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क्या बात है जबरदस्त लाइनेचुन्नू को चुना..
भौजाइयों ने ताना-बाना बुना...
बेला की कच्ची जवानी..
तरसे चुन्नू का गाढ़ा पानी..
क्या बात है जबरदस्त लाइनेचुन्नू को चुना..
भौजाइयों ने ताना-बाना बुना...
बेला की कच्ची जवानी..
तरसे चुन्नू का गाढ़ा पानी..
एकदम सही कहा आपनेलगता है कि इतने दिन का कोर-कसर कमल दिन-रात लग कर निकालेगा....
देवर तैयार है अपनी कूंची और सफ़ेद रंग का डिब्बा लिएसही कहा .. खाका तो पूरा खींच दिया..
बस अब रंग भरना बाकी है...
जब जागो तभी सबेरा और रेनू अभी तो इंटर में गयी ही है इसलिए इतना देर नहीं हुयी हाँ प्राइम टाइम की बात आपकी एकदम सही है, उसी के साथ की नीलू और लीला सेंचुरी लगा रही हैं और वो अभी डेब्यू कर रही है।इस ललिया ने रेनुआ के प्राइम टाइम का कबाड़ा कर दिया...
लेकिन अभी भी कुछ बिगड़ा नहीं....
एकदम, ननदें तो गर्मायी हुईं है, और जानती हैं की सीधे से नहीं तो जबरदस्ती भौजाइयां उन्हें उनके सगे भाइयों के खूंटे पर बैठा के रहेंगी।उफ्फ .. दोनों एक दूसरे से अंजान...
आँखों पे पट्टी...
और एक निहुरी हुई....
लेकिन ये तो बस पल दो पल की बात है...
और जब पट्टी हटेगी...
तो भाई-बहन एक दूसरे की आँखों में झांकते हुए खुशी का इजहार...
और उसके बाद तो...
एकदम सही कहा आपनेकमल की तो खुशी का ठिकाना न होगा...
अभी तो कच्ची कली का अरमान...
बहन के भोगने से पूरा होगा...
जो इतने दिन तक बची रही... वो गली अब उसकी हो गई...
अगले पार्ट का इन्तजार कीजिये पिछले छेद के लिए।ओह्ह्ह... एक हीं दिन में दोनों छेद...
आगे कोई चिकनाई लगी या नहीं... ये तो पता नहीं...
लेकिन पीछे वाला तो बिना चिकनाई के...
बहुत मुश्किल होगा और रेनुआ तो लगता है कि एक बार फिर कहीं हदस न जाए....
और यहाँ भी बेला ही ज्यादा जोश में थी, बिना हिचकभौजाई और निलुआ से ट्रेंड देवर...
अब तो बेला के बेल का मामला बिना तेल के फिट हो गया..
कबड्डी की तरह यहाँ भी भाभियाँ....
देवरों को जोश दिला रही हैं....
लेकिन वहाँ मैदान से बाहर वाली भाभियाँ थीं...
यहाँ मैदान के अंदर...
सारी ननदें हिम्मती हैं बस थोड़ी बहुत झिझक लाज तो वो कब्बडी और कबड्डी के बाद हुयी मस्ती में एकदम खुल गयी थी ननद और भौजाइयों के बीचबेला की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी..
आखिर चुन्नू को उकसा कर और दर्द सहकर भी...
सिसकते हुए घोंट हीं लिया दुबारा...
एकदम सही कहा आपनेकोई दया.. माया नहीं...
केवल चुदाई...