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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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छुटकी -होली दीदी की ससुराल में

भाग १११ पंडित जी और बुच्ची की लिख गयी किस्मत पृष्ठ ११३८

अपडेट पोस्टेड, कृपया पढ़ें लाइक करें और कमेंट जरूर करें
 
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motaalund

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Very hot update komal Ji. Komal ki komal komal pichwade ka bhi number laga gya nanad k sath
बिना कोमल जी के प्रयास के ये संभव नहीं था...
आखिर कबड्डी की जीत ने ननदों को देवरों से चुदवाने का रास्ता खोल दिया तो...
गाँव की ननदें और देवर मैदान में हीं..
लेकिन अपनी ननद घर में.. रात भर जीत का जश्न..
और ये जीत की सबसे बड़ी ट्रॉफी थी...
लेकिन फाइनल रिजल्ट नौ महीने बाद...
 

motaalund

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Kya baat hai,Nanad ko behosh hi kar diya lagbagh. Subah tak do baar or, uska bhi jikar hai kya age?
नहीं नहीं...
सुबह तक पाँच बार और सुबह सवेरे ग्वालिन भौजी को दिखा कर छठी बार...
तभी तो छठी की तैयारी होगी...
 
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motaalund

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The last Update is on the last page, Page 909.
भाग ८८

इन्सेस्ट कथा - मेरा मरद, मेरी ननद


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मैंने ननद को उकसाया,

" अरे भैया का पिछवाड़ा तो बहुत चाटा चूसा, तनी अपने गोल गोल लौंडा छाप चूतड़ का, पिछवाड़े की गली का भी तो रस चखाओ अपने भैया को "

बस ननद ने मेरी बात मान ली, पहले थोड़ा सा उठी,

अपने दोनों हाथों से पिछवाड़े के छेद को फैला कर, चौड़ा कर, भैया को दरसन करवाया और फिर उनके खुले मुंह पे पिछवाड़े का छेद,
साली ननद भी छ्टल छिनार है...
 

motaalund

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अरे नहीं सुबह तक पांच बार

और गुड मॉर्निंग वाला उसके बाद

' पांचवा राउंड जब ख़त्म हुआ तो चिड़िया चहचहांने लगी थीं।
बाहर पौ फूट रही थी, गाँव में सुबह जल्द ही होती है। मैं तो उठ गयी लेकिन भाई बहिन एक दूसरे से चिपके, इनकी मलाई ननद रानी के जांघों पर कुछ अभी भी बहती, कुछ जम के थक्का हो गयी थी।"


और उसके बाद भी,

मैं ग्वालिन भौजी से दूध की बाल्टी ले रही थी, तभी ननद की जोर से सिसकी सुनाई पड़ी,... और फिर चीख और हल्की सी आवाज

" भैया धीरे से करो, सारी रात रगड़ के रख दिया,... हाँ ऐसे ही धीमे धीमे,... कहाँ भागी जा रही हूँ "

मैं और ग्वालिन भौजी दोनों मुस्कराये।
दूबे भाभी के चूरन और शिलाजीत ने अपना कमाल दिखा हीं दिया....
 

Mass

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दूबे भाभी के चूरन और शिलाजीत ने अपना कमाल दिखा हीं दिया....
Welcome bhai...good to see you after a long time...hope jaldi hi mere story par bhi milenge... :) Thanks.

motaalund
 

motaalund

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यह कमेंट मेरा किसी भी साईट पर पहला है कोमल जी | मैं आपकी स्टोरी याहू ग्रुप से ही पढता आ रहा हु किन्तु कभी कमेंट नहीं किया | इतनी अच्छी स्टोरी पर बहुत कम कमेंट आने के कारन मुझे आना पड़ा | आप की स्टोरी बहुत ही ऊँचे दर्जे की है | मैंने आप की स्टोरी पढ़ी है | चांदनी चली गाँव, बरसान लगी बदरिया या शायद autaum सोनाटा थी |
नानी-दादी जब कहानी सुनाती थी... तो हूँ-हूँ करके हुंकारी भरनी पड़ती थी...
वरना नानी-दादी समझ जाती थी कि सुनने वाले सोये पड़े हैं...
और चादर ओढ़ा कर खुद भी नींद के आगोश में...
तो कोमल जी भी बिना हुंकारी के संकोच में पड़ जाएंगी कि कोई सुन भी (पढ़) रहा है..
या फिर यूं हीं..
तो अपनी हुंकारी में दम भरिये और अपडेट्स पर अपनी राय रखिये...
 

motaalund

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भाग ८८

इन्सेस्ट कथा -
मेरा मरद, मेरी ननद


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मैंने ननद को उकसाया,

" अरे भैया का पिछवाड़ा तो बहुत चाटा चूसा, तनी अपने गोल गोल लौंडा छाप चूतड़ का, पिछवाड़े की गली का भी तो रस चखाओ अपने भैया को "

बस ननद ने मेरी बात मान ली, पहले थोड़ा सा उठी,

अपने दोनों हाथों से पिछवाड़े के छेद को फैला कर, चौड़ा कर, भैया को दरसन करवाया और फिर उनके खुले मुंह पे पिछवाड़े का छेद,


उनका मुंह अब सील बंद और हम दोनों, भौजाई ननद मस्ती कर रहे थे , लेकिन ननद छिनार ने अपने भैया से क्या कहा, समझाया,

उन्होने पलटी मार ली



और मेरी गाँड़ के अंदर।



उईईईईई - जोर से मेरी चीख निकली,... गप्पांक से मोटा सुपाड़ा इनका मेरी गाँड़ में घुसा, पूरी ताकत से,


एक तो दस सांड की तरह इनकी कमर का जोर, फिर लगता है दूबे भाभी के चूरन का असर,... एकदम लोहे का रॉड लग रहा रहा था, जैसे रगड़ते दरेरते घुसा, पक्का चमड़ी छिल गयी थी. परपरा रहा था जोर से, ...

गौने के तीसरे दिन ही मेरी गाँड़ मारी गयी थी,

दिन दहाड़े, सुबह से ही मैं खूब टाइट शलवार कुरता पहन के टहल रही थी, मेरे दोनों चूतड़ कसर मसर,..

मेरी छोटी वाली ने ननद ने छेड़ा,... " भौजी, बहुत टाइट शलवार पहने हो, पिछवाड़ा खूब मस्त दिख रहा है। आज आपका पिछवाड़ा बचेगा नहीं। " "

" न बचे न ननद रानी, ... जब से गौने उतरी हूँ, दिन रात कभी तो नागा नहीं जाता, तेरे भैया चढ़े रहते है अगवाड़े तो पिछवाड़ा भी आज नहीं तो कल,..





The Last Update is on page 909, Please read, enjoy and comment.
" न बचे न ननद रानी, ... जब से गौने उतरी हूँ, दिन रात कभी तो नागा नहीं जाता, तेरे भैया चढ़े रहते है अगवाड़े तो पिछवाड़ा भी आज नहीं तो कल,..
आखिर ब्याह के इसीलिए तो भेजी गई थीं...
 
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