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इन्सेस्ट कथा -किस्से माँ के
" अरे तो क्या हुआ अपना भाई समझ के मेरे भाई से चुदवा लेती, पक्का सच में बहुत मजा आएगा , हम दोनों मिल के,... मान जा। "
गीता एकदम पीछे पड़ गयी.
" तू भी न स्साली। पागल। ,मेरा बेटा है. " माँ ने उसे बहलाते हुए कहा।
" अच्छा जी, कल मेरे भाई से मेरी गाँड़ इत्ती हचक के मरवाई तो कुछ नहीं और अपनी बार,... बेटा है। " गीता तुनक के बोली।
" अरे तू भी न, बहने तो होती ही हैं भाई से चुदवाने के लिए, मुट्ठ मार मार के इधर उधर नाली में बहाये इससे अच्छा, बहन के काम आये,... और तू जानती है जिस दिन तेरे मामा ने मेरी ली थी, मेरा मतलब अपनी बहन को चोदा था,... उन से ज्यादा मेरा मन कर रहा था। अपनी सहेली के किस्से सुन सुन के मेरी चूत पहले से गीली थी,... वो स्साला, तेरे बाप का स्साला नहीं चोदता न तो मैं उसको चोद देती,... "
" एकदम माँ मेरी भी यही हालत हो रही थी, मैं खुद गयी थी भैया के पास, वरना आप का बेटा तो ऐसा बुद्धू है,... लेकिन मैं समझ गयी आप बात टाल रही हैं एक बार चुदवा लो न भैया से, आखिर आप ने पकड़ा है आप को अच्छा भी लगता है और सबसे बड़ी बात जैसे आप मुझे सब सिखा रही है अपने बेटे को भी सीखा दीजिये न , अरे मजा लेने के लिए नहीं सिखाने के लिए,... "
गीता भी पीछा छोड़ने वाली नहीं थी,
" अरे स्साली तू भी न वो मानेगा नहीं उसका खड़ा ही नहीं होगा मेरे नाम पे और खड़ा होगा तो ढीला हो जाएगा, ... मैं तो मान जाऊं,... वो मानेगा।"
झिझकते हुए माँ ने बोला,
" वो जिम्मेदारी मेरी, मेरा भाई है, हिम्मत है उस बहनचोद की मेरी बात टालने की. और खड़ा तो उसका ऐसा होगा,... " गीता पीछे हटने वाली नहीं थी।
" चल कुछ और बात कर,... " माँ बोली।
" क्यों मेरे भैया का सोच के गीली हो रही है न, हाँ सच बोल मेरी कसम,... " गीता हँसते हुए बोली।
" हाँ, खुश,... हो रही है। चल अब कुछ और बात करते हैं। " माँ बोली।
अच्छा मेरे बाप तो बाबू ही हैं न मेरे। गीता का सवाल ख़तम नहीं हुआ और माँ की हंसी चालू हो गयी।
और हँसते हँसते वो दोहरी, हंसी रूकती नहीं थी किसी तरह बोलीं,
" बेटी इस का तो जवाब मैं भी नहीं दे सकती। कित्ता कोशिश करूँ, तो भी नहीं हाँ ये पक्का है तू ऐन होली के दिन पेट में आयी थी मेरे। "
गीता कुछ नहीं बोली और माँ ने ही आगे की बात बढ़ाई,...
ये एकदम पक्का है, ... मेरी शादी के तीन साढ़े तीन साल हुए थे। असल में पहली होली ससुराल में ढंग की,... पहली होली में तो तेरे भैया आ गए थे होली के चार पांच दिन पहले तो मैं ऐसे बच गयी। अगली होली मेरे मायके में हुयी, तो उसके बाद की होली,... तेरी बुआ का चार महीने पहले ही गौना हुआ था।
और माँ ने होली का पूरा किस्सा सुनाया।
गौने के पहले भाभियों ने खूब समझाया था, अरे पहली रात तो हर लड़की झेल जाती है कोई जेठानी कडुआ तेल दे जाती है ( वैसे भी माँ को उस का कोई डर नहीं था क्योंकि ८४ आसन से कोई बचा नहीं था,जिसको अपने सगे भाई के साथ दो चार बार ट्राई न किया हो ) लेकिन असली रगड़ाई तो होली में होती है, पूरे गाँव की भौजाई, नयी दुलहिनिया, देवर के अलावा नन्दोई, सगे हों या रिश्ते के वो भी, साजन के दोस्त, हाथ तो सब लगाते हैं , धक्के लगाने वाले भी गिनती के बाहर
Ri geetva teri maa to badi shobhgya shali he. Teen teen jija.और माँ ने शुरू किया होली का किस्सा
और होली का किस्सा सुन सुन के ही गीता की गीली हो गयी, चुनमुनिया फड़फड़ाने लगी, कसमसमाने लगी, भैया होता न तो, स्साले को पटक के चोद देती।
गीता की कोई सगी मौसी तो थी नहीं है चचेरी, मौसेरी, ममेरी, खासतौर से उसके ननिहाल के रिश्ते की माँ की बहने और सब माँ से बड़ी, लेकिन ज्यादा नहीं,... ख़ास तौर से मझली मौसी नानी की तीन लड़कियां, गीता की तो मौसियां ही लगती थीं,गीता को भी नहीं बख्शती थीं, मिलते ही पहले जुबना का उभार नापती थीं, भरतपुर पे धावा बोलती थीं. तो बस वही तीन मौसियां और मौसा जी लोग, माँ के तो जीजा ही लगेगें,
बस उन तीनों ने एक साथ धावा बोला, वो भी अकेले नहीं मौसियों के साथ. कुछ देर तक तो मुकाबला चला एक जीजा ने चोली के अंदर हाथ डाला, दूसरे ने पेटीकोट का नाड़ा पकड़ा,... ओर माँ की बहने, रीनू चीनू और टीनू
तीनो नंबरी छिनार, रीनू सबसे छोटी अपने दोनों जीजा को ललकार के बोली,
" अरे जीजू , साली की चोली में तो रोज ही हाथ डालते हो , आज चोली खोलने का नहीं फाड़ने का दिन है और नाड़ा खोलना मत तोड़ देना। मेरी ये बहन बहन बहुत चालाक है, नाड़ा खोलोगे तो फिर बांध लेगी,
साड़ी तो अपनी छोटी बहन की तीनों बहनों ने ही मिल के उतार दी थी, ब्लाउज, पेटीकोट आंगन में कुछ देर में और फिर रंग की बहार, कोई जगह नहीं बची जहाँ तीनो जिज्जा ने रंग न लगाया हो, पर वो भी जानती थीं की असली होली तो चमड़े की पिचकारी से होने वाली थी और मन उनका भी कर रहा था, चूँचियाँ रगड़ रगड़ के चूत में ऊँगली कर के वो भी पनिया रही थीं, तीनो जीजू उन्हें चोदने के लिए कबसे , लेकिन उन्होंने बोल रखा था शादी के बाद जब मायके मायके आएंगी तब
और मौसा लोगों की भी क्या गलती उन सबकी शादियों में मम्मी छोटी साली थीं तो खूब रगड़ाई की उन्होंने, अच्छी वाली गालियां सुनायीं और कोहबर में घुसते समय धक्के में भी मारे और पैंट के ऊपर से पकड़ के रगड़ के नाप जोख भी की,
और सबसे तगड़ा था छोटी मौसी वाली, रीनू मौसी के मर्द का, और वो मजाक भी बोल के नहीं चूम के, मसल के करते थे. और रीनू ने अपने पति का ही पक्ष लिया,
हे जो सबसे छोटा है, पहला हक उसका, और छोटे जीजा बड़े औजार वाले आंगन में लेट गए, कुतुबमीनार हवा में,... लेकिन वो नाटक कर रही थीं,...
नहीं नहीं जिसको करना हो खुद करे, ऊपर आये,..
पर तीन तीन बहने, ... मिल के भाले के ऊपर चढ़ा दिया,... ऊपर से बड़ी और मझली एक एक कंधा दबा रही थी, रीनू कमर पकड़ के नीचे खींच रही थीं,
और एक बेटा निकल गया था उसी रास्ते, कोई कन्या कुँवारी तो थी नहीं, हालांकि बच्चा जनने के बाद उनकी माँ और सास ने जो जो जतन कराये, सिखाये, तो उनकी चुनमुनिया अभी भी टाइट थी, .... और ये भी नहीं की पहली बार वो खूंटे के ऊपर चढ़ी है, पचासों बार,...
लेकिन जीजा का लंबा तो बांस ऐसा था ही मोटा भी बहुत,( हालांकि बड़े जीजा वाले का सबसे मोटा था, कलाई से भी ज्यादा ) .
बस दो चार मिनट बाद वो मस्त होक जीजा के ऊपर चढ़ के चोद रही थीं और नीचे से जीजा भी कस कस के धक्के लगा रहे थे थे, ... बांस पूरा उन्होंने घोंट लिया था लग रहा बच्चेदानी के अंदर घुस गया है लेकिन मजा भी आ रहा था, मायके के आंगन में बहनों के सामने,... लेकिन उन्हें पता नहीं था तीनों बहनों की असली साजिश क्या है,... और क्यों उन्हें आंगन में छोटे जीजा के बांस के ऊपर चढ़ाया गया है,
रीनू ने ही अपने मर्द को इशारा किया, बाकी दोनों जीजा लोग भी आंगन में खड़े मुठिया रहे थे, ललचा रहे थे, रीनू दी खुद बड़े वाले जीजा का कभी चूस के कभी मुठिया के ,...
Le khud apne kano se sun geetva. Ye komaliya ke nahi teri mosi ke sabad he.,... लेकिन उन्हें पता नहीं था तीनों बहनों की असली साजिश क्या है,... और क्यों उन्हें आंगन में छोटे जीजा के बांस के ऊपर चढ़ाया गया है,
रीनू ने ही अपने मर्द को इशारा किया, बाकी दोनों जीजा लोग भी आंगन में खड़े मुठिया रहे थे, ललचा रहे थे, रीनू दी खुद बड़े वाले जीजा का कभी चूस के कभी मुठिया के ,...
छोटे जीजा ने उन्हें खींच के एकदम अपनी देह पर चिपका लिया , इंच भर भी जगह नहीं बची थी , उन्हें भी बहुत अच्छा लग रहा था, और जीजू ने अपने दोनों हाथों से उनकी पीठ को और पैरों से चूतड़ को जकड़ लिया बाकी दोनों बहनें भी दबोचे थीं,... बांस अलग पूरा अंदर तक घुस गया था,
पर तब तक उन्हें कुछ भी नहीं अंदाज लगा ,
पता तब चला जब रीनू स्साली चूत मरानों ने उनकी गांड अपने अंगूठों से कस के फैलाई और बड़े जीजू को उकसाया,
" अरे जीजू देख क्या रहें हैं, मार लीजिये स्साली की गाँड़,... बहुत लौंडे लौंडियो की आप ने गाँड़ मारी है लेकिन मेरी छुटकी बहना ऐसी मस्त कसी गाँड़ नहीं मिली होगी, होली का मौका है पेलिए नहीं फाड़ दीजिये,
जब तक वो समझे उचके, छुड़ाने की कोशिस करें बड़े जीजू ने उनकी गाँड़ में सुपाड़ा पूरा पेल दिया, ... दोनों चूतड़ कस के दबोच के,....
वो जोर से चिल्लाईं
उउउउउउ उईईई
पर ज्यादा चिल्ला भी नहीं , मंझले जीजू तैयार बैठे थे , खुले मुंह में उन्होंने लंड डाल दिया,... और दोनों हाथ से कस के सर को दबोच लिया
बस बेचारी चिल्ला भी नहीं पा रही थीं , कुछ देर में उन्होंने लंड चूसना भी शुरू कर दिया, स्वाद तो मस्त था ही,... गाँड़ भी मारी जा रही थी,... बुर भी चोदी जा रही थी.
और ऊपर से बहने तीनो खूब मज़ाक उड़ा रही थीं, सबसे ज्यादा रीनू बोली,
ये होता है छोटी साली होने का फायदा, एक साथ तीन तीन मूसल हर छेद की एक साथ सेवा,...
तो बड़ी वाली ने रीनू को चिढ़ाया,... अपनी बारी भूलती है , दो जीजू तेरे तो , तेरे ऊपर भी साथ चढ़े थे पर रीनू कम्मिनी बचपन की उदास मुंह बना के बोली
लेकिन एक छेद तो तब भी बचा रह गया,
कुछ देर बाद मंझले जीजू ने मुंह से लंड बाहर निकाला तो उन्होंने अर्ज लगाई , मेरी कमीनी बहनों , मैं चुदवा लूंगी तुम तीनो के मर्दों से आखिर मेरे जीजा है लेकिन बारी बारी से ,
तीनों बहने एक साथ बोलीं,
एकदम नहीं।
फिर मंझली ने कारन बताया,
" स्साली टाइम कित्ता लगेगा बारी बारी से , आधे घंटे से कम तेरा कोई जीजू झड़ता नहीं, फिर तेरी ऐसी मस्त स्साली , मजे ले ले के चोदेगे सब,... गाल काटेंगे चूँची रगड़ेंगे, और तीनों तीनों छेद का मजा लेंगे तो तीन छेद तीन जीजू , ९ बार आधे घंटे के हिसाब से साढ़े चार घण्टे पूरे फिर बीच में उलटने पलटने का टाइम ,... कम से कम पांच घंटे, अभी बज रहा है दस तो पांच घंटे जोड़ के बजेगा तीन,... और फिर मौसी ने जो रच रच के पकवान बनाएं हैं वो भी खाना है और दो बजे तक वापस भी लौटना है ,... इसलिए चढ़ेंगे तो तीनों साथ साथ,"
मंझली की गणित सच में अच्छी थी , बिना नकल के हाईस्कूल गुड सेकेण्ड क्लास दो बार में पास हो गयी थी।
और बड़ी ने अपना हिसाब बताया, ...
एक तो तेरे साथ मजे लेगा , बाकी दो क्या करेंगे,... पांच दिनों से इन तीनो को हम तीनों बहनो ने उपवास कराया है तो चुदेगी तो तू आज ऐसे ही। "
लेकिन रीनू ने जो बात बताई उसको सुन के दिल दहल गया,
" अरे अभी दोपहर को बड़ी मौसी के दोनों दामाद आएंगे और शाम को छोटी वाली मौसी के ,... "
फिर एक बार झड़ने के बाद तीनो ने बिना सुस्ताये जगह बदल ली , छोटे जीजू गाँड़ मार रहे थे , बड़े जीजू ने तो गाँड़ में झड़ने के बाद सीधे गाँड़ से निकला मुंह में ठेल दिया और मंझले वाले को मेरी बुर,...
तो तीन बार ट्रिपलिंग हुयी आपकी,
गीता ने मुस्कराते हुए पूछा,... और माँ ने खीझ के उसके गाल मींड़ते हुए बोला,
" जब तीन तीन चढ़ेंगे न एक साथ तेरे ऊपर तो पता चलेगा, अभी तो मेरा बेटा अकेले तेरी गाँड़ फाड़ देता है। और एक बार नहीं तीन बार, और मेरी कमीनी मौसेरी बहनें हर बार , मेरे बिल साफ़ कर देती ही जिससे उनके मर्दों का सूखी, बुर, गाँड़ में दरेरता रगड़ता घुसे। ढाई तीन घण्टे तक लगातार मूसल चले तीन तीन। "