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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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ML Bhai..latest update post kiya hai mere story par..aapki pratikriya kaa intezaar haiसचमुच मिसेज मोइत्रा और उसकी दोनों कबुतरियाँ भी लाइन में हैं...
और कोमल जी जैसा डिस्क्रिप्शन कोई दूसरा लिख भी नहीं सकता....
कर दिया है Mass भाई...ML Bhai..latest update post kiya hai mere story par..aapki pratikriya kaa intezaar haiThanks.
motaalund
nahi bhai..much thanks...aapka reply/comment dekha hain..main shaam ko aapko reply karta hoon..abhi thoda kaam se busy hoon. Thanks.कर दिया है Mass भाई...
शायद देखने से रह गया हो...
बेहद शानदार अपडेट कोमल मैमगुड्डी छिनरो क सट्टा लिखात
" यार चल तू बच गयी , मेरी बहन इतनी सीधी है , लेकिन कुछ तो तुझे करना ही होगा , ... " मैंने कहा ,
" भाभी गाना सुना दूँ ,... " वो भोली बोली।
" अरे कोमलिया चल गाना तो हम दोनों इसे सुना देंगे , जरा इसके भाई स्साले को भी अपनी बहन की हाल चाल मालूम हो जाय। " रीनू हंस के बोली
जीजू हों , साथ में जीजू की बहन हो , साली हो और गाली न हो ,... वो भी मेरी और रीनू ऐसी सालियाँ ,
मैं चालू हो गयी , गुड्डी का नाम लेकर साथ में रीनू भी ,...
ऊपर चादर नीचे दुपट्टा , अरे ऊपर चादर नीचे दुपट्टा ,
अरे कौन छिनरी क सट्टा * लिखात बा , अरे कौन छिनरी क सट्टा लिखात बा ,
अरे गुड्डी छिनरो क सट्टा लिखात बा , गुड्डी छिनरो क मारे जोबन में धक्का
ऊपर चादर नीचे दुपट्टा , अरे ऊपर चादर नीचे दुपट्टा ,
कितने मर्द एकर सट्टा लिखे , कितने मारे जोबन में धक्का
साठे मरद एकर सट्टा लिखें , अस्सी मरद मारें जोबन में धक्का ,
ऊपर चादर नीचे दुपट्टा , अरे ऊपर चादर नीचे दुपट्टा ,
अरे केतना मरद एकर टंगिया उठावें , केतना मारे हो आगे से धक्का ,
अरे नब्बे मर्द एकर टंगिया उठावे और सौ मरद मारे आगे से धक्का
आगे से धक्का और पीछे से धक्का , गुड्डी छिनार मरवावे सट्टका
( सट्टा- पहले ( और कई जगह अभी भी ) शादी में नाचने के लिए जो रंडीया जाती थीं, उनके साथ जो करार होता था उसे ही सट्टा कहा जाता था , और उस में दिन तारीख और पैसा सब बातें लिखी रखती थीं। और गानों में दूल्हे की बहन माँ इत्यादि के लिए अक्सर चिढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द )
लेकिन गुड्डी एकदम पक्की छिनार , मेरी और रीनू की असली ननद ,
मुंह बना के बोली ,
" कहाँ भौजी आप भी न , नब्बे , सौ की बात कर रही हैं ,.... वो तो आज जाके हैट ट्रिक हुयी , वरना अब तक तो सिर्फ एक , और हफ्ते भर पहले तो खाता भी नहीं खुला था , एकदम सील बंद ,..."
रीनू भी , ... मुझे हड़काने लगी फिर गुड्डी को समझाया ,
"अरे कोमलिया ये तो बहुत बुरी बात है , ननद ने बिना इंटरकोर्स के इंटर का कोर्स पूरा कर लिया , चल ननद रानी कोई बात नहीं , अगले महीने भर में , तेरी भाभी का आशीर्वाद है , ... सेंचुरी पूरी हो जाएगी , आगे भी और पीछे ,...
गुड्डी की सच में मैथ्स बहुत तेज थी , तुरंत बिना कैलकुलेटर के जोड़ लिया , बोली ,
"महीने में सौ मतलब रोज अगर ३१ का महीना हो तो 3. २२५८ और अगर ३० का महीना हो 3. ३३ , .... उफ़ वो पांच दिन वाली छुट्टी तो मैंने जोड़ी नहीं , वो माइनस कर लूँ तो ,... चार बार रोज ,... "
उसका चेहरा सोच कर ही चमक रहा था।
" तेरी फुद्दी मारुं ,स्साली , तेरी मैथ तेरी गांड में , ... अरे छिनार , १०० बार की कौन बात कर रहा है , १०० तगड़े जब्बर मरद आगे और १०० मरद पीछे , अब एक कोई मर्द तेरी ऐसी मस्त लौंडिया को एक बार में थोड़ी छोड़ देगा ... तो तेरे हिसाब से चार चार मर्द रोज ,....तो अब गारी वाली बात हो गयी न पूरी " रीनू बोली
Bahut hi hot update. Maja aa gya jija saali ki chemistry dekhkarजीजा साली की मस्ती
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पर फर्स्ट गियर से चौथे गियर में जाने में उन्हें ज्यादा टाइम थोड़े ही लगता था , बुर में घुसी ऊँगली इंजन की पिस्टन की तरह पूरी ताकत से अंदर बाहर और साथ साथ आते जाते , जी प्वाइंट को भी रगड़ देते , और उनकी साली गिनगीना जाती , काँप जाती , साथ में क्लिट पर अंगूठा लगातार हलके हलके दबा रहा था
पिछवाड़े का घुसा पिस्टन भी अब एक बार फिर से फूल स्पीड से , ...
गांड भी मारी जा रही थी और बुर की भी ऐसी तैसी हो रही थी ,... आज सच में साली को जीजू का मजा मिल रहा था।
वो चीख भी रही थी , सिसक भी रही थी , और साथ में गालियाँ , साली हो और गाली न हो , और वो भी रीनू जैसी साली,
" स्साले , मादरचोद , ये कहाँ से तूने ,... अपनी माँ के पेट से सीख कर आया क्या , तेरी रंडी माँ कोठे पर गांड मरवा रही थी , भँड़वे , ... जब तू पेट में था ,... अरे ज़रा आराम से , मेरी छोटी बहन की सास की पोखर ताल ऐसी गांड नहीं है ये , ... बचपन से लगता है अपनी माँ के भोंसडे में प्रैक्टिस की है तूने , मादरचोद , गांडू चिकना , ... पिछली बार तो इतना ,... ओह्ह उफ़ क्या करते हो जीजू ,... "
लेकिन साली को ये नहीं मालूम था की माँ के नाम की गाली , आग में घी का काम करती है , पता नहीं कौन कौन सी उनकी फैंटेसी जग जाती हैं , माँ की गाँड़, भोंसडे के नाम पे
और वो एकदम,... अगिया बैताल झूठ, पीछे से स्टीम इंजन के पिस्टन की तरह धकाधक उनका मोटा खूंटा साली के पिछवाड़े
और आगे से दोनों उंगलिया , जोर से क्लिट को रगड़ता मसलता अंगूठा
और दूसरे हाथ से वो निपल को पिंच कर रहे थे ,
वही हुआ जो होना था , एक बार फिर उनकी स्साली तेजी से झड़ रही थी , सिसक रही थी , चूतड़ उठा उठा कर , ... बुर अंदर फूल पिचक रही थी ,
लेकिन अबकी न उनकी अंगुली हलकी हुयी न लंड , ...
एक बार , दो बार , तीन बार ,... जब वो थेथर हो गयी तो वहीँ गद्दे पर , ... लेकिन अब भी उनका खूंटा तो वैसे ही , पर उन्होंने साली के पिछवाड़े से निकाल लिया था , और अब तक वो समझ गए थे , लंड गांड से निकलने के बाद कहाँ जाता है , .... गांड मरवाने वाली के मुंह में,
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और एकदम थकी पस्त साली ने मुंह खोल दिया , लगी चूसने चाटने ,
हाँ अभी ये झड़े नहीं थे और ये बात मुझे और गुड्डी दोनों को मालूम थी की इनका पानी निकलने में अभी बहुत टाइम लगने वाला है।
बस यही मौका था उस किशोर ननदिया के पास बोलने का छेड़ने का , भाभी तो अब बोल ही नहीं सकती थी , मुंह में भइया का मोटा सा खूंटा जो धंसा था ,
और ननद मौका क्यों चुकती , गुड्डी चालू हो गयी।
" का हो भौजी , मजा आ रहा है न , कैसा स्वाद है, . चाटिये कस कस के , .... सीधे आपके पिछवाड़े से गया है मेरे भैया का, आ रहा मजा चूसने का, आज चलिए मेरे सामने मेरे भैया का तीनो छेद में ले लिया, और मलाई निकलनी अभी बाकी है, कोई आपकी और कोई छोटी बहन हो, अरे झांटे आयीं हो न आयीं हो, मेरे भैया के पास भेज दीजिये, आपसे ज्यादा चौड़ी करवा के महीने में भेज दूंगी आपकी ननद की गांरटी" । "
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रीनू भौजी ने गुस्से से चिढ़ाती उस टीनेजर शोख ननद को देखा , लेकिन सच में , मुंह में तो ननद के भइया का खूंटा ठूंसा हुआ था , बोल तो सकती नहीं थी , ...
और जो खूंटा निकला मुंह से तो उस तन्नाए खूंटे को देखकर भौजी का मन , वही जो सारे भौजाइयों का होता है , ननद के भाई के खूंटे को देखकर , अंदर लेने का
और अबकी मंद समीर की तरह , सिम्पल मिशनरी पोज , जिज्जा ऊपर , साली नीचे ,... सावन भादों के झूले की तरह,एक बार फिर से पिछवाड़े के बाद प्रेम गली का नंबर था
कभी जीजा पेंग लगाते तो कभी साली , तो कभी दोनों बारी बारी , ... साली ने कस के अपने जीजू को दबोच रखा था , जीजू उसके अंदर धंसे ,...
झूले की रफ़्तार एक बार फिर बढ़ गयी थी , दोनों की पूरी देह , होंठ , हाथ सब कुछ ,... कभी वो जोर जोर से धक्के लगाते तो रीनू सिसकती तो कभी उनकी साली कौन कम थी , वो अपने भारी भारी चूतड़ उछाल के नीचे से धक्के लगाती , अपनी गदरायी चूँची उनके चौड़े सीने में रगड़ती , अपने लम्बे तीखे नाख़ून उनकी पीठ में गड़ाती , और साथ में गालियों की बौछार ,... बहन को , माँ को , उनके सारे मायके वालों को ,
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" हाँ जीजू, हाँ ऐसे ही चोद स्साले क्या मस्त चोदते हो, उफ़, बहुत मजा आ रहा है, किसकी बुर में ट्रेनिंग लेनी, बहन के नाम पे तो तेरी यही रंडी गुड्डी, इसकी तो मेरी बहना ने फड़वायी, जरूर स्साले गांडू तुम मादरचोद हो, एकदम मस्त चोदने लायक है भी, अरे इत्ती कस के नही। तेरी माँ का भोंसड़ा नहीं है ताल तलैया, पोखर ऐसा, उफ़ उफ़, हाँ ओह्ह जीजू, हाँ ऐसे ही "
और जहाँ रीनू ने उनकी माँ का नाम लिया,
रीनू के जोबन की ऐसी की तैसी,
एक उनके हाथ के नीचे कुचला मसला जा रहा था, और दूसरे को चुसूर चुसूर चूस रहे थे
दो धक्के मार के पूरा बित्ते भर का लंड अपनी साली रीनू की चूत में जड़ तक लंड ठूस दिया, ऐसा धक्का मारा की स्साली की बच्चेदानी काँप गयी, और अब एक्शन पूरी तरह ऊपर की मंजिल पर,
हफ्ते भर काठमांडू में रीनू खूब चुदी थी, कमल जीजू से, बचपन के हम बाँहों के नियम के हिसाब से जब हम बहने साथ हो तो उसका मरद छू भी नहीं सकता था, हाँ अगर बहन की मर्जी हो सैंडविच बननी हो तो अलग बात है। सबसे बड़ी मौसेरी बहन चीनू थोड़ी ऐसी ही, कमल जीजू वाली, इसलिए सबसे ज्यादा रगड़ाई रीनू की ही हुयी, लेकिन आज जिस तरह से मेरा मरद उसे चोद रहा था, जो मस्ती रीनू पे चढ़ी थी, उसके आगे रीनू काठमांडू को भूल गयी थी। खूंटे के मामले में मेरा मरद जीजू लोगो से उन्नीस नहीं था, और ऊपर से गीता के पहलौठी के दूध का असर , एकदम लोहे का खम्बा, और झड़ने के मामले में तो, कहीं मैंने पढ़ा था की कड़ा खूंटा वो है जिसपर गीली तौलिया टांग दो लेकिन असली खूंटा वो है जिसपर टंगे टंगे तौलिया सूख जाए , बस रीनू के जीजा मेरा बाबू एकदम वही। असली बात ये थी की उन्हें पूरे ड्डेह का खेल मालूम था और किसी लड़की को देख के समझ जाते थे वो की वो बूब गर्ल है या आस गर्ल
उनकी साली दोनों थी, गाँड़ मार मार कर उसकी, इन्होने मेरी बहन को अपना फैन बना लिया था और अब,
जिस तरह से वो रीनू के निप को चूस रहे थे
और दूसरे निप को ऊँगली और अंगूठे के बीच के बीच लेकर रगड़ रहे थे, इनकी साली बस पागल नहीं हुयी, वो बार बोल रही थी,
" उफ़ जीजू क्या करते हो, नहीं लगता है, अरे ओह्ह बहुत अच्छा लग रहा है, जीजू प्लीज काटो नहीं, हाँ ऐसे ही चूस, चूस स्साले, गुड्डी के भंडुए बहनचोद, पागल कर दोगे, "
रीनू की देह काँप रही थी।
लेकिन नीचे उन्होंने छोड़ दिया था ऐसा भी नहीं, लंड जड़ तक घुसा था और लंड के बेस से अपनी साली की गुलाबो की फांके और क्लिट वो कस कस के रगड़ रहे थे,
मस्ती से रीनू के निप्स एकदम कड़े पूरे एक एक इंच के,
और अब उन्होंने वो बदमाशी की, दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी साली की चूँचियों को एकदम आलमोस्ट सटा दिया और जीभ से फ्लिक करने लगे, दोनों निप्स को एकसाथ,
रीनू अब सच में पागल हो गयी, जैसे मिर्गी के मरीज की देह मुड़ती है, तड़पती छटपटाती है एकदम उसी तरह और वो लगातार बोल रही थी
" जीजू करो न, चोदो न , चोद स्साले अपनी साली को चोद बहन के यार चोद, "
बस उन्होंने रीनू को दुहरा कर दिया और क्या रगड़ के चोदा है,
और अब जो रीनू की स्पीड तेज हुयी , उनकी साली का बदन तूफ़ान में पत्ते की तरह कांपने लगा , .... उन्हें भी लग रहा था , अब गए , तब गए , एकदम कगार पर ,... रीनू गयी पर साथ साथ उनको भी ,
यह तीसरी बार वो झड़ रही थी , पहली बार तो फोरप्ले में ही उन्होंने अपनी साली को इतनी गीली कर दिया , और पहला धक्का ही ऐसा जोरदार लगाया था सीधे बच्चेदानी पर सुपाड़ा , ...उनकी साली उसी में ,...
दूसरी बार जब वो डबल अटैक कर रहे थे , पिछवाड़े मोटा खूंटा , और आगे बिल में दो ऊँगली रगड़ाती अंदर जड़ तक घुसी , जी स्पॉट को छेड़ती मसलती , और साथ में अंगूठा क्लिट पर ,
पर तीसरी बार साली उनकी जो डूबी तो साथ अपने जीजू को भी ले गयी ,
वही ट्रिक जो हम तीनों बहनों ने सीखी थी , अगर कोई मरद ,....
रीनू ने एक साथ अपनी दो उँगलियाँ उनके पिछवाड़े ठेल दी , और जड़ तक। और पल भर में दोनों उँगलियों ने उनके प्रोस्ट्रेट को ढूंढ लिया था ,जबरदस्त मसाज ,
रीनू झड़ रही थी , पहली दो बार से भी ज्यादा तेज , काँप रही थी , उसकी आँखे बंद थी , लेकिन उसकी दोनों उँगलियाँ , बिना रुके
और अब वो भी , जैसे कोई तूफ़ान समंदर में आगया हो , कोई छोटी सी नाव लहरों के थपेड़ों पर उछल रही हो , बस जीजा साली की देह इसी तरह , ... रूकती , फिर चालू हो जाती ,
और जब वो रुके , तो साली ने एक बार फिर कस के , प्रोस्ट्रेट मसाज , ... और दुबारा फिर गाढ़ी मलाई , ....
दोनों की आँखे बंद थी , दोनों मजे में डूबे , ऑलमोस्ट बेहोश ,
और मैं , मेरे दोनों जीजू बगल में बैठे देख रहे थे , मैं मुस्करा रही थी। इनकी कितनी पुरानी फैंटेसी थी जीजा साली की हचक कर ,...
वो और रीनू गुथमगुथा बोलने की हालत में नहीं थे , खूंटा अभी भी उनका अंदर धंसा हुआ , गाढ़ी रबड़ी मलाई प्रेम गली से छलकती बहती , साली की जांघों पर छलकती ,
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