मैं वापस घर आ गया पापा आफिस के लिए निकल चुके थे मम्मी और दीदी बैठी बातों में मशगूल थीं । मैं भी वहीं बैठ गया मम्मी ने कहा क्यों विकास कैसे लगे तुझे ये लोग मैंने कहा बढ़िया है, सब अच्छे लोग हैं दीदी खुश रहेंगी इनके घर जा कर , मम्मी ने कहा मुझे तो सबका स्वभाव अच्छा लगा एकदम सरल लोग हैं ........ और प्रतीक तो एकदम सीधा सादा है, मैं मन ही मन मुस्कुरा दिया मम्मी की बात सुन कर और बोला हां एकदम गुड बॉय है मेरी तरह, मेरी बात सुन कर दीदी हंसने लगी और बोली तू और गुड बॉय मैंने उन्हें आंखे दिखाते हुए अकड़ कर कहा क्यों मैं बैड बॉय हूँ क्या ?
दीदी बोली मैं क्या जानू मम्मी बोली क्यों तंग कर रही मेरे बेटे को कितना प्यारा बच्चा है मेरा , देख नही रही कल से कितना ख्याल रख रहा तेरी ससुराल वालों का , तेरे पापा को तो किसी चीज से कोई मतलब ही नही है........ बस पैसे पकड़ा देते हैं निकाल कर मैंने कहा ऐसी कोई बात नही है मम्मी पैसे तो वो ही कमा कर लाते हैं हम सब के लिए और जिसका जो काम है वो कर रहा है मेरी बात सुन कर मम्मी ने मुझे गले से लगा लिया और बोली मेरा बेटा समझदार हो गया है पर ये अभी बेवकूफ ही है सारा दिन उसे तंग करती रहती है दीदी ने झूठ मूठ का मुह फुला कर कहा ठीक है ना ये बेवकूफ अब कुछ दिन में ही चली जायेगी फिर अपने समझदार बेटे के साथ रहना आराम से दीदी की इस बात से मम्मी की आंखों में आंसू आ गए उन्होंने दीदी को भी अपने गले से लगा लिया और बोली मेरे दोनो बच्चे मेरे जिगर के टुकड़े हैं मैंने मौका पा कर दीदी की बांह पर चिकोटी काट ली और वो बोली देखो मम्मी अब ये फिर से मुझे तंग कर रहा है मम्मी बोली तुम दोनों का झगड़ा तो कभी खत्म होगा नही मैं जा रही थोड़ी देर आराम करने और वो उठ कर अपने कमरे में चली गईं ।
मैं भी अपने कमरे में आ गया थोड़ी देर बाद दीदी भी मेरे कमरे में आई उनके हाथ मे फोन वाला बॉक्स था जो अभी भी पैक था उन्होंने बेड पर बैठ कर उसकी पैकिंग खोली फिर बॉक्स खोल कर चमचमाता हुआ फोन निकाला और उसे देख खुशी से उछलते हुए बोली वाओ कितना मस्त फोन है ना मैंने कहा हां लेकिन जिसका फोन है वो ज्यादा मस्त है दीदी मुस्कुरा कर मुझे देखने लगीं फिर वो फोन में व्यस्त हो गईं नया फोन चीज ही है ऐसी है हाथ लगे तो इंसान थोड़ी देर के लिए सब कुछ भूल जाता है ......
दीदी अभी उसे देख ही रही थीं तभी उनके फोन पर कॉल आने लगी उन्होंने मेरी ओर देखा मैंने देखा तो किसी नंबर से कॉल आ रही थी मैंने कहा दीदी रिसीव करो और स्पीकर पर डालो दीदी ने कॉल रिसीव की और स्पीकर पर डाली उधर से प्रतीक की आवाज़ आयी हेलो निकिता.....
दीदी- हेलो
प्रतीक- अरे नही पहचाना क्या मैं प्रतीक
दीदी- जी पहचान गयी
प्रतीक- मैंने सोचा तुम्हारे पास मेरा नंबर नही है तो कॉल कर लूं अगर तुम्हारा मन हो मुझसे बात करने का तो .....
दीदी- सही किया आपने मैं सेव कर लुंगी आपका नंबर
प्रतीक-मैंने तो सेव कर लिया तुम्हारा नंबर अपने फोन में और तुम्हारी तस्वीर अपने दिल में
दीदी- ह्म्म्म
प्रतीक-लगता है आपको मुझसे बातें करना अच्छा नही लग रहा एक हम हैं जो आपकी आवाज सुनने के लिए ट्रेन के टॉयलेट में घुसे हुए हैं और आप तो कुछ बोल ही नही रही .....
दीदी- आप टॉयलेट में क्यों हैं बाहर बात नही कर सकते क्या.....?
प्रतीक - अब मम्मी के सामने बात करना न करना एक बराबर तो यहां आ के कॉल की
दीदी- ok ज्यादा देर टॉइलेट में रहेंगे तो मम्मी को पता चला जायेगा आप किसी से बात कर रहे हो
प्रतीक- तो चल जाने दो ना अपनी होने वाली बीवी से ही तो बात कर रहा हूँ
दीदी- ठीक है
प्रतीक- आई लव यू निकिता
दीदी- हूं
प्रतीक- ये हूँ क्या है
दीदी- (धीमी आवाज़ में) मम्मी पास में हैं अभी समझो ना
प्रतीक- ok ok समझ गया मैं फिर रात में कॉल करूँ
दीदी- हां
प्रतीक-फिर उस टाइम तो हूं हां नही करोगी ना
दीदी-नही
प्रतीक-आई लव यू बोलोगी ना मुझे एक बार सुनना है तुम्हारे मुह से
दीदी- ठीक है
प्रतीक- ok bye जान लव यू
दीदी- bye लव यू टू
और दीदी ने जल्दी से फोन काट दिया
मैंने उदास होते हुए कहा अब तो नया नया प्यार मिल गया है लोगों को मुझे कौन पूछेगा दीदी ने मुझे घूरते हुए कहा आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की ये नया नया प्यार एक्सेप्ट करने के लिए आपने ही मुझे कन्विंस किया था और मैंने इस नए नए प्यार से बहोत पहले ही तुम्हे आई लव यू बोला है एक बार नही कई बार और हां भले ही मेरी शादी हो जाये मैं प्रतीक से कितना भी प्यार करने लग जाउं पर इसका ये मतलब की नही तुम्हारे लिए मेरा प्यार कम हो जाएगा यकीन ना हो तो कर के दिखाऊँ उनका मतलब समझ कर मैं हड़बड़ाते हुए बोला नही नही मुझे पूरा यकीन है आप पर और आपके प्यार पर मेरी हड़बड़ाहट देख कर दीदी हंस पड़ी और उनके गाल का डिंपल देख कर मेरा दिल बेकाबू हो गया मुझे ऐसे अपनी ओर देखते देख कर दीदी बोली विकी गिव मी अ हग प्लीज और मेरे पास आ कर मेरे सीने से लग गई मैंने भी दीदी को जोर से बाहों में कस लिया और बोला ये किस खुशी में दीदी ने कहा आज से 20-25 दिन पहले मैं कितने तनाव परेशानी और मुसीबत से जूझ रही थी यहां तक कि मैंने एक बार सुसाइड का भी सोच लिया था ये सुनते ही मैंने उनके होंठो पर हाथ रख दिया और बोला आपने ये सोचा भी कैसे दीदी......,
दीदी ने मेरा हाथ अपने मुह से हटाते हुए कहा बस सोचा था...... किया नही ना तेरे होते मैं ऐसा कैसे कर सकती हूं ...... पर तूने जिस तरह से इतनी जल्दी मेरी सारी परेशानियां खत्म कर के मेरा जीवन इतनी खुशियों से भर दिया समझ नही आ रहा कैसे तेरा ये अहसान ये उतारूंगी दीदी की बात से मेरी आँखों मे आंसू आ गए मैंने भरे गले से बोला बस अभी शादी हुई भी नही और कर दिया ना मुझे पराया अब मैं आपके लिए कुछ करूँ तो वो अहसान होगा मेरा आप पर ठीक है मैं आज से कुछ नही करूँगा आपके लिए क्यों कि फिर आपके सर पर मेरे अहसान का बोझ बढ़ता जाएगा ...... मेरे दुख और गुस्से को महसूस करके दीदी ने मेरे गाल को चूम कर मेरे आंसू पोंछते हुए कहा मेरे कहने का वो मतलब नही था पागल ......, सॉरी मैं बेवकूफ हूँ न तेरे जितनी समझदार नही हूँ मुझे अपनी बात कहने का सही तरीका नही आता ...... मम्मी सही कहती हैं मैं बेवकूफ की बेवकूफ ही हूँ उनकी बात सुन कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गयी और दीदी ने कहा विकी मैं चाहती हूं कि मेरी शादी से पहले एक बार ही सही मैं अपना सब कुछ तुझे देना चाहती हूं मैंने फिर से उनके मुह पर हाथ रख कर कहा नही दीदी हम जो कर रहे हैं वो ही गलत है और इस से ज्यादा कुछ नही हांलाकि मेरा मन मुझे उनकी बात मानने के लिए उकसा रहा था पर मैंने अपने मन की इच्छा को दृढ़ता से दबा दिया ...... और बोला दीदी जो जैसे चल रहा है चलने दो अब आप पर प्रतीक का अधिकार है बाकी आपका जो थोड़ा सा प्यार है मेरे लिए काफी है ...... और मैंने दीदी के गाल को चूम लिया दीदी कस के मुझसे लिपट गयीं और काफी देर तक हम यूँ ही एक दूसरे को बाहों में भरे खड़े रहे.......
मेरे फोन की रिंग से हमे होश आया और मैंने फोन निकाला रानी का कॉल था मैंने दीदी से कहा संजय का कॉल है मुझे उससे मिलने जाना है और फिर मैं नीचे आ गया बाइक उठाई और घर से बाहर आ कर रानी को कॉल बैक की उसने कॉल उठाते ही कहा कितना तड़पाओगे मेरी जान तुम्हारी याद में उंगली कर कर के मैंने अपनी चूत का सत्यानाश कर लिया है अब तो आ जाओ मैंने कहा एड्रेस दो कहाँ आना है अभी आता हूँ उसने मुझे ठीक से पता बताया और बोली पहुंच कर मुझे कॉल करना मैं उसके बताए पते पर पहुंच गया और उसे कॉल की उसने कहा वेट और कुछ सेकेंड में ही मैं जहां खड़ा था उससे तीन घर आगे वाले घर का गेट खुला और रानी ने मुझे आने का इशारा किया ...... मैंने बाइक अंदर ही ले ली और स्टैंड पर लगा कर खड़ा हुआ रानी ने गेट बंद किया और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर ले आयी उसने एक वाइट स्कर्ट पहनी थी जो उसके घुटनो से 5 इंच नीचे तक थी ऊपर उसने एक स्लीवलेस ब्लू टॉप पहना था और उसकी उभरी हुई चुचियाँ और भरी हुई गांड़ उसे एकदम सेक्सी लुक दे रही थी ...... उसकी चूची और गांड़ निहारते हुए मैं अंदर आ गया ........ ये एक छोटा सा पुराना मकान था जिसकी दीवारें गवाही दे रही थी कि सालों से इन्हें पेंट नसीब नही हुआ है वहां एक के बाद एक दो कमरे थे और बाहर गेट के बगल में ही एक छोटा सा बाथरूम था ।
इस कमरे में एक पुराना सा बेड पड़ा था और तीन कुर्सियां रखी थीं एक कोने में एक अलमारी खड़ी थी मैं कुर्सी पर बैठ गया तो रानी पीछे वाले कमरे में चली गयी और गिलास में पानी ले कर आई उसने मुझे गिलास पकड़ाया और बेड पर बैठ गयी फिर वो दीदी के बारे में पूछने लगी कि उनकी शादी का क्या हुआ मैंने उसे सब बताया कि उनकी शादी तय हो गयी है और जल्दी ही शादी हो जाएगी उसने कहा अपनी दीदी और जीजा जी की फ़ोटो दिखाओ मैंने जेब से फ़ोन निकाला (मैंने दो दिन पहले ही अपना सिम विनय वाले फोन में डाल लिया था क्यों कि विनय का फ़ोन मेरे पुराने फ़ोन से लाख गुना बेहतर था और इसका कैमरा भी बढ़िया था तो कल के प्रोग्राम की फ़ोटो मैंने इसी फोन से ली थी हांलाकि मैं एक बढ़िया सा फ़ोन लेने की सोच रहा था पर दो तीन दिन से व्यस्तता के चलते मुझे टाइम नही मिला तो मैंने विनय का फोन ही इस्तेमाल करना शुरू कर दिया)
मेरे हाथ मे फोन देख कर रानी उसे गौर से देखने लगी मैंने गैलेरी खोल कर उसे दीदी और जीजा जी की pic दिखाई वो बड़े गौर से सारी pic देखने लगी मुझे टॉयलेट लगी थी तो मैंने उससे पूछा उसने बताया कि बाहर किनारे में है बाथरूम और मैं बाथरूम चला आया दो मिनट बाद जब मैं निपट कर अंदर आया तो देखा वो मेरे फोन में झुकी हुई गौर से कुछ देख रही थी मुझे आता देख उसने जल्दी से फोन का बैक बटन जल्दी जल्दी दबाया और फोन रख दिया बेड पर और बोली बड़ी अच्छी जोड़ी है तुम्हारे जीजा और दीदी की मैं आ कर बेड पर बैठ गया और उस से पूछा रानी तुम्हारे परिवार में कौन कौन है वो बताने लगी कि उसकी माँ और एक छोटा भाई है मैंने उसके पापा के बारे में पूछा तो उसने बताया उनका कई साल पहले देहांत हो गया जब वो सिर्फ 12 साल की थी उसके बाद उसकी माँ ने किसी तरह कुछ घरों में काम कर के उसे और उसके भाई को पाला पोसा और जब वो इंटर की पढ़ाई पूरी कर चुकी तो पैसे के अभाव में उसने पढ़ाई छोड़ दी और इधर उधर प्राइवेट जॉब कर के कुछ पैसे कमाने लगी ताकि उसका भाई पढ़ सके .......
उसकी बात सुन कर मुझे उससे थोड़ी हमदर्दी हुई और मुझे लगा ये सब वो शायद अपनी मर्ज़ी से नही मजबूरी से करती है ...... मैंने कहा रानी अगर तुम्हे कभी किसी चीज की जरूरत हो या कोई हेल्प चाहिए हो तो बे झिझक मुझसे कहना मेरी बात सुन कर वो गौर से मुझे देखने लगी ...... मैंने पूछा क्या हुआ ऐसे क्यों देख रही हो वो बोली मुझे कुछ दिन पहले पुरानी नौकरी से निकाल दिया गया है और नई नौकरी अभी मिली नही है भाई की तीन महीने की फीस बाकी है और मम्मी पैसों का इंतजाम करने ही मामा जी के यहां गयी हैं .......
मैंने पूछा कितनी फीस है तुम्हारे भाई की उसने बताया कि हजार रुपये महीने फीस है मैंने जेब से 5000 रुपये निकाल कर उसके हाथ पर रख दिये और बोला अभी ये रखो बाकी फिर देखेंगे उसने पैसे ले कर रख लिए और बोली थैंक्स विकास मुझे वाकई में इस समय पैसों की बेहद जरूरत थी मैंने कहा कोई नही इंसान ही इंसान के काम आता है ...... और फिर रानी ने मेरी गर्दन में हाथ डाल कर मुझे अपनी ओर खींच लिया और मुझे अपने सीने से लगा कर मेरा चेहरा अपनी चुचियों से भींच लिया और फुसफुसा कर बोली एक जरूरत तो पूरी कर दी मेरी जान पर मेरी प्यासी चूत को तुम्हारे मस्त लौड़े की भी जरूरत है और उसने अपना हाथ मेरी जीन्स पर रख कर मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया ...... रानी की नरम चुचियाँ के बीच मेरा मुह फंसा हुआ था और मैंने एक हाथ उसकी पीठ पर रख कर सहलाते हुए कहा रानी मैं भी बहोत बेताबी से इंतजार कर रहा था तुमसे मिलने का मेरा लंड भी बेचैन था तुम्हारी चूत में समाने के लिए उसने मुझे थोड़ा सा अलग कर के अपना टॉप ऊपर उठाते हुए निकाल दिया उफ़्फ़फ़ साली ने नीचे ब्रा भी नही पहनी थी उसकी गोरी मांसल फूली हुई चुचियाँ देख कर मेरा लंड मचल कर खड़ा हो गया और मैंने देर ना करते हुए झुक कर रानी के दाएं निप्पल जो कि एकदम फूल कर कड़ा हो रहा था को जीभ से चाटने लगा मेरी जीभ का स्पर्श पा कर रानी मचल उठी और सिसियाते हुए बोली आहह विकास चूस लो राजा मेरे निप्पल्स को मेरी चुचियाँ दबा दबा कर चुसो इन्हें निचोड़ लो आज इन्हें जी भर के और मैंने उसे धक्का देते हुए बेड पर गिरा दिया उसकी चुचियाँ तक कर खड़ी थी वो बड़े गौर से मुझे अपनी चुचियाँ घूरते देख रही थी फिर अचानक उसने अपनी उंगलियां अपने दोनो निप्पल्स पर फिरानी शुरू कर दिन जीन्स में अकड़ा कर मेरा लंड दर्द करने लगा था और झटके मारते हुए जेएनयू के स्टूडेंट्स जैसे नारे लगा रहा था....... ले के रहेगें आज़ादी ........और मैंने उसकी मांग मानते हुए जीन्स के बटन खोल के ज़िप नीचे सरकाई और हाथ डाल कर लंड को बाहर निकाल लिया और उसे सहलाने लगा .......
तभी मेरे ठरक से भर रहे दिमाग मे कुछ आया और मैंने रानी से पूछा कुछ पीती वीती हो या नही वो हैरानी से मुझे देखने मैंने अपनी बात दोहराई तो वो बोली हां कभी कभी लेकिन क्यों पूछ रहे हो मैंने वो सब छोड़ो ये बताओ तुम्हारी मम्मी कब आएंगी वो बोली शायद आज देर रात तक या कल सुबह मैंने कहा एक काम करो उन्हें कॉल करके कंफर्म करो और मैं थोड़ी देर में आता हूँ ये कहते हुए मैंने अपने खड़े हो चुके लंड को दो तीन बार सहलाया रानी की आंखों ले सामने और उसे अंडरवियर में ठूंस कर जीन्स के बटन लगा दिए और बाहर निकल गया। मैंने गेट खोल कर बाइक निकाली और गली से बाहर आया थोड़ी दूर पर ही एक बियर शॉप मिल गयी मैंने दो ठंडी टुबर्ग की कैन ले कर डिक्की में डाली एक गोल्ड फ्लैग जेब मे डाली और बाइक स्टार्ट कर के वापस रानी के घर आ गया।
रानी गेट के पास ही फोन लिए टहल रही थी मैंने अंदर आते हुए गेट बंद किया और डिक्की से बियर निकाल कर अंदर वाले कमरे की ओर चल दिया पीछे से रानी भी आ गयी मैंने पूछा क्या हुआ मम्मी का तो वो बोली वो तो अब कल ही आएंगी मामा ने आज शाम तक पैसे का इंतजाम करने को बोला है उसकी बात सुन कर मैंने कहा यानी अभी कम से कम 3 घंटे हैं मेरे पास उस वक़्त दोपहर के 12 बज रहे थे...... वो बोली देख लो तुम्हे जितना टाइम हो तुम्हारे पास मेरे पास तो पूरी रात का टाइम है तुम्हारे लिये चाहो तो आज रात भर मेरी चूत और गांड़ मज़ा लो नॉनस्टॉप, मैंने हंसते हुए कहा इंसान हूँ सुपरमैन नही और एक बियर उसे दे कर अपनी खोल ली उसने भी अपनी कैन खोली और हम ठंडी बियर का स्वाद लेने लगे ...........
मैंने एक घूंट भर कर कहा रानी वो बड़े प्यार से बोली हां राजा मैंने कहा आज तू जी भर के मेरा लंड चूस लियो वो बोली जरूर मेरी जान तुम अपनी पैंट निकाल कर क्यों नही बैठते हो मैं कब से देख रहा हूँ तुम्हारा मोटा लंड उसमे समा नही रहा क्यों बेचारे को इतनी तकलीफ दे रहे हो मैंने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा साली इतनी ही फिक्र है मेरे लंड की तो उसे जल्दी से अपने मुह में ले ले ना रानी उसने बियर पीते पीते ही एक हाथ से मेरी जीन्स खोलनी शुरू कर दिऔर जल्दी ही उसे मेरे घुटनो तक सरका दिया और फिर अंडी में उभरे हुए मेरे लौड़े को मसलते हुए बियर चुसकने लगी उसने कुछ देर ऐसे ही मेरे लंड से खेलने के बाद अंडी को भी नीचे खींच दिया और मेरा लंड फनफनाता हुआ उसके चेहरे के सामने झूलने लगा नंगे लंड पर हाथ फिराते हुए उसने प्यासी नजरो से मेरी ओर देख कर कहा विकी मेरी जान मुझे आज इस लौड़े का रस पीना है उस दिन जैसे ही और अपने रसीले गुलाबी होंठ सुपाड़े पर चिपका कर एक गीला सा चुम्मा ले लिया और अपने होंठो पर जीभ फिराते हुए बची हुई बियर एक सांस में पीती हुई खाली कैन को एक कोने में उछाल दिया ...... मैं उसकी इन गरम हरकतों से और मस्ती में आ रहा था ...... फिर उसने मुझे धक्का दे कर बेड पर बिठा दिया और बड़ी सेक्सी आवाज़ में कहा आज तुम्हे एकदम नए तरीके का मज़ा देती हूं मैं मेरे राजा ....... लेट जाओ और मेरी शर्ट के बटन खोलते हुए उसे निकाल कर फेंक दिया और मेरे सीने को सहलाने लगी ....... मेरी कैन में कोई दो घूंट बियर बची थी मैंने भी उसे अपने हलक में उड़ेला और खाली कैन बेड के नीचे फेंक दी इसी के साथ रानी ने मेरी बनियान भी निकाल दी और मेरे सीने पर अपने होंठ रगड़ते हुए मुझे चूमने लगी उसके गर्म होंठो का अहसास अपने नंगे जिस्म पर मुझे बड़ा प्यारा लग रहा था......
फिर उसने मेरे सीने को पीछे पुश करते हुए मुझे बेड पर लिटा दिया मैंने पूछा किस तरह का नया मज़ा देगी मेरी जान वो बोली बताऊं या बस दूँ मैंने सोचते हुए कहा बता मत दे ही दे और उसने मेरी जीन्स को खींच कर पैरों से निकाल दिया और मेरे बदन का आखिरी कपड़ा मेरी अंडरवियर भी मेरे तन से जुदा कर दिया मैंने अपनी शर्ट उठा कर उसकी जेब से सिगरेट निकाली और रानी से माचिस मांगी वो बेड से उतरी और अपनी गांड़ मटकाते हुए किचन से माचिस ले आयी पर वो सिर्फ माचिस नही लायी थी उसके हाथों में 3 दुपट्टे भी थे ....... वापस आ कर उसने बड़ी अदा से माचिस जलाई और मेरी सिगरेट जला दी मैंने एक कश लिया और सिगरेट धुंवा मेरे दिमाग मे सेक्स का नशा और भड़काने लगा उसने बेड पर बैठते हुए मेरे एक हाथ पर दुपट्टा बांधना शुरू किया और फिर मेरे हाथ बेड के ऊपर लगे हुए हत्थे से बांध दिया मैं हैरानी से उसे देखने लगा उसने आंख मारते हुए ज्यादा सोचो मत बस मज़े लो तुमने मेरी परेशानी दूर की है तो मेरा भी फ़र्ज़ है तुम्हे और तुम्हारे लंड को खुशी दूँ और उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले कर दो तीन कश लगाए और मेरे होंठो पर टूट पड़ी अपने नरम होंठो के मेरे होंठो पर चिपका कर वो गहरी सांसें भरते हुए उन्हें बेरहमी से चूसने लगी...... मेरे बदन में एक आग सी लगने लगी उसने मेरे होंठो को कुछ पल के लिए आज़ाद किया और सिगरेट मेरे होंठो से लगा दी मैंने भी आखिरी दो कश मारे और सिगरेट पूरी तरह सुलग कर खत्म हो गयी पर मेरे जिस्म में सेक्स की आग सुलगने लगी थी जो हर पल और तेज होती जा रही थी रानी ने दूसरा दुपट्टा उठा कर मेरा दूसरा हाथ उसी तरह से बांध कर बेड के दूसरे सिरे से बांध दिया और फिर आखिरी दुपट्टा ले कर उसने उसे मेरी आँखों पर बांध दिया ...... मैं सोच में पड़ गया कि ये साली करना क्या चाहती है मन मे हल्का सा डर भी आया पर अगले ही पल जो हुआ उससे मेरे दिमाग के सारे खयाल उड़ गए ....... मुझे अपने सीने पर किसी गरम और गीली चीज का स्पर्श महसूस हुआ.......
इस स्पर्श को मैं पहचान गया ये रानी की जीभ थी रानी मुझ पर झुकी हुई मेरे सीने को किसी भूखी कुतिया जैसे चाट रही थी मैंने सिसकते हुए कहा साली मुझे बांध क्यों दिया है ऐसे वो बोली जानू अब जो कर दिया है उसके बारे में मत सोचो और मैं जो मज़े देने वाली हूँ उसे एन्जॉय करो ना ये कहते हुए वो अपनी जीभ मेरे निप्पल्स के इर्द गिर्द फिराने लगी और मैं तड़पने लगा मचलने लगा मेरे पूरे जिस्म में करंट से दौड़ने लगा और पूरे बदन का खून मानो मेरे लंड में जा कर भरने लगा मेरे लंड तेजी से ठुमकिया मारने लगा ये देख कर रानी फुसफुसाते हुए बोली आहह विकी तुम्हारा लंड तो ज्यादा ही बेचैन लग रहा मैंने कहा साली रण्डी तेरी हरकते ही ऐसी हैं ....... और उसने मेरे एक निप्पल को होंठो में दबोच कर किसी बच्चे जैसे चूसना शुरू कर दिया ऐसी उत्तेजना मुझे पहले कभी नही हुई थी ये रानी वाकई में सेक्स की खिलाड़ी थी ....... उसने अपने होंठ सीने पर रगड़ते हुए एक निप्पल से दूसरे निप्पल तक का सफर तय किया और फिर उसे भी चूसने लगी इसी के साथ उसने एक हाथ मेरे पेट पर फिराते हुए नीचे ले जा कर मेरे सख्त लंड को अपने कोमल हाथो में भर लिया और सहलाने लगी ...... वो बारी बारी से दोनो निप्पल चूसते हुए लंड को जोर से मुठियाने लगी और फिर मेरी गर्दन को चाटते हुए मेरे होंठो को मुह में भर कर निचोड़ने लगी ....... अब मैं भी अल्कोहल और सेक्स के नशे में सब कुछ भूल कर बस रानी के रंडी पने का आनंद ले रहा था ...... मैंने कहा aaahhhh साली क्यों तड़पा रही है अब अपनी चूत का स्वाद भी चखा दे ना वो हंसी और बोली सारे स्वाद चखाउंगी ना जानू थोड़ा सा तो सब्र करो ...... मैंने सब्र ही तो नही हो रहा बुरचोदी ...... उफ़्फ़फ़ और उसने फिर से मेरे होंठ चूसते हुए अपनी गरम गीली जीभ मेरे मुह में घुसा दी मैं दीवानों की तरह उसकी चूसने लगा चाटने लगा और उसकी हाथ और तेजी से मेरे लंड पर ऊपर नीचे होने लगा फिर कुछ सेकेंड्स बाद वो मुझसे अलग हुई ...... और मुझे ये 25-30 सेकेंड की दूरी भी बर्दाश्त नही हुई मैंने गुस्से से चीखते हुए कहा ...... कहाँ गयी भोसड़ी की रण्डी आ ना मुझे अपनी चूत का रस पिला दे साली छिनाल मुझे कपड़ो की सरसराहट सुनाई दे रही थी पर मैं कुछ देख नही पा रहा था ...... तभी रानी की आवाज़ मेरे कानों में पड़ी ...... कपड़े तो उतार दूँ नंगी हो जाऊं राजा तभी तो तुम मेरी चूत का रस चख पाओगे ........ और कुछ पल बाद ही मुझे अपने सर के पास रानी के खड़े होने का अहसास हुआ और फिर अगले ही पल मेरे होंठो पर मुझे किसी नरम चीज का आभास हुआ मैंने जीभ फिराई उफ़्फ़फ़ रानी की नंगी बिना झांटो वाली चिकनी बुर मेरे होंठो पर थी मैंने देर न करते हुए मुह खोल कर उसकी बुर को मुह में भर लिया और जोर जोर से किसी कैंडी जैसे चूसने लगा और मेरे मुह में रानी की चूत का खट्टा कसैला स्वाद घुलने लगा पर ये स्वाद मेरे लंड की नसों को और सख्त कर रहा था ....... और रानी की बुर को चूसते हुए मैंने एकदम से अपनी जीभ कड़ी के के उसकी चूत में अंदर तक पेल दी और घुमा घुमा का चाटने लगा रानी की बुर के अंदर के गूदेदार मांस को ..... रानी के मुह से आहें निकलने लगी वो सिसियाते हुए बोली aaahhhh विकी पागल कर रहे हो तुम आज मुझे लगता है ऐसे ही चटवा कर झड़ जाऊंगी मैं आज और मैंने जीभ को बुर से निकाल कर उसकी चूत की क्लिट पर फिराना शुरू कर दिया वो एकदम से सिसक कर अपनी गांड़ का पूरा जोर डाल कर मेरे मुह पर बैठ गयी और अपनी गांड़ हिलाते हुए अपनी गीली रस बहा रही बुर को मेरे पूरे मुह पर रगड़ने लगी ....... कुछ देर तक मेरे मुह पर चूत रगड़ने के बाद वो उठने लगी मैंने कहा रानीईई...... वो बोली हां मेरे राजआआआ ...... मैंने कहा गांड़ ..... गांड़ भी चाटूँगा आज तेरी मेरी बात सुन कर वो वापस बैठ गयी मेरे मुह पर और थोड़ा सा आगे सरक कर अपने नंगे चूतड़ों में मेरा चेहरा दबा लिया और बोली लो राजा चाट लो अपनी रण्डी अपनी रानी की गांड़ और मैंने लम्बी सी जीभ निकाल कर रानी के नंगे नरम चूतड़ों पर फिरानी शुरू कर दी और धीरे धीरे रानी के चूतड़ों को चाटते हुए मैं अंदाज़ से अपनी जीभ रानी के चूतड़ों के बीच उसकी गांड़ की दरार में फिराने लगा और आखिर में मेरी जीभ की नोक ने रानी की गांड़ के कसे हुए उभारदार खुरदुरे छेद को महसूस किया और मैं रानी का गांड़ का छेद जीभ से कुरेदते हुए उसे चाटने लगा रानी बावली सी हो गयी और बोली aahhhhh विकी खा जाओ मेरी गांड़ को उफ़्फ़फ़ कितना मज़ा आ रहा है मेरे पूरे बदन में चिंगारी सी उठ रही है मेरे राजा लव यू मेरी जान और मैंने उसकी सेक्सी ठरक से भरी आवाज़ सुन के उसकी गांड़ का छेद अपने होंठो में दबा लिया और चूसने लगा ...... रानी ने अपना पूरा भार मेरे मुह पर डालते हुए मुझे अपनी मोटी गांड़ में भींच लिया और तेजी से सिसकते हुए बोली aahhhhh विकास मैं गयी झड़ गयी मेरी रण्डी बुर टपका दिया मेरी बुर ने रस और ये कहते हुए उसने सरक कर अपनी बुर मेरे मुह में लगभग जबरदस्ती घुसा दी और बोली लो पियो मेरी चूत का रस राजा बुझा लो अपनी प्यास और वो तेजी से आहें भरते हुए मेरे मुह में अपना रस टपकाने लगी .......और मैं उसकी बुर अपने मुह में भर कर चूसते हुए रानी की बुर का रसपान करने लगा ........
झड़ने के बाद वो दो तीन मिनट तक ऐसे ही बैठी रही मेरे मुह पर मैं मुश्किल से सांस ले पा रहा था फिर वो उठी और मेरे पैरों के पास बैठ गयी और झुक कर मेरे पैरों पर जीभ फिराते हुए उन्हें चाटने लगी ...... मैं एक बार फिर से उत्तेजना से पागल होने लगा उसकी जीभ मेरी टांगो से घूमती हुई जांघो पर फिरने लगी और फिर मेरे अंडकोश को चाटने हुए उसने लंड की जड़ पर चुम्मा दिया ऊऊमममम ..... और फिर एकदम से बड़ा सा मुह खोल कर लंड को गप्प से मुह में भर कर तेजी से चूसने लगी ...... मेरे मुह से बस आहें और सिसकियां निकल रही थी पर रानी अपनी गर्दन को तेजी से हिलाते हुए मेरा लंड चूसने में लगी हुई थी ....... कोई 5 मिनट तक वो ऐसे ही लंड की चूसती रही उसका थूक लंड से बहता हुआ मेरे आंड़ को भिगोता हुआ मेरी गांड़ तक जा रहा था ......
फिर उसने मुह से लंड निकाला और बोली विकी जब तुम मेरी गांड़ चाटते हो तो मुझे बहोत अच्छा लगता है ...... मैंने कहा aaahhhh रानी मुझे भी अच्छा लगता है तुम्हारी गांड़ और चूत चाटना ...... रानी बोली मैं सोच रही हूं ये मज़ा तुम्हे भी दूँ मैं और इसी के साथ रानी ने मेरे पैरों को दोनो हाथो से पकड़ कर उपर हवा में उठाते हुए विपरीत दिशा में फैला दिया और झुक कर अपने होंठ मेरी गांड़ के छेद पर रख दिये और मैं तो एकदम से तड़प कर हवा में उछल सा गया ...... मैंने चीखते हुए कहा aaaahhhh रानी ...... और रानी ने मेरी गांड़ के छेद पर जीभ फिरानी शुरू कर दी वो भी उसी मस्ती से मेरी गांड़ को चाटने लगी जैसे कुछ देर पहले मैं उसकी गांड़ को चाट रहा था अब मेरे बर्दाश्त से बाहर होने लगा मैं कैसे भी झड़ना चाहता था अपने लंड से गरम गरम वीर्य रानी के जिस्म में भरना चाहता था उसके किसी भी छेद में इसके सिवा मुझे कुछ नही सूझ रहा था .......
मैंने कहा रानी साली रांड अब खोल से मुझे तेरी चूत चोदनी है मुझे कुतिया मेरी बात अनसुनी करते हुए रानी ने मेरे थूक से तर लंड के पकड़ कर सहलाते हुए और तेजी से जीभ मेरी गांड़ पर फिरानी शुरू कर दी ....... मैं अपने हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगा पर वो मजबूती से बंधे हुए थे मैंने कहा ...... रानीईईई aahhh अब नही बर्दाश्त हो रहा ले ले अपने बुर में मेरा लौड़ा और शायद रानी को मुझ पर तरस आ गया और वो फुर्ती से उठी और मेरी कमर पर बैठ कर उसने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत की दरार पर रगड़ा और फिर तेजी से लंड पर चूत को दबाते हुए उसे जड़ तक अपनी चूत में समा लिया उसकी चूत और मेरा लंड दोनो थूक से भीगे हुए थे इसलिए लंड सरसराता हुआ बिना किसी रुकावट के जा कर उसकी बच्चेदानी पर टकराया और वो एकदम से कांप कर बोली aahhh विकी आज तो ज्यादा ही सख्त और मोटा लग रहा है तुम्हारा मूसल और वो तेजी से उछलने लगी मेरे लंड पर ...... मैं भी यथासंभव अपनी कमर नीचे से उछालते हुए तेजी से धक्के देते हुए रानी की बुर चोदने लगा और लंड पर उछलते हुए रानी मेरे सीने पर लेट गयी और अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए और मेरे होंठ चूसते हुए पूरी ताकत से अपने चूतड़ों को मेरे लंड पर पटकने लगी उसकी रफ्तार एक समान गति से चल रही थी और मेरा लंड उसकी बुर की नरम दीवारों को रगड़ता हुआ अच्छे से उसकी बुर की चुदाई कर रहा था ....... और फिर उसने थोड़ा सा ऊपर सरक कर अपना एक निप्पल मेरे होंठो पर रगड़ दिया और होंठो पर निप्पल महसूस होते ही मैने उसे दांतो से पकड़ लिया और खींचते हुए चूसने लगा रानी सिसकते हुए बोली aahhhh खा जाओ विकी मेरी चुचियों को ..... ऊफफ और कोई 10 मिनट तक ऐसे ही मेरे लंड पर कूदने के बाद उसका बदन अकड़ने लगा थरथराने लगा उसकी आवाज़ बदलने लगी और तेजी से अपनी चूत का दाना मेरे लंड के ऊपर पर घिसते हुए झड़ने लगी और कस के मेरे सीने से चिपक गयी ...... एक डेढ़ मिनट तक उसके बदन में कंपकपी होती रही और धीरे धीरे वो शांत हो गयी ..... और निढ़ाल सी मुझ पर पड़ी रही ...... उधर मेरा लंड बेचैनी की हदों को पार कर रहा था और मैंने फिर से अपनी कमर को हरकत देनी शुरू की लेकिन रानी किसी बेजान लाश सी मुझ पर पड़ी थी ..... मेरी हरकत से उसे होश आया और उसने मेरी आँखों से दुपट्टा खोल दिया और मेरी आँखों मे देखते हुए मुस्कुरा कर बोली आज तो जान निकाल दी तुमने मेरी मैंने कहा अब तो हाथ खोल दे मेरे और फिर उसने मेरे दोनो हाथ खोल दिये ........ और हाथ खुलते ही मैंने धक्का दे कर रानी को अपने ऊपर से हटाया वो बेड पर लेट गयी मैंने बेड से उतर कर नीचे खड़े होते हुए रानी के खुले बाल मुट्ठी में पकड़े और उसे बालों से खींचते हुए बेड के किनारे पर घसीट लिया और फिर उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे पेट के बल लिटा कर फुंफकारते हुए बोला कुतिया बन जा मादरचोद और रानी फौरन ही अपनी गांड़ उभार कर कुतिया बन गयी उसने अपनी गर्दन पीछे मोड़ी और गौर से मुझे देखने लगी ......
मैंने रानी के पीछे खड़े हो कर अपने लंड को जो कि रानी की चूत के रस से लथपथ था मुट्ठी में भर का मसला और रानी की कसी हुई गांड़ के छेद में जो कि उसकी ही चूत के रस से भीग कर चिपचिपा सा हो रहा था अपनी दो उंगलियां बेरहमी से डाल कर तेजी से अंदर बाहर करनी शुरू कर दी रानी फिर से सिसक उठी और बोली aahhh विकी आराम से दर्द होता है ना पर मैंने उसकी बात को नजरअंदाज कर के उंगलियां उसकी गांड़ से निकालते हुए उसकी गांड़ पर थूक दिया और लंड का सुपाड़ा उसकी गांड़ के छेद पर रख कर दोनो हाथो से उसकी कमर पकड़ कर एक जोर का झटका दिया गीली गीली गांड़ में चिकना लंड फिसलते हुए समा गया और रानी एकदम से बिलबिला कर आगे को फिसल कर अपनी गांड़ से लंड निकालने की कोशिश करने लगी लेकिन मैं सावधान था ...... मैंने अपने हाथों की पकड़ उसकी कमर पर मजबूत करते हुए उसे अपने लंड की ओर खींचा और तेजी से कमर को झटके देते हुए लंड के हमले उसकी गांड़ पर करने शुरू कर दिए और फिर वो सिसकते हुए खुद को मेरे हवाले कर के अपनी गांड़ हो रहे दर्द को पीने की कोशिश करते हुए एक हाथ अपनी टांगो के बीच घुसा कर अपनी चुत के दाने को रगड़ते हुए आहें भरने लगी ....... बस कुछ ही धक्कों के बाद लंड ने गांड़ के कैसे हुए छेद को ढीला करते हुए जगह बना ली और फिर मैंने उसके बालों को एक हाथ से मुट्ठी में पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए तेजी से पूरी रफ्तार में उसकी गांड़ चोदनी शुरू कर दी धीरे धीरे वो भी मस्ती में आने लगी एक बार उसकी बुर में तरंग उठने लगी और वो भी अपनी गांड़ को मेरे लंड पर दबाते हुए गांड़ मरवाने का आनंद लेने लगी ....... मैं तो बस मदहोशी में उसकी गांड़ में लंड के धक्के लगाए जा रहा था और तभी उसके नंगे चिकने हिल रहे चूतड़ पर नजर पड़ते ही मेरे मन मे कुछ आया और मैंने एक थप्पड़ खींच के उसके चूतड़ पर लगाते हुए और तेजी से लंड उसकी गांड़ में पेलना शुरू किया ...... कमरे में पहले ही थप थप की आवाज़ गूंज रही थी और उसके साथ ही चटाक की आवाज़ गूंजी और रानी का गोरा चूतड़ लाल होने लगा रानी सिसिया कर बोली आहह राजा ऐसे ही चोदो अपनी रण्डी अपनी रखैल अपनी कुतिया को और उसने अपनी बुर का दाना चुटकी में भर कर जोर से मसल दिया .......
मैं एकदम से झड़ने की कगार पर आ गया था किसी भी पल मेरा लंड खौलता लावा उगलने को तैयार था ...... मैंने एकदम से अपना लंड रानी की गांड़ से निकाला और उसके बाल पकड़ कर खींचते हुए उसे बेड से नीचे उतार कर अपने सामने बिठा लिया वो समझ गयी मैं क्या चाहता हूं उसने पंजो पर बैठते हुए मेरा लंड मुट्ठी में पकड़ा और सुपाड़े को होंठो में दबा कर जीभ फिराते हुए लंड को मुठियाने लगी और मेरी आँखों मे देखते हुए बोली आहह विकास अब झड़ जाओ पिला दो मुझे अपने लंड का गरम रस भर दो मेरा मुह अपने वीर्य से उफ़्फ़फ़ और इसी के साथ मेरी टांगे कांपने लगी और मेरे सुपाड़े से एक पिचकारी से निकली और रानी के होंठो से ले कर माथे तक वीर्य की एक सफेद रेखा खींच गयी ....... एक के बाद एक उसके पूरे चेहरे पर वीर्य की लकीरें बनती गयी और वो मुह खोले प्यासी नजरो से मेरे लंड को देखते हुए उसे अपनी जीभ से चाटने लगी ...... आखिरी कुछ बूंदे उसकी जीभ पर टपका कर मैं बेड पर गिर पड़ा और मेरी आँखें बंद हो गईं .......,
कोई आधे घंटे मैं वैसे ही पड़ा रहा बेसुध सा फिर मुझे होश आया और मैंने देखा कि रानी वैसे ही नंगी मेरी बगल में बैठी है उसने मेरी आँखों मे देख कर कितनी बेरहमी से चोदते हो मेरी जान मैंने भी मुस्कुरा कर कहा तू चीज ही ऐसी ही जानेमन फिर मैंने उठ कर कपड़े पहने रानी ने कहा जा रहे हो क्या मैंने कहा हां काफी टाइम हो गया और कुछ काम भी है फिर रानी ने भी कपड़े पहने और मैं बाइक उठा कर चल दिया वहां से ....... मैं घर के आधे रास्ते तक पहुंचा ही था कि मुझे लगा मैं कुछ भूल रहा हूँ ......, मेरा फोन नही था मेरे पास शायद मैं उसे रानी के यहां भूल गया था ......, ,ओह शिट ये क्या हो गया उस फोन में दीदी के pic हैं और वो लॉक भी नही है मैंने फौरन बाइक मोड़ी और तेजी से भगाता हुआ फिर से रानी के घर आया मैंने गेट खटखटाया तो रानी अंदर से आई मुझे देख कर बोली फोन लेने आये हो.....?
मैंने हां में सर हिलाया तो उसने अंदर से फोन ला कर दिया और मैं वापस घर की ओर चल पड़ा।