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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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तिझरिया - काम और काम,

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इन लोगों को न ' काम ' के मारे ही फुर्सत नहीं, एक काम वही पेट के थोड़ा नीचे वाला, और सच बोलूं तो उस ' काम' के लिए तो मेरा इनसे भी ज्यादा मन करता था, लेकिन दूसरा काम भी था वो आफिस वाला और जिससे छुट्टी में भी छुट्टी नहीं थी. हम लोग हफ्ते भर की छुट्टी लेकर आये थे, पर मेल. व्हाट्सऐप से यहाँ भी छुट्टी नहीं थी और वो काम अगर सात समुंदर पार से आये , ग्लोबल हेडक्वार्टस से तो फिर तो,



हम लोग खाना खा के ऊपर आये, क्या मस्त स्साला मौसम था, मेरा बस चलता तो अपनी छुटकी ननदिया के यार को उसी समय पटक के चोद देती, बाहर सावन भादों की झड़ी लगी थी, खुली खिड़की से ठंडी ठंडी बारिश की भीगी भीगी हवा आ रही थी, पेड़ मस्ती से झूम रहे थे,...

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पर, वही मेल और काम,

मेल छोटा सा था लेकिन बड़ा खोटा उन्हें शाम तक एक असेसमेंट करके भेजना था एक मीडियम टर्म, कौन सी कम्पनी इनकी कम्पनी के बिजनेस में घुसने की कोशिश करेगी, अगले पांच छ महीने में,

असल में इनकी कंपनी यहीं इण्डिया में इनकॉरपोरेटेड जरूर थी , लेकिन नाम वही एम् एन सी वाला, बस ब्रैकेट में इण्डिया , दूसरी बात ये थी की इनकी कंपनी की मोस्टली शेयर होल्डिंग इनकी पैरेंट कम्पनी की या कुछ शेल कम्पनी जो इनकी कम्पनी की ही थीं उनका था , लेकिन ४९ % से ज्यादा किसी फॉरेन कम्पनी की नहीं हो सकती थी, इसलिए,...

और काम बड़ा झंझटिया,... कोई कम्पनी इनकी कम्पनी के फील्ड में आएगी तो ऐसे गाजे बाजे के साथ तो आएगी नहीं, फुल पेज एडवर्टिजमेंट तो छापेगी नहीं , पहले से ही पूरी स्ट्रेटजी बना के और ज्यादा से ज्यादा हफ्ते दस दिन , तो कैसे पता चलेगा,



हम दोनों ने कुछ अपना मगज अस्त्र चलाया और कुछ विदेशी सहायता भी ली, इनकी सास और मेरी एक सहेली की जो कारपोरेट वर्ड को रिपोर्ट करती थी , एक बिजनेस जर्नल में ,...



सबने यही कहा की जो कोई आएगा उसे फाइनेंस या इंफ़्रा की जरूरत तो पड़ेगी नहीं , लेकिन स्टाफ मिडल और हायर लेवल के उन्हें जरूरत पड़ेगी, और अगर इनकी कम्पनी से लोग नहीं टूटेंगे , तो मार्केट से , पर वो लिंक्ड इन या मॉन्स्टर डॉट कॉम पर तो एडवर्टाइज नहीं करेंगे, मेरी बिजनेस न्यूज वाली फ्रेंड ने कुछ हेड हंटर्स को फोन घुमाया और सीधे से नहीं लेकिन घुमा फिर के जो मालूम पड़ा वो इनके काम शुरू करने के लिए काफी था,

पर एक झंझट और, नेट का,... घर में ब्रांड बैंड था लेकिन बहुत ही स्लो

मजबूरन इन्हे बाहर एक साइबर कैफ़े में जाना पड़ा,

मैं पेट के बल लेटी बारिश के फुहारों का मज़ा ले रही थी की अचानक पिछवाड़े जोर की चिलख उठी, ...

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बहुत तेज दर्द उठा, स्साले ने कल रात जो बरसती रात में गाँड़ मारी थी कल रात, लगता है कहीं अंदर छिल गया था, ... ये मेरी ननद का यार न इससे इसकी बहनों की , भाभी की महतारी की गाँड़ अपने सामने न मरवाई तो,...



सच में जान निकल गयी थी अब तक चिलख उठ रही है लेकिन मजा भी खूब आया,

मैं पेट के बल लेटी थी ताकि पिछवाड़े को कुछ आराम आये पर मन में उन्ही की बातें घूम रही थी , वही जो मेल आया था और तभी मेरी चमकी, इनके साथ रह रह के मेरे दिमाग में भी इनकी कंपनी का एक अक्श बन जाता था,

पेट के बल लेटे लेटे मैंने मोबाइल में ढूँढ़ने की कोशिश की एकाध जगह फोन घुमाया और मेरे दिमाग में रह रह के कुछ कौंध सा रहा था,

मुझसे रहा नहीं गया , और मैंने उन्हें फोन घुमा दिया, और बोली की एक बात और मेरे दिमाग में घूम रही है , हो सकता है कोई सीधे न आये बल्कि आड़े तिरछे, जैसे अभी वाल मार्ट ने फ्लिप कार्ट के साथ किया ,... तो हम लोगों की की कम्पनी की जो बिजनेस स्ट्रेंथ है , ... हो सकता है कोई यूनिकॉर्न हो, स्टार्ट अप और कोई ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंकर उसे फंड कर के खड़ा कर रहा हो, और बाद में कोई और उसे एक्वायर कर के,... और तुम लोग उसे स्टार्ट अप समझ कर...


वो सुनते रहे , खूब ध्यान से, ... और फिर मैंने दूसरी बात भी बताई,


रेगुलेटरी मेकेनिज्म , किसीने कम्पटीशन कमीशन से शिकायत की है और सेबी से , मिनस्ट्री आफ कारपोरेट अफेयर्स में भी , सब को मालूम है वो लोग टुंटपुंजिये हैं लेकिन अगर उनके पीछे,... तो उससे भी कुछ अंदाज लग सकता है,...


तो हेड हंटर्स से जो बात उनकी भी हुयी थी और भी चार पांच सुराग,...



बस मैं अभी रिपोर्ट ख़तम करके आता हूँ ,...



मैं समँझ रही थी इनका अभी दो चार घंटे के पहले ख़तम नहीं होने वाला, मैं बाहर बनाते बिगड़ते खरगोश से बादलों को देख रही थी,... बारिश जो आग लगा रही थी,


तेरी दो टकिया की नौकरी मेरा लाखों का सावन जाए,...

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नींद तो आ नहीं रही थी , हाँ मोबाइल में पन्ने पलट रही थी, उस रात की तस्वीरें स्टिल भी, वीडियो भी,... मुस्करा रही थी,



और एक बार मैं यादों के मंजर में उलझ गयी मेरे दोनों जीजू , मेरी बड़ी बहन और ये,...
 

komaalrani

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komaalrani

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Ye to pura marketing management kra diya apne....lekin kahani interesring mod le rhi h aage maja aayega😝


Thanks so much, aur bich bich men flash backs bhi aate rahenge
 

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग ८२

फ्लैश बैक

पिछवाड़े का मजा , जीजू के संग

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मेरी आँखों के सामने वो रात घूम रही थी। जब मेरे दोनों जीजू लोगों ने मेरे पिछवाड़े का मजा लिया और जम कर मजा लिया पहले अजय जीजू ने सील तोड़ी पिछवाड़े का, फिर कमल जीजू का मोटा मूसल



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गनीमत था की मेरी गांड की सील अजय जीजू ने खोल दी थी वरना अगर कही कमल जीजू का मूसल सबसे पहले घुसता तो मैं दो दिन चल नहीं सकती थी।

कमल जीजू ने गांड मारने की आइडियल पोज में निहुरा दिया था , और ये सब स्टैंड अलोन मोड़ में हो रहा था ,

ये और इनकी साली रिंग साइड सीट पर बैठे थे मुझसे कुछ फीट दूर पर हीऔर अजय जीजू व्हिस्की की बोतल खोलने में लगे थे।



" बोल मरवाना है गांड़ , "

मेरे खुले चूतड़ पर प्यार से हलके हलके स्पैंक करते कमल जीजू ने पूछा ,



मेरे जवाब में मिनट भर की भी देर हुयी होगी पर



तड़ाक तड़ाक तड़ाक तड़ाक चार हाथ मेरे दोनों चूतड़ों पर और अबकी जोर से पहली बार मैं स्पैंकिंग का दर्द /मजा ले रही थी।

" अरी जल्दी हाँ बोल मेरी छिनार बहना, वरना दोनों चूतड़ पर कमल खिल उठेंगे ,लाल लाल। "

रीनू मुझे छेड़ते बोली , और बिना रुके मैंने हाँ बोल दिया ,

लेकिन तबतक दो और हाथ पूरी ताकत से और अबकी सीधे गांड के छेद पर ,

मैं बिलबिला उठी।

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थी तो मैं निहुरी थी एकदम कातिक की कुतिया की तरह खुद अपने हाथों से अपनी गाँड़ का छेद चियारे ,

लेकिन मुड़ कर देख रही थी ,


कमल जीजू का लंड ,मोटा बीयर कैन भी मात ,इत्ता मोटा , खूब टनटनाया। मेरे मुंह में पानी आ रहा था.गांड अभी भी तमाचे के दर्द से बिलबिला रही थी, तभी गच्चाक से जीजू ने एक साथ दो ऊँगली मेरी कसी गांड के अंदर , सट्टाक से पेल दिया।

उईईईईई ,



मैंने दांत कस कर होंठों पर गड़ा लिए , दर्द को रोकने के लिए फिर भी जोर की चीख निकल पड़ी।

उईईई

मैं समझ गयी थी ,कमल जीजू का धक्का , चाहे ऊँगली का हो या उनके मोटे बंबू का , होता पूरी ताकत से है।उन्होंने एक धक्के में ही अपनी दोनों उँगलियाँ एक साथ मेरी गांड में जड़ तक ठोंक दी थी। धीमे धीमे गोल गोल वो घुमा रहे थे ,मेरी गांड को अपने मोटे लंड के लिए तैयार करने के लिए ,लेकिन फिर ऊँगली के अगले दोनों पोर मोड़ कर , चम्मच की तरह , फिर मेरी गांड की दीवारों पररगड़ रगड़ कर , करोच करोच कर ,



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एक बार फिर मैंने इनकी ओर देखा तो ये और इनकी साली रीनू ,

दोनों की निगाहें मेरे गांड के छेद से चिपकी।रीनू के हाथ में व्हिस्की की बोतल थी जो अभी अजय जीजू ने खोली थी और वो सीधे बोतल से ही गटक गटक ,

लेकिन उसमें से एक भी बूँद रीनू के गले से नीचे नहीं उतरी ,

सब उसके मुँह से सीधे "मेरे उनके "मुंह में ,

दो पेग से ज्यादा ही , ऊपर से सीधे साली के मुंह से , डबल नशा तो होना ही था।



रीनू ने उन्हें चढ़ाया ,

" अरे जीजू ज़रा कमल जीजू का लंड तो देख कैसे फनफना रहा है , इत्ता मोटा ऐसे सूखे सूखे तेरी बीबी की गांड में जाएगा तो बिचारी की फट के ,अरे जरा चूस चूम के होंठों की चिकनाई लगा के , फिर देखना कैसे सटासट तेरी छिनार बीबी घोंटेंगी अपने जीजू का लंड तेरे सामने। "

इधर कमल जीजू की मुड़ी हुयी उंगलिया करोच करोच कर ,मेरी गांड की अंदरूनी दीवाल से ,जैसे कहते हैं टेढ़ी ऊँगली से घी निकलता है एकदम वैसे ,खूब अंदर तक ,



रीनू ने इशारे से कमल जीजू को अपनी ओर बुलाया और साथ में गाल दबा के इनके होंठ खुलवा दिए।

लेकिन कमल जीजू ने बजाय अपना तन्नाया ,फनफनाता मोटा लौंडा इनके मुंह में पेलने के ,मेरी गांड में से करोच करोच कर ,रगड़ रगड़ कर निकाली ऊँगली सीधे उनके मुंह में ठेल दी ,

पूरे हलक तक।



और ऊपर से रीनू उनकी साली ,

" अरे जीजू मजे ले ले के चूसो तेरी बीबी की ही गांड का माल है ,

ये मत बोलना की पहले कभी मेरी छुटकी बहना ने स्वाद नहीं चखाया है। "


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चखा तो था उन्होंने , और न सिर्फ मेरा बल्कि अपनी सास का भी और मंजू बाई और उसकी छिनार बेटी गीता तो एकदम खुल के ,खोल के ,...

लेकिन ऐसे सब के सामने और वो भी जीजू की ऊँगली से ,रीनू की लेकिन कन्विंसिंग पावर , कुछ देर में वो चपड़ और चार पांच मिनट में जब ऊँगली एकदम चिकनी हो गयी तो उनके मुंह कमल जीजू का लंड , रीनू ने अपने हाथ से पकड़ कर और वो भीपूरा अंदर तक। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था अपनी आँखों पर


यही , हाँ यही , कैसा इन्होने ,... चीनू के भाई की शादी में , मैं अपने दोनों जीजू की गोद में बैठी थी और दोनों के हाथ मेरे दोनों उभारों पर और यही रीनू ,


" कोमलिया तूने अपना अगवाड़ा तो बचा लिया हमारे मर्दों से लेकिन तेरा कोरा पिछवाड़ा तेरे जीजू लोग ही फाड़ेंगे "


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असल में इनके आने का प्रोग्राम कैंसल हो गया था और दोनों मेरी बहनों ने , हम सब बहने जीजू लोग एक ही कमरे में रुके थे , जिस कमरे में मेरी नयी भाभी छवि की सुहागरात होनी थी , और शाम से ही मेरी भाभियाँ , जैसे पता चला ये नहीं आ पा रहे हैं , .. छवि के सामने , ...

घबड़ा मत जिस समय तेरी फटेगी न उसी समय तेरी कोमलिया ननद की भी फटेगी , फरक सिर्फ इतना होगा की तेरी आगे की फटेगी , कोमलिया की पीछे की फटेगी , तेरा साजन तेरा फाड़ेगा और तेरे दोनों ननदोई कोमलिया की लेंगे , ...


लेकिन ये आ गए , सब प्रोग्राम तो छोड़िये , क्या क्या न कहा , ये वो ज़माना था जब ये एकदम मेरी सास जेठानी के कहे पर , सब कुछ इन्हे खराब लगता था , मेरे इनके साथ जॉब पर जाने के पहले वाले दिन , इनके बदलाव के पहले



खैर वो सब बातें तो कितनी बार हो गयीं, अब तो मेरे वाला शेर मेरे दोनों जीजू पर सवा सेर है, और मैं खैर पहले दिन से उनकी फैन हूँ पर मेरी कमीनी बहन रीनू, इनकी साली इनकी महा फैन, बोल कर गयी है , काठमांडू से लौटूंगी तो इस स्साले का निचोड़ के रख दूंगी, तुझे छूने भी नहीं दूंगी,




रीनू मेरे पास आ गयी और मेरी गांड चियार कर खूब बड़ा सा एक बबल गम के बाल जैसा

थूक का गोला सीधे मेरे गांड के छेद।



इशारे से रीनू ने इनको और कमल जीजू को भी बुलाया ,

" अरे ज़रा मेरी बहना की गांड भी तो चिकनी कर दे , "



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और अपनी साली की देखा देखी उन्होंने भी खूब बड़ा सा थूक का गोला बनाया और सीधे मेरी गांड के छेद पे।चार पांच बार ,बारी बारी से वो और उनकी साली ,और फिर रीनू ने मेरी गांड के छेद में अपना अंगूठा और तर्जनी डाल के पूरी ताकत से फैलाया और उन्हें भी इशारा किया ,उन्होंने भी अंगूठे और तर्जनी को मेरी गांड के छेद में डालके ,

दोनों ने , मेरे उन्होंने और उनकी साली ने एकसाथ पूरी ताकत से एक साथ मेरी गांड का छेद अब थोड़ा सा खुल गया था और कमल जीजू ने अपना बौराया पगलाया मोटा सुपाड़ा मेरी कसी गांड के छेद पे

एक धक्का पूरी ताकत से

मेरी गांड का छेद अब थोड़ा सा खुल गया था और कमल जीजू ने अपना बौराया पगलाया मोटा सुपाड़ा मेरी कसी गांड के छेद पे

इतना मोटा क्या बताऊँ ,पहाड़ी आलू ,छोटा टमाटर सारी उपमाएं सब फेल।


कमल जीजू ने कस के दोनों हाथों से मेरी पतली कटीली कमरिया पकड़ ली थी ,



लेकिन फिर जो हुआ , मुझे विश्वास नहीं हुआ ,



जो काम मैं सोच नहीं सकती थी ,उनकी साली ने , मेरी मंझली बहन ने ,


रीनू ने उनके कान में कुछ फुसफुसाया ,

कमल जीजू के तो दोनों हाथ खूब टाइट मेरी कमर को पकड़े थे ,

और इन्होने अपने हाथ से , कमल जीजू का मोटा कड़ा लंड पकड़ के मेरी गांड के खुले छेद पे ,खुद सेट किया ,

कैसा लग रहा था मैं बता नहीं सकती , तभी

सटाक



ओह्ह्ह उईईईईई आह्ह्ह्ह

जोर की चीख निकल गयी। एक धक्का पूरी ताकत से कमल जीजू का , और उनका आधे से ज्यादा सुपाड़ा मेरी गांड के छेद में सेट होगया ,जैसे कोई खूब पतली मुंह वाली बोतल में जबरन कार्क ठूंस दे , बस वैसे ही ,

पर कमल जीजू के धक्के रुके नहीं ,एक के बाद एक ,

उधर मेरी छिनार रंडी बहिनिया , रीनू फोटो ,फिल्म सब , स्टिल वीडियो अपने लेटेस्ट आई फोन पर

और एक से एक क्लोज अप ,

उनका हाथ कमल जीजू के लंड को पकड़कर गांड के छेद पर सेट करते हुए ,

मेरी कसी कच्ची गांड में घुसा फंसा कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा ,

मेरी गांड में धंसा ,घुसा कमल जीजू का सुपाड़ा



चार पांच धक्को में कमल जीजू ने अपना मोटा सुपाड़ा मेरी कसी गांड में घुसा के ही दम लिया।


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" चल अब आराम से बैठ के देखते है , पूरा सुपाड़ा अंदर धंस गया है ,अब मेरी छुटकी बहिनिया लाख चूतड़ पटके बिना पूरी तरह गांड मराये साली अब बच नहीं सकती। "

पास में ही रखी कुरसी पर ,जहाँ वो जीजा साली पहले बैठे थे ,रीनू उन्हें खींच के ले गयी।

अजय जीजू पहले ही वहां बैठे थे ,उनके एक ओर अजय जीजू दूसरी ओर रीनू ,उनकी साली।

अजय जीजू ने अपनी मस्ती वाली पेसल सिगरेट , जो अजय जीजू पी रहे थे , उनके मुंह में खोंस दी।

और यहां

पल भर के लिए जीजू ठहरे।

पल भर के लिए मेरी फटती गांड में दर्द कुछ कम हुआ।

और जीजू ने थोड़ा सुपाड़ा बाहर खींचा ,मेरी कमर पर उनकी कलाइयों का जोर थोड़ा और बढ़ा ,

जैसे कोई कुशल धनुर्धर ,प्रत्यंचा खींच कर तीर चढ़ा ले लक्ष्य संधान के पहले ,

कोई शूटर राइफल अपने कंधे से ठीक से टिका ले ,

और जब तक मैं संहलूँ दर्द की एक तेज लहर , मेरी गांड के अंदर से ,पूरी देह में

और और ,.. और जीजू ,कमल जीजू पेलते रहे ,धकेलते रहे ,ठेलते रहे , पूरी ताकत से ,

जैसे कोई सुपर जेट रन वे से ऊपर उठते समय अपनी पूरी ताकत झोंक देता है , बस उसी तरह।

और ,और ,... और मैं चीखती रही ,चिल्लाती रही , दर्द से तड़पती रही ,



ओहहहह ,उईईईइ ,जान गईई नहीं नहीं ,

मैंने से अपने दोनों हाथों से तकिये को दबोच रखा था ,

लेकिन बस दर्द से जान नहीं निकली और सब कुछ हो गया।
 
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komaalrani

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कमल जीजू ,

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कहते हैं न गांड मारने वाले को एकदम बेरहम होना चाहिए ,

दर्द ,चीख और चिल्लाहट का असर हुआ तो गांड मारना मुश्किल है।

और कमल जीजू ने तो स्कूल में ही लौंडो की गांड़ की सील तोड़ के उन्हें पक्का उमर भर के लिए गांडू बना दिया था।

जीजू ठेलते रहे ,




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मैं चीखती रही।

और कुछ देर में वो खैबर का दर्रा ,गांड का छल्ला पार हो गया।

लेकिन कमल जीजू कहाँ ,...

बिना रुके , ... उन्होंने अपने सुपाडे को बाहर खींचा , और एक बार फिर उस कसे छल्ले से उनका मुट्ठी की साइज का सुपाडा आधा बाहर हुआ था की फिर दुहरी तेजी से ,

और अबकी उनका एक हाथ चूँची पे ,जोर जोर से वो उसे रगड़ मसल रहे थे , निचोड़ रहे थे , निपल पुल कर रहे थे

घिसटता ,रगड़ता , दरेरता ; कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा एक बार फिर मेरी गांड के छल्ले के पार हो गया।

पांच छह बार इसी तरह गांड के कसे छल्ले के अंदर बाहर और अब मुझे दर्द का मजा मिलने लगा था ,एक नया मज़ा ,और फिर अचानक कमल जीजू ने फिर से ,पूरी ताकत से अपना मोटा मूसल मेरी कसी कसी गांड में ठेलना शुरू कर दिया।


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मैं एक बार फिर से चीख रही थी ,चिल्ला रही थी ,चूतड़ पटक रही थी ,पर

कमल जीजू कौन रुकने वाले थे ,

वो ठेलते रहे ,पेलते रहे ,धकेलते रहे।

मुझे पता नहीं कितना टाइम लगा लेकिन , जैसे जब लंड का सुपाड़ा बच्चेदानी पर लगता है बस वही फीलिंग हुयी ,

और रीनू की आवाज ने मेरा ध्यान रीनू और उनकी ओर खींचा ,

जीजा साली ने मिलकर व्हिस्की की बोतल आधी से ज्यादा ख़तम कर दी थी।



रीनू हंस रही थी हलके हलके ताली बजा रही थी , और मुझे देखते बोली ,

" क्यों साली ,छिनार ,घोंट गयी न अपने कमल जीजू का पूरा लंड गांड में ,

कमल जीजू भी हलके हलके मुस्करा रहे थे ,



उनका पूरा लंड मेरी गांड में ,



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और पल दो पल ठहर के अब उनकी उंगलिया , अब उनके होंठ मैदान में आ गए।कभी वो मेरे गाल चूमते तो कभी कचकचा के काट लेते,और कभी झुक के उनके होंठ मेरे निपल चूसने लगते तो कभी चूंचोयो पर उनके दांत अपना निशान बना देते।उनकी उँगलियों का जादू तो ,एक हाथ लगातार मेरे एक उभार को दबा रहा था मसल रहा था , कुचल रहा था जैसे कोई जूसर में रस निकाले

और दूसरा हाथ सीधे मेरी बुर पे , रगड़ता मसलता और गचाक से मेरी बुर में उन्होंने दो ऊँगली पेल दीअंगूठा क्लीट पे कभी दबाता कभी रगड़ता मसलता ,



कुछ ही देर में मैं अपनी गांड में धंसी मोटे खूंटे का दर्द भूल गयी और मजे से ,

बाहर बारिश में जिस तरह पेड़ काँप रहे थे ,उससे भी तेजी से मेरी देह काँप रही थी ,लग रहा था मैं अब गयी , तब गयी ,

और कमल जीजू ने एक बार फिर से मेरी गांड में अपने मोटे लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिए।

और मैं झड़ने लगी।

लेकिन बिना रुके उनके धक्के ,

२० मिनट में मैं दो बार झड़ी ,और उसके साथ ही जीजू ने ,



अब वो मेरे उभारों होंठों योनि , सब को छोड़ ,सिर्फ मेरी गांड मार रहे थे।हर धक्के में सुपाड़ा गांड के छल्ले के बाहर जाता और फिर रगड़ता दरेरता ,

दर्द से मेरी हालत खराब थी ,

लेकिन अब इस दर्द में ही मजा मिलने लगा था ,एक एकदम अलग तरह का मजा ,

जो जिसने गांड मरवाई होगी/ मरवाया होगा , उसी को मालूम होगा।



और अब मैं भी अपनी गांड सिकोड़ के जीजू के लंड का मजा ले रही थी ,

कभी खुद अपने चूतड़ पीछे कर के धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी।

दर्द से चीख भी रही थी तो मजे से सिसक भी रही थी।

और अबकी जो मैं झड़ी तो सिर्फ गांड मरवाने से और साथ में कमल जीजू भी मेरी गांड के अंदर

कटोरी भर तो मलाई छोड़ी ही होगी उन्होंने।

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कुछ देर तक तो हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे , फिर वो झुक के मेरे कान में बोले ," सुन , सब गांड निचोड़ कर के अंदर रोक लेना ,एक बूँद भी बाहर मत आने देना ,गांड का मस्त टॉनिक है ये। "

और मैंने यही किया।और उसके बाद उनके सहारे से मैं सीधी हुयी और फिर उन्होंने और रीनू ने मुझे पकड़ कर वहीँ बैठा दिया जहां ये रीनू के साथ बैठे थे।


कमल जीजू ने रीनू के हाथ से व्हिस्की की बोतल लेकर सीधे बोतल से गटका और बोतल मेरी ओर बढ़ा दी और

मैंने भी सीधे बोतल से नीट। दो चार घूँट में ही ताजगी आ गयी।

वो पूरी रात गांड मरौव्वल के नाम थी ,


हम दोनों, मैं और कमल जीजू तो थोड़े थके बैठे थे ,सुस्ताते लेकिन एकदम संतुष्ट।


पर बिचारे उनकी हालत खराब थी ,

कमल जीजू से मेरी गांड मरवाई देखकर झंडा उनका एकदम खड़ा ,

और फिर बीच बीच में उनकी मस्त सेक्सी साली , कभी उनका बौराया लंड दबा देती ,मसल देती तो कभी हलके से मुठिया देती।मेरी ओर आँख मार के मुझे चिढ़ाती वो बोली ,

" तेरे जीजू का लंड कसी कसी गांड मारे ,और मेरे जीजू का लंड प्यासा रहे , "और नीचे बैठ कर उनकी साली ने गप्प से उनका लंड मुंह में ले लिया और लगी चूसने।

रीनू ,थी तो मेरी ही छिनार बहना लंड चूसने में एक नंबरी. आज उनको पहली बार साली का असली मजा मिल रहा था। कुछ देर तक तो उनकी साली अपनी लम्बी जीभ से उनके सुपाड़े को ,पी होल को छेड़ती रही ,फिर गप्प से एक झटके में उन के लीची ऐसे सुपाड़े को उनकी साली ने घोंट लिया ,क्या कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसेगी चुभलायेगी ,

और वो भी मुझे चिढ़ा के ,दिखा दिखा के,


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मैंने भी उसे दिखा के थम्स अप किया कमल जीजू के थोड़े सोये थोड़े जागे लौंड़े को पकड़ के उसे दिखाया ,

" लगी रह ,लगी रह मेरे पास है मेरे जीजू का। "

कुछ ही देर में उनका पूरा लौंडा उनकी साली ने घोट लिया था , और क्या मस्त साली चूस रही थी।

उनकी हालत खराब थी।

लेकिन झड़ने में उनको भी बहुत टाइम लगता था।

पर उनकी साली ने उन्हें झाड़ कर ही छोड़ा और पूरी मलाई अपने मुंह में , इनकी ओर मुंह खोल के इनकी मलाई अपने मुंह में दिखाई और अगले पल गप्प।

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Rahul201220

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कमल जीजू ,



कहते हैं न गांड मारने वाले को एकदम बेरहम होना चाहिए ,

दर्द ,चीख और चिल्लाहट का असर हुआ तो गांड मारना मुश्किल है।

और कमल जीजू ने तो स्कूल में ही लौंडो की गांड़ की सील तोड़ के उन्हें पक्का उमर भर के लिए गांडू बना दिया था।

जीजू ठेलते रहे ,







मैं चीखती रही।

और कुछ देर में वो खैबर का दर्रा ,गांड का छल्ला पार हो गया।

लेकिन कमल जीजू कहाँ ,...

बिना रुके , ... उन्होंने अपने सुपाडे को बाहर खींचा , और एक बार फिर उस कसे छल्ले से उनका मुट्ठी की साइज का सुपाडा आधा बाहर हुआ था की फिर दुहरी तेजी से ,

और अबकी उनका एक हाथ चूँची पे ,जोर जोर से वो उसे रगड़ मसल रहे थे , निचोड़ रहे थे , निपल पुल कर रहे थे

घिसटता ,रगड़ता , दरेरता ; कमल जीजू का मोटा सुपाड़ा एक बार फिर मेरी गांड के छल्ले के पार हो गया।

पांच छह बार इसी तरह गांड के कसे छल्ले के अंदर बाहर और अब मुझे दर्द का मजा मिलने लगा था ,एक नया मज़ा ,और फिर अचानक कमल जीजू ने फिर से ,पूरी ताकत से अपना मोटा मूसल मेरी कसी कसी गांड में ठेलना शुरू कर दिया।



मैं एक बार फिर से चीख रही थी ,चिल्ला रही थी ,चूतड़ पटक रही थी ,पर

कमल जीजू कौन रुकने वाले थे ,

वो ठेलते रहे ,पेलते रहे ,धकेलते रहे।

मुझे पता नहीं कितना टाइम लगा लेकिन , जैसे जब लंड का सुपाड़ा बच्चेदानी पर लगता है बस वही फीलिंग हुयी ,

और रीनू की आवाज ने मेरा ध्यान रीनू और उनकी ओर खींचा ,

जीजा साली ने मिलकर व्हिस्की की बोतल आधी से ज्यादा ख़तम कर दी थी।



रीनू हंस रही थी हलके हलके ताली बजा रही थी , और मुझे देखते बोली ,

" क्यों साली ,छिनार ,घोंट गयी न अपने कमल जीजू का पूरा लंड गांड में ,

कमल जीजू भी हलके हलके मुस्करा रहे थे ,



उनका पूरा लंड मेरी गांड में ,





और पल दो पल ठहर के अब उनकी उंगलिया , अब उनके होंठ मैदान में आ गए।कभी वो मेरे गाल चूमते तो कभी कचकचा के काट लेते,और कभी झुक के उनके होंठ मेरे निपल चूसने लगते तो कभी चूंचोयो पर उनके दांत अपना निशान बना देते।उनकी उँगलियों का जादू तो ,एक हाथ लगातार मेरे एक उभार को दबा रहा था मसल रहा था , कुचल रहा था जैसे कोई जूसर में रस निकाले

और दूसरा हाथ सीधे मेरी बुर पे , रगड़ता मसलता और गचाक से मेरी बुर में उन्होंने दो ऊँगली पेल दीअंगूठा क्लीट पे कभी दबाता कभी रगड़ता मसलता ,



कुछ ही देर में मैं अपनी गांड में धंसी मोटे खूंटे का दर्द भूल गयी और मजे से ,

बाहर बारिश में जिस तरह पेड़ काँप रहे थे ,उससे भी तेजी से मेरी देह काँप रही थी ,लग रहा था मैं अब गयी , तब गयी ,

और कमल जीजू ने एक बार फिर से मेरी गांड में अपने मोटे लंड से धक्के लगाने शुरू कर दिए।

और मैं झड़ने लगी।

लेकिन बिना रुके उनके धक्के ,

२० मिनट में मैं दो बार झड़ी ,और उसके साथ ही जीजू ने ,



अब वो मेरे उभारों होंठों योनि , सब को छोड़ ,सिर्फ मेरी गांड मार रहे थे।हर धक्के में सुपाड़ा गांड के छल्ले के बाहर जाता और फिर रगड़ता दरेरता ,

दर्द से मेरी हालत खराब थी ,

लेकिन अब इस दर्द में ही मजा मिलने लगा था ,एक एकदम अलग तरह का मजा ,

जो जिसने गांड मरवाई होगी/ मरवाया होगा , उसी को मालूम होगा।



और अब मैं भी अपनी गांड सिकोड़ के जीजू के लंड का मजा ले रही थी ,

कभी खुद अपने चूतड़ पीछे कर के धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी।

दर्द से चीख भी रही थी तो मजे से सिसक भी रही थी।

और अबकी जो मैं झड़ी तो सिर्फ गांड मरवाने से और साथ में कमल जीजू भी मेरी गांड के अंदर

कटोरी भर तो मलाई छोड़ी ही होगी उन्होंने।

कुछ देर तक तो हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे , फिर वो झुक के मेरे कान में बोले ," सुन , सब गांड निचोड़ कर के अंदर रोक लेना ,एक बूँद भी बाहर मत आने देना ,गांड का मस्त टॉनिक है ये। "

और मैंने यही किया।और उसके बाद उनके सहारे से मैं सीधी हुयी और फिर उन्होंने और रीनू ने मुझे पकड़ कर वहीँ बैठा दिया जहां ये रीनू के साथ बैठे थे।


कमल जीजू ने रीनू के हाथ से व्हिस्की की बोतल लेकर सीधे बोतल से गटका और बोतल मेरी ओर बढ़ा दी और

मैंने भी सीधे बोतल से नीट। दो चार घूँट में ही ताजगी आ गयी।

वो पूरी रात गांड मरौव्वल के नाम थी ,


हम दोनों, मैं और कमल जीजू तो थोड़े थके बैठे थे ,सुस्ताते लेकिन एकदम संतुष्ट।


पर बिचारे उनकी हालत खराब थी ,

कमल जीजू से मेरी गांड मरवाई देखकर झंडा उनका एकदम खड़ा ,

और फिर बीच बीच में उनकी मस्त सेक्सी साली , कभी उनका बौराया लंड दबा देती ,मसल देती तो कभी हलके से मुठिया देती।मेरी ओर आँख मार के मुझे चिढ़ाती वो बोली ,

" तेरे जीजू का लंड कसी कसी गांड मारे ,और मेरे जीजू का लंड प्यासा रहे , "और नीचे बैठ कर उनकी साली ने गप्प से उनका लंड मुंह में ले लिया और लगी चूसने।

रीनू ,थी तो मेरी ही छिनार बहना लंड चूसने में एक नंबरी. आज उनको पहली बार साली का असली मजा मिल रहा था। कुछ देर तक तो उनकी साली अपनी लम्बी जीभ से उनके सुपाड़े को ,पी होल को छेड़ती रही ,फिर गप्प से एक झटके में उन के लीची ऐसे सुपाड़े को उनकी साली ने घोंट लिया ,क्या कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसेगी चुभलायेगी ,

और वो भी मुझे चिढ़ा के ,दिखा दिखा के,


मैंने भी उसे दिखा के थम्स अप किया कमल जीजू के थोड़े सोये थोड़े जागे लौंड़े को पकड़ के उसे दिखाया ,

" लगी रह ,लगी रह मेरे पास है मेरे जीजू का। "

कुछ ही देर में उनका पूरा लौंडा उनकी साली ने घोट लिया था , और क्या मस्त साली चूस रही थी।

उनकी हालत खराब थी।

लेकिन झड़ने में उनको भी बहुत टाइम लगता था।

पर उनकी साली ने उन्हें झाड़ कर ही छोड़ा और पूरी मलाई अपने मुंह में , इनकी ओर मुंह खोल के इनकी मलाई अपने मुंह में दिखाई और अगले पल गप्प।

आखिर कोमल की सारी चाले, साजिशे सफल हुई और जो वो दुसरो से चुदने के लिए इतने दिन से पति को जो चूत और हवस मे फँसा कर जो हासिल करना चाहती थी वो हासिल कर ही ली।

और कोमल अपने पति को अपने बाप जैसा ही बना दी, जो उसकी माँ के किसी से भी चुदते रहने पर मुह खोल कर कुछ नही कह पाता।

अपने पति को माँ-बहन का चारा देकर मजे कर ही ली साथ ही आगे भी मजे करते रहने की भी छूट खुद ही ले ली। :applause:
. ...............................
कोमल की ख्वाहिश को पूरा करने मे कोमल के साथ साथ उसकी माँ और बहन ने अहम भूमिका निभाते हुए कोमल के पति को चूत और हवस का लालच दे-देकर आखिर अपने जाल मे फँसा ही लिया। :lotpot:
.............................................
क्या कोमल अपने पति की खुशी के लिए अपने पति को बदलने का सोची ?

नहीं - क्योंकि शादी के 1 साल बाद तक भी कोमल अपने पति को बदलने का कोई प्रयास नही की। क्योंकि उसे इसकी कोई जरूरत ही नही लगी।
.................................

कोमल ने अपने पति को "चिनू के भाई की शादी" के बाद से ही बदलना शुरू किया था, जब कोमल के पति के आ जाने के कारण कोमल अपने जीजुओ से चुदवा नही पाई थी, और शायद पति के कारण आगे भी कभी चुदवा नही पाती,

तभी जीजू और अपनी बहन के साथ मिलकर साजिश की रचना की गयी जिसमे बाद मे कोमल की माँ भी शामिल होकर कोमल के पति को "चूत और हवस" के जाल मे फँसा कर कोमल का दल्ला बनाने मे कामयाब हो ही गए।
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.......................................
जैसा कोमल झूठा दावा करती है कि वो अपने पति से प्यार करती है और अपने पति की खुशी चाहती है तो क्या कोमल अपने पति को भी मजा देने के लिए अपने पति को बोलकर अपने कमल जीजू और अजय जीजू की गांड भी मारने का मौका देगी ?
जैसे अपनी पति की गांड मरवाई

+

क्या कोमल अपने पति के लिए कमल जीजू और अजय जीजू की माँ - बहन को भी चोदने के लिए दिलवाएगी ?
............................................
जवाब है नहीं - क्योंकि कोमल के लिए उसका पति कुत्ते से ज्यादा कुछ नही है,
कोमल तो शुरू से ही अपने जीजू की रंडी / गुलाम जैसी ही थी, जो अपने जीजुओ की ख्वाहिशो को पूरा करने और जिस्म का सुख देने के लिए सब साजिश की।
 
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L.k.nee cha

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Joru ka gulam ha yahi naam hai is Kahani ka Jo naam ke hisab se hi likhi ja rahi hai Jo ki komalya me apne pati ko gulam banaya to bas ham yahi Janna chahate hai ki komal ye kyo kahati hai ki Mai apne pati se bahut pyar karti hai jab ki log apne pyar ke lie Jo banpade o uske lie karjate hai lekin yaha par Kamal jiju ke lie sabakuchh Kiya ha apne pati ko khusa Karne ke lie ek land ka jugad jarur Kiya Jo ki uske pati ki gand ki chudai Karta rahe
Pati:komal ki seal pack chat =1
Kamal jiju:komal ki seal pack gand rinu ki seal pack chut or gand =3
Komal karti hai Jo apne pati ke lie land dhuda
Rinu pyar karti hai Jo apne pati ke lie guddi ko khari leya
To kul Mila Kar pati sahab ki maa bahan bib or bhabhi bhi sab chudengi or Kamal jiju ki sirf Bibi or koi nahi calo chhodo Jane do story ke tital ke hisab se yahi sab hona tha to pati gulam hai to use pyar ka naam Kya de rahi hai
 

komaalrani

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सैंडविच

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क्या क्या नहीं हुआ उस रात मेरी सैंडविच भी बनी

लेकिन पिछवाड़े के पहले जीजू ने भरतपुर पर भी नंबर लगाया, आखिर उनकी शादी का वादा था, वो भी कोहबर का, उनकी बीबी और मेरी बहन के सामने,...

जब मैं गुड्डी की फोटो दिखा के उन्हें ललचा रही थी, उनकी हालत खराब हो रही थी तो वो बोले,

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स्साली तेरी ननद का नंबर तो बाद में आएगा, पहली उसकी भाभी की तो हचक के ले लूँ , और वहीँ, मेरे ऊपर

पल भर में मेरी टाँगे दुहरी हो गयीं थीं ,जाँघे फैली थीं।

उईईई , उफ्फ्फ , नहींइ उईईईईईई , .... मैं चीख रही थी , चिल्ला रही थी ,चूतड़ पटक रही थी।

बस मेरी जान नहीं गयी बस बाकी सांसत हो गयी।

उईईईईई ,नहीईईईई ,ओह्ह्ह्ह , उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ,

मैं चीख रही थी कराह रही थी। मैंने मुश्किल से आँख खोल के देखा , मोटा बीयर कैन ,कमल जीजू का अभी इक तिहाई ही घुसा था। कोई और समय होता तो शायद मैं उन्हें छेड़ती ,उकसाती , चिढाती ,

पर अभी तो जान पर बनी पड़ रही थी दर्द से हालत खराब ,

जीजू की सिर्फ तलवार ही नहीं जबरदस्त नहीं थी , वो तलवारबाज भी जबरदस्त थे ,

उन्होंने पैंतरा बदला , बिना लन्ड ब्नाहर निकाले , ... उनके होंठ , हाथ उंगलिया सब मैदान में आ गए ,


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चुम्मी , गाल चूमना ,चूसना काटना , चूंची मर्दन ,उंगलियो से क्लीट को सहलाना छेड़ना ,

थोड़ी ही देर में मैं पिघल रही थी ,

ये नहीं था दर्द नहीं हो रहा था ,जाँघे अभी भी फटी पड़ रही थीं , लेकिन मजे के आगे ,

दर्द और मजे का जोरदार मिश्रण ,... लेकिन जीजू ने और ठेलना अभी बंद कर रखा था।

पर कुछ देर बाद , उन्होंने अपनी ,उनकी क्या सारे मर्दों की फेवरिट पोज ,... मुझे कुतिया बना के निहुरा दिया , दोनों टांगों को अच्छी तरह फैला दिया ,

और ,


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और ,....

उईईईईई , ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ,

मेरी बड़ी बड़ी रतनारी आँखों में आंसू नाच रहे थे ,मैंने जोर से नाख़ून अपनी मुठ्ठी में गड़ा लिए , दांत मेरे भींचे होंठो को काट कर चीख रोकने की कोशिश कर रहे थे पर ,
पर

उईईईईई , नहीईईई , ओह्ह्ह्ह्ह , आह्ह्ह्ह्ह

दर्द के मारे मेरी चीख्ने रुक नहीं पा रही थीं न जीजू के धक्के रुक रहे थे।इधर मेरी हालत खराब थी ,
उधर साली रीनू और , कमल जीजू को चढ़ा रही थी ,उकसा रही थी ,

" अरे जीजू फाड़ दो इस साली छिनार बुरचोदो की , चार दिन तक टांग फैला के चले। अरे ये चूत तो कुँवारी अनचुदी मिलनी थी आपको , ज़रा भी दया मत दिखाइए , पूरा पेल दो एक बार में ,... "
मुझे रीनू पर बहुत गुस्सा आ रहा था लेकिन कर भी क्या सकती थी , और कमल जीजू भी न एकदम ,बस रीनू की बात मान के ,मेरे दोनों उभार कस के कुचलते मसलते , रगड़ते ,हर धक्का जानलेवा। रगड़ता ,दरेरता घिसटता फाड़ता , जब कमल जीजू का मोटा मूसल घुसता तो बस ,
आलमोस्ट पूरा , करीब ८ इंच उन्होंने लन्ड ठूंस दिया।

कम से कम १०-१२ मिनट तो कुतिया बना के उन्होंने चोद ही दिया होगा मुझे , पर,

थोड़ी देर बाद हम दोनों मेरी फेवरिट पोजिशन में थे , वोमेन आन टॉप ,

मैं ऊपर वो नीचे ,

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जिसमें धक्को का जोर ,गहराई मैं कंट्रोल कर सकती थी। मैं हलके हलके पुश कर रही थी , कमल जीजू की कमर पकड़ धक्के मार रही थी और कुछ ही देर में मेरी गुलबिया , बालिश्त भर का मूसल पूरा घोंट गयी ,

अजय जीजू का मोटा लन्ड भी मेरे होंठ सहला रहां था , खुद अपने होंठ खोल मैंने उसे भी घोंट लिया ,

और लगी जैसे कोई नदीदी लड़की लॉलीपॉप चूसती चुभलाती है , लगी चूसने चुभलाने




एक जीजू के लन्ड पे बैठी मैं चुद रही हूँ और दूसरे का लन्ड मेरे मुंह के अदंर ,और ये सोचते ही मैंने चूसने और चोदने दोनों की रफ़्तार बढ़ा दी।


लेकिन इनका औजार भी खाली नहीं थी ,इनकी साली थी न , रीनू ने इनके औजार को बाहर निकाल लिया था और कस कस के मुठिया रही थी ,कभी झुक के मुंह में ले के चूस लेती ,चाट लेती।

मैं इनकी और रीनू की हरकत देख रही थी और उधर कमल और अजय जीजू ने ,...

कमल जीजू ने नीचे से लेटे अपनी दोनों तगड़ी टाँगे कस के मेरी पीठ के ऊपर कर के बाँध ली थी और उन के हाथ भी ,कमल जीजू के होंठों ने अब मेरे होंठों को भी अपने अंदर कर के कस के भींच लिया था ,अब मैं न चीख सकती थी ,न टस से मस हो सकती थी ,

और पीछे से अजय जीजू का मोटा गरम लन्ड मेरी गांड के दरार के बीच ,हलके हलके रगड़ रहा था।पिछवाड़े से कुँवारी तो मैं भी थी , और ये बात कमल जीजू और अजय जीजू भी जानते थे।मैं सिसक रही थी , रिगिल कर रही थी लेकिन ,

मेरी आज तक सैंडविच नहीं बनी थी लेकिन ब्ल्यू फिल्मों में देखा तो कई बार था ,

इसलिए मुझे मालुम तो पड़ ही गया था पर ,कुछ देर में ही अजय ने अपना लन्ड मेरी गांड में ठूंस दिया।

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दर्द से गांड फटी पड़ रही थी।पर कुछ ही देर में रिदम बन गयी ,जब अजय मेरी गांड मारते तो कमल जीजू का लन्ड ,चुपचाप रहता लेकिन कुछ देर में ही कमल जीजू नीचे से ही धक्के मार मार के चोदना शुरू कर करते तो अजय रुक जाते

पर मेरे जीजू इतने सीधे नहीं ,थोड़े ही देर में दोनों ही ओर से डबल पेस अटैक चालू हो गया ,

गांड और बुर दोनों के चीथड़े उड़ रहे थे ,

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और ऊपर से मेरी कमीनी बहन रीनू ,जले कटे पर लाल मिर्च का मलहम लगाने का मौका वो नहीं छोड़ती थी।

इनका लन्ड चूसते चाटते बीच बीच में वो भी कमेंट मार ही देती ,

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"अब आ रहा है असली मजा किसी को छोटी साली होने का ,दो दो जीजा का मजा एक साथ।"

ये और जीजू करीब एक साथ ही झड़े ,

ये अपनी साली रीनू के मुंह में

और कमल जीजू मेरी बुर में।अजय जीजू मेरे पिछवाड़े

रीनू सारी मलाई गटक कर गयी लेकिन जो कुछ रीनू के होंठों और जीभ पे लगा था , वो उनकी साली ने उनके होंठों पे लिथड़ दिया.





.....



उस रात की बातें याद करते करते कब नींद लगी पता नहीं,

और जगाया उसी ने जिस ने कल रात भर जगाया था, बरसते पानी में , खुली छत पर,...

चाय की प्याली के साथ,...

ये सायबर कैफे से थोड़ी देर पहले ही लौटे थे, रिपोर्ट बन गयी थी और उन्होंने मेल भी कर दिया था.

बाहर शाम कब की ढल चुकी थी,

और मैं नीचे आज एक टाइट कुर्ती के साथ लेगिंग्स डाल कर, जिस घर में बिना घूँघट के इस कमरे के बाहर निकलने की मैं सोच भी नहीं सकती थी और ये भी बस टी और शार्ट में,
 
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