आज सुना रही हूँ एक ऐसे दामाद की कहानी
जिसको तड़पा रही थी उसकी सास की जवानी
ऐसा मस्त था योवन उसका मुश्किल है जो कहना
देख को उसको लगती थी अपनी बीवी की बहना
वैसे तो पति को गुजरे हुए बीत गए थे दस साल
फिर भी अपनी जवानी को रखा था मस्त संभाल
गहरी नाभि वक्ष सुडोल और नयनो के तीर
एक बार जो प्यार से देखे घाव करे गंभीर
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रेशम की साड़ी में लिपटी वो मोटी चौड़ी गांड
उसे दुधारू गया को चाहिए तगड़ा मोटा सांड
साड़ी के पल्लू के नीचे वो चूचे कस्से हुए
ऊंची ऊंची पर्वत को जैसे बादल ढके हुए
गज गामिनी सी चाल थी उसकी लम्बे काले केश
धरती पे जैसी उतरी हो अप्सरा धर नारी के वेश
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पहली बार जो देखा उसको हाल हुआ बेहाल
ऐसा था उस रूप मोहिनी ने फेंका अपना जाल
रिश्ते नाते भूल के सारे सपने वो खूब सजाये
कैसे वो इस परम सुंदरी को लौड़े के नीचे लाए
वैसे तो सासु के दिल में भी मचले खूब अरमान
पर दामाद के सपनों से थी वो बिल्कुल अंजान
दमाद भी जाने सास चौदना काम नहीं आसान
दिल पे अपने काबू रख के निकल दिये अरमान
Part 2
पर कुदरत ने भी साथ दे दिया फिर से जागी एक आस अपनी बेटी से मिलने को आयी दामाद के घर जब सास
रेणु से मिलकर सरिता ने खूब किया दुलार
बेटों को लगा कर गले जी भर लुटाया प्यार
देख के अपनी बेटी की वो खिली खिली जवानी
समझ गई बेटी की चूत को खूब मिल रहा पानी
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राहुल भी जब आया शाम को सास ने प्यार जताया
आगे चलकर बड़े प्यार से दामाद को गले लगाया
मिल सरिता से राहुल के कच्छे में आई सुनामी
कच्छे में ही हाय तनकर लौड़ा देने लगा सलामी
![IMG-8657 IMG-8657](https://i.ibb.co/KDgctJ7/IMG-8657.jpg)
सरिता को भी एहसास हो गया की जाग गया है लौड़ा
मिल के सास से जल्दी राहुल अपने कमरे को दौड़ा
फिर सब ने मिल बैठ रात को टेबल पर खाया खाना
राहुल जल्दी खिसक गया कुछ काम का बना बहाना
मम्मी आप तो थकी हुई हैं आप करो आराम
मुझको राहुल बुला रहे हैं इनको है कुछ काम
मम्मी भी खेली खाई थी समझ गई बेटी की बात
दामाद पटक के बिस्तर पर अब चोदेगा पूरी रात
सास तो बड़ी थकी हुई थी सो गई जल्दी आँखे मीच
उधर रेनू पाहुंच चुकी थी अपने पति की टांगो के बीच
सासु जी की खुल गई नींद सुना जो उसने खटका
बेटी की सुन मादक सिस्की उसका मन भी भटका
जाकर देखा खिड़की से पर्दा हटा हुआ था थोड़ा
बेटी पूरी शिद्दत से पतिदेव का चूस रही थी लौड़ा
पनिया गई सासु की चूत देख के अपनी बेटी का जोश
देखा जब दामाद का लौड़ा तो फुर्र हो गए उसके होश
देखा नहीं मैंने अब तक इतना तगड़ा कोई लौड़ा
मेरी बेटी को चोद चोद के ये तो कर देगा चौड़ा
ये तो मेरी चुदी चुदाई बुर को भी फेला देगा
मेरे जैसी भोसड़े वाली को भी ये रुला देगा
कैसी चूत में लेती होगी इतना लंबा मोटा मेरी बेटी
ऐसा कुछ हो जाए जादू की इसका जगह हूं मैं लेटी
उधर बेटी कुद कुद के लौड़ा लपक रही थी
देख देख माँ की चूत से चाशनी टपक रही थी
सोच लिया सरिता ने मन में अब कुछ भी कर जाऊंगी
अपने दामाद के मोटे लौड़े से मैं अपनी चूत मारवाऊंगी