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जोरू का गुलाम भाग २४२, 'कीड़े' और 'कीड़े पकड़ने की मशीन, पृष्ठ १४९१
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तीखी मिर्च वाली चाट...तेज मिर्च वाली चाट
हम तीनों बहने मैं, रीनू और चीनू, जब चाट खाने जाते तो चीनू पहले ही बोल देती मेरे वाले में मिर्ची बहुत कम, रीनू को फरक नहीं पड़ता था लेकिन मैं कहती थी, भैया मेरे में एक्स्ट्रा, और वो चाट दे देता था तो भी मैं बोलती थी भैया मिर्च जरा सा ऊपर से और, फिर पूरा मुँह जलता था, आँख नाक हर जगह से पानी निकलता था, सी सी करती रहती, मुंह छरछराता रहता था, आग लग जाती थी गले में लेकिन मजा भी बहुत आता था।
चीनू हड़काती भी थी, ' कमीनी, जब ऐसी हालत खराब हो जाती है तो बार बार ज्यादा मिर्च क्यों "
मैंने सी सी करती रहती और बोलती भी, अरे दी ज्यादा मिर्च वाली चाट का मजा ही अलग है, इसी हालत खराब होने का ही तो मजा है।
और आज एकदम वैसा ही लग रहा था बस ज्यादा मिर्च ही नहीं, लगता था किसी ने सबसे तेज मिर्च भूत झोलकिया का छौंका मार दिया है। इतना तेज छरछरा रहा था, बुरी तरह लग रहा था लेकिन मजा भी नया नया आ रहा था ।
तबतक कमल जीजू ने कस एक मेरी दोनों चूँचियों को पकड़े पकड़े ऑलमोस्ट बाहर निकाला और ऐसा करारा धक्का मारा और वही दरेरते, छीलते, रगड़ते, घिसते, मुझे लगा जैसा मैं अब बर्दास्त नहीं कर पाउंगी, और आलमोस्ट पूरा अंदर,
नहीं नहीं जीजू नहीं, दर्द हो रहा है, बस, अब बस, बहुत ओह्ह्ह उफ्फ्फ उईईईईई
मैं चीख रही थी एक चीख रूकती तो दूसरी शुरू हो जाती हालांकि कमल जीजू ने धक्के मारने बंद कर दिए थे, और जब किसी तरह मेरी चीख रुकी तो मुझे समझ में आया कमल जीजू की शैतानी, चीनू तो सीरियस टाइप थी, लेकिन रीनू के साथ भी एक बार उन्होंने, और रीनू ने ही मुझे बताया था
" कमल जीजू जब बहुत ज्यादा मस्ती के मूड में होते हैं तो ज्यादा मिर्ची वाली चाट खिला देते हैं, "
एक बार रीनू के साथ भी, रीनू उन्हें बहुत छेड़ रही थी, चिढ़ा रही थी लेकिन दे नहीं रही थी। रीनू ने कमल जीजू की ट्रिक भी बता दी,
" कोमलिया, कमल जीजू, बदमाशों के सरदार, बजाय सीधे पेलने ढकलने के हल्का सा तिरछा और धक्का, पिछवाड़े वाली गली में लगने की बजाय दीवाल में लगने लगता है, बस दो चार ठोकर में ही कहीं लाल, तो कहीं हल्का सा छिल जाता है और वो जलन होती है लगता है जैसे गांड में किसी ने मिर्ची वाला पटाखा जला के डाल दिया हो और उसी छिली जगह पे फिर दुबारा तिबारा तो वो वो और,
मैं समझ गयी कमल जीजू आज मुझे तेज मिर्च वाली चाट खिला रहे हैं।
और जब पिछवाड़े को उनके मोटे खूंटे की आदत पड़ी तो कमल जीजू के लम्बे लम्बे नाख़ून मोटी मोटी चूँचियों में धंस गए और मैं जोर जोर से चीखी,
उईईईईई लेकिन उस चीख में दर्द से ज्यादा मजा था।
और जैसे जीजू को ग्रीन सिग्नल मिल गया हो, उन्होंने धकमपेल गांड मारना शुरू कर दिया, क्या ताकत थी उन के धक्को में कभी मैं चीखती, कभी सिसकती, लेकिन थोड़ी बहुत बदमाशी तो मंजू बाई की संगत में कमल जीजू की साली ने भी सीख ली थी। उनका खूंटा पूरा धंसा हुआ था और जब उन्होंने बाहर निकालना शुरू किया तो बस मैंने अपने खैबर के दर्रे को , छले को कस के भींच लिया, फिर तो जैसे कोई मोटा चूहा पिंजड़े में घुसे और बाहर न आ पाए, बस वही हालत, वो जितना बाहर निकलने की कोशिश करते मैं उतना ही कस के भींचती,
लेकिन थोड़ी देर बाद कुछ मेरी पकड़ ढीली पड़ी कुछ उनका जोर बढ़ा और वो मोटू बाहर लेकिन जीजू कुछ भी उधार नहीं रखते थे, अबकी जो उन्होंने ठेला तो बस आधा भी नहीं घुसा था और वो रुक गए,
बहुत कंट्रोल चाहिए मरद को कसी संकरी गांड में आधा घुसा खूंटा रोकने के लिए, तड़पाने के लिए
" करो न जीजू, कर न " मैं बार बार उनसे कह रही थी, उनकी माई बहन को गरियाने का भी असर नहीं पड़ा, और वो बोले,
" हर बार मैं ही धक्का क्यों मारुं, देखूं मेरी साली ने कुछ सीखा भी है की नहीं "
और मैं समझ गयी, बस साली कौन जो जीजा का इशारा न समझे, बस मैं चूतड़ पीछे आगे कर के धीरे धीरे तीन चौथाई घोंट गयी, मान गए जीजू और अब कभी वो धक्का मारते कभी मैं, झूले की पेंग की तरह, कभी दर्द से हालत खराब होती कभी मजे
मेरी बहन रीनू भी मेरे बगल में ही निहुरी हुयी थी, फर्क इतना था की मेरे जीजू को गोलकुंडा का गोल दरवाजा पसंद था तो मेरी बहन रीनू के जीजू, मेरे मरद को प्रेमगली, साली की चम्पाकली पसंद थी
जैसी मेरी हालत खराब थी, उससे कम रीनू की नहीं थी। उसके जीजू के पास दर्जनों हथियार थे और सबसे बड़ी थी उनकी आँख, प्यार से जब वो देखते तो बिना छुए कोई पिघल जाए, दूसरी बात उनकी समझ जो उनकी सास और मंजू ने और तेज कर दी, कोई भी लड़की हो औरत हो
दो मिनट में उसके सारे एरोटिक बिंदु , जहँ बस छूने से वो पिघल जाए, उन्हें पता चल जाते थे, उनका खूंटा तो रीनू की ऐसी की ततैसी कर ही रहा था, इनके होंठ, कभी झुक के कान की लर हलके से काट लेते कभी गले के नीचे चूम लेते कभी जीभ की टिप से अपनी साली की पीठ पे सीधे मेरु दंड पर एक हलकी सी लाइन बनाते कूल्हे तक, रीनू के जोबन तो कोई भी मरद नहीं छोड़ता तो वो क्यों छोड़ते और धक्के भी बाहर निकाल के देर तक वो फांको पे रगड़ते, फिर एक झटके में पेल देते
हालत मेरी भी खराब थी, रीनू की भी
मेरी दर्द और मजे दोनों से , रीनू सिर्फ मजे से ही पागल हो रही थी
एक विज्ञापन में दो क्रिकेट खिलाडी कहते हैं न
मेरे जमाने में सोच के मारते थे
और नए जमाने वाले का जवाब है
मेरे जमाने में ठोक के मारते हैं , बस तो कमल जीजू ठोक के मारने वाले थे,
गुड्डी और अजय तो कभी के झड़े पड़े थे,
आगे की आग भी बुझाना जरुरी...गुड्डी
गुड्डी और अजय तो कभी के झड़े पड़े थे, अजय गुड्डी के अंदर, थोड़ी देर में मैं भी लेटी और कमल जीजू मेरे अंदर झड़ रहे थे, बूँद बूँद, मैं आँखे बंद किये मजा ले रही थी , निचोड़ रही थी
थोड़ी देर बाद मेरी आँख खुली तो रीनू एकदम थेथर, न जाने कितनी बार जैसे झड़ी हो और वो भी उसके अंदर झड़ रहे थे और हम छह उसी तरह बहुत देर पड़े रहे।
और असली जीजा साली तो आज , ... ये और रीनू ,
रीनू मेरी बगल में लेटी नींद में , और नींद में भी उसके उभार कस के पकड़े , उसके जीजू , मेरे ये ,...
दोनों मेरे जीजू , एकदम गुड्डी के छोटे छूटे जुबना के दीवाने, और ऊपर से निपल उसके हरदम खड़े रहते थे, उसके भैया ने जो बाड़ी पियर्सिंग वाले के यहाँ जो गोल्डन रिंग उसके निप्स पे लगवा दिया था, उसका असर, दोनों बटन आती हुयी ट्रक के हेडलाइट की तरह दूर से दिखते,,...
और आज की रात तो बस ट्रेलर थी , और गुड्डी भी न ,मान गयी मैं अपनी ननद को , कैसे उस कमीनी रीनू को पटा के , एक दिन और मेरे दोनों जीजू , बहन का प्रोग्राम उसने बढ़वा दिया , अब कल और परसों की रात भी , ... और फिर रात और दिन में कोई फरक थोड़े ही होगा ,
मेरी बहन , रीनू भी पक्की लेस्बो , वो भी लेजडॉम ,... एकदम गुड्डी के पीछे पड़ी , ... और गुड्डी भी जैसे चीनी दूध में मिल जाय , वैसे ,... एक से एक किंक , और गुड्डी से हामी भी भरवा ली,...
इनका ओर रीनू का भी क्या मस्त टांका भिड़ा है , कब से ये साली के चक्कर में ,... और अब साली मिल गयी है , वो भी रीनू ऐसी खूब चिढ़ाती है , मजाक करती है , ... छेड़ती है , और क्या मस्त इन्होने मेरी बहन को चोदा आज , उस को भी मालूम हो गया मेरी मर्द , तीन तीन बार झड़ी वो तब जाकर अपनी साली को थेथर कर के ,... किस तारीफ़ से देख रही थी मेरे सोना मोना को ,..
इनकी साली बोल रही थी, जल भी रही थी चिढ़ा भी रही थी,
" यार सबसे लकी तू ही निकली एकदम चोदमपुर का राजा है, तेरा वाला। मजे लेने से ज्यादा मजे देने के पीछे पड़ा रहता है। दिल मुलायम और खूंटा हरदम हार्ड रहे ऐसा मरद बड़े मुश्किल से मिलता है। "
" गृहकार्यों में भी दक्ष है, " मुस्करा के मैं बोली, अपने मर्द की तारीफ़ किसे नहीं अच्छी लगती, हाँ मरद के सामने नहीं होनी चाहिए।
हम सब थक गए थे, रीनू की हालत सबसे ज्यादा खराब थी, एकदम थेथर।
और हम सब सो गए थे, उसी कमरे में, मैंने कमल और अजय जीजू के बीच, गुड्डी अजय जीजू और इनके बीच और इनके साथ रीनू, इनकी साली
गुड्डी कस कर सो रही थी, और हम सब थोड़े सोये थोड़े जागे,
गुड्डी इत्ती प्यारी सी भोली सी लग रही थी, कोई कह सकता था की थोड़ी देर पहले तीन तीन मर्दों को अकेले इसने सिर्फ नाच गा के, नए आये जुबना की झलक दिखा दिखा के पागल कर दिया था,
और अभी महीना भर भी तो नहीं हुआ उसे इंटर किये, मिडल ऑफ़ टीन्स, लेकिन आग लगा दिया आज उसने, हाँ इस समय थकी सी लग रही थी इसलिए सबसे गाढ़ी तगड़ी नींद में वही सो रही थी, लेकिन सुबह ही उठ जाती थी, गीता के आने पर, फिर गीता के संग मस्ती भी किचेन का सब काम और उसके बाद उसकी ऑनलाइन क्लासेज, आज भी सुबह सात बजे से और फिर आज भी आठ घंटे कोचिंग में रगड़ के पढ़ाई, और घर लौटते ही,
मैंने और रीनू ने कमल जीजू को पहले से ही गरमा रखा था,
गुड्डी का पिछवाड़ा फटा कमल जीजू के खूंटे से और रीनू उसकी मीठी भाभी के सहयोग से
फिर बाकी दोनों मर्दो ने भी उस किशोरी के पिछवाड़े का मजा लिया, और कमल जीजू ने तो आगे पीछे दोनों ओर,
उसके बाद किचेन में भी हम लोगों के साथ खाना बनाना सर्व करना,
और फिर रीनू पीछे पड़ के डांस करीब डेढ़ दो घंटे, नान -स्टाप, आधे दर्जन तो भोजपुरी गाने ही रहे होंगे,
और फिर अजय ने जो हचक के चोदा है, कोई भी थक जाता
इसलिए मैं श्योर थी की गुड्डी अब सुबह से पहले उठने वाली नहीं।
लेकिन बाकी लोगों के बारे में मैं श्योर नहीं थी,
बगल में एक नहीं दो जीजू हो तो किस स्साली को नींद आएगी और जवानी की राते सोने के लिए थोड़े ही होती हैं, अजय भी कुनमुना रहा था कमल जीजू अपनी जगह पर यानी मेरे पिछवाड़े से मुझे पकड़े और अजय आगे से, हाँ जोबन साली का दोनों जिज्जा ने एकदम ईमानदारी से बराबर बांटा था, एक कमल जीजू के कब्जे में दूसरा अजय के कब्जे में।
बदमाशी अजय ने ही शुरू की,
पहले हलके हलके दबाना, मसलना, फिर जीभ से निप्स को छेड़ना और जैसे उसने चूसना शुरू किया मेरी चूत में आग लग गयी।
थोड़ी देर पहले ही कमल जीजू ने हचक के गांड मारी थी, अब तक चिल्ख मची थी, लग रहा था किसी ने मिर्चा कूट दिया है अंदर, लेकिन चम्पाकली की रगड़ाई तो उस समय नहीं हुयी थी, इसलिए वहां खुजली मच रही थी और अब अजय की बदमाशी। मैंने भी अजय के साथ, बस देख रही थी उसे गुड्डी से मजे लेते हुए गुड्डी की उसे गांड भी मारी और गाना डांस के साथ कैसे खड़े खड़े उसने गुड्डी की हचक के ली, मान गयी मैं अजय को नंबरी चोदू है स्साला मेरा जीजू, रीनू का मर्द।
मैं स्साली क्यों छोड़ती, मैंने भी अजय जीजू के खूंटे को रगड़ना शुरू कर दिया, अपनी कोमल कोमल उँगलियों से, कभी खुले सुपाड़े को सहलाती कभी मुठियाती कभी मेल टिट्स को दबोच लेती, दांतों से काट लेती,
जीजुओं की तो लौटरी लग गई...मस्ती जीजा साली की
मैं स्साली क्यों छोड़ती, मैंने भी अजय जीजू के खूंटे को रगड़ना शुरू कर दिया, अपनी कोमल कोमल उँगलियों से, कभी खुले सुपाड़े को सहलाती कभी मुठियाती
कभी मेल टिट्स को दबोच लेती, दांतों से काट लेती,
मन तो अजय जीजू का भी कर रहा था, औजार एकदम तना, फनफना रहा था. वो भी जानते थे की मेरी भी हालत खराब है मिलेगी तो है ही स्साली, तो वो और तड़पा रहे थे, दोनों जोबन उन्होंने कमल जीजू को गिफ्ट कर दिए और खुद उनके हाथ मेरी जांघ मेरी प्रेम गली और क्लिट में,
चूत में आग लग गयी मेरी और मुझसे रहा नहीं गया,
और मैं सीधे अजय जीजू के खूंटे पर चढ़ गयी, और कोई फोरप्ले नहीं सीधे से अजय के कंधे के पकड़ के वो करारा धक्का मारा, अगर कोई कच्ची कुँवारी भी होती झिल्ली फाड़ते हुए लंड अंदर समा जाता, अजय का बांस बहुत लम्बा था फिर भी आधे से ज्यादा मेरे अंदर घुस गया,
ये और रीनू भी जग गए थे, ये मुझे मुस्कराते हुए देख रहे थे, उन्हें मालूम था की मैं जब इस मूड में होती हूँ तो माँ बहन सब चोद के रख देती हूँ,
मैंने भी मुस्करा के उनको और उनकी साली रीनू को भी देखा, वो मेरे मरद का मोटा मूसल चूस रही थी,
उसने जबरदस्त हाई फाइव किया
मैं उसका मरद चोद रही थी,
दोनों हाथों से मैंने अजय के कंधे को पकड़ा और एक जबरदस्त धक्का मारा,
सरसराते बचा खुचा नाग बिल के अंदर और अब बिल ने अपने को सिकोड़ना उसे दबोचना, निचोड़ना शुरू किया, अजय भी कई बार झड़ चूका था शाम से उसके जल्दी झड़ने का सवाल ही नहीं था. कुछ देर उसे तंग करने के बाद मैंने अब हलके हलके धक्के ऊपर से मारने शुरू किये, बस दो चार इंच कमर ऊपर उठा तो और फिर धीरे धीरे खूब धीरे धीरे नीचे, ऊपर नीचे होती कसी प्रेमगली में लंड के रगड़ने पे जो मजा मरद को मिलता है वो कहने लायक नहीं और ऊपर से मैं अपने जोबन कभी अजय के सीने से रगड़ देती कभी उसके होंठों पे छुला के हटा देती,
कमल जीजू मुझे देख के मुस्करा रहे थे, उनका मूसल भी जग रहा था।
और मैंने कमल जीजू के मोटू को भी मसल दिया, मैं जानती थी ये जग गया तो एक बार फिर मेरे पिछवाड़े की ऐसी की तैसी करेगा,
करेगा तो करे, मेरे जीजू, मेरे जीजू का मूसल,
और मैंने झुक के अपने होंठों से पहले तो कमल जीजू के खूब मोटे सुपाड़े को चूसा और फिर कस के लंड मुंह में लेकर चूसने लगी,
रीनू को जलाने के लिए मैंने इशारा किया,
" हे मेरे पास दो दो है "
वो कमीनी, मेरे मरद के खड़े खूंटे पर चढ़ते उसने भी इशारा किया, मेरे एक तेरे दो के बराबर है बल्कि उन दोनों से बीस है।
वो मेरे मरद के खूंटे पे चढ़ी थी और मैं उसके, एकदम अगल बगल, और मैं साथ में कमल जीजू को पागल कर रही थी।
और उसके बाद वही हुआ जो होना था
मेरे जीजू लोगों ने मेरी जबरदस्त सैंडविच बनाई , खासतौर से कमल जीजू ने जो गांड मारी , अब तक कल्ला रही है ,
ऊपर से वार्निंग भी दे दी ,
" यार तेरे ऐसा पिछवाड़ा आज तक नहीं मिला , ...अबकी तो दर्जन भर बार कम से कम तेरी मारूंगा ,... "
मैं सिहर तो गयी लेकिन सुन कर अच्छा भी लगा , उफ़ हाँ कैसे मेरी सैंडविच बनी ये तो बताई नहीं , , ... ये भी बात बता दूँ , अपनी और अपने दोनों जीजू की
रीनू पर तो उसके जीजू चढ़े थे और मैं अपने दोनों जीजू के साथ ,...
लगता है दोनों बहने बद कर अपने अपने जीजा का रही है...सैंडविच
पर कमल जीजू न , अभी तक मेरा पिछवाड़ा कल्ला रहा था , आग लगी थी एकदम अंदर तक , ऐसे रगड़ रगड़ तक ,... ऊपर से कमल जीजू बोल भी रहे थे , कोमल यार तेरी गांड का मजा ही अलग है , सच में अबकी तो कम से कम दर्जन भर बार मार के ही जाऊँगा ,...
और सच में चीनू की शादी में ही मुझे अंदाज लग गया था , जिस तरह से डांस करते समय मेरे गोल गोल नितम्बों को वो सहला रहे थे , लहंगे के ऊपर से , ...
खाने के समय हम दोनों अलग ही थे , बरात की भीड़भाड़ से थोड़े अलग से , ...एक ही प्लेट में , मैं उन्हें अपने हाथ से खिला रही थी , और उस समय उनसे नहीं रहा गया , बोल ही दिया कमल जीजू ने ,
"सुन कोमल मैं अगवाड़े ,पिछवाड़े में अंतर नहीं करता। "
मैं उनकी छोटी पक्की साली , और छेड़ा मैंने ,
" जीजू, करना भी नहीं चाहिए। और अगर आपने किया न , तो इस साली की पक्की वाली कुट्टी हो जायेगी। लेकिन आप बीबी और साली में तो अंतर करते होंगे "
" एकदम नहीं ,... " हँसते हुए बोले वो। फिर जोड़ दिया ,
" लेकिन साली का दर्जा ऊपर है , यार साली तो कभी कभार , इसलिए उसे तो कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए , बीबी तो ,.... और न साली का अगवाड़ा , न पिछवाड़ा। "
लेकिन कमल जीजू न इतने बेरहम ,... मैं चीखती रही , चिल्लाती रही , बिसूरति रही पर , ऐसे रगड़ रगड़ के गांड मारी उन्होंने मेरी अभी तक ,...
सैंडविच मेरी पिछली बार भी बनी थी , मेरे पिछवाड़े अजय और कमल दोनों जीजू ने अपना मूसल चलाया था , पर सच में अबकी लगा की वो तो बस ट्रेलर था ,...
पिछली बार सम्हाल कर , हलके हलके धीरे पहले सुपाड़ा फिर ,...
लेकिन अबकी तो एक धक्के में , कमल जीजू ने ,... और मोटा भी कितना है उनका मेरी मुट्ठी में नहीं आता।
सिर्फ सुपाड़ा ही नहीं धकेला बल्कि , पूरा गांड का छल्ला पार ,... मैंने अपनी समझ से चूस के उनका चिकना कर दिया था , लेकिन सुपाड़ा बहुत ही मोटा है उनका , इतना जोर से दरेरता रगड़ता घुसेड़ा , मेरी आँख के आगे तारे नाच गए , जोर की चीख निकली मेरी। और आलमोस्ट निकाल के उन्होंने फिर से पूरा ठेल दिया , चार पांच धक्के में तो कमल जीजू ने तो पूरा मेरी गांड के जड़ तक ,
मैं चीखती रही , चिल्लाती रही , उनकी माँ को गाली देती रही ,
" कमल जीजू , ये तेरी माँ , चीनू की सास , ...स स्साली मायके की रंडी , बचपन से तेरे मामा को चढ़वाती थी , अरे उस कुत्ता चोदी , गदहा चोदी के जने , रंडी के पूत , तेरी मां का भोंसड़ा नहीं है , ताल पोखरा ऐसी , तेरी कोमल साली की कोमल कोमल गांड है , ज़रा सम्हाल के , ..दे तो रही हूँ ,
इन सारे लड़कों का मैंने देखा है , बस माँ का नाम ले ले और लंड में एकदम से नया जोश आ जाता है , जैसे बचपन से माँ का नाम ले के ही मुठ मार रहे हैं , इनकी भी यही हालत और अजय और कमल जीजू की भी यही तीनो लड़कों की।
और हुआ वही , कमल जीजू ने इतना कस के धक्का मारा की मेरे आँख में आंसू आ आगये , और साथ में कमल जीजू ने मेरी दोनों चूँचियाँ भी कस कस के , निचोड़ लीन , निप्स पिंच कर लिए।
वो तो नीचे से अजय का खूंटा मेरी बुर में धंसा हुआ था वरना मैं गद्दे पर ,....
मुझे मालूम था ये दोनों लड़के क्या चाहते हैं , कमल जीजू तो मेरे नितम्बों के पहले दिन से ही दीवाने ,... बस मैं खुद अजय के खूंटे के ऊपर ,.. अब विपरीत रति में तो ,... इनके साथ भी तो आलमोस्ट रोज बिना नागा एक बार ,...
अजय के दोनों हाथों को मैंने अपने हाथ से पकड़ लिया , और आँखों से बरज दिया ,
जीजू अब थोड़ी देर कमान मेरे हाथ में ,
और झुक के अपने जोबन अजय जीजू की छाती पर रगड़ने लगी , मेरी प्रेम गली जीजू के ९० डिग्री पर खड़े , बम्बू के बस सहला रही थी , चिढ़ा रही थी , उकसा रही थी , एक धक्के में मैंने सुपाड़ा तो अपनी बिल में घोंट लिया लेकिन , फिर रुक गयी। मेरी चूत कस कस के अजय के सुपाड़े को भींच रही थी , कुछ देर में ही जीजू की हालत खराब , वो नीचे से पुश करने की कोशिश कर रहे थे
लेकिन मेरी कलाई ने कस के उन्होंने पकड़ रखा था , सीने का पूरा बोझ उनके सीने पर , इधर मेरी चूत उनके सुपाड़े को भींच कर दबोच कर निचोड़ कर उनकी हालत खराब कर रही थी , वही मेरे जोबन भी दोनों साथ साथ अजय जीजू के सीने पर रगड़ घिस्स ,
लेकिन कुछ देर बाद मुझे दया आ गयी , हचक के चुदवाने का मन तो मेरा भी कर रहा था
ऊपर से मेरी एकदम बगल मेरी बहन , रीनू हचक हचक के इनसे चुदवा रही थी , चूतड़ उठा उठा के धक्के लगा रही , मैं कौन होती थी अपने दोनों जीजू को तरसाने वाली ,
और जब से हम बहनें टीनेजर , बल्कि साफ़ साफ़ कहूं तो हम तीनों बहनों , मेरी रीनू और चीनू की झांटे आयीं ,
दोनों मुझे चिढ़ाती थी की उन दोनों के मर्द मेरे साथ , ... उस समय तो मैं खूब मुंह बनाती थी , चिल्लाती थी , ...
पर बाद में सोचती थी , कितना मजा आएगा , मैं अपने जीजू लोगों के साथ और ये अपनी साली के साथ
आज वो फैंटेसी पूरी हो रही थी य्ये एकदम मेरे बगल में लेटी मेरी बहन पर चढ़े हुए था , बिना झिझके और उन्ही के सामने मेरे दोनों जीजू ,
और ये सोचते सोचते मैंने कस के धक्का मारा , कलाई की पकड़ धीमी की , नीचे से अजय जीजू ने भी आधा मूसल उनका मेरे अंदर ,
और मैंने हाथ छोड़ दिया अजय जीजू का , उन्होंने मेरे कंधे पकड़ कर मुझे अपनी ओर खींचना शुरू किया , नीचे से धक्के पर धक्का और मैं भी उनका साथ दे रही थी , बस चार पांच मिनट में उनका बालिश्त भर का खूंटा मेरे अंदर धंसा ,
मुझे मालूम था क्या होना है इसके आगे , वही हुआ ,
अजय जीजू ने कस के मेरी पीठ दबोच रखी थी , लंड उनका मेरी बच्चेदानी तक धंसा
और पीछे से कमल जीजू ने अपना लंड मेरी गांड में , पहले धक्के में ही गांड का छल्ला पार
मैं रो रही थी चिल्ला रही थी और कमल जीजू कस कस के मेरी गांड मार रहे थे , अजय जीजू बस घुसाए
७-८ मिनट तक सिर्फ कमल जीजू के धक्के ,
उसके बाद दोनों जीजू ने मिलकर वो जुगल बंदी की , जैसे तय कर करके आये हों दोनों की अबकी कोमल साली की बुर और गांड दोनों के चिथड़े चिथड़े कर देंगे
और अजय का हर धक्का सीधे मेरी बच्चेदानी पर
कमल जीजू का हर धक्का गांड के एकदम आखिरी हिस्से पर ,
दोनों के खूंटे का एक सूत भी बाहर नहीं रहता था , एक को मेरी बुर ने घोंट रखा था दुसरे को मेरी गांड ने।
और हर धक्के के साथ मेरी चीख निकलती थी , ...
यहाँ तक की दोनों जीजू लोगों की जबरदस्त चुदाई के बाद जब मैं झड़ रही थी , काँप रही थी , थरथरा रही , तब भी उन दोनों नालायक लड़कों ने , मेरे दोनों बदमाश जीजू ने रुकने को कौन कहे चोदने की रफ़्तार भी नहीं धीमी की , मेरी गांड भी मारी जाती रही बुर भी चोदी जाती रही , पूरी रफ़्तार से , ... साथ साथ।
झड़ने के बाद , लेकिन मैंने भी ,... अब गुड्डी की तरह कोई नौसिखिया तो थी नहीं , ... धक्के का जवाब धक्के से , आगे भी , पीछे भी ,
और साथ में निचोड़ना , मेरी प्रेम गली अजय के खूंटे को निचोड़ रही थी और पिछवाड़ा , कमल जीजू के खूंटे को ,
बहुत पहले मैंने सीख लिया था , लड़की का काम सिर्फ चुदवाना नहीं , चोदना भी है , और अपने साजन को तो मैं रोज चोदती थी , बिना नागा , और जब हम लोग वैसे भी बैठे रहते , बात करते रहते थे , तो भी अपनी आँखों से , अपने जुबना के उभार से , अपने सोना मोना को ,...
लेकिन अभी तो १०० % उसपर मेरी बहन का कब्जा था , हम लोगों के टीनेज अग्रीमेंट के मुताबिक़ और मेरा दोनों जीजू पर ,
हाँ दूसरी बार मैं झड़ी , तो साथ साथ पहले अजय जीजू मेरी चुनमुनिया में और फिर कमल जीजू मेरे पिछवाड़े ,
और जब कमल जीजू ने निकाला बाहर तो एक बार फिर से मेरी चीख निकल गयी , अंदर जगह जगह रगड़ लग गयी थी।
रीनू की करामात ... सुबह सवेरे कोई गुल खिलाएगी...सुबह सबेरे
अजय और कमल दोनों सो रहे थे , बीच में मेरी कच्ची कली , जस्ट जवान होती ननदिया , मैं कमल जीजू के पीछे चिपकी , मेरा हाथ उनके सीने पर , सरकते सरकते जाने अनजाने , मेरी उंगलिया जीजू के खूंटे के बेस पर ,...
मुझे लगा किसी और की भी उँगलियाँ उसे पकडे हैं ,
मैंने जरा सा उचक के ,... गुड्डी सो रही थी , पूरी नीद में , लेकिन उसका एक हाथ कमल जीजू के खूंटे पर और दूसरा अजय के ,
ये भी कम बदमाश नहीं , सोते हुए इनका भी एक हाथ मेरी बहन रीनू के उभार पर और दूसरा उसकी जाँघों के बीच , सीधे अपनी साली की चिकनी चमेली पर , सो वो भी रहे थे पूरी नींद में और उनकी साली भी एकदम चिपके ,...
और मुझे भी नींद आ गयी।
और जब सुबह मेरी नींद खुली तो मैं अजय और कमल जीजू दोनों के बीच,
गुड्डी अपने असली भतार, जिसकी वो रखैल थी, उससे एकदम चिपकी, कस के पकडे,
जब मैं उठी , तो सब लोग अभी भी खूब गहरी नींद में सो रहे थे , अभी साढ़े छह बज रहे थे , बाहर बादल घिरे थे इसलिए सूरज का कोई सवाल नहीं था , मैंने परदे एक बार फिर ठीक कर दिए , जिससे अगर धूप हो भी तो अंदर इन लोगो के सोने में कोई ,...
पर मेरी बहन रीनू नहीं दिख रही थी,
लेकिन रीनू कहीं नहीं थी , मैंने बाथरूम में झांक लिया , वहां भी नहीं।
I too agree..Komal Madam, 1st impression...just by glancing at the pics and parts (titles)....seems outstanding....detailed review shortly. But I fully concur with our Dr Sahiba...@Rajizexy what she has written in her brief review/comment.
komaalrani Rajizexy
घर का माल ... घर में..Wah maza hi aa gaya. Yaha to sabne apni apni jodi bana hi li he. Dono bahene to beth gai apne apne jiju ke khute par. Vo reenu to apne jiju matlab komaliya ke marad par. To komaliya beth gai kamal jiju jo pichhvade ke sokhin he. Vo bhi apni chhoti sali ke. Pura jor se jobano ko binchne ka swad le rahe he.
Wah ri komaliya. Guddu bai ka mujra dikhakar apne apne jiju ko garam kar rahi ho. Aur rahi bat guddi bai ki. Sali najane konse kothe ki rand he jo apne bhaiya ke bina to fadvati nahi. Pura hichak ke Ajay jiju ka swad le rahi hai.
वही तो एरोटिक बनाता है...Gariyae bina to komal rani ka erotic seen adhura raheta hai. Apne marad ko nahi chhodti to jija ko kese chhod degi. Par guddi rani ko kahe bachaya. Reenu ne de diya abhay dan. Wah komaliya kamal jiju ki chahiti. Ho bhi kyo na. Jija sali ka rista jo hai
Par sali ke pichhvade ko kamal jiju na chhode
Gachak ke noch ke nichod ke. Maza hi aa gaya. Komaliya ka seen dekh kar.
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कमला पसंद नहीं कोमल पसंद....वाह जी वाह. मिर्ची वाली चाट. मज़ेदार वाक्य. अब मिर्ची ऊपर वाले मुँह मै लगे की निचे वाले. कोमलिया तो दोनों का मझा लेती है.
और मान गए कोमलिया को. जीजू के खुटे का आनंद पूछवाडे से बिलकुल काम नहीं होने देना चाहती. जीजू रुके तो खुद ही बोल दि. डालो ना जीजू. बाद मे तो खुद ही हिचक के झूले खाने लगी.
वाह दोनों बहने अपने अपने जीजू के साथ अगल बगल मे. अपना पिछवाडा रोंदवा रही है.
अब रोक के मारे या ठोक के उनकी पसंद कमला. और इन दोनों की पसंद हमला.
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