वाद्य यंत्रों में संगत से एक नई रचना का प्रादुर्भाव होता है...Sab aapki sangat ka natija hai
aapke comment, support himmat aur hausala dono badhata hai.
ये संगत भी कुछ नया लेकर आएगी...
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अजी एक कवारी सौ पर भारी...अद्भुत अपडेट
एक एक चित्र
एक एक लाइन दस कहानी पर भारी, देख कर लगता है कितना समय, कितनी मेहनत लगी होगी,
और इस को पढ़ने के बाद न कोई नन्दोई सलहज को छोड़ेगा न सलहज नन्दोई को। सब की दुआ हम सब फैंस के साथ आप को मिलेगी, जिससे आप ये पोस्ट्स जारी रखें।
Bahut hi sundar update. Komal ji aapka jabab nahin.मेरी सास
मैं घबड़ा गयी , मेरी सास के दो मिस्ड काल थीं। मिसेज मोइत्रा से गपियाने के चक्कर में , ... उसी समय उन्होंने कॉल किया ,... और
लेकिन जवाब देने के पहले मैं एक मिनट सोचती रह गयी ,
असल में उन्हें , मेरी सास को आना था , लेकिन मेरा ही कुछ ,...
सबसे पहले मैंने सोचा था की गुड्डी के एकाध हफ्ते के क्लास के बाद कुछ चक्कर चला के उसे दस बारह दिन के लिए अपने मायके वाले गाँव भेज दूंगी , उसकी जम कर कुटाई होगी और यहाँ मामला साफ़ रहेगा , इन्हे , मेरी सास पर चढाने वाले कार्यक्रम के लिए ,
लेकिन कहते हैं न जो चीज जब होनी होती है , तभी होती है।
गुड्डी के क्लास , ऑनलाइन क्लासेज फिर पार्टी ,... मेरी समझ में नहीं आया केसे उसे अपने गाँव जाने का चक्कर चलाऊं , और ये भी साफ़ था की गुड्डी के यहाँ रहते , उसके सामने इनका और मेरी सास का ,.... कुछ भी होना मुश्किल था , गुड्डी को तो यहां से सरकाना ही था , जिसका जुगाड़ नहीं हो पा रहा था ,
लेकिन मेरी ओर से प्रॉब्लम सिर्फ गुड्डी को सरकाने की नहीं थी , ...
मम्मी की बिजेनस मीटिंग्स , कुछ उनके बिजनेस के चक्कर , पिछले पूरे हफ्ते से वो मुम्बई में थी और अभी चार पांच दिन और , कोई जी बी एम् , कोई उनकी सेबी वालों से मीटिंग ,.. तीज के दो तीन दिन पहले ही वो अपने अड्डे पर आ पाएंगी ,
और उन्हें ही जाना था , मेरी सास को ले आने , मेरी सास तीरथ से लौटने के बाद एक कोई फंक्शन करने वाली थी , कोई पूजा पाठ ,... बस उसी में , ... लेकिन असली मकसद था , ... मेरी सास को पटा फुसला कर मेरे यहाँ ले आने का ,
और मैं और मम्मी दोनों मेरी सास से ये बात कर रहे थे की उन्हें यहाँ हम लोगों के पहुँचने के सात आठ दिन के बाद लाने के लिए ,
हाँ एक और बात होगयी की कमल जीजू का आने का भी प्रोग्राम बन गया ,...
लेकिन जैसे चीज बिगड़ती है , वैसे कुछ रास्ता निकल ही जाता है , ...
मेरी जेठानी ,... याद है कितनी उनकी जबरदस्त रगड़ाई हम लोगों ने की थी , फिर भी वो एकदम कुत्ते की दुम की तरह थी , और मेरी सास उनसे कितनी भी दुःखी क्यों न हों लेकिन उनकी काट उनके पास नहीं थी ,
सासु जी का प्रोग्राम टलवाने के नाम पर उन्होंने ये नाटक रचा की , वो बहुत दिनों से अपने मायके नहीं गयी है , तो इस बार मायके में तीज मनाएंगी , जेठ जी एकदम , अब उनकी हिम्मत की जेठानी की बात टालें , उसमे भी पेंच था , ...
जेठ जी की एक ट्रेनिंग होने थी दस बारह दिन की , जिसके साथ मेरी सास का प्रोग्राम कोइंसाइड कर रहा था , वो भी टल गयी थी , तो जेठानी यही चाहती थी की जब सास उनकी जाएँ तो उनके सैंया भी ,.. और दस बारह दिन तक वो जम कर गुलछर्रे उड़ाएं ,...
तो बस , जो मेरी सासु जी का प्रोग्राम टला , वो कम से कम मेरे अकाउंट पर नहीं आया , ... और मुझे भी , मम्मी को भी टाइम मिल गया ,...
जेठानी जी तीज के बाद अपने मायके से लौटने वाली थीं , लेकिन कब अभी तय नहीं था। तीज शनिवार को थीं , वही जिस दिन इन्हे रसगुल्लों की नथ उतारनी थी , और अगले दिन फिर तीज प्रिंसेज , ... जिसमें दोनों रसगुल्लों के साथ रात भर का ,... यानी रविवार का ,...
मैंने फिर सासु जी को फोन लगाया ,
पैर वैर मैं उनका फोन पर छूती इसके पहले उन्होंने दो चार गालियां मम्मी को , ... दोनों समधन के बीच में पक्का समधन वाला रिश्ता था , गाली छेड़छाड़ और प्यार सब जबरदस्त , फिर मुझे आशीर्वाद , सदा सुहागिन रहो , दूधो नहाओ , पूतो फलो ,...
मैं अपनी गलती मानती , बोलती की कहीं और फोन पर बिजी थी लेकिन उसके पहले ही वो बोल पड़ीं ,
आज उनकी आवाज से ख़ुशी छलक रही थी , बोलीं तेरी जेठानी के बारे में एक खुश खबरी है ,
मेरे मुंह से निकलते निकलते रह गया , ' क्या किसी के साथ भाग गयीं गाभिन होने की खबर तो अभी आ ही नहीं सकती थी उनकी , इतनी जल्दी।
मैंने सासु जी बोलने दिया ,
" उसका उसके मायके से फोन आया था , तीज के अगले दिन उसके गाँव में किसी को कोई कुछ ,... तो तीज के तीन चार दिन बाद ,... तीज शनिवार को है ना , तो बस ये समझ लो , बुध को वो अपने मायके से लौटेंगी , तेर जेठ जायेंगे मंगल को अगले दिन। तो बस जो मेरी पूजा वो तीरथ वाली उनके चक्कर में टलती जा रही थी , अब वो शुक्र को , अगले दिन ,... और हाँ तुझे मेरी समधन को बताने की जरूरत नहीं है , उनका फोन रोज आता है , उनसे मेरी बात होगयी है। वो पूजा के एक दिन पहले ही आ जाएँगी , एक दो दिन समधियाने रहेंगी , ... और शनिवार को तीज के ठीक एक हफ्ते बाद हम दोनों तेरे यहाँ ,... खाना दिन का तेरे साथ ,... उस दिन तो मुन्ना की भी छुट्टी रहती होगी न , ...यानी तीज के ठीक एक हफ्ते बाद मैं तेरे यहाँ आ जाउंगी पक्का, तेरी जेठानी को मैंने बोल दिया है अब कुछ हो जाए ये वाला प्रोग्राम नहीं टलेगा, मुन्ना को देखे बहुत दिन हो गया, तुम लोग आये भी थे तो मैं तीरथ पे और लौटने में गाडी लेट हो गयी,"
मैं क्यों मौका चूकती चिढ़ाने का, बोली,... " माँ जी , मुन्ना को देखे बहुत दिन हो गया है या मुन्ना का,... "
वो बड़ी देर तक हंसती रहीं, फिर बोलीं , " दोनों , लेकिन घबड़ा मत तीज के बाद बस एक हफता और "
उन्होने पूरा प्रोग्राम बता दिया , लेकिन मेरे मन में एक बात खटक रही थी , जेठानी मेरी इतनी सीधी नहीं थी कुछ पेंच जरूर होगा।
और मैंने साफ़ साफ़ पूछ लिया ,... वो जेठ जी की ट्रेनिंग टल गयी थी , ...
Bahut hi sundar kavita me varna kiya hai. Arushi ji aap kamal ka likhti hain.Part 6
खोल के मेरी चूत की फाँके लगा रगड़ने लौड़ा
पकड़ के मेरी तांगे उसने घुंटनो से उसको मोड़ा
देख के मेरी आँखों में फिर दिया हल्का सा झटका
मेरी चूत के थोड़ा अंदर जाके उसका लौड़ा अटका
भाभी अब तक है कैसे इतनी कसी चूत तुम्हारी
साले साहब ने अच्छे से क्या कभी चूत नहीं मारी
लौड़ा नहीं है उनका पंकज छोटी सी है लुल्ली
आज चोद के अपने लौड़े मेरी कर दो खुल्ली
थाम के मेरे हाथों को होठों से होठों को मिलाया
नीचे से फिर कस के उसने धक्का एक लगाया
पहले तो मैं चुदने की उस से मांग रही थी भीख
लेकिन जब घुसाया लौड़ा मेरी निकल गई चीख
अंदर घुस गया लौड़ा उसका तोड़ के सब दीवारे
मेरी चूत से फूट पड़ी थी खून की कुछ बोछारे
पंकज इतना घुसाईये जितना चूत समाये
मैं भी भूखी ना रहु तू भी ना प्यासा जाए
हचाक हचाक के हो रही थी मेरी चूत चोदाई
इतने अंदर तक नहीं हुई थी मेरी कभी ठुकाई
धीरे धीरे बढने लगी थी चूत में फ़िर चिकनाई
नीचे से पंकज ने भी अब अपनी गति बढ़ाई
चुदवाने लगी पंकज से मैं पटक पटक के चूतड
इस चुदाई का गवाह बन रहा था मेरा मंगलसूत्र
रिश्तो की मर्यादा आज हो चुकी थी भंग
बिस्तर पर लगी हुई लंड और चूत की जंग
इक दूजे में खो जाने का चडा था खूब जुनून
हम दोनो के चेहरे पर दिखता एक अजब सुकून
करके अपने दिल से प्यारे ननदोई से सहवास
असली चुदाई क्या होती है आज हुआ एहसास
बिस्तर के कोने में ले जाकर घोड़ी मुझे बनाया
एक ही झटके में फिर उसने लौड़ा पूरा घुसाया
चूत के आखिरी कोने में जब लगती लंड की ठोकर
दिल चाहे मैं पूरी उमर रह जाउ इस मर्द की होकर
कौन है ज्यादा प्यासा ये मुश्किल था बताना
एक दूजे में चाहे हम दोनों पूरी रात समाना
भोला भला जिसको समझा वो था चतुर खिलाड़ी
दो बार पहले चोद के चूत फिर गांड भी मेरी मारी
भाभी जी गुड्डी का फोन आया था कल रात
आपसे करना चाहती है वो कोई जरूरी बात
सुन के नाम गुड्डी का मेरे तो उड़ गए होश
रात मैं क्या कर बैठी हूं खोकर अपने होश
क्या सोचेगी गुड्डी जब पता चलेगी ये बात
उसके पति से ख़ूब चूदी हूं कल मैं पूरी रात
बतलाओ मेरी भाभी कल रात कैसी रह रही चुदाई
कितनी बार मेरे पति ने तुम्हारी चूत की करी ठुकाई
गुड्डी ने जब बोला ये सब तो मेरा सर चकराया
जो कुछ हुआ रात यहां पे किसने इसे बताया
कैसे लगा चूत में लेके लंड अपने ननदोई का
सच्ची ये बतलाओ भाभी पूरी रात तुम सोई क्या
पंकज ने मुझे बता दिया ये सब ही कल रात
मुझसे तुमको घबराने की नहीं है कोई बात
तुम्हारे कातिल हुस्न का था वो पहले से ही कायल
देख के तुम्हारा भीगा बदन वो और हो गया घायल
चुद चुकी हो अब रात पूरी तुम ऐसे ना शर्माओ
अच्छे से क्या चोदा तुमको खुल के मुझे बताओ
बहुत बड़ा है लौड़ा इसका और घोड़े जैसा जोश
पूरी रात मैं कितनी चुदी हूं मुझको नहीं है होश
पेट की भूख तो कोई भी औरत कैसे भी सह जाती है
पर चूत की आग उस औरत को जीवन भर तड़पाती है
फ़िर वो किससे चुदती है नहीं रख्ता मायने कोई
चाहे उसके सामने हो देवर या चाहे हो ननदोई
बोल दिया था मैंने पंकज को ये मौका नहीं गवांये
इतना चोदना मेरी भाभी को की सुबह चला ना जाये
ननदोई ने तेरी बात का रखा है पूरा मान
इतना चूदी हूं रात अब नहीं बची है जान
भाभी आपकी गांड का पंकज है बड़ा दीवाना
अगर वो मांगे तो दे देना जरा ना तुम घबराना
गुड्डी मैं भी तेरी भाभी हूं कैसे मान लू हार
कल रात हाय पंकज ने मेरी गांड ली मार
सुबह-सुबह भी हमेशा उसका खड़ा रहता है घोड़ा
बैठ जाओ गोद में उसकी और चूत में ले लो लौड़ा
देख के ऐसा लौड़ा कभी क्या भर सकता है मन
मेरी चूत में घुसा हुआ अभी अभी भी उसका लन
गुड्डी तेरे इस एहसान का बहुत-बहुत आभार
तूने फिर से खुश रहने का दिया मुझे आधार
सुबह-सुबह भी हमेशा उसका खड़ा रहता है घोड़ा
बैठ जाओ गोद में उसकी और चूत में ले लो लौड़ा
देख के ऐसा लौड़ा कभी क्या भर सकता है मन
मेरी चूत में घुसा हुआ अभी अभी भी उसका लन
गुड्डी तेरे इस एहसान का बहुत-बहुत आभार
तूने फिर से खुश रहने का दिया मुझे आधार
Haha...no Madam.sure, patience is my middle name. and I will not post the next update till next week keeping my fingers crossed.
Actually is story me page jaldi jaldi complete ho jaa rahe hai to update ka pta nahi chala. Mujhe lagta hai or pathko ke sath bhi esa hota hoga. Jab bhi aap new update do to usko har page ke top pr show krdo taki galti se bhi miss na ho jaye. Me hi roj apki story open krta hoon fir bhi miss ho gyasure, patience is my middle name. and I will not post the next update till next week keeping my fingers crossed.
Sometimes, ' No comments' speak louder, esp. in the case of politicians and other such exalted persons. But I am enjoying the suspense and will postpone my updates but not beyond, 2023. Anyways, next update due is for the ' other story'.Haha...no Madam.
Do post it if your updates are ready..
Also, my "no comments" should hopefully be a surprise for you (& maybe make you happy). But that conjecture..
komaalrani
Agar aap meri kisi bhi post ke ant men dekhnge to meri signature men meri dono stories ke last post ka naam, page number aur link rahata hai . bas aap vahan jaakar link khol len. secondly, main index bhi update kar deti hun aur dono stories men bhi ek doosare ka link de deti hun. har page par anounce karne ka aapka idea acccha hai aage se dekhungi.Actually is story me page jaldi jaldi complete ho jaa rahe hai to update ka pta nahi chala. Mujhe lagta hai or pathko ke sath bhi esa hota hoga. Jab bhi aap new update do to usko har page ke top pr show krdo taki galti se bhi miss na ho jaye. Me hi roj apki story open krta hoon fir bhi miss ho gya
Magical ,gazab updatesUpdates posted, please do read, enjoy and post your comments.