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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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भाभी -देवर का खेल....दूबे भाभी - एक एक पर तीन तीन
दूबे भाभी खुल के मजा ले रही थीं, तीन तीन जवान पट्ठे, सब पर नयी नयी जवानी चढ़ी, कोई दूबे भाभी की कस के चुदी बुर का मजा ले रहा था तो कोई पीछे से गाँड़ में धक्के मार रहा था, एक ने मुंह में,... दूबे भाभी छटपटा रही थीं लेकिन हम सब समझ रहे थे की उन्हें कितना मज़ा आ रहा है.
सब जवान जवान लौंडिया, कच्ची अमिया वाली अपने भाइयों को ललकार रही थीं, राखी की दुहाई दे रही थी, और भौजाइयां भी अब ननदों के साथ अपनी जेठानी की रगड़ाई का मजा ले रही थीं। गुलबिया अपनी ननद कजरी के साथ बैठी, लौंडों को ललकार रही थी,
" अरे तोहरी बहिनियन की तरह कुवार सुकवार न हई हमर जेठानी, .... जरा जोर जोर से धक्का मारो, गहरा कूंवा है, घुस के पानी पियों, बहिनचोदो, बहुत बहिन चोदे होंगे लेकिन अस माल क मजा न मिला होगा "
कम्मो भी पंकज से बोली,... उस की गालियों का अंदाजा हम लोगों को कल कबड्डी में ही मिल गया था और आज न सिर्फ उसकी चूत फटी थी बल्कि रही सही धड़क भी खुल गयी थी, वो अपने भाई को ललकारते बोली,
" अरे भैया पहली बार भोंसडे क मजा ले रहे हो, पूरा निकाल के मारो आज भौजी क गवने की रात याद आ जाय,... "
तब तक कोई कच्ची अमिया बोली,
" अरे भौजी के मायके वालों ने उन्हें गौने का इन्तजार थोड़े ही करने दिया होगा, झांटे आने के साथ ही गन्ने के खेत में दुहरा कर के पेल दिया होगा,... काहें भौजी अब तो आज बता दो कब फटी कैसे फटी?
लेकिन भौजी कैसे बोलती, एक ने लंड उनके मुंह में हलक तक पेल रखा था।
पर दूबे भाभी की आवाज खुल गयी,
कोई भौजाई पीछे खड़ी उस लौंडे के,जिसने दूबे भाभी के मुंह में लंड जड़ तक ठेल रखा था, पिछवाड़े कभी ऊँगली करती तो अपनी चूँची उसकी पीठ में रगड़ती,... बस उस लौंडे से नहीं रह गया और दूबे भाभी के मुंह से निकाल के उस भौजाई को निहुरा के दूबे भाभी के बगल में ही, हचाक से पेल दिया, ...
फायदा दुबे भाभी को हुआ अब वो नन्दो का जवाब दे सकती थीं अपने ऊपर चढ़े अपने देवरों को ललकार सकती थी, तो पहले कम्मो के भाई पंकजवा को उन्होंने गरियाना शुरू किया,
" अरे बहिन चोद मादरचोद, तोहरी महतारी क, बुआ क मौसी क भोंसड़ा नहीं है जो इस तरह कूट रहे हो, अरे उन सब क पोखरा में तो केतना गुंडा नहाते हैं, ... इतना जोर जोर से धक्का मारना कहाँ से सीखा। अपनी बहिनिया क तो आज ही फाड़े हो, जरूर अपनी महतारी चोदते होंगे, कल महतारी रात में नहीं मिली तो वो जोश भौजाई के साथ "
मैं बड़ी जोर से मुस्करायी, बात दूबे भाभी की एकदम सही थी,... कम से कम सास लोगों के बारे में मेरी सास की तरह कम्मो/ पंकज की माँ भी कल होलिका माई वाले प्रकरण के बाद गाँव के बाहर छावनी में गयी थीं , सब सासो ने रात आज का दिन वहीँ गुजारा और आज रात में ही लौटेंगी और आज रात में उनकी,
पंकजवा स्साला अपनी महतारी चोदता हो न चोदता हो, लेकिन मेरे सैंया तो आज जरूर ही अपनी महतारी पर चढ़ेंगे, मेरे सामने,...
मैं सोच के मुस्करायी, और महतारी पर चढ़ेंगे वो भी मेरे सामने, उनकी महतारी से मैंने पहले ही तीन तिरबाचा ले लिया है
ननदें एकदम उधरायी थीं,...
भौजाइयों में दूबे भाभी सबसे बड़ी, कई के तो महतारी के उम्र की होंगी, लेकिन आज तो बस एक रिश्ता था ननद भौजाई का,... दो चढ़े हुए थे
और दो लौण्डो को ननदें चूस के, मुठिया के खड़ा कर रही थीं की जैसे वो झड़े ये दो ऊपर चढ़े,
और जब झड़े भी तो चमेलिया तैयार खड़ी थी कल उसने बोला था की अपनी जेठानी को आज देवर क मलाई से नहलायेगी। तो बस उसने पंकज और जो दूबे भौजी के पिछवाड़े घुसा था,...
जैसे हाथ में कोई दो पाइप ले कर क्यारी में सिंचाई करें, दोनों अपने देवरों की पिचकारी लेकर दूबे भाभी की पूरी देह दूध दही से नहला दी, चेहरा, बाल , और बचा खुचा दोनों पाइप से दोनों जोबन पर, ...
और उधर दो अपने भाइयों को जो ननदों ने तैयार किया था वो फिर दूबे भाभी के ऊपर , बुर और गाँड़ दोनों,
दोनों अभी नयी उमर के थे, हाईस्कूल टाइप लेकिन दोनों ने आज अपनी सगी बहनों की फाड़ी थी, रेख बस आयी ही थी. लेकिन खूंटा एकदम टनटना रहा था,
" अरे बहिनिया क चोद के बहुत जोस में लागत है,... " दूबे भाभी ने हंस के एक के खूंटे को पकड़ के सहलाते हुए पहले चिढ़ाया, फिर हड़काया,
" बहिनचोद, तोहरे बहिनिया क बुर गदहा घोडा चोदे,... अरे तोहरे छठी में हम सोहर गाये थे , तो खड़ा होने लगा तोहार "
ललचाने वाली चीज देख के ललचाएगा हीं..दूबे भाभी का पिछवाड़ा
दोनों अभी नयी उमर के थे, हाईस्कूल टाइप लेकिन दोनों ने आज अपनी सगी बहनों की फाड़ी थी, रेख बस आयी ही थी. लेकिन खूंटा एकदम टनटना रहा था,
" अरे बहिनिया क चोद के बहुत जोस में लागत है,... " दूबे भाभी ने हंस के एक के खूंटे को पकड़ के सहलाते हुए पहले चिढ़ाया, फिर हड़काया,
" बहिनचोद, तोहरे बहिनिया क बुर गदहा घोडा चोदे,... अरे तोहरे छठी में हम सोहर गाये थे , तो खड़ा होने लगा तोहार "
चमेलिया अपने देवर की ओर से आ गयी तुरंत, बोली,
" अरे है तो देवर ही रिश्ता तो भौजी देवर वाला है तो आज आपन पिचकारी,... "
चमेलिया की बात पूरी होने के पहले ही दूबे भाभी ने उस देवर को धक्का दिया वो जमीन पर, लेकिन खूंटा अभी भी एकदम तना और खड़ा,
दूबे भाभी अब चमेलिया से बोलीं,
" अरे देवर है तबे तो, बिना चोदे छोडूंगी नहीं स्साले को। सब स्साले देवर नयी जवान बहिनियों के चक्कर में भौजाइयों को भुला दिए हैं, अभी तो इस स्साले को ऐसे चढ़के चोदुंगी,... लेकिन स्साले अगर बिना भौजाई को झाड़े झड़े तो तो तोहार गाँड़ तो मारूंगी तोहरे बहिनियो की भी। देवर साले भाइचॉद ननदों की ताल तलैया भर दिया और भौजाई सूखी सूखी। "
" अरे नाहीं भौजी, जेतना हम बहिनियों की हमरे भाई चोदे हैं न कुल मिला के, उतना तो एक एक भौजी चोदी जाएंगी, अभी तो खेल शुरू हुआ है और सबसे ज्यादा हमार नयकी भौजी, बहुत गर्मायी हैं पूरे फागुन में "
रेनू की भी आवाज खुल गयी थी और मुझे कस के अँकवार में भरते मेरी साडी के ऊपर से दोनों जोबन रगड़ते वो बोली। उसका भाई कमल मेरी गुड़ की डली देख के ललचा रहा था।
पलट के कमल को दिखाते मैंने रेनू का एक जबरदस्त चुम्मा लिया और बोली,
" अरे भाईचोद तोहरे मुंह में घी गुड़, रोज दिन रात, सुबह और सांझ, उठत बैठत तोहरी बुर में तोहरे भाई क लंड रहे, हम भौजाई लोग पीछे नहीं हटने वाले लेकिन पहले हम सब भौजाईयो की जेठान, दूबे भौजी क नंबर "
तब तक दूबे भौजी उस लौंडे के खूंटे पर न सिर्फ बैठ गयी थीं बल्कि आधे से ज्यादा घोंट भी लिया था और उसके मुंह में अपनी बड़ी बड़ी चूँची रगड़ती बोल रही थीं,
" स्साले लंड तो जबरदस्त है लेकिन सोच ले अगर बिना झड़े आपन भौजी के पानी फेंके तो यहीं निहुरा के गाँड़ मारूंगी तोहार, ... "
" अरे भौजी देवर क गाँड़ बाद में मारिएगा पहली अपनी गाँड़ में मजा ले लीजिये। " और नीलू ने विनोदवा क मोटा बांस पकड़ के दूबे भौजी की गाँड़ में सटा दिया,
गाँड़ मारने में कमलवा के बाद अगर बाईसपुरवा में कोई था तो विनोदवा। सुपाड़ा उसका भी मुट्ठी ऐसा मोटा और उससे भी बढ़के रगड़ रगड़ के गाँड़ मारता था, चाहे लौंडे की हो या लौंडिया की। आज नयकी सब भी बहुत गरमाई थीं, जिनकी आज झिल्ली फटी थी। उन्हों में से कम्मो और लीना ने पकड़ के कस के दूबे भाभी के कोहंड़ा अस चूतड़ पकड़ के पूरी ताकत से फैला दिया और और क्या धक्का मारा विनोदवा ने एक धक्के में आधा से ज्यादा सुपाड़ा अंदर,
चौड़ा चौड़ा चूतर, बड़ी बड़ी चूँची दूबे भाभी की, गांड तो पक्का उनकी ४० + थी और चूँची दोनों ३८ या इससे ऊपर की होंगी लेकिन थीं उनकी एकदम टनाटन, गोल गोल बड़ी बड़ी कड़ी,. निहुरी हुयी दूबे भाभी की दोनों गद्दर मखमली चूँची पकड़ के विनोदवा कस के भौजी की गाँड़ मार रहा था, कभी एक एक बाद एक कस कस के धक्का मारता, तो कभी जड़ तक पेल के बस दोनों चूँची पकड़ के मसलता रगड़ता, और कभी लंड हाथ में पकड़ के दूबे भाभी की गाँड़ में गोल गोल घुमाता,
ये मस्त गाँड़ मरवाई देख के नंदों को खूब मजा आ रहा था और सब विनोद को खूब ललकार रही थीं, खास तौर से विनोदवा की सगी छोटी बहन और उसकी सहेलियां,
" हाँ भैया हाँ और और ताकत से पेलो, फाड़ दो दूबे भाभी की गाँड़ बहुत दिन बाद जवान लंड गाँड़ घोंट रही है,... "
ननदें अपने भाइयों का खूंटा पकड़ के हिला रही थीं, कोई चूस रही थीं
देवरो का भी खूंटा दूबे भाभी की गाँड़ मारी जाती देख के एकदम बौराया था, उन में से कोई ऐसा नहीं था जिसने गाँड़ न मारी हो, लौंडिया की हो या किसी चिकने नमकीन की स्कूल में, नेकर सरका के,... और उनकी नजर भी अब भौजाईयो पर घूम रही थी।
सुगना भौजी हिना के साथ बैठी और उसे पकड़ के दिखा रही थीं कैसे गाँड़ का गोल गोल छेद लंड के धक्के से पुक से खुल जाता था और जैसे ही लंड अंदर घुसता था किसी बिरहिन की तरह उसे अपनी बाहों में सिकोड़ लेता था।
लेकिन सबसे ज्यादा भौजाइयों की हालत खराब हो रही थी, सुबह से देवरो के खूंटे देख देख के और फिर भाई बहनों की चुदाई देख के सब भौजाइयों की बुर में चींटी काट रही थी और दूबे भाभी को दो लंड एक साथ घोंटते देख सब की बुर में चींटी काट रही थीं , ये ननद के भाई अगला नंबर मेरी बिल में ही लगाए,
और सबसे ज्यादा दूबे भाभी गर्मायी हुयी थीं, धक्के का जवाब धक्के से दे रही थीं, ताकत बहुत थीं उनमे, और ट्रिक भी हर खूब खेली खायी औरतों की तरह वो मजा लेना ही नहीं देना भी जानती थीं, कभी अपने मोटे मोटे चूतड़ से पीछे धक्का मारतीं तो कभी अपनी गांड में विनोदवा के लंड को निचोड़ लेती,
" काहो भौजी आ रहा मजा दो दो देवर के साथ, ... " रेनू ने चिढ़ाया और बाकी ननदों को उकसाती बोली,
"एकरे बाद नयकी भौजी क नंबर ,...के के लेई इनके मालपुआ क मजा "
मैं कमल और रेनू के साथ ही बैठी थी एक ओर कमल, एक ओर रेनू।
सब नंदों ने एक साथ अपनी ओर से भी अपने भाइयों की ओर से भी जवाब दिया,
" अरे सब लोग लेंगे हमरे नयकी भौजी के मालपुआ क मजा, भले आज बगिया में आधी रात हो जाए कउनो देवर छोड़ेगा नहीं नयकी भौजी को बिना चोदे "
लेकिन नीलू ने एक करेक्शन भी जारी किया ,
" अरे खाली चोदे नहीं, का भौजी गाँड़ मरवावे के लिए अपने मायके से आपन भाई बुलाएंगी, वो हमरे भैया क साला तो खुदे गांडू है,.... "
और नीलू की बात पूरी की रेनू ने
" अरे भौजी चोदी भी जाएंगी, गाँड़ में भी खाएंगी , हम सब ननदन क इतनी गुड़ अस मीठ मीठ नयकी भौजी,... अरे भौजी दो दिन तक अगवाड़े पिछवाड़े से देवरों का सड़का टपकेगा "
मेरी ओर मुंह करके रेनू बोली और मैंने उसे चूम लिया।
बात उसकी सही थी मेरे बिना उसकी और उसके भाई कमल की जोड़ी कैसे बनती।
रेनू को चूम के ठसके से मैं देवर कमल की गोद में बैठ गयी और उसका हाथ खींच के अपनी दोनों गुड़ की डली पे , और रेनू की बात का मैंने जवाब दिया,
" छोट ननद क बात कौन भौजी टालेगी, हम तो आये ही अपने मायके से इसीलिए, ... लेकिन देवर कुल पहले हमरे जेठानी का,.. "
और जैसे मेरी बात सुन के दोनों देवर हचक हचक के दूबे भाभी की चुदाई कर रहे थे।
विनोदवा और दूबे भौजी लगता है...दूबे भाभी -और देवर ननद
नीलू की बात पूरी की रेनू ने
" अरे भौजी चोदी भी जाएंगी, गाँड़ में भी खाएंगी , हम सब ननदन क इतनी गुड़ अस मीठ मीठ नयकी भौजी,... अरे भौजी दो दिन तक अगवाड़े पिछवाड़े से देवरों का सड़का टपकेगा " मेरी ओर मुंह करके रेनू बोली और मैंने उसे चूम लिया।
बात उसकी सही थी मेरे बिना उसकी और उसके भाई कमल की जोड़ी कैसे बनती।
रेनू को चूम के ठसके से मैं देवर कमल की गोद में बैठ गयी और उसका हाथ खींच के अपनी दोनों गुड़ की डली पे , और रेनू की बात का मैंने जवाब दिया,
" छोट ननद क बात कौन भौजी टालेगी, हम तो आये ही अपने मायके से इसीलिए, ... लेकिन देवर कुल पहले हमरे जेठानी का,.. "
और जैसे मेरी बात सुन के दोनों देवर हचक हचक के दूबे भाभी की चुदाई कर रहे थे।
खास तौर से विनोदवा, स्साला पक्का लौण्डेबाज रहा होगा। खूब कड़ा भी था और कमर में ताकत भी बहुत थी। दो चीजें जो एक असली गाँड़ मारने वाले में होनी चाहिए और दोनों विनोदवा में थी, लेकिन जिस तरह से दूबे भाभी अपना पिछवाड़ा सिकोड़ रही थीं, धक्के के जवाब में धक्के मार रही थीं, उन्होंने भी बचपन से ही गाँड़ खूब मरवाई होगी। लेकिन डर मुझे इस बात का थी मेरे दोनों देवर हार न जाए। दूबे भाभी इतनी जल्दी झड़ने वाली और जिस जोश में दोनों देवर धक्के मार रहे थे कभी भी वो किनारे लग सकते थे.
देवर लेकिन जितने नौसिखिया दिख रहे थे, उतने थे नहीं और उनको सलाह देने वाली चमेलिया और गुलबिया, ( अब वो दोनों एकदम ननदों की टीम में चली गयी थीं ) बड़ो बड़ो को पटखनी दे देती थीं.
चमेलिया ने विनोदवा को इशारा किया दूबे भाभी के चक्कर में न पड़े , उनके धक्को का जवाब न दे और अपनी रफतार धीमी कर दे।
बस उन दोनों देवरों ने बारी बारी से, जब एक नीचे से बुर में धक्के लगाता तो विनोदवा रुक जाता, और जब विनोदवा गिन के पांच धक्के तूफानी लगाता तो दूबे भाभी के बुर में जड़ तक घुसा लंड आराम करता। सब ननदें एक साथ खड़े होके हल्ला कर रही थीं , दूबे भाभी की पांच पुश्त गरिया रही थीं। गुलबिया ने चंदा के कान में कुछ फुसफुसाया,
चंदा भी दोनों लड़को के साथ, और दूबे भाभी को छेड़ते बोली
" अरे भौजी खाली देवरन के साथ मजा लेबू की हम ननदन क भी नंबर लागी। "
और दूबे भौजी की एक बड़ी बड़ी चूँची उसके हाथ में और क्या मस्त मसल रही थी, दायीं चूँची भौजी की चंदा के हाथ में थी तो बायीं नीलू ने दबोच ली और दोनों ननदें, दोनों ही खूब खेली खायी, सैकड़ों लंड के धक्के खाये होंगे,.... कस कस के भौजी के जोबन मसल रही थीं।
कभी निपल पकड़ के खींच लेती तो कभी रगड़ देतीं।
और अब बाकी भौजाइयां भी जोश में, देवरानी जेठानी की भी तो होली में मस्ती होती है. बस अब खाली चमेलिया गुलबिया ही नहीं बाकी सब भी देवरों को ललकार रही थीं।
और मेरी हालत भी कम खराब नहीं थी, कमल की गोद में बैठी मैं, बगल में उसकी बहन रेनू।
कमल का हाथ मेरी दोनों गुड़ की डलियों पर लेकिन साड़ी के ऊपर से, ...
मैंने रेनू की ओर मुस्करा के देखा, बिन बोले उसे सुनाया,
"तेरे भाई का औजार भले ही सांड़ से जब्बर हो, गदहे से बाइस हो लेकिन है बहुते सोझवा ही, "
मैंने खुद ही अपनी साड़ी सरका के उभारों के नीचे कर दी, छलक के दोनों जोबन बाहर और कमल इतना खुश की उसकी जैसे लाटरी लग गयी हो। जैसे उसकी गोद में बैठने में मुझे कुछ अटपटा सा लग रहा हो, मैं थोड़ी सी उचकी और साडी जो नितम्बों के नीचे घुटने तक, उसे थोड़ा सा सरकाया और अब वो बस कमर पर एक छल्ले की तरह। और अब जब मैं बैठी तो मेरे खुले मांसल चिकने भरे भरे नितम्ब सीधे रेनू के भाई के घोडा मार्का लिंग पे रगड़ खा रहे थे।
देवर भौजी के बीच में कपडे का क्या काम।
" हे रेनुआ, हमरे देवर क कुल जांगर तू ही पी गयी, थोड़ बहुत नयकी भौजी के लिए छोड़ देती , देख तोर भाई केतना हलके हलके दबा रहा है। अरे हिनवा का कच्चा टिकोरा नहीं है,... "
आगे की मेरी बात मेरी चीख में दब गयी। कमल ने पूरी ताकत से मेरी दोनों चूँची मसल दिया।
अपनी ख़ुशी मैंने कस के अपने चूतड़ उसके लंड पे रगड़ के जाहिर की और बोला भी, ... " हाँ अब लग रहा है नयकी भौजी क देवर है "
लंड कमलवा का पत्थर।
सामने अब सब ननदें भौजाइयां एक साथ देवरों को ललकार रही थीं, लेकिन तब भी लग रहा था बाजी दूबे भौजी के हाथ में रहेगी, मैं कमल और रेनू भी मजा लेते देख रहे थे. लेकिन तभी चमेलिया घुस गयी ननदों देवरों और दूबे भाभी के बीच,
" तुम सब हमारी जेठानी क जादू का बटन अब तक नहीं खोज पाए, तोहनंन क महतारी बहन चोदे और गाँड़ मरवावे के अलावा कुछ सिखाई नहीं "
चमेलिया ने दूबे भाभी पर चढ़े दोनों देवरों को हड़काते हुए बोला और अपना दांया हाथ सीधे, निहुरी हुयी दूबे भाभी के जाँघों के बीच क्लिट पे।
चमेलिया की पकड़ और रगड़ दोनों जबरदस्त थी. कुछ देर में ही दूबे भाभी सिसकिया भरने लगी।
लेकिन मेरी आँखे हिना को ढूंढ रही थीं, और वो मिल गयी, बेला के साथ दोनों ही एक क्लास में पढ़ती थीं और बेला के साथ तो एकदम फेविकोल से चिपका उसकी कजिन, चुन्नू, जिसकी नथ एक दिन पहले मैंने उतारी और आज उसने अपनी बहन बेला की नथ उतार दी।
बेला शार्ट के ऊपर से चुन्नू का खूंटा रगड़ रही थी, हिना मुस्करा रही थी। थोड़ी देर पहले जब पंकज और कमल हिना के अगवाड़े पिछवाड़े डबलिंग कर रहे थे, बेला ने चुन्नू का खूंटा हिना के मुंह में डाल दिया और हिना ने चूस चूस के उसका पानी निकाला भी , पीया भी मन भर कर।
वो चुन्नू को देख कर मुस्करा रही थी, फिर चुन्नू को छेड़ते हुए बेला से बोली
" काहें इसको तोप के रखी हो, खोल दो तनी हवा धूप लगने दो न "
" अरे तो तूही खोल दे न " हँसते हुए बेला अपनी क्लास की सहेली हिना से बोली , और चिढ़ाया काटेगा नहीं मेरे भैया का।
हिना ने खोल दिया, और खूंटा बाहर, अब दोनों सहेलियां मिल के मथ रही थीं मथानी। चुन्नू कुछ बोलता तो दोनों साथ साथ डांटती।
वो तीनो भी बाकी नन्दो देवरों भौजाइयों की तरह दूबे भाभी की रगड़ाई देख रहे थे,
तभी हिना को कुछ आइडिया आया और चुन्नू से बोली , " इधर चल, ' और उसका खूंटा पकड़ के दूबे भाभी की ओर,... दूबे भाभी अपनी देवरानियों को हड़का रही थीं, तभी हिना बोली
" भौजी, तनी एक नए केले का भी स्वाद ले लीजिये "
और चुन्नू का खूंटा दूबे भाभी के मुंह में और उनकी बोलती बंद, कुछ देर में ही दूबे भाभी ने हलके हलके चूसना शुरू कर दिया।
दो ननदें बेला नीलू भौजाई की चूँची मसल रही थी दो देवरानियां गुलबिया चमेलिया क्लिट के पीछे पड़ी थीं और तीन देवरों के खूंटे दूबे भाभी के अंदर धंसे, ...
कोई दूसरी होती तो दो चार मिनट में पार लग जाती लेकिन वो हम सब भौजाइयों की जेठानी थीं पर हुआ वही जो होना था।
पांच दस मिनट की सब की जबरदस्त रगड़ाई के बाद लग रहा था की जैसे दूबे भाभी पे कोई प्रेत आ गया हो, वो काँप रही थीं झूम रही थी, उनकी बुर और गांड दोनों कस कस के अंदर घुसे देवरों के खूंटे को निचोड़ रही थी, दबोच रही थी।
दूबे भाभी के झड़ने के साथ ही चुन्नू भी उनके मुंह में पानी छोड़ने लगा, हिना और बेला दोनों उसके साथ उसे उकसा रही थीं
" हे अंदर तक ठेल रखो, सब पानी भौजी के पेट में, ... अगर एक बूँद भी बाहर निकला तो हम दोनों को भूल जाना, मुट्ठ मार के काम चलाना। "
हिना अब बाकी ननदों में एकदम घुल मिल गयी थी।
भौजी का झड़ना रुकता तो फिर दुबारा, ... लेकिन अबकी जब उनकी चूत गाँड़ सिकुडनी शुरू हुयी तो बुर और गाँड़ में घुसे दोनों देवर भी,...
मान गयी मैं विनोदवा को , झड़ते हुए भी वो कस कस के धक्के मार रहा रहा और फिर डॉट की तरह भौजी की गाँड़ में उसने खूंटा ठूंस दिया था , तभी भी रिस रिस के उसकी मलाई दूबे भाभी के पिछवाड़े से बूँद बूँद टपक रही थी।
ननदें भी आज एकदम उधरायी थीं। भाइयों का लंड घोंट के सब बौरा गयी थीं।
दो देवरों को मुठिया के उन सबो ने पहले ही तैयार कर के रखा था और जैसे दोनों छेद दूबे भौजी के खाली हुए वो दोनों अंदर।
ऐसे में सुनता कौन है...दुग्ध स्नान - दूबे भाभी
ननदें भी आज एकदम उधरायी थीं। भाइयों का लंड घोंट के सब बौरा गयी थीं। दो देवरों को मुठिया के उन सबो ने पहले ही तैयार कर के रखा था और जैसे दोनों छेद दूबे भौजी के खाली हुए वो दोनों अंदर।
ननदें सब गरिया रही थी, हो हो कर रही थीं लेकिन इसी बीच रेनू जो मेरे बगल में बैठी थी खड़ी हो गयी और और सब नंदों देवरों को चुप कराने लगी, ...
" चुप सब चुप हे चंदा चुप कर। हे विनोदवा, चन्दर, पंकज चुप। बहुत जरूरी अनाउंसमेंट है तुम सब के फायदे के लिए कान खोल के सुन लो "
दो तीन बार वो बोली और सब चुप।
मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन मुझे कुछ फरक नहीं पड़ रहा था मैं तो अपने देवर कमल के सिंहासन ओर बैठी मजा ले रही थी , उसका मोटा लोहे की रॉड सा खूँटा मेरे दोनों नितम्बो की दरार में ठोकर मार रहा था। मैं भी कसमसा कर उसे और रगड़ रही थी। और उसका जवाब मेरा देवर मेरे दोनों जुबना रगड़ के दे रहा था ,
" हमरे नयकी भौजी की ओर से एक इनाम अनांउस हुआ है, सुन लो सब कान खोल के। " रेनू बोल रही थी।
अब मेरे भी कान खुल गए। लेकिन तब तक रेनू ने आगे की बात भी बोल दी।
" ठीक पंद्रह मिनट बाद, ... भौजी घड़ी देख रही हैं, ... जो जो लड़के अपनी पिचकारी से अपनी मलाई से दूबे भौजी को नहलाएंगे, उनके लिए ,... "
फिर जोर से हो हो , हुआ लेकिन चंदा और नीलू ने डांट के चुप कराया अरे तानी इनाम तो सुने दा ,
मैं भी कान पार के सुन रही थी।
" तो तैयार कर लो आपन आपन पिचकारी , जो जो बहिन अपने भाई क फायदा चाहत हों वो भी सुन लें पंद्रह मिनट बाद जेकर जेकर पिचकारी से मलाई दूबे भौजी की देह पर पड़ी , ओकरे लिए ,... "
रेनू बोल रही थी लेकिन रुक गयी।
जो कहते हैं न सुई गिराओ तो सुनाई पड़े बस वही वाली चुप्पी , पूरा सस्पेंस
रेनू ने इनाम बोल दिया
" तो जो जो अपनी पिचकारी से दूबे भाभी को नहलायेगा, उसे नयकी भाभी और उनकी छुटकी बहिनिया का पिछवाड़ा एक एक बार फ्री , "
खूब जोर से हल्ला हुआ , मैंने लाख कहा मैंने ऐसे कुछ नहीं कहा लेकिन सुनने वाला कौन था। पर रेनू अभी भी खड़ी थी, बोली
एक और पेसल प्राइज,... अब सब एक बार फिर से चुप हो गए
जो पिचकारी खाली होने के बाद दुबारा अपने लंड से दूबे भौजी को आपन सफ़ेद मलाई से नहलायेगा, उसके लिए ,... एक दिन पूरे २४ घंटे तक, ... खुद मजा लो , दोस्तों के साथ मजा लो,... मिल बाँट के खाओ,... एक दिन के लिए नयकी भौजी की छोटकी बहिनिया फ्री। "
सब लड़कियाँ अपने भाइयों के साथ कोई मुठियारही तो कोई चूस ,रही विनोदवा की बहिन नहीं आयी थी बेला ने हिना को बोला वही उसका लंड पकड़ के मुठियाने लगी ,
और ठीक पंद्रह मिनट बाद क्या पिचकारियों की धार छूटी। लेकिन लड़को से ज्यादा जोश में लड़कियां थीं, लीला ने हिना को अपने भाई की पिचकारी पकड़ा दी,
" हे ठीक से भौजी क कउनो अंग बचना नहीं चाहिए सब से बड़की भौजी हैं हमार " और हिदायत भी दी, कम्मो ने भी अपने भाई पंकज का मोटा लंड हिना के गोरे गोरे मुलायम हाथों में पकड़ा दिया, और दोनों ' पिचकारी ' पकडे हिना घुमा घुमा के सबसे पहले दोनों जोबन,
हिना भी अब एकदम सहेलियों की तरह खुल के मस्ती कर रही थी, दो हाथों में दो सहेलियों के भाई के मोटे मोटे लंड उनसे निकलती रबड़ी मलाई,
" अरे भौजी का निपल तो एकदम सूखा है वहां भी... अरे चूँची के ऊपर भी , दोनो चूँची के बीच भी, अरे सालों गाँव क सबसे बड़ी भौजी हैं, कुछ तो ख्याल करो "
और नतीजा ये हुआ की विनोदवा और उसके दोस्त की मलाई की दो दो तीन तीन कोट दूबे भाभी के पूरे जोबन पर। निपल पर सफ़ेद रबड़ी की दो बूंदे अटकी, लटकी और लगा अब गिरी अब गिरी
फिर जाँघों के बीच
नंदों ने अपने भाइयों के साथ हिस्सा बाँट लिया था बेला ने चुन्नू की पिचकारी सीधे दूबे भाभी के चेहरे पर, बालों पर
नीलू और लीला दो लड़कों की मोटी पिचकारी पकडे पीठ और पेट पर ,
एक बार में ननदें कहाँ मानती है जिसके भाई की पिचकारी का रंग खतम हो रहा था वो चूस के मुठिया के चार पांच मिनट के अंदर और भौजाइयां भी साथ दे रही थीं, एक लौंडे की गांड में तो गुलबिया ने दो ऊँगली एक साथ पेल दी और जहँ प्रोस्ट्रेट पर रगड़ घिस हुयी सफेद मलाई बाहर ,
दर्जन भर से ऊपर देवर थे,... और जो झड़ भी जाते थे उनकी बहने चूस के चूम के मुठिया के अपनी कसम धरा के दस पंद्रह मिनट में दुबारा खड़ा कर देती थीं,...
और उस में दूबे भाभी के असली शिलाजीत के लड्डुओं का भी हाथ था,
चौदह देवर,
छह ने तो दुबारा भी
सच में दूबे भाभी का कोई अंग बचा नहीं था और साफ़ करने के नाम पर ननदें उसे कर फैला रही थीं, चूसा तो उन्होंने खाली चुन्नू का था लेकिन अगवाड़े पिछवाड़े भी चार चार देवर अपनी मलाई गिरा चुके थे।
सड़का दोनों छेद से टपक रहा था।
अब भौजाइयों की होली शुरू हो गयी थी।
चमेलिया ने कल शाम को कुंए पर हम लोगों को नहलाते जो बात कही थी दूबे भाभी सबसे बड़ी हैं वो तो देवरों की मलाई से नहायेंगी,... एकदम सही हुयी।
बाद में पता चला रेनू ने जो अनाउंस किया था उसके पीछे भी चमेलिया का ही हाथ था।
लेकिन दूबे भाभी ने बुरा जरा भी नहीं माना वो वैसे ही लौंडो के वीर्य में डूबी देर तक बैठी रही। एक तरह से ड्रिंक इंटरवल हो गया था , ठंडाई, दहीबड़े, गुझिया ( कहने की बात नहीं सबमें भांग थी ) नंदों ने अपने हाथ से दूबे भाभी को खिलाया।
और अब जब फिर से जमावड़ा हुआ अब दूबे भाभी ने चमेलिया से बदला लिया, बोलीं
" अरे कमीनियों, सबसे बाद में गवने उतरी चमेलिया ऐसे सूखी खड़ी है, तानी उसकी ओर भी तो,..."
मैंने भी दूबे भाभी का साथ दिया आखिर गाँव में मेरी अकेली देवरानी तो वही थी,... बस दो लौंडे उसके ऊपर भी
दूबे भाभी खुल के खेलना सिखा रही हैं...Awesome superb kaamuk
Dubbe bhabhi ke pyar
aur pyas mein dubi hui update
हीना का रंग और निखरेगा...Amezing Komalji. Kanyaras ka jo anand yaha milega. Vo aur kahi nahi. Amezing. Dube bhabhi pura taiyar kar rahi he hina rani ko
और हरदम टनटनाया....Jabardast. Kammo ke to maze hi aa gaya. Wah kanya ras ke upar purusharth ka jayka. Kya likha he Komalji pagal kar diya.
रात का इंतजार करें...Are are are... Matlab khela badal raha he. Nandiya ki jagah bhabhiyo ki. Wah nandiya rani. Ri tere bhaiya to dewar he. Aur dewar nandoi ka to bakhat he.
दूबे भौजी से पार पाना ... मुश्किल हीं नहीं नामुमकिन है...Wah bhai tagda khela badla. Par dube bhabhi ka bhi jawab nahi. Nae londe bhi pani chhod denge.
इस खेल में मजा दोनों खिलाड़ी उठाते हैं...Wah bhouji wah. Sabit kar diya. Dewar bhabhi ko nahi bhabhi dewaro ko pelti he. Amezing.