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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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भाग ९६

ननद की सास, और सास का प्लान

Page 1005,


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पहली बार फटने के बाद .. सरपट घोड़े दौड़ने चाहिए..
आगे-पीछे .. ऊपर नीचे सब तरफ...
एकदम ऐसा ही होगा,

घोड़े दौड़ेंगे ही नहीं घुड़दौड़ होगी, न मूसल की कमी बाईसपुरवा में न ओखली की कमी पठान टोली में, सब एक से एक हैं

और कई बार तो बग्घी में, एक से ज्यादा घोड़े भी जुतते हैं, तो वो भी, अब आप इतना कह रहे हैं तो कम से कम चार पांच पार्ट पठान टोली वालियों के नाम

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komaalrani

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नेचुरल वातावरण.. नेचुरल बिछावन... नेचुरल लुब्रिकेंट..
और नेचुरल चमड़े का डंडा...
मनमोहक... मनभावन...
इसलिए तो कहा है अहा ग्राम्य जीवन भी क्या, ...

जैसा आज हिना के साथ हुआ वो सूद सहित, तमन्ना, शबाना, आयशा, मुमताज, ज़ीनत सबके साथ,

हिना के साथ जैसे खुली बाग़ में गाँव के सब लौंडो के सामने, उसकी स्कूल की सहेलियों के बीच, सब भौजाइयों की मौजूदगी में।

और फिर जैसा दूबे भाभी ने करवाया, हिना ने सब सहेलियों की कुप्पी से सीधे मलाई खायी, स्वाद ले लेकर,... आम के बगीचे में और जिस की मलाई चटखारे ले के खा रही थी, वो भी देख रहे थे,

बिलकुल ऐसे,... फिर तम्बू कनात का सवाल ही नहीं रहता।
 

komaalrani

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सचमुच फसल तो झूम रही ... लहलहा रही है..
बस काटने वाले का इंतजार है...
एकदम सही कहा आपने खेत में फसल लहलहा रही हो , उसे काटा न जाए, पेड़ पर फल लग के पक रहे हों उन्हें तोड़ के खाया न जाए, तो काहें की खेती और काहें के फल,...

और उस टोली में अगर खेत काटने वाले नहीं, फल खाने वाले नहीं तो बगल के टोले में तो है और अगर पडोसी पड़ोसन के काम नहीं आएगा, फिर तो
 

komaalrani

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ओ... सच...
१४ से ४४ का सफर तय होगा...
:wink: और सिर्फ इसी कहानी में नहीं, बाकी कहानियों में भी

खास तौर पर फागुन के दिन चार के परिवर्धित रूप में

किसी मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी ने कहा था,...Age is just a number तो झूठ थोड़ी कहा होगा।
 
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komaalrani

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और बाद में दोनों को मजा आता है.....
एकदम और शुरू में थोड़ी बहुत जबरदस्ती न हो तो बाद में वही कहेंगी, " मेरे मना करने से क्या हुआ, ... तुम मान क्यों गए. "

इसलिए पठान टोली के चार पांच पार्ट तो कम से कम ( और पंचो की राय हो तो ज्यादा भी )
 

komaalrani

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खेली खाई ननदें और भौजाइयां हीं सामना कर पाएंगी...
अरे नहीं, एकदम कच्ची कोरी भी, ... रेनू के बाद हिना पर भी तो कमल में नंबर लगाया था। एकदम कच्ची कोरी, आगे और पीछे दोनों ओर का फीता उसी ने तो काटा था,

हाँ रोई रोहट खूब होगी, चीख पुकार भी मचेगी,... खून खच्चर तो होता ही है। और भौजाई काहे के लिए है, जैसे गौने की रात में अपने देवर को देवरानी की सेज पर पहुंचा के बाहर से ताला बंद कर देती है तो सब पठान टोली वाली ननदें जल्द ही देवरानी बनेगीं,... कच्ची कोरी तो बस अब वही हैं और कमल का नंबर तो पहले लगेगा वहां,
 

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और नीचे छेद भी चाँद जैसा गोल हो गया...
दूज के चाँद से पूरनमासी का चाँद 😂 😂
 

komaalrani

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संध्या भाभी का सीन कट हुआ तो लगा जैसे KLPD हो गया...
इस बार अच्छे से संध्या भाभी का ... साथ में दूबे भाभी के साथ गर्हित प्रसंग भी चार चाँद लगा देगी...
आगे आगे देखिये

पहले तीन भागों में तो काफी नए प्रसंग जुटे, ख़ास तौर से गुड्डी और उस के परिवार से जुड़े।
 

komaalrani

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गुलबिया और दूबे भाभी कन्या रस का रसास्वादन...
और पुरानी मान्यताओं के न मानने से उत्पन्न संकट...
इस बार सबकुछ सही-सही होगा...
आम्र मंजरी सिर्फ पुष्प धन्वा के पंच शरो में से एक नहीं है, वह ग्राम मन्यताओं और विश्वासों से भी जुड़ा, और जीवन चक्र, पेड़ पौधों से अलग नहीं रहता, इसलिए आम्र मंजरी, पुष्पित होना, किसी कन्या के युवती होने से, रजस्वला होने से जोड़ कर देखा जाता है और फल का आना गर्भवती होने से। होलिका के प्रसंग को इसलिए एक बार इस पोस्ट में रेखांकित किया गया की ग्राम जीवन की कहानी है तो उसके मिथक, प्रतीक, मान्यताएं और विश्वास का भी कहीं कहीं जिक्र होता है। और हर गांव में एक ऐसा पेड़ होता है जिसपे या तो बरम बाबा ( ब्रह्मराक्षस ) रहते हैं या वो आशीष देता है .

तो कई बार यह कहानी उस ओर भी मुड़ जाती है।
 

komaalrani

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बिना मस्टराइन के पढ़ाए-सिखाए..
और ट्रेनिंग दिए ..
इन सबका कल्याण नहीं होने वाला है...
और जैसा रज्जो भाभी ने बताया,

जिसकी जिसकी मलाई खायी उस मरद के पीछे तो मतवायी घूमेगी। और यह दूबे भाभी की चाल थी, उन्हें मालूम था यह टोटका। और गाँव की सब लड़कियों भौजाइयों की इच्छा, हिना और बाकी पठान टोली वालियों के साथ क्या करना चाहती है ये उन्हें अंदाज तो था ही, तो बस,...
 
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