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गीता गुड्डी को सिखा पढ़ा रही है , इम्तहान कमल और अजय जीजू और रीनू लेंगेमंजू और गीता.. ये जोड़ी तो सब पर भारी है..
और मंजू मिसेज मोइत्रा को
गीता गुड्डी को सिखा पढ़ा रही है , इम्तहान कमल और अजय जीजू और रीनू लेंगेमंजू और गीता.. ये जोड़ी तो सब पर भारी है..
उनका एक ऐतिहासिक महत्व था, है और रहेगा। विशेष रूप से प्री इंटरेनट के दिनों में।मस्तराम को तो यूँ हीं लोगों ने बढ़ा चढ़ा रखा है..
वरना कोमल ने भावनाओं और शब्दों की जादूगरी बिखेर दी है... जिनके पासंग दूसरा कोई दूर-दूर तक नजर नहीं आता..
Vocal for Localदेसी का कोई जवाब नहीं...
और अब तो पद्य के साथ चित्र भी, दोनों उनके इशारेपद्य की विधा पर अपनी छाप आरुषि जी पहले हीं छोड़ चुकी हैं...
Lajawabआज सुना रही हूँ एक ऐसे दामाद की कहानी
जिसको तड़पा रही थी उसकी सास की जवानी
ऐसा मस्त था योवन उसका मुश्किल है जो कहना
देख को उसको लगती थी अपनी बीवी की बहना
वैसे तो पति को गुजरे हुए बीत गए थे दस साल
फिर भी अपनी जवानी को रखा था मस्त संभाल
गहरी नाभि वक्ष सुडोल और नयनो के तीर
एक बार जो प्यार से देखे घाव करे गंभीर
रेशम की साड़ी में लिपटी वो मोटी चौड़ी गांड
उसे दुधारू गया को चाहिए तगड़ा मोटा सांड
साड़ी के पल्लू के नीचे वो चूचे कस्से हुए
ऊंची ऊंची पर्वत को जैसे बादल ढके हुए
गज गामिनी सी चाल थी उसकी लम्बे काले केश
धरती पे जैसी उतरी हो अप्सरा धर नारी के वेश
पहली बार जो देखा उसको हाल हुआ बेहाल
ऐसा था उस रूप मोहिनी ने फेंका अपना जाल
रिश्ते नाते भूल के सारे सपने वो खूब सजाये
कैसे वो इस परम सुंदरी को लौड़े के नीचे लाए
वैसे तो सासु के दिल में भी मचले खूब अरमान
पर दामाद के सपनों से थी वो बिल्कुल अंजान
दमाद भी जाने सास चौदना काम नहीं आसान
दिल पे अपने काबू रख के निकल दिये अरमान
Moitra ji ki poori kahani apne kavita me keh diPart 2
पर कुदरत ने भी साथ दे दिया फिर से जागी एक आस अपनी बेटी से मिलने को आयी दामाद के घर जब सास
रेणु से मिलकर सरिता ने खूब किया दुलार
बेटों को लगा कर गले जी भर लुटाया प्यार
देख के अपनी बेटी की वो खिली खिली जवानी
समझ गई बेटी की चूत को खूब मिल रहा पानी
राहुल भी जब आया शाम को सास ने प्यार जताया
आगे चलकर बड़े प्यार से दामाद को गले लगाया
मिल सरिता से राहुल के कच्छे में आई सुनामी
कच्छे में ही हाय तनकर लौड़ा देने लगा सलामी
सरिता को भी एहसास हो गया की जाग गया है लौड़ा
मिल के सास से जल्दी राहुल अपने कमरे को दौड़ा
फिर सब ने मिल बैठ रात को टेबल पर खाया खाना
राहुल जल्दी खिसक गया कुछ काम का बना बहाना
मम्मी आप तो थकी हुई हैं आप करो आराम
मुझको राहुल बुला रहे हैं इनको है कुछ काम
मम्मी भी खेली खाई थी समझ गई बेटी की बात
दामाद पटक के बिस्तर पर अब चोदेगा पूरी रात
सास तो बड़ी थकी हुई थी सो गई जल्दी आँखे मीच
उधर रेनू पाहुंच चुकी थी अपने पति की टांगो के बीच
सासु जी की खुल गई नींद सुना जो उसने खटका
बेटी की सुन मादक सिस्की उसका मन भी भटका
जाकर देखा खिड़की से पर्दा हटा हुआ था थोड़ा
बेटी पूरी शिद्दत से पतिदेव का चूस रही थी लौड़ा
पनिया गई सासु की चूत देख के अपनी बेटी का जोश
देखा जब दामाद का लौड़ा तो फुर्र हो गए उसके होश
देखा नहीं मैंने अब तक इतना तगड़ा कोई लौड़ा
मेरी बेटी को चोद चोद के ये तो कर देगा चौड़ा
ये तो मेरी चुदी चुदाई बुर को भी फेला देगा
मेरे जैसी भोसड़े वाली को भी ये रुला देगा
कैसी चूत में लेती होगी इतना लंबा मोटा मेरी बेटी
ऐसा कुछ हो जाए जादू की इसका जगह हूं मैं लेटी
उधर बेटी कुद कुद के लौड़ा लपक रही थी
देख देख माँ की चूत से चाशनी टपक रही थी
सोच लिया सरिता ने मन में अब कुछ भी कर जाऊंगी
अपने दामाद के मोटे लौड़े से मैं अपनी चूत मारवाऊंगी