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भाग ९६
ननद की सास, और सास का प्लान
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ननद की सास, और सास का प्लान
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Are jabardast. Amezing. Maza aa gaya. Dube bhouji ko man gae. Dewaro ke virya se nahai bethne vala seen padhkar to jese maind me ek taswir banti he. Jese loot gaya mina bazar.भाग ८०
मस्ती भौजाइयों की ,...चमेलिया -गुलबिया
१५,५२, ८००
चमेलिया ने कल शाम को कुंए पर हम लोगों को नहलाते जो बात कही थी दूबे भाभी सबसे बड़ी हैं वो तो देवरों की मलाई से नहायेंगी,... एकदम सही हुयी।
बाद में पता चला रेनू ने जो अनाउंस किया था उसके पीछे भी चमेलिया का ही हाथ था।
लेकिन दूबे भाभी ने बुरा जरा भी नहीं माना वो वैसे ही लौंडो के वीर्य में डूबी देर तक बैठी रही।
एक तरह से ड्रिंक इंटरवल हो गया था , ठंडाई, दहीबड़े, गुझिया ( कहने की बात नहीं सबमें भांग थी ) नंदों ने अपने हाथ से दूबे भाभी को खिलाया।
और अब जब फिर से जमावड़ा हुआ अब दूबे भाभी ने चमेलिया से बदला लिया, बोलीं
" अरे कमीनियों, सबसे बाद में गवने उतरी चमेलिया ऐसे सूखी खड़ी है, तानी उसकी ओर भी तो,..."
मैंने भी दूबे भाभी का साथ दिया आखिर गाँव में मेरी अकेली देवरानी तो वही थी,... बस दो लौंडे उसके ऊपर भी
चमेलिया की न देह क जवाब न बोली क, नमक खूब था उसकी देह में, खूब कटीली और जैसा काम करने वालियों की देह होती है, खूब कसी कसी पिंडलियाँ, भरी भरी जाँघे और छातियां, हाथ पैर चूतड़ सब में खूब जांगर, कुंए से दो गागर सर पर रखकर और दो बाल्टी पानी दोनों हाथों में लेकर धूप में कोसों चली जाए, एक बूँद न छलके।
और बोली भी ऐसी, कुंए के पानी ऐसी खूब मीठी और ठंडी, ठंडी,... उमर की बारी थी, पिछले साल चैत में हमारा गौना हुआ था और उसके दो महीने बाद जेठ में वो गौने उतरी, उमर में भी छोटी, नीलू, रेनू और लीला के बराबर ही होगी,...
और कल कबड्डी में ननदों को हराने में उसका और गुलबिया का बहुत हाथ था, ...
चमेलिया समझ गयी जो दूबे भाभी को उसने कल बोला था देवरों के मलाई से नहलाएगी और हुआ भी वही तो उसकी जेठानी इसलिए ही देवरों ननदों को उसके पीछे लूहा रही हैं।
लेकिन मन तो उसका भी कर रहा था और वो पीछे हटने वाली भी नहीं लेकिन दो तीन बातें उसने बोली, और ननदें मान गयी
पहली बात थी एक साथ दो तीन नहीं, पता ही नहीं चलता कैसे मजा आ रहा है।
कम्मो बोली,
वाह भौजी, गाँड़ मरवाये में गाँड़ फट रही है, इतना देवर तान के खड़े है लेकिन चलो भौजी तोहार बात,... पहली बार एक ही चढ़ेगा, वो तोहार मर्जी और ओकरे बाद दो चढ़ेंगे तीन चढ़ेंगे, देवर जाने ननद जाने ,"
लेकिन कौन चढ़ेगा और उसका भी हल चमेलिया ने ही बता दिया , जॉन जउन बहनचोद आपन कच्ची कली कोरी छोट सगी बहन आज चोदे हों उसकी झिल्ली फाड़े हों ,... जिनकी माहवारी पिछली होली के बाद शुरू हुयी हो मतलब जिसको होलिका माई खुद आशीर्वाद दी हो, .. उन
और ऐसे भी छह लड़के निकल गए, जिन्होंने अपनी एकदम कच्ची उमर वाली कोरी बहनों की झिल्ली आज सब भौजाइयों के सामने फाड़ी थी और असली पक्के बहनचोद बन गए थे, ... पंकज, बिट्टू, मुन्ना, हरेंद्र, और दो और,...
सबसे तेज लीना और हिना चमेलिया के पीछे पड़ी थीं, दोनों ने कानाफूसी की और हिना ने अनाउंस कर दिया
Are ye sab dewar to apni mahtari ke pahele se hi mathe hue he. Apni matribhumi ke pujak.अक्कड़ -बककड़ ---जीत गया बिट्टू
और ऐसे भी छह लड़के निकल गए, जिन्होंने अपनी एकदम कच्ची उमर वाली कोरी बहनों की झिल्ली आज सब भौजाइयों के सामने फाड़ी थी और असली पक्के बहनचोद बन गए थे, ... पंकज, बिट्टू, मुन्ना, हरेंद्र, और दो और,...
सबसे तेज लीना और हिना चमेलिया के पीछे पड़ी थीं, दोनों ने कानाफूसी की और हिना ने अनाउंस कर दिया
" भौजी चला अक्कड़ बककड़ कै ला, लेकिन आँख मूँद के और हम लीना करवाएंगे , और जहाँ चोर निकल के भागा आएगा वो हमरी भौजी के अंदर,.... लेकिन अगली बार जो बचे हैं ओहमे से तीन एक साथ अंदर जाएंगे, ...
और जब तक चमेलिया कुछ बोले बोले नीलू और लीला ने मिल के चमेलिया की आँख पे वही हिना की फटी ब्रा पड़ी थी, उसी की पट्टी बाँध दी।
हिना बोल रही थी अक्कड़ और लीना चमेलिया का हाथ पकड़ के खूंटे पे , " अरे भौजी तानी पकड़ के सोहरावा, मुठियावा "
चमेलिया की आँख बंद थी मुंह थोड़े ही, ... जिसका पकड़ती, मुठियाती उसे और उसकी बहिनिया को गरियाती बोलती,...
" बहिनचोद तो हमरे सामने हो गए , लेकिन लगता है पक्का मादरचोद भी है, ... "
और भौजाइयाँ चमेलिया का साथ देतीं,
" मजा आया था जिस भोंसडे से निकले थे उसमे घुसने में "
तो कोई भौजाई बोलती
" बेचारे हमरे देवर तो सीधे हैं , हमार सास सब ही , गरमाई होंगी पटक के पेल दी होंगी, ... "
और उस के बाद बक्क्ड़ बोल के हिना , चमेलिया का हाथ पकड़ के दूसरे खूंटे पर,
चमेलिया मुठियाती गरियाती कभी हिना का नाम ले के कभी लीना का नाम लेके सौ में लगा धागा तक दो बार चमेलिया उन छह लौंडो का लंड पकड़ के सोहरा मुठिया चुकी थी।
दूबे भाभी को वीर्य स्नान कराये भी आधा घंटा हो रहा था, और वो छह के छह फनफनाये, लेकिन लीना और हिना पुरानी सहेलियां दोनों ने मिल के बेईमानी की और जैसे ही चमेलिया ने लीना के भाई बिट्टू का खूंटा पकड़ा , एक साथ चोर निकल के भागा बोल दिया
और चंदा ने चमेलिया की आँख की पट्टी खोल दी,
तीन चार ननदों ने मिल के ऐसा धक्का दिया चमेलिया जमीन पे
और बिट्टू उसकी टांगों के बीच
और ननद सब चमेलिया को छाप ली, जो थोड़ी बड़ी उमर की थीं, इंटर में पढ़ने वाली, नीलू, लीला, चंदा सबों ने चमेलिया की दोनों बाहों को कस के पकड़ लिया। और बाकी भी लीना, हिना, कम्मो, बेला साथ में,...
" अरे छिनरो जब तुम सब हमरे देवर से चुदवा रही तो हम तो नहीं हाथ गोड़ पकडे " चमेलिया ने ननदों को गरियाया।
" अरे नहीं भौजी हम लोग तो तोहार छोट ननद, हम सब खाली देख रहे हैं सीख रहे हैं की मायके क चोदी, हमार भौजी हम लोगन क सामने हमरे भैया से कस चुदवा रही हैं। "
बेला, सबसे छोटी ननद सबसे ज्यादा चहक के बोली।
चमेलिया ने खुद ही टांग उठा के बिट्टू के कंधे पर रख दी थी,
मान गयी मैं बिट्टू को, औजार तो जबरदस्त था ही उसका, खूब मोटा और कड़ा एकदम पत्थर।
लेकिन जिस तरह से उसने चमेलिया को रगड़ना शुरू किया। चमेलिया के दोनों हाथ तो लीला और चंदा ने कस के दबोच रखा था, टाँगे दोनों लीना के भाई बिट्टू के कंधे पर,... बिट्टू अपना मोटा मलखम्भ, बस चमेलिया की गुलाबी फांको पर रगड़ रहा था,
कोई नौसिखिया होता तो ऐसी गरम मस्त जलेबी सामने देख के गप्प से पेल देता पूरा, लेकिन मान गयी मैं अपने देवर को, दोनों फांको पर रगड़ रगड़ के वो चमेलिया को गरमा रहा था लंड के लिए पागल कर रहा था।
लंड के लिए पागल तो इस समय सब भौजाई थीं।
सुबह से देवरों का लंड पकड़ के सोहरा के, सामने ननदों की कच्ची कोरी बिल में जबरदस्ती घुसा के, ननदों की चुदाई देख देख के सब की सब बौराई थीं, देवर न चोदते तो वही पकड़ के चोद देतीं, पर बेचारी चमेलिया, ... बिट्टू ऐसा जबरदंग देवर ऊपर चढ़ा, मोटा कड़ा खूब गरम लौंड़ा चूत के ऊपर से रगड़ रहा लेकिन अंदर नहीं घुस रहा था, अब उससे नहीं रहा गया, गरियाते बोली,
" अरे ससुरे तोहरी कोरी बहिनिया लीना क कच्ची चूत नहीं है जो इतने देर से छेद ढूंढ रहा है, ... अरे मादरचोद, महतारी क भोंसड़ा में घुसाय के सीखे नहीं का की कैसे पेला जाता है। "
चमेलिया तड़प रही थी दोनों ननदों से हाथ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी, लंड लेने के लिए चूतड़ उचका रही थी, कसमसा रही थी और बिट्टू भी समझ गया चमेलिया की का हालत हो रही है और अब उसे तड़पाया तो वो पता नहीं क्या करे,... बस।
लेकिन घुसाने के पहले उसने ऊँगली से चमेलिया की क्लिट जरा सी खोल दी,
चमेलिया ने जोर से सिसकी मारी, एक तो वैसे ही गरमाई, दूसरे इतनी देर से सुपाड़ा बुर की फांक पे रगड़ रहा था, फिर बिट्टू जैसे अंगूठे और तर्जनी से उसकी क्लिट हलके से मसला,... कोई दूसरी होती तो पानी फेंक देती, लीला और चंदा कस के अपनी भौजी क हाथ पकडे थीं वरना वो छुड़ा भी लेती। बार बार चूतड़ पटक रही थी, सिसक रही थी, अभी कुछ देर पहले जो सब ननदों को गरिया रही थी, देवरों के पीछे पड़ी थी, खुद उसकी हालत खराब थी,
बिट्टू ने अपनी छोटी बहन लीना को इशारा किया और उसने चमेलिया की चिपकी कसी दोनों फांक पूरी ताकत से फैला दी और उसके भाई का मोटा लंड गचाक, ...
गप्प से सुपाड़ा अंदर घुस गया, लेकिन अब बिट्टू के चौंकने की बारी थी।
चमेलिया शादी शुदा थी लेकिन बुर उसकी बहुते टाइट,... एक तो उमरिया की बारी, मेरी अकेली देवरानी, मेरा गौना चैत में हुआ उसका जेठ में। मेरा भी गौना इंटर का रिजल्ट निकलने के पहले ही हो गया था, और चमेलिया तो उमर में मुझसे भी छह सात महीने छोटी,... और बिट्टू के पहिले सिर्फ अपने मरद कल्लू से चुदी थी. गौने के पहले एकदम कोरी। और उसके बाद भी मरद के अलावा किसी के आगे लहंगा नहीं पसारा था उसने। गाँव की कितनी बिनब्याही ननदों से भी ज्यादा कसी।
लेकिन मैं बिट्टू की बदमाशी देख रही थी, कौन स्साला लौंडा ऐसी मस्त चूत पा के धक्के पर धक्का न मारता, पूरा लंड अंदर घुसा के ही मानता। ;लेकिन बिट्टू का सुपाड़ा उसकी बहिनिया लीना के कलाई इतना मोटा तो रहा ही होगा,... और ताकत भी बहुत थी, एक धक्के में ही उसने पूरा सुपाड़ा अंदर धकेल दिया।
फिर रुक गया, उसे मालूम था की आधी से ज्यादा नर्व एंडिंग्स तो चूत के शुरू में ही रहती हैं, हाँ खूब मोटा हो तो जब फैलाते फाड़ते दरेरते घुसता है , और बार बार वहां रगड़ता है तो लौंडिया की हालत खराब हो जाती है।
चमेलिया की हालत खराब थी, वो सिसक रही थी, देह काँप रही थी, मस्ती से आवाज नहीं निकल रही थी और अब उसकी दोनों कलाइयाँ भी उसकी ननदों ने लीला और चंदा ने छोड़ दिया और बिट्टू के जबरदस्त तगड़ी कलाइयों में उसकी चूड़ियां चुरचुरा रही थीं।
बिट्टू ने एक धक्का लगाया, दरेरते हुए मूसल थोड़ा और घुसा और बिट्टू फिर रुक गया. जब उस के अंदर घुसने का अहसास बुर के फटने की हद तक फ़ैलने का अहसास चमेलिया को हुआ, आँखे उसकी दर्द से मजे से बंद हो गयीं तो बहुत धीरे धीरे बिट्टू ने आलमोस्ट पूरा बाहर निकाला।
हम सब को, भौजाइयों को ननदों को लग रहा था अबकी बिट्टू कस के पेलेगा, पूरा ठोंक देगा अंदर।
चमेलिया भी यही गुहार कर रही थी,
"पेल दे न अंदर, काहे तड़पा रहा है, कर न,"
" का करीं भौजी "
बिट्टू ने गाँव की लड़कियों की ओर देख के हलके से मुस्क्ररा के बोला।
भौजाइयां झल्ला रही थीं।
Uffff Komal ji . Gajab ho aap to.भाग ८०
मस्ती भौजाइयों की ,...चमेलिया -गुलबिया
१५,५२, ८००
चमेलिया ने कल शाम को कुंए पर हम लोगों को नहलाते जो बात कही थी दूबे भाभी सबसे बड़ी हैं वो तो देवरों की मलाई से नहायेंगी,... एकदम सही हुयी।
बाद में पता चला रेनू ने जो अनाउंस किया था उसके पीछे भी चमेलिया का ही हाथ था।
लेकिन दूबे भाभी ने बुरा जरा भी नहीं माना वो वैसे ही लौंडो के वीर्य में डूबी देर तक बैठी रही।
एक तरह से ड्रिंक इंटरवल हो गया था , ठंडाई, दहीबड़े, गुझिया ( कहने की बात नहीं सबमें भांग थी ) नंदों ने अपने हाथ से दूबे भाभी को खिलाया।
और अब जब फिर से जमावड़ा हुआ अब दूबे भाभी ने चमेलिया से बदला लिया, बोलीं
" अरे कमीनियों, सबसे बाद में गवने उतरी चमेलिया ऐसे सूखी खड़ी है, तानी उसकी ओर भी तो,..."
मैंने भी दूबे भाभी का साथ दिया आखिर गाँव में मेरी अकेली देवरानी तो वही थी,... बस दो लौंडे उसके ऊपर भी
चमेलिया की न देह क जवाब न बोली क, नमक खूब था उसकी देह में, खूब कटीली और जैसा काम करने वालियों की देह होती है, खूब कसी कसी पिंडलियाँ, भरी भरी जाँघे और छातियां, हाथ पैर चूतड़ सब में खूब जांगर, कुंए से दो गागर सर पर रखकर और दो बाल्टी पानी दोनों हाथों में लेकर धूप में कोसों चली जाए, एक बूँद न छलके।
और बोली भी ऐसी, कुंए के पानी ऐसी खूब मीठी और ठंडी, ठंडी,... उमर की बारी थी, पिछले साल चैत में हमारा गौना हुआ था और उसके दो महीने बाद जेठ में वो गौने उतरी, उमर में भी छोटी, नीलू, रेनू और लीला के बराबर ही होगी,...
और कल कबड्डी में ननदों को हराने में उसका और गुलबिया का बहुत हाथ था, ...
चमेलिया समझ गयी जो दूबे भाभी को उसने कल बोला था देवरों के मलाई से नहलाएगी और हुआ भी वही तो उसकी जेठानी इसलिए ही देवरों ननदों को उसके पीछे लूहा रही हैं।
लेकिन मन तो उसका भी कर रहा था और वो पीछे हटने वाली भी नहीं लेकिन दो तीन बातें उसने बोली, और ननदें मान गयी
पहली बात थी एक साथ दो तीन नहीं, पता ही नहीं चलता कैसे मजा आ रहा है।
कम्मो बोली,
वाह भौजी, गाँड़ मरवाये में गाँड़ फट रही है, इतना देवर तान के खड़े है लेकिन चलो भौजी तोहार बात,... पहली बार एक ही चढ़ेगा, वो तोहार मर्जी और ओकरे बाद दो चढ़ेंगे तीन चढ़ेंगे, देवर जाने ननद जाने ,"
लेकिन कौन चढ़ेगा और उसका भी हल चमेलिया ने ही बता दिया , जॉन जउन बहनचोद आपन कच्ची कली कोरी छोट सगी बहन आज चोदे हों उसकी झिल्ली फाड़े हों ,... जिनकी माहवारी पिछली होली के बाद शुरू हुयी हो मतलब जिसको होलिका माई खुद आशीर्वाद दी हो, .. उन
और ऐसे भी छह लड़के निकल गए, जिन्होंने अपनी एकदम कच्ची उमर वाली कोरी बहनों की झिल्ली आज सब भौजाइयों के सामने फाड़ी थी और असली पक्के बहनचोद बन गए थे, ... पंकज, बिट्टू, मुन्ना, हरेंद्र, और दो और,...
सबसे तेज लीना और हिना चमेलिया के पीछे पड़ी थीं, दोनों ने कानाफूसी की और हिना ने अनाउंस कर दिया
Very very erotic update Komal ji. Mazaaa aa gaya .गुलबिया का पिछवाड़ा
जब बुर ही ठीक से नहीं चुदी थी तो पिछवाड़े का ख्याल कौन करता, ये नहीं की कोरी थी पर बहुतदिनों से, सालों से पिछवाड़े कुदाल नहीं चली थी।
जैसे ही पन्नू ने नीचे से गुलबिया को जकड़ा, पंकज को मौका मिल गया और उसने अपना मोटा सुपाड़ा गुलबिया के पिछवाड़े रगड़ना शुरू किया। कौन कहता है औरतों को पिछवाड़े मजा नहीं आता, कुछ देर में गुलबिया की हालत खराब, नीचे से पन्नू का बांस बच्चेदानी तक घुसा और ऊपर से पंकज का मोटा सुपाड़ा पीछे कुण्डी खटका रहा था।
पंकज इसी बगिया में लौंडियों के पहले कित्ते लौंडो की नेकर सरका चुका था. वो समझ गया गुलबिया की कोरी तो नहीं है लेकिन चढ़ाई दो चार बार ही गोलकुंडा के किले पे हुयी है और वो भी सालों पहले। और इस सुरंग में घुसने में मेहनत बहुत लगेगी लेकिन मजा भी बहुत आएगा।
" अरे भौजी दुनो ओर क मजा साथे साथ ला. "
ये कह के पंकज ने गुलबिया के भारी भारी चूतड़ कस के फैला दिया, एक छोटा सा दुबदूबाता छेद, बस उसी छेद में पहले एक फिर दूसरे हाथ का भी अंगूठा डाल दिया पूरी ताकत से और कुछ देर में जब पिछवाड़े को आदत हो गयी, पंकज ने कस के दोनों अँगूठो को पूरी ताकत से फैलाया, गुलाबीया के मुंह से आह निकल गयी। धीरे धीरे पंकज ने अंगूठों की ढीला किया और फिर कुछ रुक के और जोर से,...
सरसों का तेल या कोई और चिकनाई होती तो बात थी,... लेकिन पंकज को मालूम था एक से एक कसी गाँड़ फाड़ने का तरीका,... पांच छह बार करने के बाद इतनी जगह बन गयी की पंकज अपना सुपाड़ा बस फंसा सके।
तो पंकज ने पिछवाड़े पहले सटाया, फिर हलके से धक्के के साथ फंसाया, कस के गुलबिया की दोनों गदरायी चूँची पकड़ ली और क्या करारा धक्का मारा,
एक धक्के में सुपाड़ा अंदर,...
ओह्ह नहीं उफ्फ्फ्फ़ आह आह्ह्ह्ह,... गुलबिया की रोकते रोकते भी चीख निकल गयी। लेकिन पंकज नहीं रुका, वः पेलता रहा, ठेलता रहा, धकेलता रहा,
गाँड का छल्ला पार हुआ।
ओह्ह्ह ओफ़्फ़्फ़्फ़,... किसी कुँवारी की तरह वो चीख रही थी गुलबिया पंकज नहीं रुका हाँ बस एक दो इंच बचा होगा तो फिर से बाहर निकाल के जहाँ अंदर चमड़ी छिली थी, उसे दरेरते, रगड़ते ठेलते, ... और अबकी जड़ तक ठेल कर रुक गया.
और फिर नीचे से पन्नू ने उचक उचक के गुलबिया को चोदना शुरू किया, फिर तो सुर ताल में पहले पांच धक्के पन्नू नीचे से फिर पांच बार पंकज ऊपर से जबरदस्त सैंडविच बनी थी गुलबिया
और अब गाँव की लड़कियां चमेलिया के पीछे पड़ी.
" का हो भौजी इतनी जल्दी हार मान गयी,... सिर्फ एक बार एक हमारे भाई के साथ,... बाकी देर का मुट्ठ मार के काम चलाएंगे,... अरे सबके खूंटे खड़े है चढ़ जाइये न। "
चमेलिया मुन्ना के खूंटे पे चढ़ गयी लेकिन अबकी उसकी चालाकी और ताकत नहीं चली, विनोदवा तैयार खड़ा था, पिछवाड़े का उस्ताद और पिछवाड़े से उसने सेंध लगा दी।
अब गुलबिया और चमेलिया अगल बगल लेटी, दोनों पर गाँव के लौंडे चढ़े, अगवाड़ा पिछवाड़ा एक साथ
और अब नंदों ने दौड़ा दौड़ा के एक भौजी को पकड़ना शुरू किया।
रज्जो भाभी मौका पाके सटक ली थीं , नंदों ने दो चार छुटकियो को दौड़ाया, कम्मो, बेला, लीना,दीपा सब और रज्जो भौजी पकड़ी गयीं , पास में ही एक पेड़ों के झुण्ड में, ...
" काहो भौजी कउनो मायके का यार आया था का जो ननदो का साथ छोड़ के ,... " मेरे साथ बैठी रेनू ने वही से चिढ़ाया,
लीना, चंदा और कम्मो ने उन्हें छाप लिया, हाथ पैर सब पकड़ के,.... और थोड़ी देर में एक देवर रज्जो भाभी पर भी चढ़ा।
शायद ही कोई भौजाई बची होगी जिस पे दो दो लौंडे न चढ़े हों, असल में भाभियाँ थीं कम देवर थे ज्यादा और फिर अभी ननदें भी अपने भाइयों के साथ साथ,.... जिस भौजाई की टाँगे उठा के कोई देवर पेल रहा था उस के मुंह में कोई ननद चढ़ी अपनी बुर चटा रही थी।
Awesome super duper sexy gazab updatesभाग ८०
मस्ती भौजाइयों की ,...चमेलिया -गुलबिया
१५,५२, ८००
चमेलिया ने कल शाम को कुंए पर हम लोगों को नहलाते जो बात कही थी दूबे भाभी सबसे बड़ी हैं वो तो देवरों की मलाई से नहायेंगी,... एकदम सही हुयी।
बाद में पता चला रेनू ने जो अनाउंस किया था उसके पीछे भी चमेलिया का ही हाथ था।
लेकिन दूबे भाभी ने बुरा जरा भी नहीं माना वो वैसे ही लौंडो के वीर्य में डूबी देर तक बैठी रही।
एक तरह से ड्रिंक इंटरवल हो गया था , ठंडाई, दहीबड़े, गुझिया ( कहने की बात नहीं सबमें भांग थी ) नंदों ने अपने हाथ से दूबे भाभी को खिलाया।
और अब जब फिर से जमावड़ा हुआ अब दूबे भाभी ने चमेलिया से बदला लिया, बोलीं
" अरे कमीनियों, सबसे बाद में गवने उतरी चमेलिया ऐसे सूखी खड़ी है, तानी उसकी ओर भी तो,..."
मैंने भी दूबे भाभी का साथ दिया आखिर गाँव में मेरी अकेली देवरानी तो वही थी,... बस दो लौंडे उसके ऊपर भी
चमेलिया की न देह क जवाब न बोली क, नमक खूब था उसकी देह में, खूब कटीली और जैसा काम करने वालियों की देह होती है, खूब कसी कसी पिंडलियाँ, भरी भरी जाँघे और छातियां, हाथ पैर चूतड़ सब में खूब जांगर, कुंए से दो गागर सर पर रखकर और दो बाल्टी पानी दोनों हाथों में लेकर धूप में कोसों चली जाए, एक बूँद न छलके।
और बोली भी ऐसी, कुंए के पानी ऐसी खूब मीठी और ठंडी, ठंडी,... उमर की बारी थी, पिछले साल चैत में हमारा गौना हुआ था और उसके दो महीने बाद जेठ में वो गौने उतरी, उमर में भी छोटी, नीलू, रेनू और लीला के बराबर ही होगी,...
और कल कबड्डी में ननदों को हराने में उसका और गुलबिया का बहुत हाथ था, ...
चमेलिया समझ गयी जो दूबे भाभी को उसने कल बोला था देवरों के मलाई से नहलाएगी और हुआ भी वही तो उसकी जेठानी इसलिए ही देवरों ननदों को उसके पीछे लूहा रही हैं।
लेकिन मन तो उसका भी कर रहा था और वो पीछे हटने वाली भी नहीं लेकिन दो तीन बातें उसने बोली, और ननदें मान गयी
पहली बात थी एक साथ दो तीन नहीं, पता ही नहीं चलता कैसे मजा आ रहा है।
कम्मो बोली,
वाह भौजी, गाँड़ मरवाये में गाँड़ फट रही है, इतना देवर तान के खड़े है लेकिन चलो भौजी तोहार बात,... पहली बार एक ही चढ़ेगा, वो तोहार मर्जी और ओकरे बाद दो चढ़ेंगे तीन चढ़ेंगे, देवर जाने ननद जाने ,"
लेकिन कौन चढ़ेगा और उसका भी हल चमेलिया ने ही बता दिया , जॉन जउन बहनचोद आपन कच्ची कली कोरी छोट सगी बहन आज चोदे हों उसकी झिल्ली फाड़े हों ,... जिनकी माहवारी पिछली होली के बाद शुरू हुयी हो मतलब जिसको होलिका माई खुद आशीर्वाद दी हो, .. उन
और ऐसे भी छह लड़के निकल गए, जिन्होंने अपनी एकदम कच्ची उमर वाली कोरी बहनों की झिल्ली आज सब भौजाइयों के सामने फाड़ी थी और असली पक्के बहनचोद बन गए थे, ... पंकज, बिट्टू, मुन्ना, हरेंद्र, और दो और,...
सबसे तेज लीना और हिना चमेलिया के पीछे पड़ी थीं, दोनों ने कानाफूसी की और हिना ने अनाउंस कर दिया
Superb sexy updateगुलबिया का पिछवाड़ा
जब बुर ही ठीक से नहीं चुदी थी तो पिछवाड़े का ख्याल कौन करता, ये नहीं की कोरी थी पर बहुतदिनों से, सालों से पिछवाड़े कुदाल नहीं चली थी।
जैसे ही पन्नू ने नीचे से गुलबिया को जकड़ा, पंकज को मौका मिल गया और उसने अपना मोटा सुपाड़ा गुलबिया के पिछवाड़े रगड़ना शुरू किया। कौन कहता है औरतों को पिछवाड़े मजा नहीं आता, कुछ देर में गुलबिया की हालत खराब, नीचे से पन्नू का बांस बच्चेदानी तक घुसा और ऊपर से पंकज का मोटा सुपाड़ा पीछे कुण्डी खटका रहा था।
पंकज इसी बगिया में लौंडियों के पहले कित्ते लौंडो की नेकर सरका चुका था. वो समझ गया गुलबिया की कोरी तो नहीं है लेकिन चढ़ाई दो चार बार ही गोलकुंडा के किले पे हुयी है और वो भी सालों पहले। और इस सुरंग में घुसने में मेहनत बहुत लगेगी लेकिन मजा भी बहुत आएगा।
" अरे भौजी दुनो ओर क मजा साथे साथ ला. "
ये कह के पंकज ने गुलबिया के भारी भारी चूतड़ कस के फैला दिया, एक छोटा सा दुबदूबाता छेद, बस उसी छेद में पहले एक फिर दूसरे हाथ का भी अंगूठा डाल दिया पूरी ताकत से और कुछ देर में जब पिछवाड़े को आदत हो गयी, पंकज ने कस के दोनों अँगूठो को पूरी ताकत से फैलाया, गुलाबीया के मुंह से आह निकल गयी। धीरे धीरे पंकज ने अंगूठों की ढीला किया और फिर कुछ रुक के और जोर से,...
सरसों का तेल या कोई और चिकनाई होती तो बात थी,... लेकिन पंकज को मालूम था एक से एक कसी गाँड़ फाड़ने का तरीका,... पांच छह बार करने के बाद इतनी जगह बन गयी की पंकज अपना सुपाड़ा बस फंसा सके।
तो पंकज ने पिछवाड़े पहले सटाया, फिर हलके से धक्के के साथ फंसाया, कस के गुलबिया की दोनों गदरायी चूँची पकड़ ली और क्या करारा धक्का मारा,
एक धक्के में सुपाड़ा अंदर,...
ओह्ह नहीं उफ्फ्फ्फ़ आह आह्ह्ह्ह,... गुलबिया की रोकते रोकते भी चीख निकल गयी। लेकिन पंकज नहीं रुका, वः पेलता रहा, ठेलता रहा, धकेलता रहा,
गाँड का छल्ला पार हुआ।
ओह्ह्ह ओफ़्फ़्फ़्फ़,... किसी कुँवारी की तरह वो चीख रही थी गुलबिया पंकज नहीं रुका हाँ बस एक दो इंच बचा होगा तो फिर से बाहर निकाल के जहाँ अंदर चमड़ी छिली थी, उसे दरेरते, रगड़ते ठेलते, ... और अबकी जड़ तक ठेल कर रुक गया.
और फिर नीचे से पन्नू ने उचक उचक के गुलबिया को चोदना शुरू किया, फिर तो सुर ताल में पहले पांच धक्के पन्नू नीचे से फिर पांच बार पंकज ऊपर से जबरदस्त सैंडविच बनी थी गुलबिया
और अब गाँव की लड़कियां चमेलिया के पीछे पड़ी.
" का हो भौजी इतनी जल्दी हार मान गयी,... सिर्फ एक बार एक हमारे भाई के साथ,... बाकी देर का मुट्ठ मार के काम चलाएंगे,... अरे सबके खूंटे खड़े है चढ़ जाइये न। "
चमेलिया मुन्ना के खूंटे पे चढ़ गयी लेकिन अबकी उसकी चालाकी और ताकत नहीं चली, विनोदवा तैयार खड़ा था, पिछवाड़े का उस्ताद और पिछवाड़े से उसने सेंध लगा दी।
अब गुलबिया और चमेलिया अगल बगल लेटी, दोनों पर गाँव के लौंडे चढ़े, अगवाड़ा पिछवाड़ा एक साथ
और अब नंदों ने दौड़ा दौड़ा के एक भौजी को पकड़ना शुरू किया।
रज्जो भाभी मौका पाके सटक ली थीं , नंदों ने दो चार छुटकियो को दौड़ाया, कम्मो, बेला, लीना,दीपा सब और रज्जो भौजी पकड़ी गयीं , पास में ही एक पेड़ों के झुण्ड में, ...
" काहो भौजी कउनो मायके का यार आया था का जो ननदो का साथ छोड़ के ,... " मेरे साथ बैठी रेनू ने वही से चिढ़ाया,
लीना, चंदा और कम्मो ने उन्हें छाप लिया, हाथ पैर सब पकड़ के,.... और थोड़ी देर में एक देवर रज्जो भाभी पर भी चढ़ा।
शायद ही कोई भौजाई बची होगी जिस पे दो दो लौंडे न चढ़े हों, असल में भाभियाँ थीं कम देवर थे ज्यादा और फिर अभी ननदें भी अपने भाइयों के साथ साथ,.... जिस भौजाई की टाँगे उठा के कोई देवर पेल रहा था उस के मुंह में कोई ननद चढ़ी अपनी बुर चटा रही थी।
Jabardast erotic. Wah bittu wah. Par chameliya shasuri konsi kam thi. Is seen me muje ye line mast lagi sabse jyada.बदमाश बिट्टू -मस्त चमेलिया
हम सब को, भौजाइयों को ननदों को लग रहा था अबकी बिट्टू कस के पेलेगा, पूरा ठोंक देगा अंदर। चमेलिया भी यही गुहार कर रही थी, पेल दे न अंदर, काहे तड़पा रहा है, कर न,
" का करीं भौजी " बिट्टू ने गाँव की लड़कियों की ओर देख के हलके से मुस्क्ररा के बोला।
भौजाइयां झल्ला रही थीं।
ननदें मुस्करा रही थीं।
" अबे साले चोद, ये हाथ भर का लंड खाली आपन बहिन महतारी चोदने के लिए रखे हो का "
चमेलिया चिल्लाई और जोर से अपना चूतड़ ऊपर उचकाया, और ऊपर इ बिट्टू ने कस के धक्का मारा, लेकिन आधा लंड दो चार धक्को में पेल के रुक गया, बस अब उसके बाद वो रगड़ रगड़ के हलके से बाहर निकालता बस ज़रा सा , और फिर रगड़ते हुए थोड़ा सा और अंदर, जब चूत की दीवारों को फैलाता रगड़ता बिट्टू का मोटा सुपाड़ा अंदर घुसता तो मस्ती से चमेलिया की हालत खराब हो जाती, दस बारह इसी तरह कर के एक धक्का और बिट्टू ने मारा और अब करीब दो तिहाई अंदर घुस गया, ...
चमेलिया को खूब रस आ रहा था, वो सिसक रही थी, चूतड़ पटक रही थी, कसमसा रही थी,...
सुगना भौजी और रज्जो भौजी हिना को लेके एकदम चमेलिया के बगल में, हिना कभी मस्ती में डूबी चमेलिया की देह को देखती, कभी चमेलिया के खुश चेहरे को कभी उत्तेजना में पथराये दोनों जोबन और कभी उसकी कसी संकरी बुर में घुसे बिट्टू के मोटे लंड को, जो अभी भी एक तिहाई बाहर था, जैसे किसी संकरी मुंह वाली बोतल में मोटी डॉट अटक गयी हो,...
हिना की आज ही फ़टी चूत ये देख के कभी सिकुड़ रही थी कभी फ़ैल रही थी. देख के उसका मन एक बार फिर से कर रहा था, बार बार गाँव के सब लड़कों की ओर वो देख रही थी, और देख देख के ही उसकी चूत में चींटियां काट रही थीं।
और बिट्टू ने टारगेट चेंज कर दिया, दो तिहाई लंड अंदर था करीब ५-६ इंच, लेकिन अब उसने ठेलना रोक दिया।
चमेलिया के जोबन भी जबरदंग थे, सीने पर जैसे दो बड़े बड़े कटोरे उलटे रखे हों, खूब कड़े भी मांसल भी, और उनके ऊपर कंचे के बराबर निपल। बस बिट्टू ने झुक के जीभ से एक निपल को बार बार फ्लिक करना शरू कर दिया और दूसरा निपल बिट्टू की दो उँगलियों के बीच कस कस के मसला जा रहा था। कभी वो हथेली के बीच में चमेलिया की गदरायी चूँची को कस कस के मसलता जैसे पीस पीस के पिसान ( आटा ) कर देगा, कभी हलके से जोबन के ऊपरी हिस्से पे दांत लगा देता, जिससे चोली पहनने पर भी वो दांत के निशान झलकें।
मस्ती से चमेलिया कभी अपनी मुट्ठी बंद करती कभी खोलती, कभी कसमसाती, अब उसकी देह उसके कब्जे में नहीं थी, बस उसका मन कर रहा था ये सांड़ अब उसे माटी की तरह रौंद दे, कुचल दे मसल दे पीस डाले,
और हालत बिट्टू की भी कम खराब नहीं थी. ऐसी मस्त नार उसके नीचे थी, काम की पुतली, मस्त जोबन, कसी कसी चूत वाली, और वो उसे इत्ते देर से खाली गरम कर रहा था , फिर जैसे कोई रायफल वाला शॉट लगाने के पहले कंधे पे रायफल सेट करता है, एक बार उसने चमेलिया की टाँगे सेट की, दोनों हाथ चमेलिया के भारी भारी चूतड़ पे
उईईई उईईई ओह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़
चमेलिया कुछ दर्द से कुछ मजे से चीखी,... जोर से उसने चूतड़ उछाला, उसने बगीचे में घास पकड़ रखी थी अपनी मुट्ठी में वो निकल कर उसके हाथ में आ गए। चमेलिया के भारी भारी चूतड़ से दब के मिटटी के बड़े बड़े ढेले धुल बन गए।
आम के पेड़ पर आ रहे नए टिकोरों पर चोंच मारते तोते पंख फड़फड़ा के उड़ गए।
दो धक्के, चार धक्के, और जैसे ही बिट्टू का मोटा सुपाड़ा चमेलिया की बच्चेदानी मे लगा,...
लगा की चमेलिया की सांसे रुक गयी, आँखे उलट गयी।
बिट्टू भी रुक गया, बांस पूरा चमेलिया की बुर में जड़ तक था, फिर चमेलिया की आँखे हलकी हल्की खुलीं, बिट्टू को देख के दर्द के बावजूद वो मुस्करायी, बस इतना काफी था बिट्टू के लिए , एक बार फिर से चमेलिया के दोनों जोबन बिट्टू की मुट्ठी में थे। अब वो हलके हलके सहला रहा था, जड़ तक घुसे लंड के बेस से ही चमेलिया की बुर पे घिस्सा मार रहा था, कुछ देर में थकी सी चमेलिया ने भी चूतड़ उठा के बड़ी कोशिश कर के अपनी बुर से लंड के जड़ को रगड़ना शुरू कर दिया , वो मुस्करा रही थी.
चमेलिया की बाहें अब लता की तरह बिट्टू को घेरे थीं, कुछ देर में ही चुदाई चालू हो गयी, फूल फुल स्पीड नॉन स्टाप। बिट्टू अपना मोटा बांस आलमोस्ट बाहर निकाल के पेलता, और साथ में चमेलिया भी चूतड़ उठा उठा के,...
चमेलिया धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी और साथ में गरिया भी रही थी बिट्टू को,
" सगी बहिनिया को तो आज चोदा स्साले, एकरे पहले अस धक्का लगाना कहाँ सीखा, जरूर महतारी चोदते होंगे,.... अरे तोहरे महतारी क भोंसड़ा नहीं है,... "
औरत की गाली का जवाब मरद गाली से तो नहीं दे सकता पर जिस तरह से असल मर्द देता है , बिट्टू ने दिया, हुमच के एक धक्का दिया, चमेलिया की पसली पसली हिल गयी, धक्का इतनी जोर का था की चमेलिया की जरूर बच्चेदानी तक हिल गयी होगी। पर चमेलिया भी कम नहीं थी, उसने कस के बिट्टू को अपनी बाँहों में भींचा, अपने जोबना से जोर जोर से ऊपर चढ़े बिट्टू को रगड़ने लगी और मुझे देखे के मुस्करायी, और बिट्टू के चेहरे को देख के मैं समझ गयी चमेलिया ने क्या किया,
चमेलिया के हाथ पैर में तो बहुत जांगर था ही उसकी बुर में भी, ये ट्रिक मुझे मेरी सास ने गौने की रात के अगले दिन से सिखानी शुरू की थी और मैं भी अच्छा ख़ासा, लेकिन चमेलिया तो जैसे सिखी सिखाई, ...
ट्रिक थी बुर की मसल्स को पूरी ताकत से भींचना, जैसे किसी को मुट्ठी में कस के पकड़ लें दबोच लें और वो छुड़ा न पाए, पैसिव मसल्स को एक्टिव मसल्स बना लेना, ... बताया था न चमेलिया मेरे बाद गौने उतरी थी, गाँव में मेरी अकेली देवरानी, ...
मेरा गौना होली के आठ दस दिन बाद हुआ था, ... इंटर का मेरा बोर्ड का इम्तहान जब ख़तम हुआ था, उसके अगले दिन ही,... और चमेलिया का गौना हुआ था जेठ में, जून शुरू हुआ था,. उसके महीने भर के बाद की बात है,... हम दोनों में बहुत दोस्ती थी,... वो कभी कभी तेल लगाती थी मुझे, तो उस दिन मैंने उसके ऊँगली कर दी, चिढ़ाया,
" हे देवर की मलाई अकेले अकेले खाओगी। सच में बुर बजबजा रही थी। लेकिन जैसे ही मैंने ऊँगली अंदर तक की बस उसकी बुर ने कस के भींच लिया और मैं समझ गयी उसका खेल, मैंने उसे हड़काया, : हे मेरे देवर का लंड नहीं है तोहरी जेठानी क ऊँगली है "
असल में असली मजा आता है मरद को, ... जैसे कोई मुट्ठी में खूंटा पकड़ के मुलायम हाथ से कभी कस के दबाये फिर धीमे धीमे छोड़े, फिर दबाये, ... जो हालत होती है एकदम वही,... बिन चोदे चुदाई का पूरा मजा ,
" मान गए भौजी, बहुत चूत चोदे लेकिन, ... " और फिर धीरे धीरे निकाल के पूरी ताकत से धक्का मारा बिट्टू ने,
जैसे अखाड़े में दो बराबर की टक्कर के पहलवान लड़ रहे हों , दुसरी कोई औरत होती तो तीन बार झड़ चुकी होती , सब ननदें सास रोके देख रही थी सीख रही थीं. लेकिन फिर चमेलिया ने जो किया, ननदों की चीख निकल गयी, ... उसने पलटी मार दी। हाथों से तो कस को बिट्टू की पकडे ही थी, अपनी दोनों टांगो से उसने बिट्टू के चुतड़ दबोच लिए, और अब जब बिट्टू ने धक्का मारा एकदम जड़ तक, बस वही बुर भींचने वाली ट्रिक पूरी ताकत से चमेलिया ने की और पलटी मार दी,
Yeh ... Ye huaa ashli maza. Sach me konalji ye vala kissa se dill khush ho gaya. Kon bolta he ke fagun me dewar bhoujiyo ko pelte he. Are bhouji log dewar ko pelte he. Abhi to dekha hi kya he. Bhuji power. Wah chameliya wah. Kar diya bittu ka balatkar. Dam dar update.चढ़ गयी चमेलिया बांस पर
लेकिन फिर चमेलिया ने जो किया, ननदों की चीख निकल गयी, ... उसने पलटी मार दी। हाथों से तो कस को बिट्टू की पकडे ही थी, अपनी दोनों टांगो से उसने बिट्टू के चुतड़ दबोच लिए, और अब जब बिट्टू ने धक्का मारा एकदम जड़ तक, बस वही बुर भींचने वाली ट्रिक पूरी ताकत से चमेलिया ने की और पलटी मार दी,
अब चमेलिया उपर, और अभी भी बिट्टू का बित्ते भर का खूंटा अंदर जड़ तक धंसा,..... च
मेलिया ने जैसे गौने की रात मरद नयी नयी दुलहन की दोनों कोहनी तक चूड़ी से लदी कलाई पकड़ के पूरी ताकत से झिल्ली फाड़ने के लिए धक्का मारता है, उसी तरह चमेलिया ने बिट्टू की दोनों कलाइयां पकड़ ली,.... और धीरे धीरे अपनी बुर ढीली कर अपने को ऊपर उठाया और झुक के एक कस के चुम्मा बिट्टू के मुंह पे ले के बोली,
" अब भौजी चोदेगी और देवर चुदवायेगा "
" एकदम भौजी " नीचे से चुम्मे का जवाब चुम्मे से देता बिट्टू बोला,
" हे ई चाही "
ऊपर चढ़ी चमेलिया अपने ठोस गद्दर जोबन बिट्टू के होंठ के पास ले जा के ललचाती बोली,
" एकदम भौजी "
ललचाता बिट्टू बोला, लेकिन चमेलिया ने अपने उभार ऊपर उठा लिए, ... बगल में लीना, बिट्टू की सगी छोटी बहन बैठी थी जिसकी झिल्ली थोड़ी देर पहले बिट्टू ने फाड़ी थी, एकदम सटी, अपने भाई का मोटा लंड अंदर बाहर होते देख रही थी, भाई की ओर से हल्ला मचा रही थी, चमेलिया और सब भौजाइयों को गरिया रही थी, ... चमेलिया ने बिट्टू का हाथ पकड़ के नौ में पढ़ने वाली लीना की छोटी छोटी अभी आ रही चूँची पर रखा और चिढ़ाया
" पहले हमरी ननद क चूँची दबाओ तब भौजाई क मिलेगी "
बिट्टू ने कस के अपनी बहिनिया की कच्ची अमिया दबायी, लीना जोर से सिसकी,... और इनाम में चमेलिया ने अपना जोबन देवर को परस दिया। बिट्टू के मुंह में भौजाई की चूँची और हाथ में छोट बहिनिया की.
चमेलिया ऊपर चढ़ के हचक के चोद रही थी देवर को, फिर कस के बुर में लंड भींचती बोली,
" काहो देवर रज्जा, आ रहा है मजा भौजाई की बुर का,... "
" बहुत भौजी, "
नीचे से चूतड़ उछालता बिट्टू बोला, अब चार पांच धक्के नीचे से बिट्टू मार रहा था, चमेलिया की कमर पकड़ के कभी ऊपर कर देता तो कभी अपने खड़े लंड पे खींच लेता, तो उस के बाद आठ दस धक्के चमेलिया ऊपर चढ़े चढ़े और साथ में कभी अपने जोबन कस के बिट्टू की छाती पे रगड़ती तो कभी जीभ से बिट्टू के निपल सहला देती तो कभी काट लेती और बिट्टू सिसक पड़ता।
" चाही भौजी क बुरिया " चोदती चमेलिया ने पूछा
" अरे भौजी नेकी ओर पूछ पूछ " नीचे से खुश होके जबरदस्त धक्का मारते बिट्टू बोला,...
" तो हमरी ननद को आपन रखैल बनवा रोज बिना नागा, ..... "
और चमेलिया ने बिट्टू की बहन लीना को खींच के, लीना के टिकोरे बिट्टू के मुंह पे,... बिट्टू ने बहन की चूँची चूसनी शुरू कर दी,
और चमेलिया की कमर पकड़ के धक्के पर धक्के,... फिर चमेलिया की ओर देखते चमेलिया की बात का जवाब दिया,
" भौजी रोज चोदब तोहरी यह ननदिया क बुर,... "
चुदाई पूरी तेजी पर थी, दोनों हाथों से बिट्टू के कंधे को कस के दबाती चमेलिया बोली,
" अबे स्साले, तो हमारी ननद की गाँड़ कौन मारेगा, तोहरे सिवाय तो इसका सगा छोड़ चचेरा भाई भी नहीं है। तो का अपने गाँव से दस भर, कहार बुलाऊँ ? जउने दिन हमरी ये मीठ मीठ मालपुआ अस ननद की गाँड़ से सरका टपकता न मिला तो मैं तोहार गाँड़ मार दूंगी " ...
लग रहा था दोनों अब झड़े तब झड़े, ... झड़ी पहले चमेलिया ही। बिट्टू पर चढ़े चढ़े, ... वो काँप रही थी, बुर पिचक फूल रही थी, कस कस के बिट्टू के लंड को सिकोड़ रही थी और बिट्टू भी झड़ने लगा, दोनों कस के एक दूसरे को पकडे,...
चमेलिया ने बहुत बहुत धीरे धीरे अपनी कमर उठायी, पक्क से बिट्टू का लंड बाहर निकल आया अभी भी थोड़ा सोया, थोड़ा जाएगा। चमेलिया बुर सिकोड़े थी, फिर धीरे धीरे उसने बुर ढीली करनी शुरू कर दी,... और
टप टप टप टप ,.... बूँद बूँद मलाई कुछ कुछ बिट्टू के खूंटे पर, कुछ चमेलिया की जांघ पर,... फैलती बहती,...
दोनों थक गए थे , एक दूसरे के बगल में पड़ गए, कुछ देर बाद जब बिट्टू की आँख खुली तो चमेलिया से बोला,...
" भौजी बहुत बुर चोदे , लेकिन तोहरे अस चुदवासी, एकाध ही मिलीं,... " और जिस तरह ये फुसफुसाते हुए बिट्टू ने मुझे देखा, मैं भी समझ गयी, मेरी अकेली देवरानी चमेलिया भी, ... की वो 'एकाध' कौन है।
जोर से मुस्करा के मैंने बिट्टू चमेलिया को देखा और जवाब मेरी ओर से मेरी देवरानी ने दे दिया,... " लाला, ... देवर भौजी क फागुन साल भर चलता है, तो जउनदिन, हम देवरान जेठान मिल के,... सोच ला "
मैंने भी मुस्करा के अपनी मुहर लगा दी।
Wah ri gulabiya kam to tu bhi nahi. Maza aa gaya. Is bar ke update to sab se jan leva he. Ghot le aaj sala pure dewar ka. Kar de tu bhi balatkar pannu ka. Maja aa gaya. Chameliya bhi garma gai. Dusra round shuru wah.गुलबिया
लेकिन और भी लौंडे थे खूंटा खड़ा किये दो तो चमेलिया की ही फ़िराक में ,... चमेलिया बिट्टू की चुदाई में सब ननदें भौजाई खाली देख रही थीं और अब फिर खेल शुरू हो गया।
अबकी नंबर गुलबिया का था. पन्नू लेटा था, खूंटा खड़ा, और नीलू, चंदा गुलबिया को चिढ़ा रही थीं,
" चढ़ जाइये भौजी, आपके देवर ने मस्त खूंटा खड़ा किया है "
वही ठीक चमेलिया के बगल में,,... चमेलिया थेथर होके लेटी थी। चमेलिया के बिल से मलाई अभी भी रिस रही थी।
" अरे ऐसे कैसे चढ़ जाऊं, जरा प्यार दुलार तो कर लूँ, देखूं इसकी बहनों ने कैसे मुठिया के खड़ा किया है " हँसते चिढ़ाते गुलबिया बोली
और बिना हाथ लगाए, जीभ की टिप से खूंटा जंहा बॉल्स से मिलता था थोड़ी देर चाटा, फिर सीधे लम्बे लम्बे लिक्स के साथ खड़े बांस पे चढ़ते हुए सीधे सुपाड़े तक,.... और होंठों का जोर लगा के सुपाड़े का ढक्क्न खोल दिया,
जीभ की टिप से छेद को चाटा सुरसुरी की, और गप्प से लीची की तरह रसीले सुपाड़े को गप्प कर लिया, और लगी चुभलाने, और बीच बीच में गुलबिया पन्नू का लंड चूसते चमेलिया को देख रही थी.
चमेलिया एक बार फिर से गरमा रही थी, उसकी बिल में सुरसुरी हो रही।
थोड़ी देर में गुलबिया ने आधा लंड गप्प कर लिया, साथ में वो मुठिया भी रही थी. गुलबिया के होंठ पन्नू के लंड से रगड़ते दरेरते, साथ में नीचे से जीभ भी खेल तमाशा कर रही थी, लंड को छेड़ रही थी.
अगर पन्नू नीचे से चूतड़ उछलता तो वो आँखों से बरज देती, गुलबिया की मुठियाती उँगलियाँ अब बॉल्स सहला रही थीं, पन्नू की हालत खराब थी, और देख रहे देवरों की भी, ...
गुलबिया के होंठ हटे तो मुट्ठी ने वो जगह ले ली और होंठों ने गरियाने का,
" चल स्साले अपनी बहिनियों की तरह तुंहु चुदवाना चाहते हो तो चल चोद चोद के अभी तोहार पानी निकालती हूँ लेकिन बिना झाड़े झड़े तो यहीं गाँड़ , मार लूंगी।"
" अरे भौजी आवा न. चढ़ जा, इतना देर से तो खड़ा किये हैं मस्त, ... " पन्नू बोला।
" हाँ भौजी बहुत चोर सिपाही हो गया अब असली खेल शुरू करिये " कच्ची अमिया वाली बेला उकसाते बोली , जिसकी झिल्ली आज ही चुन्नू ने फाड़ी थी।
और गुलबिया उठ के पन्नू के तने खूंटे पर, गुलबिया ने पहले सिर्फ सुपाड़ा घोंटा, और कस के पन्नू को दोनों कलाइयां पकड़ ली फिर पूरी ताकत से वो धक्का मारा की आधे से लंड अंदर था। पर अब गुलाबिया ने पन्नू को छेड़ना शुरू कर दिया कभी अपने बड़े बड़े जोबन उसके सीने में रगड़ देती कभी चूम लेती।
पन्नू से नहीं रहा गया और उसने कमान अपने हाथ में ले ली, और नीचे से दो चार जबरदस्त धक्के मारे और खूंटा अंदर जड़ तक।
गुलबिया अभी लड़कोर तो थी नहीं , मर्द पंजाब कमाने गया, होली दिवाली कभी आया कभी नहीं। कभी छुट्टी नहीं मिली कभी रिर्जेवेशन,... तो बुरिया उसकी बड़ी टाइट,...
लेकिन अभी तो चार आने का ही खेल हुआ था असली खेल तो बाकी था।
चंदा और नीलू ने पन्नू को इशारा किया और उसने कस के अपनी बाँहों से गुलबिया को दबोच लिया। ऊपर से धक्के लगाते गुलबिया के बड़े बड़े चूतड़ बहुत अच्छे लग रहे थे और उन्हें देख के पिछवाड़े के शौक़ीन पंकजवा की हालत खराब थी। जब बुर ही ठीक से नहीं चुदी थी तो पिछवाड़े का ख्याल कौन करता, ये नहीं की कोरी थी पर बहुतदिनों से, सालों से पिछवाड़े कुदाल नहीं चली थी।
Wah ri gulabiya. Tu to 2 nahi 4 kadam aage nikli. Dono ko zel gai. Man gae. Tu bhi kabhi apne mayke ki chhinar nandiya hogi. Maza aa gaya. Garam updates.गुलबिया का पिछवाड़ा
जब बुर ही ठीक से नहीं चुदी थी तो पिछवाड़े का ख्याल कौन करता, ये नहीं की कोरी थी पर बहुतदिनों से, सालों से पिछवाड़े कुदाल नहीं चली थी।
जैसे ही पन्नू ने नीचे से गुलबिया को जकड़ा, पंकज को मौका मिल गया और उसने अपना मोटा सुपाड़ा गुलबिया के पिछवाड़े रगड़ना शुरू किया। कौन कहता है औरतों को पिछवाड़े मजा नहीं आता, कुछ देर में गुलबिया की हालत खराब, नीचे से पन्नू का बांस बच्चेदानी तक घुसा और ऊपर से पंकज का मोटा सुपाड़ा पीछे कुण्डी खटका रहा था।
पंकज इसी बगिया में लौंडियों के पहले कित्ते लौंडो की नेकर सरका चुका था. वो समझ गया गुलबिया की कोरी तो नहीं है लेकिन चढ़ाई दो चार बार ही गोलकुंडा के किले पे हुयी है और वो भी सालों पहले। और इस सुरंग में घुसने में मेहनत बहुत लगेगी लेकिन मजा भी बहुत आएगा।
" अरे भौजी दुनो ओर क मजा साथे साथ ला. "
ये कह के पंकज ने गुलबिया के भारी भारी चूतड़ कस के फैला दिया, एक छोटा सा दुबदूबाता छेद, बस उसी छेद में पहले एक फिर दूसरे हाथ का भी अंगूठा डाल दिया पूरी ताकत से और कुछ देर में जब पिछवाड़े को आदत हो गयी, पंकज ने कस के दोनों अँगूठो को पूरी ताकत से फैलाया, गुलाबीया के मुंह से आह निकल गयी। धीरे धीरे पंकज ने अंगूठों की ढीला किया और फिर कुछ रुक के और जोर से,...
सरसों का तेल या कोई और चिकनाई होती तो बात थी,... लेकिन पंकज को मालूम था एक से एक कसी गाँड़ फाड़ने का तरीका,... पांच छह बार करने के बाद इतनी जगह बन गयी की पंकज अपना सुपाड़ा बस फंसा सके।
तो पंकज ने पिछवाड़े पहले सटाया, फिर हलके से धक्के के साथ फंसाया, कस के गुलबिया की दोनों गदरायी चूँची पकड़ ली और क्या करारा धक्का मारा,
एक धक्के में सुपाड़ा अंदर,...
ओह्ह नहीं उफ्फ्फ्फ़ आह आह्ह्ह्ह,... गुलबिया की रोकते रोकते भी चीख निकल गयी। लेकिन पंकज नहीं रुका, वः पेलता रहा, ठेलता रहा, धकेलता रहा,
गाँड का छल्ला पार हुआ।
ओह्ह्ह ओफ़्फ़्फ़्फ़,... किसी कुँवारी की तरह वो चीख रही थी गुलबिया पंकज नहीं रुका हाँ बस एक दो इंच बचा होगा तो फिर से बाहर निकाल के जहाँ अंदर चमड़ी छिली थी, उसे दरेरते, रगड़ते ठेलते, ... और अबकी जड़ तक ठेल कर रुक गया.
और फिर नीचे से पन्नू ने उचक उचक के गुलबिया को चोदना शुरू किया, फिर तो सुर ताल में पहले पांच धक्के पन्नू नीचे से फिर पांच बार पंकज ऊपर से जबरदस्त सैंडविच बनी थी गुलबिया
और अब गाँव की लड़कियां चमेलिया के पीछे पड़ी.
" का हो भौजी इतनी जल्दी हार मान गयी,... सिर्फ एक बार एक हमारे भाई के साथ,... बाकी देर का मुट्ठ मार के काम चलाएंगे,... अरे सबके खूंटे खड़े है चढ़ जाइये न। "
चमेलिया मुन्ना के खूंटे पे चढ़ गयी लेकिन अबकी उसकी चालाकी और ताकत नहीं चली, विनोदवा तैयार खड़ा था, पिछवाड़े का उस्ताद और पिछवाड़े से उसने सेंध लगा दी।
अब गुलबिया और चमेलिया अगल बगल लेटी, दोनों पर गाँव के लौंडे चढ़े, अगवाड़ा पिछवाड़ा एक साथ
और अब नंदों ने दौड़ा दौड़ा के एक भौजी को पकड़ना शुरू किया।
रज्जो भाभी मौका पाके सटक ली थीं , नंदों ने दो चार छुटकियो को दौड़ाया, कम्मो, बेला, लीना,दीपा सब और रज्जो भौजी पकड़ी गयीं , पास में ही एक पेड़ों के झुण्ड में, ...
" काहो भौजी कउनो मायके का यार आया था का जो ननदो का साथ छोड़ के ,... " मेरे साथ बैठी रेनू ने वही से चिढ़ाया,
लीना, चंदा और कम्मो ने उन्हें छाप लिया, हाथ पैर सब पकड़ के,.... और थोड़ी देर में एक देवर रज्जो भाभी पर भी चढ़ा।
शायद ही कोई भौजाई बची होगी जिस पे दो दो लौंडे न चढ़े हों, असल में भाभियाँ थीं कम देवर थे ज्यादा और फिर अभी ननदें भी अपने भाइयों के साथ साथ,.... जिस भौजाई की टाँगे उठा के कोई देवर पेल रहा था उस के मुंह में कोई ननद चढ़ी अपनी बुर चटा रही थी।