सचमुच.. बचपन से देखते आ रहे...ननद को चुदवाने का अलग ही रोमांच है । भाई को बहन से प्रेम होता है तभी तो गुड़ुई फगुई खिचरी पर सामान पहुंचाने जाता है । इसीलिए ननद भी भौजी के सैयां के आगे घोड़ी और कुतिया बनके प्यार करती हैं। भौजी तो सिर्फ सैयां और ननद के बीच कड़ी का काम करती हैं । प्रेम तो दोनो के बीच पहले से ही होता है । प्रेम में सर्वस्व न्योछावर करना ही पड़ता है ।
बेहद रोमांचक अपडेट, वास्तविक सा लग रहा है ।
हर खेल और पल में...
तो आकर्षण स्वाभाविक है...