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Taal se taal mila ....#43
तंग सीढियों के दरमियाँ बुआ के यौवन से भरे गुदाज बदन को अपने आगोश में लिए मैं अपने हाथ को बुआ की गोल गांड पर महसूस कर रहा था बुआ की मचलती सांसे एक क्षण में काम पिपासा को बढ़ा गयी.
“देव ”हौले से फुसफुसाई बुआ पर मैंने बुआ को अपनी बलिष्ट भुजाओ में कस कर भींचा , इतना कस के की बुआ की ठोस चुचिया मेरे सीने में समाती चली गयी . बुआ ने अपना चेहरा उठा के मेरी तरफ देखा और तभी हमारे होंठ अपने आप एक दुसरे से मिल गए.
बुआ के मलाईदार होंठो को चूसते हुए मैं लगातार सलवार के ऊपर से उसके कुलहो को मसल रहा था. और मुझे यकीन था की मेरे लंड की दस्तक बुआ अपनी चूत पर भी जरुर महसूस कर रही होंगी. जी भर के मैंने बुआ के होंठ चुसे और फिर बिना कोई शर्म किये बुआ की सलवार का नाडा खोल दिया. केले के तने सी सुडौल जांघे उत्तेजना के मारे कांप रही थी , बुआ को मैंने पलटा और सीढियों पर ही झुका दिया. बुआ की गांड बहुत ही प्यारी थी , इतनी प्यारी की कच्छी के ऊपर से ही मैंने कुलहो को कई दफा चूमा और फिर कच्छी की इलास्टिक में अपनी उंगलिया लपेट ली.
पहले नाज और अब बुआ की कच्छी को महसूस करके मैंने जान लिया था की बड़े घरो की औरते लाजवाब अंगवस्त्र पहना करती है .बड़े ही प्यार से मैंने बुआ की कच्छी को उतारा और बुआ की गोरी गांड मेरी आँखों के सामने चमक उठी, बुआ लगभग घोड़ी बनी हुई थी.मैं निचे बैठा और बुआ के चूतडो को हाथो से फैलाया, कसम से बनाने वाले ने क्या चीज ही तो बनाई ये जो दुनिया पागल हुई पड़ी है . बुआ की चूत से जयादा मुझे उसकी गांड का छेद प्यारा लग रहा था और मैं खुद को रोक नहीं पाया उसे चूमने से , मेरे होंठो के स्पर्श को गांड के छेद पर महसूस करते ही बुआ के चुतड उत्तेजना के मारे हिलने लगे.
कुल्हो की दोनों फाको को मजबूती से खोले हुए मैं बुआ की गांड को चूस रहा था, मैंने अपनी बीच वाली ऊंगली बुआ की चूत में सरका दी . काम रस से भीगी चूत के अन्दर मेरी ऊँगली आगे पीछे होने लगी .
“उफ्फ्फ, देव ” बुआ आहे भरने लगी थी. कुछ देर गांड पर जीभ फिराने के बाद मैंने बुआ की चूत पर अपना मुह लगा दिया और चूत के रस को चाटने लगा. पिस्ता के साथ मैं सम्बन्ध बना चूका था पर बुआ की गर्मी भी कम नहीं थी . मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और बुआ की गीली चूत के मुहाने पर टिका दिया. अब रुकना मुश्किल था ,मैंने बुआ की कमर को थामा और लंड को चूत में सरका दिया. बुआ की चूत के छल्ले को फैलाते हुए लंड चूत में जाने लगा और मैंने कमर हिलाते हुए अपनी गोलियों को बुआ की चूत से लगा दिया.
“सीईईईईइ ”बुआ सारी लाज छोड़ कर अब चुदने के लिए तैयार थी . लंड को मैंने बाहर खीचा और फिर तेज धक्का लगाते हुए वापिस से अन्दर घुसा दिया. दोनों हाथो से बुआ की कमर को थामे मैं बुआ को चोद रहा था . पच पच की आवाज सीढियों पर गूंजने लगी थी . बुआ की चूत की गर्मी तब और बढ़ गयी जब बुआ अपना हाथ अपनी जांघो के बीच से ले गयी और मेरे अन्डकोशो को सहलाने लगी. मेरे लिए तो ये बेहद ही मजेदार अहसास था , बुआ के स्पर्श ने चुदाई को और भी रसीली और मजेदार बना दिया था . मेरे हाथ अब बुआ के कंधो को मसल रहे थे .
“आई आई आई ईईईईइ ” बुआ अपनी गांड को जोर से हिलाते हुए चुदाई का पूरा आनंद ले रही थी. कई देर तक ऐसे ही चलता रहा और फिर बुआ का बदन अकड़ गया बुआ की चूत ने लंड को इस कदर खींचा की मैं भी पिघलने को हो गया. दो चार जोरो के धक्के लगाने के बाद मैंने लंड को चूत से बाहर निकाला और बुआ की कमर पर अपना वीर्य गिरा दिया.
मैं वही सीढियों पर बैठ गया और बुआ को अपनी गोदी में बिठा लिया. बुआ ने अपना चेहरा मेरे सीने में छिपा लिया और मैं उसकी गांड को सहलाने लगा. कुछ देर तक ऐसे ही हम बदन की गर्मी को महसूस करते रहे . फिर बुआ उठी और गुसलखाने में घुस गयी मैंने आंगन में लगे नलके को चलाया और अपने लंड को साफ़ करके चौबारे में चला गया. कुछ देर बाद बुआ भी उपर आ गयी और मेरी बगल में लेट गयी .
“ये जो हमने किया किसी को भी इसके बारे में पता नहीं होना चाहिए.वर्ना अंजाम् ठीक नहीं होगा.” बोली वो
मैंने बुआ को अपने आगोश में लिया और बोला- समझता हु
मैंने फिर से बुआ के होठ पीने शुरू कर दिए . बुआ भी मेरा साथ देने लगी . बुआ ने खुद मेरे लंड को अपने हाथ में लिया और बड़े प्यार से सहलाने लगी .
“मुह में लो इसे ” मैंने बुआ को अपनी ख्वाहिश बताई तो बुआ ने अपने चेहरे को मेरे लंड पर झुकाया और सुपाडे को मुह में भर लिया. कसम से बदन पुरे का पूरा ही तो हिल गया. बुआ बड़ी शिद्दत से मेरी आँखों में देखते हुए लंड चूस रही थी .
“मजा आ रहा है तुझे ” बुआ ने नशीली नजर से देखते हुए मुझसे पुछा
“बहुत ज्यादा ” मैंने कहा
बुआ- और मजा लेगा
मैंने हां में सर हिलाया तो बुआ मेरे ऊपर लेट गयी ,बुआ की चूत मेरे चेहरे पर आ गयी थी .
“तुम भी चूसो इसे ” बुआ ने कहा और मेरे अन्डकोशो पर अपनी जीभ फिराने लगी. एक बार फिर से मैंने बुआ के कुलहो को थामा और बुआ की चूत को चूसने लगा. इस तरह हम दोनों एक दुसरे के अंगो को चूसने लगे और चूसते चूसते ही एक दुसरे के काम रस को पी गए. बुआ ने मेरे पुरे वीर्य को अपने गले के निचे उतार लिया. सुबह एक बार फिर से हमने सेक्स किया और घर वालो के आने से पहले इस घटना के तमाम निशान मिटा दिए. मेरे मन में ये सवाल तो था की बुआ संग बना ये अनैतिक रिश्ता क्या रंग लायेगा.
Dev ne apni bua ki bhi taal thok di full on chudai ke maje ho gaye uske, udhar fool sing kaha gaya? Kis dost ke ghar ? Bhai jogan ke kirdaar ko nikhaarna baaki hai abhi, superb update and mind blowing sexy writing efforts ️️️️