के कुंए के पानी का और कुछ दूबे भाभी के असली शिलाजीत के लड्डू का, आठ दस मिनट में चुन्नू का फिर मोटा कड़ा लोहे का रॉड हो गया मजमे वाले जो बोलते हैं न खम्भे से मारो बोलेगा टनाटन, लड़का लोग समझेगा स्कूल की छुट्टी हो गयी,... बस्ता लेकर बाहर
और अब गाँव की भौजाई लोगों ने सुगना भौजी, गुलबिया, हमरे नाउन क बहुरिया,... दोनों ने पकड़ के आम का चौड़ा पेड़ पकड़ा के बेलवा को निहुरा दिया,
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उठाव चूतड़ कस के टांग फैला दो,... सुगना भाभी अपनी ननद से बोलीं,
और सुगना ने गच्चाक से एक ऊँगली में साड़ी का आंचल लपेटा और बेला की अभी अभी चुदी चूत में हचाक से पेल दिया और गोल गोल घुमा के बची खुची मलाई भी पोंछ दी,... अब एकदम सूखी,...
जैसे सांड के चढ़ने के लिए बछिया इन्तजार करती है वही हालत बेला की हो रही थी,...
और सांड़ की तरह ही उसका भाई चढ़ गया, सांड़ जैसे अगले दोनो पैरों से बछिया को दबोच लेता है उसी तरह चुन्नू ने ने दबोच लिया और एक झटके में हचक के पेल दिया अपना तन्नाया लंड अपनी बहन की कसी चूत में,...
थोड़ी देर में ही चुदाई कस के चालू हो गयी थी,भाई अपनी अबतक कच्ची कोरी उमरिया की बारी बहिनिया को चोद रहा था, हचक के, जैसे आज इस आम की भइया में भौजाइयों के सामने सब भाई अपनी अपनी बहनों को पेलेंगे
और में एक बार फिर रेनू और कमल की ओर चली आयी।मुड़ कर मैंने देखा, और मुश्किल से हंसी रोकी मैंने,
गुलबिया के साथ भरौटी की भी दो तीन भौजाइयां गयीं थी और जम कर चुन्नू को लुहकार रही थीं, चिढ़ा रही थीं, चुन्नू को गरिया रही थीं,...
और वो भी मजे लेता हुआ आम के बाग़ में कस कस के सब भौजाइयों के सामने अपनी बहन को पूरी ताकत से पेल रहा था,
बेला कभी चीखती कभी सिसकती, कभी मजे ले ले के चूतड़ पीछे कर धक्के का जवाब धक्के से देती,...
सही है, मैंने सोचा,.. कल सुबह जबरदस्ती इस चुन्नू की मैंने होली खेलने के साथ नथ उतारी,... और आज एकदम पक्का चुदक्कड़,
थोड़ी देर में मैं बाग़ के उस कोने में थी जहाँ घंटे भर पहले मैं रेनू और कमल, को छोड़ के गयी थी।
While using google translator..it came like this and i missed it too. Thanks for pointing it.आप पुरुष हैं या स्त्री????