और छेद का आकार भी बदला जाएगा...एकदम सही कहा आपने
मंजू मिसेज मोइत्रा को रास्ता भी दिखाएगी और टारगेट तक पहुंचाएगी भी
उनकी नजर और नजरिया दोनों ही बदल देगी।
और छेद का आकार भी बदला जाएगा...एकदम सही कहा आपने
मंजू मिसेज मोइत्रा को रास्ता भी दिखाएगी और टारगेट तक पहुंचाएगी भी
उनकी नजर और नजरिया दोनों ही बदल देगी।
सही कहा.. नो वायलेंस...एकदम सही याद है आपको
जोरू का गुलाम भाग ५० पृष्ठ ५७
मिसेज मोइत्रा : " सुधार कार्यक्रम "
मिसेज दीर्घलिंगम ने मुझे लेडीज क्लब की सेक्रेटरी अनाउंस कर दिया था ,
मिसेज खन्ना ने मुझे जोर से गले लगा लिया , उनकी आँखों में आंसू डगमगा रहे थे। हम बाल बाल बचे थे। " मैडम सेक्रेटरी अब जबरदस्त लेडीज क्लब नाइट होनी चाहिए बोल क्या प्लान है तेरा। "
मुझे भींचे भींचे पूछा उन्होंने ,
" मैडम सोच रही हूँ अपनी एक सीनयर संस्कारी की स्ट्रिपटीज से शुरुआत की जाय " मैंने मुस्करा के कोने में अकेली बैठी मिसेज मोइत्रा की ओर देखकर जवाब दिया।
" नहीं नहीं सिर्फ स्ट्रिपटीज से थोड़े ही चलेगा , बिचारे के पति का वनवास हो गया है , साथ में कम से कम १० इंच का सुपर डिलडो "
सुजाता , मेरी सबसे पक्की सहेली और अब क्लब की ज्वाइंट सेक्रेटरी ने जोड़ा।
और भाग ५१ में मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां भी जुड़ गयीं,... ( पृष्ठ ६० )
जुड़वां, खूब गोरी चीठ्ठी ,एकदम मिसेज मोइत्रा पर गयी हैं दोनों ,एकदम बंगाली रसगुल्ला।
लेकिन गड़बड़ भी वही ,एकदम अपनी माँ की तरह संस्कारी, सिर्फ पढने से काम , ड्रेस सेन्स हो या मिक्सिंग या एकदम कंजरवेटिव सुपर कंजरवेटिव।
बस ये समझिये अभी हाईस्कूल में गयीं हैं इसी साल , अब हाईस्कूल में गयी लड़कियों की , ..अब आगे तो आप समझ ही गए होंगे , अंदाज लगा सकते हैं ,...
और जब बात मिसेज मोइत्रा की चल रही थी तो सुजाता ने ही उनकी कबूतरियों का जिक्र किया। किसी ने बोला की दोनों अभी छोटी हैं तो अगले ही दिन सुजाता फोटोग्राफिक और मेडिकल एविडेन्स के साथ आ गयी।
दोनों की गोरी गोरी जाँघों के बीच छोटे छोटे रेशम के धागों सी , बहुत छोटी लेकिन , आ गयी है जवानी की पहचान कराने वाली केसर क्यारी
और मेडिकल एविडेन्स , पौने दो साल साल पहले दोनों के पीरियड्स शुरू हो चुके है
फिर क्या था मिसेज खन्ना ने फरमान जारी कर दिया ,
मिसेज मोइत्रा के साथ उनकी दोनों जुड़वां कबूतरियों को भी 'सुसंस्कारी' बनाने का,
और मिसेज खन्ना की बात तो मैं सपने में भी नहीं टाल सकती , खास तौर से जब उसमें मेरे सोना मोना का फायदा हो, दो कच्ची उमर की छोटी सालियाँ मिल गयीं,
और मेरी एक सहेली ने अपनी कहानी के नीचे लिखना शुरू कर दिया, नो वायलेंस " तो फिर रास्ता था पटाने का, और मंजू से बढ़िया कौन होगा।
एक बार संतरे से किसी ने फांक खा लिया तो फिर किसने कब खाया कोई गिनती नहीं...एकदम सही कहा आपने मंजू उन्हें नए नए स्वाद लगाएगी,
और बात दामाद से शुरू होगी लेकिन रुकेगी वहां नहीं,
एक बार शटर खुल गया तो मंजू डाउन थोड़े ही होने देगी।
परवाज भरने को तैयार....दर्द का इलाज और दर्द है
और एकदम मंजू जो चाहती है वही बेटियां भी चाहती हैं उन्हें पंख फ़ैलाने का आसमान नापने का मौका मिले।
बहुत हीं स्वादिष्ट पकवान तैयार किया है...कहते हैं न जंगल में मोर नाचा,
बस वही बात,... अब आप वो छुटकी वाली कहानी तो पढ़ते नहीं तो उस नयी विधा में मैंने क्या हाथ पैर मारा, सब गुड़ गोबर कर दिया, या डाक्टर साहिबा से कुछ सीखा भी बेबी स्टेप लेना, दो चार लाइन इन्सेस्ट में भी लिखना,
कभी टाइम मिले तो वहां भी झाँक लीजियेगा,... इंडेक्स भी है चुने हुए अंश ही, या फिर जहाँ से चाहे एक दो भाग पढ़ के,
एक दो चावल से ही अंदाजा लग जाएगा,...
इस कहानी में कोशिश करुँगी अपडेट आज दे दूँ।
इस महुआ के नशे पर जवानी और सेक्स का नशा ज्यादा भारी पड़ रहा है...जोरू का गुलाल भाग २१०
मंजू, मिसेज मोइत्रा और महुआ
" स्साली तेरी दोनों बेटियों की कच्ची अमिया अभी छोटी हैं न ज्यादा से ज्यादा तेरा यार, तेरा दामाद उन्हें कुतर लेगा, उसे क्या मजा आएगा,... " मंजू ने मिसेज मोइत्रा को चढ़ाया,
" स्साली समझती क्या है मेरे दामाद को. मसल मसल के रगड़ रगड़ के मेरी बेटियों के टिकोरों को अच्छा ख़ासा बड़ा बना देगा देखना,... मैं जानती नहीं हूँ क्या, बस अब तेरी जिममेदारी है उन दोनों को समझा बुझा के गर्म कर के तैयार कर वरना मेरा दमाद तेरी दोनों चेलियों की चूँची रगड़ रगड़ के,... और साथ तो मैं होने दामाद का ही दूंगी,... गरियाऊंगी उसे, स्साले तेरी दोनों सालिया है उनकी कच्ची अमिया को बड़ी करने की जिम्मेदारी किसकी है, बहनचोद,... "
मिसेज मोइत्रा पे महुआ चढ़ रही थी और वो खुद अपने हाथ से ग्लास उठा के पी रही थीं, एक पाउच उनके अंदर पहुँच गया था,.
" स्साली भोंसड़ी की, उस बहनचोद का लंड लेने में तो तेरी माँ चुद रही है तो वो दोनों कच्ची चूत वाली कैसे घोंटेंगी, फाड़ के खून खच्चर कर देगा तेरी छुटकी बड़की की बुर का वो "
मंजू ने फिर रोहू का एक टुकड़ा अपने थूक से लिथड़ा सीधे मिसेज मोइत्रा के मुंह में घुसेड़ते हुए छेड़ा।
" तो कर दे ना। अरे उन दोनों की किस्मत अच्छी है की पहली बार ऐसे मस्त लंड से चुदेगी,... होगा खून खच्चर तो होगा, तू सम्हाल लेना वरना लेडी डाक्टर मेरी दोस्त है टाँके लगा देगी,... और फिर एक बार मेरे दामाद को जोश आ गया न तो बिन चोदे छोड़ेगा नहीं, चिल्लाती रहे सालियां। "
मिसेज मोइत्रा ने रोहू ख़तम करते कहा।
खाने के बाद जब तक मिसेज मोइत्रा बिस्तर पर पहुंची, दो ग्लास उन्होंने खाली कर दिए थे, पहली बार वाले तो आधे पाऊच में और वो यहाँ डेढ़ पाउच, ... बाकी आधा मंजू की अपनी
और क्या क्या बातें न की दोनों ने इन दोनों रसगुल्लों के नाम पर,...
लेकिन अभी भी चार पाउच बचे थे और उनका इस्तेमाल हुआ बिस्तर पर
दो का मालिश के लिए
नहीं सिर्फ मिसेज मोइत्रा की देह पर नहीं , मंजू उन्हें दिखा के पाउच खोलती, एक ग्लास में और अपनी हथेली पर लेके मल के सीधे अपनी बुर पे , मंजू मिसेज मोइत्रा को दिखाती ललचाती , अपनी अपनी बुर की दोनों फांको को फैला के उसमें भी महुआ, बूँद बूँद जब टपकने लगता तो सीधे मिसेज मोइत्रा के ऊपर चढ़ कर चटवाती चुसवाती,... और कस कस के उनकी दोनों चूँचियों को रगड़ते रगड़ते गरियाती,...
" ऐसे चटवाउंगी, चुसवाऊँगी, तोहरी दोनों बिटिया से, पांच दिन में पक्की चूत चटोरी, गाँड़ चट्टो बना दूंगी, दोनों को "
मंजू ने अपना इरादा मिसेज मोइत्रा से साफ़ किया,...
और जवाब में मिसेज मोइत्रा जैसे हामी भरती कस कस के मंजू की बुर नीचे से सर उठा उठा के चूस रही थीं, थोड़ी देर में दोनों ही फिर रोल प्ले में,
मिसेज मोइत्रा अपने बेटियों के रूप में और मंजू उन बेटियों को रगड़ती, गरियाती, चूसना सिखाती,... और मिसेज मोइत्रा उतनी ही जोश से अपनी बेटी के रोल में,... साथ साथ मंजू ये भी बता रही थी क्या होने वाला है, मिसेज मोइत्रा के रसगुल्लों के साथ,... आने वाले दिनों में, जिन्हे उन्होंने इतने सम्हाल के डिब्बे में बंद कर के रखा है,... वो कैसे कस कस के निचोड़ी जाएँगी,...
" चूस कस कस के अरे जीभ अंदर पेल,... जैसे तोहार जीजा लंड पेलेंगे तोहरी कच्ची चूत में, फाड़ के रख देंगे, हाँ और कस के गोल गोल घुमाव स्साली छुटकी, लगाओ पूरी ताकत, हाँ हां ऐसे आज मेरी झाड़ दो,... फिर अपनी महतारी की झाड़ देना ऐसे ही चूस चूस के,... अरे एक बार चूस के झाड़ दो मंजू को फिर देखना कउनो लंड की कमी नहीं होगी तुम दोनों को,... अगवाड़े पिछवाड़े एक साथ,... लौट के अपन जीजा की मलाई चुसवाना चटवाना अपनी महतारी को, बहुत दिन होगया उन्हें भी मलाई का स्वाद चखे"
और ये सोच के छुटकी का रोल कर रही मंजू के नीचे दबी मिसेज मोइत्रा को इतना जोश आया,... वो कस कस के मंजू की बुर पूरी ताकत से चूसने लगी, क्या कोई वैक्यूम क्लीनर सक करेगा, ... वो ताकत आ गयी उनके अंदर, और जीभ मंजू के अंदर घुसी,...
" अरे झाड़ मेरी बेटी, ओह मेरी दुलारी तुम्हे पच्चीस तरह से बुर चूसना दस तरह से गाँड़ चाटना दूंगी, हाँ बस झाड़ दे एक बार,... "
मंजू मस्त हो रही थी चूतड़ पटक रही थी,... और ये सुन के मिसेज मोइत्रा और जोश से चूसने लगी,...
थोड़ी देर में मंजू झड़ रही थी, लेकिन मिसेज मोइत्रा ने छोड़ा नहीं, और बहुत देर तक दोनों पक्की सहेलियों की तरह बिना बोले एक दूसरे की बाँहों में,...
लेकिन मंजू शातिर थी वो जान रही थी की मिसेज मोइत्रा के दिमाग में क्या चल रहा है, वो सोच रही थीं की अब उन्हें जवानी के मजे लेने है अपने दामाद से चुदवाना है,... तो दोनों बेटियों का पिंजड़ा खोलना ही होगा, अपना रूप बदलना ही होगा,... कितने दिन और ये जवानी,...
और इस अहसास को तेज कर दिया मंजू की उँगलियों ने उँगलियाँ मंजू की तो किसी कच्ची कली की चुनमुनिया में बस छू के आग लगा देती थीं, मिसेज मोइत्रा की बुरिया तो आग का दरिया थी, इत्ते दिन का बाँध टूटा था. मंजू कभी कुरेदती, कभी सहलाती, कभी बस दोनों फांको को ऊँगली के बीच पकड़ के हलके से रगड़ देती,... और मिसेज मोइत्रा सिसक उठती, सरकती जवानी का अहसास और तेज हो उठता,
अभी नहीं तो कभी नहीं।
मंजू जब पहली बार आयी थी, मिसेज मोइत्रा को देख के ही उसने फैसला कर लिया था, हफ्ते भर के अंदर स्साली की बुर और गाँड़ दोनों में मुट्ठी पेलूँगी, बहुत शरीफ बनी फिरती है,
लेकिन आज जब मौका था मुट्ठी करने का, उसने फैसला बदल दिया था,... स्साली की बुर बड़ी कसी थी,... कच्ची कली ऐसी तो नहीं लेकिन नयी दुल्हन दो चार महीने की,..ऐसा तो जरूर,...
बेचारी मिसेज मोइत्रा...कसी कसी मिसेज मोइत्रा
अभी नहीं तो कभी नहीं।
मंजू जब पहली बार आयी थी, मिसेज मोइत्रा को देख के ही उसने फैसला कर लिया था, हफ्ते भर के अंदर स्साली की बुर और गाँड़ दोनों में मुट्ठी पेलूँगी, बहुत शरीफ बनी फिरती है,
लेकिन आज जब मौका था मुट्ठी करने का, उसने फैसला बदल दिया था,... स्साली की बुर बड़ी कसी थी,... कच्ची कली ऐसी तो नहीं लेकिन नयी दुल्हन दो चार महीने की,..ऐसा तो जरूर,...
और मिसेज मोइत्रा ने खुद कारण साफ़ कर दिया था, दोनों बेटियां बुर ने नहीं ऊगली थीं, बल्कि आपरेशन से,.. और डाक्टरनी उनकी सहेली, तो उसने लगे हाथ एक आपरेशन और कर दिया था,... जो थोड़ी बहुत चूत ढीली हुयी थी उसे फिर से टाइट कर दिया था,... और उसके बाद १५ -१६ साल से ऊपर ही हो गए हो गए, कुछ अंदर गया नहीं,.. मोइत्रा का केंचुआ भी पहले तो नीली गोली खा के महीने दो महीने में लेकिन ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद वो भी नहीं, और वो भी सबसे छोटी अंगुली जैसा और आधे टाइम तो बाहर ही,... दसो साल हो गए,... ऊँगली से छुआ भी नहीं था,... असर वही था, वो छनछनाती रहती थीं, गुस्से में,...
लेकिन आज उन्हें पता चल रहा था चूत बनाने वाले ने क्यों बनायी थी,...
और पिछवाड़ा तो कोरा ही था,...
इसलिए मंजू मिसेज मोइत्रा की गाँड़ में मुट्ठी डाल के उन्हें जल्द ही चोदने वाले उनके दामाद का मजा कम नहीं करना चाहती थी, और उस स्साले का खूंटा भी उनकी मुट्ठी से कम नहीं थी, पहले भी साइज अच्छी थी, लेकिन मंजू की बेटी के पहलौठी के दूध का असर, एकदम लोहे का खम्भा,... मंजू ऐसी को तीन पानी झाड़ के झड़ता था,... मंजू ने भी अपनी ख़ास जड़ी बूटी की मालिश और फिर उनकी सास ने जो जो ट्रिक सिखाई,...
तो मिसेज मोइत्रा और उनकी दोनों कबुतरियों की गाँड़ में जब वो मोटू घुसेगा तो पता चलेगा,...
रगड़घिस्स से बुर पानी फेंक रही थी, एक तार की चाशनी, ... एक ऊँगली गोल गोल घुमा के बड़ी मुश्किल से मंजू बाई ने पेला,..
थोड़ी देर अंदर बाहर करने के बाद जब दुबारा ऊँगली गयी तो उसी के ऊपर चढ़ा के दूसरी ऊँगली,... मिसेज मोइत्रा की दो ऊँगली में भी जबरदस्त चीख निकल गयी, अंदर जाकर दोनों उँगलियाँ फ़ैल गयीं, एक एक नर्व इंडिंग को पकड़ के रगड़ के टैप करके,.. सिर्फ तीन चार इंच में ही बुर के अंदर की हर प्वाइंट पे मंजू रगड़ रही थी ,..
और मिसेज मोइत्रा सिसक रही थीं चूतड़ पटक रही थी,...
" ऐसी तेरी दोनों बेटियां चुदेगी,... बड़ा मजा आएगा जब उनके जीजू का लंड घुसेगा, ये तो दो ऊँगली है उसका तो मुट्ठी ऐसा,... " मंजू मिसेज मोइत्रा के कान में बोल रही थी,...
" अरे मंजू, चुदे न, इस उमर में नहीं चुदेगी तो कब, ओह्ह और अंदर डाल न मंजू,ओह्ह बहुत अच्छा लग रहा है " मिसजे मोइत्रा सिसक रही थीं,... " अरे चुदे न, मेरा दामाद है,... मेरी दामाद है मेरी बेटी को नहीं चोदेगा तो किसको चोदेगा,... दोनों अपने जीजू से चुदवाये, चाहे जिससे पेलवायें,... बस मंजू मुझे मेरे दामाद का मोटा लंड चाहिए, ... और अभी तो तू ही झाड़ दे न, मंजू तो बड़ी अच्छी है तू चाहेगी तो सब कुछ हो जाएगा, इत्ते दिन से तड़प रही हूँ, और तूने और आग लगा दी, ... अब तो,... "
मिसेज मोइत्रा सुलग रही थीं,
" मिलेगा, मिलेगा, तुझे मस्त मोटा तेरे दामाद का खूंटा मिलेगा, अब तो तू मेरी सहेली है, पहले अपने दामाद का घोंट ले, उसके बाद एक बार दुकान खुल जाये तो मंजू शटर डाउन नहीं होने देगी, रोज रोज, .. लेकिन दस पंद्रह दिन बाद, "
मंजू ने और आग लगाई,
" नहीं नहीं इतना इन्तजार क्यों, ,,, मिसेज मोइत्रा से रहा नहीं जा रहा था।
मंजू ने ऊँगली करना रोक दिया और अपना शक साफ़ जाहिर कर दिया,
" स्साली कल चुद जाए और उसके फिर वही भोंसड़ी की नौटंकी पेलने लगे, तो आठ दस दिन देखूंगी रोज तू बदल रही है की नहीं, कपडे में बोलने, जब खुलेगी तभी तो मजा लेगी, कल से ही देखूंगी कैसे बोलती है अपने बेटियों से, कैसे पहनती है कपडे, ये सब ढक्क्न वक्क्न बंद, आज सुबह तेरे ब्लाउज के सब के ऊपर के दो बटन तोड़ दूंगी, कम से कम निपल तक तो दिखना चाहिए, ... और कहीं भी किसी के सामने भी अपने बोल सुधारना, बिना लंड, बुर चुदाई के अगर बोली न तो सोच भूल जाना अपने दामाद का लंड,... अभी तो मैं हूँ सामने, तुझे झड़ने की ललक लगी है और कल फिर तेरी हिम्मत न पड़े उस स्साले दामाद का लंड खोल के पकड़ने की तब,"
"नहीं मंजू नहीं दोनों बेटियां तो अब तेरे हवाले हैं कल से तू यहीं रहनादेखना जैसे तू कह रही है एकदम वैसे ही करुँगी, कोई पहचान भी नहीं पायेगा, पक्का, ... " मिसेज मोइत्रा तड़प रही थीं
और मंजू ने जड़ तक ऊँगली पेल दी फिर घचाघच, गपागप,... और वो भी चूतड़ उठा उठा के लेकिन बात मंजू उनके बेटियों की ही कर रही थी और मिसेज मोइत्रा जवाब भी दे रही थीं , वो झड़ने के करीब थीं,...
और मंजू ने अंगूठा क्लिट पर लगा के रगड़ना शुरू कर दिया,... जैसे ज्वालामुखी फूटे उस तरह से वो झड़ रही थी,... और मंजू भी रुकी नहीं, एक बार दो बार,... मिसेज मोइत्रा जब थेथर हो गयीं झड़ झड़ के तब जाके वो रुकी और ऊँगली में जो भी बुर की चाशनी थी, मिसेज मोइत्रा को चटा दिया,
थोड़ी देर तक जैसे बिस्तर पर मर्द औरत चुदाई के बाद कस के चिपक के पड़े रहते हैं उसी तरह मंजू और मिसेज मोइत्रा दोनों, आधे पौन घण्टे के बाद पहल जैसे मर्द करता है मंजू ने ही की, कस के चुम्मा ले कर खूब गीला सा और कचकचा के मिसेज मोइत्रा के होंठ काट लिए, देर तक। सुबह तक पूरी देह पर खास कर गालों पर, चेहरे पर जोबन पर आज की रात के निशान न रहे तो क्या मजा,
और मिसेज मोइत्रा भी सुनगुनाने लगीं, पार्टनर कौन जो बिन बोले जोड़ीदार की बात न समझ जाए। वो समझ गयीं मंजू अब चाहती है की वो उसकी बुर चाटे, चूसें
खाने पीने सारी चीजों का रंग ढंग बदलने की तैयारी में है मंजू...मंजू की ट्रिक गाजर की खीर
और मिसेज मोइत्रा भी सुनगुनाने लगीं, पार्टनर कौन जो बिन बोले जोड़ीदार की बात न समझ जाए। वो समझ गयीं मंजू अब चाहती है की वो उसकी बुर चाटे, चूसें
बस वो मंजू की खुली जाँघों के बीच सपड़ सपड़,
"घबड़ा मत साली कल तेरी बेटियों के सामने तुझसे ऐसे ही चुसवाऊँगी चटवाउंगी, स्साली सब तुझे देख देख के सीख जाएंगी, ... जब माँ को मजे करते देखेंगी तो वो भी खुल के उड़ने लगेंगी, ... "
मंजू ने कस के मिसेज मोइत्रा का सर पकड़ के अपनी बुर पे रगड़ते हुए बोला,
ये सोच के ही मिसेज मोइत्रा की चुनमुनिया फड़फड़ाने लगी, वो जान रही थीं मंजू अगर कह रही है तो करवाएगी भी, और अब उसकी बात वो मना नहीं कर सकती थीं, ... बस और कस के वो चूसने लगीं और उन्हें सोच सोच के मजा आ रहा था की कैसे मंजू उसकी बेटियों के सामने उस से चुसवायेगी,
मंजू ने भी तय कर लिया था, मिसेज मोइत्रा को तोड़ने का यही तरीका है, ...
वरना कुतिया की पूँछ कितना भी नली में रखोगे, बाहर निकलते ही, लेकिन इस बंगालन की ऐसी सीधी करनी है की कातिक की कुतिया की तरह हरदम गर्मायी रहे,... बस पहला मौका मिलते ही इसी बिस्तर में, और इसी चुसवायेगी, सुबह सुबह और इसकी दोनों बेटियां, सोचती हैं बेड टी बिस्तर पर मिलें, इसी को बोलूंगी, बुलाये अपनी बेटी को,.. और मैं बोलूंगी, देख रही हो तेरी मम्मी थोड़ी बिजी हैं, ज़रा तू ही दो कप चाय बना के फट्टा फट,
और ये सोच के मंजू और जोश में आ गयी और कस के रगड़ रगड़ चुसवाने लगी,...
अरे गाँड़ चट्टो जरा गाँड़ भी तो चाट हरामिन,
हड़काया मंजू ने और अगले ही पल मिसेज मोइत्रा की जीभ पिछवाड़े के छेद पर, कस कस कर, दोनों होठों को छेद पर लगाकर क्या वैक्यूम क्लीनर चूसेगा,
अब मंजू सब छोड़ के मजे ले रही थी और थोड़ी देर में जब वो झड़ी तो कस के मिसेज मोइत्रा को चिपका लिया।
दो पाउच दारु मिसेज मोइत्रा के देह पर लगी और बाकी उनके पेट में, कुछ सीधे कुछ मंजू के मुंह से,... और अब वो एकदम मंजू की भाषा में बात कर रही थी चार बार रात में वो झड़ी , चार बार उन्होंने मंजू को झाड़ा चूस चूस के चूत पे चूत रगड़ के,...
बीच बीच में मस्ती भरी बातें भी, मंजू की,
" सुन स्साली, कितने पाउच हैं "
" पूरे तीन " हँसते हुए मिसेज मोइत्रा बोलीं,
" अरे गाँडमरानो तो स्साली खोल न, एक, आधा पहले तू गटक जा और आधा मुझे दे दे " मंजू बोली। और वो मिसेज मोइत्रा जो जूस के अलावा कुछ पीती नहीं थी वो भी सील बंद टेट्रा पैक और आज अपने हाथ से देसी महुआ का पाउच,... लेकिन यही बदलाव तो मंजू चाहती थी,
" सुन, " महुआ गटकते मंजू ने अपनी सहेली को सुझाव दिया,
" तेरा स्साला दामाद बियर, पीता है उसके यहाँ फ्रिज में मैंने खुद देखा है, तो तू भी अपने फ्रिज में,.. बजाय चाय के उसे बीयर दे, खुद खोल के,... और हाँ ये टाउनशिप के बाहर जो दुकाने कोल्ड ड्रिंक रखती हैं वहीँ मिल जाती है, ... अपनी बेटियों को भेज के मंगा लेना, ... लड़कियों को देख के स्साले डिस्काउंट भी दे देंगे, ... दर्जन भर कम से कम उनके स्कूल के रास्ते में ही पड़ती है,... "
" कल ही भेज के मंगा लूंगी " मिसेज मोइत्रा ने महुआ गटकते तुरंत हामी भरी।
" एक ट्रिक बताती हूँ, लेकिन स्साली तुझसे नहीं होगा, तू अपनी लड़कियों से स्साली शरमाती बहुत है, बिना शर्म लाज छोड़े जवानी का रस नहीं मिलता। "
मंजू ने और चढ़ाया मिसेज मोइत्रा को,
" अरे बोल तो दिया कल से दोनों लड़कियां तेरे हवाले देखना तू बोल न, करुँगी पक्का करुँगी, " मिसेज मोइत्रा ऑलमोस्ट चिरौरी करते बोली।
" जानती है तेरे दामाद को गाजर की खीर बहुत पसंद है,... " मंजू ने सिर्फ एक टुकड़ा फेंका और मिसेज मोइत्रा ने लपक लिया।
" अरे मैं ऐसी गाजर की खीर बनाती हूँ की वो ऊँगली चाटेगा " मिसेज मोइत्रा बोलीं, और मंजू ने फिर पासा फेंक दिया
" पेसल फार्मूला है, जब तेरी बेटी जायेगी न बीयर लाने, छुटकी को भेजना,... सामने ही ठेले पर सब्जी वाले रहते हैं, तो छुटकी से साफ़ साफ़ बोल देना, ... जैसा तेरे जीजू का औजार है, पकड़ा तो होगा तूने, स्साली कौन जो जीजू का औजार न पकड़े, बस उसी साइज का बित्ते भर का कम से कम, ... बोल देना सब्जी वाले से लम्बा भी चाहिए और मोटा भी चाहिए,... ऐसी आधी दर्जन गाजर लाल,... "
" एकदम ऐसे ही बोलूंगी, " हँसते हुए मिसेज मोइत्रा बोलूं, फिर जोड़ा अब आगे बोल न
" बस आगे सोच ले , जैसे वो छुटकी ले आएगी, उस से लेकर तुरंत, इधर उधर मत रखना सीधे अपनी बुर में घुसेड़ लेना, एकदम जड़ तक, ... और एक गाजर आधे से पौन घंटे तक, फिर कुछ भी करके झड़ना होगा, सोचना की तेरे दामाद का लंड है, एक के बाद एक कम से कम तीन चार गाजर, और उसी की खीर बना के अपने दामाद को खिला दें,... एकदम से तेरे आगे पीछे नाचेगा "
मंजू ने तरीका समझा दिया और मिसेज मोइत्रा ने मान भी लिया।
और ,मंजू घुमा फिरा के बात बेटियों पे ही ले आती, उसने मिसेज मोइत्रा को समझाया,... मेरी गीता को तो जिस दिन से माहवारी शुरू हुयी, मैंने सहेली मान लिया,... उस पे लगाम लगाने के चक्कर में मेरे लगाम लग जाती, उसके यारों को रोकती तो मेरे यार रुक जाते,... तो पहले गोली फिर तांबे का ताला,...
मिसेज मोइत्रा ने कस के लिप्पी लेते बोला तू सच्ची समझदार है, मैं भी यही करुँगी, मजे लो, मजे लेने दो,... उन सबों के मजे पे रोक लगाने के चक्कर में मेरी जिंदगी सूखी जा रही थी,...
मिसेज मोइत्रा ने तो साथ-साथ चुदने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है...माँ बेटी साथ साथ - मंजू का प्लान
,मंजू घुमा फिरा के बात बेटियों पे ही ले आती,
उसने मिसेज मोइत्रा को समझाया,... मेरी गीता को तो जिस दिन से माहवारी शुरू हुयी, मैंने सहेली मान लिया,... उस पे लगाम लगाने के चक्कर में मेरे लगाम लग जाती, उसके यारों को रोकती तो मेरे यार रुक जाते,... तो पहले गोली फिर तांबे का ताला,...
मिसेज मोइत्रा ने कस के लिप्पी लेते बोला तू सच्ची समझदार है, मैं भी यही करुँगी, मजे लो, मजे लेने दो,... उन सबों के मजे पे रोक लगाने के चक्कर में मेरी जवानी सूखी जा रही थी,...
"दोनों तेरी वाली मस्त माल हैं, बस थोड़ा मेरा हाथ लग गया न तो देखना अपनी माँ का भी नंबर डकायेंगी, लेकिन अब हम दोनों जैसे आपस में बात करते हैं गाली देकर, खुले आम चुदाई की लंड और चूत की,... बस ऐसे ही उनके सामने भी,.. कभी लेट वेट हो गयीं न तो बजाय हड़काने के प्यार दुलार से चिढ़ा के छेड़ के बोल,
" क्यों लगता है किसी यार से चुदवा के आ रही है, जा आराम कर,... "
मंजू ने समझाया और मोइत्रा ने हंस के उसे गले लगा लिया।
सुबह तक तीन बातें तय हो गयीं,... दोनों बच्चियों की अब पूरी जिम्मेदारी मंजू पर,... सब कुछ सिखाने पढ़ाने की, कहीं जाना है, देर से आना है सब कुछ,... और दोनों के सामने भी दोनों से भी एकदम मंजू वाली जुबान में ही बात होगी, आपस में क्या शर्म लाज
दूसरी बात,... अब अपने दामाद से लड़कियों के सामने भी चिपका चिपकी करेंगी वो, और खाली पैंट के ऊपर से नहीं दबाएंगी, खोल के मुठियायेंगी, पैंट के अंदर हाथ डाल देंगी,
और लड़कियां पास में होंगी तो बात चीत में उनको भी जोड़ लेंगी, देख तेरे जीजू ने पैंट में क्या छुपा रखा है, कभी खोल के पकड़ा की नहीं , कैसी साली हो,
और आखिरी बात चुदाई में कैसे उन दोनों को शामिल कराएं और उसका रस्ता मिसेज मोइत्रा ने खुद बोल दिया,
" यार मंजू तू तो बस उस स्साले को किसी तरह एक बार मेरे ऊपर चढ़वा दे,... फिर आगे का मैं देख लूंगी,... एक राउंड के बाद किसी दिन उन दोनों को बुला लुंगी और खुद अपने हाथ से पकड़ा दूंगी और हड़काऊंगी अगर ज़रा भी झिझकी, फिर उसे बोलूंगी मुठियाने के लिए, ... और मुंह में लेने को, नहीं तो खुद चूस के दिखाउंगी , और सीधे उन दोनों के मुंह में बारी बारी से,...
एक बार मेरे सामने चुद गयीं न तो फिर उन दोनों से घबड़ाने की मुझे कोई जरूरत नहीं, और हम तीनो के बीच फिर कोई पर्दा नहीं रहेगा। "
मंजू की प्लानिंग कामयाब रही, सोच मिसेज मोइत्रा की बदल गयी जिन रसगुल्लों को वो डिब्बे में बंद रखती थीं अब उसे खुद प्लेट में रख कर परसने वाली थीं, पर उन्हें क्या मालूम था की खानेवाला उसके पहले ही दोनों का भोग लगा लेगा,...
हाँ तीनो की एक साथ लेने की बात ही और थी एक ही बिस्तर पर मिसेज मोइत्रा भी और उनकी दोनों बेटियां भी , बीच में माँ दोनों ओर दोनों टीनेजर जस्ट हाईस्कूल में गयी बेटियां।
माँ बेटी दोनों छरछराई हुई हैं...नया दिन नयी नयी गुड मार्निंग
और फोन पर साली
मंजू मिसेज मोइत्रा को उसी हालत में छोड़ के अपने घर लौट गयी, रसगुल्ले तो अभी मेरे यहाँ थे और वहीँ से उन्हें स्कूल जाना था.
स्कूल ले कौन जाता उन्हें, और कौन उनके जीजू, लेकिन अब उनसे ज्यादा उनकी सालियाँ उन्हें छेड़ रही थीं सिग्नल दे रही थीं, रस्ते में एक मेडिकल शाप देखकर, छुटकी चिल्लाई जीजू रोक रोक, और रुकते ही बोली,
" जीजू जुड़वा होने का फायदा है की दोनों की पांच दिन वाली आंटी भी साथ साथ आती हैं तो प्लीज जा के दो बड़े पैकेट केयरफ्री के, आंटी आज नहीं तो कल पक्का आएँगी,... लेकिन ज्यादा दुखी होने की बात नहीं, पांच दिन बाद तो वेलकम का बोर्ड लग जाएगा, आज से दिन जोड़ना शुरू कर दीजिये "
इस से बड़ा सिग्नल कोई और क्या देता,..
और गाड़ी से उतर के भी दोनों ने कस के छेड़ा इन्हे, स्टाइल से गा के
" पूरा होगा तेरा इरादा करती हूँ तुझसे वादा "
मैं तो दिन में खूब सोई, लेकिन इनका कुछ आफिस में सीरयस काम था इसलिए वो वापस और शाम को भी जब घर आये तो कोई बड़ा सीरियस फोन
मैं समझ गयी कोई उनके बॉस के बॉस टाइप आदमी का फोन है , वो भी यहाँ से नहीं कारपोरेट आफिस से ,... और आज जो इनकी सुबह कांफ्रेंस कॉल थी उसका नतीजा।
और वो फोन ख़त्म करते ही जिस तरह एक हाथ से अपने आफिस के टैब को खोल के मेल , मेसज वो चेक करने लगे और साथ साथ , दूसरे फोन पर एक के बाद एक , पांच छ लोगों को इंस्ट्रक्शन जिस तरह वो दे रहे थे , फ़ाइल रिपोर्ट , लेटेस्ट फिगर , मार्केट असेसमेंट , और उनके चेहरे की परेशानी ,
पूरे पंद्रह मिनट तक ,.... मैं समझ गयी मामला कुछ ज्यादा ही सीरियस है , उनका फोन लगातार एंगेज आ रहा था और मेरे फोन पर उनकी सेक्रेटरी का फोन आया , मिसेज डी मेलो , ... मुझसे भी उसकी अच्छी , लेकिन आज सीधे वो बोली , सर से बात कराइये ,
और उन्होंने अपना फोन काट कर मेरा फोन पकड़ लिया , जो स्पीकर फोन आन पर ही था।
मिसेज डी मेलो सुपर एफिसियनेट , बोलीं की कारपोरेट आफिस से उनके पास भी मेसज आ गया था , वो आफिस आगयी हैं और सब उन्होंने सेट कर दिया है , साढ़े नौ की फ्लाइट है , एडमिन को बोल कर उन्होंने बिजनेस क्लास में एक सीट बुक करा ली है , वेब चेकिंग भी वो कर देंगी , टिकट की कॉपी उनके फोन पर मेल कर दी है , डिनर फ्लाइट में मिलेगा। कल की रिटर्न फ्लाइट भी सवा दो की है , उसकी भी उन्होंने टिकट करा के , टिकट की कॉपी उन्हें मेल कर दी है। वहां पर एडमिन ने हयात में रूम बुक किया है , उन्होंने होटल से बात कर ली है , पूल साइड रूम ,... और एडमिन ने एक टैक्सी भी बुक कर दी है , ट्रेवल एजेंट आधे घंटे में ड्राइवर का नाम , मोबाइल और कार का डिटेल उन्हें मेसेज कर देगा। आलरेडी उन्होंने इनका मोबाइल नंबर ट्रेवेल एजेंसी को नोट करा दिया है।
मैं समझ गयी इनकी कल कोई अर्जेन्ट मीटिंग और अभी जल्द निकलना होगा इन्हे ,... जबसे इन्हे ये एक्स्ट्रा चार्जेज मिले थे , मिस्टर मोइत्रा के सारे काम ट्रांसफर हुए थे तब से , ... एक दो महीने में एकाध बार ये सरप्राइज पैकेट ,... इनकी एक अटैची , एक दो दिन के कपड़ों की मैं हमेशा तैयार रखती थी , टूथ ब्रश शेविंग सेट से लेकर , .... इनके बस का तो कुछ था नहीं।
वो अटैची बाहर इनके पास रखकर मैं काफी बनाने गयी ,
और काफी लेकर मैं इनके पास पहुंची थी की इनका फ़ोन फिर घनघनाया ,
और फोन पर नाम देखकर मैं ख़ुशी से उछल पड़ी ,
इनकी साली , मेरी बहन , रीनू। मुझसे जस्ट बड़ी , मौसेरी।
अजय और कमल जीजू के साथ वो काठमांडू जाते हुए हमारे यहाँ रुकी थी बस एक रात , और उसी समय प्रॉमिस किया था की लौटते हुए कम से कम दो तीन दिन वो लोग रुकेंगे , ... और मुझसे ज्यादा वो ख़ुशी से उछल पड़े ,
मेरी बहना को मुझसे बात करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी , झिड़का उसने मुझे ,
" हे वो स्साला , भोंसड़ी का, बहनचोद , तेरा मरद कहाँ हैं ,... उसे फोन दे ना ,... "
वो मिसेज डी मेलो ,अपनी सेक्रेटरी से उलझे थे , पर रीनू की आवाज सुन , उन्होंने तुरंत ये बोल कर अच्छा अब मैं तैयार होने जा रहा हूँ , उनका फोन काट दिया।
रीनू को उन्होंने हेलो बोला था की वो , उनकी साली चालू हो गयी , और निशाने पर वो नहीं मैं थी ,
" सुन मेरे लौंडे राजा , कल शाम को मैं पहुँच रही हूँ , और एक बात तुम कान खोल सुन के लो , और कुछ खोलना हो तो वो भी खोल लो , ... और मेरी उस कमीनी बहन, अपनी रंगीली ,छमकछल्लो जानू को भी बता देना , जब तक मैं रहूंगी , मेरे जीजू को छूने को कौन कहे , उनकी ओर आँख उठा के भी नहीं देख सकती। अपनी सब ताकत बचा के रखना , कल पहुँच रही हूँ निचोड़ के रख दूंगी , आज की रात उपवास , एकदम ,... ",...
" एकदम,... उनकी आवाज में ख़ुशी छलक रही थी , फिर पूछा कब तक पहुँचोगी , तुम लोग।
" बस , कल शाम के पहले ,... और मेरी छिनार बहिनिया को बोलना , ज्यादा दुखी न हो , तुझे तो उसे छूने नहीं दूंगी , लेकिन उसके दोनों जीजू एकदम खूंटा तैयार करके मुठिया रहे हैं , ... उन दोनों को दो दिन से उपवास पर रखा है , वहीँ पहुँच के दावत उड़ाएंगे। "
तब तक मेरे मुंह से निकल गया , सामान मैंने तैयार कर दिया , मिसेज डी मेलो का मेसेज आया है , २० मिनट में कंपनी की कार आ जायेगी। फ्लाइट टाइम पर है , और मैं भूल गयी थी , स्पीकर फोन ऑन है ,
बस रीनू ने सुन लिया और गालियों का ऐसा पहाड़ा पढ़ा की उनकी , ...
" क्यों गांडू , बहन के भंडुए , ... मारे डर के कहाँ भाग रहे हो , की कहीं तेरी गांड न मार ली जाय ,... अरे यार इत्ते चिकने हो ,मारने वाली चीज है तो मारी ही जायेगी , मैं तेरे पास आ रही हूँ और तू चिकने अपनी गांड बचाने के डर से उड़न छू हो रहा है। "
उन्होंने लाख समझाया , अपनी कसम धरायी की उसके आने के पहले वो आ जाएंगे , तब साली जी का गुस्सा कुछ ठंडा हुआ , वो कपडे चेंज करने गए तो हम दोनों बहने आपस में चालू हो गयीं।
" ये सुन यार , जो तेरे इस की रखैल तू लायी हैं , क्या नाम है ,... रंडी ,... " रीनू ने पूछा और मैं खिलखिलाने लगी ,
" रंडी नहीं ,... गुड्डी। " मैंने उसे सही करने की कोशिश की तो वो उचक गयी।
" तो क्या मतलब, तूने उसे अभी तक रंडी नहीं बनाया ,... कैसी बहन है मेरी। " वो जोर से बोली , फिर जोड़ा ,
" साली तेरे बस का नहीं ,... चल मैं आ रही हूँ न , देख दो दिन में उसे कैसी रंडी बनाती हूँ , एकदम चवन्नी छाप। सुन उस के लिए मैंने कुछ खिलौने लिए हैं , आउंगी तो ,... "
पर मेरे दिमाग में एक कीड़ा कुलबुलाया ,
" हे तूने जीजू लोगों को तो नहीं बताया , इनकी रखैल के बारे में। "
" तू समझती क्या है , एकदम नहीं। " वो बोली।
" उन लोगों के लिए सरप्राइज पैकेज रहेगा वो , बताना मत ,... उस स्साली इनकी बहन को भी नहीं मालूम है , की उसकी ,... "
और हम दोनों खिलखिलाने लगीं।
" देख मैं उस स्साली , छिनार भाईचोद रंडी की बहुत ऐसी की तैसी करने वाली हूँ , ... अगवाड़े पिछवाड़े दोनों , फाड़ के। .. मुझे मालूम है तेरे बस का बहुत है नहीं , ... तू बीच में मत पड़ना। " वो फिर अपना इरादा जताते बोली।
" मैं क्यों बोलूंगी पर उनके भैय्या ,... " मैं बोली।
" अरे स्साली की गांड ,... उसकी ,... उसके भैय्या के सामने ही तो ,... और वो कुछ तेरा यार बोला न तो सिम्पल ,.... उसकी गांड मार लूंगी। वैसे भी जब तक मैं रहूंगी तुझे कुछ मतलब नहीं , मैं उसके साथ क्या करती हूँ , तू अपने दोनों जीजू के साथ , मैं अपने जीजू के साथ। "
हँसते हुए रीनू बोली। और फोन काट दिया।
पर फोन काटने के पहले वो बोली , वो लोग कल शाम साढ़े चार पांच बजे शाम तक पहुंचेगीं। आने के एक घंटे पहले एक बार फिर वो फोन कर देगी।
तब तक वो भी तैयार हो कर आगये , उनकी कम्पनी की कार भी आ गयी थी , आठ बज रहे थे वो निकल गए। पर निकलने के पहले पूछना नहीं भूले , " हे रीनू कुछ कह रही थी , कब तक आएंगे वो लोग "
" साढ़े चार के आस पास , कल शाम और ,... "
मेरी बात काट कर वो बोले , ... " फ्लाइट मेरी ३ बजे लैंड करती है आधा घंटा और जोड़ लो , उन के पहले ही आ जाऊँगा। " और निकल गए।