• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

Chaudharysahab95

New Member
6
6
3
M sirf apke liye XF ka app install kiya hu. Mene apki kayi story padhi Or muje jab b time milta hai m apki story jrur pdta. Apki lekhan kala m wo jaadu ki ek scene m mera hatiyaar khada ho jata Or jab tk use apka naam leke nichod n deta man n lgta. Such btau tho apka naam leke ab tk kitni bar use mutiya hai.
Aap jis andaaj se pura scene byaan krti Or paarivarik rishto m jis trah sangam krati ho wo adbhut hai.
Muje apki saari story padhi hai agr koi story idhr nhi hai or kahi hai tho plss uske baare m btana.
Love u komal bhabi
 

jhonmilton

New Member
58
93
18
सुपर फास्ट उद्घाटन हो गया ...आगे पीछे दोनो का ... अब कुछ काम तसल्ली वाला भी ही जाए
 
  • Like
Reactions: komaalrani

komaalrani

Well-Known Member
22,248
57,898
259
M sirf apke liye XF ka app install kiya hu. Mene apki kayi story padhi Or muje jab b time milta hai m apki story jrur pdta. Apki lekhan kala m wo jaadu ki ek scene m mera hatiyaar khada ho jata Or jab tk use apka naam leke nichod n deta man n lgta. Such btau tho apka naam leke ab tk kitni bar use mutiya hai.
Aap jis andaaj se pura scene byaan krti Or paarivarik rishto m jis trah sangam krati ho wo adbhut hai.
Muje apki saari story padhi hai agr koi story idhr nhi hai or kahi hai tho plss uske baare m btana.
Love u komal bhabi
Thanks so much, aap aise do chaar reader bhi hon to likhne ka majaa aa jaata hai, thanks for nice compliments
 

komaalrani

Well-Known Member
22,248
57,898
259
सुपर फास्ट उद्घाटन हो गया ...आगे पीछे दोनो का ... अब कुछ काम तसल्ली वाला भी ही जाए
 

komaalrani

Well-Known Member
22,248
57,898
259
सुपर फास्ट उद्घाटन हो गया ...आगे पीछे दोनो का ... अब कुछ काम तसल्ली वाला भी ही जाए
होगा होगा , तस्सल्ली से भी होगा और तस्सलीबख्श होगा
 

komaalrani

Well-Known Member
22,248
57,898
259
Next part soon
 

komaalrani

Well-Known Member
22,248
57,898
259
भाग १९

ननदों भौजाइयों की रंगभरी कबड्डी





नैना को और दो चार घर जाना था कल की होली के लिए,... और मेरा घर भी आ गया था, वो बोली कल सुबह सात बजे तक आ जाएगी, और मैं घर में घुस गयी।



………………..

मेरी सास और ननद दोनों रसोई में लगी थीं, मैं भी वहीँ पहुँच गयी. कल तो दिन भर होली की मस्ती होनी थी, इसलिए आज ही सब कुछ, बना के,...कल की होली सिर्फ लड़कियों और औरतों की होती थी, मर्द तो सुबह होने के पहले ही घर के बाहर,


और रसोई तो वैसे ही औरतों का राज होता है फिर होली का माहौल, मज़ाक का लेवल एकदम गन्दा वाला पहुंचने में टाइम नहीं लगा, मेरी ननद मेरे पीछे,...


" भाभी, पिछले दो साल से होली में ननदें जीतती हैं , अबकी हैट ट्रिक होगी, फिर तो नंगे आपको और आपकी बहिनिया को नचाएंगे।

और अपना हाथ दिखाते हुए ननद ने चिढ़ाया,

" ये देख रही हो, अरे कलाई तक नहीं कुहनी तक पेलूँगी तोहरी गंडिया में, फिर मुट्ठी खोल दूंगी,... अइसन गाँड़ मारूंगी न की सांझी तक ,जो तोहार महतारी क भोंसड़ा है जिसमे से वो तोहैं और तोहरे दुनो बहिनियां ऊगली हैं, उससे भी चौड़ा हो जाएगा, ...



फिर तो गाँव भर क मरदन से, चमरौटी, भरौटी,अहिरौटी कुल से गाँड़ मरवाइयेगा,बिना तेल लगाए। और हाँ आज भले सेर भर तेल अपनी और अपनी बहिनिया की गंडिया में डाल लीजियेगा, लेकिन हम ननद सब पहले हाथ में बोरा लपेट के उहै तेलवा सुखाएँगे, तब ई चाकर गांड मारेंगे जेके देख के तोहार कुल देवर ननदोई लुभाते हैं। हाँ, कल दिन में खाने में, नाश्ते में बस,... हम होली के दिन तो खाली चटनी चटाये थे, ... अब सब हमरे पिछवाड़े से सीधे तोहरे मुंहे से होयके तोहरे पेट में,... "




मुझे जवाब देने की कोई जरूरत नहीं थी, ...मेरी सास थी न। और ननदों के खिलाफ, भले उनकी सगी बेटियां क्यों न हों, वो हरदम मेरा साथ देती थीं, आखिर थीं वो भी तो इस गाँव की बहू, और मैं भी गाँव की बहू, हाँ इनकी बूआ, मेरी बूआ सास हरदम नंदों का साथ देती थीं.


तो मेरी सास ने सराहती नज़रों से मेरी ओर देखा और जो जवाब मैं सोच भी नहीं सकती थी, वो सब दे दिया।


" अरे माना पिछले दो साल से तुम लोग जीत रही थी, लेकिन तब हमारी बहू नहीं थी,... अब अकेले कुल ननदों का पेटीकोट शलवार फाड़ने की ताकत रखने वाली है, तोहरे भाई क ताकत देख रही है इतने दिनों से तो तुम लोगों को भी पक्का हराएगी, और जानती हो जब ननदें हारती हैं तो गाँड़ बुर में मुट्ठी डालने के अलावा भौजाइयां का का करवाती हैं? "




" अरे तो तोहार बहुरिया है तो नैना भी अबकी एही लिए ससुराल से आगयी है हम ननदों का साथ देने " ननद ने अपना तुरप का पत्ता फेंका।

" अरे तो जो छुटकी आयी है असली हरी मिर्च है , बहू की छुटकी बहिनिया,... वो देखना नैना क फाड़ देगी " सास जी भी चुप नहीं होने वाली थीं, लेकिन लगे हाथ उन्होंने अपनी समधन मेरी माँ को भी लपेटा ,...



" और जो इसकी महतारी क भोंसडे क बात कर रही हो न , तो तुमको मालूम नहीं है वो छिनार मायके क लंडखोर है और गदहा, घोडा, कुछ नहीं छोड़ी है , तो ओकर भोंसड़ा तो ताल पोखर अस चौड़ा है, अरे तोहरे भैया क पूरी बरात ओहमें नहायी थी , लेकिन जहाँ तक हमरी बहू की बात है , अबकी वही जीतेगी,.... बस तैयार हो जाओ हारने के लिए। "

मैच के पहले ही अम्पायर ने फैसला सुना दिया।




और जब अम्पायर अपनी ओर हो तो मैच फिक्सिंग से कौन रोक सकता है. मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान रोकी, ननदों भौजाइयों की रंगभरी कबड्डी मैच में, ( अगर आप में से जिसने अल्टीमेट सरेंडर की लेस्बियन रेसलिंग देखी होगी वो भी इस कबड्डी के आगे फीकी थी ) अम्पायर सासों का एक पैनल ही होता है, जिसकी मुखिया मेरी सास ही होती हैं और वैसे भी गाँव में मेरी सास की ही चलती है तो,...
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,248
57,898
259
कबड्डी



लेकिन जहाँ तक हमरी बहू की बात है , अबकी वही जीतेगी,.... बस तैयार हो जाओ हारने के लिए। " मैच के पहले ही अम्पायर ने फैसला सुना दिया।

और जब अम्पायर अपनी ओर हो तो मैच फिक्सिंग से कौन रोक सकता है. मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान रोकी, ननदों भौजाइयों की रंगभरी कबड्डी मैच में, ( अगर आप में से जिसने अल्टीमेट सरेंडर की लेस्बियन रेसलिंग देखी होगी वो भी इस कबड्डी के आगे फीकी थी )





अम्पायर सासों का एक पैनल ही होता है, जिसकी मुखिया मेरी सास ही होती हैं और वैसे भी गाँव में मेरी सास की ही चलती है तो,...

और इस अम्पायर को घूस भी मैंने जबरदस्त दिया था, कच्चे टिकोरे। छुटकी को साथ लाने से, मेरे नन्दोई से ज्यादा अगर किसी के चेहरे पर मैं ख़ुशी देखी थी, तो वो मेरी सास थीं, जिस तरह उन्होंने उस कच्ची अमिया को लपक लिया, ...सच में बड़ी उमर की औरतों की जीभ खटमिठ्वा कच्चे टिकोरे बहुत पसंद होते हैं और छुटकी थी भी बहुत सुंदर प्यारी सी और बस जस्ट उभरती हुयी छोटी छोटी चूँचियों का अहसास सा, रुई के फाहे ऐसी, नीचे भी बस दो चार केसर के धागे से,...





मंजू भाभी के यहाँ तो मुझे उस कबड्डी का हाल पता ही चल गया था, बाकी बचा खुचा सास रानी ने बता दिया, बिना किसी सेंसर के,


अगर भाभियाँ जीत जाती हैं तो साल भर नंदों को उनकी बात,





और उस दिन तो जो सारी ननदों की, कुँवारी हों, बियाहिता हों वैसी दुर्गत होगी, लेकिन असली मस्ती आती है अगले दो दिन, ...


जब देवर भी, ... बस भौजाई लोग मिल के किसी भी देवर को, ज्यादातर कच्ची उमर वाला या कुंवारा पकड़ के उसकी आँख में पट्टी बाँध के घर के अंदर, जहाँ ननद भौजाइयों का झुण्ड, बस उस देवर की कोई सगी बहन हो उसी की उम्र की नहीं तो चचेरी पट्टी दारी की, ....

पहले देवर के कपडे फटते थे, फिर उसकी सगी बहन,

जबरदस्ती मुट्ठ मरवाई जाती थी




और एक बार खड़ा हो गया तो, सीधे मुंह में लेकर चूसवाया जाता था, सारी मलाई घोंटनी पड़ती थी,....



और अगर किसी ननद ने ज्यादा नखड़े किये तो भौजाइयां ही चूस चूस के पहले खूंटा खड़ा करती थीं, फिर दो तीन भाभिया मिल के उस ननद को पकड़ के , उसके सगे भाई के खूंटे पे बैठाती थीं, फिर खुद पकड़ के ऊपर नीचे, जबरदस्त चुदाई,... और धमकाती भी थीं , सीधे से चोद नहीं तो तेरी तो गाँड़ फाड़ेंगे ही इसकी भी ,...



मंजू भाभी के साथ मिलकर कल हम लोग यही जोड़ी बना रहे थे, किस देवर पर किस ननद को, सबसे पहले सगी ननदें, ... लेकिन उसके पहले जरूरी था जीतना , और मैं जानती थी, लड़ाई जंग के मैदान में नहीं उसके पहले जीती जाती है, प्लानिंग रिसोर्सेज,...

गाँव में कल कोई मर्द नहीं रहते हैं, तो इसलिए औरतों का राज पोखर के बगल में जो बड़ा सा मैदान है उसी में, ठीक साढ़े बारह बजे से, डेढ़ घंटे की ननद भौजाई की,...

और दो बजे के बाद वहीं बगल में पोखर में घंटे भर तक साथ साथ नहाना, फिर सबके घर से जो खाना आता था वहीं बगिया में खाना, सांझ होने के पहले होली खतम, सब लोग अपने अपने घर और सूरज डूबने के साथ मरद

नन्द भाभी का मज़ाक सिर्फ बातों तक सीमित रहे, बहुत मुश्किल है और वो भी जब मेरी जैसी भाभी, मेरी छिनार ननद जैसी ननद हो,... और आग में घी डालने वालने वाली मेरी सास हों.



तो मैंने सीधे ननद के ब्लाउज के ऊपर हाथ डाल दिया, चट चट दो बटने टूट गयी, मेरी ननदिया के जोबन थे भी जबरदंग , आखिर जब चूँचियाँ उठान थीं, तब से मेरे सैयां से मिजवा रही थीं, जैसे मेरे सैयां मीजते रगड़ते रहे होंगे, अपनी बहिनिया का वैसे ही मैंने भी, और छेड़ा,...



" क्यों ऐसे मसलते दबाते थे न ,... "



लेकिन मेरी सास को ऐसे आधे तिहे में मज़ा नहीं आने वाला था, हंस के बोलीं वो,...



"अरे बहू, ब्लाउज थोड़ी दबाते होंगे, ब्लाउज के अंदर वाला,... "



और मैं आज कल की बहुओं की तरह नहीं हूँ जो सास की बात पे उन्ह कर के टाल जाएँ, मैं तो एकदम सतजुग वाली आज्ञाकारी बहू, सास की हर बात मानने वाली, खासतौर से अगर बात सास की बेटियों का ब्लाउज फाड़ने की हो,...तो मैंने सास की बात मान ली,... और दोनों हाथ ननद के ब्लाउज के अंदर,
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,248
57,898
259
ननद मस्तानी



लेकिन मेरी सास को ऐसे आधे तिहे में मज़ा नहीं आने वाला था, हंस के बोलीं वो,...


"अरे बहू, ब्लाउज थोड़ी दबाते होंगे, ब्लाउज के अंदर वाला,... "

और मैं आज कल की बहुओं की तरह नहीं हूँ जो सास की बात पे उन्ह कर के टाल जाएँ, मैं तो एकदम सतजुग वाली आज्ञाकारी बहू, सास की हर बात मानने वाली, खासतौर से अगर बात सास की बेटियों का ब्लाउज फाड़ने की हो,...तो मैंने सास की बात मान ली,... और दोनों हाथ ननद के ब्लाउज के अंदर,



सच में जोबना एकदम टनाटन, चढ़ती जवानी में अगर इन्हे देख के मेरे सैंया बौरा गए हों,.... तो दोष उनका नहीं इन कच्ची अमिया की रही होगी,





कस कस के मसलते मैंने जैसे जाड़ा शुरू होने पर समर ड्रेसेज का लाइफ टाइम ऑफर आता हैं उसी तरह का ऑफर दिया,

सैंया से सैंया बदलने का,

आखिर ऐन होली के दिन इनके सैंया, मेरे नन्दोई ने मेरी हचक के गांड मारी थी, इन्ही के सामने और इस समय मेरी छुटकी बहिनिया की कूट रहे होंगे,... तो ऑफर सिर्फ सैंया से सैंया बदलने का नहीं था बल्कि एक दूसरे के सामने, मैंने वैसे भी सोच रखा था, बहनचोद तो सब मर्द होते हैं मेरी ससुराल वाले, लेकिन मेरी आँख के सामने , मेरे सैंया हचक के अपनी बहिनिया चोदे, और नन्दोई का तो वैसे ही सलहज पर हक होता है,

पर मेरी ननद ने मना कर दिया, ... जैसे हर वो लड़की मना करती है , जिसका मन तो होता है गप्प करने का लेकिन शर्माती है बोलने में, ... तो थोड़ा लजा के थोड़ा छिनारपने से वो बोलीं,...
' धत्त "

पर मैंने उनके कान में मेरे साजन ने अपनी सास का सब हाल कबूल किया था कैसे उनके साथ शादी के पहले तो बस ऊपर झाँपर,... लेकिन जब ननद की शादी होगयी,... सील टूट गयी उसके बाद भैया बहिनी ने खूब गचागच,...



वो जोर से हँसने लगीं, बोलीं,... ' तो भौजी जो कुल किस्सा मालूम है तो पूछ काहें रही हो "





कस के उनके निपल पुल करते हुए मैं बोली,... अरे ननद रानी आँखों देखने का मज़ा और है , कानों सुनी से,... फिर जंगल में मोर नाचा किसने देखा , तो हो जाय एक दिन आमने सामने,... "



हे अगर आप सच में उनका कन्फेसन सुनना चाहते हों,अपनी सास के सामने उन्होंने क्या कबूला अपने किस किस मायके वाली पे वो चढ़े तो चलिए आपको फ्लैश बैक में ले चलती हूँ,...



फ्लैश बैक,
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,248
57,898
259
फ्लैश बैक,




हे अगर आप सच में उनका कन्फेसन सुनना चाहते हों,अपनी सास के सामने उन्होंने क्या कबूला अपने किस किस मायके वाली पे वो चढ़े तो चलिए आपको फ्लैश बैक में लेचलती हूँ,...



फ्लैश बैक,


"हे बोल, भूँड़वे, तेरी माूँ को गदहे चोदें, अपनी महतारी और बाप की बहन के अलावा और

किसको किसको अपने घर में चोदा?


वो थोड़ा सा मुश्कुराये और किर मुझे देखकर मेरी ओर इशारा करके कुछ हिचकिचाते हुए कबूल कर लिया

“मम्मी, इसकी बड़ी ननद को…



Girl-indac4e789f04cd70bbfb771b85c0ca7278.jpg



“मम्मी, इसकी बड़ी ननद को…”

मेरी तो फट के हाथ में आ गयी। बड़ी ननद को भी, मम्मी ने आज क्या-क्या पता लगाया।

मम्मी ने किर पूछा-

“क्यों शादी के पहले चोदी थी, या…”




मम्मी की काट के वो जोर से मुश्कुराते बोले-

“मैंने कित्ता बोला बोला वो नहीं मानी बोली- “शादी के बाद भैया, चाहे जितनी बार ले लो… "

चोदा तो शादी के बाद, लेकिन उसके पहले मेरे हथियार की की दीवानी थी वो।


स्कूल से हम दोनों साथ आते थे,
school-girl-guddi.jpg


और आते ही कपड़े बाद में बदलते थे, वो मेरी नेकर खोल के, सीधे मुूँह में लेकर जबरदस्त चूसती थी।



पूरी मलायी गटक लेती थी।

BJ-J-tumblr-mdebym36-Cb1rdis15o1-500.jpg


मैं भी उसकीस्कर्ट उठा के चूसता, कम से कम दो बार पानी निकालता था उसका।


Pussy-licking-M-g-tumblr-ob0ble-WFpz1shntbwo1-500.gif


सब कुछ करवाती थी। लण्ड चूत पे रगड़वाती थी, गाण्ड पे रगड़वाती थी लेकिन बस अंदर नहीं घुसेड़ने देती थी , चूत के ऊपर से तो खूब रगड़ता था लंड मैं , बस अंदर नहीं घुसेड़नी देती थी।


मैं भी उसकी शादी के चार दिन बाद हमारे यहाँ भाई चौथी लेकर जाता है बस, मैंने उसी के बिस्तर पे पे पटक के पेल दिया ।

fucking-doggy-13562557.gif



फिर तो क्या मायका क्या ससुराल,

और जीजू का थ्रीसम का मन था

तो कई बार तो मैंने और जीजू ने मिल के के उसकी सैंडववच बनायी…”




MMF-DP-14303315.gif



मैं भी सोच-सोच के मुश्कुरा रही थी।

तभी तो ननदोई जी और ये इतने ज्यादा खुले हैं।

और इसके पहले ये अपनी माँ और बुआ पर चढ़ने की बात मेरी माँ के सामने कबूल कर चुके थे


----------------------------


हम तीनों की मस्ती चल रही थी, तभी वो तीनों आये,



गुड्डो बीच में आलमोस्ट टंगी हुयी,..


एक ओर से ये पकडे, एक ओर से नन्दोई जी, कहीं गलती से भी उसका पेर जमीन से लग जाता तो कस के चीख निकल जाती बेचारी की, चेहरा दर्द से डूबा हुआ, गालों पर जैसे आंसुओ की कितनी परत, पूरी देह थकान और दर्द से जैसे टूट रही हो,... लेकिन उस दर्द के पीछे एक अजीब सी हलकी सी ख़ुशी भी, जैसे कोई पहाड़ पर चढ़ने वाला, किसी दुर्गम चोटी पर चोटिल देह के साथ, दर्द से टूटती देह के साथ चढ़ जाए तो जैसे एक अचीवमेंट की मुस्कान थकान के पीछे छुपी होती है,....



न मैं बोली , न मेरी ननद पर हम दोनों के मन में हजार सवाल थे, पर सास की आंखों ने हम दोनों को चुप करा दिया, और गुड्डो भी सीधे दौड़ कर सास की गोद में छुप गयी. और सास ने भी उसे ऐसे गोद में उठा लिया जैसे कोई छोटे से बच्चे को जो कहीं दौड़ते हुए गिर गया हो उसे चोट लग गयी हो, उसी तरह उठा लिया और सीधे अपने कमरे की ओर,...

और उसके साथ ही उनकी आँखों ने एक बार अपनी अपनी बेटी और बहू को बरज दिया की इस बारे में कोई बात न हों,... ननद मेरी रसोई में चली गयीं खाने की तैयारी करने, और ननद के भैया अपने कमरे में,

बचे नन्दोई जी और मैं,....



मैं जान रही नन्दोई जी को मजा तो खूब आया होगा, कच्ची कली की कसी कसी गाँड़ फाड़ने में, अब गाँड़ कसी होगी तो चीख चिल्लाहट होगी ही , रोई रोहट भी , उस समय तो लगता है जोश में उन्होंने मेरी छुटकी बहिनिया की खूब जबरदस्ती ठोक ठोक के लिया, लेकिन अब उसका दर्द देख कर उन्हें थोड़ा सा सेन्स ऑफ़ गिल्ट लगता है हो रहा था,... जैसे किसी बच्चे से कोई महंगा खिलौना टूट जाए, एकदम वैसे ही उनका चेहरा लग रहा था,...



मैंने मुस्करा के उन्हें चिढ़ाया, उकसाया, आँचल गिरा कर ललचाया और आँख नचा के पूछा,...

" क्यों ननदोई जी, कैसी लगी मेरी छुटकी बहिनिया,... " और बिना उनके जवाब का इन्तजार किये मुड़ गयी,मेरी पीठ उनकी ओर , और अपने बड़े बड़े चूतड़ उनकी ओर देख के मटका दिए,...




वही असर हुआ जो मैं चाहती थी, खूंटा तन गया और नन्दोई ने कस के मुझे पीछे से दबोच लिया, उनके दोनों हाथ कस के चोली फाड़ते जोबन पे और तनी तलवार सीधे मेरी दरार के बीच, लग रहा था साडी साया फाड़ के यहीं खड़े खड़े मेरी गाँड़ मार लेंगे,... और जोबन का रस लेते बोले,...


" अरे बहुत रसीली है. लेकिन हमको तो बड़की वाली क ज्यादा मन करता है ,सच में इत्ती गाँड़ मारने को मिली लेकिन तोहार अइसन, ... कोई मुकाबला नहीं बोला कहिया मिली,... "



बस एक झटके में पलट के मैं गुस्से से अलफ़, और उन्हें पकड़ के पहले तो दस गाली उनकी बहन महतारी सब को, नाम ले ले के, मादरचोद , तोहरी महतारी पे हमार नन्दोई चढ़ें, उनके सार चढ़ें, सार क सार चढ़ें, और फिर कस के एक चुम्मी, चुम्मी क्या मेरे होंठों ने उनके होंठों को गपुच कर कचकचा के काट लिया , और जब छोड़ा तो मैंने अपना इरादा बता दिया,...

"स्साले ननदोई , अरे तोहार सलहज हूँ , अगर आगे से पूछा न तो मैं ही उलटे तेरी गाँड़ मार लूंगी, अरे जिसकी बहन की लेने के पहले कभी नहीं पूछते हो,... उसकी बीबी से क्या पूछना,... अरे ननदोई राजा जब चाहा, जहाँ चाहा, चाहे हमरी ननद के सामने,... बस पूछना मना है,... "






और पैंट के ऊपर से उनका खड़ा खूंटा मसल के अपने साजन के पास, हाँ नन्दोई को दिखा दिखा के चूतड़ मटकाना मैं नहीं भूली , सच में जबरदस्त दीवाने थे , मेरे पिछवाड़े के वो।

मैंने अपने साजन से सिर्फ दो सवाल किये और एक का जवाब हाँ में मिला दूसरे का नहीं में।
 
Last edited:
Top