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जोरू का गुलाम भाग २४२, 'कीड़े' और 'कीड़े पकड़ने की मशीन, पृष्ठ १४९१
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Ye to pura marketing management kra diya apne....lekin kahani interesring mod le rhi h aage maja aayega![]()
कमल जीजू ,
कहते हैं न गांड मारने वाले को एकदम बेरहम होना चाहिए ,
दर्द ,चीख और चिल्लाहट का असर हुआ तो गांड मारना मुश्किल है।
और कमल जीजू ने तो स्कूल में ही लौंडो की गांड़ की सील तोड़ के उन्हें पक्का उमर भर के लिए गांडू बना दिया था।
जीजू ठेलते रहे ,
मैं चीखती रही।
और कुछ देर में वो खैबर का दर्रा ,गांड का छल्ला पार हो गया।
लेकिन कमल जीजू कहाँ ,...
बिना रुके , ... उन्होंने अपने सुपाडे को बाहर खींचा , और एक बार फिर उस कसे छल्ले से उनका मुट्ठी की साइज का सुपाडा आधा बाहर हुआ था की फिर दुहरी तेजी से ,
और अबकी उनका एक हाथ चूँची पे ,जोर जोर से वो उसे रगड़ मसल रहे थे , निचोड़ रहे थे , निपल पुल कर रहे थे
घिसटता ,रगड़ता , दरेरता ; कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा एक बार फिर मेरी गांड के छल्ले के पार हो गया।
पांच छह बार इसी तरह गांड के कसे छल्ले के अंदर बाहर और अब मुझे दर्द का मजा मिलने लगा था ,एक नया मज़ा ,और फिर अचानक कमल जीजू ने फिर से ,पूरी ताकत से अपना मोटा मूसल मेरी कसी कसी गांड में ठेलना शुरू कर दिया।
मैं एक बार फिर से चीख रही थी ,चिल्ला रही थी ,चूतड़ पटक रही थी ,पर
कमल जीजू कौन रुकने वाले थे ,
वो ठेलते रहे ,पेलते रहे ,धकेलते रहे।
मुझे पता नहीं कितना टाइम लगा लेकिन , जैसे जब लंड का सुपाड़ा बच्चेदानी पर लगता है बस वही फीलिंग हुयी ,
और रीनू की आवाज ने मेरा ध्यान रीनू और उनकी ओर खींचा ,
जीजा साली ने मिलकर व्हिस्की की बोतल आधी से ज्यादा ख़तम कर दी थी।
रीनू हंस रही थी हलके हलके ताली बजा रही थी , और मुझे देखते बोली ,
" क्यों साली ,छिनार ,घोंट गयी न अपने कमल जीजू का पूरा लंड गांड में ,
कमल जीजू भी हलके हलके मुस्करा रहे थे ,
उनका पूरा लंड मेरी गांड में ,
और पल दो पल ठहर के अब उनकी उंगलिया , अब उनके होंठ मैदान में आ गए।कभी वो मेरे गाल चूमते तो कभी कचकचा के काट लेते,और कभी झुक के उनके होंठ मेरे निपल चूसने लगते तो कभी चूंचोयो पर उनके दांत अपना निशान बना देते।उनकी उँगलियों का जादू तो ,एक हाथ लगातार मेरे एक उभार को दबा रहा था मसल रहा था , कुचल रहा था जैसे कोई जूसर में रस निकाले
और दूसरा हाथ सीधे मेरी बुर पे , रगड़ता मसलता और गचाक से मेरी बुर में उन्होंने दो ऊँगली पेल दीअंगूठा क्लीट पे कभी दबाता कभी रगड़ता मसलता ,
कुछ ही देर में मैं अपनी गांड में धंसी मोटे खूंटे का दर्द भूल गयी और मजे से ,
बाहर बारिश में जिस तरह पेड़ काँप रहे थे ,उससे भी तेजी से मेरी देह काँप रही थी ,लग रहा था मैं अब गयी , तब गयी ,
और कमल जीजू ने एक बार फिर से मेरी गांड में अपने मोटे लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिए।
और मैं झड़ने लगी।
लेकिन बिना रुके उनके धक्के ,
२० मिनट में मैं दो बार झड़ी ,और उसके साथ ही जीजू ने ,
अब वो मेरे उभारों होंठों योनि , सब को छोड़ ,सिर्फ मेरी गांड मार रहे थे।हर धक्के में सुपाड़ा गांड के छल्ले के बाहर जाता और फिर रगड़ता दरेरता ,
दर्द से मेरी हालत खराब थी ,
लेकिन अब इस दर्द में ही मजा मिलने लगा था ,एक एकदम अलग तरह का मजा ,
जो जिसने गांड मरवाई होगी/ मरवाया होगा , उसी को मालूम होगा।
और अब मैं भी अपनी गांड सिकोड़ के जीजू के लंड का मजा ले रही थी ,
कभी खुद अपने चूतड़ पीछे कर के धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी।
दर्द से चीख भी रही थी तो मजे से सिसक भी रही थी।
और अबकी जो मैं झड़ी तो सिर्फ गांड मरवाने से और साथ में कमल जीजू भी मेरी गांड के अंदर
कटोरी भर तो मलाई छोड़ी ही होगी उन्होंने।
कुछ देर तक तो हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे , फिर वो झुक के मेरे कान में बोले ," सुन , सब गांड निचोड़ कर के अंदर रोक लेना ,एक बूँद भी बाहर मत आने देना ,गांड का मस्त टॉनिक है ये। "
और मैंने यही किया।और उसके बाद उनके सहारे से मैं सीधी हुयी और फिर उन्होंने और रीनू ने मुझे पकड़ कर वहीँ बैठा दिया जहां ये रीनू के साथ बैठे थे।
कमल जीजू ने रीनू के हाथ से व्हिस्की की बोतल लेकर सीधे बोतल से गटका और बोतल मेरी ओर बढ़ा दी और
मैंने भी सीधे बोतल से नीट। दो चार घूँट में ही ताजगी आ गयी।
वो पूरी रात गांड मरौव्वल के नाम थी ,
हम दोनों, मैं और कमल जीजू तो थोड़े थके बैठे थे ,सुस्ताते लेकिन एकदम संतुष्ट।
पर बिचारे उनकी हालत खराब थी ,
कमल जीजू से मेरी गांड मरवाई देखकर झंडा उनका एकदम खड़ा ,
और फिर बीच बीच में उनकी मस्त सेक्सी साली , कभी उनका बौराया लंड दबा देती ,मसल देती तो कभी हलके से मुठिया देती।मेरी ओर आँख मार के मुझे चिढ़ाती वो बोली ,
" तेरे जीजू का लंड कसी कसी गांड मारे ,और मेरे जीजू का लंड प्यासा रहे , "और नीचे बैठ कर उनकी साली ने गप्प से उनका लंड मुंह में ले लिया और लगी चूसने।
रीनू ,थी तो मेरी ही छिनार बहना लंड चूसने में एक नंबरी. आज उनको पहली बार साली का असली मजा मिल रहा था। कुछ देर तक तो उनकी साली अपनी लम्बी जीभ से उनके सुपाड़े को ,पी होल को छेड़ती रही ,फिर गप्प से एक झटके में उन के लीची ऐसे सुपाड़े को उनकी साली ने घोंट लिया ,क्या कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसेगी चुभलायेगी ,
और वो भी मुझे चिढ़ा के ,दिखा दिखा के,
मैंने भी उसे दिखा के थम्स अप किया कमल जीजू के थोड़े सोये थोड़े जागे लौंड़े को पकड़ के उसे दिखाया ,
" लगी रह ,लगी रह मेरे पास है मेरे जीजू का। "
कुछ ही देर में उनका पूरा लौंडा उनकी साली ने घोट लिया था , और क्या मस्त साली चूस रही थी।
उनकी हालत खराब थी।
लेकिन झड़ने में उनको भी बहुत टाइम लगता था।
पर उनकी साली ने उन्हें झाड़ कर ही छोड़ा और पूरी मलाई अपने मुंह में , इनकी ओर मुंह खोल के इनकी मलाई अपने मुंह में दिखाई और अगले पल गप्प।