लम्बाई भी ज़रूरी है पर असली चीज़ मोटाइ है
ये बात वही जाने जिसने अच्छे से मारवाई है
लिंग का कड़कपन और देर तक टिकना जरूरी है
ऐसे लौड़े से चुदे बिना औरत की प्यास अधूरी है
ख़ुशी ख़ुशी सौंप देती है औरत उसे जवानी
चोद चोद के उसको चूत से निकाल दे पानी
स्त्री भी उसी पुरुष को चुनती हैं जिसमें उसे मर्दानगी पुरुष्राथ नज़र आता हैं और उस स्त्री को रूह से एहसास होता हैं की सिर्फ इसी मर्द में स्त्रीभोग करने का साहस हैं तो वो स्त्री उस मर्द के साथ खुशी खुशी उसे स्त्रीभोग ओर खुद उस मर्दानगी का सुख पाने के लिए बेताब हो जाति है.
कोमल जी, आप कितनी खूबसूरती से एक महिला की भावनाओं और इच्छाओं को व्यक्त करती हैं। वो दिन गए जब एक महिला घर की चारदीवारी में खुद को गुप्त रखती थी और जिससे उसकी शादी हुई थी उसी के साथ अपनी जिंदगी बिताती थी। अब वह अपनी शर्तों पर जीवन जीना चाहती है और अगर वह अपने शयनकक्ष में असंतुष्ट महसूस करती है तो दूसरे पुरुषों की तलाश करने से नहीं हिचकिचाती।
आपकी कविता पढ़ते - पढ़ते काव्य बहुत आसान सा जान पड़ता है लेकिन जैसे ही लिखने की सोचो तब पता लगता है कि आपकी विधा और उसकी गहराई।आरुषि मैम
वाकई आपके सहज और सरल काव्य की प्रशंसा भी करना मुझ जैसे पाठक की शक्ति से परे है।
मेरा विनम्र अभिवादन स्वीकार कर मुझे अनुगृहित करे।
सादर