Shetan
Well-Known Member
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Gariyae bina to komal rani ka erotic seen adhura raheta hai. Apne marad ko nahi chhodti to jija ko kese chhod degi. Par guddi rani ko kahe bachaya. Reenu ne de diya abhay dan. Wah komaliya kamal jiju ki chahiti. Ho bhi kyo na. Jija sali ka rista jo haiकमल जीजू
अजय जीजू ने गुड्डी के लौंडा मार्का चूतड़ पर दो तमाचे लगाए चटाक चटाक और खूंटा पूरा बाहर निकाल लिया,
" निहुर स्साली, " जोर से गुड्डी का सर एकदम फर्श पे दबाते हुए अजय जीजू बोले, और अब गुड्डी का सर जमीन पर, चूतड़ हवा में खूब उठे हुए, नहीं अजय जीजू ने गांड नहीं मारी गुड्डी की। आज की रात तो रीनू ने गुड्डी के पिछवाड़े को अभयदान दिया था। लेकिन जिस ताकत से अपना मोटा खूंटा उस किशोरी की कच्ची बिल में ठेला, बेचारी की तो चीख निकल ही गयी,
हम सब हदस गए, और उसका असर कमल जीजू पर भी हुआ ,
उन्होंने मेरी पीठ पर जोर देकर मुझे झुकाया और बोले,
" निहुर स्साली "
और मैं निहुर गयी।
मैं तो इसी का इन्तजार कर रही थी, इत्ती जोर से जीजू का मोटू जो मेरे पिछवाड़े रगड़ रहा था बड़ी जोर जोर से चींटियां काट रही थीं, मन कर रहा बस कमल जीजू कब निहराएँ कब सटाये, कब घुसेड़ें,
कमल जीजू ने कस के मेरी पीठ दबाये और मैं भी अब एकदम गुड्डी की तरह मेरा सर फर्श से चिपका, चूतड़ हवा में उठा,
मेरी गांड में आग लगी थी, इतने देर से कमल जीजू का शैतान मोटू पीछे तंग कर रहा था, बस मन कर रहा था घुसेड़ दें, पेल दें, वैसे तो ललचाते रहेंगे, कभी चूतड़ में चिकोटी काटेंगे, कभी दरार में ऊँगली कर देंगे, और मैं ललचाती भी थी उनको अपने मोटे मोटे नितम्बो मटका के, तीनो बहनो में सबसे चौड़े मेरे ही थे, और आज जब मैं निहुर के तैयार थी, वो तड़पा थे,
" जीजू करो न " मैंने दबी जुबान से कहा,
" का करूँ स्साली "
चिढ़ाते हुए वो बोले और मैं समझ गयी वो गारी सुनना चाहते हैं , मेरे और रीनू दोनों के जीजू , जब तक बहन महतारी गरियाई न जाए, उनका मन नहीं भरता था,
" अरे स्साली क गांड मारो, तोहार बहन महतारी तो हैं नहीं यहाँ जिनकी मारोगे, एक है भी तो उस पे अजय जीजू चढ़े है, "
छनछना के मैं बोली और खुद अपने दोनों हाथों को पीछे कर के कस के अपने दोनों चूतड़ फैला लिए, कसी दरार अच्छी खासी फ़ैल गयी
और सामने छप्पन भोग रखा हो, तो कौन रोक सकता है अपने को और कमल जीजू तो गांड के पुराने शैदाई और मेरे पिछवाड़े के तो वो दीवाने थे।
एक हाथ से उन्होंने चूँची दबोच रखी थी, दूसरे हाथ से कमर को पकड़ के उन्होंने करारा धक्का मारा,
मेरी चीख निकल गयी, लेकिन ये तो अभी कुछ भी नहीं था, अब दोनों हाथ कमर को कस के पकड़ के जो उन्होंने धकेला,
उफ्फ्फ्फ़ ओह्ह्ह्हह रोकते रोकते भी मैं सिसक पड़ी, पास में फर्श पे रखे एक तकिये को खींच के अपना सर उसमे भींच लिया, दोनों हतहों से तकिये को पकड़ लिया, पिछली बार भी चार पांच बार उन्होंने मेरी मारी थी, और उस बार तो एकदम पहली बार लेकिन ऐसा दर्द,
जीजू ने बाहर निकाल कर बस हलके से ठोंक दिया, पूरा सुपाड़ा भी अंदर नहीं घुसा था लेकिन इतनी कस के उसने मेरी पिछवाड़े की सुरंग की दीवाल को रगड़ा दरेरा, लगता था कुछ छिल सा गया, और वो बार अपना मोटा सुपाड़ा वहीं रगड़ रहे थे, दरेर रहे थे,
दर्द से मैं बेहाल थी, और अभी तो पिछवाड़े का खैबर का दर्रा पार भी नहीं हुआ था, जैसे मेरे मन की बात उन्होंने सुन ली और क्या करारा धक्का मारा की खैबर का दर्रा पार, लेकिन इस बार वहां भी कुछ छिल सा गया,
दर्द भी बहुत हुआ था और मजा भी बहुत आया था जब पिछली बार कमल जीजू ने मारा था लेकिन इस बार तो दर्द की इंतहा से थी, मेर्रो दोनों आँखों से आंसू टप टप चू रहे थे, मैंने मुंह तकिये में भींच रखा था की चीखे न निकलें, लेकिन दर्द इतना हो रहा था की मेरे मुंह से निकल ही पड़ी चीखें
उईईई ओह्ह उईईईईई नहीं नहीं जीजू बहुत लग रहा है थोड़ा हलके से, एक मिनट एक मिनट प्लीज,
जीजू रुक तो गए उन्होंने बाहर निकाल भी लिया लेकिन अबकी जो पेला तो बंद कमरे में भी तारे दिख गए, दर्द बहुत हो रहा था लेकिन मजा भी आ रहा
जहाँ जहां छिला था अंदर उसी जगह पर दरेरते रगड़ते, और अभी आधा से ज्यादा अंदर था, बिन रोये मेरी आँखों से आंसू छलक रहे थे लेकिन i उत्तेजना के मारे पूरी देह काँप रही थी, मस्ती से मेरे जोबन पथरा रहे थे,
Par sali ke pichhvade ko kamal jiju na chhode
Gachak ke noch ke nichod ke. Maza hi aa gaya. Komaliya ka seen dekh kar.

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