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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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motaalund

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Sayad aap ne meri contest story कौमार्य (virginity) padhi ho to. Usme komalji ki kuchh had tak soch ki zalak milegi. Mene kuchh is lie kaha kyo ki vo great he. Unhe match karna mere bas ki to nahi. Upar se vo guru he.

Filhal to meri new horror story किस्से अनहोनीयों के chalu hi ki he. To pahele use badhana he. Aur saya part 2 complete karna he. Uske bad 100% start karungi
अवश्य...
 

motaalund

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बिलकुल सही कहा आपने। झलक मिलती हैं।

कोमल जी तो कमाल ही है ।

उनकी कहानी इतनी जीवंत लगती हैं कि मानो आपके सामने ही घटित हो रही और उनके पात्र जैसे आपके आस - पास ही हो।

आपकी कहानी "किस्से अनहोनियों के " शुरू कर दी है।

आपकी अंग्रेजी फॉन्ट वाली कहानियों के लिए क्षमाप्रार्थी हूं।

सादर
अरे क्षमाप्रार्थी क्यों हैं बंधु.... हिंगलिश में लिखी है...
 

motaalund

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यह पोस्ट सुगना भौजी ,

आरुषि जी की कविता ससुर और बहू से अनुप्राणित है और आरुषि जी को ट्रिब्यूट के तौर पर समर्पित है।

कंचन और ससुर कहानी का आरुषि जी ने एक काव्य रूपांतर प्रस्तुत किया था, मेरी कहानी जोरू के गुलाम में कई भागो में। यह कविता पृष्ठ ११९५ ( पोस्ट ११९५० ) से शुरू हुयी थी जिसमे आरुषि जी ने कहा था,

"आज एक नई कविता शुरू कर रही हूं जो एक कहानी से प्रेरित है जो मैंने यहां ससुर और बहू (कंचन और ससुर) के बीच यौन संबंधों पर पढ़ी है।"


और मैंने उनकी पंक्तियों से प्रभावित होकर लिखा था

" अब जो आपने ससुर बहु का यह प्रंसग यहाँ दिखाया है, तो मुझे लग रहा है की आपकी इस कविता के ट्रिब्यूट के तौर पर छुटकी होली दीदी की ससुराल में एक छोटा ही प्रसंग, बहू और ससुर के बारे में लिखने का प्रयास करूँ, जो आपकी कविता की प्रतिछाया भी नहीं होगी पर मेरी ओर से एक छोटा सा ट्रिब्यूट होगा इस कविता को, : ( जोरू का गुलाम -पृष्ठ ११९६)

तो बस वही छोटी सी कोशिश है सुगना और ससुर के रूप में .
दोनों में किसे कम कहूं.. या किसे ज्यादा ..
बहुत दुविधा में हूँ.. क्योंकि दोनों हैं उम्दा.....
 

motaalund

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Saali ki cheekhon se madhur awaj or kya hogi, lekin komal ji apse pehle bhi kai baar advise diya hai, yahan pr jija saali ke beech baaten honi chahiye. Garama garam ,chat pati, to or naja ayega, abhi esa lag raha hai ki bus dono min reh kar sirf kaam kr rahe hai
इतनी खेली खाई साली की चीखें निकलवा दीं..
इससे ज्यादा तारीफ और क्या हो सकती है....
 

motaalund

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आपकी कहानी किस्से अनहोनियों के बहुत ही अच्छी चल रही है, साथ में एक लम्बा उपन्यास, इसलिए मेरे ख्याल से पहले इन दोनों को समापत करिये। दूसरी बात दोनों के मिजाज अलग अलग हैं इसलिए शायद लिखने में दिक्क्त भी आये। पर आप को रोमांस अच्छा लगता है, आप कहानी में रोमांस को पहचानती हैं, इसलिए आप जब भी रोमांस लिखेंगी बहुत अच्छा लिखेंगी इस में कोई शक नहीं।
सचमुच कोई दो मत नहीं...
 

motaalund

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मार्च के महीने में मैंने ९ अपडेट पोस्ट किये

फागुन के दिन चार - (१ ) भाग चार- चंदा भाभी और होली का राशिफल ८ मार्च (२) भाग पांच -चंदा भाभी की पाठशाला १५ मार्च (३) भाग ६ चंदा भाभी -अनाड़ी बना खिलाड़ी २२ मार्च (४) भाग ७ गुड्डी -गुड मॉर्निंग २९ मार्च

छुटकी होली दीदी की ससुराल में - (१) भाग ८० - चमेलिया गुलबिया - ४ मार्च (२) भाग ८१ - मस्ती भौजाइयों की १४ मार्च ( ३) भाग ८२ -सुगना भौजी २८ मार्च

जोरू का गुलाम (१) भाग २१९ -डिनर - मार्च ६ (२) भाग २२० - गेम टाइम - २४ मार्च

लगभग प्रति सप्ताह २ अपडेट
और हरेक अपडेट.. अपने अंदर 7 से 8 सब-अपडेट समेटे हुए...
 
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