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कोमल जी,
आप को दिल से मुबारकबाद, बधाई, इस कहानी की निरंतरता बनाये रखने के लिए,
हम जैसे कुछ अभागे जो कि आप की हौसलाअफजाई में कुछ शब्द भी नहीं कह पाते ये बहुत ही शर्मनाक है हम जैसे पाठकों के लिए
इस के लिये मैं आप से दिल से माफी मांगता हूं।
कुछ व्यकिगत समस्या के कारण हुआ।
आप की लेखनी का कोई जबाब नहीं, आप की तारीफ के लिए शब्दकोष में शब्दों की कमी पड़ गयी है,आप की इस लेखक कला की जितनी भी तारीफ की जय हो कम हैं।
बहुत ही अच्छी तरह रसगुल्लो की ट्रेनिंग चल रही है,
ये बहुत ही नाम करेंगी।
कोमल जी ,एक निवेदन है,
मिसेस मोइत्रा का जरा हाल खुलासा करे, अकेली, वो भी मंजू बाई जैसी होनहार ,कुशल ,कामकला में पारंगत, हो तो वहाँ धमाका होना लाजमी है।
अगर हो सके तो उसका वर्णन बताये।
बाकी आप ज्यादा जानती है।
एक बार फिर आप से हृदय से माफ़ी माँगता हूं।
बहुत बहुत बधाई।
धन्यवाद
क्या बात है आप तो भविष्य जान लेते हैं
अगली कुछ पोस्ट्स मंजू और मिसेज मोइत्रा के बारे में ही होंगी।
आज बहुत दिनों बाद मिसेज मोइत्रा अकेली सिर्फ मंजू उनके साथ, पूरी रात,... और दोनों बेटियां बाहर,... फिर तीज की तैयारी में जो छेड़खानी हुयी अपने दामाद का ' सब कुछ ' देखा उन्होंने,...
बस अगली पोस्ट्स से
और जीवन की आपधापी में कभी आगे पीछे हो जाना स्वाभाविक है हाँ जब भी हो सके तो एक नजर मार लिया करिये, एक दो लाइन का ही कमेंट,...
मिसेज मोइत्रा और मंजू वाली पोस्ट पर आपके कमेंट का इंतजार रहेगा।