जब मैंने उस से पूछा की क्या उसे परमिशन मिल पायेगी परिवार से तो मुझे उसने बड़ा रुखा सा जवाब दिया जिसको सुनके मेरी ख़ुशी का टिकना नहीं रहा है, चन्द्रमा ने साफ़ कहा था, "मेरी जीवन है हार बात की परमिशन की ज़रूरत नहीं है बस बता दूंगी रोकेंगे तब भी चलूंगी ना रोकेंगे तब भी", एक बार तो उसका बिंदास डायलाग सुन के मैं भी चौका था लेकिन मुझे क्या टेंशन मेरा तो प्लान काम कर ही रहा था अपनी सही दिशा में। सबसे पहले तो मैंने झट से टिकट बुक की और एक मस्त ४ स्टार होटल बुक किया, मैं नहीं चाहता था की उसका पहला एक्सप्रिन्स किसी सस्ते होटल में हो अगर एक बार ढंग से चुद गयी फिर तो चार सौ रूपये वाले ओयो होटल में भी टाँगे उठा उठा के चुदवायेगी।
मैंने उसको टिकट एंड होटल की बुकिंग एंड होटल की पिक्स भेजी तो लड़की किसी फूल के जैसे ख़ुशी से खिल उठी, मैंने जान बूझ कर जयपुर का प्लान बनाया था, एक तो पास के पास था तो ट्रेवल में ज़ायदा टाइम नहीं लगना था साथ ही जयपुर ना बहुत बड़ा शहर है ना बहुत छोटा घूमने के 4-५ पॉइंट्स है तो घूमने में भी कम टाइम लगेगा मतबल ज़ायदा टाइम मिलेगा चुदाई का मौका ढूंढने मे। चन्द्रमा को इन सब से कुछ नहीं लेना देना था उसे तो बस ख़ुशी थी की वो कहीं घूमने जा रही है और एक मस्त होटल में रुकेगी। मेरा प्लान एक दम परफेक्ट चल रहा था लेकिन अभी तक प्लान का नेक्स्ट स्टेप का मैं वेट कर रहा था , मेरा नेक्स्ट स्टेप था चन्द्रमा की सहमति लेना की हम होटल में थोड़ा बहुत मस्ती कर ले। मैं नहीं चाहता था की वह होटल में जा मुझे ऐसे फील हो की ज़बरदस्ती कर रहा हूँ चन्द्रमा के साथ। मैं चद्र्मा को चोदना चाहता था लेकिन सहमति से।
खैर यात्रा से पहली वाली रात को मैंने उसके छुट्टी के समय कॉल किया मैं देखना भी चाहता था की क्या आज भी उसे दीपक लेने आया था की नहीं? मेरे कॉल का चन्द्रमा ने झट से जवाब दिया
मैं : हेलो चन्द्रमा
चन्द्रमा : हांजी हेलो जी बोलिये जी
मैं : मैं वाह क्या बात है आज मूड बड़ा अच्छा लग रहा है
चन्द्रमा : हाँ आज मैं खुश हूँ
मैं : (अनजान बनते हुए ) मुझे बताओ ऐसी क्या खास बात है?
चन्द्रमा : कल हम घूमने जा रहे है ३ दिन के लिए इसलिए
मैं : ओहो किसके साथ
चन्द्रमा : है एक मेरा सबसे अच्छा फ्रैंड उसी के साथ
मैं : मुझसे भी अच्छा फ्रेंड ?
चन्द्रमा : (उसको लगा मैं समझा नहीं) अरे बुद्धू आप हो सबसे अच्छे फ्रैंड
मैं : ओह्ह वाओ मैं समझा नहीं था, मुझे लगा और कोई है तुम्हारा सबसे अच्छा फ्रेंड,
चन्द्रमा : जी नहीं, मेरे सबसे बेस्ट और इकलौते फ्रैंड आप ही हो
मैं : थैंक यू जी, अच्छा एक बात सुनो (थोड़ा सीरियस मूड में )
चन्द्रमा : हाँ जी बोलिये
मैं : मैं एक बात को लेकर कंफ्यूज था तो सोंचा कल निकलने से पहले क्लियर कर लू कहीं कोई कन्फूशन ना रहे
चन्द्रमा : (थोड़ा घबराते हुए,कही प्लान तो नहीं कैंसिल कर रहा) जी बोलिये।
मैं : कुछ खास नहीं बस ये पूछ रहा था की हम तीन दिन और तीन नाइट्स होटल में एक कमरे में एक बेड में एक ब्लैंकेट में साथ रहेंगे और साथ सोयेंगे, क्यूंकि मैंने होटल में जो रूम बुक किया है उसमे बड़ा डबल बेड है, अलग अलग बेड नहीं है
चन्द्रमा : तो ?
मैं : तो क्या तुम बताओ ?
चन्द्रमा : मैं क्या बताऊ ?
मैं : अरे तुमको साथ में सोने में दिक्कत तो नहीं एक ही बेड में ? अगर ऐसा है तो मैं प्लान कैंसिल कर दूंगा, होटल का पैसा वापिस नहीं आएगा लेकिन शायद ट्रैन का रिफंड मिलजाए 50% तक।
चन्द्रमा : (झट से )अरे तो क्या हुआ साथ सो जायेंगे
मैं : (वाह मेरी जान यही तो सुंनना था तुम्हारे मुँह से ) गुड फिर ठीक है बस मैं इसी बात को लेकर थोड़ा कंफ्यूज था
चन्द्रमा : बस आप बेड के एक कोने पर सोने और दूसरे कोने पर मैं
मैं : हहह पागल समझा है क्या मुझे, इतनी सुन्दर लड़की साथ में एक ही बेड में एक ही कम्बल में हो और कोई उसको हग करके ना सोये वो सबसे बड़ा चूतिया है (मैंने जान कर कहा था, अभी जिसमे फ्लो में बात चल रही थी ऐसी फ्लो बार बार नहीं बनती और मैं कोई मौका नहीं छोड़ना चाहता था )
चन्द्रमा : बहुत चालू होआप, लेकिन बस हग और कुछ नहीं
मैं : नहीं नहीं बस एक लास्ट थिंग
चन्द्रमा : हाँ बस और कुछ नहीं
मैं : अरे सुन तो लो बाबा
चन्द्रमा : अच्छा बोल लो आप जो बोलना है
मैं : बस एक किस्स
चन्द्रमा : हप्प नो किस्स, अब ज़ायदा नहीं तो मुझे गुस्सा आजायेगा
मैं : अरे पहले पूरी बात सुनो फिर अगर अच्छा ना लगे मना कर देना
चन्द्रमा : क्या है पूरी बात
मैं : किस्स लिप्स पर नहीं मांग रहा
चन्द्रमा : (सकून का सांस लेते हुए ) हाँ ठीक है फिर कर लेना
बस पागल लड़की यही गलती कर गयी थी और यही हाँ मेरी जीत का कारन बनने वाली थी।
कुछ और प्लान कहा मिलना है किस टाइम मिलना है तय करके मैंने कॉल रख दिया, इस पूरी बात में कोई डिस्टर्बेंस या कॉल होल्ड नहीं किया था उसने इसका मतलब सीधा था की वो आज दीपक के साथ घर नहीं गयी थी।
मैंने भी बाजार से अपने लिए कुछ छोटी मोती शॉपिंग की, एक रेज़र लिया लण्ड महाराज की सफाई के लिए और एक गिफ्ट पैक कराया चन्द्रमा के लिए फिर घर आगया, सुभह ६ बजे की शताब्दी थी तो जल्दी निकलना था सो झांटे साफ़ करके और शावर ले के सो गया आराम से।