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Incest जीजा जी की चाहत (incest)

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फोन रख कर मुझे याद आया दीदी भी तो यहीं हैं मेरे बगल में और उसी वक़्त खड़े लंड पे मुझे जोर से पेशाब आया ......,
मैंने धीरे से कहा दीदी ...... दीदी ने हूँ कर के जवाब दिया मैंने कहा टॉयलेट करनी है मेरी बात सुन कर दीदी उठी लाइट ऑन की और बाथरूम से वो डिब्बा उठा लायी फिर उन्होंने मुझे बिठा कर मेरी टांगे नीचे लटका कर मेरा लोअर अंडरवियर सरकाया मेरा लंड जो इस समय पूरी औकात पर था वो तन कर रॉकेट जैसे खड़ा था ऐसे में मैं मूतता तो वो डिब्बे में ना जा कर मेरे ऊपर ही गिरता मैंने उसे हाथ से नीचे की ओर झुकाया पर खड़ा लंड भला कभी झुकता है दीदी बड़े गौर से उसे देख कर मुस्कुरा रही थीं ...... मैंने बेबसी से दीदी की ओर देखा दीदी बोली अभी तो मुश्किल लग रहा है ...... ऐसा कर तू इसे एक बार हल्का कर ले ...... उनकी बात सुन कर मेरे लंड ने एक झटका से लिया ...... तभी दीदी बोली एक काम कर मैं थोड़ी देर को अपने रूम में जाती हूँ तू इसे शांत कर ले और उन्होंने अलमारी से एक छोटा तौलिया निकाल कर मेरी ओर उछाल दिया और बोली कपड़े मत गंदे करना फिर वो बाहर निकल गयी और मैं चुतिया जैसे बैठे सोचने लगा ये साला हो क्या रहा है ...... वैसे इस समय मुझे भी लंड की गर्मी निकालने की बेहद जरूरत महसूस हो रही थी तो मैंने विनय का फोन उठाया और दीदी की pic देखते हुए लंड को मुठियाने लगा ...... कोई 15 मिनट तक तेजी से लंड पर हाथ चलाने के बाद भी वो नही हल्का हुआ ऊपर से मेरा हाथ दुखने लगा ...... मैं इस समय थोड़ा सा झुंझलाया हुआ था और तभी एकदम से दीदी अंदर आयी और मेरे हाथ मे खड़ा लंड देख कर बोली लगता है अभी हुआ नही मैंने सर झुका कर ना में सर हिला दिया दीदी कुछ देर तक खड़ी मुझे देखती रही और फिर बोली मैं कुछ हेल्प कर दूं क्या ...... सच कहूं मन तो मेरा भी यही था कि कोई लड़की मेरे लंड को मुठ मार दे तो मैं जल्दी से निपट जाऊं पर इस समय लड़की कहाँ मिलनी थी मुझे ..... लेकिन दीदी के ये कहते ही मेरे मन मे लड्डू फूटा दीदी ने फिर पूछ लिया लगता है तू मुझसे शरमा रहा है चल ठीक है मैं थोड़ी देर और अपने कमरे में जा रही तू निपट ही ले और वो मुड़ी ...... तभी नशे में झूमते मेरे दिमाग ने कहा रोक ले दीदी को आखिर तू भी तो यही चाहता है और वो खुद से पूछ रही हैं तुझसे ..... मैंने कहा दीदी ..... वो दरवाजे के पास पहुंच कर रुक गयी बड़ी अदा से मुड़ कर मेरी ओर देखा उनकी आंखें भी नशीली सी हो रही थीं ..... फिर कुछ सोच कर उन्होंने हाथ बढ़ा कर लाइट ऑफ कर दी कमरे में घुप्प अंधेरा हो गया मेरी सांसे तेज होने लगी तभी मुझे अपनी टांगों के बीच कुछ सरसराहट हुई और इसी के साथ दीदी का हाथ मुझे अपनी जांघ पर महसूस हुआ दीदी मेरी टांगो के बीच आ बैठी थी ....... उनकी गर्म सांसे मेरे लंड पर मुझे महसूस हो रही थी और फिर उनका मुलायम ठंडा हाथ मेरी जांघ से सरकता हुआ मेरे लंड की जड़ पर आ गया और उन्होंने पहली बार मेरे सख्त खड़े लंड को अपनी मुट्ठी में भर का महसूस किया उन्होंने अपने हाथ मे उसे भर कर कस के दबाया पर वो जरा भी नही दबा उल्टे और झटके मारने लगा दीदी ने जड़ से ले कर सुपाड़े तक पूरे लंड को दो तीन बार अच्छे से सहलाया और फिर हौले हौले मेरी मुठ मारने लगी मैं अल्कोहल और सेक्स के नशे में चूर हुआ हवा में उड़ रहा था दीदी के हाथों से मुठ मरवाने में मुझे रानी को चोदने से भी ज्यादा मज़ा आ रहा था और दीदी के हाथों की गति धीरे धीरे बढ़ने लगी ...... धीरे धीरे मेरी आँखे भी अंधेरे की अभ्यस्त हो रही थी और मैंने देखा दीदी मेरे लंड की स्किन को नीचे करते हुए मेरे गुलाबी रसगुल्ले जैसे सुपाड़े को आंखे फाड़ कर गौर से देखने लगी ....... तभी मैंने देखा उन्होंने अपनी गांड़ को थोड़ा सा ऊपर उठा कर दूसरे हाथ से नीचे कुछ एडजस्ट किया ...... शायद उन्होंने अपनी नाइटी ऊपर सरकाई थी अब मुझे अफसोस होने लगा कि अगर मैंने थोड़ी हिम्मत की होती तो शायद ये सब अंधेरे में नही उजाले में होता ...... लेकिन अब तो बात हाथ से निकल चुकी थी ...... दीदी ने अब मेरे लंड को तेजी से मुठियाते हुए ...... अपना चेहरा और झुका दिया था मेरे लंड पर और अचानक से उनकी नाक मेरे लंड पर टच हुई मेरा बदन एकदम से गनगना गया ...... दीदी ने अपना चेहरा पीछे नही किया बल्कि ऐसा लग रहा था वो गहरी सांसे लेते हुए मेरा लंड सूंघ रही हों ये महसूस करते ही मेरे दिल जोर से उछलने लगा तभी दीदी वैसे ही लंड को मसलते हुए खड़ी हुई और दूसरे हाथ से अपनी नाइटी को उपर करते हुए शायद उन्होंने अपनी पेंटी नीचे सरका दी और अगले ही पल उन्होंने बारी बारी से अपनी दोनो टांगे उठाई तो मैं कन्फर्म हो गया कि वो अपनी पेंटी ही निकाल रही हैं मुझे एक हल्की सी झलक उनकी गोरी चिकनी टांगों की मिली मगर अगले ही पल वो फिर से अपने पंजो पर बैठ गयी पर बैठने से पहले उन्होंने अपनी नाइटी पीछे से ऊपर उठा ली थी कमर से ऊपर ...... यानी अब वो कमर से नीचे नंगी थीं नीचे बैठ कर उन्होंने लंड को फिर से पूरी तेजी से हिलाना शुरू कर दिया और साथ ही साथ उनका दूसरा हाथ उनकी टांगों के बीच मे तेजी से हिल रहा था........
उफ्फ्फ दीदी मेरी मुठ मारते हुए अपनी चूत में भी उंगली कर रही थीं ...... मुझे लगा मेरी और रानी की बात सुन कर वो भी गरम हो गयी होंगी फिर मैंने सारे खयाल दिमाग से निकाल दिए और अचानक दीदी के होंठो से एक आहह निकाली मुझे लगा उन्होंने उंगली ज्यादा तेजी से डाल ली अपनी चूत में फिर वो सिसकने लगी और बड़बड़ाने लगी ...... उफ्फ विकी वाकई मस्त लंड है तेरा रानी ठीक कह रही थी ...... इस लंड पर तो कोई भी फिदा हो जाये और इतना बोलते बोलते उन्होंने वो किया जिसकी मुझे उम्मीद नही थी उन्होंने अपने गरम गुलाबी होंठ लंड के सुपाड़े पर रख दिये और मैं उछल पड़ा ...... मेरा हाथ स्वतः दीदी के सर पर आ गया और मैं दीदी के सर को अपने लंड पर दबाने लगा दीदी ने भी मेरी हालत को समझा और मुह खोलते हुए लंड को अंदर जाने का रास्ता दे दिया ...... और लगभग 5 इंच लंड मुह ले कर अपनी जीभ उसके इर्द गिर्द फिराने लगी उनका हाथ अब मेरे आंड़ को सहला रहा था फिर उन्होंने सर को आगे पीछे करते हुए लंड को चूसते हुए मेरे अन्डो को सहलाते हुए तेजी से अपनी चूत में उंगली पेलनी शुरू कर दी उनके मुह से आवाजें आने लगी ......, आआम्म्म्महहहहहह उफ़्फ़फ़ सससससससस ओह विकी ....... और अब मेरी भी कमर नीचे से ऊपर को मूव होने लगी और मैं तेजी से लंड पेलते हुए दीदी का गरम गरम मुह चोदने लगा ....... तभी दीदी ने एक पल को अपना हाथ अपनी चूत से हटा कर मेरे हाथ पर रखा और फिर मेरे हाथ को खींच कर नाइटी के ऊपर से अपने नरम चूचे पर रख दिया आए वापस चूत रगड़ने लगी मैंने बिना कुछ सोचे दो तीन बार उनकी नरम मुलायम चूची को सहलाया उसकी नरमी महसूस की तभी मेरी उंगलियां उनके तन कर खड़े निप्पल से टकराई और मैंने उसे उंगलियों में पकड़ कर भींच दिया दीदी ने एक तेज आह भरी और उन्होंने अपने दांत हल्के से मेरे लंड पर चुभा दिए और फिर मैंने अपना हाथ उनकी नाइटी के अंदर डाला और उनके नंगे सीने को सहलाते हुए दाईं चूची को मसलने लगा बीच बीच मे मैं निप्पल को भी मसल देता था दो मिनट तक ऐसे की करने से दीदी अब पागल सी होने लगी उनकी आहह और सिसकियां तेज होने लगी और अगले ही पल उनका बदन कांपने लगा उन्होंने थरथराते हुए मेरे लंड को जोर से चुस्का मेरे मुह से भी एक आहह निकली और मैंने तेजी से कमर उछाल कर लंड जड़ तक उनके मुह में पेल दिया और मेरे सुपाड़े से गरम वीर्य की तेज धार एक के बाद एक निकल कर दीदी के मुह में समाने लगी अपनी चूत से रस टपकाते हुए चूत को हल्के हाथ से सहलाते हुए दीदी आंखे मूंदे मेरे लंड का गाढ़ा गरम चूस चूस कर पीने लगी आखिरी बून्द तक निगलने के बाद उन्होंने लंड मुह से निकाला और मेरी जांघ पर अपना गाल रख कर सुस्ताने लगी मैं भी अपनी उखड़ी हुई सांसों को नियंत्रित करते हुए दीदी के सर पर हाथ फिराने लगा .......
और दीदी ने मेरा दूसरा हाथ कस के पकड़ लिया और धीरे से बोली ...... i love you viki ...... मैंने भी दीदी का हाथ दबाते हुए कहा ...... love you to didi .......
वक़्त मानो थम सा गया था दीदी से मेरा नया रिश्ता बन चुका था पर इसका अंजाम क्या होगा इससे हम दोनों बेखबर थे ...... फिर कुछ पल बाद दीदी उठी उन्होंने अपने कपड़े सही किये और लाइट ऑन की उनका चेहरा लाल था वो मेरी ओर देख भी नही रही थी यही हाल मेरा भी था अंधेरे नशे और उत्तेजना में घटी इस घटना से हम दोनों शर्मिन्दा थे दीदी ने मेरे पास आ कर वो डिब्बा उठा कर मेरे लंड के नीचे लगा दिया और बोली अब कर लो हो जाएगी ...... मैंने मूतना शुरू किया और डिब्बा लगभग पूरा ही भर गया इसमे हैंडल नही था तो दीदी को दो ओर से उंगलियों से मदद से उसे पकड़ना पड़ रहा था पूरा भरने से वो काफी भारी हो गया था और दीदी की उंगलियां मेरे पेशाब में डूब गई थीं दीदी ने उसकी गर्मी महसूस की होगी और उनके चेहरे पर एक शर्मीली मुस्कान आ गयी ये देख कर मुझे उन पर प्यार आ गया फिर वो डिब्बा ले कर बाथरूम गयी और 5 मिनट में वापस आयी उन्होंने लाइट ऑफ कर दी और मेरे बगल में लेट गयीं ......
दीदी ने कुछ देर बाद मेरी ओर करवट ली और अपना एक हाथ मेरे सीने पर रख कर मुझसे लिपट सी गयीं और मेरे गाल को चूम कर बोली गुड नाईट विकी .......मैंने भी उन्हें अपने सीने पर चिपकाते हुए कहा गुड नाईट दीदी और फिर हम नींद में डूबते चले गए .....।

अगले अपडेट में कहानी में एक मोड़ आने वाला है ..... दोस्तों अभी तक कि कहानी कैसी लगी अपने विचार अवश्य दीजिये ।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
आखिर दोनो बहन भाई ने शुरुआत कर ही ली नए प्यार की
 
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Sanju@

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अगली सुबह 8 बजे के आसपास मेरी नींद खुली देखा तो मैं अकेला था कमरे में ...... मैं उठ कर बैठा और जल्दी ही मुझे बाथरूम जाने की जरूरत महसूस होने लगी मैंने दीदी को आवाज़ दी पर वो शायद नीचे थे मैंने दो तीन तेज आवाज़ें दी तो उन्होंने नीचे से जवाब दिया आती हूँ विकी .....फिर दो मिनट बाद वो कमरे में दाखिल हुए वो नहा चुकी थी और एक लैगी और कुर्ती पहन रखी थी और हमेशा की तरह बेहद सेक्सी दिख रही थी उन्हें देखते ही रात की घटना किसी फिल्म की तरह मेरे दिमाग मे चलने लगी ..... पर दीदी बेपरवाही से मेरे पास आई और मुझे अपनी पीठ पर उठा कर बाथरूम में आ गयी ..... मुझे कमोड पर बिठा कर वो बाहर चली गयी फिर कल की तरह उन्होंने मुझे ब्रश कराया मेरा बदन गर्म पानी से पोंछा और मुझे कपड़े पहना कर नाश्ता करवाया .......
इस दौरान हमारी दो चार शब्द ही बात हुई फिर वो बर्तन ले कर नीचे चली गईं तभी पापा आये और उन्होंने रोज की तरह मेरा हाल चाल लिया ..... और आफिस चले गए फिर दीदी वापस आयी और मैंने उनसे अपनी नोटबुक्स और पेन मांगा और स्कूल का काम पूरा करने लगा मुझे व्यस्त देख कर वो भी नीचे चली गयी और मम्मी की हेल्प करने लगी खाना बनाने में 12 बजे तक मेरा काम खत्म हो गया और मैं लेट कर कल की घटना के बारे में सोचने लगा और मुझे एहसास होने लगा कि कल जो हुआ वो गलत था अनैतिक था भले ही इसमे हमारी सहमति थी रजामन्दी थी पर था तो ये गलत ही और एक बार तो मुझे ये भी अहसास हुआ कि मुझमें और विनय में क्या फर्क है जो उसने किया दीदी के साथ वही तो मैं भी कर रहा हूँ ...... पर मेरे मन ने एक तर्क दिया कि विनय ने गलत इरादे से वो सब किया और मैंने हालात की वजह से ...... मैं इन्ही सब ख्यालों में डूबा था कि तभी मम्मी आ कर बैठ गईं मेरे पास और मुझसे बातें करने लगी उनको आये 5 मिनट ही हुए थे कि तभी मेरे फोन की घंटी बजी ...... देखा तो ये मेरी बुआ का कॉल था (मेरी बुआ सुमन पापा से 4 साल बड़ी थीं उनकी ससुराल लखनऊ में थी फूफा जी बैंक में जॉब करते थे उनके दो बेटे थे जिनमें से बड़ा बेटा अभय एयरफोर्स में था और छोटा कॉलेज में)
मैंने कॉल रिसीव की और बुआ को चरण स्पर्श कहा उन्होंने आशीर्वाद देते हुए मेरा हालचाल पूछा मैंने अपने एक्सीडेंट के बारे में उन्हें बताया और वहां के हालचाल पूछे उन्होंने बताया कि सब ठीक है और वो कुछ दिन के लिए इलाहाबाद आना चाह रही हैं सबसे मिलने और मेरे एक्सीडेंट की बात सुन कर वो कुछ ज्यादा ही उतावली हो रही थीं आने को मैंने कहा ठीक है बुआ जी आप जब चाहो आ जाओ ...... फिर उन्होंने मम्मी के बारे में पूछा मैंने बताया कि वो यहीं है आप उनसे बात कर लो और मैंने फोन मम्मी को दे दिया मम्मी उनसे बात करने लगी उनकी बात काफी लंबी चलनी थी पर मेरे पास सुनने के सिवा कोई चारा नही था कुछ देर बाद मम्मी की बात सुन कर मेरे कान खड़े हुए वो पूछ रही थी ......, दीदी वो तो ठीक है पर लड़का करता क्या है????.
अच्छा फिर तो सही है कितनी सैलरी होगी?
कितने भाई बहन हैं ,?
इस तरह एक सवाल सुन कर मुझे उत्सुकता हुआ कि बुआ के तो दो बेटे ही हैं उन्हें लड़के की कोई जरूरत ही नही तो क्या ये बातें दीदी के बारे में चल रही ...... कहीं दीदी की शादी की बात तो नही चल रही ये अहसास होते ही मुझे कुछ बुरा सा लगा ...... पर मैंने अपने मन को समझाया कि एक दिन तो ये होना ही है और दीदी की उम्र भी 22 हो रही है ..... इस उम्र में लड़कियों की शादी की बातें तो होती ही हैं ......
आखिर में मम्मी ने कहा ठीक है जीजी आप आना तो लड़के की फ़ोटो और कुंडली लेती आना फिर आगे देखा जाएगा ..... और उन्होंने फोन काट दिया .......
मैंने पूछा क्या कह रही थीं बुआ मम्मी ने मुस्कुराते हुए बताया कि वो निकिता के लिए एक रिश्ता बता रही थीं लड़का उनकी पहचान का है हमारी ही बिरादरी का बैंक में जॉब करता है 80000 तनख्वाह है और लखनऊ में दो मकान हैं उनके खुद के लड़के की सिर्फ एक बहन और माँ है पापा नही हैं छोटा और खुशहाल परिवार है लड़के में कोई बुरी आदतें भी नही हैं ...... हमारी निकिता के लिए एकदम ठीक रहेगा ये लड़का ......
मम्मी की बात सुनकर मुझे हंसी आयी माँ बाप को कितनी जल्दी होती है बच्चों की शादी की आज ही बात हुई और उन्हें सब ठीक लगने लगा फिर मम्मी बोली आज इनसे भी बताऊंगी सब ठीक रहा तो इसी साल शादी कर दूँ निक्की की विनय वाली घटना के बाद से मैं यही सोच रही हूं जल्दी से इसकी शादी हो जाये ससुराल चली जाए तो मुझे चैन मिले उनकी फिक्र अपनी जगह पर जायज भी थी ......
मैंने कहा पर वो अभी पढ़ रही हैं पढ़ाई तो पूरी होने दीजिए मम्मी बोली शादी के बाद भी पढ़ाई कर सकती है इस बारे में बात कर लेंगे लड़के से फिर वो उठी और बोली मैं जा रही हूं नीचे ...... तेरी मामी से बात करनी है मैं समझ गया कि अब ये बात जब तक सारे रिश्तेदारों को पता नही चल जाएगी मम्मी को चैन नही आएगा ........
दोपहर में दीदी खाना ले कर आईं उनके चेहरे पर थोड़ी टेंशन झलक रही थी ..... उन्होंने मुझे खाना खिलाया पर इस दौरान वो चुप ही रहीं ...... वो बर्तन रखने गयी और जल्दी ही वापस आ गईं और परेशान सी बैठ गईं ..... मैंने कहा क्या हुआ दीदी आप कुछ परेशान दिख रही हो वो बोली ....., ,तुझे नही पता मैंने ना में सर हिला दिया वो बोली मम्मी तो कह रही थी तुझे सब पता है मैंने पूछा वो शादी वाली बात वो बोली हां मेरी शादी होने जा रही है दीदी कि बात सुन कर मैं हंस पड़ा ...... मैंने कहा अरे यार अभी बस बुआ ने रिश्ता बताया है शादी की डेट नही फिक्स हुई ये सब लंबा प्रोसेस होता है दीदी बोली पर मम्मी की बातों से ऐसा लग रहा कि वो अगले महीने ही मेरी शादी कर के मुझे ससुराल भेज देंगी ......
मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा अच्छा है तो फिर आपको अपने उंगलियों से मेहनत नही करनी पड़ेगी मेरी बात सुन कर उनके गाल गुलाबी हो गए वो बोली चुप कर नालायक फालतू मत बोल ...... मैंने कहा मैं सही तो बोल रहा हूँ आराम से ससुराल में जीजा जी के साथ मज़े करना दीदी तुनक कर बोली पर ऐसे थोड़े होती है शादी ...... मैंने कहा तो ऐसे कहाँ हो रही है बुआ को आने दो बात आगे बढ़ने दो जमा तो ठीक वरना मना कर देना ..... दीदी मुह बना कर बोली तेरी बात सही है पर मम्मी का अलग ही इरादा लग रहा ऐसा लगता है वो सब डिसाइड कर चुकी हैं मैंने दीदी का हाथ पकड़ कर आप इतनी टेंशन ना लो अभी मैं हूँ ना आपको लड़का पसन्द ना हो तो मुझे बताना मैं मम्मी को समझा लूंगा मेरी बात सुन कर उनके चेहरे का तनाव कुछ कम हुआ और वो स्माइल की .......
मैंने कहा बस ऐसे ही मुस्कुराते हुए आप अच्छी लगती हो और दीदी ने अपना सर मेरे कंधे पर टिका दिया,
तभी नीचे घंटी बजने की आवाज़ आयी ....., दीदी उठ कर नीचे की ओर चल दीं और नीचे से कुछ आवाज़ें आने लगी शायद कोई आया होगा ......, फिर 10 मिनट बुआ जी मेरे कमरे में दाखिल हुए मैं थोड़ा सा चौंक गया उन्हें देख कर वो इतनी जल्दी आ टपकेगी मुझे उम्मीद नही थी पर मैंने मुस्कुराते हुए उन्हें हाथ जोड़ कर प्रणाम किया वो मेरे पास आ कर बैठ गयी मैंने उनके पैर छुए तो उन्होंने मेरे सर पर हाथ फिराते हुए मेरा हाल चाल पूछा मैंने पूछा बुआ प्लेन की टिकट ले रखी थी क्या अभी कुछ देर पहले आपने आने की बात की और इतनी जल्दी हाजिर वो हंस कर बोली मैंने तो रास्ते मे बस में बैठे बैठे ही कॉल की थी तुझे मैंने कहा फिर बताया क्यों नही की आप अभी आ रही हो बुआ हंस कर बोली सरप्राइज और फिर बातें करने लगी काफी देर हमने यहां वहां की बातें की फिर वो नीचे चली गईं .......

शाम को 4 बजे सारे ऊपर ही आ गए दीदी मम्मी बुआ और दीदी ने चाय नाश्ता भी लिया हुआ था वही मेरे कमरे में सबने नाश्ता किया चाय पी और दुनिया भर की चर्चा होती रही बातों बातों में मम्मी ने अपनी साड़ी के पीछे से एक तस्वीर निकाली और मुझे दे कर बोली देख विकी ये लड़का कैसा है ......
मैंने देखा ये एक 25-26 साल के स्लिम ट्रिम लड़के की तस्वीर थी घुंघराले बाल क्लीन शेव आंखों पर चश्मा एकदम गोरा कुल मिला एकदम स्मार्ट और हैंडसम लड़का था ये ...... मैंने दो मिनट तक गौर से उसे देखा और फिर बोला बढ़िया है एकदम फर्स्ट क्लास बुआ ने फौरन सवाल किया अपनी निक्की के लिए कैसा रहेगा ....., और बुआ का ये सवाल सुनते ही दीदी बर्तन समेट कर नीचे चली गईं ........ बुआ ने मुस्कुराते हुए कहा लगता है शर्मा गयी मम्मी ने चहकते हुए कहा मुझे तो लड़का बहोत पसन्द है बस निकिता को पंसद आ जाये ये सुन कर मुझे राहत मिली कि कम से कम उनकी पसन्द का ख्याल तो है मुझे ये डर था कि कहीं उनकी मर्जी पूछे बिना ना मम्मी पापा कोई फैसला कर लें।
मम्मी की बात सुन कर मुझे थोड़ी तसल्ली हुई और मैंने फोन से उस लड़के की एक pic की एक pic ले ली मैंने पूछा बुआ इनका नाम क्या है बुआ ने बताया प्रतीक नाम है इसका घर मे सिर्फ इसकी माँ शांति जो बहोत सीधी सज्जन महिला हैं और बहन श्वेता जो अभी 12th की स्टूडेंट है और वो भी एकदम सीधी सादी लड़की है .......
मुझे ऐसा लगा मेरी निकिता दीदी के लिए घर और रिश्ता एकदम परफेक्ट है .......
फिर बुआ और मम्मी नीचे चली गईं उनके जाते ही दीदी कमरे में आई मुझे सूसू आयी थी मैंने दीदी को बताया उन्होंने हमेशा की तरह मुझे टॉयलेट करवाया और फिर मेरे पास आ कर बैठ गईं और पूछने लगी कि क्या बातें हो रही थी उनकी शादी के बारे में मैंने कहा दीदी वो सब छोड़ो पहले ये बताओ आपने लड़के की तस्वीर देखी उन्होंने ना में सर हिला दिया ...... मैंने फोन पर उन्हें प्रतीक की तस्वीर दिखाई वो बड़े गौर से उसे देखने लगी .......
मैंने पूछा क्या हुआ दीदी पसन्द आ गया क्या उन्होंने कहा ठीक ही है मैंने कहा सिर्फ ठीक मुझे तो बहोत पसन्द आया ये लड़का .....
बाकी चीजें भी अच्छी हैं वो सवालिया नजरो से मुझे देखने लगी मैंने उनके मन की बात समझ कर कहा पहली बात घर मे सिर्फ 3 सदस्य हैं लड़के की माँ और बहन दूसरी बात इसकी मा बहन दोनो एकदम अच्छे स्वभाव की हैं बुआ ने ऐसा ही बताया है बाकी मैं ठीक होने पर खुद जा कर देखूंगा कैसे लोग हैं वो ..... तीसरी बात लड़का अच्छी जॉब करता है बढ़िया कमाता है आपको खुश रखेगा और आखिरी बात अगर आपको ये नही पसन्द तो सब बातें खत्म अब बोलो दीदी ......, अपनी उंगली मसलते हुए बोली इतनी जल्दी क्या बोलूं मैंने कहा कोई बात नही दो चार दिन में बता देना .......
तभी मम्मी ने उन्हें आवाज़ दी और वो नीचे चली गईं ....... ,
फिर संजय आ गया उसने आज के नोट्स दिए मुझे और कल वाले ले कर चला गया और फिर रात में दीदी ने मुझे खाना खिलाया और हम थोड़ी बातचीत कर के सो गए ......
मैंने अपनी तरफ से दीदी से कोई हरकत करने की कोशिश नही के और दीदी ने भी आज खुद पर काबू रखा ।
अगले तीन दिन इसी तरह निकल गये हमारा जिंदगी सामान्य तरीके से चलती रही और चौथे दिन बुआ वापस चली गईं वो जाते जाते कई बार ये बात कह गयी कि भाभी इस रिश्ते पर गौर करना इससे अच्छा रिश्ता मिलना मुश्किल है मम्मी ने उन्हें आश्वासन भी दिया वो जल्दी ही उन्हें बताएंगी .......
और उस रात दीदी ने रोज की तरह मुझे खाना खिला कर दवा और दूध दिया फिर मुझे टॉयलेट करवा के कमरे की लाइट ऑफ कर के आ कर लेट गयी और थोड़ी देर बाद उन्होंने करवट ले कर अपना हाथ मेरे हाथ पर रख दिया ......
मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और पूछा दीदी 4 दिन हो गए हैं कुछ सोचा आपने उन्होंने कहा हाँ बहोत सोचा पर कोई फैसला नही कर पा रही हूं मैंने उनका हाथ सहलाते हुए कहा ऐसा क्यों दीदी वो बोली विकी ऐसा है कि इस शादी से इनकार करने की मेरे पास कोई वजह नही है लड़का अच्छा है हैंडसम है परिवार भी ठीक है पर मैं अभी शादी नही करना चाहती मैंने कहा ह्म्म्म पर अभी शादी ना करने की वजह ...... वो बोली तुम्हे नही पता मैंने कहा ठीक ठीक नही पता आप ही बता दो वो बोली तुम हो वो वजह ..... मैं अभी बस तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं शुरू से मेरा तुम्हारा रिश्ता कुछ खास नही था हम दोनों अपनी अपनी दुनिया मे मस्त थे पर पिछले कुछ दिनों से जो सब हुआ है मुझे महसूस हुआ कि एक तुम ही हो जो मुझे समझते हो मेरी परवाह करते हो मेरी हर खुशी का ख्याल रखते हो मेरे लिए कितना कुछ कर दिया तुमने और मुझे पता हीनही चला कब मैं तुम्हे भाई से बढ़ कर एक दोस्त और फिर उससे भी ज्यादा समझने लगी ....... विकी मुझे तुमसे प्यार हो गया है मैं अभी बस तुम्हारे साथ रहना चाहती हूं इतना कह कर दीदी कस के मेरे सीने से चिपक गयीं मैंने भी उन्हें बाहों में कस लिया और उनके माथे को चूम लिया ......, और कहा ...... दीदी प्यार मैं भी आपसे करता हूँ आपसे बेहद और शायद मैं भी यही चाहता हूं कि आप हमेशा मेरे पास मेरे साथ रहो लेकिन ये सम्भव ही नही है आज नही तो कल एक दो साल बाद आपके शादी करनी ही पड़ेगी हमे एक दूसरे से अलग होना ही पड़ेगा उस रात जो हुआ वो गलत था नही होना चाहिए था और मैं वादा करता हूँ कि आगे से कभी ऐसा नही होगा पर मेरी एक बात मान लो ये रिश्ता वाकई में आपके लिए हर तरह से सही है हां एक बार मैं खुद जा कर उन लोगों से मिलूंगा और अगर सब सही लगा तो आप ये शादी कर लो मना मत करो कभी कभी कुछ फैसले लेने पड़ते हैं दीदी ......
दीदी ने मेरी बात सुन कर एक गहरी सांस ली और कहा तुम्हे ऐसा लगता है उस रात हमारे बीच जो हुआ वो गलत था ...... मैंने कहा दीदी पता नही वो गलत था या सही पर इतना जरूर है किसी को भी पता चला उस बारे में तो वो हमें गलत ही कहेगा अभी विनय वाला मामला निपटा ही है मैं नही चाहता कि मेरी वजह से आप किसी नई मुसीबत में पड़ो दीदी ने मेरे गाल पर किस करते हुए कहा इतना प्यार करता है तू मुझे मेरी खुशी के लिए खुद को मुझसे दूर कर लेगा मैंने कहा एकदम नही मैं अपनी प्यारी दीदी को ना दूर कर सकता हूँ ना आपको कभी अपने से दूर जाने दूंगा लेकिन अब हम उस सब से दूर रहेंगे अच्छा हुआ उस रात हम और आगे नही बढ़े .......
दीदी बोली पता नही अच्छा हुआ या बुरा हुआ ......
मैंने कहा जो होता है अच्छा ही होता है जितना हुआ वो भी अच्छा बल्कि बेहद अच्छा था पर उसके आगे कुछ नही हुआ वो भी अच्छा था ......
दीदी अब बोलो आपका क्या फैसला है दीदी ने मेरे सीने पर रख कर कहा मुझे तेरी धसर बात मंजूर है विकी मैं इस शादी के लिए तैयार हूं पर याद रखना मेरा प्यार तेरे लिए कभी कम ना होगा ...... और हमारी दोस्ती हमेशा बनी रहेगी और हम एक दूसरे से अपनी कोई भी बात नही छुपायेंगे ......
वादा कर मैंने कहा प्रॉमिस दीदी आप जैसा चाहती हो वैसा ही होगा ।
फिर हम एक दूसरे को बाहों में भरे भरे सो गए .......
अगले 10 दिन तक सब वैसे ही चलता रहा हां दीदी ने मम्मी पापा को अपना फैसला सुना दिया था कि उन्हें लड़का पसन्द है और वो शादी के लिए तैयार हैं ......
घर मे सब लोग दीदी के इस निर्णय से खुश थे और बुआ को भी ये सूचित कर दिया गया था .....
इस बीच प्रतीक की मम्मी की एक बार मेरी मम्मी से बात भी हुई थी और मम्मी का कहना था को बेहद सुलझी सरल और सज्जन हैं और दीदी को उनके घर कभी कोई परेशानी नही होगी उन्होंने हम सब को अपने घर बुलाया भी की एक बार सब लोग एक दूसरे से मिल लें ...... और हां बुआ दीदी की तस्वीरें ले गयी थीं जो कि प्रतीक ऑयर उनके घर वालों को बेहद पसंद आ गयी थीं।
आती कैसे नही मेरी दीदी हैं ही ऐसी प्यारी सी मासूम और सेक्सी .......।
बहुत ही सुन्दर और शानदार अपडेट है
 
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अगला दिन रविवार था और आज मेरे प्लास्टर को 21 दिन हो गए थे और पापा की भी छुट्टी थी वो सबसे पहले मुझे ले कर डॉक्टर के यहां गए मेरे पैर का प्लास्टर कटा और आज 21वें दिन मैं फिर से अपने पैरों पर खड़ा था ......
डॉक्टर ने कुछ हिदायतें दी मुझे जैसे कि कुछ दिन अपने पैर की मालिश करवाना और इस पैर पर ज्यादा जोर मत देना ज्यादा वजन मत उठाना वगैरह वगैरह और फिर हम घर के लिए निकल पड़े रास्ते मे मैंने पापा से गाड़ी रुकवा कर एक किलो रसगुल्ले लिए दीदी को रसगुल्ले बेहद पसंद थे और आज मेरा प्लास्टर कट गया था और दूसरी बात आज सुबह ही प्रतीक की मम्मी का फोन आया था उन्होंने बताया कि वो दो दिन बाद अपनी बेटी और बेटे का साथ हमारे यहां आ रही हैं ......
इतनी सारी खुशी के मौके पर कुछ मीठा टी होना ही था हम घर पहुंचे और मैं सीधा अपने बाथरूम में घुस गया रेजर ले कर एक तो 20 दिन से ठीक से नहाया नही था उस पर मेरी शेव और झांट काफी बढ़ चुकी थी खुजली होने लगी थी ......
मैंने फटाफट अपनी दाढ़ी छीली झांट साफ की और रगड़ रगड़ कर नहाया ...... नहाने एक बाद मैंने देखा मेरा लंड किसी चिड़िया के बच्चे जैसे लटक रहा था इन 14-15 दिनों से मैंने मुठ भी नही मारी थी फिर मेरे मन मे रानी का ख्याल आया इन दिनों में मेरी उससे बस दो तीन बार बहोत थोड़ी बात हुई थी वो हर बार मुझे मिलने की जिद करती लेकिन मैं उसे अपने पैर का हवाला दे कर टाल देता था ......
फिर मैंने कपड़े पहन और नीचे आ कर सबके साथ लंच किया दीदी भी आज खुश नजर आ रही थीं मुझे चलता फिरता देख कर ....... सबने खाना खाया फिर मैंने सबसे पहले दीदी को और फिर मम्मी पापा को रसगुल्ला खिलाया दीदी ने हंसते हुए कहा ये किस खुशी में मैंने कहा आपकी शादी फिक्स होने की खुशी में और सबकी नजर बचा कर आंख मार दी उन्हें उनके चेहरे पर वही प्यारी सी मुस्कान थी अब वो इस फैसले को एक्सेप्ट कर चुकी थीं ......
फिर पापा ने कहा परसों वो लोग आ रहे हैं विकी सब तैयारी अच्छे से करना पहली बार आएंगे वो तो इम्प्रेशन जमा देना मैंने कहा पापा आप फिक्र ना करो मैं सब सम्हाल लूंगा अब मैं एकदम फिट हूँ ..... उन्होंने अंदर से ला कर मुझे 10000 रुपये दिए बोले और जरूरत हो तो मम्मी से ले लेना मैंने कहा ठीक है पापा और फिर मैं दीदी को ऊपर आने का इशारा कर के ऊपर चला गया दीदी पीछे से आई तो मैंने चेकबुक निकाल कर एक चेक पर उनके साइन लिए और फिर मैं घर से निकल गया आज 20 दिन बाद बाहर निकल कर अच्छा लग रहा था ...... मैंने सबसे पहले बैंक जा कर 20000 रुपये निकाले अब मेरी जेब मे 30000 रुपये थे मैं मार्केट चला गया ढेर सारा घर की सजावट का सामान नए पर्दे सोफे के कवर वग़ैरह खरीदे और सब पैक करवा कर घर आ गया मैंने वो सब दीदी को दिया और हम दोनों ने मिल कर घर का हुलिया बदल दिया...... शाम के 6 बजे तक काम कर के हम दोनों ही थक चुके थे .....
फिर मम्मी ने कहा चलो अब तुम दोनों नहा लो और आराम करो सारा काम एक दिन में खत्म कर दोगे तो कल क्या करोगे .....
हम लोग ऊपर आ गए ......, पहले मैं नहाया फिर दीदी नहाने लगी ....., मैं लोअर टीशर्ट डाल कर रूम में बैठा था तभी दीदी भी वही आ गईं और बोली विकी एक बात कहनी थी मैंने कहा हां बोलो दीदी वो बोली आज मन कर रहा है मै चौंक गया मेरा रिएक्शन देख कर वो हंसने लगी और बोली आज मर्स बियर पीने का मन कर रहा ......, उनकी बात सुन कर मैं भी हंस पड़ा और बोला ओहहह मैं कुछ और समझा था ......, दीदी अपना होंठ दांतों से दबा कर बोली वैसे तो सही समझा था मन तो वो भी कर रहा मैंने भी हंसते हुए कहा बस थोड़े दिन और इंतजार कर लो फिर जीजा जी के साथ खूब मन की करना मेरी बात सुन कर वो नकली गुस्से से मुझे देखने लगी और मैंने उन्हें आंख मारते हुए कहा हाय गुस्से में तो और हसीन लगती हो आप ....., वो खिलखिला आकर हंस दी ......
फिर मैं बाजार चला गया और तीन बियर ले कर घर आ गया मम्मी की नजर से बचा कर मैं उसे के कर ऊपर आ गया और दीदी को आवाज़ दी वो फौरन भागते हुए ऊपर आ गईं मैंने उन्हें जेब से निकाल कर कैन दिखाई तो वो बोली अभी नही थोड़ी देर बाद अभी मुझे नीचे जाना पड़ेगा मम्मी पापा को खाना खिला दें फिर मैं आ जाऊंगी और वो नीचे चली गईं मैंने एक कैन खोल ली और पीते हुए रानी को कॉल किया मेरा कल उसे एक बार और चोदने का इरादा बन रहा था उसने कॉल रिसीव कर के कहा हेलो जान तुम तो मुझे भूल ही गए ...... मिलते नही तो कम से कम बात ही कर लिया करो ..... मैंने कहा अब मेरा पैर ठीक हो गया है अब मिलूंगा भी और तेरी चूत की प्यास बुझाऊंगा मेरी रानी वो खुश होते हुए बोली तो कल पक्का करोगे ना मेरी चुदाई मैंने कहा हां करूंगा पर कहाँ अब मैं उसे घर तो नही बुला सकता था उसने फौरन इस समस्या का हल निकाला और बोली मैं दो दिन से अकेली हूँ घर पर मेरी मम्मी मामा के यहां गयी हुई हैं एक हफ्ते के लिए उनकी बेटी की शादी है मैं भी जाती पर शादी वाले दिन ही मेरा एक एग्जाम है इसलिए मैं नही गयी मैंने कहा कोई प्रॉब्लम तो नही होगी वहां वो बोली कुछ नही होगा तुम बस आ जाओ कल बहोत इंतजार करवाया है तुमने अब बस मेरी चूत की प्यास बुझा दो अपने मोटे लंड से मैंने कहा रानी मेरा लंड खड़ा हो रहा है तेरी बातों से तो वो सेक्सी वौइस् में बोली होने दो ना राजा लंड खड़ा ही रहना चाहिए ताकि चूत को मज़े दे सके मैंने कहा लेकिन इस टाइम यहां कहाँ है चूत वो सिसकते हुए बोली मैं हूँ राजा तुम्हारी रण्डी रानी आओ चाट लो मेरी रसीली बुर घुसा दो अपनी जीभ मेरी बुर में एकदम गीली हो रही है मैंने बियर का कैन एक घूंट में खाली कर के बेड के नीचे डाला और बेड पर लेट कर लोअर में हाथ डाल कर खड़ा लंड मसलते हुए बोला हां कुतिया कल तेरी चुत अच्छे से चाटूंगा रानी जीभ डाल कर और मेरा लौड़ा भी तेरे मुह में दूंगा रानी सिसकते हुए बोली आहह विकास मुझे बेहद पसंद है तुम्हारा लंड और उसका रस ऊम्म्म्म बहोत टेस्टी कल मैं चूस चूस कर पी जाऊंगी तुम्हारे लंड का सारा पानी आआहहहहहह विकास मेरी चुचियाँ चूस चूस कर पेल दो अपना लौड़ा चोद दो अपनी रानी की बुर आहहह...... मैं अपना लंड तेजी से मुठियाते हुए बोला हां रानी कल तुझे कुतिया बना के तेरी चुचियाँ मसल मसल के चोदूगा तुझे और तेरी गांड़ भी मारूंगा साली चुदक्कड़ रण्डी उफ़्फ़फ़ ले मेरा लौड़ा मुह में ले ले रानी.......
रानी सिसकते हुए बोली हाय राजा चूत में उंगली कर रही हूं ....., डाल दो लौड़ा मेरी बुर में पेल दो विकास फाड़ दो मेरी बुर आहहह मैं गयी झड़ गयी मेरी रण्डी चुत मैंने अब लंड बाहर निकाल लिया था और तेजी से मुठ मार रहा था मस्ती में मेरी आंखे बंद थीं तभी मुझे कुछ आहट हुई और आंखे खोल कर देखा तो दीदी दरवाजे के बीच मे खड़ी कमर पर हाथ रखे बड़ी गहरी नजरो से मेरे खड़े लंड को देख रही थीं मैंने जल्दी से उसे अंदर किया और रानी को ये बोल कर की बाद में कॉल करता हूँ फोन काट दिया मैंने झेंपते हुए कहा आओ दीदी ......, दीदी आ कर मेरे पास बैठ गईं और बोली लगता है मैंने डिस्टर्ब कर दिया मैंने कहा नही ऐसी कोई बात नही है दीदी मैं तो बस timepass कर रहा था ....... , दीदी मुस्कुरा कर बोली बड़ा मज़ेदार तरीका है ये timepass का आज से मैं भी ऐसे ही timepass किया करूंगी मैं शर्मा गया और नजर झुका ली दीदी ने मेरा गाल खींच कर आये हाये शर्मीले अभी कितनी बेशर्मी की बातें कर रहा था ...... ला निकाल अब कहाँ रखी है मैंने उठ अलमारी से पॉलीथिन में रखी दोनो कैन निकाली और एक उन्हें दे दी हमने अपनी अपनी कैन खोली और पीने लगे पीते पीते दीदी ने कहा पता नही प्रतीक पीता होगा या नही ...... मैंने आजकल बियर तो लगभग सभी पी लेते हैं दीदी ने सर हिलाते हुए कहा हां ये बात तो है लेकिन अगर वो ज्यादा ही शरीफ हुआ तो मुझे भी छोड़नी पड़ेगी मैंने कहा कोई नही जब यहां आओगी मैं पिला दूंगा ना दीदी ने एक घूंट लिया और बोली ये भी सही है इसी बहाने मैं जल्दी जल्दी आया करूंगी मैंने भी घूंट भरते हुए कहा और गर उन्होंने जल्दी जल्दी ना आने दिया तो इतनी सुंदर बीवी को कौन दूर जाने देगा ...... दीदी मुह बनाते हुए बोली मुह नोच लुंगी उसका और फिर हम जोर जोर से हंसने लगे ......

दीदी ने अपनी बियर पहले खत्म की मेरी दूसरी थी तो मैं आराम से पी रहा था मैंने उन्हें छेड़ते हुए कहा आप तो बेवड़ी हो गयी हो इतनी जल्दी तो मेरी भी नही खत्म हुई वो बोली मुझे खाना लेने भी जाना है नीचे फिर वो खाना लेने चली गईं और एक ही थाली में दोनो का खाना ले आईं ......
उन्होंने पेपर डाल कर थाली रखी और फिर सामने पालथी मार के बैठ गईं और मुझे खिलाने लगी मैंने कहा भी की अब मेरा पैर ठीक है ना दीदी मैं खा लूंगा वो थोड़ा स उदास हो कर बोली खा ले ना कुछ दिन की बात और है फिर मैं चली जाऊंगी तब खाते रहना खुद से उनकी बात सुन कर मैं भी थोड़ा सा उदास हो गया ....... फिर मैं भी उन्हें खिलाने लगा खाना खत्म कर के वो बर्तन ले कर नीचे चली गईं और मैंने हाथ मुह साफ कर के एक सिगरेट सुलगाई ......
आज पहली बार मैं सिगरेट पी रहा था दोस्तो से सुना था बियर पीने के बाद सिगरेट पीने से बियर का मज़ा दुगना हो जाता है यही सोच कर मैंने एक गोल्ड फ्लैग ले ली थी ....... मैंने बस दो ही कश लिए थे कि किसी के आने की आहट मिली मैंने डर के जल्दी से सिगरेट बुझा कर बेड के नीचे डाल दी .....
तभी दीदी कमरे में एंटर हुई और घुसते ही कुछ सूंघने लगी फिर वो बोली तू स्मोक कर रहा था मैंने कहा हां लेकिन मुझे पता नही था आप हो इसलिए फेंक दी दीदी ने पूछा कहाँ फेंकी मैंने बेड के नीचे इशारा कर दिया दीदी ने फौरन अपने हाथों पैरों पर झुक कर सर बेड के नीचे घुसा दिया और सिगरेट ढूंढने लगी पर वो कुछ ज्यादा ही अंदर चली गयी मुझ पर दो बियर का नशा तो पहले ही था ऊपर से रानी से की हुई वो बातें और अब दीदी का यूँ घोड़ी बनना मेरी नजर उनकी उभरी हुई गांड़ से हट ही नही रही थी और मेरा लंड धीरे धीरे फिर से खड़ा होने लगा ........ आखिर दीदी को वो मिल गयी और वो सिगरेट निकाल कर खड़ी हुई और मुझे दे कर बोली जलाओ इसे मैंने सिगरेट जला ली और एक कश ले कर धुंवा उगलने लगा दीदी ने हाथ बढ़ा कर मुझसे सिगरेट ले ली और होंठो से लगा कर खींची तो उन्हें खांसी आने लगी मैंने उनकी पीठ सहलाते हुए उनसे सिगरेट लेनी चाही पर उन्होंने खांसी पर काबू पाते हुए अपना हाथ पीछे कर लिया और इस बार हल्का कश लिया और धुंवा निकालते हुए बोली ......, धीरे धीरे सीख जाऊंगी मैंने कहा पर ये सीखने की जरूरत क्या है आपको बोली बस यूं ही ......
फिर उन्होंने दो तीन कश ले कर सिगरेट मुझे दे दी और बाकी की मैंने फूंक दी दोस्तों की बात सही थी काफी हद तक अब मेरा नशा एकदम से दुगना हो गया था ......, फिर मैंने उसे बुझा कर फेंक दिया और दीदी उठ कर अपने कमरे में चली गईं मैं चुपचाप लेट गया ...... हांलाकि मेरी मुठ मारने की इच्छा हो रही थी पर मैं थोड़ी देर इंतजार करने के मूड में था लेटे हुए मुझे कुछ याद आया और मैंने उठ कर अलमारी से विनय का फोन निकाला और वापस लेट कर दीदी की नंगी तस्वीरें खोल ली और दीदी का नंगा बदन देखते हुए मुठ मारने लगा.......
लेकिन अभी मेरा लंड ठीक से खड़ा ही हुआ था कि खट की आवाज़ के साथ कमरे की लाइट जल गई और मैंने देखा तो दीदी दरवाजे के बीच मे खड़ी हैं उन्होंने एक ब्लू कलर की सिल्क की नाइटी पहनी थी बाल खुले होंठो में लिपस्टिक उनका ये सेक्सी अवतार देख कर मेरे लंड में हलचल बढ़ गयी और मुझे लगा मैं अपना वादा भूल जाऊं पर मैंने खुद पर काबू किया और चुपचाप उन्हें देखने लगा दीदी ने अंदर आ कर दरवाजा बंद किया और बोली विकी आज मैं यही सो जाऊं मैंने हां में सर हिला दिया.....
उन्होंने लाइट ऑफ की और बेड पर आ गईं परफ्यूम की भीनी सी खुशबू मेरी सांसो में समाने लगी......
दीदी मेरे बगल में लेट गयीं मेरी ओर करवट कर के और फिर एकदम से मेरे सीने से लिपट गयी उनकी मुलायम नाइटी और उसमे छुपा उनका रेशमी बदन मेरे जिस्म में गर्मी भरने लगा मैंने उनकी पीठ पर हाथ फिराते हुए कहा क्या हुआ दीदी ......
दीदी कुछ नही बोली पर उन्होंने मेरे गाल पर अपने होंठ रख दिये और एक गीला गीला किस दे दिया ऊऊममममम विकी आई लव यू ......
मैं मुस्कुरा दिया दीदी ने कुछ देर ऐसे ही लेटी रहने के बाद धीरे से कहा उस टाइम मेरी वजह से तेरा काम अधूरा रह गया था ना मैंने कहा कोई नही दीदी इतना भी जरूरी काम नही था ...... दीदी बोली नही तुम मेरा इतना खयाल रखते हो मेरे लिए इतना कुछ करते हो तो मेरा भी कुछ फ़र्ज़ है और उन्होंने अपना हाथ सीधा मेरे खड़े हो रहे लंड पसर रख कर उसे मुट्ठी में दबोच लिया और सहलाने लगी दीदी के इस अचानक हमले से मैं हकबका गया और दीदी का हाथ पकड़ कर हटाने लगा और बोला नही दीदी ये गलत है प्लीज मत करो ऐसा दीदी ने मेरा हाथ झिटकते हुए कहा मुझे इतना ज्यादा सही गलत नही पता पर आज मेरा भी मन है ज्यादा कुछ नही तो उस दिन जैसे हाथ से ही .......
मैंने कहा प्लीज दीदी जिद मत करो मैं एक बार अपने दिल को समझा चुका हूं किसी तरह लेकिन बार बार ये मुझसे भी नही होगा
दीदी ने कहा देखो विकी मैं जानती हूं अच्छी तरह जानती हूं कि इस वक़्त तुम्हें इसकी जरूरत है और मुझे भी समय बेहद जरूरत है तुम्हारी अभी मेरी शादी में काफी टाइम इतने टाइम तक मैं ऐसे नही रह सकती विनय से मिलने के बाद मुझे इस सब की आदत सी लग गयी है ........
मुझे चिड़चिड़ाहट सी होने लगते है इसके बिना और किस से कहूं किस के पास जाऊं एक तुम ही हो जो मुझे मेरी परेशानियों को समझते हो लेकिन अब तुम्हे भी मेरी परवाह नही है बस कुछ दिन की बाद है फिर मैं चली जाऊंगी फिर नही कहूंगी तुमसे कुछ भी ...... इतना कहते हुए दीदी सिसक कर रोने लगी .......
दीदी को रोते सुन कर मेरे दिल मे एकदम दर्द सा हुआ और मैंने सब भूल कर उन्हें कस के अपनी बाहों में भर लिया उनके सीने से लिपट गया और उनके चेहरे को चूमने लगा पागलों जैसे मैंने दीदी के माथे पर गालों नाक पर आंखों पर और आखिर में होंठो पर चुम्बनों की बौछार कर दी दीदी भी कस के मुझसे लिपट गयीं और बोली लव यू विकी मैंने कहा दीदी पर मैंने उस दिन वादा किया था आपसे मैं अपना वादा नही तोड़ सकता दीदी ने कहा मुझसे किया था ना मैं तुझे आज़ाद करती हूं उस वादे के बंधन से अब और मत तड़पा मुझे मान जा मेरी बात इसके बाद मेरे भी सब्र का बांध टूट गया और मैंने दीदी के चूतड़ पर अपनी मुट्ठी कस के उन्हें जोर से मसलते हुए कहा दीदी लव यू सो मच आपसे दूर रहना मेरे लिए भी आसान नही है पर मुझे ये सब सही नही लगता मेरी वजह से आपकी जिंदगी में कोई संकट आया तो मैं खुद को माफ नही कर पाऊंगा दीदी बोली मैं जानती हूं भाई तू बहोत प्यार करता है मुझे पर मैं खुद को और तुझे यूँ तरसता नही देख सकती .....
मैंने दीदी के मुलायम चूतड़ की मुट्ठी में दबोच कर कहा ठीक है पर हम सेक्स नही करेंगे उस दिन जैसे ही बस एक दूसरे की हेल्प कर देंगे दीदी बोली ठीक तुम्हारी ये बात मैं मान रही हूं ..... और इसी के साथ दीदी ने मेरे लोअर में हाथ डाला और लंड को मुट्ठी में सख्ती से पकड़ कर दबाने लगी ...... लंड को अपने नरम हाथो से दबोचते हुए दीदी ने मेरे कान पर अपने होंठ रगड़ते हुए फुसफुसा कर कहा मेरी नंगी pic देखता है ना तू मैंने कहा नही तो दीदी बोली झूठ क्यों बोल रहा है सच बोल ना मैंने कहा हां दीदी कभी कभी देखता हूँ वो फिर से लंड को मसलते हुए बोली तुझे दीदी का नंगा जिस्म अच्छा लगता है ना मैंने कहा हां दीदी आप बहोत सुंदर हो दीदी ने कहा वो तो मुझे पता है मैं कितनी सुंदर हूँ तेरा लंड मुझे बता रहा है मैंने कहा दीदी प्लीज ऐसे इतनी गंदी बातें मत करो ना वो बोली क्यों रानी से तो बड़े मजे ले कर बातें करता है मैंने कहा उसकी बात और हजे वो तो है ही चालू लड़की दीदी ने कहा गरम होने के बाद हर लड़की चालू हो जाती है और उन्होंने एकदम से मेरे होंठ चूसने शुरू कर दिए मेरा दिमाग मस्ती में शून्य हो गया और मैं भी दीदी की गांड़ सहलाते हुए उनके रसीले होंठो का स्वाद लेने में खो गया ........
कोई 10 मिनट तक हम बुरी तरह से एक दूसरे के होंठो को चूसते रहे और फिर दीदी ने अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दी दीदी के मुह का मीठा से स्वाद मेरे लंड को पागल करने लगा मैं अपनी जीभ से उनकी जीभ को चाटने लगा मैंने पोर्न में कई बार ये सीन देखा था पर प्रैक्टिकल ज्यादा मज़ा देता है ....... दीदी की जीभ को चूसते हुए मैंने एक हाथ से उनकी नाइटी ऊपर सरकानी शुरू की और जल्दी ही मैंने उनकी नाइटी उनकी गांड़ से ऊपर कर दी .......
और दीदी की नंगी गांड़ पर हाथ फिराने लगा दीदी सिसकने लगी आहें भरने लगी ऑयर बोली आहहहहहह विकी कितना जादू है तेरे हाथो में फिर वो बोली विकी मेरी तस्वीरे कब तक देखेगा एक बार तो नजरो से देख ले मेरा नंगा बदन मैंने कहा दीदी एक बात अच्छे से समझ लो मैं तुम्हें ना चोदने की बात मैं सोच भी नही सकता तो आप ये मत सोचो की आप ऐसे मुझे उत्तेजित कर के अपने मन की कर लोगी दीदी बोली विकी मैं समझ रही हूं तेरी बात मेरी चुत में अपना लंड मत डालना पर इसके अलावा बाकी सब तो कर ले ना मैं चाहती हूं ऐसा मेरी खुशी के लिए मैंने कहा ठीक है दीदी उसके अलावा मैं जो भी कर सकता हूँ करूंगा लेकिन रोज रोज नही ok दीदी बोली ठीक है बाबा पर हफ्ते में एक बार पक्का इतना तो ठीक है ना मैंने कहा ok फिर दीदी बेड से उतर गयीं और जा कर लाइट ऑन कर दी कमरे में रोशनी फैल गयी दीदी के बाल बिखरे रहे उनकी पिंक लिपस्टिक गायब थी उनके होंठ कुछ सूज से गए थे ......
दीदी ने अपनी नशीली आंखों से मुझे देखा और फिर एक झटके से अपनी नाइटी उतार कर फेंक दी अंदर उन्होंने कुछ नही पहना था एक सूत भी नही था उनके जिस्म पर एलईडी की रोशनी में उनका गोरा चिकना बदन किसी मूरत जैसा चमक रहा था वो मस्तानी चाल से चलती हुई मेरे पास आयी और बेड पर चढ़ कर मेरी जांघो पर बैठ गयीं और मेरी टीशर्ट ऊपर उठाते हुए निकाल दी मेरा खड़ा लंड उनकी गांड़ की दरार में फंसा हुआ झटके ले रहा था ......
दीदी ने लंड की गर्मी और चुभन गांड़ पर महसूस कर के सिसियाते हुए अपनी टांगे मेरी कमर पर कैंची बना कर लपेट दी और मेरे बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए झुक कर मेरे होंठो को चूमते हुए बोली आज सुबह से चिकना हो के घूम रहा है तभी से मेरा मूड बन रहा था तुझे खा जाने का और दोबारा मेरे होंठ चूसने लगी ....... कुछ देर तक जी भर के मेरे होंठ चूसने के बाद उन्होंने मुझे छोड़ा और मेरे ऊपर से उठ कर मेरा लोवर निकालने लगी उन्होंने खींच खींच कर जल्दी से मेरा लोअर और अंडरवियर निकाल फेंका और अपनी तरह मुझे भी नंगा कर दिया ......
और गौर से मेरा खड़ा लंड देखने लगी उन्हें ऐसे लंड देखते देख कर मेरा दिल जोर से धड़कने लगा मैंने कहा ऐसे क्या देख रही हो दीदी.....?
दीदी ने होश में आते हुए कहा कितना प्यारा लंड है जी कर रहा इसे कच्चा खा जाऊं दीदी की बात सुन कर मैंने कहा बस कुछ दिन रुक जाओ फिर जीजा जी का लंड खूब मज़े से खाना मेरी बात सुन कर दीदी ने लंड को मुट्ठी में भर कर दबाते हुए कहा पता नही कैसा होगा उनका मैंने कहा अच्छा ही होगा चिंता ना करो दीदी मेरे बाजू में बैठते हुए अपना सर मेरी गोद मे रख कर लेट गयीं और मेरे लंड को अपने गाल पर रगड़ते हुए बोली पता है विकास मैं हमेशा से ऐसा सोचती थी कि मेरा पति बहोत ही सेक्सी हो वो दिन रात भर मेरे साथ सेक्स करे मेरी सेक्स की हर ख्वाइश को पूरी करे...... सबसे पहले मुझे विनय मिला वो काफी हद तक वैसा था जैसा मैंने सोचा था शायद इसीलिए मैं इतनी जल्दी उसकी ओर आकर्षित हो गयी उसके बाद मुझे तुम भी काफी कुछ वैसे ही लगे शायद इसी वजह से तुम्हारी बहन होने के बावजूद भी मैं खुद को रोक नही सकी और तुमसे इतना खुलती गयी पर पता नही ये प्रतीक वैसा होगा या नही अगर ये बहोत सीधा सादा हुआ तो मेरी लाइफ तो झंड हो जाएगी मैं दीदी की बात सुनकर हंस पड़ा और दीदी का ये रूप देख कर हैरान भी था ...... मैंने एक हाथ दीदी के सीने पर रख कर उनकी चूची सहलाते हुए पूछा दीदी पर आपको सेक्स का इतना बुखार चढ़ा कैसे दीदी ने मेरे सुपाड़े पर एक बार जीभ फिरा कर चाट लिया और बोली मोबाइल पर पोर्न देख कर और सेक्स स्टोरीज पढ़ कर ......मैंने हैरान होते हुए पूछा आप भी वो बोली हां मैं भी ....... तीन साल से मैं लगभग रोज ही रात में मोबाइल पर पोर्न देख कर या सेक्स स्टोरीज पढ़ कर चूत में उंगली करती हूं ......
अब और कुछ पूछने की जरूरत नही थी मैंने दीदी के निप्पल को उंगली से सहलाना शुरू कर दिया और दीदी की आंखे बंद हो गयी उनकी सांसे तेज होने लगी और वो अपनी टांगों को भींचते हुए अपनी बुर दबाने लगी .......
मैंने कहा दीदी उन्होंने अपनी बोझिल आंखे खोल कर मुझे देखा और बोली हूँऊऊ मैंने कहा कभी 69 किया है ये सुनते ही उनकी आंखों में चमक आ गयी वो जल्दी से उठी और बोली नही किया तो आज करती हूं ना और मेरे सीने पर हाथ रखते हुए मुझे लिटा दिया मेरा लंड तन कर छत को घूर रहा था दीदी मेरे सर के दोनो ओर पैर रख कर खड़ी हो गयी उनकी उभरी हुई सुडौल गांड़ देख कर मुझे प्रतीक की किस्मत पर जलन होने लगा कि वो साला अब रोज मज़े लेगा इसके फिर मुझे अपने ख्याल पर हँसी आयी साला तो मैं हूँ उसको वो तो मेरे जीजा हैं तभी दीदी नीचे बैठ गईं और उनकी गांड़ के दरवाजे खुले और मुझे दीदार हुआ दीदी की गांड़ की गहरी दरार और उसके बीच मे कसे हुए नन्हे से भूरे छेद का दीदी का गांड़ का छेद देख कर मेरा लौड़े से एक बूंद छलक आयी उधर दीदी भी मज़े से बैठी मुझे अपनी गांड़ के दर्शन करवा रही थीं और फिर उन्होंने आगे को झुक कर मेरा लंड पकड़ कर जोर से दबाया और वो बून्द सुपाड़े से बहने लगी दीदी ने फौरन जीभ निकाल कर उसे चाट लिया और फिर सुपाड़े को होंठो में दबा लिया ...... दीदी के लंड पर हुए इस हमले से मेरा भी खुद पर नियंत्रण खत्म हो गया और मैंने दोनो हाथो से दीदी की नंगी भरी हुई सुडौल गांड़ को थाम कर उन्हें अपने मुह पर खींच लिया दीदी की गांड़ का छेद मेरे होंठो पर आ कर टिक गया और मैंने देर ना करते हुए उस नन्हे से छेद को चूम लिया होंठो का स्पर्श मिलते ही वो छेद कुछ और सिकुड़ सा गया और मैंने जीभ निकाल के दीदी की गांड़ की दरार को ऊपर से नीचे तक चाटना शुरू कर दिया दीदी की गांड़ चाटते हुए मैंने उनके नंगे चूतड़ों को भी जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया दीदी भी मदहोश हो कर अपनी गांड़ को मेरे मुह पर दबाते हुए मेरा पूरा लंड अपने मुह में गपक ली और गर्दन हिला हिला कर चूसने लगी ......, उनके मुह से अजीब सी आवाज़ें निकल रही थीं और उन्होंने एक हाथ से मेरे लटक रहे आंड़ पकड़ लिए और उन्हें सहलाते हुए तेजी से अपनी गर्दन हिलाने लगी दोनो ही मस्ती और नशे में डूबे हुए एक दूसरे को ज्यादा से ज्यादा सुख देने की कोशिश कर रहे थे ..........
तभी दीदी ने मेरा लंड मुह से निकाल कर कहा विकी मेरी चूत भी प्यासी है पर लगता है तुझे मेरी गांड़ ज्यादा पसन्द आयी इतना बोल कर उन्होंने फिर से लंड मुह में लिया और चूसने लगी .......
मैंने दीदी की गांड़ के छेद से मुह हटाया और कहा दीदी आपका एक एक अंग लाजवाब है मुझे तो प्रतीक से जलन हो रही है कि अब वो साला रोज इस जिस्म के मज़े लेगा और फिर मैंने दीदी की कमर पकड़ कर उन्हें थोड़ा सा ऊपर खींचा और अब दीदी रसभरी फूली हुई गुलाबी फांको वाली नन्ही सी बुर मेरी नजरो के सामने थी जिसके लिप्स आपस मे कस के चिपके हुए थे मानो अंदर कोई खजाना भरा हो और वो उसकी सुरक्षा कर रहे हों बुर के उन होंठो पर नमी सी थी और मैंने अपनी नाक दीदी की बुर पर रगड़ कर एक गहरी सांस ली दीदी की बुर की मस्त खुशबू मेरे लंड को और सख्त कर गयी और मैंने अपने होंठो में दीदी की बुर को दबा लिया इसी के साथ दीदी के मुँह से एक घुटी घुटी सी चीख निकल गयी क्यों मेरा 6 इंच का लंड उनके मुह में घुसा हुआ था मैंने चूत की फांको को मुह में भर चूसते हुए अपनी जीभ की नोक से दीदी के चूत के दाने को रगड़ा और दीदी ने कस के अपनी चूत मेरे मुह पर दबा दी अपनी गांड़ को हिलाते हुए अपनी चूत मेरे मुह पर रगड़ने लगी ........ मैंने जीभ को नुकीला किया और दीदी की बुर में घुसाने लगा जल्दी ही मेरी आधी जीभ दीदी की बुर की गहराइयों में विचरण करने लगी और दीदी की कमर में हरकत होने लगी वो अपनी चूत में मेरी जीभ और अंदर लेना चाहती थी पर ये जीभ थी लंड नही दीदी ने अब लंड मुह से निकाल कर मुह में भरे हुए थूक को लंड पर उगल दिया अपने हाथ से अपना थूक लंड पर चुपड़ते हुए उसे मुठियाने लगी और दूसरे हाथ से मेरे अन्डो से खेलने लगी फिर मुठ मारते हुए उन्होंने मेरे दोनो आंड़ एक साथ मुह में भर लिए और उन्हें चूसते हुए तेजी से अपने हाथ को गति दे दी उधर मेरी जीभ दीदी की चूत के कोने कोने की तलाशी लेने में लगी हुई थी ...... और मैंने एक उंगली उनकी गांड़ के कैसे हुए छेद पर रख कर उसे सहलाना शुरू कर दिया दीदी इस दोतरफा हमले से बेहाल हो गयी और सिसकते हुए बोली aahhhhh विकी चूस ले दीदी की बुर पी ले मेरी बुर का रस मैं गयी मेरे राजा भैया aahhhhhhh झड़ गयी तेरी दीदी की चूत और इसी के साथ वो अपनी बुर मेरे मुह पसर रगड़ती हुई स्खलित होने लगी उनका बदन बुरी तरह कांप रहा था झटके ले रहा था थरथरा रहा था........
फिर धीरे धीरे वो शांत होने लगी और कुछ देर तक ऐसे ही निढाल पड़ी रही .......
कुछ मिनट बाद उन्होंने मेरे ऊपर से उठ कर शर्माते हुए मेरी ओर देखा और बोली सॉरी विकी लगता है मैं कुछ ज्यादा ही बेशर्म बन गयी थी मैंने मुस्कुरा कर कहा पर मुझे बहोत मज़ा आया आज मेरी बात सुन कर वो भी मुस्कुराने लगी और बोली मुझे भी और मेरे होंठ चूमने लगी मेरे होंठो पर उनकी चूत का रस लगा हुआ था.....
फिर उन्होंने मेरा लंड पकड़ कर कहा उफ्फ कितना गर्म है ये मैंने कहा हां इतना कुछ होने के बाद ये ठंडा रह भी कैसे सकता है फिर उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर खींचते हुए मुझे बिठा दिया और बोली अभी मेरा मन और चूसने का है इसे मैं बेड के एज पर टांगे लटका कर बैठ गया और दीदी मेरी टांगों के बीच पंजो पर बैठ गयी एक बार मेरी आँखों मे देखा और फिर मुह खोल कर धीरे धीरे लंड को निगलने लगी पूरा लंड अपने मुह में भर कर वो अपनी जीभ लंड के चारो ओर फिराने लगी .......
और मेरी हालत खराब होने लगी मैंने भी दीदी के सर पर हाथ रखा और फिर उनके खुले हुए रेशमी बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए उनका सर अपने लंड पर दबा कर अपनी कमर को झटके देते हुए उनके गीले गरम मुह को कस के चोदने लगा मेरे लंड की जड़ से दीदी का थूक टपकते हुए उनकी सुडौल नंगी चुचियो को भिगो रहा था और दो मिनट में ही दीदी की हालत खराब होने लगी उनके गले से गों गों की आवाज़ आने लगी और वो खांसने लगी मैंने आवाज़ सुन कर आंखे खोली और दीदी को गला सहलाते देख एकदम से लंड उनके मुह से निकाल कर खड़ा हो गया दीदी कहा क्या विकी कर ना मैं कहा आपको तकलीफ हो रही है दीदी वो बोली नही तो मुझे तो मज़ा आ रहा था वाइल्ड सेक्स ही मज़ा देता है मुझे आंख मार कर फिर से सुपाड़े को चूसने लगी ......
मैंने कहा दीदी उन्होंने मेरी आंखों में देखा लंड चूसते हुए मैंने कहा दीदी एक बार घोड़ी बन के दिखाओ न मैं आपको वैसे देखते हुए मुठ मार लूंगा मेरी बात सुन कर दीदी ने लंड छोड़ा और उठ खड़ी हुई ...... और बेड के किनारे पर चढ़ कर अपन सर आगे टिका दिया और अपनी टांगे फैलाते हुए अपनी गांड़ पीछे को उभार दी ...... फिर उन्होंने अपने दोनो हाथ पीछे कर के अपने गांड़ पर रखे और दोनो हाथो से दोनो चूतड़ों को फैला दिया उफ़्फ़फ़ दीदी को ऐसे देख कर मेरा लंड फटने को हुआ और मैं दीदी के थूक से भीगे अपने लंड को तेजी से मुठियाने लगा एक हाथ से मुठ मारते हुए मैंने दूसरा हाथ दीदी के चूतड़ पर फिराते हुए उनकी गांड़ के छेद से खेलना शुरू कर दिया और दो मिनट में ही मैं सिसकते हुए बोला आहह दीदी निकलने वाला मेरी आवाज सुनते ही दीदी झटके से उठी और मेरे सामने जमीन पर बैठ कर बड़ा सा मुह खोल कर लम्बी सी जीभ निकाल दी और मेरी आँखों मे देखते हुए बोली झड़ जा भाई निकाल दे अपने लंड की गर्मी ....... और मेरी टांगे भी कांपने लगी और सुपाड़े से एक तेज धार निकल कर दीदी खुले मुह से ले कर उनके माथे तक उन्हें भिगोती चली गयी और फिर एक के बाद दूसरी तीसरी चौथी कोई 9-10 फुहारें दीदी के पूरे जिस्म पर गिरती रही उनका मुह वीर्य से भर चेहरे के हर हिस्से पर गाढ़ा सफेद पानी बह रहा था और उन्होंने मुझे देखते हुए उंगली से वो सारा समेट कर अपने खुले हुए मुह में इकट्ठा करना शुरू कर दिया एक एक कतरा मुह में इकट्ठा करने से उनका मुह एकदम भर गया और वो ऐसे ही बैठी रही मुह खोले मैंने उनकी ओर देखा तो उन्होंने इशारे से पूछा इसे पी लूं मेरा मुह तो खाली था ....... तो मैंने बोल कर जवाब दिया जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और उन्होंने मुह बन्द करते हुए घूंट भर कर सारा वीर्य गटक लिया ...... फिर मेरे लंड को पकड़ कर एक बार अच्छे से निचोड़ते हुए दबाया तो दो तीन बूंदे और छलक आयी दीदी ने उसे जीभ से समेटते हुए एक चटकारा लिया और बोली उम्म्म मैंने कहा अब बहोत हुआ बस चुपचाप सो जाओ दीदी ने सर हिलाते हुए अपनी नाइटी उठा कर पहनी मेरा लोअर मुझे दिया मैंने भी उसे पहन लिया और टीशर्ट भी उठा कर पहन ली और बाथरूम आ गया पर मैंने दरवाजा बंद नही किया अब इसमें दीदी से कुछ छुपाने जैसा था भी नही और खड़े खड़े मूतने लगा पीछे से दीदी भी आ गयी और एक पैर उठा कर उठा कर कमोड पर रख कर खड़े खड़े मूतने लगी ....... उनकी चूत से तेज आवाज़ के साथ पेशाब की धार कमोड में गिर रही थी और ........ और मेरा और उनका पेशाब मिल कर एक हो रहा था ....... उनकी ये हरकत देख कर मैं मुस्कुरा कर बोली गंदी दीदी और फिर हम मूत कर वापस कमरे में आ गये दीदी ने लाइट ऑफ की हम बेड पर आ गए और मेरे लेटते ही दीदी आ कर छिपकली जैसे मुझसे चिपक कर बोली goodnight मैंने भी उन्हें good night बोला और फिर हम सो गए ........।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
लगता जल्दी ही दमदार चूदाई होगी
 
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Sanju@

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सुबह 7 बजे मेरी नींद खुली दीदी गायब थीं मैं भी नहा धो कर नीचे आया और नाश्ता कर के घर से निकल गया मार्केट जा कर कल के लिए नाश्ता वगैरह लिया 5 तरह की स्वीट्स 5 तरह की नमकीन बाकी कुछ फ्रेश कल ही ले लूंगा ये सोच कर मैं वापस घर आ गया दीदी को वो सब सामान दिया तो वो हैरानी से बोली 3 लोगों के लिए इतना सामान मैंने कहा इम्प्रेशन भी तो जमाना है ना ....
फिर मैं स्कूल चला गया 3 बजे घर लौटा तो मम्मी ने एक पर्चा पकड़ा दिया गए के सामान का मैंने जल्दी से खाना खाया और बाजार चला गया सामान लेने मैं मार्केट में था तभी रानी का कॉल आया वो शिकायत भरे लहजे में बोली कहाँ हो यार मैं सारा दिन इंतजार करती रही तुम्हारी कॉल का मैंने कहा सॉरी आज कुछ काम मे फंसा हुआ हूं नही आ सकता कल मेरी दीदी को देखने लड़के वाले आ रहे हैं इसलिए नही आ सकता आज और कल उसके बाद देखता हूँ ......
मेरी बात सुन कर वो चुप हो गयी ..... फिर बोली ठीक है जब टाइम मिले बताना मैंने कहा ok और कॉल काट दी फिर मैं दो घंटे तक सारा सामान खरीदता रहा और घर आ गया मम्मी को सारा सामान दे कर मैं अपने रूम में आ गया शाम के 7 बज रहे थे तभी पापा आ गए ..... उन्होंने बताया वो लोग कल त्रिवेणी एक्सप्रेस से आ रहे हैं तुम स्टेशन चले जाना उन्हें रिसीव करने ठीक 10 बजे पहुंच जाना मैंने कहा ठीक है मैं चला जाऊंगा पर आप को कल घर पर रहना चाहिए .....
वो बोले मैं सुबह आफिस जाऊंगा लेकिन 11 तक वापस आ जाऊंगा कल मैं बाइक से जाता हूँ कार छोड़ दूंगा तुम्हे जरूरत पड़ेगा मैंने कहा ठीक है फिर वो चले गए रात में हम सब ने खाने की मेज़ पर कल के बारे में थोड़ी बातें की सब फिक्स कर के हम सोने चले गए ........
उपर आ कर मैं लेट गया थोड़ी देर में दीदी भी आ गईं उन्होंने दरवाजा बंद किया लाइट ऑफ की और आ कर मेरी बगल में लेट गयी उन्होंने मुझसे लिपटना चाहा पर मैंने उन्हें याद दिलाया अब हफ्ते भर ये सब नही उन्होंने कहा यार बस सो रही हूं और कुछ नही और फिर वो मेरे सीने पर सर रख कर सोने लगी ......
अगली सुबह मैं उठा जल्दी जल्दी तैयार हो कर नीचे आ गया मम्मी और दीदी पहले से ही घर की साफ सफाई में लगी हुई थी मुझे देखते ही मम्मी ने कहा निक्की विकी को नाश्ता दे दे उसे स्टेशन जाना होगा भूखा मत भेज देना दीदी ने नाश्ता दिया मैंने खाया पिया और फिर निकलने लगा ...... मम्मी ने कहा वापसी में आधा किलो पनीर और आधा किलो दही लेते आना मैं सर हिलाते हुए निकल गया ......
आज बहोत दिनों बाद कार मिली थी मुझे मैंने ब्लैक जीन्स रेड शर्ट पहनी थी और आंखों पर मेरा पसंदीदा रे बैन का चश्मा मैंने कार स्टार्ट की और स्टेशन की ओर चल पड़ा हांलाकि अभी साढ़े आठ ही हुए थे पर स्टेशन मेरे घर से लगभग 50 मिनट की दूरी पर था ।
मैंने रास्ते मे ही दही और पनीर ले लिया और फिर स्टेशन आ गया ..... मैंने प्लेटफार्म टिकट लिया और अंदर आ गया घड़ी देखी तो 9:45 हो रहे थे मैं यूँ ही इधर उधर घूमते हुए लड़कियां और सेक्सी औरतें ताड़ने लगा काले चश्मे का एक फायदा तो है ही आप किसी को चुपके से कितना भी देखो उसे पता नही चलता ...... दो तीन सेक्सी लड़कियां देख कर मुझे दीदी की याद आने लगी और मैं उन्हें दीदी से कंपेयर करने लगा पर हर बार दीदी मुझे ज्यादा सेक्सी लगती ......
फिर त्रिवेणी एक्सप्रेस आ गयी पर ना मैंने पूछा ना पापा ने बताया वो किस बोगी में हैं और मैं उन्हें पहचानूंगा कैसे ...... ये पापा भी ना कोई काम ठीक से नही करते मैंने जल्दी से पापा को फ़ोन लगाया पर वो आउट ऑफ नेटवर्क था ...... तभी ट्रेन आ कर लग गयी मैंने प्रतीक की pic देखी हुई थी इसलिए मैं जल्दी जल्दी खिड़की से अंदर झांकने लगा और फिर अचानक मुझे आगे की तीसरी बोगी के दरवाजे से उनके जैसा एक लड़का उतरता दिखा और उनके बाद एक अधेड़ उम्र की महिला मैंने गेस किया यही होंगे और भाग कर उनके पास पहुंचा ......
सामने से देखा तो कन्फर्म हुआ ये प्रतीक ही था मैं जल्दी से उन लोगों के पास पहुंचा और मम्मी जी के पैर छुवे ...... उन्होंने मेरे सर पर हाथ रख कर खुश रहो बेटा फिर मैं प्रतीक के पैर छूने झुका तो उसने मुझे रोकते हुए मेरा हाथ पकड़ कर मुस्कुराते हुए गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बोला अभी हम बस दोस्त हैं मैं भी मुस्कुरा दिया तभी मेरी ट्रेन के दरवाजे पर गयी वहां एक बेहद खूबसूरत और बहोत ही क्यूट सी थोड़े भरे बदन और नाटे कद की एकदम गोरी चिट्टी लड़की खड़ी थी उसने जीन्स और टीशर्ट पहन रखा था आंखों पर नजर का गोल फ्रेम का चश्मा ..... उसका बदन थोड़ा सा भरा हुआ था कुल मिला कर वो बेहद सेक्सी और आकर्षक दिख रही थी उसने एक बैग हाथ मे पकड़ा हुआ था जो भारी था और एक उसके पैरों के पास रखा हुआ था मैं समझ गया ये श्वेता है प्रतीक की बहन प्रतीक ने उस से बैग लेने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि मैंने आगे बढ़ कर दोनो बैग उठाते हुए उस लड़की से सर झुका कर नमस्ते की वो मुझे देख हल्का सा मुस्कुराई ...... फिर मैंने दोनो बैग उठा लिए प्रतीक जिद करने लगा कि कम से कम एक तो उसे दे दूं पर मैंने कहा ठीक है ज्यादा भारी नही हैं वरना जरूर दे देता फिर हम सब बाहर आ गए पार्किंग में मैंने दोनो बैग डिक्की में रखे और गाड़ी अनलॉक की तो श्वेता और मम्मी जी पीछे बैठ गईं प्रतीक आगे मेरे साथ बैठ गया मैंने कार स्टार्ट की और हम घर की ओर चल पड़े ....... स्टेशन से निकलते ही मम्मी ने पूछा बेटा तुम बहू मेरा मतलब निकिता के भाई हो ना?
मैंने कहा जी मम्मी जी मैं विकास हूँ निकिता दीदी का भाई उन्होंने कहा बेटा हमे कुछ मिठाई और फल लेने हैं रास्ते मे दिलवा देना मैंने कहा ठीक है मम्मी जी .......
फिर रास्ते मे मैंने कल्पतरु स्वीट्स की शॉप पर कार रोकी और प्रतीक उतर कर मिठाई लेने चला गया थोड़ी देर में 5 डिब्बे मिठाई के ले कर आया और कार में रख दी सामने ही एक फल की दुकान भी थी तो वो जा कर ढेर सारे फल अनार अंगूर सेब केले और 5 नारियल वगैरह खरीदने लगा मैं भी उतर कर आ गया सामान ज्यादा था और मैंने भी हेल्प की दोनो सब सामान ले कर आये गाड़ी में रखा और फिर हम घर आ गए ......
पापा घर आ चुके थे मैंने गाड़ी रोकते हुए हॉर्न बजा दिया और मम्मी पापा दरवाजे पर आ गए ......
हम सब गाड़ी से उतरे मम्मी पापा ने प्रतीक की मम्मी के पैर छुवे और प्रतीक ने मम्मी पापा के श्वेता ने भी सबसे हाथ जोड़ कर प्रणाम किया हम सब अंदर आ गये ड्राइंग रूम में बैठे और हल्की फुल्की बात चीत होने लगी पापा ने कुछ औपचारिक बातें पूछी जैसे रास्ते मे कोई दिक्कत तो नही हुई .....
मगर मम्मी बड़े गौर से प्रतीक को ही देखे जा रही थीं और फिर एकदम से बोली मुझे तो प्रतीक बहोत ही पसन्द है ..... इस पर पापा बोले तुम्हे नही निकिता को शादी करनी है ...... और सब हंस पड़े .....
फिर मम्मी अंदर चली गईं और 5 मिनट में ही सेंटर टेबल तरह तरह की मिठाइयों नमकीन और नाश्ते से भर दी गयी टेबल में अब और सामान रखने की जगह ही नही प्रतीक बोला आप लोगों ने तो पूरी बारात के लिए नाश्ता लगवा दिया जबकि हम तीन लोग ही हैं फिर मम्मी अपने हाथों से प्लेट्स उठा उठा कर उन्हें नाश्ता करवाने लगी और तभी दीदी ..... मेरी निकिता दीदी हाथो में पानी की ट्रे लिए हुए ड्राइंग रूम में दाखिल हुए उन्होंने ब्लू सूट पहने हुआ था एक चोटी कर रखी थी चेहरे पर हल्का सा मेकअप जो घर पर ही किया गया था ..... (नेचुरल ब्यूटी की कृत्रिम श्रृंगार की आवश्यकता नही होती ऐसा मेरा मानना है मम्मी ने कई बार कहा कि दीदी ब्यूटी पार्लर हो आएं पर मैंने ही मना किया था कहा नही अभी वो सिर्फ देखने ही आ रहे हैं जो नेचुरल लुक ही ज्यादा सही रहेगा) पर इतने में ही दीदी बेहद खूबसूरत और हॉट लग रही थीं प्रतीक ने जैसे ही उन्हें देखा उसने मुह में भरे हुए रसगुल्ले को चबाना बन्द कर दिया और एकटक उन्हें देखता रह गया ..... उसकी हालत भांप कर मुझे हंसी आ गयी वैसे उस बेचारे का कोई कसूर भी नही था मेरी निकिता दीदी हैं ही इतनी सेक्सी की उन्हें देख कर किसी के भी होश गुम हो जाएं श्वेता भी दीदी को गौर से देख रही थी फिर उसने अपने भैया की ओर देखा और उन्हें ऐसे दीदी को देखते देख कर उन्हें अपनी कुहनी से ठोकर मारी तब जा के प्रतीक को कुछ अहसास हुआ और वो हड़बड़ा कर इधर उधर देखने लगा इधर मम्मी पापा और प्रतीक की माँ भी प्रतीक की इस हालत पर मुस्कुरा रहे थे ...... दीदी ने ट्रे मेज पर रखी और प्रतीक की माँ बोली बेटी तुम इधर आओ मेरे पास बैठो दीदी उनके पास गयीं और उनके पैर छू लिए माता जी उनके सर पर हाथ फिराते हुए आशीर्वाद दिया फिर दीदी ने प्रतीक की ओर नजरें उठा कर देखा और हाथ जोड़ कर नमस्ते की आए श्वेता से भी नमस्ते की प्रतीक ने जल्दी से हाथ जोड़ कर वापस नमस्ते का जवाब दिया वो कुछ नर्वस सा लग रहा था ...... प्रतीक की मम्मी बोली भाई मुझे तो निकिता बहोत पसन्द है कितनी सुंदर है इसकी और प्रतीक की जोड़ी खूब जंचेगी ..... उनकी बात से हम सभी सहमत थे ......
तभी पापा बोले बहन जी आपकी बात एकदम सही है लेकिन आजकल माता पिता की इच्छा से ज्यादा बच्चों की इच्छा ज्यादा मायने रखती है अगर ये दोनों भी एक दूसरे को पसन्द कर लें तो बेहतर हो मेरा मतलब हमे एक बार इनके मन की भी जान लेनी चाहिए ..... तभी श्वेता तपाक से बोली अंकल जी भैया ने तो जिस दिन भाभी की तस्वीर देखी है ये बस फुर्सत पाते ही फोन पर इनकी तस्वीर देखते रहते हैं मैं खाना रख देती हूं तो भी इनका ध्यान खाने पर नही बस भाभी की तस्वीर पर ही रहता है उसकी इस बात हम सब हंस पड़े जोर से और प्रतीक तो बेचारा एकदम शर्मा गया ........
दीदी भी प्रतीक को देख कर मुस्कुराने लगी....... प्रतीक की मम्मी बोली बेटा जरा वो हमारा सामान ला दो मैं बाहर गया और गाड़ी से उनका सारा सामान निकाल लाया और अंदर रख दिया प्रतीक की मम्मी ने श्वेता को इशारा किया और उसने उठ कर एक बैग खोलते हुए उसमे से कुछ पैकेट्स निकाले और ले कर अपनी मम्मी को दे दिया उन्होंने एक पैकेट उठाया जो अच्छे से पैक था और अपने पर्स से एक डिब्बी निकाली और उसे खोल कर अंदर से एक हीरे की एक खूबसूरत अंगूठी निकाल कर प्रतीक को दे दी और एक डिब्बा मिठाई थोड़े फल एक नारियल और 5100 रुपये दीदी को देने लगी और बोली मेरी तरफ से तो ये रिश्ता पक्का है अब पापा ने कहा अरे बहन जी इतना सब करने की क्या जरूरत है रिश्ता तो पक्का समझिए ही क्यों निकिता ......? दीदी ने शर्माते हुए हां में सर हिला दिया और फिर प्रतीक की मम्मी ने वो सारा सामान दीदी को दे दिया ...... श्वेता ने थोड़ा सा मुह बना कर कहा मुझसे तो किसी ने कुछ पूछा ही नही बेकार ही आयी मैं यहां उसकी बात सुन कर प्रतीक फौरन बोला अरे हां श्वेता जब तक तुम नही पसन्द कर लेती मैं इस शादी के लिए हां नही करूंगा इस पर श्वेता उठी मैं तो जा रही हूं इनके साथ कुछ बातें करूंगी अकेले में तब मैं डिसाइड करूंगी और अपना फैसला दूंगी ..... उसकी बात पर हम सब मुस्कुराए बिना नही रह सके फिर वो उठी दीदी का हाथ पकड़ा और बोली चलिए भाभी आपके कमरे में चलते हैं फिर दीदी उसके साथ ऊपर चली गईं ...... जब दीदी ड्राइंग रूम से बाहर जाने लगी तो प्रतीक की नजर उनकी सलवार में उभरी हुई गांड़ पर टिकी थी और वो धीरे से अपना लंड दबाता हुआ दिखा मुझे ......
प्रतीक की मम्मी बोली ये लड़की भी एकदम बेवकूफ है सबसे निकिता की फ़ोटो देख कर सबसे पहले यही उछलने लगी थी कि मुझे लड़की बहोत पसन्द है और अब देखो कितनी बातें कर रही मम्मी हंस कर बोली आपने देखा नही वो निकिता को भाभी कह रही थी बाकी यहां बुजुर्गों के साथ बैठने में हमारे सामने बातें करने में बच्चों को कहां मज़ा आएगा इसलिए बहाने से अकेले में ले गयी होगी ...... प्रतीक की मम्मी बोली भाई साहब मैं तो चाहती हूं आज ही मंगनी की रस्म हो जाये तो शाम तक हम लोग निकल जाएं और शादी की तैयारी करें .....
पापा बोले ठीक है आप चाहती हैं तो आज ही मंगनी कर देते हैं पर आज तो मैं नही जाने दूंगा आप लोगों को कुछ हमे भी तो अपनी सेवा का अवसर दीजिये .....
प्रतीक की मम्मी बोली ठीक है अगर आप चाहते हैं तो हम कल वापसी कर लेते हैं वैसे भी अभी हमने वापसी का टिकट नही कराया है पापा ने कहा फिक्र ना करें मैं कल का टिकट करवा दूंगा .......
फिर पापा बोले आप शालिनी से बातें करिये मैं आता हूँ पापा ने मुझे इशारा किया और हम बाहर आ गए पापा ने कहा विकास तुम मार्केट जाओ और एक अच्छी अंगूठी और इन लोगों के लिए बढ़िया कपड़े ले कर आओ मैंने कहा ठीक है पापा, पापा ने मुझे 25000 रुपये ल कर दिए और मैं बाजार निकल गया मैंने ज्वेलरी शॉप से एक 20000 की अंगूठी खरीदी पर मुझे प्रतीक की उँगली का नाप नही मालूम था तो शॉप ओनर ने मुझे प्लास्टिक के रिंग का एक सेट दिया और बोला मैं जा कर उनकी उंगली का नाप ले आऊं मैं फिर घर आया तो देखा प्रतीक बैठे बोर हो रहे थे मम्मी और उनकी मम्मी अंदर एक कमरे में बातों में मशगूल थे उनकी बातों का केंद्र बिंदु दीदी और प्रतीक थे । पापा प्रतीक के पास बैठे इधर उधर की पंचायत कर रहे थे मैंने प्रतीक के पास जा कर वो सेट उसे दिया और कहा कि वो चेक करें उनकी फिंगर में कौन सा सही बैठ रहा उन्होंने दो तीन प्रयास किये और फिर एक जो सही बैठा उसका नंबर मुझे बताया मैंने उनसे वो नाप ली और जाने लगा तो वो बोले विकास मैं भी चलूं क्या अपना शहर नही दिखाओगे मुझे मैंने मुस्कुरा कर क्यों नही आइये ...... और हम बाजार आ गए मैं उन्हें प्रयाग की प्रसिद्ध जगहों के बारे में बताता रहा वो बड़े गौर से मेरी बातों को सुनते रहे अपने सवाल पूछते रहे उनका व्यवहार एकदम दोस्ताना और सहज लगा मुझे फिर हम ज्वेलरी शॉप पर पहुंचे रिंग ली फिर वहां से निकल कर हम एक माल में आ गए वहां हमने प्रतीक के लिए उनकी पसन्द के कपड़े और श्वेता के लिए एक वाइट कलर की सुंदर सी ड्रेस की और फिर मम्मी जी के लिए एक महंगी सिल्क की साड़ी भी ले सब पैक करवा के पे कर के हमने सब सामान कार में रखा और घर की ओर चल पड़े रास्ते मे एक बियर शॉप दिखी तो प्रतीक एकदम से बोले विकास तुम बियर तो पीते होगे उनके सवाल से मैं एकदम हड़बड़ा गया और पहले हां में फिर जल्दी से ना में सर हिला दिया वो हंस दिए और बोले घबराओ मत मैं मम्मी पापा को नही बताने वाला इस बारे में ..... मैंने कहा कभी कभार दो चार बार पी है वो मेरी जांघ पर हाथ मारते हुए बोले ये हुई ना बात फिर तो मैं जब भी यहां आऊंगा मेरी तुम्हारी जमेगी ..... मैं मुस्कुरा दिया मैंने कहा लेकिन जीजा जी घर मे किसी को पता नही इस बारे में वो बोले पता तो मेरे घर मे भी किसी को नही है ....... और तुम किसी को बताओगे तो इसका सवाल ही नही है मैंने ना में सर हिला दिया तो वो बोले स्मार्ट बॉय ..... तभी एक और बियर शॉप उन्हें दिखी तो वो बोले रोको यार फिर और मैंने कार ब्रेक मारते हुए सड़क के किनारे लगा दी ......, कार रुकते ही प्रतीक कार से उतरे और शॉप की ओर चल पड़े मैं भी उतर कर पीछे से भागता हुआ आया उन्होंने काउंटर पर पहुंच कर दो
भारत का सबसे अच्छा बीयर ब्रांड कार्ल्सबर्ग Carlsberg का आर्डर दिया और वॉलेट निकालने लगे मैंने उन्हें मना करते हुए झट से 2000 का नोट निकाल कर काउंटर पर रख दिया वो सर हिलाते हुए बोले यार ये ठीक नही मैंने कहा था मैंने कहा कोई बात नही जब लखनऊ आऊंगा तब आप ही पेमेंट कर देना मेरी बात सुन कर वो हंसते हुए बोले बहोत तेज हो यार तुम ..... फिर मैंने दो पैकेट चिप्स भी लिया और बाकी पैसे ले कर हम वापस कार में आ गए ....... प्रतीक ने अपनी बियर खोल ली और चुस्की लेते हुए बोले बीवी का तो पता नही पर साला मुझे अच्छा मिला है मैंने मुस्कुरा कर कहा बीवी साले से भी अच्छी मिल रही है आपको फिर वो मुझसे दीदी के बारे में कुछ नार्मल सवाल पूछने लगे मैं होशियारी से उन्हें जवाब देते हुए संतुष्ट करता रहा फिर मैंने कार एक थोड़ी सुनसान जगह पर एक पेड़ के नीचे लगा दी फिर मैंने भी अपनी कैन खोल ली और हम ठंडी बियर का मज़ा लेने लगे ...... पीते हुए मैं सोचने लगा दीदी की भी इनके साथ बढ़िया जमेगी ...... पर मैंने सोचा लिया मैं इस बारे में दीदी को कुछ नही बताऊंगा हमने हल्की फुल्की बातें करते हुए बियर खत्म की फिर खाली कैन बाहर उछाल कर हम घर की ओर निकल पड़े तभी प्रतीक ने कहा यार कहीं से इलायची ले लेना और फिर मैंने एक जगह से तुलसी इलायची का ज़िपर लिया और दोनो ने कुछ दाने इलायची के मुह में डाले और घर की ओ चल पड़े रास्ते मे बातें करते हुए प्रतीक ने कहा विकास मुझे तुम्हारी निकिता दीदी बहोत पसन्द हैं मुझे तो पहली नजर में ही उनसे प्यार हो गया था मैं समझ गया कि बियर ने थोड़ा सा असर डाला है उन पर ।

1 बजे के आसपास हम घर पहुंच गए इतनी देर में मैंने अंदाजा लगा लिया प्रतीक वैसे तो बेहद शांत और सभ्य है पर अंदर से ये भी मेरे जैसा नॉटी और एडवेंचर पसन्द इंसान है कुल मिला कर मैं अब निश्चिंत था ।
मैं सब सामान ले कर अंदर आया और मम्मी को पकड़ाया फिर मैं ऊपर जाने लगा तो मम्मी बोली विकी प्रतीक को भी ऊपर ले जाओ थोड़ी देर आराम कर लें फिर अभी खाने के लिए बुलाऊंगी मैं .......
मैंने प्रतीक से कहा चलिए और हम ऊपर आ गए मेरे कमरे में बेड पर नई चादर बिछी थी और मैंने अंदर आते हुए ac ऑन कर दिया दरवाजा बंद कर के मैंने कहा आप आराम करिये मैं बाथरूम हो कर आता हूँ वो जूते निकाल कर लेट गए और मैं बाथरूम चला गया मूतते हुए मुझे दीदी के कमरे से हंसने की आवाज़ आयी मैं कान लगा कर सुनने लगा (असल मे ये बाथरूम मेरे और दीदी के कमरे के बीच मे बना हुआ कॉमन बाथरूम है और एक एक दरवाजा हम दोनों के कमरे में खुलता है इसलिए बाथरूम में से कमरों की आवाज़ें सुनाई देती हैं) अंदर श्वेता और दीदी हंस हंस कर बातें कर रही थी श्वेता प्रतीक के बारे में दीदी को बता रही थी जैसे उन्हें खाने में क्या क्या पसन्द है और उनके बारे में कई बातें दीदी भी उस से सवाल पर सवाल किये जा रही थीं .
मैं हाथ धो कर बाहर आया तभी मम्मी ने मुझे आवाज़ दी मैं नीचे आ गया और फिर उन्होंने मुझे किनारे में बुला कर कहा सुन विकास मैं चाहती हूं कि प्रतीक और निकी भी कुछ देर अकेले में एक दूसरे से मिल लें तो एक काम कर ये हलवा ( उन्होंने एक ट्रे में दो प्लेट में हलवा रखा हुआ था) ले जा कर निकिता को दे दे और उससे कहना ये ले कर प्रतीक के पास जाए और कुछ देर उसके पास बैठे बातें करे और श्वेता को नीचे बुला लेना कह देना उसकी मम्मी ने बुलाया है मैंने कहा ठीक है मम्मी और मैं ट्रे ले कर ऊपर दीदी के कमरे में आ गया मैंने कहा श्वेता की ओर देखते हुए कहा आपको आपकी मम्मी ने नीचे बुलाया है वो उठ कर नीचे चली गयी फिर मैंने दीदी के बेड पर वो ट्रे रखते हुए कहा दीदी जाओ अपने होने वाले पति को हलवा खिलाओ और थोड़ा टाइम उनके साथ बिताओ दीदी मेरी बात सुन कर शर्मा गयीं और बोली मैं नही जाती अकेले उसके पास मैंने कहा तो क्या मुहल्ले वालों को बुला लूं सबके साथ ले कर जाओगी मेरी बात सुन कर वो गुस्से से मुझे देखने लगी मैंने उन्हें और सताते हुए कहा अच्छा शादी के बाद सुहागरात में भी अकेले ना जाना उनके पास मैं भी साथ मे चलूंगा और लाइव सेक्स देखूंगा ठीक है दीदी ने मुझे मुक्का दिखाते हुए गुस्से से घूरा मैंने कहा भाई मैं कुछ नही जानता जो मम्मी ने कहा था मैंने कहा दिया अब आगे आप जानो और आपका काम ।
दीदी ने मुह बना कर कहा मम्मी ने कहा है तो जाना ही पड़ेगा फिर उन्होंने दुपट्टा सीने पर डाला और ट्रे उठायी मैंने फिर से उन्हें छेड़ा और बोला ये सही किया दुपट्टा डाल कर वरना प्रतीक तुम्हारे चेहरे से ज्यादा तुम्हारी मस्त चुचियाँ ही देखता रहता मेरी बात सुन के दीदी ने बड़ी कातिल मुस्कान से मुझे देखा और बोली तुझे मैं रात में बताती हूँ और फिर वो बाहर निकल गईं मैं दीदी के बेड पर ही लेटने लगा पर एकदम से मुझे आईडिया आया क्यों ना दीदी और प्रतीक की इस पहली मुलाकात का मज़ा लिया जाए और मैं जल्दी से दीदी के कमरे की ओर से बाथरूम में घुस गया और अपने कमरे की ओर वाले दरवाजे को जरा सा खोल कर अंदर झांकने लगा ।
Nice update 👌👌👌👌👌
 
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मैंने देखा प्रतीक आंख बंद किये लेटा था बेड पर और तभी दीदी दरवाजा धकेल कर ट्रे लिये हुए अंदर दाखिल हुई ...... और बेड के पास जा के खड़ी हो गईं वो कुछ सेकेंड तक खड़ी प्रतीक को देखती रही फिर धीरे से बोली सुनिए ...... उठिए ..... सो गए क्या ....?
उनकी मीठी आवाज़ सुनते ही प्रतीक ने झट से आंखे खोली और दीदी को देखते ही एकदम से उठ कर बैठ गया और बोला आप...... दीदी बोली हां मैं और ट्रे रखते हुए बोली लीजिये हलवा खा लीजिये प्रतीक की नजरें एकदम दीदी को उपर से नीचे तक निहार रही थीं और दीदी शरम से नजरें झुकाए हुए थीं ..... प्रतीक ने कहा बैठो आप भी और दीदी उसके सामने बैठ गईं प्रतीक बस बुत की तरह की दीदी को देखे जा रहा था दीदी ने एक प्लेट उठा कर प्रतीक की ओर बढ़ा दी प्रतीक ने प्लेट ले ली और बोला आप भी लीजिये दीदी ने दूसरी प्लेट उठा ली पर वो चम्मच को हलवे में गोल गोल घुमाने लगी और प्रतीक ने एक चम्मच हलवा मुह में डाल लिया और खाते हुए बोला मीठा कम है दीदी बोली रहने दीजिए फिर मत खाइए मैं दूसरा बना लाती हूँ प्रतीक ने मुस्कुराते हुए कहा उसकी जरूरत नही है मैं अभी ठीक किये देता हूँ इसे फिर उसने एक चम्मच हलवा लिया और दीदी के होंठो तक चम्मच ले आया दीदी ने पहली बार नजरें उठा कर प्रतीक की आंखों में देखा और फिर धीरे से मुह खोल कर हलवा खा लिया प्रतीक ने खाली चम्मच वापस हलवे में डालते हुए एक और चम्मच हलवा खाया और फिर बोला वाह अब तो कुछ ज्यादा ही मीठा हो गया फिर उसने चुपचाप हलवा खाया हां बीच बीच मे वो दीदी को भी खिला देता था प्लेट खाली होने के बाद उसने कहा वाकई बहोत लाजवाब था आपने बनाया है दीदी ने सर हिलाते हुए कहा नही मम्मी ने बनाया है प्रतीक ने पूछा आप भी ऐसा हलवा बना लेती हो या नही मुझे ये हलवा रोज खाना है अगर नही बना पाती तो मम्मी से सीख लेना दीदी ने कहा बना लेती हूं मम्मी ने मुझे खाना बनाना खूब अच्छे से सिखाया है प्रतीक ने कहा फिर ठीक है आज रात का खाना आप ही बनाएगी आपके हाथों से बने खाने का स्वाद तो अलग ही होगा ......, दीदी ने सर हिलाते हुए कहा ठीक है फिर प्रतीक ने थोड़ा सा गंभीर हो कर पूछा निकिता क्या आप मुझे पसन्द करती हैं ...... दीदी ने इस बार कुछ बोला नही बस हां में सर हिला दिया प्रतीक ने कहा ऐसे नही जवाब दो मुझे मुझे कानो से सुननी है तुम्हारे दिल की बात दीदी ने नजरें झुका कर कहा हां प्रतीक मैं आपको पसन्द करती हूं ..... प्रतीक ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा फिर बनोगी मेरी दुल्हन दीदी ने एकदम से अपना चेहरा हांथो से ढक लिया और बोली मैं नही जानती प्रतीक दीदी की इस अदा पर फिदा सा हो गया और बोला आई लव यू निकिता मुझे पहली नजर में ही प्यार हो गया था तुमसे जिस दिन तुम्हारी तस्वीर देखी थी फैसला कर लिया था बस यही खबसूरत लड़की मेरी दुल्हन बन कर मेरे घर मे आएगी पर डर रहा था पता नही तुम मुझे पसन्द करोगी या नही ......, पर अब तुम्हारे मुह से ये सुन कर मैं कितना खुश हूं मैं बता नही सकता प्रतीक की बात सुन कर दीदी ने चेहरे से हाथ हटा लिए आए उसकी आँखों मे देखने लगी प्रतीक ने दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया और दीदी उसके सीने से जा लगी प्रतीक ने एकदम से दीदी के माथे को चूम लिया और दीदी प्रतीक के सीने से लग गयी उनकी सांसे तेज हो गयी थी लेकिन प्रतीक ने दीदी को छोड़ दिया और खिसक कर बैठ गया ......
उसने कहा आपका फ़ोन नंबर मिल सकता है लखनऊ जा कर मैं हर रोज आपसे बात करूंगा अब तो एक भी दिन आपके बिना काटना मुश्किल होगा मेरे लिए दीदी ने कहा मेरे पास फोन नही है वो हैरानी से बोला कमाल है आज के जमाने मे बिना फोन के कौन रहता दीदी एकदम झटके से बोल गयीं की पहले था लेकिन फिर पापा ने ले लिया ......
और फौरन उन्हें गलती का अहसास हुआ कि ये उन्हें नही बोलना था पर जबान से निकली बात और कमान से निकला तीर वापस नही आते उनकी बात सुन कर मुझे दीदी की बेवकूफी पर गुस्सा आया , उधर प्रतीक ने पूछा ऐसा क्या हुआ था जो पापा ने आपका फ़ोन ले लिया दीदी ने हकलाते हुए कहा वो मैं फोन में गेम बहोत खेलने लगी थी इसलिए मेरे एग्जाम में मार्क्स कम आये थे तो पापा गुस्सा हुए और फोन ले लिया पर ये कहते हुए वो नजरें चुरा रही थीं प्रतीक ने इस बात को भांप लिया आखिर वो एक जिम्मेवार और अनुभवी इंसान था बैंक की जॉब कर रहा था रोज कितने लोगों को हैंडल करता था उसने दीदी का हाथ पकड़ कर कहा देखो निकिता मुझे तुम्हारे पास्ट से कोई लेना देना नही है मुझे बस इतना पता है कि तुम जो हो जैसी हो मुझे पसन्द हो मुझे तुमसे प्यार है मुझे सिर्फ तुमसे शादी करनी है......
अब मैं अपने हाथों को और तकलीफ नही देना चाहता ये आखिरी बात कहते हुए उसका लहजा कुछ शरारती हो गया था दीदी उसकी बात का अर्थ समझ तो गयीं पर बोली कुछ नही मैं उसकी इस बात पर मुस्कुरा दिया ...... ये भी मुठ मारने में एक्सपर्ट लग रहा था मुझे ....... फिर वो और ढेर सारी बातें करते रहे और अब दीदी भी उसके साथ सहज होने लगी थीं ।
तभी नीचे से मम्मी की आवाज़ निकिता नीचे आओ सब खाना तैयार है और मैं भाग कर दीदी के कमरे में आ गया दो मिनट बाद दीदी कमरे में आई और मुझे देख कर बोली चल नीचे खाना खाने मैंने कहता चलता हूँ पहले ये बताओ जीजा जी ने तुम्हें किस विस किया कि नही वो बोली पागल है क्या हम बस बात कर रहे थे मैंने पूछा अच्छा कैसे लगे वो पसन्द आये या नही दीदी ने सर हिलाते हुए कहा हां अच्छे हैं मैंने किसी बुजुर्ग तरह पूछा तो मैं रिश्ता पक्का समझूँ और दीदी मुस्कुरा कर मेरे सीने से लग गयी मैंने उन्हें कस के हग किया और बोला नीचे चलना है खाना खाने दीदी बोली तुम उन्हें नीचे ले चलो मैं बाथरूम हो के आती हूँ ...... मैंने कहा उन्हें ???? किन्हें???? दीदी बोली अपने जीजा जी को फिर मैं बाहर आया और अपने कमरे में जा कर प्रतीक से कहा चलिए जीजा जी लंच कर लेते हैं वो उठे और हम नीचे आ गए ।
डाइनिंग टेबल डोंगों से भरी पड़ी थी 5 तरह की सब्जी पूरी कचौरी पुलाव पापड़ सलाद प्रतीक की मम्मी श्वेता और पापा पहले से बैठे हुए थे मैं और प्रतीक भी जा कर बैठ गए तभी दीदी भी आ गईं प्रतीक की मम्मी बोली आ बेटी तू मेरे पास बैठ और दीदी उनके पास बैठ गईं प्रतीक की मम्मी ने मम्मी को आवाज़ दे कर कहा आप भी आइये साथ में मम्मी ने कहा पहले आप लोग खा लीजिये कुछ जरूरत पड़ी तो लेकिन वो मम्मी की बात काटते हुए बोली नही बहन जी हमारे घर तो सब साथ ही खाते हैं कुछ जरूरत पड़ी तो कोई भी ले आएगा ये भी हमारा ही घर है अब और फिर मम्मी को भी बैठना पड़ा हमने खाना शुरू किया वाकई खाना लाजवाब बना था मैं खुद ही रोज से ज्यादा खा गया उधर प्रतीक और श्वेता भी खाने की तारीफ करते हुए खाये चले जा रहे थे ....... प्रतीक ने कहा अब तो लगता है मुझे जल्दी जल्दी प्रयागराज आना पड़ेगा मम्मी जी के हाथों का खाना खाने मम्मी ने कहा तो क्या हुआ जब मन करे आ जाना मैं इससे बढ़िया खाना खिलाऊंगी तुम्हे और निकिता तो मुझसे भी अच्छा खाना बनाती है जल्दी से इसे ले जाओ अपने साथ ब्याह के तो रोज ऐसा खाना मिलने लगेगा मम्मी की बात सुन कर दीदी के गाल सुर्ख हो गए प्रतीक ने कहा आज रात का खाना यही बनाएगी फिर मम्मी ने कहा ठीक है और हमने खाना खत्म किया और मम्मी किचन से खीर ले कर आ गईं किसी के पेट मे जगह नही थी पर मम्मी की ये स्पेशल खीर थी जिसका स्वाद दुनिया की हर मिठाई से बेहतर होगा और उससे उठ रही केसर इलायची और गुलाबजल की खुशबू ने एक एक प्याली उठाने पर मजबूर कर दिया हमे खीर खत्म कर के हम सब उठ गए और पापा ने कहा आप लोग थोड़ी देर आराम कर लो फिर मम्मी सफाई में लग गयीं श्वेता दीदी के साथ ऊपर उनके कमरे में आ गयी प्रतीक की मम्मी मम्मी के कमरे में जा कर लेट गयीं और मैं प्रतीक को ले कर ऊपर अपने कमरे में आ गया हम बेड पर लेट कर इधर उधर की बातें करने लगे मेरी पढ़ाई और आगे फ्यूचर प्लान के बारे में फिर थोड़ी देर में हमे नींद आने लगी और हम सो गए शाम साढ़े पांच बजे मेरी नींद खुली देखा तो प्रतीक जागे हुए थे पर लेटे थे मुझे जागा देख कर बोले चलो तुम उठे तो मैं तो बोर हो गया लेटे लेटे मैंने कहा आपको जगा देना था मुझे वो बोले खाते और सोते हुए किसी को डिस्टर्ब करना गलत बात है फिर हम फ्रेश हो कर नीचे आ गए देखा तो सब ड्राइंग रूम में ही बैठे थे सिवा दीदी के पता चला कि वो ऊपर तैयार हो रही हैं मंगनी की रस्म के लिए फिर आधे घंटे में श्वेता उन्हें ले कर आई दीदी ने लाल रंग की साड़ी पहनी हुई थी हाथो में चूड़ियां आंखों में काजल लिप्स्टिक (बाद में मुझे पता चला कि श्वेता अपनी स्टडी के साथ मे ब्यूटीशियन का कोर्स भी कर रही है और दीदी को उसी ने सजाया था) दीदी इस टाइम एकदम पटाखा लग रही थी उन्हें इस रूप में देख कर तो एक बार मेरे लंड ने भी सर उठाना शुरू कर दिया पर मैंने उसे दबा कर चुपचाप पड़े रहने का इशारा किया....., उधर प्रतीक की भी हालत खराब लग रही थी मुझे दीदी का हुस्न उसे दीवाना बना रहा था फिर दोनो ने एक दूसरे को अंगूठियां पहनाई और मिठाई खिलाई हम सब ने दोनो को मिठाई खिलाई और एक दूसरे को बधाई दी फिर दोनो ने मम्मी पापा और प्रतीक की मम्मी के पैर छू कर आशीर्वाद लिया मैंने फोटोग्राफर का काम सम्हाल लिया और pic लेने लगा फिर मम्मी ने दीदी से कहा निक्की अब तू जा के चेंज कर ले खाने की तैयारी शुरू कर आज किचन की जिम्मेवारी तेरी मैं तो थक गई हूं सुबह से काम करते करते ये सुन कर प्रतीक की मम्मी(अब मैं प्रतीक की मम्मी के लिए माँ जी शब्द प्रयोग करूंगा) बोली कि श्वेता तुम अपनी भाभी की हेल्प करोगी किचन में श्वेता ने गर्दन हिला कर हां बोला और फिर वो दोनो ऊपर चली गयी प्रतीक ने कहा विकास मुझे जरा मार्केट ले चलो कुछ लेना है और मैं उनके साथ बाजार आ गया उन्होंने एक मोबाइल शॉप पर गाड़ी रुकवाई और samsung का एक लेटेस्ट मॉडल फोन खरीदा फिर उन्होंने अपनी id से एक जियो सिम लिया उसे एक्टिवेट करवा कर उसमे एक साल वाला रिचार्ज पैक डलवाया सिम को मोबाइल में डाला और फिर कार्ड से पेमेंट किया 27000 रुपये खर्च कर दिए थे उन्होंने एक झटके में इस से मुझे उनकी दीदी के प्रति चाहत का पता भी लगा गया वरना शॉप कीपर ने तो 10-15 हजार की रेंज में कई सारे फ़ोन दिखाए थे हमें फिर उन्होंने एक जगह उसे अच्छे से पैक करवाया । फिर हम घर की ओर चल पड़े रास्ते मे उन्होंने फिर से बियर शॉप पर कार रुकवाई और बोले इस बार मेरी बात माननी पड़ेगी तुम्हें वो उतरे और दो बियर ले कर आ गए एक मुझे पकड़ाते हुए कहा वैसे मैं ज्यादा नही पीता कभी कभी ही पीता हूँ लेकिन एक आज खुशी का दिन और दूसरे आज खाना ज्यादा खा लिया था तो डाइजेशन सही रखने के लिए एक और ले ली ....... उनकी सफाई सुन कर मैं बस मुस्कुरा दिया और हमने अपनी अपनी बियर खत्म की फिर हम घर आ गए ....... और ऊपर मेरे कमरे में बैठे बातें करते रहे फिर रात के खाने के लिए हम इकट्ठे हुए तो पापा ने मुझे कहा कि इन लोगों की कल की टिकट का इंतजाम करना है मैंने एक ट्रेवल एजेंसी को कॉल कर के तीन कंफर्म टिकट बुक करवा दी ।
दीदी ने वाकई लाजवाब खाना बनाया था एक बार हम सब ने साथ मे खाना खाया प्रतीक मांजी और श्वेता तो खाने से ज्यादा खाने की तारीफ करने में वक़्त लगा रहे थे खाना खत्म करने के बाद दीदी ने गाजर का हलवा परोसा और एक बार दीदी की तारीफों के पुल बनने लगे हलवा खाने के बाद प्रतीक ने अपनी जेब से फोन का बॉक्स निकाला और दीदी को देते हुए बोले इतना शानदार खाना खिलाने के लिए ये एक छोटा सा तोहफा मेरी ओर से दीदी ने फोन ले लिए और बॉक्स को उलट पलट कर देखने लगीं
प्रतीक ने पापा से कहा पापाजी मैंने एक फोन गिफ्ट है किया है इन्हें आप इसे ले मत लेना इनसे ........ पापा ने हंस कर कहा ......... अब तुम लोगों के मामले में मैं कौन होता हूँ टांग अड़ाने वाला , फिर काफी देर हम सब मे बातों का दौर चलता रहा और 11 बजे सोने का टाइम हो गया मम्मी और मांजी उनके कमरे में चले गए पापा गेस्ट रूम में हम चारो ऊपर आ गए दीदी श्वेता को अपने रूम में ले गईं और मैं और प्रतीक मेरे रूम में आ गए मैंने उन्हें अपना एक लोअर दिया उन्होंने चेंज किया मैंने भी कपड़े बदले और फिर हम सो गए ......।
अगली सुबह उठ कर हम फ्रेश हो कर नीचे आये सबने साथ मे नाश्ता किया और फिर उनकी ट्रेन का टाइम हो गया उन्होंने अपना सामान पैक किया मम्मी ने सबको उनके कपड़े और पैसे दे कर विदाई की फिर मैं सबको गाड़ी में बिठा कर स्टेशन ले आया ....... साढ़े 10 बजे उनकी ट्रेन आयी और जब मैंने उनका सामान ट्रेन में चढ़ा कर श्वेता और मांजी को उनकी बर्थ पर बिठा दिया और मांजी के पैर छू कर आने लगा तो प्रतीक भी मेरे साथ नीचे आ गए उन्होंने मेरा नम्बर मांगा मैंने उनसे नंबर एक्सचेंज किया फिर ट्रेन ने सिटि बजायी वो ट्रेन पर चढ़ गए और हाथ हिलाते हुए विदा ली ट्रेन चल पड़ी श्वेता भी विंडो से मुझे हाथ हिलाते हुए बाय करने लगी और धीरे धीरे ट्रेन ने गति पकड़ ली .......।
Excellent update
Dekhte aage kya hota shadi me kisi ki chudai bhi hoti h kya
 
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Sanju@

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मैं वापस घर आ गया पापा आफिस के लिए निकल चुके थे मम्मी और दीदी बैठी बातों में मशगूल थीं । मैं भी वहीं बैठ गया मम्मी ने कहा क्यों विकास कैसे लगे तुझे ये लोग मैंने कहा बढ़िया है, सब अच्छे लोग हैं दीदी खुश रहेंगी इनके घर जा कर , मम्मी ने कहा मुझे तो सबका स्वभाव अच्छा लगा एकदम सरल लोग हैं ........ और प्रतीक तो एकदम सीधा सादा है, मैं मन ही मन मुस्कुरा दिया मम्मी की बात सुन कर और बोला हां एकदम गुड बॉय है मेरी तरह, मेरी बात सुन कर दीदी हंसने लगी और बोली तू और गुड बॉय मैंने उन्हें आंखे दिखाते हुए अकड़ कर कहा क्यों मैं बैड बॉय हूँ क्या ?

दीदी बोली मैं क्या जानू मम्मी बोली क्यों तंग कर रही मेरे बेटे को कितना प्यारा बच्चा है मेरा , देख नही रही कल से कितना ख्याल रख रहा तेरी ससुराल वालों का , तेरे पापा को तो किसी चीज से कोई मतलब ही नही है........ बस पैसे पकड़ा देते हैं निकाल कर मैंने कहा ऐसी कोई बात नही है मम्मी पैसे तो वो ही कमा कर लाते हैं हम सब के लिए और जिसका जो काम है वो कर रहा है मेरी बात सुन कर मम्मी ने मुझे गले से लगा लिया और बोली मेरा बेटा समझदार हो गया है पर ये अभी बेवकूफ ही है सारा दिन उसे तंग करती रहती है दीदी ने झूठ मूठ का मुह फुला कर कहा ठीक है ना ये बेवकूफ अब कुछ दिन में ही चली जायेगी फिर अपने समझदार बेटे के साथ रहना आराम से दीदी की इस बात से मम्मी की आंखों में आंसू आ गए उन्होंने दीदी को भी अपने गले से लगा लिया और बोली मेरे दोनो बच्चे मेरे जिगर के टुकड़े हैं मैंने मौका पा कर दीदी की बांह पर चिकोटी काट ली और वो बोली देखो मम्मी अब ये फिर से मुझे तंग कर रहा है मम्मी बोली तुम दोनों का झगड़ा तो कभी खत्म होगा नही मैं जा रही थोड़ी देर आराम करने और वो उठ कर अपने कमरे में चली गईं ।
मैं भी अपने कमरे में आ गया थोड़ी देर बाद दीदी भी मेरे कमरे में आई उनके हाथ मे फोन वाला बॉक्स था जो अभी भी पैक था उन्होंने बेड पर बैठ कर उसकी पैकिंग खोली फिर बॉक्स खोल कर चमचमाता हुआ फोन निकाला और उसे देख खुशी से उछलते हुए बोली वाओ कितना मस्त फोन है ना मैंने कहा हां लेकिन जिसका फोन है वो ज्यादा मस्त है दीदी मुस्कुरा कर मुझे देखने लगीं फिर वो फोन में व्यस्त हो गईं नया फोन चीज ही है ऐसी है हाथ लगे तो इंसान थोड़ी देर के लिए सब कुछ भूल जाता है ......
दीदी अभी उसे देख ही रही थीं तभी उनके फोन पर कॉल आने लगी उन्होंने मेरी ओर देखा मैंने देखा तो किसी नंबर से कॉल आ रही थी मैंने कहा दीदी रिसीव करो और स्पीकर पर डालो दीदी ने कॉल रिसीव की और स्पीकर पर डाली उधर से प्रतीक की आवाज़ आयी हेलो निकिता.....
दीदी- हेलो
प्रतीक- अरे नही पहचाना क्या मैं प्रतीक
दीदी- जी पहचान गयी
प्रतीक- मैंने सोचा तुम्हारे पास मेरा नंबर नही है तो कॉल कर लूं अगर तुम्हारा मन हो मुझसे बात करने का तो .....
दीदी- सही किया आपने मैं सेव कर लुंगी आपका नंबर
प्रतीक-मैंने तो सेव कर लिया तुम्हारा नंबर अपने फोन में और तुम्हारी तस्वीर अपने दिल में
दीदी- ह्म्म्म
प्रतीक-लगता है आपको मुझसे बातें करना अच्छा नही लग रहा एक हम हैं जो आपकी आवाज सुनने के लिए ट्रेन के टॉयलेट में घुसे हुए हैं और आप तो कुछ बोल ही नही रही .....
दीदी- आप टॉयलेट में क्यों हैं बाहर बात नही कर सकते क्या.....?
प्रतीक - अब मम्मी के सामने बात करना न करना एक बराबर तो यहां आ के कॉल की
दीदी- ok ज्यादा देर टॉइलेट में रहेंगे तो मम्मी को पता चला जायेगा आप किसी से बात कर रहे हो
प्रतीक- तो चल जाने दो ना अपनी होने वाली बीवी से ही तो बात कर रहा हूँ
दीदी- ठीक है
प्रतीक- आई लव यू निकिता
दीदी- हूं
प्रतीक- ये हूँ क्या है
दीदी- (धीमी आवाज़ में) मम्मी पास में हैं अभी समझो ना
प्रतीक- ok ok समझ गया मैं फिर रात में कॉल करूँ
दीदी- हां
प्रतीक-फिर उस टाइम तो हूं हां नही करोगी ना
दीदी-नही
प्रतीक-आई लव यू बोलोगी ना मुझे एक बार सुनना है तुम्हारे मुह से
दीदी- ठीक है
प्रतीक- ok bye जान लव यू
दीदी- bye लव यू टू
और दीदी ने जल्दी से फोन काट दिया
मैंने उदास होते हुए कहा अब तो नया नया प्यार मिल गया है लोगों को मुझे कौन पूछेगा दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की ये नया नया प्यार एक्सेप्ट करने के लिए आपने ही मुझे कन्विंस किया था और मैंने इस नए नए प्यार से बहोत पहले ही तुम्हे आई लव यू बोला है एक बार नही कई बार और हां भले ही मेरी शादी हो जाये मैं प्रतीक से कितना भी प्यार करने लग जाउं पर इसका ये मतलब की नही तुम्हारे लिए मेरा प्यार कम हो जाएगा यकीन ना हो तो कर के दिखाऊँ उनका मतलब समझ कर मैं हड़बड़ाते हुए बोला नही नही मुझे पूरा यकीन है आप पर और आपके प्यार पर मेरी हड़बड़ाहट देख कर दीदी हंस पड़ी और उनके गाल का डिंपल देख कर मेरा दिल बेकाबू हो गया मुझे ऐसे अपनी ओर देखते देख कर दीदी बोली विकी गिव मी अ हग प्लीज और मेरे पास आ कर मेरे सीने से लग गई मैंने भी दीदी को जोर से बाहों में कस लिया और बोला ये किस खुशी में दीदी ने कहा आज से 20-25 दिन पहले मैं कितने तनाव परेशानी और मुसीबत से जूझ रही थी यहां तक कि मैंने एक बार सुसाइड का भी सोच लिया था ये सुनते ही मैंने उनके होंठो पर हाथ रख दिया और बोला आपने ये सोचा भी कैसे दीदी......,
दीदी ने मेरा हाथ अपने मुह से हटाते हुए कहा बस सोचा था...... किया नही ना तेरे होते मैं ऐसा कैसे कर सकती हूं ...... पर तूने जिस तरह से इतनी जल्दी मेरी सारी परेशानियां खत्म कर के मेरा जीवन इतनी खुशियों से भर दिया समझ नही आ रहा कैसे तेरा ये अहसान ये उतारूंगी दीदी की बात से मेरी आँखों मे आंसू आ गए मैंने भरे गले से बोला बस अभी शादी हुई भी नही और कर दिया ना मुझे पराया अब मैं आपके लिए कुछ करूँ तो वो अहसान होगा मेरा आप पर ठीक है मैं आज से कुछ नही करूँगा आपके लिए क्यों कि फिर आपके सर पर मेरे अहसान का बोझ बढ़ता जाएगा ...... मेरे दुख और गुस्से को महसूस करके दीदी ने मेरे गाल को चूम कर मेरे आंसू पोंछते हुए कहा मेरे कहने का वो मतलब नही था पागल ......, सॉरी मैं बेवकूफ हूँ न तेरे जितनी समझदार नही हूँ मुझे अपनी बात कहने का सही तरीका नही आता ...... मम्मी सही कहती हैं मैं बेवकूफ की बेवकूफ ही हूँ उनकी बात सुन कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी और दीदी ने कहा विकी मैं चाहती हूं कि मेरी शादी से पहले एक बार ही सही मैं अपना सब कुछ तुझे देना चाहती हूं मैंने फिर से उनके मुह पर हाथ रख कर कहा नही दीदी हम जो कर रहे हैं वो ही गलत है और इस से ज्यादा कुछ नही हांलाकि मेरा मन मुझे उनकी बात मानने के लिए उकसा रहा था पर मैंने अपने मन की इच्छा को दृढ़ता से दबा दिया ...... और बोला दीदी जो जैसे चल रहा है चलने दो अब आप पर प्रतीक का अधिकार है बाकी आपका जो थोड़ा सा प्यार है मेरे लिए काफी है ...... और मैंने दीदी के गाल को चूम लिया दीदी कस के मुझसे लिपट गयीं और काफी देर तक हम यूँ ही एक दूसरे को बाहों में भरे खड़े रहे.......
मेरे फोन की रिंग से हमे होश आया और मैंने फोन निकाला रानी का कॉल था मैंने दीदी से कहा संजय का कॉल है मुझे उससे मिलने जाना है और फिर मैं नीचे आ गया बाइक उठाई और घर से बाहर आ कर रानी को कॉल बैक की उसने कॉल उठाते ही कहा कितना तड़पाओगे मेरी जान तुम्हारी याद में उंगली कर कर के मैंने अपनी चूत का सत्यानाश कर लिया है अब तो आ जाओ मैंने कहा एड्रेस दो कहाँ आना है अभी आता हूँ उसने मुझे ठीक से पता बताया और बोली पहुंच कर मुझे कॉल करना मैं उसके बताए पते पर पहुंच गया और उसे कॉल की उसने कहा वेट और कुछ सेकेंड में ही मैं जहां खड़ा था उससे तीन घर आगे वाले घर का गेट खुला और रानी ने मुझे आने का इशारा किया ...... मैंने बाइक अंदर ही ले ली और स्टैंड पर लगा कर खड़ा हुआ रानी ने गेट बंद किया और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले आयी उसने एक वाइट स्कर्ट पहनी थी जो उसके घुटनो से 5 इंच नीचे तक थी ऊपर उसने एक स्लीवलेस ब्लू टॉप पहना था और उसकी उभरी हुई चुचियाँ और भरी हुई गांड़ उसे एकदम सेक्सी लुक दे रही थी ...... उसकी चूची और गांड़ निहारते हुए मैं अंदर आ गया ........ ये एक छोटा सा पुराना मकान था जिसकी दीवारें गवाही दे रही थी कि सालों से इन्हें पेंट नसीब नही हुआ है वहां एक के बाद एक दो कमरे थे और बाहर गेट के बगल में ही एक छोटा सा बाथरूम था ।
इस कमरे में एक पुराना सा बेड पड़ा था और तीन कुर्सियां रखी थीं एक कोने में एक अलमारी खड़ी थी मैं कुर्सी पर बैठ गया तो रानी पीछे वाले कमरे में चली गयी और गिलास में पानी ले कर आई उसने मुझे गिलास पकड़ाया और बेड पर बैठ गयी फिर वो दीदी के बारे में पूछने लगी कि उनकी शादी का क्या हुआ मैंने उसे सब बताया कि उनकी शादी तय हो गयी है और जल्दी ही शादी हो जाएगी उसने कहा अपनी दीदी और जीजा जी की फ़ोटो दिखाओ मैंने जेब से फ़ोन निकाला (मैंने दो दिन पहले ही अपना सिम विनय वाले फोन में डाल लिया था क्यों कि विनय का फ़ोन मेरे पुराने फ़ोन से लाख गुना बेहतर था और इसका कैमरा भी बढ़िया था तो कल के प्रोग्राम की फ़ोटो मैंने इसी फोन से ली थी हांलाकि मैं एक बढ़िया सा फ़ोन लेने की सोच रहा था पर दो तीन दिन से व्यस्तता के चलते मुझे टाइम नही मिला तो मैंने विनय का फोन ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया)
मेरे हाथ मे फोन देख कर रानी उसे गौर से देखने लगी मैंने गैलेरी खोल कर उसे दीदी और जीजा जी की pic दिखाई वो बड़े गौर से सारी pic देखने लगी मुझे टॉयलेट लगी थी तो मैंने उससे पूछा उसने बताया कि बाहर किनारे में है बाथरूम और मैं बाथरूम चला आया दो मिनट बाद जब मैं निपट कर अंदर आया तो देखा वो मेरे फोन में झुकी हुई गौर से कुछ देख रही थी मुझे आता देख उसने जल्दी से फोन का बैक बटन जल्दी जल्दी दबाया और फोन रख दिया बेड पर और बोली बड़ी अच्छी जोड़ी है तुम्हारे जीजा और दीदी की मैं आ कर बेड पर बैठ गया और उस से पूछा रानी तुम्हारे परिवार में कौन कौन है वो बताने लगी कि उसकी माँ और एक छोटा भाई है मैंने उसके पापा के बारे में पूछा तो उसने बताया उनका कई साल पहले देहांत हो गया जब वो सिर्फ 12 साल की थी उसके बाद उसकी माँ ने किसी तरह कुछ घरों में काम कर के उसे और उसके भाई को पाला पोसा और जब वो इंटर की पढ़ाई पूरी कर चुकी तो पैसे के अभाव में उसने पढ़ाई छोड़ दी और इधर उधर प्राइवेट जॉब कर के कुछ पैसे कमाने लगी ताकि उसका भाई पढ़ सके .......
उसकी बात सुन कर मुझे उससे थोड़ी हमदर्दी हुई और मुझे लगा ये सब वो शायद अपनी मर्ज़ी से नही मजबूरी से करती है ...... मैंने कहा रानी अगर तुम्हे कभी किसी चीज की जरूरत हो या कोई हेल्प चाहिए हो तो बे झिझक मुझसे कहना मेरी बात सुन कर वो गौर से मुझे देखने लगी ...... मैंने पूछा क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो वो बोली मुझे कुछ दिन पहले पुरानी नौकरी से निकाल दिया गया है और नई नौकरी अभी मिली नही है भाई की तीन महीने की फीस बाकी है और मम्मी पैसों का इंतजाम करने ही मामा जी के यहां गयी हैं .......
मैंने पूछा कितनी फीस है तुम्हारे भाई की उसने बताया कि हजार रुपये महीने फीस है मैंने जेब से 5000 रुपये निकाल कर उसके हाथ पर रख दिये और बोला अभी ये रखो बाकी फिर देखेंगे उसने पैसे ले कर रख लिए और बोली थैंक्स विकास मुझे वाकई में इस समय पैसों की बेहद जरूरत थी मैंने कहा कोई नही इंसान ही इंसान के काम आता है ...... और फिर रानी ने मेरी गर्दन में हाथ डाल कर मुझे अपनी ओर खींच लिया और मुझे अपने सीने से लगा कर मेरा चेहरा अपनी चुचियों से भींच लिया और फुसफुसा कर बोली एक जरूरत तो पूरी कर दी मेरी जान पर मेरी प्यासी चूत को तुम्हारे मस्त लौड़े की भी जरूरत है और उसने अपना हाथ मेरी जीन्स पर रख कर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया ...... रानी की नरम चुचियाँ के बीच मेरा मुह फंसा हुआ था और मैंने एक हाथ उसकी पीठ पर रख कर सहलाते हुए कहा रानी मैं भी बहोत बेताबी से इंतजार कर रहा था तुमसे मिलने का मेरा लंड भी बेचैन था तुम्हारी चूत में समाने के लिए उसने मुझे थोड़ा सा अलग कर के अपना टॉप ऊपर उठाते हुए निकाल दिया उफ़्फ़फ़ साली ने नीचे ब्रा भी नही पहनी थी उसकी गोरी मांसल फूली हुई चुचियाँ देख कर मेरा लंड मचल कर खड़ा हो गया और मैंने देर ना करते हुए झुक कर रानी के दाएं निप्पल जो कि एकदम फूल कर कड़ा हो रहा था को जीभ से चाटने लगा मेरी जीभ का स्पर्श पा कर रानी मचल उठी और सिसियाते हुए बोली आहह विकास चूस लो राजा मेरे निप्पल्स को मेरी चुचियाँ दबा दबा कर चुसो इन्हें निचोड़ लो आज इन्हें जी भर के और मैंने उसे धक्का देते हुए बेड पर गिरा दिया उसकी चुचियाँ तक कर खड़ी थी वो बड़े गौर से मुझे अपनी चुचियाँ घूरते देख रही थी फिर अचानक उसने अपनी उंगलियां अपने दोनो निप्पल्स पर फिरानी शुरू कर दिन जीन्स में अकड़ा कर मेरा लंड दर्द करने लगा था और झटके मारते हुए जेएनयू के स्टूडेंट्स जैसे नारे लगा रहा था....... ले के रहेगें आज़ादी ........और मैंने उसकी मांग मानते हुए जीन्स के बटन खोल के ज़िप नीचे सरकाई और हाथ डाल कर लंड को बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगा .......
तभी मेरे ठरक से भर रहे दिमाग मे कुछ आया और मैंने रानी से पूछा कुछ पीती वीती हो या नही वो हैरानी से मुझे देखने मैंने अपनी बात दोहराई तो वो बोली हां कभी कभी लेकिन क्यों पूछ रहे हो मैंने वो सब छोड़ो ये बताओ तुम्हारी मम्मी कब आएंगी वो बोली शायद आज देर रात तक या कल सुबह मैंने कहा एक काम करो उन्हें कॉल करके कंफर्म करो और मैं थोड़ी देर में आता हूँ ये कहते हुए मैंने अपने खड़े हो चुके लंड को दो तीन बार सहलाया रानी की आंखों ले सामने और उसे अंडरवियर में ठूंस कर जीन्स के बटन लगा दिए और बाहर निकल गया। मैंने गेट खोल कर बाइक निकाली और गली से बाहर आया थोड़ी दूर पर ही एक बियर शॉप मिल गयी मैंने दो ठंडी टुबर्ग की कैन ले कर डिक्की में डाली एक गोल्ड फ्लैग जेब मे डाली और बाइक स्टार्ट कर के वापस रानी के घर आ गया।
रानी गेट के पास ही फोन लिए टहल रही थी मैंने अंदर आते हुए गेट बंद किया और डिक्की से बियर निकाल कर अंदर वाले कमरे की ओर चल दिया पीछे से रानी भी आ गयी मैंने पूछा क्या हुआ मम्मी का तो वो बोली वो तो अब कल ही आएंगी मामा ने आज शाम तक पैसे का इंतजाम करने को बोला है उसकी बात सुन कर मैंने कहा यानी अभी कम से कम 3 घंटे हैं मेरे पास उस वक़्त दोपहर के 12 बज रहे थे...... वो बोली देख लो तुम्हे जितना टाइम हो तुम्हारे पास मेरे पास तो पूरी रात का टाइम है तुम्हारे लिये चाहो तो आज रात भर मेरी चूत और गांड़ मज़ा लो नॉनस्टॉप, मैंने हंसते हुए कहा इंसान हूँ सुपरमैन नही और एक बियर उसे दे कर अपनी खोल ली उसने भी अपनी कैन खोली और हम ठंडी बियर का स्वाद लेने लगे ...........
मैंने एक घूंट भर कर कहा रानी वो बड़े प्यार से बोली हां राजा मैंने कहा आज तू जी भर के मेरा लंड चूस लियो वो बोली जरूर मेरी जान तुम अपनी पैंट निकाल कर क्यों नही बैठते हो मैं कब से देख रहा हूँ तुम्हारा मोटा लंड उसमे समा नही रहा क्यों बेचारे को इतनी तकलीफ दे रहे हो मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा साली इतनी ही फिक्र है मेरे लंड की तो उसे जल्दी से अपने मुह में ले ले ना रानी उसने बियर पीते पीते ही एक हाथ से मेरी जीन्स खोलनी शुरू कर दिऔर जल्दी ही उसे मेरे घुटनो तक सरका दिया और फिर अंडी में उभरे हुए मेरे लौड़े को मसलते हुए बियर चुसकने लगी उसने कुछ देर ऐसे ही मेरे लंड से खेलने के बाद अंडी को भी नीचे खींच दिया और मेरा लंड फनफनाता हुआ उसके चेहरे के सामने झूलने लगा नंगे लंड पर हाथ फिराते हुए उसने प्यासी नजरो से मेरी ओर देख कर कहा विकी मेरी जान मुझे आज इस लौड़े का रस पीना है उस दिन जैसे ही और अपने रसीले गुलाबी होंठ सुपाड़े पर चिपका कर एक गीला सा चुम्मा ले लिया और अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए बची हुई बियर एक सांस में पीती हुई खाली कैन को एक कोने में उछाल दिया ...... मैं उसकी इन गरम हरकतों से और मस्ती में आ रहा था ...... फिर उसने मुझे धक्का दे कर बेड पर बिठा दिया और बड़ी सेक्सी आवाज़ में कहा आज तुम्हे एकदम नए तरीके का मज़ा देती हूं मैं मेरे राजा ....... लेट जाओ और मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए उसे निकाल कर फेंक दिया और मेरे सीने को सहलाने लगी ....... मेरी कैन में कोई दो घूंट बियर बची थी मैंने भी उसे अपने हलक में उड़ेला और खाली कैन बेड के नीचे फेंक दी इसी के साथ रानी ने मेरी बनियान भी निकाल दी और मेरे सीने पर अपने होंठ रगड़ते हुए मुझे चूमने लगी उसके गर्म होंठो का अहसास अपने नंगे जिस्म पर मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था......
फिर उसने मेरे सीने को पीछे पुश करते हुए मुझे बेड पर लिटा दिया मैंने पूछा किस तरह का नया मज़ा देगी मेरी जान वो बोली बताऊं या बस दूँ मैंने सोचते हुए कहा बता मत दे ही दे और उसने मेरी जीन्स को खींच कर पैरों से निकाल दिया और मेरे बदन का आखिरी कपड़ा मेरी अंडरवियर भी मेरे तन से जुदा कर दिया मैंने अपनी शर्ट उठा कर उसकी जेब से सिगरेट निकाली और रानी से माचिस मांगी वो बेड से उतरी और अपनी गांड़ मटकाते हुए किचन से माचिस ले आयी पर वो सिर्फ माचिस नही लायी थी उसके हाथों में 3 दुपट्टे भी थे ....... वापस आ कर उसने बड़ी अदा से माचिस जलाई और मेरी सिगरेट जला दी मैंने एक कश लिया और सिगरेट धुंवा मेरे दिमाग मे सेक्स का नशा और भड़काने लगा उसने बेड पर बैठते हुए मेरे एक हाथ पर दुपट्टा बांधना शुरू किया और फिर मेरे हाथ बेड के ऊपर लगे हुए हत्थे से बांध दिया मैं हैरानी से उसे देखने लगा उसने आंख मारते हुए ज्यादा सोचो मत बस मज़े लो तुमने मेरी परेशानी दूर की है तो मेरा भी फ़र्ज़ है तुम्हे और तुम्हारे लंड को खुशी दूँ और उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले कर दो तीन कश लगाए और मेरे होंठो पर टूट पड़ी अपने नरम होंठो के मेरे होंठो पर चिपका कर वो गहरी सांसें भरते हुए उन्हें बेरहमी से चूसने लगी...... मेरे बदन में एक आग सी लगने लगी उसने मेरे होंठो को कुछ पल के लिए आज़ाद किया और सिगरेट मेरे होंठो से लगा दी मैंने भी आखिरी दो कश मारे और सिगरेट पूरी तरह सुलग कर खत्म हो गयी पर मेरे जिस्म में सेक्स की आग सुलगने लगी थी जो हर पल और तेज होती जा रही थी रानी ने दूसरा दुपट्टा उठा कर मेरा दूसरा हाथ उसी तरह से बांध कर बेड के दूसरे सिरे से बांध दिया और फिर आखिरी दुपट्टा ले कर उसने उसे मेरी आँखों पर बांध दिया ...... मैं सोच में पड़ गया कि ये साली करना क्या चाहती है मन मे हल्का सा डर भी आया पर अगले ही पल जो हुआ उससे मेरे दिमाग के सारे खयाल उड़ गए ....... मुझे अपने सीने पर किसी गरम और गीली चीज का स्पर्श महसूस हुआ.......
इस स्पर्श को मैं पहचान गया ये रानी की जीभ थी रानी मुझ पर झुकी हुई मेरे सीने को किसी भूखी कुतिया जैसे चाट रही थी मैंने सिसकते हुए कहा साली मुझे बांध क्यों दिया है ऐसे वो बोली जानू अब जो कर दिया है उसके बारे में मत सोचो और मैं जो मज़े देने वाली हूँ उसे एन्जॉय करो ना ये कहते हुए वो अपनी जीभ मेरे निप्पल्स के इर्द गिर्द फिराने लगी और मैं तड़पने लगा मचलने लगा मेरे पूरे जिस्म में करंट से दौड़ने लगा और पूरे बदन का खून मानो मेरे लंड में जा कर भरने लगा मेरे लंड तेजी से ठुमकिया मारने लगा ये देख कर रानी फुसफुसाते हुए बोली आहह विकी तुम्हारा लंड तो ज्यादा ही बेचैन लग रहा मैंने कहा साली रण्डी तेरी हरकते ही ऐसी हैं ....... और उसने मेरे एक निप्पल को होंठो में दबोच कर किसी बच्चे जैसे चूसना शुरू कर दिया ऐसी उत्तेजना मुझे पहले कभी नही हुई थी ये रानी वाकई में सेक्स की खिलाड़ी थी ....... उसने अपने होंठ सीने पर रगड़ते हुए एक निप्पल से दूसरे निप्पल तक का सफर तय किया और फिर उसे भी चूसने लगी इसी के साथ उसने एक हाथ मेरे पेट पर फिराते हुए नीचे ले जा कर मेरे सख्त लंड को अपने कोमल हाथो में भर लिया और सहलाने लगी ...... वो बारी बारी से दोनो निप्पल चूसते हुए लंड को जोर से मुठियाने लगी और फिर मेरी गर्दन को चाटते हुए मेरे होंठो को मुह में भर कर निचोड़ने लगी ....... अब मैं भी अल्कोहल और सेक्स के नशे में सब कुछ भूल कर बस रानी के रंडी पने का आनंद ले रहा था ...... मैंने कहा aaahhhh साली क्यों तड़पा रही है अब अपनी चूत का स्वाद भी चखा दे ना वो हंसी और बोली सारे स्वाद चखाउंगी ना जानू थोड़ा सा तो सब्र करो ...... मैंने सब्र ही तो नही हो रहा बुरचोदी ...... उफ़्फ़फ़ और उसने फिर से मेरे होंठ चूसते हुए अपनी गरम गीली जीभ मेरे मुह में घुसा दी मैं दीवानों की तरह उसकी चूसने लगा चाटने लगा और उसकी हाथ और तेजी से मेरे लंड पर ऊपर नीचे होने लगा फिर कुछ सेकेंड्स बाद वो मुझसे अलग हुई ...... और मुझे ये 25-30 सेकेंड की दूरी भी बर्दाश्त नही हुई मैंने गुस्से से चीखते हुए कहा ...... कहाँ गयी भोसड़ी की रण्डी आ ना मुझे अपनी चूत का रस पिला दे साली छिनाल मुझे कपड़ो की सरसराहट सुनाई दे रही थी पर मैं कुछ देख नही पा रहा था ...... तभी रानी की आवाज़ मेरे कानों में पड़ी ...... कपड़े तो उतार दूँ नंगी हो जाऊं राजा तभी तो तुम मेरी चूत का रस चख पाओगे ........ और कुछ पल बाद ही मुझे अपने सर के पास रानी के खड़े होने का अहसास हुआ और फिर अगले ही पल मेरे होंठो पर मुझे किसी नरम चीज का आभास हुआ मैंने जीभ फिराई उफ़्फ़फ़ रानी की नंगी बिना झांटो वाली चिकनी बुर मेरे होंठो पर थी मैंने देर न करते हुए मुह खोल कर उसकी बुर को मुह में भर लिया और जोर जोर से किसी कैंडी जैसे चूसने लगा और मेरे मुह में रानी की चूत का खट्टा कसैला स्वाद घुलने लगा पर ये स्वाद मेरे लंड की नसों को और सख्त कर रहा था ....... और रानी की बुर को चूसते हुए मैंने एकदम से अपनी जीभ कड़ी के के उसकी चूत में अंदर तक पेल दी और घुमा घुमा का चाटने लगा रानी की बुर के अंदर के गूदेदार मांस को ..... रानी के मुह से आहें निकलने लगी वो सिसियाते हुए बोली aaahhhh विकी पागल कर रहे हो तुम आज मुझे लगता है ऐसे ही चटवा कर झड़ जाऊंगी मैं आज और मैंने जीभ को बुर से निकाल कर उसकी चूत की क्लिट पर फिराना शुरू कर दिया वो एकदम से सिसक कर अपनी गांड़ का पूरा जोर डाल कर मेरे मुह पर बैठ गयी और अपनी गांड़ हिलाते हुए अपनी गीली रस बहा रही बुर को मेरे पूरे मुह पर रगड़ने लगी ....... कुछ देर तक मेरे मुह पर चूत रगड़ने के बाद वो उठने लगी मैंने कहा रानीईई...... वो बोली हां मेरे राजआआआ ...... मैंने कहा गांड़ ..... गांड़ भी चाटूँगा आज तेरी मेरी बात सुन कर वो वापस बैठ गयी मेरे मुह पर और थोड़ा सा आगे सरक कर अपने नंगे चूतड़ों में मेरा चेहरा दबा लिया और बोली लो राजा चाट लो अपनी रण्डी अपनी रानी की गांड़ और मैंने लम्बी सी जीभ निकाल कर रानी के नंगे नरम चूतड़ों पर फिरानी शुरू कर दी और धीरे धीरे रानी के चूतड़ों को चाटते हुए मैं अंदाज़ से अपनी जीभ रानी के चूतड़ों के बीच उसकी गांड़ की दरार में फिराने लगा और आखिर में मेरी जीभ की नोक ने रानी की गांड़ के कसे हुए उभारदार खुरदुरे छेद को महसूस किया और मैं रानी का गांड़ का छेद जीभ से कुरेदते हुए उसे चाटने लगा रानी बावली सी हो गयी और बोली aahhhhh विकी खा जाओ मेरी गांड़ को उफ़्फ़फ़ कितना मज़ा आ रहा है मेरे पूरे बदन में चिंगारी सी उठ रही है मेरे राजा लव यू मेरी जान और मैंने उसकी सेक्सी ठरक से भरी आवाज़ सुन के उसकी गांड़ का छेद अपने होंठो में दबा लिया और चूसने लगा ...... रानी ने अपना पूरा भार मेरे मुह पर डालते हुए मुझे अपनी मोटी गांड़ में भींच लिया और तेजी से सिसकते हुए बोली aahhhhh विकास मैं गयी झड़ गयी मेरी रण्डी बुर टपका दिया मेरी बुर ने रस और ये कहते हुए उसने सरक कर अपनी बुर मेरे मुह में लगभग जबरदस्ती घुसा दी और बोली लो पियो मेरी चूत का रस राजा बुझा लो अपनी प्यास और वो तेजी से आहें भरते हुए मेरे मुह में अपना रस टपकाने लगी .......और मैं उसकी बुर अपने मुह में भर कर चूसते हुए रानी की बुर का रसपान करने लगा ........
झड़ने के बाद वो दो तीन मिनट तक ऐसे ही बैठी रही मेरे मुह पर मैं मुश्किल से सांस ले पा रहा था फिर वो उठी और मेरे पैरों के पास बैठ गयी और झुक कर मेरे पैरों पर जीभ फिराते हुए उन्हें चाटने लगी ...... मैं एक बार फिर से उत्तेजना से पागल होने लगा उसकी जीभ मेरी टांगो से घूमती हुई जांघो पर फिरने लगी और फिर मेरे अंडकोश को चाटने हुए उसने लंड की जड़ पर चुम्मा दिया ऊऊमममम ..... और फिर एकदम से बड़ा सा मुह खोल कर लंड को गप्प से मुह में भर कर तेजी से चूसने लगी ...... मेरे मुह से बस आहें और सिसकियां निकल रही थी पर रानी अपनी गर्दन को तेजी से हिलाते हुए मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी ....... कोई 5 मिनट तक वो ऐसे ही लंड की चूसती रही उसका थूक लंड से बहता हुआ मेरे आंड़ को भिगोता हुआ मेरी गांड़ तक जा रहा था ......
फिर उसने मुह से लंड निकाला और बोली विकी जब तुम मेरी गांड़ चाटते हो तो मुझे बहोत अच्छा लगता है ...... मैंने कहा aaahhhh रानी मुझे भी अच्छा लगता है तुम्हारी गांड़ और चूत चाटना ...... रानी बोली मैं सोच रही हूं ये मज़ा तुम्हे भी दूँ मैं और इसी के साथ रानी ने मेरे पैरों को दोनो हाथो से पकड़ कर उपर हवा में उठाते हुए विपरीत दिशा में फैला दिया और झुक कर अपने होंठ मेरी गांड़ के छेद पर रख दिये और मैं तो एकदम से तड़प कर हवा में उछल सा गया ...... मैंने चीखते हुए कहा aaaahhhh रानी ...... और रानी ने मेरी गांड़ के छेद पर जीभ फिरानी शुरू कर दी वो भी उसी मस्ती से मेरी गांड़ को चाटने लगी जैसे कुछ देर पहले मैं उसकी गांड़ को चाट रहा था अब मेरे बर्दाश्त से बाहर होने लगा मैं कैसे भी झड़ना चाहता था अपने लंड से गरम गरम वीर्य रानी के जिस्म में भरना चाहता था उसके किसी भी छेद में इसके सिवा मुझे कुछ नही सूझ रहा था .......
मैंने कहा रानी साली रांड अब खोल से मुझे तेरी चूत चोदनी है मुझे कुतिया मेरी बात अनसुनी करते हुए रानी ने मेरे थूक से तर लंड के पकड़ कर सहलाते हुए और तेजी से जीभ मेरी गांड़ पर फिरानी शुरू कर दी ....... मैं अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगा पर वो मजबूती से बंधे हुए थे मैंने कहा ...... रानीईईई aahhh अब नही बर्दाश्त हो रहा ले ले अपने बुर में मेरा लौड़ा और शायद रानी को मुझ पर तरस आ गया और वो फुर्ती से उठी और मेरी कमर पर बैठ कर उसने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की दरार पर रगड़ा और फिर तेजी से लंड पर चूत को दबाते हुए उसे जड़ तक अपनी चूत में समा लिया उसकी चूत और मेरा लंड दोनो थूक से भीगे हुए थे इसलिए लंड सरसराता हुआ बिना किसी रुकावट के जा कर उसकी बच्चेदानी पर टकराया और वो एकदम से कांप कर बोली aahhh विकी आज तो ज्यादा ही सख्त और मोटा लग रहा है तुम्हारा मूसल और वो तेजी से उछलने लगी मेरे लंड पर ...... मैं भी यथासंभव अपनी कमर नीचे से उछालते हुए तेजी से धक्के देते हुए रानी की बुर चोदने लगा और लंड पर उछलते हुए रानी मेरे सीने पर लेट गयी और अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए और मेरे होंठ चूसते हुए पूरी ताकत से अपने चूतड़ों को मेरे लंड पर पटकने लगी उसकी रफ्तार एक समान गति से चल रही थी और मेरा लंड उसकी बुर की नरम दीवारों को रगड़ता हुआ अच्छे से उसकी बुर की चुदाई कर रहा था ....... और फिर उसने थोड़ा सा ऊपर सरक कर अपना एक निप्पल मेरे होंठो पर रगड़ दिया और होंठो पर निप्पल महसूस होते ही मैने उसे दांतो से पकड़ लिया और खींचते हुए चूसने लगा रानी सिसकते हुए बोली aahhhh खा जाओ विकी मेरी चुचियों को ..... ऊफफ और कोई 10 मिनट तक ऐसे ही मेरे लंड पर कूदने के बाद उसका बदन अकड़ने लगा थरथराने लगा उसकी आवाज़ बदलने लगी और तेजी से अपनी चूत का दाना मेरे लंड के ऊपर पर घिसते हुए झड़ने लगी और कस के मेरे सीने से चिपक गयी ...... एक डेढ़ मिनट तक उसके बदन में कंपकपी होती रही और धीरे धीरे वो शांत हो गयी ..... और निढ़ाल सी मुझ पर पड़ी रही ...... उधर मेरा लंड बेचैनी की हदों को पार कर रहा था और मैंने फिर से अपनी कमर को हरकत देनी शुरू की लेकिन रानी किसी बेजान लाश सी मुझ पर पड़ी थी ..... मेरी हरकत से उसे होश आया और उसने मेरी आँखों से दुपट्टा खोल दिया और मेरी आँखों मे देखते हुए मुस्कुरा कर बोली आज तो जान निकाल दी तुमने मेरी मैंने कहा अब तो हाथ खोल दे मेरे और फिर उसने मेरे दोनो हाथ खोल दिये ........ और हाथ खुलते ही मैंने धक्का दे कर रानी को अपने ऊपर से हटाया वो बेड पर लेट गयी मैंने बेड से उतर कर नीचे खड़े होते हुए रानी के खुले बाल मुट्ठी में पकड़े और उसे बालों से खींचते हुए बेड के किनारे पर घसीट लिया और फिर उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे पेट के बल लिटा कर फुंफकारते हुए बोला कुतिया बन जा मादरचोद और रानी फौरन ही अपनी गांड़ उभार कर कुतिया बन गयी उसने अपनी गर्दन पीछे मोड़ी और गौर से मुझे देखने लगी ......
मैंने रानी के पीछे खड़े हो कर अपने लंड को जो कि रानी की चूत के रस से लथपथ था मुट्ठी में भर का मसला और रानी की कसी हुई गांड़ के छेद में जो कि उसकी ही चूत के रस से भीग कर चिपचिपा सा हो रहा था अपनी दो उंगलियां बेरहमी से डाल कर तेजी से अंदर बाहर करनी शुरू कर दी रानी फिर से सिसक उठी और बोली aahhh विकी आराम से दर्द होता है ना पर मैंने उसकी बात को नजरअंदाज कर के उंगलियां उसकी गांड़ से निकालते हुए उसकी गांड़ पर थूक दिया और लंड का सुपाड़ा उसकी गांड़ के छेद पर रख कर दोनो हाथो से उसकी कमर पकड़ कर एक जोर का झटका दिया गीली गीली गांड़ में चिकना लंड फिसलते हुए समा गया और रानी एकदम से बिलबिला कर आगे को फिसल कर अपनी गांड़ से लंड निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं सावधान था ...... मैंने अपने हाथों की पकड़ उसकी कमर पर मजबूत करते हुए उसे अपने लंड की ओर खींचा और तेजी से कमर को झटके देते हुए लंड के हमले उसकी गांड़ पर करने शुरू कर दिए और फिर वो सिसकते हुए खुद को मेरे हवाले कर के अपनी गांड़ हो रहे दर्द को पीने की कोशिश करते हुए एक हाथ अपनी टांगो के बीच घुसा कर अपनी चुत के दाने को रगड़ते हुए आहें भरने लगी ....... बस कुछ ही धक्कों के बाद लंड ने गांड़ के कैसे हुए छेद को ढीला करते हुए जगह बना ली और फिर मैंने उसके बालों को एक हाथ से मुट्ठी में पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए तेजी से पूरी रफ्तार में उसकी गांड़ चोदनी शुरू कर दी धीरे धीरे वो भी मस्ती में आने लगी एक बार उसकी बुर में तरंग उठने लगी और वो भी अपनी गांड़ को मेरे लंड पर दबाते हुए गांड़ मरवाने का आनंद लेने लगी ....... मैं तो बस मदहोशी में उसकी गांड़ में लंड के धक्के लगाए जा रहा था और तभी उसके नंगे चिकने हिल रहे चूतड़ पर नजर पड़ते ही मेरे मन मे कुछ आया और मैंने एक थप्पड़ खींच के उसके चूतड़ पर लगाते हुए और तेजी से लंड उसकी गांड़ में पेलना शुरू किया ...... कमरे में पहले ही थप थप की आवाज़ गूंज रही थी और उसके साथ ही चटाक की आवाज़ गूंजी और रानी का गोरा चूतड़ लाल होने लगा रानी सिसिया कर बोली आहह राजा ऐसे ही चोदो अपनी रण्डी अपनी रखैल अपनी कुतिया को और उसने अपनी बुर का दाना चुटकी में भर कर जोर से मसल दिया .......
मैं एकदम से झड़ने की कगार पर आ गया था किसी भी पल मेरा लंड खौलता लावा उगलने को तैयार था ...... मैंने एकदम से अपना लंड रानी की गांड़ से निकाला और उसके बाल पकड़ कर खींचते हुए उसे बेड से नीचे उतार कर अपने सामने बिठा लिया वो समझ गयी मैं क्या चाहता हूं उसने पंजो पर बैठते हुए मेरा लंड मुट्ठी में पकड़ा और सुपाड़े को होंठो में दबा कर जीभ फिराते हुए लंड को मुठियाने लगी और मेरी आँखों मे देखते हुए बोली आहह विकास अब झड़ जाओ पिला दो मुझे अपने लंड का गरम रस भर दो मेरा मुह अपने वीर्य से उफ़्फ़फ़ और इसी के साथ मेरी टांगे कांपने लगी और मेरे सुपाड़े से एक पिचकारी से निकली और रानी के होंठो से ले कर माथे तक वीर्य की एक सफेद रेखा खींच गयी ....... एक के बाद एक उसके पूरे चेहरे पर वीर्य की लकीरें बनती गयी और वो मुह खोले प्यासी नजरो से मेरे लंड को देखते हुए उसे अपनी जीभ से चाटने लगी ...... आखिरी कुछ बूंदे उसकी जीभ पर टपका कर मैं बेड पर गिर पड़ा और मेरी आँखें बंद हो गईं .......,
कोई आधे घंटे मैं वैसे ही पड़ा रहा बेसुध सा फिर मुझे होश आया और मैंने देखा कि रानी वैसे ही नंगी मेरी बगल में बैठी है उसने मेरी आँखों मे देख कर कितनी बेरहमी से चोदते हो मेरी जान मैंने भी मुस्कुरा कर कहा तू चीज ही ऐसी ही जानेमन फिर मैंने उठ कर कपड़े पहने रानी ने कहा जा रहे हो क्या मैंने कहा हां काफी टाइम हो गया और कुछ काम भी है फिर रानी ने भी कपड़े पहने और मैं बाइक उठा कर चल दिया वहां से ....... मैं घर के आधे रास्ते तक पहुंचा ही था कि मुझे लगा मैं कुछ भूल रहा हूँ ......, मेरा फोन नही था मेरे पास शायद मैं उसे रानी के यहां भूल गया था ......, ,ओह शिट ये क्या हो गया उस फोन में दीदी के pic हैं और वो लॉक भी नही है मैंने फौरन बाइक मोड़ी और तेजी से भगाता हुआ फिर से रानी के घर आया मैंने गेट खटखटाया तो रानी अंदर से आई मुझे देख कर बोली फोन लेने आये हो.....?
मैंने हां में सर हिलाया तो उसने अंदर से फोन ला कर दिया और मैं वापस घर की ओर चल पड़ा।
बहुत ही कामुक और गरमागरम अपडेट है
रानी की आज फिर दमदार और घमासान चूदाई हुई मजा आ गया
 
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