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एकदम सही अर्थ जोड़ा आपने चौदह सेचौदह लाख पूरे होने पर बधाइयाँ..
चुदाई के नए आगाज के लिए... शुभकामनाएं
एकदम सही अर्थ जोड़ा आपने चौदह सेचौदह लाख पूरे होने पर बधाइयाँ..
चुदाई के नए आगाज के लिए... शुभकामनाएं
ब्याज भी चक्रवृद्धिसूद-ब्याज सहित....
आप अपने को अंडरएस्टीमेट कर रही है...
ये संख्या कहीं और ऊपर जाएगी...
लेकिन जब कमेंट करते हैं...
तो गागर में सागर भर देते हैं..
Ashok Ji ki har kahani bejod hai aur diwali ka jua ka jvaab nahiऔर आप दोनों अपने-अपने क्षेत्र के महारथी हैं...
इसी लिए तो चाहे मना कर के, चाहे धोखे से, चाहे जबरदस्ती एक बार भाई का मूसल बहन की ओखली में चलवाना जरूरी था।लेकिन उससे भी अचरज वाली बात थी रेनू का रिस्पांस, जिस तरह से वो अपने भाई कमल की ओर से बोली,
" अरे भौजी, समझती का हैं मेरे भैया को, ... एक धक्क्के में स्साली की झिल्ली फाड़ के रख देगा। पूरा खून खच्चर, बस एक बार चढ़ गया न जिसके ऊपर, जिसकी मेरी भैया कमल ने एक बार भी टांग फैला दी, जिंदगी भर टांग सिकोड़ नहीं पाएगी। और आप की बात तो टालने की ये सोच भी नहीं सकता "
साली इसी मूसल से डर कर भाग रही थी रेनुआ इतने दिनों से... अब एक बार में हीं...
और अब इस हीना को रगड़ना हीं पड़ेगा..
तभी तो जितना रगड़ो रंग खुल के आएगा... एकदम गहरा..
एकदम सही कहा आपनेबहला-फुसला के आखिर आ हीं गई हीना..
और ऐसी खेली-खाई भौजाइयों के बीच...
और सही समय होलिका माई का आशिर्बाद मिली भौजी का पदार्पण...
और जब फटने को आती है... आस-पास के लोग तो क्या सारी कायनात साथ देने लग जाती है...
हीना की फटने में उतना मजा नहीं आया
जितना रेनुआ या गितवा के फटने में आया था...
कहाँ कमी रह गई ये पिन प्वायंट करना मुश्किल था...
लेकिन था रेनुआ से उन्नीस हीं...
शायद आगे अभी और भी हों जहाँ ये कमी पूरी हो जाए...
ये दो-दो भाईयों और दो-दो बहनों की जुगलबंदी तो कमाल की चल रही है...भाग ७६
बुरके वाली, पठान टोली की
14,00,228
हिना का पिछवाड़ा
पंकज अब पूरी रफ़्तार से हिना को चोद रहा था, लेकिन गुलबिया ने मेरी ओर देखते हुए आँख मार के पंकज को ललकारा,
" पलट साली को, असल चुदवासी है तो लंड के ऊपर चढ़ के चोदेगी,... "
और पंकज ने पलटी मारी, खूंटा जड़ तक अंदर था और कस के उसने हिना को दबोच रखा था, अब हिना ऊपर, पंकज नीचे,...
अब कम्मो के मजे हो गए . एक से एक गारी और उसकी चचेरी बहन लीना जो इसी साल रजस्वला हुयी थी जिसको आसिष मिली थी वो तो और गरमा रही थी। हिना उसी की क्लास में पढ़ती थी और सब पर्दा, लुकना छिपाना का नाटक,... वो और जोर से चिढ़ा रही थी,
" अरे पहले ही बोली होती तो मैं खुद पंकज भैया को बोल के उनके खूंटे पे चढ़वा देती,... मजा आ रहा है घोंटने में, "
चुदाई रुक गयी थी, पंकज नीचे था और उसने अपने हाथ और पैरों से हिना को दबोच रखा था,...
अब हिना पंकज के मोटे लंड पे चढ़ी, बगिया के बीच,... साथ में उसके क्लास में पढ़ने वाली लीना, रूपा, बेला,... और बाकी भी तो रेनू, लीला, नीलवा सब उसी की स्कूल की थीं. कल जब स्कूल खुलेगा तो सब को पता चलेगा, जिसकी चेहरे की एक झलक नहीं मिलती थी ,... वो हिना खुद बगिया में कम्मो के भाई के खूंटे के ऊपर चढ़ कर गच्चागच, गचागच
लेकिन अभी तो हिना का मन कर रहा था पंकज बस घुसा दे, अंदर तक. दर्द तो अभी भी हो रहा था, फटी जा रही थी, लेकिन एक तो कमल ने जो हचक के फाड़ा था , सच में एक बार में ही खुल गयी थी, दूसरे कमल की मलाई, पंकज के लिए चिकनाई का काम कर रही थी. पर पंकज ने पेलना रोक दिया था, सिर्फ सुपाड़ा अंदर धंसा,
" नहीं भैया नहीं तुम मत घुसाओ,... ये चूत मरानो अभी खुद ही मेरे भैया के खूंटे पे उछल उछल के चोदेगी, ... " कम्मो ने पंकज को रोक दिया,...
कम्मो को याद आ रहा था जब उसके भैया ने छेड़ा था, हिना उसके और लीना के साथ आ रही थी, और मुड़ के पठानटोले वाली पगडंडी पे चली ही थी की पंकज ने छेड़ा,
" हे बुरके वाली, जरा बुरका हटाओ,... जरा बुर तो दिखाओ,... हम बुर के आशिक है कोई गैर नहीं "
बस हिना अलफ़ अपनी माँ से जा के सीधे शिकायत की। और मिर्च लगा के। लेकिन माँ उसकी समझदार, पूरे बाइस पुरवा में आना जाना, हंस के गले लगा के हिना को दुलराती बोली,
" अरे ये तो अच्छी बात है न इसका मतलब अब हमार बिटिया जवान हो गयी हैं. कली जब चटख के खिलने वाली होती है तभी तो भौंरे आते हैं। और हमरे टोला में तो कोई लौंडे लड़के हैं नहीं,... और वो तो तेरी सहेली का भाई, पलट के जवाब देना चाहिए था, भैया कम्मो की अभी देखा है की नहीं। "
बात वहीँ की वहीँ रह गयी, लेकिन कम्मो को चुभी तो, ... इसलिए वो आज अपने भैया को चढ़ा रही थी और हिना को तड़पा रही थी।
" सही तो कह रही है कम्मो, अरे लंड पे चढ़ने का शौक तो है तो चढ़ के चोदने का गुन ढंग भी सीखना चाहिए,... गुलबिया, हमारे नाउन की बहू बोली
और फिर वो और लीला आग में घी डालने में लग गयीं।
गुलबिया पंकज के खूंटे पर चढ़ी अटकी, हिना की बुर की दोनों फांको को मसलने लगी, साथ में क्लिट भी सहलाने लगी
और लीला अपने स्कूल की नौवें क्लास वाली के निपल पकड़ के सहलाने लगी, हिना की बुर में आग लग गयी. वो बार बार पंकज की आँख में देखती, गुहार करती, पेलो न नीचे से। लेकिन पंकज आज तड़पाने पे तुला था.
हिना की ओर से सुगना भाभी आ गयीं। हिना की पीठ सहलाते उन्होंने पंकज को हड़काया,
" काहें तड़पा रहे हो बेचारी, अरे आज पेल दो झाड़ बेचारी को,... फिर रोज चुदवायेगी, ... बुध को लगने वाली बाजार में बीच बाजार चुम्मा लोगे तो कुछ नहीं बोलेगी, दूसरा गाल आगे कर देगी। अरे जब कहोगे , जहाँ कहोगे वहां चुदवायेगी, खुद नाड़ा खोलेगी। अपने साथ बाकी पठानटोली वाली, जिनकी झांटे भी ठीक से नहीं आयी है उन्हें भी ले के आएगी, उनका नाडा भी अपने हाथ से खोलेगी, ... क्यों हिना ननदिया। "
" हाँ भैया, हाँ पंकज भैया,... बहुत मन कर रहा है, सब करुँगी, जब कहोगे, जहां कहोगे, जैसे कहोगे,... " हिना ने सब कबूला।
तो अब सुगना भाभी ने हिना को समझाया,
" तो ठीक है बस चार पांच धक्के मार दो पंकज के खूंटे पे, खाली आधा घोंट लो बाकी का वो करेगा, पूरी ताकत से चूतड़ के कमर के जोर से धक्के मारो, हाँ ऐसे है, अरे देखना मेरी पठानटोले वाली ननद तुम सब का कान काटेगी घोंटने में " सुगना भाभी हिना का चूतड़ सहलाते ऊपर से हलके हलके धक्के लगाते बोलीं,
हिना भी हलके हलके ऊपर से जोर डाल रही थी , जिस पंकज को इतना कहा सुना था खुद उस के लंड पर चढ़ कर चोद रही थी. जरा जरा करके पंकज का खूंटा अंदर सरक रहा था। थोड़ी देर बाद पंकज ने भी नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए.
बुर के वाली, बुर का हटाना, बुर को दिखाना,... चोदुँगा बुर तेरी प्यार से,
जिस पंकज के यह कह के चिढ़ाने पर हिना गुस्सा हो गयी थी, अब खुद अपनी बुर पंकज के लंड पर रख एक चोद रही थी
लेकिन मेरी और रेनू की निगाह सिर्फ एक जगह थीं, चिड़िया की आँख पर।
दोनों कसर मसर करते लौंडा मार्का हिना के चूतड़ों पर और उनके बीच की एकदम कसी दरार पर।
कमल का खूंटा एकदम फनफनाया, मैंने कमल और रेनू दोनों को हिना का पिछवाड़ा दिखा के इशारा किया, कमल के पहले रेनू समझ गयी,...
" अरे भैया एकदम कोरा पिछवाड़ा, अगवाड़ा तुमने फाड़ा तो पिछवाड़ा कौन फाड़ेगा,... मार लो गांड हिना रानी की, ... अगर आज तुमने इसकी गांड मार ली तो तेरी ये बहन रोज बिना नागा देगी अपनी, पांच दिन की छुट्टी में भी,... दिखा दो स्साली को,... " रेनू बोली और खुद उसका खूंटा पकड़ के,
दोनों हाथ से हिना के चूतड़ पकड़ के रेनू ने फैलाया, मुंह में ढेर सारा थूक लेके बड़ा सा बबल बना के उस दरार पर थूक दिया, एक बार, दो बार ऊँगली से फैला भी दिया, कमल की निगाह भी उसी दरार पे टिकी थी, और रेनू ने अपने हाथ से भाई का खूंटा पकड़ के सटा दिया,...
" तेरी बहन की कसम मार दे पूरी ताकत से ऐसे फाड़ जैसे आज तक किसी की फाड़ी न हो, दिखा दो इसको मेरे भैया में कितनी ताकत है "