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एकदम ऐसा ही होगा,पहली बार फटने के बाद .. सरपट घोड़े दौड़ने चाहिए..
आगे-पीछे .. ऊपर नीचे सब तरफ...
घोड़े दौड़ेंगे ही नहीं घुड़दौड़ होगी, न मूसल की कमी बाईसपुरवा में न ओखली की कमी पठान टोली में, सब एक से एक हैं
और कई बार तो बग्घी में, एक से ज्यादा घोड़े भी जुतते हैं, तो वो भी, अब आप इतना कह रहे हैं तो कम से कम चार पांच पार्ट पठान टोली वालियों के नाम
