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Adultery जब तक है जान

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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#43

तंग सीढियों के दरमियाँ बुआ के यौवन से भरे गुदाज बदन को अपने आगोश में लिए मैं अपने हाथ को बुआ की गोल गांड पर महसूस कर रहा था बुआ की मचलती सांसे एक क्षण में काम पिपासा को बढ़ा गयी.

“देव ”हौले से फुसफुसाई बुआ पर मैंने बुआ को अपनी बलिष्ट भुजाओ में कस कर भींचा , इतना कस के की बुआ की ठोस चुचिया मेरे सीने में समाती चली गयी . बुआ ने अपना चेहरा उठा के मेरी तरफ देखा और तभी हमारे होंठ अपने आप एक दुसरे से मिल गए.


बुआ के मलाईदार होंठो को चूसते हुए मैं लगातार सलवार के ऊपर से उसके कुलहो को मसल रहा था. और मुझे यकीन था की मेरे लंड की दस्तक बुआ अपनी चूत पर भी जरुर महसूस कर रही होंगी. जी भर के मैंने बुआ के होंठ चुसे और फिर बिना कोई शर्म किये बुआ की सलवार का नाडा खोल दिया. केले के तने सी सुडौल जांघे उत्तेजना के मारे कांप रही थी , बुआ को मैंने पलटा और सीढियों पर ही झुका दिया. बुआ की गांड बहुत ही प्यारी थी , इतनी प्यारी की कच्छी के ऊपर से ही मैंने कुलहो को कई दफा चूमा और फिर कच्छी की इलास्टिक में अपनी उंगलिया लपेट ली.

पहले नाज और अब बुआ की कच्छी को महसूस करके मैंने जान लिया था की बड़े घरो की औरते लाजवाब अंगवस्त्र पहना करती है .बड़े ही प्यार से मैंने बुआ की कच्छी को उतारा और बुआ की गोरी गांड मेरी आँखों के सामने चमक उठी, बुआ लगभग घोड़ी बनी हुई थी.मैं निचे बैठा और बुआ के चूतडो को हाथो से फैलाया, कसम से बनाने वाले ने क्या चीज ही तो बनाई ये जो दुनिया पागल हुई पड़ी है . बुआ की चूत से जयादा मुझे उसकी गांड का छेद प्यारा लग रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया उसे चूमने से , मेरे होंठो के स्पर्श को गांड के छेद पर महसूस करते ही बुआ के चुतड उत्तेजना के मारे हिलने लगे.


कुल्हो की दोनों फाको को मजबूती से खोले हुए मैं बुआ की गांड को चूस रहा था, मैंने अपनी बीच वाली ऊंगली बुआ की चूत में सरका दी . काम रस से भीगी चूत के अन्दर मेरी ऊँगली आगे पीछे होने लगी .

“उफ्फ्फ, देव ” बुआ आहे भरने लगी थी. कुछ देर गांड पर जीभ फिराने के बाद मैंने बुआ की चूत पर अपना मुह लगा दिया और चूत के रस को चाटने लगा. पिस्ता के साथ मैं सम्बन्ध बना चूका था पर बुआ की गर्मी भी कम नहीं थी . मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और बुआ की गीली चूत के मुहाने पर टिका दिया. अब रुकना मुश्किल था ,मैंने बुआ की कमर को थामा और लंड को चूत में सरका दिया. बुआ की चूत के छल्ले को फैलाते हुए लंड चूत में जाने लगा और मैंने कमर हिलाते हुए अपनी गोलियों को बुआ की चूत से लगा दिया.

“सीईईईईइ ”बुआ सारी लाज छोड़ कर अब चुदने के लिए तैयार थी . लंड को मैंने बाहर खीचा और फिर तेज धक्का लगाते हुए वापिस से अन्दर घुसा दिया. दोनों हाथो से बुआ की कमर को थामे मैं बुआ को चोद रहा था . पच पच की आवाज सीढियों पर गूंजने लगी थी . बुआ की चूत की गर्मी तब और बढ़ गयी जब बुआ अपना हाथ अपनी जांघो के बीच से ले गयी और मेरे अन्डकोशो को सहलाने लगी. मेरे लिए तो ये बेहद ही मजेदार अहसास था , बुआ के स्पर्श ने चुदाई को और भी रसीली और मजेदार बना दिया था . मेरे हाथ अब बुआ के कंधो को मसल रहे थे .



“आई आई आई ईईईईइ ” बुआ अपनी गांड को जोर से हिलाते हुए चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी. कई देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर बुआ का बदन अकड़ गया बुआ की चूत ने लंड को इस कदर खींचा की मैं भी पिघलने को हो गया. दो चार जोरो के धक्के लगाने के बाद मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और बुआ की कमर पर अपना वीर्य गिरा दिया.

मैं वही सीढियों पर बैठ गया और बुआ को अपनी गोदी में बिठा लिया. बुआ ने अपना चेहरा मेरे सीने में छिपा लिया और मैं उसकी गांड को सहलाने लगा. कुछ देर तक ऐसे ही हम बदन की गर्मी को महसूस करते रहे . फिर बुआ उठी और गुसलखाने में घुस गयी मैंने आंगन में लगे नलके को चलाया और अपने लंड को साफ़ करके चौबारे में चला गया. कुछ देर बाद बुआ भी उपर आ गयी और मेरी बगल में लेट गयी .

“ये जो हमने किया किसी को भी इसके बारे में पता नहीं होना चाहिए.वर्ना अंजाम् ठीक नहीं होगा.” बोली वो


मैंने बुआ को अपने आगोश में लिया और बोला- समझता हु

मैंने फिर से बुआ के होठ पीने शुरू कर दिए . बुआ भी मेरा साथ देने लगी . बुआ ने खुद मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और बड़े प्यार से सहलाने लगी .

“मुह में लो इसे ” मैंने बुआ को अपनी ख्वाहिश बताई तो बुआ ने अपने चेहरे को मेरे लंड पर झुकाया और सुपाडे को मुह में भर लिया. कसम से बदन पुरे का पूरा ही तो हिल गया. बुआ बड़ी शिद्दत से मेरी आँखों में देखते हुए लंड चूस रही थी .

“मजा आ रहा है तुझे ” बुआ ने नशीली नजर से देखते हुए मुझसे पुछा

“बहुत ज्यादा ” मैंने कहा


बुआ- और मजा लेगा

मैंने हां में सर हिलाया तो बुआ मेरे ऊपर लेट गयी ,बुआ की चूत मेरे चेहरे पर आ गयी थी .

“तुम भी चूसो इसे ” बुआ ने कहा और मेरे अन्डकोशो पर अपनी जीभ फिराने लगी. एक बार फिर से मैंने बुआ के कुलहो को थामा और बुआ की चूत को चूसने लगा. इस तरह हम दोनों एक दुसरे के अंगो को चूसने लगे और चूसते चूसते ही एक दुसरे के काम रस को पी गए. बुआ ने मेरे पुरे वीर्य को अपने गले के निचे उतार लिया. सुबह एक बार फिर से हमने सेक्स किया और घर वालो के आने से पहले इस घटना के तमाम निशान मिटा दिए. मेरे मन में ये सवाल तो था की बुआ संग बना ये अनैतिक रिश्ता क्या रंग लायेगा.
Taal se taal mila ....:music:

Dev ne apni bua ki bhi taal thok di😀 full on chudai ke maje ho gaye uske, udhar fool sing kaha gaya? Kis dost ke ghar ? Bhai jogan ke kirdaar ko nikhaarna baaki hai abhi, superb update and mind blowing sexy writing efforts 👌🏻 👌🏻✨✨💥💥👌🏻👌🏻✨✨💥💥🔥🔥🔥
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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#43

तंग सीढियों के दरमियाँ बुआ के यौवन से भरे गुदाज बदन को अपने आगोश में लिए मैं अपने हाथ को बुआ की गोल गांड पर महसूस कर रहा था बुआ की मचलती सांसे एक क्षण में काम पिपासा को बढ़ा गयी.

“देव ”हौले से फुसफुसाई बुआ पर मैंने बुआ को अपनी बलिष्ट भुजाओ में कस कर भींचा , इतना कस के की बुआ की ठोस चुचिया मेरे सीने में समाती चली गयी . बुआ ने अपना चेहरा उठा के मेरी तरफ देखा और तभी हमारे होंठ अपने आप एक दुसरे से मिल गए.


बुआ के मलाईदार होंठो को चूसते हुए मैं लगातार सलवार के ऊपर से उसके कुलहो को मसल रहा था. और मुझे यकीन था की मेरे लंड की दस्तक बुआ अपनी चूत पर भी जरुर महसूस कर रही होंगी. जी भर के मैंने बुआ के होंठ चुसे और फिर बिना कोई शर्म किये बुआ की सलवार का नाडा खोल दिया. केले के तने सी सुडौल जांघे उत्तेजना के मारे कांप रही थी , बुआ को मैंने पलटा और सीढियों पर ही झुका दिया. बुआ की गांड बहुत ही प्यारी थी , इतनी प्यारी की कच्छी के ऊपर से ही मैंने कुलहो को कई दफा चूमा और फिर कच्छी की इलास्टिक में अपनी उंगलिया लपेट ली.

पहले नाज और अब बुआ की कच्छी को महसूस करके मैंने जान लिया था की बड़े घरो की औरते लाजवाब अंगवस्त्र पहना करती है .बड़े ही प्यार से मैंने बुआ की कच्छी को उतारा और बुआ की गोरी गांड मेरी आँखों के सामने चमक उठी, बुआ लगभग घोड़ी बनी हुई थी.मैं निचे बैठा और बुआ के चूतडो को हाथो से फैलाया, कसम से बनाने वाले ने क्या चीज ही तो बनाई ये जो दुनिया पागल हुई पड़ी है . बुआ की चूत से जयादा मुझे उसकी गांड का छेद प्यारा लग रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया उसे चूमने से , मेरे होंठो के स्पर्श को गांड के छेद पर महसूस करते ही बुआ के चुतड उत्तेजना के मारे हिलने लगे.


कुल्हो की दोनों फाको को मजबूती से खोले हुए मैं बुआ की गांड को चूस रहा था, मैंने अपनी बीच वाली ऊंगली बुआ की चूत में सरका दी . काम रस से भीगी चूत के अन्दर मेरी ऊँगली आगे पीछे होने लगी .

“उफ्फ्फ, देव ” बुआ आहे भरने लगी थी. कुछ देर गांड पर जीभ फिराने के बाद मैंने बुआ की चूत पर अपना मुह लगा दिया और चूत के रस को चाटने लगा. पिस्ता के साथ मैं सम्बन्ध बना चूका था पर बुआ की गर्मी भी कम नहीं थी . मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और बुआ की गीली चूत के मुहाने पर टिका दिया. अब रुकना मुश्किल था ,मैंने बुआ की कमर को थामा और लंड को चूत में सरका दिया. बुआ की चूत के छल्ले को फैलाते हुए लंड चूत में जाने लगा और मैंने कमर हिलाते हुए अपनी गोलियों को बुआ की चूत से लगा दिया.

“सीईईईईइ ”बुआ सारी लाज छोड़ कर अब चुदने के लिए तैयार थी . लंड को मैंने बाहर खीचा और फिर तेज धक्का लगाते हुए वापिस से अन्दर घुसा दिया. दोनों हाथो से बुआ की कमर को थामे मैं बुआ को चोद रहा था . पच पच की आवाज सीढियों पर गूंजने लगी थी . बुआ की चूत की गर्मी तब और बढ़ गयी जब बुआ अपना हाथ अपनी जांघो के बीच से ले गयी और मेरे अन्डकोशो को सहलाने लगी. मेरे लिए तो ये बेहद ही मजेदार अहसास था , बुआ के स्पर्श ने चुदाई को और भी रसीली और मजेदार बना दिया था . मेरे हाथ अब बुआ के कंधो को मसल रहे थे .



“आई आई आई ईईईईइ ” बुआ अपनी गांड को जोर से हिलाते हुए चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी. कई देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर बुआ का बदन अकड़ गया बुआ की चूत ने लंड को इस कदर खींचा की मैं भी पिघलने को हो गया. दो चार जोरो के धक्के लगाने के बाद मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और बुआ की कमर पर अपना वीर्य गिरा दिया.

मैं वही सीढियों पर बैठ गया और बुआ को अपनी गोदी में बिठा लिया. बुआ ने अपना चेहरा मेरे सीने में छिपा लिया और मैं उसकी गांड को सहलाने लगा. कुछ देर तक ऐसे ही हम बदन की गर्मी को महसूस करते रहे . फिर बुआ उठी और गुसलखाने में घुस गयी मैंने आंगन में लगे नलके को चलाया और अपने लंड को साफ़ करके चौबारे में चला गया. कुछ देर बाद बुआ भी उपर आ गयी और मेरी बगल में लेट गयी .

“ये जो हमने किया किसी को भी इसके बारे में पता नहीं होना चाहिए.वर्ना अंजाम् ठीक नहीं होगा.” बोली वो


मैंने बुआ को अपने आगोश में लिया और बोला- समझता हु

मैंने फिर से बुआ के होठ पीने शुरू कर दिए . बुआ भी मेरा साथ देने लगी . बुआ ने खुद मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और बड़े प्यार से सहलाने लगी .

“मुह में लो इसे ” मैंने बुआ को अपनी ख्वाहिश बताई तो बुआ ने अपने चेहरे को मेरे लंड पर झुकाया और सुपाडे को मुह में भर लिया. कसम से बदन पुरे का पूरा ही तो हिल गया. बुआ बड़ी शिद्दत से मेरी आँखों में देखते हुए लंड चूस रही थी .

“मजा आ रहा है तुझे ” बुआ ने नशीली नजर से देखते हुए मुझसे पुछा

“बहुत ज्यादा ” मैंने कहा


बुआ- और मजा लेगा

मैंने हां में सर हिलाया तो बुआ मेरे ऊपर लेट गयी ,बुआ की चूत मेरे चेहरे पर आ गयी थी .

“तुम भी चूसो इसे ” बुआ ने कहा और मेरे अन्डकोशो पर अपनी जीभ फिराने लगी. एक बार फिर से मैंने बुआ के कुलहो को थामा और बुआ की चूत को चूसने लगा. इस तरह हम दोनों एक दुसरे के अंगो को चूसने लगे और चूसते चूसते ही एक दुसरे के काम रस को पी गए. बुआ ने मेरे पुरे वीर्य को अपने गले के निचे उतार लिया. सुबह एक बार फिर से हमने सेक्स किया और घर वालो के आने से पहले इस घटना के तमाम निशान मिटा दिए. मेरे मन में ये सवाल तो था की बुआ संग बना ये अनैतिक रिश्ता क्या रंग लायेगा.
Shaandar super hot erotic update 🔥 🔥 🔥
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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Waah .. kya baat hai foji bhai, naaj ka raaj dekhne ke baad bhi usko chhod diya, acha hi kiya, dosti ke aage ye sab bematlab hi hai, udhar pista ko pelne ka moka bhi nahi choda dev ne, Raaste me hasi majaak ko daur chal hi raha tha ki kisi ne gaadi uda di, ab ye kon dusman hai? Or wo Chaudhary or uske sathiyo ko kyu maar raha hai? Ye jaroor sochne wali baat hai, acha hua dev pista ke chakkar me utar gaya. Awesome update again :applause::applause::applause:
दोस्ती सब कुछ होती है
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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डबल थ्योरी पैदा हो रही है ।
एक-
नाज मैडम का देव को पिस्ता को लेकर सावधान करना और चंद घंटे के भीतर ही उस कार मे बम विस्फोट होना जिस कार मे पिस्ता और देव दोनो ही सवार थे ...इसे क्या समझा जाए !
यही कि नाज सौ प्रतिशत सही कह रही थी देव का प्रेम और वह भी पिस्ता से मंजिल तक सफर कर नही सकता ।

वैसे पिस्ता एक उच्छल और बिंदास लड़की है जिसने देव के साथ कुछ स्वतंत्र लम्हे अपने याददाश्त मे कैद की । उसका मकसद कभी भी देव को पुरी तरह अपना बनाना नही था । यह वर्तमान मे चल रहे घटनाओं से अच्छी तरह समझा जा सकता है ।

दूसरा -
नाज के हसबैंड पर जानलेवा आक्रमण और उनके कार पर यह बम विस्फोट यह इशारा कर रहा है कि टार्गेट कम से कम देव तो बिल्कुल ही नही था । मतलब टार्गेट नाज थी ।

देव के पिताश्री ने न जाने क्या क्या गुल खिलाए है ! इस पुरी कहानी का सबसे अधिक मिस्ट्रीयस पर्सन पिताश्री ही है ।

खुबसूरत अपडेट फौजी भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।
नाज़ का रवैया पिस्ता के प्रति कटु है जिसका कारण पिस्ता की जाती हैं दूसरी और पिस्ता को फिक्र नहीं अल्हड उम्र कहाँ बंदिशें माना करे है
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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लेकिन मुझे तो लगता है ये चूतिया चूत के चक्कर में मारा जाता
सिर्फ नाज को मालूम था कि वो अकेला इस गाड़ी से जा रहा है
और सिर्फ पिस्ता ही धमाके से ठीक पहले गाड़ी रुकवा कर नीचे उतरी

दोनों ही शक के घेरे में हैं
चूत के चक्कर में तो हर कोई ही मारा जाता है भाई. ये केवल संयोग था
 

HalfbludPrince

मैं बादल हूं आवारा
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बहुत ही शानदार अपडेट भाई पिस्ता तो एक दम ख़ुश ही कर देती है संभोग क्रिया की बेहतरीन अदाकारा और उसका वो 'खसम' कहना हाय जान ही ले लेती है.... जोगन की प्रीत भी जैसे अतीत के उन स्याह पन्नों को दबाये बैठे हैं जहां चौधरी के किसी काले वासना भरे काम अपने चरम पर रहें हो शायद... वो जोगन ही जाने या वो टूटा हुआ मंदिर..... बाक़ी नाज़ नाम की ये चिड़िया सीधी नहीं लग रही किसी बाज़ की कठपुतली लग रही है जो बस चुद कर जाल बुन रही है शिकार के लिए..... गाड़ी में धमाका हो ना हो नाज़ या..... पिस्ता की (शायद) कारस्तानियां लग रही है
पिस्ता रौनक है इस कहानी की, नाज़ क्या है कैसी है जल्दी ही सामने होगी
 
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