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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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रोम रोम उठ खड़ा होता है...so many thanks aise comments story ko encourage karte hain.
सूद-ब्याज सहित....एकदम चार साल का उधार जो चुकता करना है दोनों को।
संतरा एक बार छिल गया फिर किसने कितनी बार और कहाँ कहाँ खाए.. कोई गिनती नहीं...इस गाँव में वो है नहीं,पटवारी कहीं और किसी दूर के गाँव में नाप जोख कर रहे हैं।
जीत का विशेष आयोजन है...एक एक अपडेट रस से भरपूर..... वो कहावत है ना 'दिन में भैया और रात में सैंया'.... यहाँ तो दिनदहाड़े सब भैया अपनी बहिनी के सैंया बन रहे..... अब तो भैया लोग घर से बाहर ना निकले कभी
दिलदार और बिलदार...Ekdam sahi kaha aapne, aisi udar dildaar bahnen ho to Bhai bahar kyon time waste karen. aur ek baar bhabhiyon ke saamne khule aam ho jaayega to na bhaan jhjhkegi na bhai.
शायद आप गलत साईट पर हैं...कोमल मैं कहानी में एक लॉजिक रहना चाहिए जोरू के गुलाम में कहानी में समझ में नहीं आ रहा है किस तरफ जा रहा है उसे कहानी में जो सीधा है उसके साथ गलत हो रहा है जो टेढ़ा है उसके साथ सही हो रहा है और इसका क्या लॉजिक है रीनू उनकी जो साली है साली के और से कुंवारापन क्या मिलेगा शरीफ बना गलत बात है कि टेढ़ा बना गलत बात है जो कुंवारापन अपने बीवी को दिया क्या वह गलत था क्या उनके साडू भाई लोग ने जो कुंवारापन पहले ही खो दिया था कि वह सही था गुड्डी जो इनकी माल बताई जाती थी इनकी माल है या गांव सामाजिक माल है लड़की किसी के साथ हम बिस्तर नहीं होती जब तक उसका फायदा ना हो रंडी है तो पैसा लेगी अगर प्यार में लोग कुछ करते हैं तो समय और पैसा दोनों जाता है इसमें लॉजिक समझ में आता है लेकिन यह कहानी किस तरफ जा रही है यह समझ में नहीं आ रहा है अगर किसी को समझ में आ रहा है तो भाई कमेंट करके बता दो शुरू शुरू में तो सभी कहानियां अच्छी लगती थी लेकिन कोमल में जैसे-जैसे कहानी बढ़ती गई उसे वैसे दिल टूटा गया अच्छे के साथ अच्छा होता है गलत के साथ गलत होता है तब जाकर कहानी इन टेस्ट बढ़ता है और पढ़ने मजा भी आता है जैसे गुड्डी की भाभी अपने नंद को सीख रही है धंधा कैसे किया जाता है ऐसा लगता है आगे चलकर धंधा ही करना है कोमल में जैसे उनकी जेठान थी एक वह गलत थी उसके साथ गलत हुआ वहां तक कहानी पढ़ने में बहुत मजा आया था इसके आगे क्या लॉजिक है वह समझ में नहीं आ रहा है कोई अगर कमेंट पढ़ने के बाद समझ में आया हो तो मुझे कमेंट करके बता दो कहानी किस तरफ जा रही है इसमें क्या लॉजिक है आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
कहानी अपने हिसाब से लेखिका बिल्कुल सही चला रही हैं...कोमल मैं फिर भी जोरू के गुलाम के कहानी से ठीक चल रही है कहानी जिसकी माल वही होगी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
आप अपने को अंडरएस्टीमेट कर रही है...आप सब के सहयोग, प्यार और आशीर्वाद से जोरू का गुलाम कहानी के २२ लाख से ज्यादा व्यूज हो चुके हैं। वह अपनी विधा में नंबर १ पर है। और आप सब का इसी तरह सहयोग रहा तो २५ लाख जरूर पार करेगी।
अच्छी कहानी और उसके एक्जीक्यूशन के लिए कहानीकार को समय की दरकार होती है...Immediately after Xmas, most probably on the 27th and before the year ends another post on JKG. Thanks so much. This was the comment i was most eager and looking forward to, a friend asking for update. When I hover over other stories, there are many clamors for updates and lamentation, ' Ye bhi band ho gayi' and again after a few months story starts with a sputter, meanwhile, views soar.
Yes i agree the post got delayed. But next week two posts one on both stories before we bid good bye to 2023.
मुंडे-मुंडे मतिभिन्ना...Mujhe bhi ajeeb lgta hai. Other readers bina sir per ki stories pr update maangte rehte hai or aap jese writer ki kadar nhi krte. Or new saal se pehle dhamaka hona chahiye. Or i suggestion apki kisi ek story ki timeline bhi real time se match krni chahiye. Jese abhi kisi story me bhi new year or chrismas ka scene aaye. Then it may feel that story is real and parallely running somewhere.
Holi pr to apne alread esi story banayi hai baki festival or real event ko story se connect kariye.