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जोरू का गुलाम भाग २३८ पृष्ठ १४५०
वार -१ शेयर मार्केट में मारकाट
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तो क्या घर का काम गुड्डी करेगी...नहीं नहीं
अभी सिर्फ जीजा साली
और रीनू के जीजा की बहन, हम तीन हमारे तीन,
गुड्डी के तीनो, मेरे दो और रीनू का सिर्फ एक, मेरा वाला, अकेले सब पे भारी।
ओह्ह्ह. सॉरी...नहीं नहीं दिल नहीं,
दिल तो मेरे कब्जे में है , सात तालों में बंद मेरे दिल के
हाँ बाकी अंग चाहे उनके मायके वाले इस्तेमाल करें या मेरे मायके वाले
और अगर शादी शुदा साली है तब उसके मर्द के सामने, उसको दिखा के, ललचा के, कभी थोड़ा निकाल के थोड़ा घुसा के, कभी दिखा के कभी छुपा के, कभी निहुरा के कभी गोद में बिठा के स्साली की गाँड़ मारने में है उस मजे केआगे सब मजा फीका,जोरू का गुलाम भाग २२१ -
स्साली का गोलकुंडा
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जो मजा स्साली की गाँड़ मारने में है, चाहे कोरी हो या फटी, चाहे जबरदस्ती चाहे मर्जी से, चाहे कुँवारी हो चाहे शादी शुदा, उतना मजा किसी चीज में नहीं,
और अगर शादी शुदा साली है तब उसके मर्द के सामने, उसको दिखा के, ललचा के, कभी थोड़ा निकाल के थोड़ा घुसा के, कभी दिखा के कभी छुपा के, कभी निहुरा के कभी गोद में बिठा के स्साली की गाँड़ मारने में है उस मजे केआगे सब मजा फीका,
और मारने वाले जीजू से कम मजा मरवाने वाली साली को नहीं आता, अपने मरद के सामने, अपने मरद को दिखा के, ललचा के, उकसा के, चिढ़ा के चिढ़ा के अपने जीजू से मरवाने में
पिछवाड़े के मामले में ये थोड़ा अभी, ....
आज से पहले अभी तक इन्होने सिर्फ अपनी भौजाई की गाँड़ मारी थी, और इनकी भौजाई मेरी एकलौती जेठानी की गाँड़ है भी बड़े मस्त, ये बड़े बड़े मटकते हुए चूतड़, तरबूज ऐसे,
इनके हरेक धक्के पर चीखती थीं। जितना चीख पुकार जब मैंने ८ इंच के डिलडो से इनकी भौजी की गाँड़ मारी थी उससे ज्यादा इनके मोटे खूंटे से पेलवाने के बाद नौ नौ टसुए बहा रही थीं, और अपनी औकात समझ गयी थीं।
मैं तो सिर्फ देख देख के मजे ले रही थी,
गुड्डी थी न मेरी ननद इनके बचपन का माल, आग में घी डालने के लिए, अपनी मीठी भौजी को चिढ़ाने के लिए,
रीनू को कुछ अंदाज तो लग गया था जब उसने इन्हे गुड्डी की गाँड़ मारते देखा था, और वही ले गयी थी इन्हे समझा बजा के उकसा के इनको अपनी बहन की गाँड़ मारने के लिए,
लेकिन धक्के देख के रीनू बोली, यार पी एच डी के आगे कोई डिग्री होती है क्या ( गाँड़ के मामले में हम सब बहने कमल जीजू को पी एच डी बोलते थे ), डी लिट्ट मैं बोली। बस तेरा वाला वही है, रीनू गुड्डी के पिछवाड़े आगे पीछे होते इनके खूंटे को देख के बोली।
और अब रीनू के चितौड़गढ़ पर मेरे बाबू का झंडा फहरने वाला था,
इनकी एक ऊँगली इनकी साली के पिछवाड़े धंसी हुयी थी, इन्होने अपनी दोनों टांगो के बीच निहुरी हुयी रीनू को दबोच रखा था इसलिए इनकी साली के दोनों छेद भी एकदम टाइट हो गए थे, और मारे बदमाशी के रीनू ने सिकोड़ भी लिया था पूरी ताकत से
और गुड्डी और छेड़ रही थी, उकसा रही थी अपने भैया को,
" अरे भैया ये क्या कर रहे हैं , मेरी मीठी भाभी का एक ऊँगली से क्या होगा ,... मालूम नहीं मायके में अपने , पूरे कातिक में एक दिन भी नागा नहीं जाता था इनका कोई भी कुत्ता , देसी , बिदेसी ,... कोई भी भेदभाव नहीं करती थी मेरी ये मायके की छिनार मीठी भाभी ,... मुक्के ऐसी मोटी गांठ , घंटे घंटे भर ,... तो ऊँगली क्या ,.... ऊंट के मुंह में जीरा ,... "
गुड्डी ने चिढ़ाया।
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" साली तीन तीन से गांड मरवाकर मन नहीं भरा तेरा। जब फट रही थी कैसे चीख रही थी , भाभी बचा लीजिये आप , पैर छूती हूँ आपका , ... प्लीज मेरी अच्छी भाभी , प्रॉमिस ,... बस आज बचा लीजिये फटने से ,... जान निकल जायेगी ,... पक्का प्रॉमिस ,... आज के बाद कभी भी चूतड़ मटका मटका के नहीं चलूंगी , कभी टाइट जीन्स पहन के लौंडो के आगे अपने लौंडा छाप चूतड़ दिखा के नहीं ललचाऊँगी ,... "
रीनू एकदम पक्की मिमिक ,... एकदम गुड्डी की आवाज की नक़ल बना के बोल रही थी।
गुड्डी बजाय बुरा मानने के और जोर जोर से खिलखिला रही थी ,
" भाभी , सच , सोलहे आना सच ,... लेकिन आपने बचाया तो नहीं न। फड़वा तो दी न मेरी , फिर ,... अब तो मैं और चूतड़ मटका मटका के चलूंगी , एक बार फट गयी , अब क्या डरना ,... लेकिन न आपने मेरी बचाई न मैं आप की बचाऊंगी , पट्टा पट्टी। भइआ अरे जरा हचक के , मेरी भाभी के जब तक हर छेद में मूसल न चले न ,... "
और रीनू की चीख अबकी कस के निकल गयी , इस बार दो दो उँगलियाँ गांड में हचक कर ,... एकदम जड़ तक ,
अभी भी उन्होंने कस के अपनी साली की दोनों टाँगे अपनी टांगो के बीच में दबोच रखी थीं , हर धक्का सीधे साली की बच्चेदानी पर पड़ रहा था ,
पर अब छेद बदलने वाला था , ... इसलिए उन्होंने एक बार फिर अपनी टाँगे खोल दिन , साली की टांगों के बीच में डालकर , साली की टाँगे अच्छी तरह फैला दिन , और साथ में गोलकुंडा का छेद भी ,
अब उँगलियाँ निकल आयी थीं , दोनों अंगूठों को साली के पिछवाड़े डाल कर उसकी कसी गांड उन्होंने पूरी तरह फैलायी , अपना सुपाड़ा सेट किया , ....
बुर चोद चोद कर , बुर के पानी से सुपाड़ा अच्छी तरह गीला हो गया था , बार बार थूक लगा कर जो उन्होंने दोनों उँगलियाँ अपनी साली के पिछवाड़े पेली थीं , तो वो भी थोड़ी ही सही चिकनी गीली हो गयी थी , ....
सट्टाक ,
गप्पाक ,
घच्च से सुपाड़ा आलमोस्ट पूरा अंदर ,.... एक तो उन्होंने दोनों हाथ से अपनी साली के चूतड़ पूरी ताकत से पकड़ कर , कस के , कमर का पूरा जोर लगा के धक्का मारा , दूसरे रीनू कोई नयी बछेड़ी तो थी नहीं जो , सुपाड़ा गांड के छेद पर लगते ही , गांड सिकोड़ लेती , वो तो खुद इन्तजार कर रही थी , जीजू के धक्के का , ...
और दूसरे धक्के में सुपाड़ा अंदर और अबकी साली जी की हलकी सी चीख निकल गयी , रोकते रोकते
उईईई , ओह्ह्ह उफ्फ्फ ,...
अब तक पीएचडी वाले से गांड़ मरवाई थी रीनू ने...घुस, अड़स गया, स्साली रीनू के पिछवाड़े
अब उँगलियाँ निकल आयी थीं , दोनों अंगूठों को साली के पिछवाड़े डाल कर उसकी कसी गांड उन्होंने पूरी तरह फैलायी , अपना सुपाड़ा सेट किया , ....
बुर चोद चोद कर , बुर के पानी से सुपाड़ा अच्छी तरह गीला हो गया था , बार बार थूक लगा कर जो उन्होंने दोनों उँगलियाँ अपनी साली के पिछवाड़े पेली थीं , तो वो भी थोड़ी ही सही चिकनी गीली हो गयी थी , ....
सट्टाक ,
गप्पाक ,
घच्च से सुपाड़ा आलमोस्ट पूरा अंदर ,....
एक तो उन्होंने दोनों हाथ से अपनी साली के चूतड़ पूरी ताकत से पकड़ कर , कस के , कमर का पूरा जोर लगा के धक्का मारा , दूसरे रीनू कोई नयी बछेड़ी तो थी नहीं जो , सुपाड़ा गांड के छेद पर लगते ही , गांड सिकोड़ लेती , वो तो खुद इन्तजार कर रही थी , जीजू के धक्के का , ...
और दूसरे धक्के में सुपाड़ा अंदर और अबकी साली जी की हलकी सी चीख निकल गयी , रोकते रोकते
उईईई , ओह्ह्ह उफ्फ्फ ,...
वो सीख गए थे अगवाड़े और पिछवाड़े का अंतर , पिछवाड़े के मामले में पूरी ताकत से ठेलना , धकेलना , ... बजाय बार बार अंदर बाहर करने के , ... बुर की तरह गांड में कोई अगले हिस्से में नर्व एंडिंग्स नहीं होती ,.... इसलिए , और असली मामला खैबर के दर्रे का , गांड का छल्ला पार करने का है , जो दर्द होता है वही मजा भी है , ...
और अगले ही धक्के में , वो भी पार ,... स्साली मान गयी अपने जीजू की ताकत को और तरीके को ,
उईईई उईईईईई अबकी रीनू जोर से चीखी ,... जीजू उसके बदमाश , सिर्फ छल्ले को पार करके नहीं रुके , थोड़ा सा खूंटा बाहर खींच कर दुबारा , बार बार वो छल्ले पर अपना मोटा कड़ा सुपाड़ा रगड़ रहे थे , और मजा तो आ रहा था लेकिन लग भी बहुत तेजी से रहा था।
एक बार फिर रीनू की जीजू ने वही हरकत की लेकिन अबकी , अपनी टांगों को साली के पैरों के बाहर करके टाँगे अंदर , पूरी नहीं लेकिन थोड़ी सी भींच दी ,
और छेद और संकरा हो गया
अबकी ऑलमोस्ट सुपाड़ा पूरा बाहर निकाल के ,... क्या ताकत , जैसे कोई लोहार पूरी ताकत से हथौड़ा मारे ,...
उईईई उईईईईई ओह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ उईईईईई
अबकी रीनू जोर से चीखी ,...
और अबकी गुड्डी की बारी थी मिमिक करने की , एकदम रीनू की चीख की तरह उसने चीख निकाली , क्या जबरदस्त चीख थी।
और चिढ़ाया ,
" मीठी भाभी कुछ धंस गया क्या , जोर से चुभा , भैया से कहती हूँ आपको मलहम लगा देंगे , वो सफ़ेद वाला , नौ महीने बाद उसका असर होगा , लेकिन होगा श्योर और दर्द भी ख़तम ,"
दर्द के मारे रीनू की जान निकल रही थी , बोला नहीं जा रहा था , उसने खा जाने वाली नज़रों से अपनी टीनेजर ननद को देखा एकदम हरी मिर्च ,
लेकिन गुड्डी कौन आसानी से चुप होनेवाली थी , अब उसे मौका मिला था भाभी को छेड़ने का , ,
" " भाभी अगर आप कहें तो , बताइये न कहाँ चुभा , .... मेरे पास श्योर शाट मलहम है , बस ऊँगली से , आप कहियेगा तो मैं ही ऊँगली डाल के , .... रेड हाट चिली , ... आसाम की क्या कहते हैं भूत झोलकिया , वही वाली , एकदम लाल ,.... लाल। आराम से लगाउंगी , आखिर ननद हूँ आपकी ,.... ""
रीनू कुछ बोलती उसके पहले ही जोरदार चीख निकल गयी साली जी की , जीजू ने धक्के की ठेलने की , धकेलने की रफ़्तार बढ़ा दी , और हर बार उस खैबर के दर्रे को छेड़ते हुए , रगड़ते , दरेरते ,...
चीख पर चीख ,...
जीजू साली के , सिर्फ तीसरी बार गांड मार रहे थे। सबसे पहले उन्होंने अपनी भाभी की ,... कुछ ही दिनों पहले तो , और आज अपनी बहन की , बस कुछ देर पहले ही लेकिन सीखने में वो बहुत तेज थे ,
बस कुछ दिन की बात , ... अगले हफ्ते संडे को , आज शुक्रवार है तो ९ दिन बाद , दोनों रसगुल्लों की कोरी कोरी गांड ,... और वो दोनों तो गुड्डी से भी कच्ची हैं
उसके बाद मिसेज मोइत्रा का पिछवाड़ा , ....क्या पता मेरी सास , बुआ सास , और उनकी बेटी छुटकी का भी नंबर लगा जाय , सबके सब कोरी थी पिछवाड़े ,...
" जीजू, प्लीज एक मिनट रोक लीजिये बस एक मिनट, अबे स्साले निकालने को नहीं बोल रही हूँ, बस सांस लेने दे, बस एक मिनट, जान निकल रही है , जीजू, मेरे अच्छे जीजू, मान जाओ। " रीनू बोल रही थी।
बस चार पांच धक्के और उनका भाला जड़ तक अंदर एकदम धंसा , और , धक्का साली की गांड में रोक दिया उन्होंने, लंड जड़ तक अंदर घुस गया था रीनू की गाँड़ में। गाँड़ पूरी तरह फैली परपराती, छरछराती, जैसे सच में किसी ने मिर्च कूट दिया हो, चमड़ी अंदर की जगह जगह छिल गयी थी ।
... आखिर इतनी प्यारी एकलौती साली थी।
चुदाई में पक्के आलराउंडर , ... एकबार गोलकुंडा विजय के बाद ,... फिर उन्होंने प्रेम गली की सुध ली ,... पहले तो हथेली से थोड़ा मसला रगड़ा , वो पानी फेंकने लगी तो पहले एक ऊँगली फिर दूसरी ऊँगली , कभी गोल गोल , कभी हलके हलके अंदर बाहर ,...
साली के पिछवाड़े का दर्द अब हल्का हो रहा था , उन्होंने अब ठेलना भी बंद कर दिया था , जड़ तक धंसा था , पिछवाड़े और ऊपर से आगे ऊँगली का असर , बीच बीच में जिस हाथ की दो उँगलियाँ गुलाबी लव लेन के अंदर थीं , उसकी का अंगूठा , हलके से क्लिट को भी छू दे रहा था , दबा देता , और साली गिनगीना जाती ,
ये सब खेल तमाशा उनके बाएं हाथ का खेल था ,
दाएं हाथ से वो साली के गदराये जोबन का मजा ले रहे थे ,
पर फर्स्ट गियर से चौथे गियर में जाने में उन्हें ज्यादा टाइम थोड़े ही लगता था ,
बुर में घुसी ऊँगली इंजन की पिस्टन की तरह पूरी ताकत से अंदर बाहर और साथ साथ आते जाते , जी प्वाइंट को भी रगड़ देते , और उनकी साली गिनगीना जाती , काँप जाती , साथ में क्लिट पर अंगूठा लगातार हलके हलके दबा रहा था
पिछवाड़े का घुसा पिस्टन भी अब एक बार फिर से फूल स्पीड से , ...
गांड भी मारी जा रही थी और बुर की भी ऐसी तैसी हो रही थी ,... आज सच में साली को जीजू का मजा मिल रहा था।
उफ्फ.. ये माँ का नाम ले लेके रीनू साली तो और उकसा रही है...जीजा साली की मस्ती
--
पर फर्स्ट गियर से चौथे गियर में जाने में उन्हें ज्यादा टाइम थोड़े ही लगता था , बुर में घुसी ऊँगली इंजन की पिस्टन की तरह पूरी ताकत से अंदर बाहर और साथ साथ आते जाते , जी प्वाइंट को भी रगड़ देते , और उनकी साली गिनगीना जाती , काँप जाती , साथ में क्लिट पर अंगूठा लगातार हलके हलके दबा रहा था
पिछवाड़े का घुसा पिस्टन भी अब एक बार फिर से फूल स्पीड से , ...
गांड भी मारी जा रही थी और बुर की भी ऐसी तैसी हो रही थी ,... आज सच में साली को जीजू का मजा मिल रहा था।
वो चीख भी रही थी , सिसक भी रही थी , और साथ में गालियाँ , साली हो और गाली न हो , और वो भी रीनू जैसी साली,
" स्साले , मादरचोद , ये कहाँ से तूने ,... अपनी माँ के पेट से सीख कर आया क्या , तेरी रंडी माँ कोठे पर गांड मरवा रही थी , भँड़वे , ... जब तू पेट में था ,... अरे ज़रा आराम से , मेरी छोटी बहन की सास की पोखर ताल ऐसी गांड नहीं है ये , ... बचपन से लगता है अपनी माँ के भोंसडे में प्रैक्टिस की है तूने , मादरचोद , गांडू चिकना , ... पिछली बार तो इतना ,... ओह्ह उफ़ क्या करते हो जीजू ,... "
लेकिन साली को ये नहीं मालूम था की माँ के नाम की गाली , आग में घी का काम करती है , पता नहीं कौन कौन सी उनकी फैंटेसी जग जाती हैं , माँ की गाँड़, भोंसडे के नाम पे
और वो एकदम,... अगिया बैताल झूठ, पीछे से स्टीम इंजन के पिस्टन की तरह धकाधक उनका मोटा खूंटा साली के पिछवाड़े
और आगे से दोनों उंगलिया , जोर से क्लिट को रगड़ता मसलता अंगूठा
और दूसरे हाथ से वो निपल को पिंच कर रहे थे ,
वही हुआ जो होना था , एक बार फिर उनकी स्साली तेजी से झड़ रही थी , सिसक रही थी , चूतड़ उठा उठा कर , ... बुर अंदर फूल पिचक रही थी ,
लेकिन अबकी न उनकी अंगुली हलकी हुयी न लंड , ...
एक बार , दो बार , तीन बार ,... जब वो थेथर हो गयी तो वहीँ गद्दे पर , ... लेकिन अब भी उनका खूंटा तो वैसे ही , पर उन्होंने साली के पिछवाड़े से निकाल लिया था , और अब तक वो समझ गए थे , लंड गांड से निकलने के बाद कहाँ जाता है , .... गांड मरवाने वाली के मुंह में,
---
और एकदम थकी पस्त साली ने मुंह खोल दिया , लगी चूसने चाटने ,
हाँ अभी ये झड़े नहीं थे और ये बात मुझे और गुड्डी दोनों को मालूम थी की इनका पानी निकलने में अभी बहुत टाइम लगने वाला है।
बस यही मौका था उस किशोर ननदिया के पास बोलने का छेड़ने का , भाभी तो अब बोल ही नहीं सकती थी , मुंह में भइया का मोटा सा खूंटा जो धंसा था ,
और ननद मौका क्यों चुकती , गुड्डी चालू हो गयी।
" का हो भौजी , मजा आ रहा है न , कैसा स्वाद है, . चाटिये कस कस के , .... सीधे आपके पिछवाड़े से गया है मेरे भैया का, आ रहा मजा चूसने का, आज चलिए मेरे सामने मेरे भैया का तीनो छेद में ले लिया, और मलाई निकलनी अभी बाकी है, कोई आपकी और कोई छोटी बहन हो, अरे झांटे आयीं हो न आयीं हो, मेरे भैया के पास भेज दीजिये, आपसे ज्यादा चौड़ी करवा के महीने में भेज दूंगी आपकी ननद की गांरटी" । "
--
रीनू भौजी ने गुस्से से चिढ़ाती उस टीनेजर शोख ननद को देखा , लेकिन सच में , मुंह में तो ननद के भइया का खूंटा ठूंसा हुआ था , बोल तो सकती नहीं थी , ...
और जो खूंटा निकला मुंह से तो उस तन्नाए खूंटे को देखकर भौजी का मन , वही जो सारे भौजाइयों का होता है , ननद के भाई के खूंटे को देखकर , अंदर लेने का
और अबकी मंद समीर की तरह , सिम्पल मिशनरी पोज , जिज्जा ऊपर , साली नीचे ,... सावन भादों के झूले की तरह,एक बार फिर से पिछवाड़े के बाद प्रेम गली का नंबर था
कभी जीजा पेंग लगाते तो कभी साली , तो कभी दोनों बारी बारी , ... साली ने कस के अपने जीजू को दबोच रखा था , जीजू उसके अंदर धंसे ,...
झूले की रफ़्तार एक बार फिर बढ़ गयी थी , दोनों की पूरी देह , होंठ , हाथ सब कुछ ,... कभी वो जोर जोर से धक्के लगाते तो रीनू सिसकती तो कभी उनकी साली कौन कम थी , वो अपने भारी भारी चूतड़ उछाल के नीचे से धक्के लगाती , अपनी गदरायी चूँची उनके चौड़े सीने में रगड़ती , अपने लम्बे तीखे नाख़ून उनकी पीठ में गड़ाती , और साथ में गालियों की बौछार ,... बहन को , माँ को , उनके सारे मायके वालों को ,
--
" हाँ जीजू, हाँ ऐसे ही चोद स्साले क्या मस्त चोदते हो, उफ़, बहुत मजा आ रहा है, किसकी बुर में ट्रेनिंग लेनी, बहन के नाम पे तो तेरी यही रंडी गुड्डी, इसकी तो मेरी बहना ने फड़वायी, जरूर स्साले गांडू तुम मादरचोद हो, एकदम मस्त चोदने लायक है भी, अरे इत्ती कस के नही। तेरी माँ का भोंसड़ा नहीं है ताल तलैया, पोखर ऐसा, उफ़ उफ़, हाँ ओह्ह जीजू, हाँ ऐसे ही "
और जहाँ रीनू ने उनकी माँ का नाम लिया,
रीनू के जोबन की ऐसी की तैसी,
एक उनके हाथ के नीचे कुचला मसला जा रहा था, और दूसरे को चुसूर चुसूर चूस रहे थे
दो धक्के मार के पूरा बित्ते भर का लंड अपनी साली रीनू की चूत में जड़ तक लंड ठूस दिया, ऐसा धक्का मारा की स्साली की बच्चेदानी काँप गयी, और अब एक्शन पूरी तरह ऊपर की मंजिल पर,
हफ्ते भर काठमांडू में रीनू खूब चुदी थी, कमल जीजू से, बचपन के हम बाँहों के नियम के हिसाब से जब हम बहने साथ हो तो उसका मरद छू भी नहीं सकता था, हाँ अगर बहन की मर्जी हो सैंडविच बननी हो तो अलग बात है। सबसे बड़ी मौसेरी बहन चीनू थोड़ी ऐसी ही, कमल जीजू वाली, इसलिए सबसे ज्यादा रगड़ाई रीनू की ही हुयी, लेकिन आज जिस तरह से मेरा मरद उसे चोद रहा था, जो मस्ती रीनू पे चढ़ी थी, उसके आगे रीनू काठमांडू को भूल गयी थी। खूंटे के मामले में मेरा मरद जीजू लोगो से उन्नीस नहीं था, और ऊपर से गीता के पहलौठी के दूध का असर , एकदम लोहे का खम्बा, और झड़ने के मामले में तो, कहीं मैंने पढ़ा था की कड़ा खूंटा वो है जिसपर गीली तौलिया टांग दो लेकिन असली खूंटा वो है जिसपर टंगे टंगे तौलिया सूख जाए , बस रीनू के जीजा मेरा बाबू एकदम वही। असली बात ये थी की उन्हें पूरे ड्डेह का खेल मालूम था और किसी लड़की को देख के समझ जाते थे वो की वो बूब गर्ल है या आस गर्ल
उनकी साली दोनों थी, गाँड़ मार मार कर उसकी, इन्होने मेरी बहन को अपना फैन बना लिया था और अब,
जिस तरह से वो रीनू के निप को चूस रहे थे
और दूसरे निप को ऊँगली और अंगूठे के बीच के बीच लेकर रगड़ रहे थे, इनकी साली बस पागल नहीं हुयी, वो बार बोल रही थी,
" उफ़ जीजू क्या करते हो, नहीं लगता है, अरे ओह्ह बहुत अच्छा लग रहा है, जीजू प्लीज काटो नहीं, हाँ ऐसे ही चूस, चूस स्साले, गुड्डी के भंडुए बहनचोद, पागल कर दोगे, "
रीनू की देह काँप रही थी।
लेकिन नीचे उन्होंने छोड़ दिया था ऐसा भी नहीं, लंड जड़ तक घुसा था और लंड के बेस से अपनी साली की गुलाबो की फांके और क्लिट वो कस कस के रगड़ रहे थे,
मस्ती से रीनू के निप्स एकदम कड़े पूरे एक एक इंच के,
और अब उन्होंने वो बदमाशी की, दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी साली की चूँचियों को एकदम आलमोस्ट सटा दिया और जीभ से फ्लिक करने लगे, दोनों निप्स को एकसाथ,
रीनू अब सच में पागल हो गयी, जैसे मिर्गी के मरीज की देह मुड़ती है, तड़पती छटपटाती है एकदम उसी तरह और वो लगातार बोल रही थी
" जीजू करो न, चोदो न , चोद स्साले अपनी साली को चोद बहन के यार चोद, "
बस उन्होंने रीनू को दुहरा कर दिया और क्या रगड़ के चोदा है,
और अब जो रीनू की स्पीड तेज हुयी , उनकी साली का बदन तूफ़ान में पत्ते की तरह कांपने लगा , .... उन्हें भी लग रहा था , अब गए , तब गए , एकदम कगार पर ,... रीनू गयी पर साथ साथ उनको भी ,
यह तीसरी बार वो झड़ रही थी , पहली बार तो फोरप्ले में ही उन्होंने अपनी साली को इतनी गीली कर दिया , और पहला धक्का ही ऐसा जोरदार लगाया था सीधे बच्चेदानी पर सुपाड़ा , ...उनकी साली उसी में ,...
दूसरी बार जब वो डबल अटैक कर रहे थे , पिछवाड़े मोटा खूंटा , और आगे बिल में दो ऊँगली रगड़ाती अंदर जड़ तक घुसी , जी स्पॉट को छेड़ती मसलती , और साथ में अंगूठा क्लिट पर ,
पर तीसरी बार साली उनकी जो डूबी तो साथ अपने जीजू को भी ले गयी ,
वही ट्रिक जो हम तीनों बहनों ने सीखी थी , अगर कोई मरद ,....
रीनू ने एक साथ अपनी दो उँगलियाँ उनके पिछवाड़े ठेल दी , और जड़ तक। और पल भर में दोनों उँगलियों ने उनके प्रोस्ट्रेट को ढूंढ लिया था ,जबरदस्त मसाज ,
रीनू झड़ रही थी , पहली दो बार से भी ज्यादा तेज , काँप रही थी , उसकी आँखे बंद थी , लेकिन उसकी दोनों उँगलियाँ , बिना रुके
और अब वो भी , जैसे कोई तूफ़ान समंदर में आगया हो , कोई छोटी सी नाव लहरों के थपेड़ों पर उछल रही हो , बस जीजा साली की देह इसी तरह , ... रूकती , फिर चालू हो जाती ,
और जब वो रुके , तो साली ने एक बार फिर कस के , प्रोस्ट्रेट मसाज , ... और दुबारा फिर गाढ़ी मलाई , ....
दोनों की आँखे बंद थी , दोनों मजे में डूबे , ऑलमोस्ट बेहोश ,
और मैं , मेरे दोनों जीजू बगल में बैठे देख रहे थे , मैं मुस्करा रही थी। इनकी कितनी पुरानी फैंटेसी थी जीजा साली की हचक कर ,...
वो और रीनू गुथमगुथा बोलने की हालत में नहीं थे , खूंटा अभी भी उनका अंदर धंसा हुआ , गाढ़ी रबड़ी मलाई प्रेम गली से छलकती बहती , साली की जांघों पर छलकती ,
बैड एटिकेट..मस्ती के बाद, मस्ती
वो और रीनू गुथमगुथा बोलने की हालत में नहीं थे , खूंटा अभी भी उनका अंदर धंसा हुआ , गाढ़ी रबड़ी मलाई प्रेम गली से छलकती बहती , साली की जांघों पर छलकती ,
मैं भी तो ,... जब मेरी दोनों बहने मुझे चिढ़ाती , मुझे लगता कैसे लगेगा , मैं अपने जीजू के साथ और मेरी बहन मेरे उनके साथ , अगल बगल साथ साथ ,...
हम लोग थोड़ा पहले ही ,
सबसे पहले अजय मेरे अगवाड़े ,झड़े मेरे साथ साथ
और फिर कमल जीजू मेरे पिछवाड़े ,...
और तब हम लोगों की नजर गयी , इनपर रीनू पर , दोनों चालू थे।
पिछले सात आठ मिनट से हम तीनो , मैं अजय जीजू और कमल जीजू ,... इन्हे गुत्थम गुथा देख रहे थे ,
कुछ देर में मैंने पहले रीनू को सपोर्ट देकर गोल तकिये के सहारे बैठाया , और फिर गुड्डी भी मैदान में आ गयी , और इन्हे भी हल्के से सपोर्ट देकर , ... मैंने और गुड्डी ने तकियों और कुशन के सहारे , अधलेटे ,
पहले रीनू ने आँखे खोली , इन्हे देखा , साथ में इनकी भी आँखे खुली ,... और दोनों शर्मा गए।
गुड्डी पक्की ननद , रीनू की , क्यों छोड़ती ,
" अरे मेरी मीठी भाभी , अभी तो कुछ देर पहले ही , उछल उछल कर, खुद भैया को मेरे , उकसा उकसा कर ,... गपागप घोंट रही थी , अब काहें को गौने की दुल्हिन की तरह लजा रही हो। "
रीनू जोर से मुस्करायी , और गुड्डी को पकड़ कर गले से लगा कर कस के चूम लिया , फिर बोली ,
" ननद रानी , बहुत बोल रही थी न तुम , सब नोट कर के रखा है मैंने , उधार रखने वाली भौजाई नहीं हूँ , सूद के साथ लौटाउंगी। और ये तेरे भइया हैं न ,उनका भी हिसाब तेरे से निबटाउंगी , समझ ले ,... "
गुड्डी भी जोर से मुस्करायी ,
" अरे भाभी ये ननद भी घबड़ाने भागने वाली नहीं है , लेकिन अपने जीजा के साथ इतनी जबरदस्त कुश्ती लड़ी हैं आप तो थोड़ा सुस्ता लीजिये , ये ननद कहीं भाग नहीं रही। "
और एक प्लेट में ढेर सारी डार्क चॉकलेट्स , चीज रखी थीं , वो उसने रीनू की ओर बढ़ा दिया।
" तेरी भाभियों का काम इन सबसे चल जाएगा , हम लोगों का नहीं चलेगा , ... "
कमल जीजू हंस कर बोले , और गुड्डी उन का इशारा समझ कर , आधी खाली जानीवाकर गोल्ड लेबल की बॉटल , अजय जीजू को पकड़ा दी ,
पर बोतल के साथ अजय जीजू ने पकड़ कर गुड्डी को अपनी गोद में बिठा लिया और सीधे बोतल से पहले गुड्डी के मुंह में ही घुटुर घुटुर , एक पैग से ज्यादा ही , ... और फिर खुद बॉटल से पीने के बाद , कमल जीजू को पकड़ा दी और खुद अपनी पेसल वाली सिगी निकाल ली।
लेकिन अजय जीजू ने एक सुट्टा ही लिया होगा की गुड्डी ने उन के हाथ से छीन लिया ,
उस शोख ने अपनी बड़ीबड़ी कजरारी आँखों से घूरा , हलके से मुस्कराइ और बोली ,
" अकेले अकेले नॉट डन, बैड , वेरी बैड ,... और उस टीनेजर ने अपने गुलाबी रसीले होंठों में लगा कर एक जबरदस्त सुट्टा लिया ,
अजय जीजू ने जो दूसरी सुलगायी वो मैंने छीन ली और मैं और रीनू मिलकर एक दम अपने कालेज के दिनों की तरह जम कर सुट्टा पर सुट्टा लगा रहे थे ,
पर बेचारी मेरी ननद को मालूम नहीं था जो सिगी उसने अजय जीजू के हाथ से ली है , वो मामूली नहीं है , एक्स्ट्रा पेसल , सीधे कश्मीरी मिर्ची , सफ़ेद पाउडर ,...एक सुट्टा ही उसके दिमाग का रायता बनाने के लिए काफी था , और ऊपर से वो अजय जीजू के गोद में बैठी थी ,
तो जब गुड्डी ने अजय को जब एक सुट्टा मार के पास की तो ,...
अजय ने एक जबरदस्त ,... और उसके बाद कचकचा के मेरी टीनेज , इंटरवाली ननद की क्या चुम्मी ली , दोनों के होंठ चिपके रहे जबतक अजय के मुंह का सारा धुंआ गुड्डी के मुंह में नहीं पास हो गया , और उसके बाद भी , अजय की उँगलियाँ गुड्डी के नए नए आये जुबना का रस ले रही थी जीभ गुड्डी के मुंह में घुसी थी ,
और जब अजय ने गुड्डी के मुंह को छोड़ा तो उन होंठों के बीच वो मस्ती वाली सिगरेट खोंस दी ,
ये कमल जीजू के साथ बैठे , दोनों मिल कर सीधे बोतल से ही ,...
फंस गई गुड्डी..गुड्डी
बेचारी मेरी ननद को मालूम नहीं था जो सिगी उसने अजय जीजू के हाथ से ली है , वो मामूली नहीं है , एक्स्ट्रा पेसल , सीधे कश्मीरी मिर्ची , सफ़ेद पाउडर ,... एक सुट्टा ही उसके दिमाग का रायता बनाने के लिए काफी था , और ऊपर से वो अजय जीजू के गोद में बैठी थी ,
तो जब गुड्डी ने अजय को जब एक सुट्टा मार के पास की तो ,...
अजय ने एक जबरदस्त ,... और उसके बाद कचकचा के मेरी टीनेज , इंटरवाली ननद की क्या चुम्मी ली , दोनों के होंठ चिपके रहे जबतक अजय के मुंह का सारा धुंआ गुड्डी के मुंह में नहीं पास हो गया , और उसके बाद भी , अजय की उँगलियाँ गुड्डी के नए नए आये जुबना का रस ले रही थी जीभ गुड्डी के मुंह में घुसी थी , और जब अजय ने गुड्डी के मुंह को छोड़ा तो उन होंठों के बीच वो मस्ती वाली सिगरेट खोंस दी ,
ये कमल जीजू के साथ बैठे , दोनों मिल कर सीधे बोतल से ही ,...
सबसे पहले तो गुड्डी की चूत से लेकर दिमाग तक आग लग गयी , .....
उसके पहले भी इनकी और रीनू की , जीजू साली की ,
और मेरी मेरे दोनों जीजू ने मिल कर सैंडविच जो बनायीं थी , वो देख कर भी वो गरमा तो रही ही थी , .... और उसके बाद अजय की गोद , मस्त चूतड़ों के नीचे खड़ा खूंटा,
मसले जाते जोबन , और सबसे बढ़ कर वो पेसल सिगी ,... आग तो लगनी ही थी।
और उसकी मीठी भाभी , मेरी कमीनी बहन अपनी इस सेक्सी ननदिया को छेड़ने का मौका कैसे छोड़ देती ,
' गुड्डी यार तू खूंटे पर तो बैठी ही है , चल अब निहुर के मरवा ले , तेरी गांड में चींटे काट रहे होंगे , पूरे साढ़े तीन घंटे हो गए गांड मरवाये तुझे ,... "
बेचारी लड़की का आधा नशा तो एक झटके में , .... अभी भी उसके पिछवाड़े रह रह के चिलक उठ रही थी , पहले दिन ही उसकी उसकी किशोर कच्ची गांड फाड़ी गयी , और एक नहीं , दो नहीं पूरे तीन मूसल उसमें जबरदस्त चले , ...
" नहीं नहीं भाभी आप दोनों हैं न , ... " वो घबड़ा के बोली।
" अरे रानी , मेरी जान ,.. तेरे सामने ही अभी हम दोनों ने लिया। अगवाड़े भी पिछवाड़े भी , अब तू अपनी भाभियों की ये जरा सा बात भी नहीं मान सकती। " मैंने प्यार से उसके गाल पर हाथ फेरते कहा।
" नहीं नहीं भाभी कुछ भी लेकिन , प्लीज अभी नहीं , बहुत दुःख रहा है। "
वो बेचारी बोली , .... पर रीनू , वो आगयी मैदान में।
" अच्छा चल तो इन लोगों से तो नहीं , तो अपनी भाभियों से ,... मैं एक दस इंच वाला डिलडो लाइ हूँ , और एक सुपर स्ट्रैप ऑन ...
अभी एकदम नया है। सच रैपर भी नहीं खुला है , वही ट्राई कर लेती हूँ तेरे पिछवाड़े , और तेरी कोमल भाभी आगे वाला छेद , ... क्यों कोमलिया। "
रीनू ने मुझसे भी हँकारी भरवा ली।
और अपनी बड़ी बहन की बात टालने की हिम्मत तो थी नहीं मेरी,
" हाँ ठीक है तो अभी अभी मैंने दो दो का मजा लिया एक साथ, एक आगे एक पिछवाड़े, देख तो रही थी, मेरे दोनों जीजू कैसे मेरी एक साथ हचक हहक के मार रहे थे, तो बेचारी ननद देख देख के गीली हो रही थ। चल तेरे भैया लोग अभी थके होंगे तो भाभियों से ही, अरे रीनू ने इन तीनो मर्दो से तेरे पिछवाड़े की गारण्टी ली, भाभियों से थोड़ी, बड़ा मजा आएगा एक बार स्ट्रैप ऑन से ट्राई कर ले , हम दोनों बहने खूब मजा देंगे तेरे दोनों छेदों को।"
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मैंने भी अपनी बड़ी बहन की हाँ में मिलाई।
" लेकिन अबकी उसके भैया आ गए उसे बचाने ,
" हे तुम दोनों बहुत तंग कर रही हो उसे , छोड़ न बेचारी की। "
जमानत.. बस एक दिन की पेरोल पर छूटी है... वो भी आज भर..कल से ,...
मान गयी गुड्डी
लेकिन अबकी उसके भैया आ गए उसे बचाने ,
" हे तुम दोनों बहुत तंग कर रही हो उसे , छोड़ न बेचारी की। "
" अरे जीजू , तंग नहीं कर रहे हैं , उसकी ढीली करने का प्लान कर रहे हैं , आप ही का फायदा होगा , गोद में बैठेगी छुटकी बहिनिया और खूंटा सटाक से अंदर ,... " रीनू बोली और जोड़ा वैसलीन का खरचा बचेगा सो अलग। अब साली जीजू के फायदे की बात नहीं सोचेगी तो कौन सोचेगा।
" देखिये आपकी साली आपके कितने फायदे की बात कर रही है और आप साली छोड़ बहन की चिंता कर रहे हैं ,... " मैंने भी अपनी बहन के साथ जुगलबंदी की .
" यार कोमलिया , ये मेरे जीजू स्साले के साथ ,... क्यों जीजू पुराना याराना लगता है , है न " रीनू क्यों छोड़ती अपने जीजू को।
" एकदम सही पहचाना , बचपन से फंसी है ये अपने भइया से , न हो तो इसी से पूछ लो। " मैं भी रीनू की हाँ में हाँ मिला रही थी।
लेकिन जब गुड्डी एकदम सरेंडर करने की हालत में आ गयी और रीनू से मान लिया उसने ,
" भाभी , कल पक्का , जो चाहे सो , आपकी ननद भागेगी नहीं , ... "
रीनू मेरी बहन चतुर चालाक , तुरंत उसने बात पकड़ ली ,
" कल या कल से ,... "
और गुड्डी ने कान पकड़ा , भूल सुधार किया , कल से ,
" पहली बात तो अगर तू भागेगी भी न तो मैं भागने नहीं दूंगी , ... कल से , ... और तूने जो चाहे सो बोला है न , तो बस तेरी भाभियाँ कल से जो चाहे सो , ... और तेरे भइया , बचपन के यार गवाह हैं , तो एकदम उनके सामने और उनके साथ भी ,... "
रीनू मेरी बहन, कमीनी, पक्की किंक क्वीन ने इनकी टीनेजर बहन से ' कुछ भी और वो भी सबके सामने' तीन तीर्बाचा भरवाया ।
गुड्डी ने तीन बार तिरबाचा भरा , और उसके भइया कम बचपन के यार ने जमानत दी , और सिर्फ रीनू के जीजू ने नहीं , मेरे जीजुओं ने भी ,...
इन्हे मालूम हो न हो , मेरे दोनों जीजुओं को तो मालूम ही था की मेरी ये बहन कितनी बड़ी किंक क्वीन है , कुछ भी गर्हित वर्जित नहीं है उसके लिए , इसलिए कल सुबह से ही गुड्डी रानी की ,... और वो भी सबके सामने ,..
सिर्फ न इन्हे मालूम था न इनकी छुटकी बहिनिया को ,
और वैसे भी मुझे दोनों जीजू लोगों ने सैंडविच बना कर और रीनू के जीजू ने जो उसकी रगड़ाई की थी , हम दोनों में ताकत बची भी नहीं थी , गुड्डी रानी की सैंडविच डबल स्ट्रैप ऑन से करने की , ...
होना तो था ही लेकिन अभी जल्दी किसे थी।
" यार चल तू बच गयी , मेरी बहन इतनी सीधी है , लेकिन कुछ तो तुझे करना ही होगा , ... " मैंने कहा ,
" भाभी गाना सुना दूँ ,... " वो भोली बोली।
कोचिंग क्लास ने गुड्डी की मैथ में काफी इम्प्रूवमेंट कर दिया है...गुड्डी छिनरो क सट्टा लिखात
" यार चल तू बच गयी , मेरी बहन इतनी सीधी है , लेकिन कुछ तो तुझे करना ही होगा , ... " मैंने कहा ,
" भाभी गाना सुना दूँ ,... " वो भोली बोली।
" अरे कोमलिया चल गाना तो हम दोनों इसे सुना देंगे , जरा इसके भाई स्साले को भी अपनी बहन की हाल चाल मालूम हो जाय। " रीनू हंस के बोली
जीजू हों , साथ में जीजू की बहन हो , साली हो और गाली न हो ,... वो भी मेरी और रीनू ऐसी सालियाँ ,
मैं चालू हो गयी , गुड्डी का नाम लेकर साथ में रीनू भी ,...
ऊपर चादर नीचे दुपट्टा , अरे ऊपर चादर नीचे दुपट्टा ,
अरे कौन छिनरी क सट्टा * लिखात बा , अरे कौन छिनरी क सट्टा लिखात बा ,
अरे गुड्डी छिनरो क सट्टा लिखात बा , गुड्डी छिनरो क मारे जोबन में धक्का
ऊपर चादर नीचे दुपट्टा , अरे ऊपर चादर नीचे दुपट्टा ,
कितने मर्द एकर सट्टा लिखे , कितने मारे जोबन में धक्का
साठे मरद एकर सट्टा लिखें , अस्सी मरद मारें जोबन में धक्का ,
ऊपर चादर नीचे दुपट्टा , अरे ऊपर चादर नीचे दुपट्टा ,
अरे केतना मरद एकर टंगिया उठावें , केतना मारे हो आगे से धक्का ,
अरे नब्बे मर्द एकर टंगिया उठावे और सौ मरद मारे आगे से धक्का
आगे से धक्का और पीछे से धक्का , गुड्डी छिनार मरवावे सट्टका
( सट्टा- पहले ( और कई जगह अभी भी ) शादी में नाचने के लिए जो रंडीया जाती थीं, उनके साथ जो करार होता था उसे ही सट्टा कहा जाता था , और उस में दिन तारीख और पैसा सब बातें लिखी रखती थीं। और गानों में दूल्हे की बहन माँ इत्यादि के लिए अक्सर चिढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाला शब्द )
लेकिन गुड्डी एकदम पक्की छिनार , मेरी और रीनू की असली ननद ,
मुंह बना के बोली ,
" कहाँ भौजी आप भी न , नब्बे , सौ की बात कर रही हैं ,.... वो तो आज जाके हैट ट्रिक हुयी , वरना अब तक तो सिर्फ एक , और हफ्ते भर पहले तो खाता भी नहीं खुला था , एकदम सील बंद ,..."
रीनू भी , ... मुझे हड़काने लगी फिर गुड्डी को समझाया ,
"अरे कोमलिया ये तो बहुत बुरी बात है , ननद ने बिना इंटरकोर्स के इंटर का कोर्स पूरा कर लिया , चल ननद रानी कोई बात नहीं , अगले महीने भर में , तेरी भाभी का आशीर्वाद है , ... सेंचुरी पूरी हो जाएगी , आगे भी और पीछे ,...
गुड्डी की सच में मैथ्स बहुत तेज थी , तुरंत बिना कैलकुलेटर के जोड़ लिया , बोली ,
"महीने में सौ मतलब रोज अगर ३१ का महीना हो तो 3. २२५८ और अगर ३० का महीना हो 3. ३३ , .... उफ़ वो पांच दिन वाली छुट्टी तो मैंने जोड़ी नहीं , वो माइनस कर लूँ तो ,... चार बार रोज ,... "
उसका चेहरा सोच कर ही चमक रहा था।
" तेरी फुद्दी मारुं ,स्साली , तेरी मैथ तेरी गांड में , ... अरे छिनार , १०० बार की कौन बात कर रहा है , १०० तगड़े जब्बर मरद आगे और १०० मरद पीछे , अब एक कोई मर्द तेरी ऐसी मस्त लौंडिया को एक बार में थोड़ी छोड़ देगा ... तो तेरे हिसाब से चार चार मर्द रोज ,....तो अब गारी वाली बात हो गयी न पूरी " रीनू बोली
फिर खैबर के दर्रे से रिफ्लेक्ट होके आवाजें आएंगी...Abhi to cheekh rok li, lekin jab khebar ka darra par raha tb kese rukegi cheekhen