एक दिन का समय...मेरी ननद की जिंदगी पर बनी थी, उनकी सास ने साफ़ साफ़ अपने बेटे को बोला था की आने के अगले दिन आश्रम
और आश्रम में उनके साथ क्या होने वाला था, मुझे भी मालूम था और मेरी ननद को भी
इसलिए ननद ने साफ़ साफ़ मुझे बोल दिया था की अगर उन्हें आश्रम जाना पड़ा तो फिर वो कही ताल पोखर में ही,
और सिर्फ एक दिन का समय था
लेकिन एक पोटेंट बूंद हीं काफी है...